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उत्तर प्रदेश में एक दिन में सर्वाधिक दुर्घटना बीमा कर वाराणसी डाक परिक्षेत्र ने बनाया नया कीर्तिमान

मात्र एक दिन में 2679 लोगों का दुर्घटना बीमा करके वाराणसी परिक्षेत्र ने उत्तर प्रदेश में बनाया रिकॉर्ड

डाक विभाग के उपक्रम रूप में स्थापित इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने पाँच वर्षों के अपने सफर में ‘आपका बैंक, आपके द्वार’ को प्रोत्साहित करते हुए तमाम नए आयाम स्थापित किये हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन और डिजिटल इण्डिया के क्षेत्र में आज इसकी अहम् भूमिका है। समाज के अंतिम वर्ग के लोगों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने हेतु विभिन्न कंपनियों से एग्रीमेंट के तहत सस्ती दरों पर बीमा का लाभ भी आईपीपीबी द्वारा प्रदान किया जा रहा है। उक्त उद्गार वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक द्वारा क्षेत्रीय कार्यालय, वाराणसी में आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किये।

गौरतलब है कि वाराणसी परिक्षेत्र ने 13 जून को मात्र एक दिन में 2679 लोगों का दुर्घटना सुरक्षा बीमा करके उत्तर प्रदेश परिमंडल में एक दिन में सर्वाधिक बीमा करने का नया कीर्तिमान स्थापित किया, जिसके सापेक्ष साढ़े ग्यारह लाख रूपये का प्रीमियम जमा किया गया। यही नहीं, जीआई सर्वसुरक्षा अभियान के तहत पहले ही दिन प्रदत्त लक्ष्य के सापेक्ष 329 फीसदी सफलतापूर्वक प्राप्तकर वाराणसी परिक्षेत्र ने पूरे भारत में भी प्रथम स्थान प्राप्त किया। इसके उपलक्ष्य में इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने आईपीपीबी के चीफ मैनेजर श्री बृज किशोर और प्रवर डाक अधीक्षक श्री राजीव कुमार के संग केक काटकर लोगों से खुशियाँ बाँटी एवं डाक विभाग के ग्रामीण डाक सेवक, पोस्टमास्टर्स, निरीक्षक, सहायक अधीक्षक, मण्डलाधीक्षक और आईपीपीबी मैनेजर्स सहित समस्त स्टाफ को शुभकामनाएँ देते हुए भविष्य में नए कीर्तिमान स्थापित करने हेतु हौसलाआफ़जाई की।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि आईपीपीबी की परिवर्तनकारी उपस्थिति ने बैंकिंग परिदृश्य को नया आकार दिया है, जो डोर-स्टेप बैंकिंग की पेशकश करता है एवं सुलभ सेवाओं का प्रतीक है जो परिवर्तन को प्रज्ज्वलित करता है। आईपीपीबी के माध्यम से डाकिया और ग्रामीण डाक सेवक आज एक चलते फिरते बैंक के रूप में कार्य कर रहे हैं। सीईएलसी के तहत घर बैठे बच्चों का आधार बनाने, मोबाइल अपडेट करने, डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट, डीबीटी, बिल पेमेंट, एईपीएस द्वारा बैंक खाते से भुगतान, वाहनों का बीमा, स्वास्थ्य बीमा, दुर्घटना बीमा, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना जैसी तमाम सेवाएं आईपीपीबी द्वारा डाकिया के माध्यम से घर बैठे मुहैया कराई जा रही हैं। आईपीपीबी में खाता होने पर डाकघर की सुकन्या, आरडी, पीपीएफ, डाक जीवन बीमा में भी ऑनलाइन जमा किया जा सकता है। आईपीपीबी उन तमाम लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिनके पास बीमा और अन्य वित्तीय सेवाओं तक आसान पहुंच नहीं है।

इस अवसर पर सहायक निदेशक बृजेश शर्मा, लेखाधिकारी प्लाबन नस्कर, सहायक अधीक्षक पल्ल्वी मिश्रा, निरीक्षक अनिकेत रंजन, दिलीप पांडेय, सहायक लेखाधिकारी संतोषी राय, मनीष मिश्रा, श्रीप्रकाश गुप्ता, आनंद प्रधान, राकेश कुमार सहित तमाम कर्मी उपस्थित रहे।

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मुंबई अंतरराष्ट्रीय फिल्म उत्सव का जोश पूरे देश में जोरों पर: दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और पुणे में मुंबई अंतरराष्ट्रीय फिल्म उत्सव की बेहतरीन फिल्में देखें!

18वां मुंबई अंतरराष्ट्रीय फिल्म उत्सव (एमआईएफएफ) का जादू मुंबई के साथ-साथ अन्य शहरों में भी सर चढ़कर बोल रहा है। पहली बार, एमआईएफएफ का यह आयोजन न केवल मुंबई में होगा, बल्कि दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और पुणे जैसे शहरों में भी समानांतर स्क्रीनिंग के साथ दुनिया भर की बेहतरीन गैर-फीचर फिल्में – डॉक्यूमेंट्री, लघु कथा और एनीमेशन फिल्में दिखाई जाएंगी।

मुख्य कार्यक्रम 15 जून को शुरू होगा और 21 जून, 2024 तक मुंबई के पेडर रोड पर राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम-फिल्म प्रभाग परिसर में चलेगा। दिल्ली में फिल्म प्रेमियों के लिए, 16 जून से 20 जून तक सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम 1, 2 और 3 में फिल्मों का एक समानांतर चयन दिखाया जाएगा। कोलकाता में फिल्म प्रेमी प्रतिष्ठित सत्यजीत रे फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट (एसआरएफटीआई) में स्क्रीनिंग देख सकते हैं। वहीं, चेन्नई एनएफडीसी के टैगोर फिल्म सेंटर में स्क्रीनिंग दिखाई जाएगी। इसके अतिरिक्त, पुणे में स्क्रीनिंग नेशनल आर्काइव ऑफ इंडिया के परिसर में होगी। आयोजन स्थलों पर पंजीकरण डेस्क स्क्रीनिंग के लिए आगंतुक उपस्थित लोगों के पंजीकरण की सुविधा प्रदान करेंगे। बैठने की व्यवस्था पहले आओ पहले पाओ के आधार पर होगी। शुरुआती फिल्म बिली एंड मौली: एन ओटर लव स्टोरी 15 जून को दोपहर 2.30 बजे सभी स्थानों पर एक साथ दिखाई जाएगी।

 

कृपया चार शहरों में 18वें एमआईएफएफ के लिए स्क्रीनिंग शेड्यूल यहां देखें:

दिल्ली

कोलकाता

चेन्नई

पुणे

यह अभिनव कदम राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) की उच्च गुणवत्ता वाली डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माण को व्यापक भारतीय दर्शकों के लिए अधिक सुलभ बनाने की प्रतिबद्धता से प्रेरित है। इस महोत्सव का उद्देश्य इन जीवंत सांस्कृतिक केंद्रों में एमआईएफएफ को लाकर, देश भर के सिनेमा प्रेमियों के बीच डॉक्यूमेंट्री फिल्मों के लिए गहरी रुचि को बढ़ावा देना है।

डॉक्यूमेंट्री फिल्में हमारे आस-पास की दुनिया के बारे में शक्तिशाली और विचारोत्तेजक अंतर्दृष्टि प्रदान करती हैं। महोत्सव की पहुंच का विस्तार करके, राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम सार्थक बातचीत को बढ़ावा देने और भारत के सभी कोनों में इस महत्वपूर्ण कला के लिए जुनून जगाने की उम्मीद करता है। मुंबई अंतरराष्ट्रीय फिल्म उत्सव लंबे समय से भारत में डॉक्यूमेंट्री फिल्मों के निर्माण का चैंपियन रहा है। यह विस्तार न केवल फिल्म उत्सव के मंच को मजबूत करता है, बल्कि दिल्ली, कोलकाता, पुणे और चेन्नई के दर्शकों को बड़े पर्दे पर वृत्तचित्रों के विविध चयन का अनुभव करने का एक अनूठा अवसर भी प्रदान करता है।

विश्व सिनेमा की सिनेमाई उत्कृष्टता का उत्सव, मुंबई अंतरराष्ट्रीय फिल्म उत्सव, दक्षिण एशिया में सबसे बड़े और सबसे पुराने गैर-फीचर फिल्म समारोहों में से एक के रूप में पहचाना जाता है। 1990 से हर दो साल में आयोजित होने वाले मुंबई अंतरराष्ट्रीय फिल्म उत्सव ने अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म, लघु फिल्म और एनीमेशन श्रेणियों में असाधारण कार्यों को प्रदर्शित करने के लिए लगातार एक मंच प्रदान किया है।

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भारत और जापान का संयुक्त समुद्री अभ्यास – 2024 (जिमेक्स – 24) जापान के योकोसुका में प्रारंभ हुआ

भारतीय नौसेना का स्वदेशी त्वरित, चपल एवं रडार से बच निकलने में सक्षम युद्धपोत आईएनएस शिवालिक द्विपक्षीय भारत-जापान संयुक्त समुद्री अभ्यास 2024 (जिमेक्स 24) में भाग लेने के लिए जापान के योकोसुका पहुंचा। साल 2012 में इस संयुक्त समुद्री अभ्यास की शुरुआत के बाद से यह जिमेक्स का आठवां संस्करण है।

वाइस एडमिरल आईटीओ हिरोशी, कमांडर जेएमएसडीएफ योकोसुका डिस्ट्रिक्ट और जापान में भारत के राजदूत सिबी जॉर्ज द्वारा इस जहाज का बड़ी ही गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया।

संयुक्त अभ्यास में बंदरगाह और समुद्री दोनों तरह के चरण शामिल किये गए हैं। बंदरगाह चरण में नौसैन्य गतिविधियों से सबंधित, खेल व सामाजिक जुड़ाव के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। इसके बाद दोनों देशों की नौसेनाएं समुद्र में संयुक्त रूप से अपने युद्ध कौशल को निखारने के प्रयास करेंगी और सतह, उप-सतह एवं वायु क्षेत्रों में जटिल बहु-आयामी संचालन कुशलता के माध्यम से अपनी सहभागिता के साथ क्षमताओं को बढ़ाएंगी।

भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व आईएनएस शिवालिक और जापान की नौसेना का प्रतिनिधित्व गाइडेड मिसाइल विध्वंसक जेएस युगिरी द्वारा किया जा रहा है। दोनों नौसेनाओं के एकीकृत हेलीकॉप्टर भी संयुक्त अभ्यास में शामिल हो रहे हैं।

पिछले कुछ वर्षों में अपने बढ़ते दायरे व मैत्रीपूर्ण अभ्यास गतिविधियों में बढ़ोतरी के साथ जिमेक्स 24 दोनों देशों को एक-दूसरे की सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों से सीखने का अवसर प्रदान करता है और आपसी सहयोग को बढ़ावा देने तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा के प्रति अपनी साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए भारतीय नौसेना व जापान की नौसेना के मध्य परिचालन संबंधी कार्रवाई को सुविधाजनक बनाता है।

 

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एलएसएएम13 (यार्ड 81) 08 x मिसाइल लेस एम्युनिशन (एमसीए) बार्ज नौका परियोजना के पांचवें बार्ज का जलावतरण

08 x मिसाइल लेस एम्युनिशन परियोजना का पांचवा पोत भारतीय नौसेना के लिए विशाखापत्तनम के एमएसएमई शिपयार्ड, मेसर्स सेकॉन इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (एसईपीपीएल) द्वारा तैयार किया गया है। इस मिसाइल सह गोला बारूद पोत एलएसएएम 13 (यार्ड 81)’ को 10 जून, 2024 को मेसर्स विनायगा मरीन पेट्रो लिमिटेड, मीरा भयंदर, महाराष्ट्र (मेसर्स सेकॉन इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड का जलावतरण स्थल) में स्थित डॉकयार्ड से जलावतरित किया गया। इस समारोह की अध्यक्षता एनडी (एमबीआई) के महाप्रबंधक (क्यूए) कमोडोर मनीष विग ने की थी।

08 x मिसाइल लेस एम्युनिशन बार्ज नौकाओं के निर्माण के लिए अनुबंध पर 19 फरवरी, 2021 को भारतीय रक्षा मंत्रालय और विशाखापत्तनम के एमएसएमई शिपयार्ड, मेसर्स सेकॉन इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के बीच हस्ताक्षर किए गए थे। भार उठाने में सक्षम इन पोतों के नौसेना में शामिल होने से छोटे बांधों एवं बंदरगाहों पर अन्य जहाजों के लिए सामान/गोला-बारूद का परिवहन, रसद की लदान और पोतारोहण तथा अवरोहण की सुविधा के द्वारा भारतीय नौसेना की सैन्य गतिविधियों के संचालन को गति मिलेगी।

इन नौकाओं को भारतीय नौसेना के प्रासंगिक नियमों एवं भारतीय नौवहन रजिस्टर (आईआरएस) के विनियमन के तहत स्वदेशी रूप से तैयार और निर्मित किया गया है। डिजाइन चरण के दौरान बार्ज नौका का मॉडल परीक्षण विशाखापत्तनम स्थित नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल) में किया गया था। ये विशेष छोटे जहाज भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल के गौरवशाली ध्वजवाहक हैं।

 

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सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मीडिया पुरस्कार-2024 के तीसरे संस्करण की घोषणा की

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मीडिया सम्मान-2024 के तीसरे संस्करण की घोषणा की है। भारत और विदेशों में योग के संदेश को फैलाने में मीडिया की सकारात्मक भूमिका और जिम्मेदारी को स्वीकार करते हुए मंत्रालय ने जून 2019 में पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मीडिया सम्मान (एवाईडीएमएस) शुरू किया था।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मीडिया सम्मान-2024 के तहत, बाईस भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी में तीन श्रेणियों अर्थात प्रिंट, टेलीविजन और रेडियो के तहत तैंतीस सम्मान प्रदान किए जाएंगे:

  1. 22 भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी में 11 सम्मान – “अखबारों में योग पर सर्वश्रेष्ठ मीडिया कवरेज” श्रेणी के तहत प्रदान किए जाएंगे
  2. 22 भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी में 11 सम्मान – “इलेक्ट्रॉनिक मीडिया (टीवी) में योग पर सर्वश्रेष्ठ मीडिया कवरेज” श्रेणी के अंतर्गत प्रदान किए जाएंगे
  3. 22 भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी में 11 सम्मान – “इलेक्ट्रॉनिक मीडिया (रेडियो) में योग पर सर्वश्रेष्ठ मीडिया कवरेज” श्रेणी के अंतर्गत प्रदान किए जाएंगे

 

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

हर साल 21 जून को मनाया जाने वाला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, दुनिया भर में स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए एक जन आंदोलन का अलग जगाया है। शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण के लिए इसके समग्र दृष्टिकोण ने महत्वपूर्ण रुचि पैदा की है, जिससे यह एक वैश्विक आयोजन बन गया है। भारत और विदेश दोनों में योग के संदेश को बढ़ाने में मीडिया महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए, इस प्राचीन परंपरा और इसके कई लाभों को बढ़ावा देने में मीडिया की अपार शक्ति और जिम्मेदारी को मान्यता प्रदान करना महत्वपूर्ण है।

 

एवाईडीएमएस अनुशंसा और दिशानिर्देश

इस सम्मान में एक विशेष पदक/पट्टिका/ट्रॉफी और एक प्रशस्ति पत्र शामिल है। इसे एक स्वतंत्र जूरी द्वारा अनुशंसित किया जाता है। यह पुरस्कार प्रिंट मीडिया, रेडियो और टेलीविजन से जुड़े सभी मीडिया घरानों/कंपनियों के लिए खुले हैं, जिनके पास सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से पंजीकरण/अनुमति है।

दिशानिर्देशों के अनुसार, मीडिया हाउस 12 जून, 2024 से 25 जून, 2024 की अवधि के दौरान बनाए गए और प्रकाशित लेखों या प्रसारित/ऑडियो/विजुअल सामग्री की संबंधित क्लिपिंग के साथ एक निर्धारित प्रारूप में नामांकन का विवरण प्रस्तुत कर सकते हैं। प्रविष्टियों की अंतिम तिथि 8 जुलाई, 2024 है। विस्तृत दिशानिर्देश पत्र सूचना कार्यालय (https://pib.gov.in/indexd.aspx) और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (https://mib.gov.in/sites/default/files/AYDMS%20Guidelines%202024_0.pdf) की वेबसाइटों पर देखे जा सकते हैं।

 

एवाईडीएमएस दूसरा आयोजन – 2023

पहली बार 7 जनवरी, 2020 को पुरस्कार प्रदान प्रदान किए गए थे। एवाईडीएमएस का दूसरा आयोजन – 2023 के लिए सम्मान अभी तक प्रदान नहीं किए गए हैं। पिछले वर्ष के एवाईडीएमएस (द्वितीय आयोजन) के विजेताओं को भी इस वर्ष के एवाईडीएमएस (तृतीय आयोजन) के विजेताओं के साथ-साथ सम्मान प्रदान किया जाएगा।

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राजनीतिक महाभारत…. जीत किसकी?

देश में चल रहे 2024 लोकसभा चुनाव का सियासी घमासान खत्म हो गया है और अब सबकी नजरें प्रधानमंत्री के शपथ समारोह पर है। सियासी युद्ध के परिणाम लोगों की सोच से परे रहा हालांकि साम दाम दंड भेद वाली नीति भाजपा की हमेशा से रही है मगर इस बार भाजपा की पकड़ कमजोर साबित हुई। इस चुनाव के नतीजों ने जहां बीजेपी की हार ने लोगों को चौकाया वहीं कांग्रेस का मजबूती से खड़ा होना और सत्तारूढ़ दल को टक्कर देना लोगों को आश्चर्य में डाल गया।

ये दीगर बात है कि कांग्रेस बहुमत नहीं ला पाई लेकिन एक मजबूत विपक्ष के रूप में खड़ी हुई है हालांकि सत्ता तक पहुंच बनाने के लिए उसे अभी कड़ी मेहनत की जरूरत है।
उत्तर प्रदेश में भाजपा ने जिन प्रदेशों पर आंख मूंद कर भरोसा किया था इस बार वहीं से इन्हें मुंह की खानी पड़ी। अयोध्या जैसे शहर से हार जाना जरा अविश्वसनीय लगता है। जो शहर राम मंदिर के प्रचार और जय श्री राम के नारों से गूंजता था वहां भाजपा की हार अप्रत्याशित है हालांकि कई कारण बताए जा रहे हैं।
फैजाबाद लोकसभा सीट के नतीजे से हर कोई हैरान है जहां सरकार द्वारा राम मंदिर का निर्माण कराया गया था और मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा भी ऐसे समय  की गई जब इसी साल देश में लोकसभा चुनाव होने वाले थे। यह दीगर बात है कि यह कार्य भी चुनावी रणनीति के तहत ही किया गया था मगर इन सब के बावजूद भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा। ध्यान दें कि यहां साल 2022 की विधानसभा चुनाव में भी भाजपा की जमीन दरक चुकी थी और 2024 के लोकसभा चुनाव आते-आते पूरी तरह खिसक गई। 2022 के चुनाव में भाजपा ने जिले में पांच विधानसभा सीटों में से 2 सीटें गंवा दी थी फिर भी भाजपा सजग नहीं हुई और 2024 के लोकसभा चुनाव के परिणाम सामने है।
हिंदुत्व के रथ पर सवार भाजपा ने स्थानीय मुद्दों और मसलों को दरकिनार किया। 2020 में जब विकास कार्य शुरू हुआ तो सड़कों के चौड़ीकरण के दौरान बड़ी संख्या में मकान और दुकान टूटे। बड़ी संख्या में लोगों के घर उजड़े लोगों के रोजगार छिनें। व्यापारी वर्ग का आरोप है कि उन्हें मकान और दुकानों के अधिग्रहण का उचित मुआवजा नहीं मिला। जो लोग अपनी जमीन से संबंधित कागज पेश नहीं कर सके बड़ी संख्या में ऐसे लोगों को मुआवजा नहीं मिला। अयोध्या के हाई प्रोफाइल बनने की वजह से यहां आम लोगों की सुनवाई ना तो भाजपा के नेताओं ने की और ना ही यहां के अधिकारियों ने की यही वजह है कि भाजपा से लोगों का मोह भंग होने लगा।
अयोध्या में करीब 84% हिंदू और 13% मुसलमान है। इसके बावजूद यहां पर भाजपा का हिंदुत्व का कार्ड फेल हो गया। स्थानीय हिंदू मुसलमानों ने खुलकर कहा कि बाबरी की घटना के बाद यहां पर लगातार भाईचारे को बिगड़ने का काम किया गया है एक समय था कि जब मुसलमानों के बनाये खड़ाऊं वहां के साधू संतों के पैर में सजते थे।
अयोध्या के आसपास के इलाकों में ज्यादातर किसान है और जो खेती किसानी से अपना जीवन यापन करते हैं। ऐसे में आवारा पशुओं की समस्या को भाजपा ने नजरअंदाज किया। खेतीबाड़ी से हुए नुकसान के चलते किसानों ने अपने खेत कई सालों तक खाली छोड़ रखे थे। किसानी से लागत नहीं निकलती थी और आवारा पशुओं द्वारा नुकसान अलग होता था। समाजवादी पार्टी ने इन मुद्दों पर  मोर्चा संभाला और जन समर्थन हासिल किया।
दूसरी बात महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त जनता ना तो कांग्रेस को वोट देना चाह रही थी और ना ही भाजपा को देना चाह रही थी ऐसे में लोगों ने नोटा को अपनाया और बड़ी संख्या में ऐसे लोग वोट देने नहीं गए। यह चुनाव इस बात का प्रमाण है कि धर्म से देश नहीं चलता बल्कि बुनियादी मुद्दे ज्यादा जरूरी होते है।

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भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से 154 रेगुलर कोर्स और 137 टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स के 394 अधिकारी कैडेट पास हुए

08 जून, 2024 को भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए), देहरादून, उत्तराखंड के पोर्टल से 154 रेगुलर कोर्स और 137 टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स के कुल 394 अधिकारी कैडेट पास आउट हुए, जिनमें 10 मित्र देशों के 39 कैडेट शामिल थे। अधिकारी कैडेटों ने उत्साह दिखाते हुए ‘सारे जहां से अच्छा’ और ‘कदम कदम बढ़ाए जा’ की सैन्य धुनों पर पूर्णता व गर्व के साथ मार्चिंग का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।

उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार ने पासिंग आउट परेड का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारी कैडेटों को उनके प्रशिक्षण के सफल समापन पर बधाई दी। उन्होंने उत्कृष्ट परेड के साथ-साथ स्पष्ट व समन्वित ड्रिल मूवमेंट के लिए उन्हें और प्रशिक्षकों को बधाई दी, जो युवा अधिकारी कैडेटों द्वारा अपनाए गए प्रशिक्षण और अनुशासन के उच्च मानकों को दर्शाता है।

रिव्यूविंग ऑफिसर ने कहा, “परेड आपके प्रशिक्षण की परिणति और पेशेवर करियर की शुरुआत है। यह एक ऐसा क्षण है जो आपके जीवनकाल में एक बार आता है और भविष्य के सभी प्रयासों के लिए प्रेरणा बनेगा। आप जो प्रतिज्ञा लेते हैं और अपने राष्ट्र के लिए जो प्रतिज्ञा करते हैं, वह पवित्र है और अब से आपकी सभी प्रतिबद्धताओं से पहले होगी। यह तथ्य कि आप आज गर्व से और मजबूती के साथ खड़े हैं, एक अधिकारी बनने के लिए आपने जो कड़ी मेहनत और श्रम किया है, उसका प्रमाण है। आईएमए एक विशिष्ट संस्थान है जिसने आपकी क्षमता का दोहन किया है और आपको एक अधिकारी के लिए सभी ज्ञान और विशेषताओं से लैस किया है।”

रिव्यूविंग ऑफिसर ने दोहराया कि भारतीय सेना को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ सैनिकों पर गर्व है, जिनके पास युद्ध और वर्षों के परिचालन अनुभव से प्राप्त ज्ञान है। उन्होंने अधिकारी कैडेटों से हमेशा सम्मान के साथ नेतृत्व करने, विशिष्टता के साथ सेवा करने और कर्तव्य के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के साथ आसपास के लोगों को प्रेरित करने का आग्रह किया।

युद्ध की तेजी से बदलती प्रकृति पर रिव्यूविंग ऑफिसर ने कहा कि तकनीकी परिवर्तन आधुनिक युद्धों के स्वरूप को लगातार प्रभावित कर रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि युद्ध में अंतरिक्ष, साइबर और कॉग्निटिव डोमेन आज की हकीकत है। सूचना युद्ध, ड्रोन, स्वायत्त प्रणाली, इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक स्पेक्ट्रम का दोहन और मानव-मशीन टीमिंग न्यू नॉर्मल हैं। उन्होंने कहा कि इन डोमेन को परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकियों के उपयोग के साथ हर गुजरते दिन के साथ परिष्कृत किया जा रहा है, जिससे युद्धों की जटिलताएं बढ़ रही हैं। इसे विचारों, बुद्धि और नवाचार के युद्ध के रूप में वर्णित करते हुए, उन्होंने अधिकारी कैडेटों से इन चुनौतियों का सामना करने के लिए हमेशा तैयार और सबसे आगे रहने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “कहावत याद रखें कि मशीन के पीछे का व्यक्ति सबसे ज्यादा मायने रखता है। शारीरिक फिटनेस, मानसिक स्फूर्ति, आलोचनात्मक सोच, तकनीकी कौशल और अस्थिर परिस्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया आपकी सफलता की कुंजी होगी।”

इस अवसर पर रिव्यूविंग ऑफिसर ने निम्नलिखित पुरस्कार प्रदान किए:

• ऑर्डर ऑफ मेरिट में प्रथम स्थान पर रहने वाले अधिकारी कैडेट के लिए स्वॉर्ड ऑफ ऑनर और स्वर्ण पदक का प्रतिष्ठित पुरस्कार अकादमी के अंडर ऑफिसर प्रवीण सिंह को प्रदान किया गया। रजत पदक अकादमी के कैडेट एडजुटेंट मोहित कापरी को प्रदान किया गया, जबकि कांस्य पदक बटालियन के अंडर ऑफिसर शौर्य भट्ट को दिया गया।

• टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स से ऑर्डर ऑफ मेरिट में प्रथम स्थान पर रहने वाले अधिकारी कैडेट के लिए रजत पदक अधिकारी कैडेट विनय भंडारी को प्रदान किया गया।

• विदेशी देश से ऑर्डर ऑफ मेरिट में प्रथम स्थान पर रहने वाले अधिकारी कैडेट के लिए बांग्लादेश पदक विदेशी अधिकारी कैडेट मोहम्मद नूर कुतुबुल आलम, बांग्लादेश को प्रदान किया गया।

• स्प्रिंग टर्म 2024 के लिए 12 कंपनियों में से कुल मिलाकर प्रथम स्थान पर रहने के लिए कोहिमा कंपनी को चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ बैनर प्रदान किया गया।

परेड का निरीक्षण करने के बाद, लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार ने प्रतिष्ठित प्रशिक्षण अकादमी के बहादुर पूर्व छात्रों को श्रद्धांजलि देने के लिए युद्ध स्मारक, आईएमए पर पुष्पांजलि अर्पित की, ‘पिपिंग समारोह’, जिसमें अधिकारी कैडेट कमीशन प्राप्त अधिकारियों के रैंक धारण करते हैं, उनके माता-पिता और प्रियजनों द्वारा किया गया।

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प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान का शुभारंभ किया। श्री मोदी ने दिल्ली के बुद्ध जयंती पार्क में एक पीपल का पेड़ लगाया। उन्होंने सभी देशवासियों से हमारे ग्रह को बेहतर बनाने में योगदान देने का भी अनुरोध किया है और कहा कि पिछले दशक में भारत ने कई सामूहिक प्रयास किए हैं, जिनसे पूरे देश के वन क्षेत्र में वृद्धि हुई है। श्री मोदी ने कहा कि सतत विकास की दिशा में हमारे प्रयासों के लिए यह बहुत अच्छा है।

प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया;

“आज विश्व पर्यावरण दिवस पर, मुझे #एक_पेड़_माँ_के_नाम, अभियान शुरू करने पर बहुत प्रसन्‍नता हो रही है। मैं देशवासियों के साथ ही दुनिया भर के लोगों से यह आग्रह करता हूं कि वे आने वाले दिनों में अपनी मां को श्रद्धांजलि अर्पित करने के रूप में एक पेड़ जरूर लगाएं और #Plant4Mother या #एक_पेड़_माँ_के_नाम का उपयोग करते हुए अपनी एक तस्वीर साझा करें।”

“आज प्रात:, मैंने प्रकृति मां की रक्षा करने और सतत जीवनशैली अपनाने की हमारी प्रतिबद्धता के अनुरूप एक पेड़ लगाया। मैं आप सभी से यह आग्रह करता हूं कि आप भी हमारे ग्रह को बेहतर बनाने में योगदान दें। #Plant4Mother #एक_पेड़_माँ_के_नाम”

“आप सभी को यह जानकर बहुत खुशी होगी कि पिछले दशक में भारत ने कई सामूहिक प्रयास किए हैं, जिनके कारण पूरे देश में वन क्षेत्र में वृद्धि हुई है। यह सतत विकास की दिशा में हमारे प्रयास के लिए बहुत अच्‍छा है। यह भी सराहनीय है कि स्थानीय समुदायों ने इस अवसर पर आगे आकर इसमें अग्रणी भूमिका निभाई है।”

“आज विश्व पर्यावरण दिवस पर मुझे #एक_पेड़_माँ_के_नाम अभियान शुरू कर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। मैं देशवासियों के साथ ही दुनियाभर के लोगों से आग्रह करता हूं कि वे अपनी माँ के साथ मिलकर या उनके नाम पर एक पेड़ जरूर लगाएं। ये आपकी तरफ से उन्हें एक अनमोल उपहार होगा। इससे जुड़ी तस्वीर आप #Plant4Mother, #एक_पेड़_माँ_के_नाम के साथ जरूर साझा करें।”

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भारतीय रेलवे ने “हमारी भूमि, हमारा भविष्य” विषय के अनुरूप विश्व पर्यावरण दिवस मनाया

भारतीय रेलवे ने हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 5 जून, 2024 को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया, जो इस वर्ष के विश्व पर्यावरण दिवस के विषय “हमारी भूमि, हमारा भविष्य” के अनुरूप है। विश्व पर्यावरण दिवस 2024 का‍ विषय भूमि बहाल करना, मरुस्थलीकरण को रोकना और सूखे से निपटने के उपायों पर केंद्रित है। रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष और सीईओ श्रीमती जया वर्मा सिन्हा और रेलवे बोर्ड के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की इस कार्यक्रम में गरिमामयी उपस्थित रही। रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष और सीईओ ने रेलवे अधिकारियों को पर्यावरण संरक्षण गतिविधियों को बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।

भारतीय रेलवे इस वर्ष, जून महीने के दौरान पर्यावरण पर व्यवहार संबंधी परिवर्तन के प्रभाव के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए और ‘मिशन लाइफ’ से लोगों को जोड़ने के उद्देश्‍य से प्रमुख आउटरीच और जागरूकता संबंधी गतिविधियों का भी आयोजन कर रही है। भारतीय रेलवे में अब तक 249 जागरूकता और 147 कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, जिनमें 4921 प्रतिभागियों ने भाग लिया है। रेलवे ने कुल 4395 ‘मिशन लाइफ’ शपथ भी दिलाई हैं।

रेलवे पर्यावरण अनुकूल परिवहन का एक बड़ा साधन है। पर्यावरण संरक्षण के लिए य‍ह लगातार ऐसी पहल कर रहा है जिसका पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिनमें प्रदूषण/जीएचजी उत्सर्जन को कम करना, संसाधनों और ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देना और स्थिरता में योगदान देना शामिल हैं। सतत प्रयास के लिए रेलवे द्वारा की गई कुछ प्रमुख नीतिगत पहल इस प्रकार हैं:

  • भारतीय रेलवे ने अप्रैल 2024 तक 63,456 रूट किलोमीटर (आरकेएम) का विद्युतीकरण किया है, जो भारतीय रेलवे के कुल ब्रॉड-गेज नेटवर्क का 96 प्रतिशत से अधिक है।
  • कुल 2637 स्टेशनों और सेवा भवनों में सौर रूफटॉप संयंत्र लगाए गए हैं, जिनकी कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 177 मेगावाट है।
  • रेलवे स्टेशनों और अन्य भवनों के पुनर्विकास के लिए ऊर्जा दक्षता दिशा-निर्देशों को सुपर-ईसीबीसी अनुपालन के साथ जारी किया गया है। इन सुपर ईसीबीसी दिशा-निर्देशों को जलवायु अनुकूल भवन डिजाइन और ऊर्जा कुशल प्रौद्योगिकियों के माध्यम से ऊर्जा की मांग को कम करने के लक्ष्य के साथ विकसित किया गया है।
  • प्रमुख रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए भारतीय रेलवे ने पर्यावरण प्रबंधन योजना के रूप में दिशा-निर्देश प्रदान किए हैं। इन दिशा-निर्देशों का क्षेत्रीय रेलवे में अनुपालन किया जाएगा, ताकि आस-पास के क्षेत्रों में निर्माण के प्रभाव को कम किया जा सके।
  • नीतिगत पहल के रूप में, भारतीय रेल ने अपने मालभाड़ा ग्राहकों के लिए कार्बन सेविंग पॉइंट्स आवंटित करने की अवधारणा शुरू की है, जिन्हें “रेल ग्रीन पॉइंट्स” कहा जाता है, जो कार्बन उत्सर्जन की अपेक्षित बचत का विवरण देते हैं। पर्यावरणीय प्रभाव का सृजन करने में ग्राहकों की भागीदारी की यह पहल भविष्य में रेल द्वारा अधिक से अधिक परिवहन प्रेरित करेगी।
  • भारतीय रेलवे ने व्यापक अपशिष्ट प्रबंधन रणनीतियों को लागू किया है जो रीसाइक्लिंग, न्‍यूनीकरण और इसके जिम्मेदार निपटान पर जोर देती है। हरित क्षेत्र का निर्माण, खतरनाक अपशिष्ट पदार्थों का उचित निपटान और जलवाही स्‍तर को रिचार्ज करने से भूक्षरण को रोका जा सकता है।
  • भारतीय रेलवे ने अपनी उत्पादन प्रक्रिया में ऊर्जा दक्षता के लिए कुछ बड़े कदम उठाए हैं। वर्तमान में सभी 8 इकाइयां और 44 कार्यशालाएं आईएसओ-50001 प्रमाणित हैं, जो ऊर्जा संरक्षण और ऊर्जा दक्षता के प्रति रेलवे की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
  • पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली के कार्यान्वयन के लिए लगभग 700 प्रमुख रेलवे स्टेशनों को आईएसओ 14001 प्रमाणित किया गया है। इसके अलावा, भारतीय रेलवे ने लगभग 65 अपशिष्ट उपचार संयंत्र, 86 जल रीसाइक्लिंग संयंत्र, 90 सीवेज उपचार संयंत्र, 18 अपशिष्ट से ऊर्जा संयंत्र, 186 अपशिष्ट से खाद और 32 ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र स्थापित किए हैं। लगभग 208 स्टेशनों में कम्पोस्ट खाद बनाने वाले संयंत्र हैं और 193 रेलवे स्टेशनों पर सामग्री रिकवरी सुविधाएं उपलब्‍ध हैं।
  • प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर लगभग 826 प्लास्टिक बोतल क्रशिंग मशीनें लगाई गई हैं।
  • स्वच्छ भारत अभियान के एक हिस्‍से के रूप में, भारतीय रेलवे ने स्वच्छ वातावरण उपलब्ध कराने के लिए कई पहल की हैं:
  1. भारतीय रेलवे ने अपने सभी कोचों में बायो-टॉयलेट लगाना सुनिश्चित किया है, जिससे ट्रेनों से मानव मल के सीधे डिस्‍चार्ज  होने की समस्या समाप्‍त हो गई है। शौचालयों में पानी की खपत को कम करने के उद्देश्य से एक कदम आगे बढ़ाते हुए भारतीय रेलवे ने नए कोचों में बायो-वैक्यूम शौचालय लगाना शुरू कर दिया है।
  2. वर्ष 2023-24 में रेलवे द्वारा लगभग 76 लाख पौधे लगाए जाएंगे।

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टाटा मेमोरियल सेंटर के न्यूरो सर्जरी विभाग ने जटिल ब्रेन ट्यूमर सर्जरी के लिए अत्याधुनिक, देश में अपनी तरह का पहला, उन्नत इंट्राऑपरेटिव इमेजिंग उपकरण प्राप्त किया है

टाटा मेमोरियल सेंटर (टीएमसी), मुंबई के तंत्रिका शल्य चिकित्सा (न्यूरो सर्जरी) विभाग ने हाल ही में आंतरिक जटिल ब्रेन ट्यूमर सर्जरी करने के लिए एक अत्याधुनिक इंट्राऑपरेटिव अल्ट्रासाउंड (आईयूएस) मशीन खरीदी है। डॉ. अली असगर मोइयादी के नेतृत्व में टाटा मेमोरियल सेंटर की न्यूरो सर्जरी टीम ने भारत में आईयूएस के अनुप्रयोग की शुरुआत की है, और यह दुनिया भर में अग्रणी टीमों में से एक है। आईयूएस लागत-प्रभावी है और उचित प्रशिक्षण के साथ, न्यूरोसर्जन के चिकित्सा उपकरणों में एक महत्वपूर्ण सहायक बन सकता है। बीकेएक्टिव  मशीन, जिसे हाल ही में विभाग द्वारा प्राप्त किया गया था, देश में इस उन्नत इंट्राऑपरेटिव अल्ट्रासाउंड (आईयूएस) प्रणाली की पहली स्थापना है।

आंतरिक जटिल मस्तिष्क ट्यूमर को सुरक्षित और सटीक रूप से हटाने के लिए इंट्राऑपरेटिव इमेजिंग  महत्वपूर्ण है। नेविगेशनल सहायता (जो एक सर्जिकल जीपीएस प्रणाली की तरह है) के साथ संयुक्त, आईयूएस मशीन तंत्रिका शल्य चिकित्सक (न्यूरोसर्जन) को ट्यूमर के अवशेषों को सटीक रूप से ट्रैक करने की अनुमति देती है। इसके अलावा,  इसे जागृत अवस्था में शल्य चिकित्सा जैसी ब्रेन मैपिंग तकनीकों के साथ जोड़ा जाता है, तो वे मस्तिष्क के महत्वपूर्ण क्षेत्रों के पास भी, ट्यूमर को मौलिक रूप से हटाने में सक्षम होते हैं।

इस प्रणाली का अनावरण विगत शनिवार, 1 जून 2024 को टाटा मेमोरियल अस्पताल, परेल, मुंबई में डॉ. शैलेश श्रीखंडे, उप निदेशक एवं टाटा मेमोरियल अस्पताल के निदेशक; टाटा मेमोरियल सेंटर के तंत्रिका शल्य चिकित्सा (न्यूरोसर्जरी) विभाग प्रमुख डॉ. अली असगर मोइयादी और श्री चैतन्य सारावटे, प्रबंध निदेशक, विप्रो जीई हेल्थकेयर दक्षिण एशिया, सहित   पूरे विभागीय और ऑपरेशन थिएटर कर्मियों की उपस्थिति में किया गया।

डॉ. मोइयादी का मानना है कि इस उन्नत उपकरण से उनकी टीम को मदद मिलेगी और इससे सेंटर में ऑपरेशन किए गए बड़ी संख्या में ऐसे ब्रेन ट्यूमर रोगियों को लाभ होगा, जिनमें से कई अन्यत्र रियायती दरों पर अत्याधुनिक देखभाल प्राप्त करने में असमर्थ हैं। अन्य इंट्राऑपरेटिव इमेजिंग सिस्टम (जैसे इंट्राऑपरेटिव एमआरआई) की तुलना में आईयूएस कम महंगा होने के कारण, हमारे जैसे संसाधन सीमित स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों के लिए विशेष रूप से लाभकारी  है। विभाग ने न्यूरोसर्जनों को प्रशिक्षित करने और उन्हें आईओएस-निर्देशित सर्जरी को बेहतर ढंग से सम्पन्न करने के लिए आवश्यक कौशल से सुसज्जित करने के प्रयासों का नेतृत्व करते हुए भारत के साथ-साथ विश्व स्तर पर भी इसके लिए प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आयोजित किए हैं, अब आशा है कि और अधिक न्यूरोसर्जन इस उपयोगी तकनीक को अपना सकते हैं और पूरे भारत में रोगियों की बड़ी संख्या के बीच इसके लाभ का प्रसार कर सकते हैं। डॉ. ए मोइयादी ने यह भी बताया कि यह उपकरण यूबीएस द्वारा प्रदान किए गए उदार अनुदान की सहायता से खरीदा गया था। उन्होंने कहा कि टीएमसी यूबीएस द्वारा प्रदान की गई सहायता के लिए आभारी हैI साथ ही उन्होंने ऐसे योगदानों के महत्व पर प्रकाश डाला, जो सभी भारतीयों के लिए उन्नत कैंसर देखभाल प्रदान करने के टीएमसी के प्रयासों को मजबूती प्रदान  करते हैं।

लॉन्च इवेंट में अपने संबोधन में श्री सारावटे ने कहा कि “हम ऐसी सक्रिय छायांकन प्रणाली (इमेजिंग सिस्टम) डिजाइन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो शल्य चिकित्सकों (सर्जन्स) को शरीर रचना विज्ञान (एनाटोमी) और घावों को देख सकने, हस्तक्षेप का मार्गदर्शन करने और मानव शरीर के अंदर नेविगेट करने में सहायता करते हैं- और इस बीकेएक्टिव अल्ट्रासाउंड सिस्टम का  सहयोग भारत में स्वास्थ्य सेवा प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होने के साथ ही तंत्रिका शल्य चिकित्सा (न्यूरोसर्जरी) में क्रांति लाने के लिए तैयार है।

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