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महिला जगत

एस.एन. सेन बी.वी.पी.जी.कॉलेज में प्रासंगिक विषय “उच्च शिक्षा पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का प्रभाव: चुनौतियां एवं समाधान” पर अन्तरविभागीय संगोष्ठी आयोजित

कानपुर 13 फरवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता,एस.एन. सेन बी.वी.पी.जी.कॉलेज के शिक्षाशास्त्र, मनोविज्ञान, शारीरिक शिक्षा तथा दर्शनशास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आज दिनाँक 13-02-2024 को एक प्रासंगिक विषय ” उच्च शिक्षा पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का प्रभाव: चुनौतियां एवं समाधान” पर अन्तरविभागीय संगोष्ठी का शुभारंभ प्राचार्य प्रो. सुमन, प्रो. चित्रा सिंह तोमर, डाॅ. मोनिका सहाय तथा अतिथियों ने सरस्वती प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ पुष्प अर्पित कर किया | संगोष्ठी में विभिन्न विभागों की लगभग 20 छात्राओं ने अपना लेख प्रस्तुत किया | कार्यक्रम के माध्यम से छात्राओं ने अपने शैक्षिक अनुभव साझा किए जिसमें चुनौतियां तथा समस्या ज्यादा थीं और समाधान ना के बराबर| संगोष्ठी के मुख्य बिंदु व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का व्यावहारिक कार्यान्वयन आशा अनुरूप ना होना, कार्यभार के अनुरूप शिक्षकों की नियुक्ति, शिक्षकों का बढ़ता कार्यभार, महाविद्यालय में सीखने के लिए आवश्यक संसाधनों का अभाव, पाठयक्रम तथा परीक्षाओं का बढ़ता दबाव, कम समय, सभी छात्राओं को एक समान अंक देकर परीक्षा परिणाम अच्छा करने की परंपरा का प्रादुर्भाव, विद्यार्थियों की अधिगम में घटती रूचि, शिक्षकों का किसी भी नीति के क्रियान्वयन में महत्व तथा कक्षा में घटती छात्र संख्या, अंकों का बढ़ता महत्व तथा ज्ञान का अर्जन ना होना आदि पर विचार विमर्श किया गया| प्राचार्य ने छात्राओं के विचारों की अभिव्यक्ति की सराहना करते हुए उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया |

विषय विशेषज्ञों के रूप में प्रो. अल्का टण्डन, प्रो. गार्गी यादव, कैप्टन ममता अग्रवाल ने छात्राओं का मार्गदर्शन किया | डाॅ. प्रीति सिंह, श्रीमती ऋचा सिंह, डाॅ. संगीता सिंह, डाॅ. अनामिका, डाॅ. शिवांगी यादव, श्रीमती अमिता सिंह, सुश्री प्रीति यादव आदि शिक्षिकाओं ने अपनी उपस्थिति से छात्राओं का उत्साहवर्धन किया |

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डी जी कॉलेज के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने एक दिवसीय शिविर में सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाया

कानपुर 12 फरवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई, डी जी कॉलेज, कानपुर द्वारा अधिग्रहित मलिन बस्ती अस्पताल घाट में आयोजित एक दिवसीय शिविर के अंतर्गत सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाया गया। महाविद्यालय की कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही ने बताया कि इस एक दिवसीय शिविर में प्रथम सत्र के दौरान सर्वप्रथम प्राचार्या प्रो अर्चना वर्मा जी ने झंडी दिखाकर रैली को रवाना किया। जिसमें में छात्राओं ने विभिन्न नारे एवं स्लोगन तथा सड़क सुरक्षा पखवाड़े के अंतर्गत बनाए गए पोस्टर्स के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाकर बस्ती वासियों तथा सड़क पर वाहन चलाने वाले लोगों को यातायात के नियमों एवं रोड सेफ्टी चिन्हों से अवगत कराया गया। जो लोग दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट का प्रयोग नहीं कर रहे थे अथवा तीन लोग एक साथ वाहन पर चल रहे थे उन्हें रोक कर सही नियमों की जानकारी दी गई तथा उन्हें हेलमेट लगाने के फायदे बात कर हेलमेट लगवाया गया।
द्वितीय सत्र में स्वल्पाहार के पश्चात छात्राओं के द्वारा परंपरागत खेलों में खो-खो आदि खेले गए तथा कविताएं व गीत भी प्रस्तुत किए गए।
प्राचार्या जी के द्वारा अपने वक्तव्य में छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा जीवन अत्यधिक अनमोल है। दुर्घटना किसी एक के साथ होती है परंतु उसका खामियाजा पूरे परिवार को भुगतना पड़ता है। अतः हमें लापरवाही, जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए तथा सड़क पर वाहन चलाते समय यातायात के नियमों का पालन करने का विशेष ध्यान देना चाहिए। महाविद्यालय की सेल्फ फाइनेंस डायरेक्टर प्रो वंदना निगम ने छात्रों के द्वारा समय-समय पर चलाए जाने वाले सड़क सुरक्षा अभियान की अत्यधिक सराहना की। इस शिविर में राष्ट्रीय सेवा योजना की वॉलिंटियर्स ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। जिनमें प्रमुख रूप से दिव्या, मुस्कान वर्मा, आकांक्षा यादव, एलिना एवम् जैनब आदि की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही।

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एस एन सेन बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज में वाद विवाद प्रतियोगिता आयोजित

कानपुर 12 फरवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज में वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन समाजशास्त्र विभाग,अर्थशास्त्र व राजनीति विज्ञान द्वारा किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य डॉ सुमन द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण से हुआ। कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉक् मीनाक्षी व्यास ने छात्राओं को वाद-विवाद प्रतियोगिता जिसका शीर्षक था ऑनलाइन शिक्षण बनाम ऑफलाइन शिक्षण में छात्राओं को वक्तव्य देने के लिए आमंत्रित किया। वाद विवाद प्रतियोगिता एम ए की छात्राएं जैसे उन्नति तिवारी शिखा गुप्ता प्रगति द्विवेदी सबा परवीन महिमा यादव संजौली गुप्ता आदि छात्राओं ने प्रति भाग किया। प्राचार्या डॉक्टर सुमन ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कार्यक्रम को रचनात्मक बताया तथा कहा कि आधुनिक काल में दोनों ही शिक्षण पद्धतियों का समान महत्व है। समाजशास्त्र विभाग की विभागाध्याक्षा डॉ निशि प्रकाश ने छात्राओं के इस कार्यक्रम उनके प्रतिभागिता की सराहना करते हुए सीखने की प्रक्रिया को सर्वाधिक महत्वपूर्ण बताया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ रश्मि गुप्ता द्वारा दिया गया कार्यक्रम में डॉ रेखा चौबे, डॉ अलका टण्डन डॉ निशा वर्मा डॉ चित्रा सिंह डा प्रीति सिंह डा प्रीता अवस्थी डॉ रिचा सिंह डॉ संगीता सिंह आदि उपस्थित रहे।

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विद्या मंदिर महिला महाविद्यालय में “भारत की संकल्पना 2024” पर पोस्टर प्रतियोगिता एवं *जनसामान्य मुद्दे एवं समस्याओं* विषय पर चर्चा आयोजित

कानपुर 12 फरवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, विद्या मंदिर महिला महाविद्यालय ,स्वरूप नगर के समाजशास्त्र विभाग द्वारा *” भारत की संकल्पना #2024″* पर पोस्टर प्रतियोगिता एवम *जनसामान्य मुद्दे एवम समस्याओं* विषय पर चर्चा का आयोजन किया गया। जिसमें छात्राओं ने बहुत ही उत्साह के साथ प्रतिभाग लिया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्राचार्या प्रो पूनम विज़ ने बताया कि प्रत्येक बालिका को शिक्षा का अधिकार प्राप्त होना चाहिए है, जो उसका मौलिक अधिकार है । 2047 तक बालिका शिक्षा के क्षेत्र में विश्व में भारत का प्रथम स्थान होगा ऐसा हमारी आशा है। कार्यक्रम प्रभारी डॉ पूर्णिमा शुक्ला ने कहा कि समाज में समता का सशक्त माध्यम मात्र शिक्षा है अतः यदि समाज में समता को लाना है तो सभी को शिक्षित होना होगा। शिक्षा की नीतियां सभी वर्गों को ध्यान में रखकर, समुचित विकास करने वाली होनी चाहिए। इस कार्यक्रम में पोस्टर प्रतियोगिता का निर्णय, निर्णायक मंडल कानपुर विद्या मंदिर बालिका इंटर कॉलेज की शिक्षिका श्रीमती प्रगति राठौर एवम नीलम मिश्रा द्वारा दिया गया। जिसमें प्रथम स्थान रिया गुप्ता, द्वितीय स्थान स्नेहा बेनवांशी, तृतीय स्थान आशिका गौतम तथा सांत्वना पुरस्कार सौम्या मैसी ने प्राप्त किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन छात्रा सौम्या मैसी एवम रागिनी वर्मा द्वारा तथा संयोजन डॉ पूर्णिमा शुक्ला, विभाग अध्यक्ष समाजशास्त्र विभाग के निर्देशन में छात्राओं अनाया कश्यप,सौम्या गुप्ता, निधि, शिवानी कॉल, शिवांगी त्रिपाठी ,खुशबू गुप्ता एवं प्रज्ञा द्वारा किया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय में उपस्थित सभी शिक्षिकाएं तथा प्रतिभागी छात्राएं उपस्थित रहीं।

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एस एन सेन बालिका महाविद्यालय में पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन आयोजित

कानपुर भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन बालिका महाविद्यालय के विज्ञान संकाय ने पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन की प्रतियोगिता का आयोजन किया। प्राचार्या प्रो सुमन , रसायन विज्ञान की विभागाध्यक्ष प्रो गार्गी यादव , वनस्पति विज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ प्रीति सिंह तथा मुख्य अनुशासक कप्तान ममता अग्रवाल ने दीप प्रज्वलित करके किया ।
प्राचार्या डॉ सुमन ने छात्राओ का उत्साह वर्धन करते ह्यूज उनको पीपीटी की उपयोगित बतायी और शैक्षिक गतिविधियों में अधिकाधिक प्रतिभाग के लिए प्रेरित किया बी एस सी प्रथम द्वितीय एवं तृतीय वर्ष की छात्राओ ने प्रतिभाग किया और Black hole, Pedigree analysis,DNA structure,Plant movement,Digestive system of humans,Nuclic acid आदि विषयों पर अपने प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किए । निर्णायक मंडल में डॉ शैल बाजपेयी तथा डॉ समीक्षा सिंह रहे ।कु श्रृष्टि राजपाल प्रथम , कु अंशिका चौरासिया द्वितीय तथा कु आफ़रीन तृतीय रही । महाविद्यालय के समस्त शिक्षक गण एवं विषय से संबंधित छात्रायें उपस्थित रहे।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज में मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज द्वारा “प्लेसमेंट ड्राइव” अयोजित

कानपुर 11 फरवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, क्राइस्ट चर्च कॉलेज परिसर में मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड द्वारा” प्लेसमेंट ड्राइव” कार्यक्रम, महाविद्यालय के कैरियर काउंसलिंग सेल द्वारा अयोजित किया गया।मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड की ओर से सोनू वर्मा ( ब्रांच हेड कानपुर), उपेंद्र सिंह (एच.आर.), शोभित और ऐश्वर्या(टीम लीड)के नेतृत्व में पहले चरण का साक्षात्कार किया गया, साथ ही उन्होंने बताया कि वे सब इसी प्रकार से प्रतिभागियों का मार्ग दर्शन आगे भी करते रहेंगे जो कि उनके भविष्य के लिए अत्यंत फलदायी होगा ,
इस सत्र में महाविद्यालय के स्नातक अंतिम वर्ष तथा परास्नातक के कुल 86 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग लिया , जिसमे से पहले चरण के साक्षात्कार के लिए 27 छात्र-छात्राओं को चयनित किया गया।
सभी प्रतिभागियों ने अपने कौशल के अनुसार साक्षात्कार में अपना बेहतर प्रदर्शन किया और इसे प्लेसमेंट की दिशा में एक शुभ अवसर बताया ।
सत्र में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. जोसेफ डेनियल के मार्गदर्शन में किया गया। कॅरियर काउंसलिंग सेल की संयोजिका प्रो. मीत कमल तथा अन्य स्टाफ प्रो. ज्योत्षना लाल,अंकिता ब्रगेंज़ा, आशीष दुबे,अरुनेश शुक्ला, तथा छात्र प्रतिनिधि सुंदरम मिश्रा, वैष्णवी, अनंत, उज्जवल, ,अंजलि, अभिषेक, यश, एवम महाविद्यालय के विद्यार्थी मौजूद रहे सभी ने इस सत्र को अत्यंत प्रभावपूर्ण बताया।

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तालाश उसकी.. जो रूह को छुए

न ही मोहताज हूँ मैं…
और .. न ही आरज़ू है कोई..
कि वो मुझे गुलाब देता …
बेहतरीन सौग़ातों से नवाज़ा हुआ है उसने मुझे …
शिद्दत दी ..
लम्हे दिये..
यादे दी ..
इन्तज़ार दिया ..
उसपर वो ..
उसका
बेशक़ीमती इश्क़ जो
आज भी
मेरी रूह को
महका रहा है
🌹♥️🌹♥️
ये फूल है .. या फिर तेरा ख़याल .. जिसे छूते ही ..महक जाती हूँ मैं .,

दोस्तों !
वैलेण्टाइन बहुत ख़ास दिन होता है उन लोगों के लिए जो प्यार का इज़हार करना चाहते हैं मेरे हिसाब से प्यार बताने की ..या जताने की चीज है ही नहीं .. इसे दिल और रूह अपने आप ही महसूस कर लेती है …
वैलेण्टाइन पर कुछ शेयर करना चाहती हूँ आप सब से .. 🙏

आज सब कन्फ़्यूज है सोचते हैं उन्हें मोहब्बत हो गई है..मगर कई बार वो महज़ एक आकर्षण या फिर ज़रूरत से बढ़ कर कुछ भी नहीं ..मोहब्बत तो इक पाक जज़्बा है जो सिर्फ़ इक बार ही होती है बार बार नही .. मगर लोगों का कहना है कि ये कभी भी हो सकता है।
..असल में ..ये एक अनियंत्रित मन की अवस्था है जिसे अपने मन पर ..इन्द्रियों पर कंट्रोल नही ।
हम सब…दोस्तों से
रिश्तेदारों से ..
बच्चों से और माँ बाप से करते है।
मगर हर प्यार मे फ़र्क़ होता है ..
शिद्दत का ..
तासीर का ..
केवल एक प्यार ,एक सम्बन्ध जो हमे सकून देता है जिसका सम्बंध हमारे जिस्म और रूह के साथ होता है वो एक ही हो सकता है ।
हमारे ऋषि मुनि कहा करते थे घर में रह कर ही ..
सब भोगों को ..भोग सकते है
भोगों को भोगते भोगते मन विरक्त होने लगता है .. और हम विरह की ओर चल पढ़ते हैं ।
विरह बहुत क्षरेठ अवस्था है जो इन्सान को भगवान की ओर ले जाने में सहायक होती है ..

जब इन्सान जीवन भोग चुकता है कुछ समय पश्चात कहने लगता है अब वो चीज़ नहीं रही ..चाहे वो रिश्ता हो या दुनियादारी हो ।
तब इन्सान उदासीनता को महसूस करने लगता है तो ऐसे मे ध्यान भटकता है यानि इधर उधर जाता है

जब कि वो ही अवस्था होती है जब हम अपने असली उद्देश्य की तरफ़ चल सके जिस कारण हम देह में आये हैं इक उम्र के बाद सहज होना .. रूक जाना और गहरा सोचना ज़रूरी है जो हम सब नहीं कर रहे ।
आज के दौर में लोग शादी को ले कर भी बड़े कन्फ़्यूज.है हर कोई यही चाहता कि उसकी शादी बड़े घर में हो … पैसे वाले के साथ हो .. जब कि हम सब जानते हैं कि पैसा हमें वो सुख नहीं दे सकता जिसे हम सकून कहते है।

दोस्तों !
लोगों की सूरतों पर न जा कर बल्कि दिल और संस्कारों को परखना लेना।
जीवन साथी पोटेन्षियिलटी …क्षमताओं .. और
क़ाबलियत के हिसाब से ही ढूँढना।याद ये भी रखना ..हर इन्सान पहले थोड़े से ही शुरू करता है फिर आगे बढ़ता है।जिन को पहले से ही सब बना बनाया मिल जाता है उनकी अपनी.. क्या क़ाबलियत हो सकती है। इन्सान वही है जो खुद खड़ा हो कर.. अपना रास्ता बनाता है गिर गिर कर संभलने वाला इन्सान ही असल मे सफल कहलाने के काबिल है ।

किसी ऐसे की तालाश…जो सिर्फ़ आप ही का हो .. जिसमें मर्यादा हो।
किसी ऐसे की तालाश.. जो तुम्हारी रूह को महका दे।

पैसा तो वक़्त के साथ बन भी जाता है और कई बार आप को दुख दे चला भी जाता है..देखा जा रहा है ..कई बार बच्चों की ..जहां शादियाँ हो रही होती है ..वहाँ सिर्फ़ पैसा ही पैसा होता है मगर सच्चाई ,लौयलटी ..,प्यार बिलकुल नहीं होते।लोग एक दूसरे से बहुत जल्दी ऊब रहे है ।
हर चीज़ की तरह ..उन्हें रिश्तो मे भी वैरायइटी चाहिए होती है।
यही वजह है कि लोग अपने रिश्तो मे ज़्यादा देर तक ख़ुश नहीं रह पा रहे ..और फिर शुरू हो जाती है किसी और की तालाश …जो लोगों के घुटन और डिप्रेशन की ख़ास वजह बन रही हैं समाज में।
दोस्तों ।
आज के दौर में प्यार जिस्मों तक ही सीमित है, जो बेहद अफ़सोस की बात है …इन्सान उस जिस्म की चाह में रहता है जो ख़त्म हो जायेगा ..किसी को अगर अपना बनाने की चाह हो, तो कोशिश करो कि उसकी रूह को छू पाओ या कोई …तुम्हारी रूह को छू पाये …जो वाक़ई में तुम्हारे सकून का सबब होगा ..सच्चे प्यार की तलाश अगर है तो पहले खुद सच्चा बनना पढ़ता .. अगर सीता जैसा पार्टनर चाहिए तो खुद को राम बनाना होगा ..केवल यही एक रास्ता है
जो आप को सकून की ओर ले जायेगा 🙏🌹

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एस ऍन सेन बी वी पी जी कॉलेज द्वारा मतदाता जागरुकता विषय पर एक-दिवसीय शिविर आयोजित

कानपुर 7 फरवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस ऍन सेन बी वी पी जी कॉलेज की एन एस एस इकाई द्वारा मतदाता जागरुकता विषय पर एक-दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का शुभ आरम्भ महाविद्यालय में ऍन एस ऐस यूनिट की स्वयंसेविकाओं द्वारा स्लोगन के द्वारा किया गया एवम ऍन एस एस प्रभारी प्रोफ चित्रा सिंह तोमर ने मतदाता जागरुकता पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया जिसमें महाविद्यालय की सब शिक्षिकाओं ने तथा छात्राओं ने भी प्रतिभाग किया । इसके पश्च्यात स्वयंसेविकाओं ने रैली निकल कर मतदाता जागरुकता के विषय में आम नागरिकों को जागरूक किया साथ ही गॉड ली हुई बस्ती ‘छोटी बीवी का हाता’ के प्रत्येक घर में जाकर महिलाओं, पुरुषों व युवाओं को मतदान के विषय में जानकारी प्रदान की तथा उन्हें मतदान के महत्व को समझाते हुए मतदान करने के लिए प्रेरित किया। शिविर का समापन महाविद्यालय में प्राचार्य प्रो. सुमन के स्वयंसेविकाओं को दिए गए मार्ग दर्शन के द्वारा किया गया । इस अवसर पर ऍन सी सी की इकाई प्रमुख डॉ प्रीति यादव भी सक्रिय रूप से उपस्थित रहीं । एवम शिविर का सफलतापूर्वक संचालन ऍन एस एस कार्यक्रम अधिकारी प्रो. चित्रा सिंह तोमर ने किया।

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तंत्र छोटे से शब्द की बड़ी कहानी…

तंत्र छोटे से शब्द की बड़ी कहानी भाग 10
जय श्री महाकाल
आज हम जानेंगे कन्फ्यूजन स्पेल/ इल्यूजन स्पेल
इल्यूजन स्पेल का अर्थ है विभभ्र्म, भ्रम, जा ल, मिथ्या भ्रांति या माया
इस क्रिया में इंद्रियों से प्राप्त ज्ञान में गड़बड़ ( अ सत्य ) यानी जो कुछ आपने सीखा है या जानते हैं उसमें हेर फेर कर देना जैसे वास्तविकता की जगहकुछ और हो दिखाई देना जैसे आप सोते हुए सपने देखते हैं उन सपनों में आपकी परिस्थिति भयावह कर दी जाती है नॉर्मल सपने कुछ देर चलते हैं और आप उन सपनों से विचलित नहीं होते ना ही डरते हैं क्योंकि आप उन सपनों को भूल जाते हैं जबकि जब आप पर इस तरह की क्रिया की जाती है तो वह सपने लंबे समय तक चलते हैं आपको याद रहते हैं और उठने के बाद आप खुद को काफी लो फील करते हैं बीमार महसूस करते हैं और बहुत थक गए हो जैसे ऐसा आपको महसूस होता है।
इन सपनों में आप खुद को किसी भी भयानक स्थिति में देख सकते हैं जैसे
1 ) आप किसी रेगिस्तान में चले जा रहे हैं आपको भूख प्यास लगी है लेकिन आपके आसपास कोई नहीं है तेज धूप है और आप सिर्फ दूर तक रेतीले टी लों में चलते-चलते जा रहे हैं और प्यास के मारे आपका गला पूरी तरह से सूखा जा रहा है जैसे आप अभी गिर पड़ेंगे !
2 ) आप कुछ बिल्डिंगों के ऊपर से, छतो पर पानी की टंकियों से कूदते हुए भाग रहे हैं, आपके पीछे कोई पड़ा है जिसे आप देख नहीं सकते लेकिन आपको महसूस हो रहा है कि कोई आपके पीछे पड़ा है जिससे आपको खुद को बचाना है।
3 ) आप किसी समुद्र या नदी में डूब रहे हैं कोई बड़ी मछली जानवर आपके पीछे पड़ा है और आप उससे बचने की कोशिश किया जा रहे हैं हाथ पांव मार रहे हैं तैरने की कोशिश कर रहे हैं!
4) जैसे जंगल से गुजर रहे हैं वहां दलदल में आप फस गए और जोर-जोर से ची ख रहे हैं बचाओ बचाओ कोई तो बचाओ कई बार आपके पीछे कोई जानवर पड़ जाता है और आप उससे बचने के लिए कहीं गुफाओं में घुस रहे हैं एवं किसी पेड़ के ऊपर चढ़ रहे हैं।
5) आप महसूस करते हैं जैसे आप किसी कमरे में हैं और उस कमरे की दीवारें आपके पास आती चली जा रही हैं और आप उन चारों दीवारों के बीच फंस जाने वाले हो, दब जाने वाले हो इस तरह के सीन कई बार पुरानी पिक्चरों में भी दिखाए जाते थे।
6) आप महसूस कर सकते हैं जैसे आपके शरीर पर कुछ कीड़े जैसे कॉकरोच,बिच्छू, सांप,कनखजूरे,चींटी,जोक,चूहे आदि आपके ऊपर चढ़ रहे हैं और आप वास्तव में उनसे डर कर उन्हें खुद से हटाने की कोशिश कर रहे हैं एवं नींदों में आपके हाथ पांव चलने लगते हैं उनको हटाने के लिए।
7) आपको अपने शरीर में जलन महसूस हो सकती है जैसे किसी ने पेट्रोल मिट्टी का तेल आदि डालकर जला दिया हो और आप बचने के लिए भाग रहे हैं जहां पानी दिख रहा है पानी में कूद रहे हैं मिट्टी दिख रही है मिट्टी में लो ट रहे हैं और वह आग बुझने का नाम ही नहीं ले रही।
8) कई बार आपको आपके परिवार के ही मरे हुए लोग दिखाई देते हैं जो आपको मार रहे होते हैं पीट रहे होते हैं या खींचकर अपने साथ ले जा रहे होते हैं इस तरह के के बुरे सपने आते हैं पूरी तरह से नेगेटिव।
इस तरह के स्वप्न पूरी रात चलते रहते हैं आप डरते रहते हैं और जब सुबह उठते हैं तो पूरी तरह से हैरान परेशान बीमार जैसे किसी ने आपकी पूरी एनर्जी ही खींच ली हो इसी तरह से कई बुरे अनुभव उस इंसान को हो सकते हैं। इससे बचने के लिए कोशिश करें जैसे ही आपको पहला हल्का अनुभव होता है उसी वक्त से मंत्र जाप करे,अपनी नजर उतारे औरा क्लीन करें खुद की भी और घर की भी, रात को कोई ना कोई कवच सुने जिस भी ईस्ट को आप मानते हैं, खुद को पैक करके सोए खुद को सकारात्मक रखें किसी भी नकारात्मकता को स्वयं पर हावी न होने दें ऐसी क्रिया करने वाले लोग तो चाहते ही यही है कि आप कई रातों तक डर से सो ना पाए आपके व्यक्तित्व में नकारात्मकता झलके,आप परेशान रहे और किसी भी तरह का कार्य आप ना कर सके।
आपको कुछ भी हो रहा हो तुरंत उस परेशानी से संबंधित डॉक्टर से मिले लेकिन अपने कॉन्शियस लेवल को बनाए रखें क्योंकि इस तरह की क्रिया जो भी करता है वह आपके पास का ही आपका अपना खास व्यक्ति, दोस्त,रिश्तेदार होता है ऐसा ना हो कि वह आपको किसी गलत डॉक्टर के पास ले जाए या गलत दवाइयां दे जिससे आपकी स्थिति और भी ज्यादा बिगड़ जाए।

कन्फ्यूजन स्पेल इसका अर्थ है उलझा हुआ, उलझन में डालना अ स्पष्ट जैसे
1) कई प्रश्न पूछ कर उलझन में डाल देना
2) क्लियर रोड साइन ना होने पर उलझा जाना गलत दिशा में जाना
3) इतने ऑप्शन दे देना या दिखाना की आप समझ ही ना पाए आपको करना क्या है आप चाहते क्या है?
नर्सिंस्ट या आपका बुरा चाहने वाला आपके आसपास होता है और यह क्रिया आप पर की जाती है तो आप अपने लिए कभी भी सही समय पर सही जगह सही निर्णय नहीं ले पाते वह आपके कार्य,रिश्तो, खुशियों पर ग्रहण लगने के लिए तैयार रहता है इसलिए जब आप कोई कार्य करने की शुरुआत करना चाहते हैं तो वह आपके सामने कई प्रकार के सवाल खड़े कर देगा जैसे वह पैसा कहां से आएगा – अगर लाभ नहीं हुआ तो चूकाओगे कैसे- जिससे पैसा ले रहे हैं यदि वह गलत इंसान हुआ तो – इस काम को करने से अच्छा तो ऐसा कर ले – वैसा कर ले इस तरह के अनगिनत सवाल आपके सामने रख दिए जाते हैं और आप पहली ही सिढ़ी पर कन्फ्यूजन होकर खड़े रह जाते हैं आगे बढ़ ही नहीं पाते।
इसी तरह आपके रिश्तों पर भी यह सवाल उठाते हैं कभी आपकी गलतियां दिखाते हैं जो पास्ट में कभी अा पने की थी या आपके साथी ने अनजाने में की थी, कभी आपके स्टेटस का हवाला दिया जाता है कभी धर्म का तो कभी कार्य पर सवाल उठा दिए जाते हैं आपके अहंकार को इतनी हवा दे दी जाती है कि आपको समझ ही नहीं आता कि रिश्ते निभाने के लिए हमेशा दिमाग को नहीं लगना चाहिए आपकी खुद की गलती हो और आप अपने साथी से माफी मांगना चाहते हैं तो भी यह लोग आपको इतनी बातें सुनते हैं आपके अहम को आपके अहंकार को और सामने वाले की कुछ ऐसी बातों को जिससे कि आप उन रिश्तो को सुधारने की जगह और बिगाड़ देते हैं और फिर अंत में अकेले रह जाते हैं।
आपकी खुशी किसमे है जब आप यह जानकर उस दिशा में बढ़ने लगते हैं तो आपसे जलन ईर्ष्या द्वेष का भाव रखने वाले लोग आपके ही प्रिय बन कर आपके सामने ऑप्शन का पिटारा खोल देते हैं जैसे काम करने के लिए कई ऑप्शन रिश्तो में ऑप्शन घूमने में ऑप्शन कई तरह की बातों में उलझा कर आपको सबसे गलत जो होगा वही आपको चुनने में मदद करते हैं आपसे वह चुनवाते हैं जिससे आप उनसे ज्यादा आगे ना बढ़ सके आप तरक्की ना कर सके और आपके सामने रोज एक नई समस्या नई परेशानी खड़ी हो आपके रिश्ते इतने कलुषित क्लेश वाले हो जाए की मानसिक शांति पूरी तरह से खत्म हो जाए आपकी आप जीवन से पूरी तरह निराश हो जाए और यह सोचने पर मजबूर हो जाए कि मैं आखिर मेरी गलती कहां थी आखिर मेरी किस्मत इतनी खराब क्यों है एवं आप कई बार आत्महत्या तक की सोच को हवा देने लगते हैं और ऐसा लगता हैं कि आपके लिए इस जीवन में कुछ बचा ही नहीं है।
ऐसी स्थिति अगर आपको महसूस होती है तो सबसे पहले खुद को कुछ दिन के लिए अकेला कर लीजिए उस भीड़ से अलग जो आपके मार्ग में अवरोध डाल रहे हैं आपको गलत डायरेक्शन दे रहे हैं शांत मन से स्वयं से बात कीजिए आपकी स्वयं की खुशी किस में है खुद को समझते हुए आपको आगे बढ़ना होता है और जैसे ही आप अपनी खुशी को समझते हैं खुद को समझते हैं आपकी जीत निश्चित हो जाती है आप किसी पर आश्रित नहीं रहते हैं आपके जो निर्णय होते हैं वह आपके अपने होते हैं जो दूसरों के बताए हुए सलाहों से कहीं ज्यादा बेहतर होते हैं क्योंकि यदि आप इसमें कुछ गलत भी करते हैं तो भी आप उनसे सीखते हैं और उन गलतियों के लिए आप स्वयं जिम्मेदार होते हैं खुद को जिम्मेदार ठहराते हैं ना कि किसी और को इसलिए सबसे पहले स्वयं से सवाल कीजिए आपको अपने जीवन से क्या चाहिए आपको क्या काम करने से खुशी मिलेगी आपके साथी धनी होनी चाहिए या साथ देने वाले संस्कारी, इंसानियत,प्रेम का,सम्मान का भाव रखने वाले होने चाहिए इन सवालों का जवाब मिलते ही आप सही दिशा में आगे बढ़ते हैं सही समय पर सही निर्णय लेते हैं इस तरह से किसी भी स्थिति में स्वयं को शांत रखने का प्रयास करें और सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़े।
जय श्री महाकाल
जय श्री महाकाली
यदि आपको किसी भी तरह की सहायता की आवश्यकता है तो आप संपर्क कर सकते हैं ज्योतिष राखी हीलर तंत्र विशेषज्ञ सुनीता वाधवानी जी से 9784862029

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मां हमेशा जिंदा रहती है

मां हमेशा जिंदा रहती है…
कभी रसोई में तो कभी बगीचे में
दिख जाती है….
अक्सर सुई धागे में भी दिख जाती है
यूं ही बातों बातों में भी कभी याद बनकर
दिख जाती है…
मंदिर में, अलमारी में, पल पल पर घटते जा रहे हैं जीवन में
अक्सर मां दिख जाती है …. कोई व्यंजन कब सीखा.. याद नहीं
पर किसने कैसे सिखाए यह याद आ जाता है बगीचे का पौधा जो अब बड़ा हो गया है
अपने बड़े होने की बात बताता है…
न जाने कितनी बातें हैं याद आती….
मां घर के हर कोने में यूंही चलती रहती है
शायद…. हमेशा.

~प्रियांका वर्मा माहेश्वरी

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