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महिला जगत

शी-बॉक्स पोर्टल, एक ऑनलाइन प्रणाली है जिसे ‘कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न अधिनियम, 2013’ (एसएच अधिनियम) के विभिन्न प्रावधानों के बेहतर कार्यान्वयन में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने हाल ही में शी-बॉक्स पोर्टल लॉन्च किया है, जो एक ऑनलाइन सिस्टम है जिसे ‘कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013’ (SH अधिनियम) के विभिन्न प्रावधानों के बेहतर कार्यान्वयन में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह अधिनियम संबंधित सरकार को इसके कार्यान्वयन की निगरानी करने और दर्ज किए गए और निपटाए गए मामलों की संख्या पर डेटा बनाए रखने का अधिकार देता है।

शी-बॉक्स पोर्टल मंत्रालय की एक पहल है, जिसका उद्देश्य देश भर में विभिन्न कार्यस्थलों पर गठित आंतरिक समितियों (आईसी) और स्थानीय समितियों (एलसी) से संबंधित सूचनाओं का सार्वजनिक रूप से उपलब्ध केंद्रीकृत संग्रह उपलब्ध कराना है, चाहे वे सरकारी हों या निजी क्षेत्र के और साथ ही एक संपूर्ण एकीकृत शिकायत निगरानी प्रणाली भी। इसमें प्रत्येक कार्यस्थल के लिए एक नोडल अधिकारी को नामित करने का प्रावधान है, जिसे शिकायतों की वास्तविक समय निगरानी के लिए नियमित आधार पर डेटा/जानकारी का अद्यतन सुनिश्चित करना होता है।

पोर्टल पर शिकायत एक पीड़ित महिला या शिकायतकर्ता की ओर से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा दर्ज की जा सकती है। यदि शिकायत दर्ज करने वाला व्यक्ति स्वयं पीड़ित महिला है, तो उसे अपने मूल विवरण जैसे कि उसकी कार्य स्थिति, नाम, फोन नंबर और ईमेल दर्ज करके पोर्टल पर लॉग इन करना होगा। यदि शिकायत दर्ज करने वाला व्यक्ति कोई अन्य व्यक्ति है, तो उसे अपना नाम, शिकायतकर्ता के साथ संबंध और शिकायतकर्ता की ओर से अंडरटेकिंग के साथ-साथ पीड़ित महिला/शिकायतकर्ता की कार्य स्थिति, नाम, फोन नंबर और ईमेल दर्ज करके पोर्टल पर लॉग इन करना होगा। अपने रोजगार की स्थिति के आधार पर शिकायत दर्ज करने वाले व्यक्ति को उस कार्यस्थल के आईसी/एलसी का चयन करना होगा जहां वे शिकायत दर्ज करना चाहते हैं। यदि पीड़ित महिला का आईसी या एलसी पोर्टल पर पंजीकृत है, तो शिकायत स्वचालित रूप से जमा हो जाएगी और संबंधित आईसी/एलसी को भेज दी जाएगी। यदि किसी कार्यस्थल का आईसी पोर्टल पर पंजीकृत नहीं है, तो पोर्टल पर शिकायतकर्ता से उस कार्यस्थल का विवरण प्राप्त करने तथा उस आईसी का शीघ्र पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिए संबंधित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र और जिले के राज्य नोडल अधिकारी और जिला नोडल अधिकारी को सूचित करने के लिए एक ऑनलाइन प्रक्रिया उपलब्ध कराई गई है।

शी-बॉक्स पोर्टल में केंद्र/राज्य/संघ राज्य स्तर और जिला स्तर पर नोडल अधिकारियों के लिए निगरानी डैशबोर्ड है, जिससे उन मामलों की संख्या जो निर्धारित समयसीमा से परे हैं, निपटाए गए और लंबित मामलों की संख्या देखी जा सकती है। शिकायतकर्ता के लिए भी अपनी शिकायत की स्थिति को ट्रैक करने के लिए इसी तरह की सुविधा बनाई गई है। इसके अलावा, पोर्टल में किसी विशेष मंत्रालय/विभाग/राज्य/संघ राज्य क्षेत्र/निजी क्षेत्र/जिले के आईसी/एलसी के संबंध में रिपोर्ट तैयार करने की सुविधा है, ताकि पर्यवेक्षी अधिकारियों द्वारा बेहतर निगरानी और निर्धारित समय-सीमा का पालन किया जा सके।

शी-बॉक्स पोर्टल पर दर्ज की गई कोई भी शिकायत सीधे संबंधित कार्यस्थल के आईसी या जिले के एलसी के पास पहुंचती है, जैसा भी मामला हो। पोर्टल को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि यह गोपनीयता बनाए रखने के लिए शिकायतकर्ता के विवरण को छुपाता है। आईसी/एलसी के अध्यक्ष के अलावा कोई भी अन्य व्यक्ति दर्ज की गई शिकायत का विवरण या प्रकृति नहीं देख सकता है।

शी-बॉक्स पोर्टल का निर्माण ‘कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध एवं निवारण) अधिनियम, 2013’ के प्रावधानों के अनुसार किया गया है। अधिनियम के तहत जांच के लिए 90 दिन का समय निर्धारित है।

यह जानकारी आज महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर ने राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में दी।

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महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र योजना के अंतर्गत 31 अक्टूबर, 2024 तक 43,30,121 खाते खोले गए

महिलाओं और नाबालिग लड़कियों के लिए महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र योजना (एमएसएससी) ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के यादगार के रूप में 31 मार्च, 2023 को शुरू की गई थी। 31 अक्टूबर, 2024 तक इसके अंतर्गत 43,30,121 खाते खोले जा चुके हैं।

यह बात केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने आज राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कही।

सरकार ने इस योजना को आकर्षक ब्याज दर पर देश की महिलाओं की वित्तीय स्वतंत्रता को बढ़ावा देने और निर्धारित वित्तीय समावेशन के उद्देश्यों को प्राप्त करने में मदद करने के लिए शुरू किया था। इस महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र योजना के अंतर्गत खाता किसी महिला द्वारा स्वयं के लिए या किसी नाबालिग लड़की की ओर से अभिभावक द्वारा 31 मार्च, 2025 तक या उससे पहले खोला जा सकता है।

योजनाओं की कुछ प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  • यह खाता न्यूनतम जमा राशि ₹1000/- तथा अधिकतम जमा राशि ₹2 लाख के साथ दो वर्ष की अवधि के लिए खोला जा सकता है।
  • महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र योजना के लिए ब्याज दर 7.5 प्रतिशत प्रति वर्ष है जो तिमाही आधार पर संयोजित होकर खाते में जमा कर दी जाती है।
  • इस योजना के अंतर्गत अनुकंपा के आधार पर आंशिक निकासी और समयपूर्व बंद करने की सुविधा भी उपलब्ध है।

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“विज्ञान और प्रौद्योगिकी उन्नति ने स्वक्छ पर्यावरण के हमारे मौलिक अधिकार का उल्लंघन किया” विषय पर अंतरमहाविद्यालयी वाद- विवाद प्रतियोगि आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 5 दिसम्बर, एस एन सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज कानपुर के रसायन विज्ञान विभाग ने “ विज्ञान और प्रौद्योगिकी उन्नति में स्वक्छ पर्यावरण के हमारे मौलिक अधिकार का उल्लंघन किया है- विषय पर एक अंतरमहाविद्यालयी वाद- विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया । इस अवसर पर छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय से संबद्ध ११महाविद्यालयों की ३२ टीमो के ६४ प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया ।
कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय प्रबंध तंत्र के सचिव पी के सेन संयुक्त सचिव शुभ्रो सेन प्राचार्या प्रोफेसर सुमन , निर्णायक मंडल  श्रद्धा मिश्रा ,डिप्टी डायरेक्टर ,डी एम एस आर डी तथा डॉ गोवर्धन लाल ,जॉइंट डायरेक्टर ,डी एम एस आर डी कानपुर तथा रसायन विज्ञान की विभागाध्यक्ष प्रो गार्गी यादव ने माँ सरस्वती के माल्यार्पण तथा दीप प्रज्ज्वलित करके किया ।सभी छात्र छात्राओं ने अपने अपने विचार पक्ष और विपक्ष में अपने विचारों को व्यक्त करते हुए अपनी प्रतिभा का परिचय दिया ।श्री शुभ्रो जी ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए अच्छे वाद विवाद करने के गुर बताए । प्राचार्या प्रो सुमन ने सभी प्रतिभागियों का मनोबल बढ़ाते हुए भूरि भूरी प्रशंसा की ।मंच संचालन बी एस सी तृतीय वर्ष की सृष्टि जायसवाल तथा माही तिवारी ने किया ।निर्णायकों के निर्णय लेने के अंतराल में महाविद्यालय की छात्राओं ने पर्यावरण संरक्षण पर एक लघु नाटिका और नृत्य का प्रदर्शन किया ।
विजयी टीमों को पुरस्कृत मंचासीनअतिथियों किया ने किया । प्रतियोगिता का निर्णय इस प्रकार रहा-
प्रथम -सिमोन तथा मौलश्री ए एन डी महाविद्यालय

द्वितीय -चित्रांशी शुक्ला तथा ग्वाँशी पटेल , ब्रह्मावर्त पी जी कॉलेज,मधना

तृतीय – माही तथा ख़ुशी ,डॉ वी एस ई सी

सांत्वना – निहारिका तथा सुहावनी कौर, जागरण कॉलेज
मीडिया प्रभारी डॉ प्रीति सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कार्यक्रम में डा अलका टंडन ,डॉ निशा वर्मा, डॉ रचना निगम डॉ शुभा बाजपेयी सहित महाविद्यालय के सभी शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे ।

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एस एन सेन बालिका महाविद्यालय में संविधान दिवस स्वतंत्रता के अमृत काल के अवसर कार्यक्रम आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 26 नवम्बर एस एन सेन बालिका महाविद्यालय में संविधान दिवस स्वतंत्रता के अमृत काल के अवसर पर तीन कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा इस दिवस का उद्घाटन महाविद्यालय की छात्राओं को शपथ दिलाकर किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा पोस्टर प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें “संविधान की उपयोगिता” “हमारा संविधान हमारा स्वाभिमान” विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के द्वारा किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या ने मुख्य वक्ता का स्वागत करते हुए छात्राओं को संविधान के विषय में अध्ययन करने के लिए प्रेरित किया। मुख्य वक्ता अरमापुर पीजी कॉलेज के राजनीति शास्त्र विभाग में सहायक आचार्य डॉक्टर धीरेन्द्र कुमार दोहरे ने संविधान की भारतीय जनमानस के लिए उपयोगिता पर प्रकाश डाला था संविधान का गहन अध्ययन करने के लिए छात्राओं को प्रेरित किया। मीडिया प्रभारी डॉ प्रीति सिंह ने बताया कि इस अवसर पर मुख्य वक्ता द्वारा प्राचार्या प्रो सुमन को संविधान की प्रति भेंट की गई। धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम प्रभारी राजनीति शास्त्र विभाग की प्रभारी डॉ रश्मि गुप्ता द्वारा किया गया। कार्यक्रम में सभी शिक्षिकाएं व छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

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दयानंद गर्ल्स पी जी कॉलेज में मनाया गया संविधान दिवस शपथ एवं अन्य गतिविधियों के साथ

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 26 अक्टूबर, दयानंद गर्ल्स पी जी कॉलेज, कानपुर में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई, राजनीति विज्ञान विभाग, इतिहास विभाग एवम् चित्रकला विभाग के संयुक्त तत्वावधान में संविधान दिवस मनाया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही द्वारा संविधान शपथ दिलवाई गई। छात्राओं के मध्य संविधान के प्रति जानकारियां एवं जागरूकता लाने हेतु इस अवसर पर अन्य गतिविधियों में भाषण प्रतियोगिता, पोस्टर प्रतियोगिता तथा रंगोली प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। समस्त कार्यक्रमों में 100 से अधिक छात्राओं ने प्रतिभाग किया। महाविद्यालय प्राचार्या प्रो वंदना निगम ने संविधान दिवस के अवसर पर छात्राओं के द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हें अपनी शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रो पप्पी मिश्रा, प्रो अभिलाष गौर, प्रो शिखा पांडे, प्रो उपासना वर्मा, प्रो शुभम शिवा, डॉ पूजा श्रीवास्तव, डॉ आभा पांडे, डॉ ज्योत्सना पांडे, श्री कृष्णेंद्र श्रीवास्तव आदि सभी का विशेष योगदान सराहनीय रहा।

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एन. सेन. बी. वी. पी. जी. कॉलेज की छात्रा ने “संस्कृत प्रतिभा खोज २०२४” के उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान राज्य स्तरीय प्रतियोगिता २०२४ में भाग लिया

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर एस. एन. सेन. बी. वी. पी. जी. कॉलेज कानपुर की छात्रा ने “संस्कृत प्रतिभा खोज २०२४” के उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ (भाषा विभाग उत्तर प्रदेश शासनाधीन) राज्य स्तरीय प्रतियोगिता २०२४ में प्रतिभाग किया। यह प्रतियोगिता उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान, नया हैदराबाद लखनऊ में आयोजित हुई। प्रतिभाग करने वाली छात्रा सलोनी राव (पंचम सेमेस्टर) की थी। छात्रा ने संस्कृत भाषा प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया। प्रतियोगिता का उद्देश्य (संस्कृत भाषा संस्थान लखनऊ) संस्कृत प्रतिभा खोज थी। प्रबंध तंत्र समिति के अध्यक्ष श्री प्रवीण कुमार मिश्रा, सचिव श्री प्रोवीर कुमार सेन, संयुक्त सचिव श्री शुभ्रो सेन, प्राचार्या प्रोफेसर सुमन जी का सहयोग रहा। आपका प्रोत्साहन छात्राओं को समय समय पर मिलता रहा। संस्कृत विभाग डॉ आराधना द्विवेदी ने छात्रों को प्रतियोगिता में निर्देशित किया

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55वें आईएफएफआई में आयोजित पहली पैनल चर्चा में महिला सुरक्षा और सिनेमा पर चर्चा की गई

55वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) की पहली पैनल चर्चा आज महिला सुरक्षा और सिनेमा पर बातचीत के साथ शुरू हुई। प्रसिद्ध अभिनेत्री और निर्माता वाणी त्रिपाठी टिक्कू द्वारा संचालित इस सत्र में फिल्म निर्माता इम्तियाज अली, अभिनेत्री सुहासिनी मणिरत्नम, खुशबू सुंदर और भूमि पेडनेकर सहित पैनलिस्ट एक साथ आए। उन्होंने फिल्म उद्योग में महिलाओं की सुरक्षा, लैंगिक प्रतिनिधित्व और सामाजिक मूल्यों को आकार देने में सिनेमा की भूमिका से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की।

पैनलिस्टों ने व्यक्तिगत अनुभव और सोच साझा की कि कैसे फिल्म उद्योग महिलाओं को पर्दे पर और पर्दे के पीछे बेहतर तरीके से समर्थन कर सकता है और सशक्त बना सकता है। उन्होंने एक सुरक्षित वातावरण को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया जहां सिनेमा में महिलाएं उत्पीड़न या शोषण की चिंता किए बिना स्वतंत्र रूप से काम कर सके।

चर्चा का एक महत्वपूर्ण भाग इस बात पर केंद्रित था कि अगर कोई अपराधी पहचाना जाता है तो फिल्म सेट को किस तरह से पेश आना चाहिए। पैनलिस्ट इस बात पर सहमत हुए कि कार्यस्थल पर लैंगिक अन्याय के प्रति सहनशीलता अब स्वीकार्य नहीं है। सुहासिनी मणिरत्नम ने अपना अनुभव साझा किया कि कैसे पुरुष अभिनेता अक्सर सेट पर आते हैं और दृश्यों में बदलाव का सुझाव देते हैं ऐसा महिलाओं के साथ शायद ही कभी होता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को भी अपने दृश्यों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और अपने प्रतिनिधित्व में निष्क्रिय भागीदार बनने के बजाय बातचीत शुरू करनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि उद्योग के पेशेवरों के लिए क्षेत्र में प्रवेश करने से पहले कार्य संबंधी नैतिकता को समझना आवश्यक है।

इम्तियाज अली ने एक ऐसा कार्य संस्कृति बनाने के महत्व पर जोर दिया जहां सेट पर महिलाएं केवल कला पर ध्यान केंद्रित कर सकें बिना इस बात की चिंता किए कि उनके साथ कैसा व्यवहार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माता सेट पर लैंगिक अन्याय के प्रति सहनशील नहीं हो सकते हैं।

इस बातचीत में फिल्मों में महिलाओं के चित्रण और यह कैसे उनके लिए एक सुरक्षित स्थान के निर्माण को सीधे प्रभावित करता है इस पर भी चर्चा हुई। भूमि पेडनेकर ने इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं की गरिमा और उन्हें पर्दे पर जिस तरह से दिखाया जाता है वह एक सम्मानजनक और सशक्त वातावरण बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

खुशबू सुंदर ने कहा कि उनका ध्यान मनोरंजक फिल्में बनाने पर है, लेकिन वह ऐसा जिम्मेदारी से करती हैं यह सुनिश्चित करते हुए कि उनके काम में समानता और सम्मान के सिद्धांतों से समझौता न हो। पैनलिस्ट सामूहिक रूप से इस बात पर सहमत हुए कि महिलाओं को गरिमा के साथ चित्रित करना केवल चरित्र के बारे में नहीं है, बल्कि बड़े पैमाने पर उद्योग के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करने के बारे में है।

चर्चा में दर्शकों ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया। दर्शकों ने सिनेमा में महिलाओं की उभरती भूमिका और कैसे उद्योग उनकी सुरक्षा या गरिमा से समझौता किए बिना उन्हें सफल होने के लिए जगह बनाना जारी रख सकता है इस बारे में सवाल पूछे।

आईएफएफआई 2024 के पहले पैनल के रूप में, इस बातचीत ने एक ऐसे उत्सव की शुरुआत की, जो न केवल सिनेमा की कला का उत्सव मनाता है बल्कि सभी के लिए एक सुरक्षित, अधिक समावेशी भविष्य को आकार देने में उद्योग की जिम्मेदारी की भी आलोचनात्मक जांच करता है।

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भारतीय ज्ञान परंपरा : राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विशेष सन्दर्भ में ‘ विषय पर प्रतियोगिता आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर एस.एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज कानपुर के शिक्षाशास्त्र विभाग के द्वारा दिनाँक 19-11-2024, मंगलवार को शिक्षाशास्त्र विभाग द्वारा ‘भारतीय ज्ञान परंपरा : राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विशेष सन्दर्भ में ‘ विषय पर छात्राओं हेतु पी. पी. टी. प्रेजेंटेशन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया|विभागीय प्रतियोगिता कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्या प्रोफेसर सुमन, समाजशास्त्र विभाग की वरिष्ठ आचार्या प्रो. रेखा चौबे, मुख्य कुलानुशासिका कैप्टन ममता अग्रवाल, शिक्षा शास्त्र विभागाध्यक्षा प्रो. चित्रा सिंह तोमर, प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में सम्मिलित- IKS प्रभारी प्रो. मीनाक्षी व्यास, दर्शन शास्त्र विभागाध्यक्षा प्रो. किरन व्योम तथा शारीरिक शिक्षा विभागाध्यक्षा प्रो. प्रीती पांडेय जी ने सरस्वती प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन तथा माल्यार्पण के साथ किया| उपस्थित शिक्षिकाओं ने सरस्वती माँ के चरणों में पुष्प अर्पित किए। अतिथि स्वागत परंपरा के उपरान्त, प्रो. चित्रा सिंह तोमर ने विषय प्रवर्तन करते हुए विस्तार से NEP 2020 के परिप्रेक्ष्य में भारतीय ज्ञान परंपरा के सूक्ष्म बिंदुओं पर प्रकाश डाला तथा छात्राओं का मार्गदर्शन किया| प्राचार्या प्रो. सुमन ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ मे मस्तिष्क, शरीर, आत्मा के सामंजस्य की भारतीय ज्ञान में उपादेयता स्पष्न्ने भारतीय ज्ञान के आधुनिक स्वरूप को भारत की नई पीढ़ी के उज्जवल भविष्य के लिए आवश्यक बताया। छात्राओं के उत्तम प्रयास की सराहना करते हुए IKS पर कार्यक्रम हेतु शिक्षाशास्त्र विभाग को शुभकामनाएं भी दीं।

प्रतियोगिता में शिक्षा शास्त्र विभाग की 13 छात्राओं ने वैदिक शिक्षा, मूल्य शिक्षा, वेदांत दर्शन, भारतीय ज्ञान परंपरा, भगवद गीता, भारतीय शैक्षिक विचारक- राजा राम मोहन राय, ईश्वर चंद विद्यासागर, महर्षि दयानन्द सरस्वती, स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी, अरबिंदो, आदि संबंधित विषयों पर PPT Presentation किया। निर्णायक मंडल में प्रो. किरन ने छात्राओं को मूल्य शिक्षा, आध्यात्मिक उत्थान, चारित्रिक विकास हेतु सोशल मीडिया से दूर रहने तथा अच्छी सन्दर्भ पाठ्य पुस्तकों को पढ़ने की सलाह दी। प्रो. मीनाक्षी व्यास ने ‘सा विद्या वा विमुक्तये’ की अवधारणा को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में स्पष्ट किया। उन्होंने परिवर्तन को गतिमान रहने के लिए आवश्यक बताया। प्रो. प्रीती पांडेय ने प्रत्येक प्रतिभागी छात्रा के PPT Presentation की तकनीकी बारीकियों को प्रभावशाली तरीके से स्पष्ट किया तथा भविष्य में अच्छे PPT Presentation बनाने के लिए उन्हें सुझाव भी दिए। प्रतियोगिता का निर्णय निम्नवत रहा-

प्रथम स्थान- आयुषी बाजपेई
द्वितीय स्थान- पावनी पांडेय
तृतीय स्थान- अंशिका कन्नौजिया
सान्त्वना पुरुस्कार- मुस्कान द्विवेदी

मंच संचालन डाॅ. ऋचा सिंह ने किया। कैप्टन ममता अग्रवाल ने नई तकनीकी के प्रयोग हेतु छात्राओं को प्रोत्साहित किया। प्रो. अलका टंडन, प्रो. निशा वर्मा,डॉ. मोनिका सहाय, डाॅ. प्रीति सिंह,डॉ. पूजा गुप्ता, डॉ. कोमल सरोज, डॉ. शिवांगी यादव, डॉ. अमिता सिंह ने कार्यक्रम के आरंभ से अंत तक उपस्थित रहकर छात्राओं को निरंतर प्रोत्साहित किया। सभी शिक्षिकाओं की कार्यक्रम में उपस्थिति ने छात्राओं का मनोबल बढ़ाया।

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शासन के दिशा निर्देशानुसार छात्राओं को व्यवसाय जगत की जानकारी देने हेतु कैरियर काउंसलिंग वार्ता आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर एस.एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज तथा सी.एस.जे.एम.यू. कानपुर की सेवायोजन प्रकोष्ठ द्वारा संयुक्त रूप से एस.एन.सेन महाविद्यालय में शासन के दिशा निर्देशानुसार छात्राओं को व्यवसाय जगत की जानकारी देने हेतु एक कैरियर काउंसलिंग वार्ता तथा ऑल डिजी टेक्नोलॉजी कंपनी, नोएडा के द्वारा रोजगार लिए प्लेसमेंट- ड्राइव का आयोजन किया गया, जिसमें छात्राओं ने रूचि दिखाते हुए बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। प्रशिक्षण अवधि के पश्चात वेतन बढ़ने के आकर्षण ने छात्राओं को उत्साहित एवं उल्लासित किया। कार्यक्रम के विधिवत् शुभारंभ के पश्चात, प्राचार्य प्रो. सुमन, सेवायोजन प्रकोष्ठ सह प्रभारी प्रो. निशा वर्मा, तथा चीफ प्रॉक्टर कप्तान ममता अग्रवाल ने, विश्वविद्यालय के इंक्यूबेशन सेल से आए हुए प्रतिनिधि अनिल कुमार त्रिपाठी एवं ऑल डिजी टेक्नोलॉजी कंपनी के एच.आर श्री अभिषेक प्रताप सिंह का स्वागत किया। अनिल कुमार त्रिपाठी जी ने छात्राओं को कम्युनिकेशन स्किल्स , कंप्यूटर ज्ञान, स्टार्ट अप में इनोवेशन की आवश्यकता इत्यादि के बारे में जानकारी साझा की। अगले कार्यक्रम में ऑल डिजी टेक्नोलॉजी कंपनी से आए हुए एच.आर, श्री अभिषेक प्रताप सिंह एवं उनकी टीम द्वारा छात्राओं का साक्षात्कार लिया गया जिसमें 100 छात्राओं ने प्रतिभाग किया। सभी वक्ताओं ने छात्राओं की कैरियर संबंधी समस्याओं का समाधान किया।
महाविद्यालय सेवायोजन प्रकोष्ठ के सदस्यों डॉ.कोमल सरोज, डॉ. अनामिका, श्वेता रानी ने कार्यक्रम के आयोजन में सक्रिय सहयोग प्रदान किया।

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भगवान बिरसा मुंडा जयंती – जनजातीय गौरव दिवस पर आयोजित हुई विभिन्न प्रतिस्पर्धाएं

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर, दयानंद गर्ल्स पी जी कॉलेज, कानपुर में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई की कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही के निर्देशन में भगवान बिरसा मुंडा जयंती – 2024 “जनजातीय गौरव दिवस” के उपलक्ष में छात्राओं एवं युवाओं में भगवान बिरसा मुंडा के जीवन एवं भारतीय स्वतंत्रता संग्राम तथा जनजातीय विकास में उनके योगदान के संबंध में जागरूकता लाने एवं व्यापक प्रचार प्रसार करने के उद्देश्य से विभिन्न प्रतिस्पर्धाएं आयोजित की गई जिनमें भाषण प्रतियोगिता, कविता पाठ गीत, निबंध लेखन आदि प्रमुख रहे। इस कार्यक्रम में कुल 50 एन एस एस वॉलिंटियर्स ने उमंग एवं उत्साह के साथ हिस्सा लिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय नॉलेज इंस्टीट्यूशन की प्रभारी डॉ ज्योत्सना पांडे, एनसीसी इंचार्ज प्रोफेसर शुभ्रा राजपूत तथा रेंजर्स सह-प्रभारी श्रीमती श्वेता गोंड का विशेष योगदान रहा।

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