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महिला जगत

जूही परंपुरवा में क्राइस्ट चर्च कॉलेज की NSS इकाई ने लगाया निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर

कानपुर भारतीय स्वरूप संवाददाता क्राइस्ट चर्च कॉलेज की NSS इकाई ने अपने सात दिवसीय शिविर के तीसरे दिन सेंट कैथरीन अस्पताल के सहयोग से जूही परंपुरा बस्ती में निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किया। इस शिविर में मधुमेह, रक्तचाप, छाती, पेट, अंगों, दंत व मानसिक स्वास्थ्य की जांच की गई।शिविर में बड़ी संख्या में स्थानीय निवासी, विशेष रूप से बच्चे अपने माता-पिता के साथ शामिल हुए। सेंट कैथरीन अस्पताल की मेडिकल टीम ने आवश्यक उपकरणों के साथ जांच की, जिसमें NSS स्वयंसेवकों ने पूरी व्यवस्था और सहायता प्रदान की।

कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अंकिता जैस्मिन लाल, कृष्णा सिंह और विनय गौतम के नेतृत्व में हुआ। NSS प्रमुख आर्यन जायसवाल और आयुष कुमार भारती ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अस्पताल स्टाफ ने स्वयंसेवकों के सहयोग और आतिथ्य की सराहना की।

कार्यक्रम के अंत में स्वयंसेवकों ने स्थल पर बने भोजन का आनंद लिया। इस सफल आयोजन ने स्वास्थ्य सेवा को जरूरतमंदों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

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बाली जात्रा ओडिशा की समृद्ध समुद्री विरासत और संस्कृति की याद दिलाती है

बाली जात्रा एक ऐसा त्यौहार है जो ओडिशा और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों, विशेष रूप से बाली के बीच समुद्री व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान की याद दिलाता है। यह त्यौहार ओडिशा के कटक में प्रतिवर्ष मनाया जाता है और इसमें लाखों पर्यटक आते हैं। बाली जात्रा शब्द का शाब्दिक अर्थ है ‘बाली की जात्रा’। हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन समुद्री व्यापारी इंडोनेशियाई द्वीपों के लिए रवाना होते थे। ओडिशा के लोग, इस त्यौहार के लिए, अपने गौरवशाली समुद्री इतिहास का जश्न मनाने के लिए बड़ी संख्या में रंग-बिरंगे परिधानों में एकत्रित होते हैं। इस उत्सव में भव्य मेले, विस्तृत सवारी, भोजन और नृत्य शामिल हैं। भारतीय महिलाएँ ‘बोइता बंदना’ करती हैं, वे कागज़ या केले के पत्ते (शोलापीठ) की नावें बनाती हैं जिनमें अंदर जलते हुए दीपक होते हैं। बाली यात्रा उन कुशल नाविकों की प्रतिभा और कौशल का जश्न मनाती है जिन्होंने कलिंग को अपने समय के सबसे समृद्ध साम्राज्यों में से एक बनाया।

यह उत्सव ओडिशा सरकार के संस्कृति और पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित किया जाता है। संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला एक स्वायत्त संगठन, पूर्वी क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र (ईजेडसीसी), कोलकाता, जात्रा के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए सांस्कृतिक दल उपलब्ध कराकर इस आयोजन में भाग लेता है, जिसका विवरण इस प्रकार है:

वर्ष कार्यक्रम का नाम तारीख कार्यक्रम का स्थान प्रस्तुत कला रूप
2022-23 बालीजात्रा कटक उत्सव – 2022 8 से 16 नवंबर, 2022 कटक बिहू, नागारा, कुचिपुड़ी, पुरुलिया छऊ, और झूमर नृत्य
2023-24 बालीजात्रा कटक उत्सव – 2023 27 नवंबर से 4 दिसंबर, 2023 कटक पुरुलिया छाऊ, पाइका, समकालीन नृत्य और ओडिसी
2024-25 बालीजात्रा कटक उत्सव – 2024 15 से 22 नवंबर, 2024 कटक बिहू, कथक, पुरुलिया छाऊ और रफ/डोगरी

आज़ादी का अमृत महोत्सव के तहत, राज्य के गौरवशाली समुद्री इतिहास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कटक स्थित ओडिशा समुद्री संग्रहालय में तीन दिवसीय राष्ट्रीय धारा कार्यक्रम ‘समुद्रमंथन’ का आयोजन किया गया, जो ऐतिहासिक बाली जात्रा के उद्घाटन के साथ ही शुरू हुआ। इस कार्यक्रम में देश के समुद्री इतिहास के स्थानों, परंपराओं, जहाज निर्माण, नौवहन, व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान, समुद्री सुरक्षा और अंतर्राष्ट्रीय कानून पर पैनल और गोलमेज चर्चाएँ शामिल थीं।

जात्रा ओडिशा और अन्य राज्यों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को सुगम बनाता है, जिससे अंतर-सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा मिलता है। जात्रा पारंपरिक ओड़िया कलाकारों, शिल्पकारों और संगीतकारों को अपने कौशल का प्रदर्शन करने के लिए एक मंच भी प्रदान करता है जो ओड़िया संस्कृति को पुनर्जीवित करने और बढ़ावा देने में मदद करता है।

यह जानकारी केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत महिलाएं

सरकार ने 2023-24 तक दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के तहत 10 करोड़ ग्रामीण परिवारों को स्वयं सहायता समूहों में संगठित करने का लक्ष्य रखा था। मार्च 2024 में 10 करोड़ परिवारों को संगठित करने का लक्ष्य हासिल कर लिया गया।

दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के तहत राज्य/संघ राज्य क्षेत्रवार लक्ष्य और संगठित परिवारों की संख्या अनुलग्नक में दी गई है।

नेल्लोर जिले में 37 ग्रामीण ब्लॉक हैं। सभी 37 ब्लॉक डीएवाई-एनआरएलएम के अंतर्गत आते हैं।

. पिछले तीन वित्तीय वर्षों के दौरान आंध्र प्रदेश के लिए दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के अंतर्गत केन्‍द्रीय आवंटन 756 करोड़ रुपये था। हालांकि, केवल 377 करोड़ रुपये ही जारी किए गए, पूरी राशि जारी न किए जाने का कारण सरकारी खजाने से धन प्राप्ति में देरी के कारण राज्य द्वारा प्रस्ताव प्रस्तुत न करना है।

चालू वित्त वर्ष के लिए, आंध्र प्रदेश के लिए डीएवाई-एनआरएलएम के तहत स्वीकृत केन्‍द्रीय हिस्सा 307.69 करोड़ रुपये है, जिसमें से अब तक 76.92 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं।

महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना (एमकेएसपी), डीएवाई-एनआरएलएम के तहत एक प्रमुख उप-योजना है जिसका उद्देश्य महिला किसानों की आजीविका और आय को बढ़ाना है। मंत्रालय ने 2011 में एमकेएसपी के तहत 13 परियोजनाओं को मंजूरी दी थी, जिसमें आंध्र प्रदेश का नेल्लोर जिला भी शामिल है। दो बार विस्तार दिए जाने के बाद, ये परियोजनाएं वित्त वर्ष 2019 में बंद कर दी गईं।

वित्त वर्ष 2023-24 के लिए, मंत्रालय ने एमकेएसपी के लिए 64 करोड़ रुपये की राशि के लिए वार्षिक कार्य योजना को मंजूरी दी, जिसमें केन्‍द्रीय हिस्सा 38.40 करोड़ रुपये और राज्य का हिस्सा 25.60 करोड़ रुपये है। वर्ष के विशेष लक्ष्य में एमकेएसपी के तहत 160 एकीकृत कृषि क्लस्टर (आईएफसी) का निर्माण शामिल था। हालांकि, आंध्र प्रदेश एसआरएलएम ने वित्त वर्ष 2023-24 में एमकेएसपी के लिए योजना के लिए बजट नहीं खोला है। इसके अलावा, एमकेएसपी बजट प्रावधान वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) टीआरएसवाई-07 रिपोर्ट में परिलक्षित नहीं हुआ, जो व्यय विभाग के मानदंडों के अनुसार केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं के तहत धन जारी करने के लिए अनिवार्य है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 15 करोड़ रुपये (9 करोड़ रुपये केन्द्रीय हिस्सा + 6 करोड़ रुपये राज्य हिस्सा) में से, केन्द्रीय हिस्से के एक हिस्से के रूप में 2.25 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।

स्टार्ट-अप विलेज एंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम (एसवीईपी) के संबंध में, जो एक मांग-संचालित योजना है, राज्य से विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) प्रस्तुत करने के आधार पर धनराशि जारी की जाती है। हालांकि, आंध्र प्रदेश एसआरएलएम ने एसवीईपी घटकों के लिए आवश्यक डीपीआर और वित्तीय दस्तावेज प्रस्तुत करने में देरी की है, जिससे कार्यक्रम के लिए समय पर धनराशि जारी करने में भी देरी हुई है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 13.33 करोड़ रुपये (8 करोड़ रुपये केन्‍द्रीय हिस्सा + 5.33 करोड़ रुपये राज्य हिस्सा) के कुल आवंटन में से, 2 करोड़ रुपये की राशि केन्‍द्रीय हिस्से के रूप में जारी की गई है।

राज्‍य एचएच संगठित करने का लक्ष्य 24 मार्च तक संगठित किए गए
अंडमान 15000 13194
आंध्र प्रदेश 8310437 9075289
अरूणाचल 84623 86937
असम 3593756 4111020
बिहार 12332493 12713428
छत्‍तीसगढ़ 3193288 3068427
दमन दीव और एनएच 12469 12695
गोवा 45947 50298
गुजरात 3031245 2783006
हरियाणा 730806 629094
हिमाचल प्रदेश 338103 378542
जम्‍मू और कश्‍मीर 950000 797805
झारखंड 3446912 3589607
कर्नाटक 3239273 4207374
केरल 3644669 4002478
लद्दाख 13315 11710
लक्षद्वीप 3692 4363
मध्‍य प्रदेश 6549384 5829972
महाराष्‍ट्र 7109774 6525549
मणिपुर 207481 99810
मेघालय 418254 444264
मिजोरम 73765 85934
नगालैंड 121260 135261
ओडिशा 6610605 5757107
पुदुच्‍चेरी 45931 59714
पंजाब 657609 543246
राजस्‍थान 4600000 3804161
सिक्किम 58557 56675
तमिलनाडु 3675989 4023939
तेलंगाना 4593482 4820573
त्रिपुरा 460061 494675
उत्‍तर प्रदेश 11807911 9507884
उत्‍तराखंड 491114 497777
पश्चिम बंगाल 11593207 12251533
कुल 102060412 100473341

 

यह जानकारी ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री कमलेश पासवान ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज में बसंत पर्व पर सरस्वती माँ की मूर्ति स्थापित

कानपुर 26 जनवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज में बसंत पर्व पर सरस्वती माँ की मूर्ति स्थापना तथा हवन पूजन का विधिवत् निर्वहन धूमधाम से किया गया कार्यक्रम के शुभारंभ में महाविद्यालय प्रबंध समिति के सचिव पी. के. सेन, प्राचार्या प्रो. सुमन, प्रबंध समिति के संयुक्त सचिव शुभ्रो सेन, कोषाध्यक्ष दीपाश्री सेन द्वारा सरस्वती पूजा पर परम्परागत हवन – पूजा-अर्चना द्वारा सरस्वती प्रतिमा की विधिवत् स्थापना की गयी|

डॉ. शुभा वाजपई के संयोजन में, प्रो. मीनाक्षी व्यास, डॉ. शैल वाजपई, डॉ. प्रीता अवस्थी, डॉ. सपना रॉय, डॉ. मोनिका शुक्ला के द्वारा बसंत उत्सव की तैयारियां पूर्ण मनोयोग से की गई। मीडिया प्रभारी डॉ प्रीति सिंह ने जानकारी देते हुए बताया की डॉ. रचना निगम के निर्देशन में कला विभाग की छात्राओं अनुष्का, ओमाक्षी, वर्षा, संस्कृति, विधि, अनीता, अफरोज, स्नेहा, श्रेया, अमीषा, वैष्णवी, ने महाविद्यालय सभागार में वृहत तथा अद्भुत रंगोली का निर्माण किया। । महाविद्यालय की सभी शिक्षिकाओं एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने बसंत उत्सव संस्कृति निर्वहन में सक्रिय सहयोग प्रदान किया।

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एस. एन, सेन, बा, वि.पी. जी. कॉलेज के चित्रकला विभाग द्वारा कला प्रदर्शनी आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर एस.एन.सेन.बा.वि.पी.जी. कॉलेज के चित्रकला विभाग द्वारा एक कला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इसमें 1953 से लेकर अभी तक की सभी छात्राओ की कृतियों का प्रदर्शन किया गया। डॉक्टर सचिव गौतम (सहायक आचार्य) स्कूल का क्रिएटिव एंड परफॉर्मिंग आर्ट,छत्रपति शाहू जी महाराज यूनिवर्सिटी कानपुर द्वारा लाइव डेमोंसट्रेशन दिया गया साथ ही अंतर महाविद्यालय प्रकृति चित्रण प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रोबीर कुमार सेन, सचिव प्रबंध समिति तथा अध्यक्ष प्रवीण कुमार मिश्रा , संयुक्त सचिव शुभो् सेन, दीपाश्री सेन , प्राचार्य प्रोफेसर सुमन ने दीप प्रज्वलित कर किया

 कार्यक्रम संयोजिका डॉ. रचना निगम विभागाध्यक्ष चित्रकला विभाग ने सभी सम्मानित सदस्यों का स्वागत व अभिनंदन किया।

कार्यक्रम में चित्रकला विभाग की पूर्व छात्राओं और वर्तमान छात्रों की कलाकृतियों का भी प्रदर्शन किया गया इसके उपरांत सीएसजेएमयू ललित कला विभाग से आए सहायक प्रवक्ता डॉ सचिव गौतम जी के द्वारा एक लाइव डेमोंसट्रेशन दिया गया जिससे छात्राओं ने अनेक कला की बारीकियां को देखा और सीखा। कार्यक्रम में अंतर-महाविद्यालीय प्रकृति चित्रण प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया इसमें प्रो ज्योति अग्निहोत्री, प्रो राज किशोरी ,प्रो कुमुद बाला ने निर्णायक की भूमिका निभाई। इसमें सभी महाविद्यालयों से छात्राओं ने प्रतिभागिता की और सुंदर चित्रण और प्रकृति से सभी को परिचित कराया ।

महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो (डॉ.) सुमन ने कार्यक्रम मे विभाग की पूर्व और वर्तमान छात्राओं के चित्रों को देखा और सराहा आपने कहा कि लाइव डेमोंसट्रेशन से छात्रों को कला के विविध आयामों से अवगत होने का अवसर मिलता है ऐसे कार्यक्रम होते रहने चाहिए जिससे छात्राओं का सर्वांगीण विकास हो सके।

 कार्यक्रम में सभी महाविद्यालय की प्रवक्ता, महाविद्यालय की वरिष्ठ प्रवक्ता प्रो. निशि प्रकाश, प्रो रेखा चौबे, प्रो अलका टंडन,प्रो गार्गी यादव, कैप्टन ममता अग्रवाल, प्रो प्रीति पांडे, प्रो मीनाक्षी व्यास, प्रचार प्रसार प्रभारी डॉ प्रीति सिंह व सभी प्रवक्ता गण , लिपिक वर्ग ने उपस्थित होकर अपनी रुचि दिखाई, तथा छात्राओं के कार्य को सराहा व प्रोत्साहित किया।              

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डी जी कॉलेज द्वारा निकाली गई गणतंत्र दिवस परेड झांकी

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 26 जनवरी, 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर दयानंद गर्ल्स पी जी कॉलेज, कानपुर के द्वारा छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में आयोजित गणतंत्र दिवस परेड में महाकुंभ थीम पर झांकी निकाली गई। साथ ही छात्राओं ने महाकुंभ थीम पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओ में भी हिस्सा लिया। जिनमें रंगोली प्रतियोगिता, नृत्य प्रतियोगिता, गायन प्रतियोगिता आदि प्रमुख है। छात्राओं ने अत्यधिक जोश, उत्साह एवं उमंग के साथ हिस्सा लिया। समस्त कार्यक्रम छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के यशस्वी कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक जी की प्रेरणा से संपन्न हुए। कार्यक्रमों को सफल बनाने में कार्यक्रम समन्वयक डॉ श्याम मिश्रा, महाविद्यालय प्राचार्या प्रो वंदना निगम, कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही, गृह विज्ञान विभाग की प्रभारी डॉ विनीता श्रीवास्तव समेत डॉ अलका त्रिपाठी डॉ अपर्णा शुक्ला, डॉ साधना सिंह एवं डॉ रश्मि शुक्ला का सहयोग सराहनीय रहा

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एस एन सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज में 76 वाँ गणतंत्र दिवस मनाया गया

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 26 जनवरी एस एन सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज में 76 वां गणतंत्र दिवस मनाया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में डॉ वंदना पाठक आयुर्वेदाचार्य ,महाविद्यालय प्रबंध तंत्र के अध्यक्ष पी के मिश्रा,सचिव पी के सेन ,सयुक्त सचिव शुभ्रों सेन, कोषाध्यक्ष दीपाश्री सेन, सदस्य भूतपूर्व क्रिकेटर गोपाल शर्मा प्राचार्य प्रोफेसर सुमन ने झंडारोहण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। तत्पश्चात प्राचार्या प्रो सुमन ने अतिथिगण तथा प्रबंध समिति का सम्मान किया। महाविद्यालय की चीफ़ प्रॉक्टर कप्तान ममता अग्रवाल ने उच्च शिक्षा अधिकारी का संदेश पढ़ा। एन सी सी, रोवर रेंजर तथा एन एस एस की छात्राओ ने मार्च पास्ट किया और तलानी दी। कार्यक्रम में महाविद्यालय का नाम रोशन करने वाली मेधावी छात्राओं का सम्मान किया गया जिसमे कु सृष्टि राजपाल बी एस सी तृतीय वर्ष की छात्रा जिसका
जी एस वी एम, लखनऊ मेडिकल कालेज में सेलेक्शन हुआ, कु निकिता सविता ,कु सृष्टि रावत तथा कु ऋतुजा रही।देश भक्ति के गीत संगीत विभाग की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम का संकलन एवं संचालन डॉ प्रीति सिंह ने किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय की समस्त शिक्षिकाएं तथा तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी उपस्थित रहे ।

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डी जी कॉलेज द्वारा 15वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर शपथ एवं रैली का आयोजन

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 25 जनवरी दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज कानपुर में 15वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर बीएड विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ पुष्पलता तिवारी एवं डॉ उमा अवस्थी के कुशल निर्देशन में मतदाता शपथ एवं रैली का आयोजन किया गया। महाविद्यालय प्राचार्या प्रो वंदना निगम ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही मुहिम “वोट जैसा कुछ नहीं, वोट जरुर डालेंगे हम” के अंतर्गत समस्त छात्राओं को स्वयं अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहिए तथा अपने परिवार, रिश्तेदार एवं आस पड़ोस को भी मतदान करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। महाविद्यालय निदेशक प्रो अर्चना वर्मा ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि मतदान करना प्रत्येक व्यक्ति का अधिकार है हमें बिना किसी लालच तथा जाति, धर्म आदि के भेदभाव के बिना योग्य व्यक्तियों का चुनाव करना चाहिए ताकि एक अच्छी लोकतांत्रिक सरकार का गठन हो सके।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश शासन तथा क्षेत्रीय उच्च शिक्षा निदेशक, कानपुर मंडल, कानपुर नगर श्री मुरलीधर राम जी एवं मतदाता जागरूकता कार्यक्रम प्रभारी प्रो अपर्णा सिंह के निर्देशानुसार चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित मतदाता जागरूकता कार्यक्रम एवं सम्मान समारोह में महाविद्यालय की 100 छात्राओं ने प्रतिभाग किया।कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय की मतदाता जागरूकता अभियान – निर्वाचन साक्षरता क्लब कोऑर्डिनेटर डॉ संगीता सिरोही, बीएड विभाग प्रभारी डॉ सबीहा अंजुम, समस्त प्राध्यापिकाओं तथा कार्यालय अधीक्षक कृष्णेंद्र श्रीवास्तव का विशेष योगदान सराहनीय रहा।

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भारत की बेटियों को सशक्त बनाना

हमारी सरकार द्वारा शुरू की गई प्रत्येक विकास पहल में हम बालिकाओं को सशक्त बनाने और अपनी नारी शक्ति को मजबूत करने को अत्यधिक प्राथमिकता देते हैं। हमारा ध्यान बालिकाओं के लिए सम्मान के साथ-साथ अवसर सुनिश्चित करने पर है।‘-  नरेन्द्र मोदीप्रधानमंत्रीभारत

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 22 जनवरी2015 को हरियाणा के पानीपत में शुरू की गई बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) योजना कार्यान्वयन का एक दशक पूरा कर रही है। भारत सरकार की इस प्रमुख पहल का उद्देश्य घटते बाल लिंग अनुपात (सीएसआर) को दूर करना और लिंग-आधारित लिंग-चयनात्मक उन्मूलन को रोकना और बालिकाओं के अस्तित्व, संरक्षण और शिक्षा को बढ़ावा देना है। यह योजना भारत सरकार की सबसे प्रभावशाली सामाजिक उपक्रमों में से एक बन गई है।

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मिशन शक्ति के साथ एकीकरण

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बीबीबीपी योजना अब 2021-2022 से 2025-2026 तक 15वें वित्त आयोग की अवधि के दौरान कार्यान्वयन के लिए महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए एक व्यापक कार्यक्रम मिशन शक्ति के साथ एकीकृत है। मिशन शक्ति में दो व्यापक उप-योजनाएं शामिल हैं।

1. संबल : सुरक्षा एवं संरक्षा

मिशन शक्ति की संबल उप-योजना वन स्टॉप सेंटर (ओएससी) महिला हेल्पलाइन (181) और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) के माध्यम से महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। यह नारी अदालत की भी शुरुआत करता है, जो उत्पीड़न और अधिकारों के उल्लंघन जैसे छोटे मुद्दों को हल करने के लिए एक वैकल्पिक शिकायत निवारण तंत्र प्रदान करता है।

2. सामर्थ्य : सशक्तिकरण

सामर्थ्य उप-योजना शक्ति सदनों, राहत और पुनर्वास घरों, सखी निवास के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाती है, जो शहरों में कामकाजी महिलाओं के लिए रहने के लिए सुरक्षित स्थान प्रदान करती है। साथ ही पालना-क्रेच कामकाजी महिलाओं के बच्चों के लिए सुरक्षित स्थान प्रदान करती है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) अब दूसरे बच्चे के लड़की होने पर भी मदद करती है, जिससे मातृ स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह गर्भावस्था और प्रसव के कारण काम करने वाली महिलाओं को आर्थिक रूप से होने वाले नुकसान की भरपाई भी करता है।

यह योजना अब बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण पर जोर देती है, जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, बाल विकास और सामुदायिक जागरूकता शामिल है। पिछले एक दशक में, बीबीबीपी ने कई मंत्रालयों के बीच सहयोग के माध्यम से अपना दायरा बढ़ाया है।

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प्रमुख उद्देश्य

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प्राथमिक उद्देश्यों में शामिल हैं:

  • लिंग-पक्षपाती लिंग-चयनात्मक उन्मूलन को रोकना।
  • बालिकाओं का अस्तित्व और सुरक्षा सुनिश्चित करना।
  • बालिकाओं की शिक्षा एवं भागीदारी को बढ़ावा देना।
  • जन्म के समय लिंगानुपात (एसआरबी) में हर साल दो अंक का सुधार।
  • संस्थागत प्रसव के प्रतिशत में सुधार या 95% या उससे अधिक की दर पर कायम रहना।
  • प्रति वर्ष पहली तिमाही प्रसव-रोधी देखभाल (एएनसी) पंजीकरण में 1% की वृद्धि।
  • माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तर पर लड़कियों के बीच स्कूल छोड़ने की दर की जांच करना।
  • सुरक्षित मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन (एमएचएम) के बारे में जागरूकता बढ़ाना।

फोकस क्षेत्र और लक्ष्य समूह

यह योजना मुख्य रूप से निम्नलिखित पर केंद्रित है:

  • प्राथमिक लक्ष्य समूह:
  • युवा और नवविवाहित जोड़े, जो माता-पिता बनने की उम्मीद में हैं
  • किशोर (लड़कियां और लड़के) और युवा
  • घर-परिवार और समाज
  • द्वितीयक लक्ष्य समूह:
  • स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्र (एडब्ल्यूसीएस),
  • मेडिकल डॉक्टर/पेशेवर, निजी अस्पताल, नर्सिंग होम, डायग्नोस्टिक सेंटर आदि।
  • पंचायत राज संस्थान (पीआरआई), शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी), अधिकारी, फ्रंटलाइन वर्कर्स
  • महिला समूह और स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) और नागरिक समाज संगठन
  • मीडिया, धार्मिक गुरु और उद्योग विशेषज्ञ

वित्तीय और परिचालन संरचना

बीबीबीपी एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसमें मिशन शक्ति के संबल वर्टिकल के तहत देश के सभी जिलों में केंद्र सरकार द्वारा 100% वित्त पोषण किया जाता है।

वित्तीय सहायता जिलों में जन्म के समय लिंग अनुपात (एसआरबी) के आधार पर भिन्न होती है:

  • 918 से कम या उसके बराबर एसआरबी वाले जिलों के लिए 40 लाख रुपये प्रति वर्ष।
  • 919-952 के बीच एसआरबी वाले जिलों के लिए 30 लाख रुपये।
  • 952 से अधिक एसआरबी वाले जिलों के लिए 20 लाख रुपये।

प्रमुख विकास

अभियान की सफलता लैंगिक असमानताओं को दूर करने की दिशा में की गई प्रगति से स्पष्ट है, जिसमें समाज पर इसके सकारात्मक प्रभाव को दर्शाने वाले प्रभावशाली आंकड़े हैं।

1. जन्म के समय लिंगानुपात में सुधार (एसआरबी)

  • 2014-15 में 918 के एसआरबी से, 2022-23 में राष्ट्रीय एसआरबी बढ़कर 933 हो गया (स्रोत: एचएमआईएस, एमओएचएफडब्ल्यू)। यह लगातार वृद्धि लिंग-अनुपात को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने वाली लिंग-पक्षपाती प्रथाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने में बीबीबीपी के सामूहिक प्रभाव को दर्शाती है।

2. माध्यमिक शिक्षा में लड़कियों के नामांकन में वृद्धि

  • माध्यमिक शिक्षा में लड़कियों के नामांकन में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, लड़कियों के लिए सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) 2014-15 में 75.51% से बढ़कर 2021-22 में 79.4% हो गया है। (स्रोत: यू-डीआईएसई प्लस, एमओई)। यह बीबीबीपी के शैक्षिक प्रयासों के सकारात्मक प्रभाव को दर्शाता है।

3. संस्थागत प्रसव में वृद्धि

  • बीबीबीपी ने महिलाओं के लिए स्वास्थ्य सेवा में सुधार पर भी जोर दिया। संस्थागत प्रसव 2014-15 में 87% से बढ़कर 2019-20 तक 94% से अधिक हो गया, जिससे कई क्षेत्रों में माताओं और शिशुओं के लिए सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित हुआ, जो मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने में आवश्यक रहा है।

4. जागरूकता अभियान

  • बालिकाओं वाले पिताओं पर लक्षित ‘सेल्फी विद डॉटर्स’ जैसे विशिष्ट अभियानों ने देशव्यापी लोकप्रियता हासिल की।
  • बालिकाओं के जन्म का उत्सव मनाने के लिए सामाजिक स्तर की गतिविधियां जैसे ‘बेटी जन्मोत्सव’।

5. महिलाओं का कौशल एवं आर्थिक सशक्तिकरण

  • कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के सहयोग से बीबीबीपी ने युवा लड़कियों और महिलाओं के बीच कौशल विकास को बढ़ावा देने, उनकी आर्थिक भागीदारी बढ़ाने में प्रगति की है। व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए गए  हैं। इस योजना ने अल्पसंख्यक समुदायों की लड़कियों के लिए उच्च शिक्षा और कौशल विकास के लिए विशिष्ट पहल भी शुरू की।
  • ‘खेलो इंडिया’ जैसे कार्यक्रमों का उद्देश्य लड़कियों के बीच खेल प्रतिभा की पहचान करना और उसका पोषण करना है।

प्रमुख प्रयास

यह योजना दो प्रमुख घटकों के माध्यम से संचालित होती है:

बहु-क्षेत्रीय प्रयास

लड़कियों के बीच खेल को बढ़ावा देना, आत्मरक्षा शिविर, लड़कियों के शौचालयों का निर्माण, विशेष रूप से शैक्षणिक संस्थानों में सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन और सैनिटरी पैड उपलब्ध कराना, पीसी-पीएनडीटी अधिनियम के बारे में जागरूकता फैलाना है।

जागरूकता अभियान एवं सामुदायिक सहभागिता

राष्ट्रीय बालिका दिवस (एनजीसीडी) प्रतिवर्ष 24 जनवरी को अभियानों, कार्यशालाओं और रचनात्मक प्रतियोगिताओं के साथ मनाया जाता है। एक क्रॉस-कंट्री बाइक अभियान, “यशस्विनी” देश की महिला शक्ति या नारी शक्ति का उत्सव मनाने के लिए 150 सीआरपीएफ महिला बाइक सवारों का एक समूह है। यह लड़कियों को समग्र रूप से सशक्त बनाने के लिए मासिक धर्म स्वच्छता, आत्मरक्षा और लैंगिक समानता पर ध्यान केंद्रित करता है। स्वच्छता किटों के वितरण के साथ मासिक धर्म स्वच्छता पर कार्यशालाएं जैसे सामुदायिक संवेदीकरण कार्यक्रम आयोजित किए गए।

निष्कर्ष

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) योजना ने भारत में लड़कियों के जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। इसने जन्म के समय लिंग अनुपात में सुधार करने, शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने, स्वास्थ्य देखभाल का विस्तार करने और महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का सहयोग करने में मदद की है। सरकारी निकायों, गैर सरकारी संगठनों और स्थानीय समुदायों के साथ काम करके, इस योजना ने प्रत्येक बालिका को महत्व देने और उसकी सुरक्षा के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया है। जैसे-जैसे बीबीबीपी अपने दूसरे दशक में प्रवेश कर रहा है, समावेशी नीतियों, बेहतर कार्यान्वयन और सक्रिय सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से दीर्घकालिक परिवर्तन करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इससे लैंगिक समानता और सशक्तिकरण की दिशा में निरंतर प्रगति सुनिश्चित होगी।

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वोट जैसा कुछ नहीं, वोट जरूर डालेंगें हम ‘Nothing Like Voting, I Vote for sure’ के विषय पर निबन्ध प्रतियोगिता /भाषण प्रतियोगिता/पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 22 जनवरी एस .एन सेन महाविद्यालय, कानपुर की राष्ट्रीय पर्व समिति द्वारा मतदाता दिवस के अवसर पर प्रजातांत्रिक मूल्यों की उत्प्रेरण हेतु वोट जैसा कुछ नहीं, वोट जरूर डालेंगें हम ‘Nothing Like Voting, I Vote for sure’ के विषय पर निबन्ध प्रतियोगिता /भाषण प्रतियोगिता/पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो.सुमन द्वारा सरस्वती जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर किया गय।निबंध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान शुभी त्रिपाठी, द्वितीय स्थान सताक्षी धुरिया ,एवं तृतीय स्थान दीप्ति पाण्डेय को प्राप्त हुआ।पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान संस्कृति पाल, द्वितीय स्थान अनुष्का सिंह एवं तृतीय स्थान ओमाक्षी पंडित को प्राप्त हुआ। भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान अमृता, द्वितीय स्थान भूमिका सिंह एवं तृतीय स्थान सताक्षी द्विवेदी को मिला।कार्यक्रम में 30 छात्राओं ने प्रतिभाग किया।छात्राओं को संबोधित करते हुए महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो.सुमन ने अपने वक्तव्य में कहा कि भारत में 18 वर्ष की उम्र से नागरिकता का अधिकार प्राप्त हो जाता है, लेकिन युवा है कि वोट डालने के लिए घर से ही नहीं निकलते।
वोट देकर हम अपने अधिकार का उपयोग कर सकते हैं और देश को चलाने के लिए अच्छे प्रतिनिधि का चुनाव कर सकते हैं। । कार्यक्रम में निर्णायक मंडल के रूप में अंग्रेजी विभाग की आचार्य प्रो.अलका टंडन एवं समाजशास्त्र विभाग की प्रो.मीनाक्षी व्यास रहीं। कार्यक्रम में राष्ट्रीय पर्व समिति की प्रो. रेखा चौबे, प्रो.प्रीति पाण्डेय, मीडिया प्रभारी डॉ प्रीति सिंह ,डॉ .कोमल सरोज, डॉ.प्रीति यादव , डॉ श्वेता रानी एवं अन्य शिक्षिकाएं उपस्थित रहीं।

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