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अमृत ​​ज्ञान कोष पोर्टल

अमृत ​​ज्ञान कोष केस स्टडी के रूप में शासन की अच्छी प्रथाओं का ज्ञान भंडार है। यह भारत-केंद्रित विचारों और स्केलेबल शासन मॉडल पर ध्यान केंद्रित करता है, जो केंद्र, राज्य, शहरी स्थानीय निकाय और पंचायतों में सरकारी अधिकारियों के लिए सुलभ सामग्री प्रदान करता है।

अमृत ​​ज्ञान कोष पोर्टल निम्नलिखित तरीके से विभिन्न सरकारी विभागों में सार्वजनिक सेवा वितरण में सुधार करने में योगदान देता है:

i.    शासन संबंधी चुनौतियों के प्रति वास्तविक जीवन, समाधान-उन्मुख दृष्टिकोण के मूल्यवान उदाहरण के रूप में कार्य करना, जिससे अधिकारी समान मुद्दों को अधिक प्रभावी ढंग से संबोधित कर सकें।

ii.    शासन संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए कार्रवाई योग्य अंतर्दृष्टि प्रदान करना, निरंतर नवाचार को बढ़ावा देना और व्यावहारिक ज्ञान-साझाकरण को बढ़ावा देना।

iii.   लोक सेवकों को प्रेरित करना, उन्हें अनुकरण करने के लिए सफल शासन मॉडल प्रदान करना तथा लोक सेवा वितरण में सुधार के लिए नवीन रणनीतियों को अपनाना।

iv.   आईजीओटी पोर्टल जैसे प्लेटफार्मों पर उनके योगदान को मान्यता देकर सरकारी अधिकारियों के उच्च प्रदर्शन को प्रोत्साहित करना, लोक सेवकों को उनकी भूमिकाओं में उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित करना।

अमृत ​​ज्ञान कोष पोर्टल को आईजीओटी (एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण) प्लेटफॉर्म के साथ एकीकृत किया गया है, जो मिशन कर्मयोगी पहल के तहत एक प्रमुख डिजिटल शिक्षण उपकरण है जो सरकारी अधिकारियों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण सामग्री प्रदान करता है।

सभी सरकारी प्रशिक्षण संस्थानों को अपने प्रशिक्षण कार्यक्रमों में अमृत ज्ञान कोष के केस स्टडीज को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे सरकारी अधिकारियों की समस्या-समाधान और निर्णय लेने की क्षमता मजबूत होगी।

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह जानकारी आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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डी जी कॉलेज द्वारा चलाया गया सड़क सुरक्षा अभियान

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 3 मार्च दयानंद गर्ल्स पी जी कॉलेज, कानपुर की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के लल्लनपुरवा बस्ती में सात दिवसीय विशेष शिविर के दूसरे दिन *सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान* चलाया गया।
सर्वप्रथम स्वयंसेविकाओं के द्वारा आजाद पार्क स्थित शहीद स्थल जहां पर अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा लगी है, की साफ-सफाई की गई। तत्पश्चात दैनिक गतिविधियों में सरस्वती वंदना करने के पश्चात स्वयंसेविकाओं ने योगाभ्यास किया। स्वयंसेविकाओं के द्वारा बस्ती में जाकर कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही के कुशल निर्देशन में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने हेतु चलाए जा रहे सड़क सुरक्षा अभियान के अंतर्गत सड़क सुरक्षा जागरूकता संबंधी गतिविधियों की गई। जिनमें छात्राओं ने रैली निकालकर स्लोगन के माध्यम से, नुक्कड़ नाटक कर एवं आपसी संवाद के माध्यम से यातायात के नियमों एवं सड़क सुरक्षा के नियमों से संबंधित जानकारियां बस्तीवासियों को दी। इस अवसर पर सड़क सुरक्षा की शपथ भी ली गई। भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के द्वारा चलाए जा रहे राष्ट्रीय सेवा योजना के इस अभियान तथा छात्राओं के द्वारा किए गए प्रयासों को बस्तीवासियों ने खूब सराहा तथा सड़क पर चलते समय स्वयं तथा दूसरों की सुरक्षा हेतु यातायात के नियमों का पालन करने का संकल्प भी लिया।
द्वितीय सत्र के दौरान भोजन ग्रहण करने के पश्चात छात्राओं ने बौद्धिक सत्र में *सड़क हादसे से मनुष्य के जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव व उससे बचाव एवं इसमें महिलाओं की भूमिका* विषय पर एक सामूहिक परिचर्चा की गई। एन एस एस गीत तथा राष्ट्रगान के साथ द्वितीय दिवस का समापन हुआ।
कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ शशिबाला सिंह, श्रीमती आकांक्षा अस्थाना, श्री बसंत कुमार का विशेष योगदान रहा। समस्त गतिविधियों को छात्राओं के द्वारा उमंग एवं उत्साह के साथ संपन्न किया गया

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विश्व का सबसे बड़ा राजयोग और ध्यान आउट रीच कार्यक्रम *”एकात्म अभियान”* 08 राज्यों के 125000 गांवों में संचालित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर, 28 फरवरी ,2025 विश्व का सबसे बड़ा राजयोग और ध्यान आउट रीच कार्यक्रम *”एकात्म अभियान”* 08 राज्यों के 125000 गांवों में संचालित किया जा रहा है, यह जानकारी शालिनी श्रीवास्तव जोनल समन्वयक ,कानपुर ने एक विज्ञप्ति में बताया है । उन्होंने आगे बताया कि इसे सांस्कृतिक मंत्रालय भारत सरकार ,उत्तर प्रदेश सरकार एवं जनपदों/मंडलों के हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट के सहयोग से क्रियान्वित किया जा रहा है। हार्टफुलनेस की कानपुर की शाखा ने कानपुर जनपद के समस्त 10 ब्लाकों को क्रमशः पूर्ण रूप से हार्टफुलनेस ध्यान पद्धति से परिचित कराने का अभियान चलाया है ।इस अभियान के माध्यम से हर दिल ध्यान,हर घर ध्यान की अवधारणा को पूरा किया जा रहा है ।

श्रीमती श्रीवास्तव ने आगे बताया कि इस अभियान के अंतर्गत कृषि की उन्नत तकनीक एवं मानसिक विकास के लिए मानसिक व्यायाम से परिचित कराया जा रहा है ।इसके अंतर्गत सरसौल ब्लॉक के समस्त 107 गांवों हार्टफुलनेस की 20 टीम बनकर आच्छादित किया गया ।इस कार्य में 100से अधिक स्वयं सेवकों ने सहयोग किया ।
01 मार्च तक एकात्म अभियान कल्याणपुर विकासखंड चलाया जा रहा है।यहां के 79 गांवों को एकात्म अभियान से कवर किया जाएगा ।
विदित हो कि हार्टफुलनेस के अंतर्गत हृदय में ध्यान का अभ्यास भी कराया जाता है । हार्टफुलनेस के अंतराष्ट्रीय गाइड श्री कमलेश डी पटेल (दाजी) चाहते हैं कि देश के कोने कोने में अध्यात्म पहुंचे ।संपूर्ण मानवता के लिए आध्यात्मिक *ध्यान* अत्यंत लाभदायक है । योग और ध्यान का नियमित अभ्यास हमारे सर्वांगीण विकास में मदद करता है । हार्टफुलनेस ध्यान को गहनता से समझने के लिए *heartfulness.org* वेबसाइट देखी जा सकती है ।हार्टफुलनेस ध्यान में हृदय में *ईश्वरीय प्रकाश /devine light/नूर* की उपस्थिति की परिकल्पना कर ध्यान किया जाता है। विश्व के 160 देशों में सभी धर्मों को मानने वाले लोग हार्टफुलनेस का ध्यान करते हैं। संपर्क अनुयाई /व्यक्ति :~ प्रदीप श्रीवास्तव 8853759572

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भारत को विश्व का आध्यात्मिक गुरु बनाने के लिए नशे के विरुद्ध एकजुट होना ही होगा…ज्योति बाबा

दिल्ली के राष्ट्रीय कार्यक्रम में ज्योति बाबा मोस्ट इंस्पायरिंग आइकॉन ऑफ़ द ईयर अवार्ड 25 से फिल्म एक्ट्रेस ईशा कोप्पिकर द्वारा सम्मानित

नशे में मातृशक्ति – स्वस्थ परिवार की संकल्पना कैसे पूरी होगी…. ज्योति बाबा

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर/दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय नशा मुक्ति अभियान के प्रमुख सोसाइटी योग ज्योति इंडिया के राष्ट्रीय निदेशक एवं इंडिया बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड,एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डधारी योग गुरू ज्योति बाबा को नशा मुक्ति के क्षेत्र में पिछले 35 वर्षों से निरंतर कार्य करने के लिए मोस्ट इंस्पायरिंग आइकॉन ऑफ़ द ईयर अवार्ड 2025 से सम्मानित किया गया है आपको यह सम्मान दिल्ली के रेडिसन ब्लू होटल प्लाजा महिपालपुर दिल्ली में दिया गया। इस अवसर पर ज्योति बाबा ने पूरे देश के सम्मानित लोगों के साथ फिल्म एक्ट्रेस ईशा कोप्पिकर एवं फिल्म एक्टर डिनो मौरिया के सम्मुख यह जोर देकर कहा कि यदि भारत को 2047 में विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में खड़ा होना है तो हमें भारत के बचपन को राष्ट्रीयता से ओतप्रोत करते हुए नशा,प्रदूषण,कुपोषण,हिंसा ,प्लास्टिक और बाल बंधुवा मजदूरी से बचाना ही होगा और इन सब के पीछे कहीं ना कहीं मुख्य कारण नशा है इसलिए नशे के विरुद्ध एकजुट हो,यही सनातन की सच्ची सेवा है तभी परिवार बचेगा,समाज बचेगा,राष्ट्र बचेगा।नेशनल लेवल पर चयनित होने की जैसे ही खबर देश के नशा मुक्ति सेनानियों को हुई थी उनमें खुशी की लहर जाग उठी थी,क्योंकि अब देश की जनता नशे के विरुद्ध लामबंद हो रही है क्योंकि दिल्ली में शराब पॉलिसी के विरुद्ध बहुत बड़ी संख्या में लोगों ने वोट किया है बिहार के बाद मध्य प्रदेश में भी 18 जिलों में पूर्ण शराब पर प्रतिबंध लगने जा रहा है। इस अवसर पर बॉलीवुड एक्ट्रेस ईशा कोप्पिकर, एक्टर डिनों मौरिया विशेष रूप से अवार्ड सेरेमनी के चीफ गेस्ट थे,उन्होंने युवाओं से देश हित में काम करने का आवाहन किया। साथ ही इस मौके पर देश के प्रमुख इंडस्ट्रीज,एंटरप्रेन्योर्स, लीडरशिप,स्टार्टअप एवं सोशल एक्टिविस्ट विशेष रूप से भाग लेकर कार्यक्रम को उच्च गरिमा प्रदान की। इन सभी क्षेत्रों में पूरे देश से 100 लोगों का चयन किया गया है। समाज सेवा के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय नशा मुक्ति अभियान के प्रमुख एशिया बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्डधारी योग गुरू ज्योति बाबा का मेरिट के आधार पर चयन कर सम्मानित किया गया। जैसे ही हाल में ज्योति बाबा का नाम पुरस्कार के लिए पुकारा गया पूरे शिवाजी हॉल के सभी लोगों ने खड़े होकर के तालियों के साथ स्टैंडिंग ओवेशन दी,ऐसा लगा मानो पूरा हॉल एक सुर में ज्योति बाबा के कामों को सराह रहा हो। योग ऋषि डॉक्टर ओमप्रकाश आनंद ने कहा कि मुझे गर्व है कि मेरा शिष्य श्री श्री ज्योति बाबा आज नशा मुक्ति के क्षेत्र में विशिष्ट कार्यों हेतु राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी एक विशिष्ट पहचान बना चुका है। नशा मुक्ति युवा भारत के लिए ज्योति बाबा का जोश जुनून और जज्बा नौजवानों के लिए प्रेरणा की बात है। पीयूष रंजन सनातनी ने जोर देकर कहा कि श्री श्री ज्योति बाबा को इससे पूर्व इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड,एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड,प्रदेश रत्न,भारत सेवा श्री सम्मान समेत सैकड़ो पुरस्कार नशा मुक्ति युवा भारत अभियान के लिए प्राप्त हो चुके हैं राष्ट्रीय कार्यक्रम पंचतारा होटल रेडिसन ब्लू प्लाजा दिल्ली में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हस्तियों के बीच ज्योति बाबा को दिया गया, यह पुरस्कार मोस्ट इंस्पायरिंग आईकॉनिक इयर अवॉर्ड मिलना हम सभी के लिए गर्व की बात है। यह सम्मान ज्योति बाबा का नहीं,यह सम्मान देश के सभी नशा मुक्ति सेनानियों को समर्पित है।आपको राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान हेतु संस्था योग ज्योति इंडिया के राष्ट्रीय संयोजक डॉक्टर धर्मेंद्र सिंह,प्रमुख संयोजक डॉक्टर प्रवीण,आनंद जी महाराज, हरेंद्र मूर्ति जी, डा.ओम प्रकाश आनंद जी,पीयूष रंजन मिश्रा,शैलेंद्र श्रीवास्तव एडवोकेट,नवीन गुप्ता, गिरधर गर्ग,श्रवण कुमार,प्रदीप बिश्नोई,राकेश गुप्ता,विकास गौड़ एडवोकेट,रोहित कुमार,स्वामी अमिताभ,किशोर भाई,पंकज सिंह एवं गीता पाल जी ने हर्ष व्यक्त किया है। एंटी करप्शन एंड क्राइम कंट्रोल फोर्स के नेशनल चीफ चंद्रशेखर आजाद एवं सनातन महासभा के डॉ प्रवीण एवं पूरे देश की टीम ने अपने नेशनल ब्रांड एंबेसडर ज्योति बाबा को इस उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई दी है।

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डीपीआईआईटी सचिव ने अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, दिल्ली और झारखंड की मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं की पीएमजी समीक्षा की अध्यक्षता की

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव श्री अमरदीप भाटिया ने अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, दिल्ली और झारखंड राज्यों में मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को प्रभावित करने वाले प्रमुख मुद्दों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों और परियोजना समर्थकों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया, जिसमें परियोजना निगरानी समूह (पीएमजी) द्वारा सुगम अंतर-मंत्रालयी और राज्य समन्वय के माध्यम से मुद्दे के समाधान में तेजी लाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

बैठक में 17 महत्वपूर्ण परियोजनाओं के 21 मुद्दों की समीक्षा की गई, जिनमें सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अंतर्गत 9 परियोजनाएं शामिल हैं, जिनकी कुल लागत 13,501 करोड़ रुपये से अधिक है। वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे परियोजना, जिसकी लागत 9,623.72 करोड़ रुपये है और जिसमें छह पैकेजों में सात मुद्दे शामिल हैं, की भी समीक्षा की गई।

बैठक में रणनीतिक स्थानों पर नए एनआईटी स्थापित करने की परियोजना पर महत्वपूर्ण जोर दिया गया, जिसके माध्यम से सरकार तकनीकी शिक्षा में क्षेत्रीय असमानताओं को पाटना चाहती है और कुशल इंजीनियरों और तकनीकी पेशेवरों की बढ़ती मांग को पूरा करना चाहती है। ये संस्थान न केवल शैक्षणिक परिदृश्य को बढ़ाएंगे बल्कि नवाचार, अनुसंधान और उद्योग सहयोग को बढ़ावा देकर क्षेत्रीय आर्थिक विकास में भी योगदान देंगे।

बैठक में रणनीतिक स्थानों पर नए एनआईटी स्थापित करने की परियोजना पर महत्वपूर्ण जोर दिया गया, जिसके माध्यम से सरकार तकनीकी शिक्षा में क्षेत्रीय असमानताओं को पाटना चाहती है और कुशल इंजीनियरों और तकनीकी पेशेवरों की बढ़ती मांग को पूरा करना चाहती है। ये संस्थान न केवल शैक्षणिक परिदृश्य को बढ़ाएंगे बल्कि नवाचार, अनुसंधान और उद्योग सहयोग को बढ़ावा देकर क्षेत्रीय आर्थिक विकास में भी योगदान देंगे।

भारत माला योजना के तहत एक प्रमुख परियोजना, वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे परियोजना, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ाएगी, और इससे व्यापार और माल ढुलाई को काफी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, विशेष रूप से समुद्री व्यापार के लिए कोलकाता और हल्दिया बंदरगाहों पर निर्भर उद्योगों को लाभ होगा – की भी समीक्षा की गई।

डीपीआईआईटी के सचिव ने परियोजना निगरानी के लिए संस्थागत ढांचे को बढ़ाने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की और संबंधित अधिकारियों को लंबित मुद्दों के समाधान में सक्रिय दृष्टिकोण अपनाने का निर्देश दिया। उन्होंने परियोजना कार्यान्वयन में तेजी लाने और केंद्र सरकार, राज्य प्राधिकरणों और निजी हितधारकों के बीच सहयोग के माध्यम से अपनी चिंताओं का कुशल और समय पर समाधान सुनिश्चित करने के लिए परियोजना निगरानी समूह (पीएमजी) (https://pmg.dpiit.gov.in/) के इस विशेष तंत्र का लाभ उठाने वाले निजी समर्थकों के महत्व पर जोर दिया।

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भारतीय रेल महाकुंभ मेले के अंतिम सप्ताह में यात्रियों की बढ़ती संख्या को संभालने के लिए तैयार

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पिछले शनिवार को हुई दुर्भाग्यपूर्ण भगदड़ की घटना के बाद भारतीय रेलवे ने कई सख्त कदम उठाए हैं। अयोध्या, वाराणसी, गाजियाबाद, नई दिल्ली और आनंद विहार सहित प्रमुख स्टेशनों पर यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए विशेष होल्डिंग एरिया और अतिरिक्त आरपीएफ की तैनाती की गई है। गाजियाबाद स्टेशन पर एक होल्डिंग एरिया बनाया गया है। प्लेटफॉर्म पर रेलगाड़ी आने के दौरान किसी को भी रस्सियों (सुरक्षा क्षेत्र) को पार करने से रोकने के लिए भी अन्य सुरक्षा उपाय लागू किए गए हैं। इसके लिए प्लेटफॉर्म पर रस्सियों के साथ आरपीएफ कर्मियों की तैनाती की गई है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि यात्री रेलगाड़ी के पूरी तरह से रुकने से पहले उसके पास न जाएं।

गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा उपाय

भारतीय रेल महाकुंभ मेले के अंतिम सप्ताह के दौरान यात्रियों की बढ़ती संख्या को संभालने के लिए उत्तरी रेलवे, उत्तर मध्य रेलवे, पूर्वोत्तर रेलवे और पूर्व मध्य रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर होल्डिंग एरिया बना रहा है। ये होल्डिंग एरिया प्लेटफॉर्म के बाहर स्थित हैं, ताकि यात्रियों आवाजाही को नियंत्रित करने और भीड़भाड़ को रोकने में मदद मिल सके। यात्रियों को उनकी रेलगाड़ी के निर्धारित प्रस्थान समय के आधार पर प्लेटफॉर्म में प्रवेश करने की अनुमति दी जाती है। इस पहल का उद्देश्य भीड़ प्रबंधन में सुधार करना और यात्रियों की सुरक्षा को बढ़ाना है खासकर व्यस्त समय और त्योहारी मौसम के दौरान।

नई दिल्ली स्टेशन पर होल्डिंग एरिया

उत्तर रेलवे ने गाजियाबाद में 4200 वर्ग फुट, आनंद विहार में 3800 वर्ग फुट, नई दिल्ली में 12710 वर्ग फुट, अयोध्या धाम में 3024 वर्ग मीटर तथा बनारस में 1280 वर्ग मीटर और 875 वर्ग मीटर के विशाल होल्डिंग क्षेत्र बनाए हैं ।

आनंद विहार टर्मिनल, दिल्ली में होल्डिंग एरिया

पूर्वोत्तर रेलवे ने बनारस में 2200 वर्ग फुट, सिवान में 5250 वर्ग फुट, बलिया में 8000 वर्ग फुट, देवरिया में 3600 वर्ग फुट, छपरा में 10000 वर्ग फुट, गोरखपुर में 2500 वर्ग फुट के होल्डिंग एरिया भी बनाए हैं।

अयोध्या धाम में होल्डिंग एरिया

पूर्व मध्य रेलवे ने राजेंद्र नगर टर्मिनल पर दो होल्डिंग एरिया बनाए हैं: 2700 वर्ग फीट और 800 वर्ग फीट, पटना जंक्शन 2700 वर्ग फीट और 2700 वर्ग फीट, दानापुर 2700 वर्ग फीट और 2400 वर्ग फीट। इसके अलावा, आरा 3375 वर्ग फीट, बक्सर: 900 वर्ग फीट, मुजफ्फरपुर: 2400 वर्ग फीट, हाजीपुर: 2400 वर्ग फीट, बरौनी: 2400 वर्ग फीट, समस्तीपुर 2400 वर्ग फीट, जयनगर: 2000 वर्ग फीट, मधुबनी: 2000 वर्ग फीट, रक्सौल: 2000 वर्ग फीट, सकरी: 2000 वर्ग फीट, दरभंगा: 2400 वर्ग फीट, सहरसा: 2400 वर्ग फीट, प. दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन: 2400 वर्ग फुट, सासाराम: 2000 वर्ग फुट, गया: 2000 वर्ग फुट

उत्तर मध्य रेलवे ने प्रयागराज जंक्शन पर 10,737 वर्ग मीटर, नैनी पर 10,637 वर्ग मीटर, प्रयागराज छिवकी पर 7500 वर्ग मीटर होल्डिंग एरिया भी बनाया है।

कुंभ क्षेत्र के एक भाग के रूप में, उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे ने प्रयाग जंक्शन: 10,000 वर्ग मीटर, फाफामऊ जंक्शन: 8775 वर्ग मीटर, झूसी: 18,000 वर्ग मीटर और प्रयागराज रामबाग: 4000 वर्ग मीटर में स्थायी/अस्थायी होल्डिंग क्षेत्र भी बनाए हैं।

वाराणसी रेलवे स्टेशन पर होल्डिंग एरिया

प्रयागराज क्षेत्र के रेलवे स्टेशनों पर ऐसे होल्डिंग एरिया और भीड़ प्रबंधन उपाय पहले से ही लागू हैं। ये उपाय यात्रियों को अपनी रेलगाड़ी में चढ़ने के दौरान अधिक सुविधा प्रदान करने के लिए हैं जो छठ और दिवाली जैसे सबसे ज्यादा यात्रा करने के दिनों दौरान प्रदान की जाने वाली सुविधाओं के समान हैं। भारतीय रेलव यात्रियों से सहयोग करने और सुचारू और सुरक्षित यात्रा संचालन सुनिश्चित करने के लिए आधिकारिक दिशानिर्देशों का पालन करने का आग्रह करता है। आगे की अपडेट के लिए, यात्रियों को आधिकारिक चैनल के माध्यम से सूचित रहने की सलाह दी जाती है।

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केंद्र ने 31 मार्च 2025 तक गेहूं की स्टॉक सीमा में संशोधन किया

भारत सरकार गेहूं की कीमतों पर कड़ी नज़र रखती है और देश में उपभोक्ताओं के लिए मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए उचित हस्तक्षेप करती है। रबी 2024 के दौरान कुल 1132 एलएमटी गेहूं का उत्पादन दर्ज किया गया और देश में गेहूं की पर्याप्त उपलब्धता है।

समग्र खाद्य सुरक्षा का प्रबंधन करने और जमाखोरी और सट्टेबाजी को रोकने के लिए, भारत सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में व्यापारियों/थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं और प्रसंस्करणकर्ताओं पर लागू गेहूं पर स्टॉक सीमाएँ लगाईं। निर्दिष्ट खाद्य पदार्थों पर लाइसेंसिंग आवश्यकताओं, स्टॉक सीमाओं और आंदोलन प्रतिबंधों को हटाने (संशोधन) आदेश, 2024 को 24 जून 2024 को जारी किया गया और 09 सितंबर 2024 और 11 दिसंबर 2024 को संशोधित किया गया और यह सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए लागू था।
गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने के निरंतर प्रयासों के अंतर्गत केंद्र सरकार ने 31 मार्च 2025 तक लागू गेहूं स्टॉक सीमा को निम्नानुसार संशोधित करने का निर्णय लिया है:
 

इकाइयां, मौजूदा गेहूं स्टॉक सीमा संशोधित गेहूं स्टॉक सीमा
व्यापारी/ थोक विक्रेता 1000 मीट्रिक टन 250 मीट्रिक टन
फुटकर विक्रेता प्रत्येक रिटेल आउटलेट के लिए 5 मीट्रिक टन। प्रत्येक रिटेल आउटलेट के लिए 4 मीट्रिक टन।
बड़ी श्रृंखला खुदरा विक्रेता प्रत्येक आउटलेट के लिए 5 मीट्रिक टन, बशर्ते कि उनके सभी आउटलेट और डिपो पर स्टॉक की अधिकतम मात्रा (5 गुणा कुल आउटलेट की संख्या) मीट्रिक टन हो। प्रत्येक आउटलेट के लिए 4 मीट्रिक टन, बशर्ते कि उनके सभी आउटलेट और डिपो पर स्टॉक की अधिकतम मात्रा (4 गुणा कुल आउटलेट की संख्या) मीट्रिक टन हो।
प्रोसेसर अप्रैल 2025 तक मासिक स्थापित क्षमता (एमआईसी) का 50% शेष महीनों से गुणा किया जाएगा। अप्रैल 2025 तक मासिक स्थापित क्षमता (एमआईसी) का 50% शेष महीनों से गुणा किया जाएगा।

सभी गेहूं भंडारण संस्थाओं को गेहूं स्टॉक सीमा पोर्टल (https://evegoils.nic.in/wsp/login) पर पंजीकरण कराना होगा तथा प्रत्येक शुक्रवार को स्टॉक की स्थिति को अपडेट करना होगा। कोई भी संस्था जो पोर्टल पर पंजीकरण नहीं कराती है या स्टॉक सीमा का उल्लंघन करती है, उसके विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 6 और 7 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

यदि उपरोक्त संस्थाओं के पास स्टॉक उपरोक्त निर्धारित सीमा से अधिक है, तो उन्हें अधिसूचना जारी होने के 15 दिनों के भीतर इसे निर्धारित स्टॉक सीमा तक लाना होगा।

खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग देश में कीमतों को नियंत्रित करने तथा आसान उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गेहूं की स्टॉक स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है।

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ट्राइफेड ने आदिवासियों के उद्यमिता विकास के लिए रिलायंस रिटेल, एचसीएल फाउंडेशन और तोराजामेलो इंडोनेशिया के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

आदिवासी सशक्तिकरण की दिशा में ट्राइफेड कई दूरदर्शी कदम उठा रहा है और आदिवासियों को मुख्यधारा के सशक्तिकरण की ओर ले जा रहा है। ग्रामीण भारत के लाखों आदिवासियों को राष्ट्रीय स्तर की मुख्यधारा में लाने तथा आदिवासी व्यवसायों की सुविधा दिलाने के लिए ट्राईफेड ने रिलायंस रिटेल, एचसीएल फाउंडेशन और तोराजामेलो इंडोनेशिया के साथ भागीदारी की है।

नई दिल्ली के मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में 16 से 24 फरवरी 2025 तक आयोजित प्रमुख कार्यक्रम ‘आदि महोत्सव’ के दौरान 19 फरवरी को समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए , जो बी2बी दृष्टिकोण के कार्यान्वयन और जनजातीय उत्पाद बाजार के संवर्धन को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इन समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान ट्राइफेड के महाप्रबंधकों द्वारा क्रमशः रिलायंस रिटेल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री प्रदीप रामचंद्रन, एचसीएल फाउंडेशन की वैश्विक सीएसआर प्रमुख डॉ. निधि पुंढीर और इंडोनेशिया के तोराजामेलो की सीईओ सुश्री अपर्णा सक्सेना भटनागर के साथ देश भर में आदिवासी समुदायों के सामाजिक-आर्थिक विकास के विभिन्न पहलुओं पर ट्राइफेड के प्रबंध निदेशक श्री आशीष चटर्जी की उपस्थिति में किया गया।

रिलायंस रिटेल के साथ समझौता ज्ञापन का मुख्य उद्देश्य रिलायंस रिटेल को थोक में जनजातीय उत्पादों की आपूर्ति करना है; यह सहयोग जनजातीय उत्पादों की स्थायी सोर्सिंग पहल, ब्रांडिंग और प्रचार-प्रसार में भी सहायता करेगा।

एचसीएल फाउंडेशन जनजातीय कारीगरों के साथ दीर्घकालिक सहयोग स्थापित करने में सहायता करेगा, ताकि क्षमता निर्माण और नए प्रशिक्षण प्रदान करके उत्पाद पोर्टफोलियो को बढ़ाया जा सके और उनके विभिन्न प्लेटफार्मों के माध्यम से मौजूदा उत्पादों को प्रोत्साहन दिया जा सके।

टोराजामेलो के साथ सहयोग से इंडोनेशिया में भारतीय जनजातीय उत्पादों के लिए अंतर्राष्ट्रीय विपणन और बिक्री चैनलों का विस्तार करने में सहायता मिलेगी। इससे न केवल भारतीय जनजातीय कारीगरों के लिए नए बाजार खुलेंगे बल्कि कारीगरों के बीच एक अद्वितीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी बढ़ावा मिलेगा।

ट्राइफेड बड़े महानगरों और राज्य की राजधानियों में आदिवासी मास्टर कारीगरों और महिलाओं को सीधे बाजार तक पहुंच प्रदान करने के लिए “आदि महोत्सव – राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव” का आयोजन कर रहा है। महोत्सव का विषय “उद्यमिता, आदिवासी शिल्प, संस्कृति, भोजन और वाणिज्य की भावना का उत्सव” है, जो आदिवासी जीवन के मूल लोकाचार का प्रतिनिधित्व करता है।

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 16 फरवरी 2025 को श्री जुएल ओराम, केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री, श्री दुर्गा दास उइके, केंद्रीय जनजातीय मामलों के राज्य मंत्री सुश्री बांसुरी स्वराज, संसद सदस्य, नई दिल्ली और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में इस महोत्सव का उद्घाटन किया।

इस और कई अन्य उपक्रमों के साथ, ट्राइफेड इन समुदायों के आर्थिक कल्याण को सक्षम करने और उन्हें मुख्यधारा के विकास के निकट लाने के अपने प्रयासों को आगे बढ़ा रहा है।

ट्राइफेड के बारे में :

* ट्राइफेड भारत सरकार के जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तहत एक संगठन है, जो जनजातीय उत्पादों के विपणन विकास के माध्यम से जनजातीय समुदायों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए समर्पित है।

रिलायंस रिटेल के बारे में :

*रिलायंस रिटेल एक भारतीय खुदरा कंपनी है और रिलायंस इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनी है। 2006 में स्थापित, यह राजस्व के मामले में भारत में सबसे बड़ा खुदरा विक्रेता है। इसके खुदरा आउटलेट खाद्य पदार्थ, किराने का सामान, परिधान, जूते, खिलौने, गृह सुधार उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक सामान और कृषि उपकरण और इनपुट प्रदान करते हैं। वर्ष 2023 तक, इसके 7,000 शहरों में 18,000 स्टोर स्थानों पर 245,000 से अधिक कर्मचारी थे।

एचसीएल फाउंडेशन के बारे में:

*एचसीएल फाउंडेशन (एचसीएलएफ) की स्थापना 2011 में भारत में एचसीएल टेक की कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी शाखा के रूप में की गई थी। यह एक मूल्य-संचालित, गैर-लाभकारी संगठन है जो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों की दिशा में योगदान देने में कामयाब होता है, जो दीर्घकालिक टिकाऊ कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों और समुदायों के जीवन को प्रभावित करता है।

तोराजामेलो के बारे में:

* टोराजामेलो  का उद्देश्य स्वदेशी ग्रामीण समुदायों में महिलाओं पर केंद्रित एक स्थायी पारिस्थितिकी प्रणाली बनाकर निर्धनता को कम करना है। टोराजामेलो एक नैतिक फैशन लाइफस्टाइल ब्रांड है जो बी2वी और बीटूसी दोनों ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करते हुए इंडोनेशिया की कहानियों को दुनिया के सामने पेश करता है। टोराजामेलो द्वारा अहाना की स्थापना 2023 में एक आंदोलन के रूप में की गई थी, जो स्थानीय रूप से चयनित ब्रांडों और उत्पादों द्वारा सक्षम उत्तरदायी उपभोग को व्यापक रूप से अपनाने के लिए समर्पित है।

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आपसी प्रेम] सद्भाव और भाईचारे का पर्व है ‘होली’!-डा0 जगदीश गांधी]

होलिका का दहन समाज की समस्त बुराइयों के अंत का प्रतीक है होली भारत के सबसे पुराने पर्वों में से एक है। होली की हर कथा में एक समानता है कि उसमें ‘असत्य पर
सत्य की विजय’ और ‘दुराचार पर सदाचार की विजय’ का उत्सव मनाने की बात कही गई है। इस प्रकार होली लोक
पर्व होने के साथ ही अच्छाई की बुराई पर जीत, सदाचार की दुराचार पर जीत व समाज में व्याप्त समस्त बुराइयों के
अंत का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि होली के दिन लोग पुरानी कटुता व दुश्मनी को भूलकर एक-दूसरे के गले
मिलते हैं और फिर ये दोस्त बन जाते हैं। किसी कवि ने होली के सम्बन्ध में कहा है कि – नफरतों के जल जाएं सब
अंबार होली में। गिर जाये मतभेद की हर दीवार होली में।। बिछुड़ गये जो बरसों से प्राण से अधिक प्यारे , गले मिलने
आ जाऐं वे इस बार होली में।।
भारतीय संस्कृति का परिचायक है होली
होली को लेकर देश के विभिन्न अंचलों में तमाम मान्यतायें हैं और शायद यही विविधता में एकता, भारतीय
संस्कृति का परिचायक भी है। उत्तर पूर्व भारत में होलिकादहन को भगवान कृष्ण द्वारा राक्षसी पूतना के वध दिवस के
रूप में मनाया जाता है तो दक्षिण भारत में मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव ने कामदेव को तीसरा नेत्र खोल
भस्म कर दिया था। तत्पश्चात् कामदेव की पत्नी रति के दुख से द्रवित होकर भगवान शिव ने कामदेव को पुनर्जीवित
कर दिया , जिससे प्रसन्न होकर देवताओं ने रंगों की वर्षा की। इसी कारण होली की पूर्व संध्या पर दक्षिण भारत में
अग्नि प्रज्ज्वलित कर उसमें गन्ना , आम की बौर और चन्दन डाला जाता है। यहाँ गन्ना कामदेव के धनुष , आम की
बौर कामदेव के बाण, प्रज्ज्वलित अग्नि शिव द्वारा कामदेव का दहन एवं चन्दन की आहुति कामदेव को आग से हुई
जलन हेतु शांत करने का प्रतीक है।
प्रभु के प्रति अटूट भक्ति एवं निष्ठा के प्रसंग की याद दिलाता है यह महान पर्व
होली पर्व को मनाये जाने के कारण के रूप में एक मान्यता यह भी है कि प्राचीन काल में हिरण्यकश्यपु नाम
का एक अत्यन्त बलशाली एवं घमण्डी राजा अपने को ही ईश्वर मानने लगा था। हिरण्यकश्यपु ने अपने राज्य में
ईश्वर का नाम लेने पर ही पाबंदी लगा दी थी। हिरण्यकश्यपु का पुत्र प्रह्लाद ईश्वर का परम भक्त था। प्रह्लाद की
ईश्वर भक्ति से कुद्ध होकर हिरण्यकश्यपु ने उसे अनेक कठोर दंड दिए , परंतु भक्त प्रह्लाद ने ईश्वर की भक्ति का
मार्ग न छोड़ा। हिरण्यकश्यपु की बहन होलिका को वरदान प्राप्त था कि वह आग में भस्म नहीं हो सकती।
हिरण्यकश्यपु के आदेश पर होलिका प्रह्लाद को मारने के उद्देश्य से उसे अपनी गोद में लेकर अग्नि में बैठ गई।
किन्तु आग में बैठने पर होलिका तो जल गई परंतु ईश्वर भक्त प्रह्लाद बच गये। इस प्रकार होलिका के विनाश तथा
भक्त प्रह्लाद की प्रभु के प्रति अटूट भक्ति एवं निष्ठा के प्रसंग की याद दिलाता है यह महान पर्व।
प्रहलाद ने बचपन में ही प्रभु की इच्छा तथा आज्ञा को पहचान लिया था
यह परमपिता परमात्मा की इच्छा ही थी कि असुर प्रवृत्ति तथा ईश्वर के घोर विरोधी दुष्ट राजा हिरण्यकश्यप
के घर में ईश्वर भक्त प्रहलाद का जन्म हुआ। प्रहलाद ने बचपन में ही प्रभु की इच्छा तथा आज्ञा को पहचान लिया था।
निर्दयी हिरण्यकश्यप ने अपने बेटे प्रहलाद से कहा कि यदि तू भगवान का नाम लेना बंद नहीं करेंगा तो मैं तुझे आग
में जला दूँगा। उसके दुष्ट पिता ने प्रहलाद को पहाड़ से गिराकर , जहर देकर तथा आग में जलाकर तरह-तरह से घोर
यातनायें दी। प्रहलाद ने अपने पिता हिरण्यकष्यप से कहा कि पिताश्री यह शरीर आपका है इसका आप जो चाहे सो

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करें , किन्तु आत्मा तो परमात्मा की है। इसे आपको देना भी चाहूँ तो कैसे दे सकता हूँ। प्रहलाद के चिन्तन में भगवान
आ गये तो हिरण्यकश्यप जैसे ताकतवर राजा का अंत नृसिंह अवतार के द्वारा हो गया। इसलिए हमें भी प्रहलाद की
तरह अपनी इच्छा नहीं वरन् प्रभु की इच्छा और प्रभु की आज्ञा का पालन करते हुए प्रभु का कार्य करना चाहिए।
सभी धर्मों के लोग मिलकर मनाते हैं होलिकोत्सव
होली जैसे पवित्र त्योहार के सम्बन्ध में सुप्रसिद्ध मुस्लिम पर्यटक अलबरूनी ने अपने ऐतिहासिक यात्रा
संस्मरण में होलिकोत्सव का वर्णन किया है। भारत के अनेक मुस्लिम कवियों ने अपनी रचनाओं में इस बात का
उल्लेख किया है कि होलिकोत्सव केवल हिंदू ही नहीं अपितु मुसलमान लोग भी मनाते हैं। इसका सबसे प्रामाणिक
इतिहास की तस्वीरे मुगलकाल की हैं और इस काल में होली के किस्से उत्सुकता जगाने वाले हैं। इन तस्वीरों में
अकबर को जोधाबाई के साथ तथा जहाँगीर को नूरजहाँ के साथ होली खेलते हुए दिखाया गया है। शाहजहाँ के समय
तक होली खेलने का मुगलिया अंदाज ही बदल गया था। इतिहास में वर्णन है कि शाहजहाँ के जमाने में होली को ‘ईद-
ए-गुलाबी या आब-ए-पाशी’, रंगों की बौछार, कहा जाता था। अंतिम मुगल बादशाह शाह जफर के बारे में प्रसिद्ध है कि
होली पर उनके मंत्री उन्हें रंग लगाते थे।
प्राकृतिक रंगों से होली खेलने की परम्परा को बनाये रखने की आवश्यकता
होली रंगों का त्योहार है, हँसी-खुशी का त्योहार है। लेकिन होली के भी अनेक रूप देखने को मिलते हैं।
प्राकृतिक रंगों के स्थान पर रासायनिक रंगों का प्रचलन, नशेबाजी की बढ़ती प्रवृत्ति और लोक-संगीत की जगह फिल्मी
गानों का प्रचलन इसके कुछ आधुनिक रूप है। पहले जमाने में लोग टेसू और प्राकृतिक रंगों से होली खेलते थे।
वर्तमान में अधिक से अधिक पैसा कमाने की होड़ में लोगों ने बाजार को रासायनिक रंगों से भर दिया है। वास्तव में
रासायनिक रंग हमारी त्वचा के लिए काफी नुकसानदायक होते हैं। इन रासायनिक रंगों में मिले हुए सफेदा, वार्निश,
पेंट, ग्रीस, तारकोल आदि की वजह से हमको खुजली और एलर्जी होने की आशंका भी बढ़ जाती है। इसलिए होली
खेलने से पूर्व हमें बहुत सावधानियाँ बरतनी चाहिए। हमें चंदन , गुलाबजल , टेसू के फूलों से बना हुआ रंग तथा
प्राकृतिक रंगों से होली खेलने की परंपरा को बनाये रखते हुए प्राकृतिक रंगों की ओर लौटना चाहिए।
होली पर्व का मुख्य उद्देश्य मानव कल्याण ही है-
होली पर्व के पीछे तमाम धार्मिक मान्यताएं, मिथक, परम्पराएं और ऐतिहासिक घटनाएं छुपी हुई हैं पर
अंततः इस पर्व का मुख्य उद्देश्य मानव-कल्याण ही है। लोकसंगीत, नृत्य, नाट्य, लोककथाओं, किस्से – कहानियों
और यहाँ तक कि मुहावरों में भी होली के पीछे छिपे संस्कारों , मान्यताओं व दिलचस्प पहलुओं की झलक मिलती है।
होली को आपसी प्रेम एवं एकता का प्रतीक माना जाता है। होली हमें सभी मतभेदों को भुलाकर एक-दूसरे को गले
लगाने की प्रेरणा प्रदान करती है। इसके साथ ही रंग का त्योहार होने के कारण भी होली हमें प्रसन्न रहने की प्रेरणा
देती है। इसलिए इस पवित्र पर्व के अवसर पर हमें ईर्ष्या , द्वेष , कलह आदि बुराइयों को दूर करके आपसी प्रेम ,
सद्भाव और भाईचारे को बढ़ाना चाहिए। वास्तव में हमारे द्वारा होली का त्योहार मनाना तभी सार्थक होगा जबकि
हम इसके वास्तविक महत्व को समझकर उसके अनुसार आचरण करें। इसलिए वर्तमान परिवेश में जरूरत है कि इस
पवित्र त्योहार पर आडम्बरता की बजाय इसके पीछे छुपे हुए संस्कारों और जीवन-मूल्यों को अहमियत दी जाए तभी
व्यक्ति , परिवार , समाज और राष्ट्र सभी का कल्याण होगा।
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क्राइस्ट चर्च कॉलेज के एन एस एस स्वयंसेवकों ने “शिविरों” से लाभान्वित हुए स्थानीय निवासियों से फीडबैक लिया

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर *आयोजक:* क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर (एनएसएस इकाई)

*विषय:* पूर्व में आयोजित तीन एकदिवसीय और सात दिवसीय शिविरों के लाभार्थियों से फीडबैक प्राप्त करना तथा परमारपुरवा क्षेत्र की समस्याओं को नगर निगम के समक्ष प्रस्तुत करना।

*प्रातःकालीन सत्र* क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर* की *एनएसएस इकाई* द्वारा *परमारपुरवा की जुग्गी बस्ती* में अंतिम *एकदिवसीय शिविर* का आयोजन किया गया। स्वयंसेवक शिविर स्थल पर पहुंचे और परियोजना कार्य के अंतर्गत *पिछले तीन एकदिवसीय एवं सात दिवसीय शिविरों* से लाभान्वित हुए स्थानीय निवासियों से फीडबैक लिया।

*वार्ड 16, परमारपुरवा* के निवासियों ने एनएसएस इकाई द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की और बताया कि वे शिविरों से अत्यधिक लाभान्वित हुए हैं। सभी ने आयोजित गतिविधियों की सकारात्मक समीक्षा दी। *कॉलेज के प्रधानाचार्य श्री जोसेफ डेनियल* ने स्वयंसेवकों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने एनएसएस इकाई द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों की प्रशंसा करते हुए एक प्रेरणादायक भाषण दिया। एनएसएस इकाई की *कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अंकिता जैस्मिन लाल* के मार्गदर्शन में और *प्रधानाचार्य डॉ. जोसेफ डेनियल* के नेतृत्व में *परमारपुरवा क्षेत्र की समस्याओं* को *कानपुर नगर निगम* के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इनमें मुख्य रूप से *सीवरेज व्यवस्था* एवं *तालाबों की साफ-सफाई* शामिल थीं।

नगर निगम ने एनएसएस इकाई द्वारा दिए गए आवेदन को स्वीकार किया। इस प्रकार, एनएसएस इकाई का यह *एकदिवसीय शिविर सफलतापूर्वक संपन्न* हुआ।

*समापन सत्र एवं निष्कर्ष*

स्वयंसेवकों ने इस शिविर में *निःस्वार्थ सेवा* का अनुभव किया और अपनी *सामूहिक मेहनत* पर गर्व महसूस किया। उन्होंने टीम वर्क की सराहना की और इस पूरे कार्यक्रम में *आर्यन जायसवाल एवं आयुष कुमार* के नेतृत्व को महत्वपूर्ण बताया। उनके योगदान के बिना यह कार्यक्रम सफल नहीं हो पाता।

इस प्रकार, *क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर की एनएसएस इकाई* का यह एकदिवसीय शिविर *सकारात्मक प्रभाव* छोड़ते हुए संपन्न हुआ।

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