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अमर शहीद गणेश शंकर विद्यार्थी की जयंती के अवसर पर गणेश शंकर विद्यार्थी का राष्ट्रबोध विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन होगा

संगीत नाटक अकादमी, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर अमर शहीद गणेश शंकर विद्यार्थी की जयंती के अवसर पर गणेश शंकर विद्यार्थी का राष्ट्रबोध विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन कर रही है| यह संगोष्ठी दि मारल व भारतीय शिक्षण मंडल के सहयोग से ओंकारेश्वर सरस्वती विद्या निकेतन, जवाहर नगर, कानपुर में आज दिनाँक 26 अक्टूबर 2021 को पूर्वान्ह 11:00 बजे से होगी|

अतः आपसे निवेदन है कि उपरोक्त कार्यक्रम में अपने प्रतिनिधिगण को उक्त स्थान पर समय से भेजकर कवरेज कराने का कष्ट करें। इस अवसर पर आपकी भी अमूल्य व गरिमामयी उपस्थिति सादर प्रार्थनीय है

 

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निःस्वार्थ प्यार के आधार पर किसी को भी वश मे किया जा सकता

मंत्र और तंत्र की शक्ति से बड़ी ताक़त, प्रेम भक्ति ,सहजता भोलापन और श्रद्धा है ..रब को भी वश मे करने के लिये इन्हीं भाव की ज़रूरत पड़ती है , श्रद्धा और प्रेम से उसका नाम पुकारना ही काफ़ी होता है ..जब भगवान निःस्वार्थ प्यार से भक्ति से किसी के वंश मे हो सकता है तो इन्सान क्यूं नही। किसी भी इन्सान को निःस्वार्थ प्यार के आधार पर अपने वश मे किया जा सकता है।बहुत दुख की बात है आज भी कुछ लोग दूसरो पर वशीकरण टूणा टोटका जैसी चीजे करते है।अगर किसी इन्सान का प्यार पाने के लिये आपको इस तरहा के टूणे टोटके करने पड़ते है तो समझ ले !आप ही के प्यार में खोट है जो आप किसी को अपने प्यार के ज़रिए नहीं बल्कि ग़लत तरीक़े से उसे अपना बनाना चाह रहे हैं यहाँ ये समझना बहुत ज़रूरी हो जाता है अगर आप को ऐसा करना पड़ रहा है तो यकीनन ही वह इन्सान आप को प्रेम नहीं करता आप ज़बरदस्ती उसे अपने वश में कर रहे हैं। प्रेम को हमेशा स्वतंत्र रहने दे।आप का होगा तो आप के पास ही आयेगा।ज़बरदस्ती से बांधने की कोशिश न करे।
दोस्तों !
मैं जिस परिवार से हूँ वहाँ कर्मकाण्ड में विश्वास नहीं किया जाता। किसी को वश में करना सिर्फ़ प्रेम से ही सिखाया गया है।अगर किसी को मंत्र तंत्र या कर्मकांड से अपने वश में करते है तो आप खुद को पहले ही कमजोर साबित कर देते है।इसीलिए आप खुद पर भरोसा न कर इन चीजो का सहारा लेते है वो चाहे किसी का प्रेम हो ,किसी का धन हो या व्यापार
हो।जो सहजता से मिले वही आपका है अन्यथा नहीं ।
दोस्तों
आजकल यू ट्यूब भरा हुआ है ऐसी बातों से .. कि कैसे किसी को वश में किया जा सकता है दुख होता है ऐसी सोच पर।कई बार सुनने मे आता कि किसी ने मुझ पर कुछ कर दिया है हमारे ऊपर जादू टूणा कर दिया है और लोग भागते है पंडितों के पास ,कितना पैसा ख़राब करते है ऐसी बातों पर ।
दोस्तों !
अगर कोई गेंद आप की तरफ़ ज़ोर से फेंके और आप उसे न पकड़े तो क्या होगा गेंद इधर उधर या नीचे ही गिरेगी ।जब हम कहने लगते है या हम ये मान लेते है कि किसी ने हम पर कुछ किया है तो ये वहम सच होने लगता है आप इस बात को मान कर इसे और शक्ति प्रदान कर देते है जबकि इसके विपरीत अगर आप कहे और मान ले ,दिल से और आत्मा से कि मुझ पर कोई कुछ नही कर सकता।मुझे कोई छू भी नही सकता और खुद पर विश्वास करे कि आप खुद एक पत्थर की चटान जैसे है जब भी कोई इससे टकरायेगा वो खुद ही चूर चूर हो जायेगा।खुद को ताकतवर समझे।आत्मा मे बहुत बल होता है आप की इजाज़त के बग़ैर आप को कोई कुछ नही कर सकता। कोई प्रेत या बुरी शक्ति आप का कुछ नहीं बिगाड़ सकती जब तक आप खुद न चाहे।
जो भी अच्छा या बुरा हो रहा होता है वो हमारे ही करमो का फल होता है

कमजोर मन के लोगों पर इन चीजो का प्रभाव ज़्यादा होता है वो यक़ीन करते है ऐसी बातों पर ,तो होता भी होगा। जब की हर जीव परमात्मा का ही अशं है तो वो कैसे कमजोर हो सकती है।
दोस्तों खुद पर भरोसा करना है सब को प्यार से जीतना सीखना होगा।अपनी सोच ,अपने प्रेम पर विश्वास करना होगा .. सब को जीता जा सकता है ।
अगर सब कुछ करने के बावजूद कोई आप का नही हुआ तो यकीनन वो चीज या इन्सान आप का था ही नही ।सच्चे प्रेम प्यार से सब को बांधा जा सकता है। अपनी सोच को ताक़त दीजिए ,भावनाओं को कोमल करने की आवश्यकता है मतलब ये कि सहज रहे।
जिसको आप के साथ बंधना होना होता है वो खुद ही बंध जायेगा .. बांधने की कोशिश न करे ..न ही कोई ज़रूरत ही है ।बधंन हो तो सिर्फ़ और सिर्फ़ प्रेम का ही हो 🙏अन्यथा कोई नही। 🌹 स्मिता केंथ

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बहुत लाजिम है तेरे “मैं” का साथ होना, मगर हम भी जरा सा गुमान रख लेते हैं

चलो कुछ लम्हों को ताजा कर लेते हैं
बीती हुई शाम को गज़ल कर लेते हैं

ये माना कि नजर फेर कर वो इत्मीनान कर लेते हैं
मगर चोर नजर से दिल को बेचैन कर लेते हैं

बहुत लाजिम है तेरे “मैं” का साथ होना
मगर हम भी जरा सा गुमान रख लेते हैं

क्या ही मसला कि रूबरू ना हुये
फासलों से ताआल्लुक तो नहीं खत्म कर लेते है…

वजूद खोकर हमने किया एहतराम तेरा
गाफिल रहकर खुद से एतबार तुझ पर कर लेते हैं

+; प्रियंका वर्मा माहेश्वरी

 

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बात इतनी बड़ी नही होती जितनी हम उसे बना लेते है

दोस्तों कई बार बात इतनी बड़ी नही होती जितनी हम उसे बना लेते है।कई बार तो ऐसा होता है इन्हीं छोटी छोटी बातों के कारण लोग अपना रिश्ता ही बिगाड़ या ख़त्म कर बैठते है। फिर वो बात सारी ज़िन्दगी नासूर बन कर दिल को चुंबती रहती है क्यूँकि किसी भी बात को सही वक़्त पर टाल कर ,माफ़ कर ,या भूल कर,ख़त्म कर उसे यकीनन ही सुन्दर अंजाम दिया जा सकता था।

दोस्तों आज कुछ शेयर करना चाहूँगी शायद किसी के काम आ सकता है।ये बात उन दिनों की है जब हमारी फ़ैक्ट्री हुआ करती थी जहां कपड़ा बनाया जाता था वहाँ बहुत से वर्कर मिलजुल कर काम किया करते थे।इक घर जैसा माहौल था। सब अपना काम करते और हफ़्ते के अन्त में अपनी तनख़्वाह ले कर वीकेंड ख़ुशी ख़ुशी मनाते। बहुत चहल पहल के दिन हुआ करते थे। इक बड़ी उम्र के बुजुर्ग भी वहां काम किया करती थी।मेरी आदत है अगर मेरे पास या मेरे सामने कोई उदासी में बैठा हो तो मैं रह नहीं पाती अकसर पूछ ही लेती हूँ !कि वो ऐसे कयू बैठे हैं? कई दिनों से वो बुजुर्ग उदास दिख रही थीं।एक दिन मुझ से रहा न गया और मैं अपनी आदत के अनुसार उनके पास गई और उनका हाथ अपने हाथ में लिया और धीरे-धीरे सहलाने लगी और पूछ ही लिया कि
कंयू चुप है आप?
क्या बात है ?
पहले तो उन्होंने टालने की कोशिश की,मगर मेरे बार बार पूछने पर कहने लगी।
बेटा क्या बताऊँ !
मेरा पोता अगले हफ़्ते शादी कर रहा है हम उस लड़की को या उसके घर वालों को जानते भी नहीं। हमारी जात बिरादरी की भी नहीं ,किसी गोरी “इंग्लिश लड़की “से शादी कर रहा है।मेरे पोते ने कोर्ट मैरिज अगले हफ़्ते करनी है सब घर वाले बहुत नाराज़ हैं कोई शादी पर नहीं जा रहा और मुझे भी जाने से मना कर रहे हैं ।घर में बहुत लड़ाई झगड़ा हो रहा है।मेरा बेटा ने सब को कह दिया ..कोई शादी में नहीं जायेगा। और बताने लगी कि मेरा पोता जो हमेशा मेरे बेहद क़रीब रहा है कहता है कि बीज़ी कोई आये न आये ,आप ज़रूर आना मेरी शादी में।हालाँकि मैं भी सख़्त नाराज़ हूँ उससे ।इसी सोच में हूँ क्या किया जाए।उसने कैसे बिना कुछ किसी को बताये सब तय कर लिया।घर में हर वक़्त क्लेश है।मैंने दोनों पहलुओं को समझते हुए कहा
आंटी बात को समझो तो कुछ भी नहीं ,बढ़ा लो ,तो बहुत कुछ है । हम बड़ो पर निर्भर करता है कि हम क्या और कैसी प्रतिक्रिया देते है मैंने कहा अगर आप चाहते हैं कि आप का पोता हमेशा आप की इज़्ज़त करें प्यार करें तो आप को उसके फ़ैसले को मान लेना चाहिए ।उसके साथ खड़े हो जाये ,अगर नहीं मानोगे शादी तो वैसे भी कर ही लेगा। रहना भी उन दोनों को ही है सारी उम्र साथ ।अगर वो ख़ुश है तो आप क्यों अड़चन डाल रहे हैं ।ख़ुशी ख़ुशी उनकी झोली में खुद से ख़ुशीया डाल दे ।हमेशा दिल से आप का सम्मान करेगा ।
अगर नहीं मानेंगे तो आप अपना पोता हमेशा के लिये खो देंगी और आप का बेटा अपना बेटा .. आप घर के बड़े है अगर आप राज़ी हो जाये और सब को हुक्म दे तो सब ठीक हो सकता है पहले तो वो घबराईं कि मेरी कौन सुनेगा ।जैसे तैसे कर मैंने उन्हें समझाया बुझाया कि आप ही कर सकते है आगे हो कर अपना फ़ैसला पोते के हक़ में दे और सब को कहे कि हम सब शादी में जायेंगे ।चलो उस दिन तो बात ख़त्म हो गई मैं अपने काम में बीज़ी हो गई वो अपने ,और मेरे दिमाग़ से बात भी निकल गई।हफ़्ते के बाद इक दिन मैंने देखा वो फ़ैक्ट्री में बड़ा सा मिठाई का डिब्बा और अपने बेटे के साथ मेरे पास आईं।मैंने कहा आंटी ये किस ख़ुशी में ।तब उन्होंने कहा हमारे पोते की शादी का मीठा ले कर आई हूँ जैसे तुमने मुझे कहा था न !!
मैंने ठीक वैसे ही किया सब को समझाया और सब फिर शादी पर जाने के लिए तैयार हो गये ।इतनी रौनक़ थी कि क्या बताऊँ।सब ख़ुश थे और मेरा पोता भी और मेरा बेटा भी।ख़ूब नाचे खूब हंसे ,सालों के बाद सारा परिवार मे ख़ुशी क
का माहौल था ।पोता भी ख़ुश था और नई नवेली दुल्हन भी ।फिर अचानक से
उन्होंने मुझे अपनी बाँहों में भर लिया और मेरे सिर पर हाथ रख कर धीरे से मेरे कान मे बोली ..ये सब तेरी वजह से हुआ है तुमने जैसा कहा था न ,ठीक मैंने वैसे ही किया और बोली अगर तुम मुझे न समझाती तो मैं और मेरा परिवार इस ख़ुशी से महरूम रह जाते। ख़ैर मुझे तो पता था कि रब के तरीक़े होते है कुछ भी करने के ।जोड़ियों तो पहले ही बनी होती है क्या मैं या क्या कोई और ,इसके क्षेय का हक़दार हो सकते है ।बस ज़रिये बना देता है किसी न किसी को .. हम सब बहुत खुश हुए और सारी फ़ैक्ट्री में मिठाई बाँटी गई और उनकी ख़ुशी चौगुनी हो गई और मैं उनका चेहरा देख रही थी आँखे ख़ुशी से नम थीं और चेहरे पर संतोष के भाव।

दोस्तों अब इस हालात में दो बातें हो सकती थी ।या तो वो सारा परिवार अपनी अहम के कारण या कह लें पुराने सोच के कारण ,इस शादी में न जा कर बच्चों से सारे रिश्ते तोड़ लेते ,और अपना पोते को सदा के लिए खो सकते थे ..दूसरा रास्ता जो उन्होंने अपनाया।आज उनका पोता भी ख़ुश और बेटा भी ख़ुश और पूरा परिवार भी। किसी चीज़ को, रिश्तो को तोड़ना बेहद आसान है जोड़े रखना ही मुश्किल।बडो की समझदारी का एक कदम ,एक फ़ैसला बहुत सी बातो को सुलझा सकता है मगर कभी-कभी बड़े बुजुर्ग अपनी बात किसी कारण वंश नही कह पाते तो परिणाम निःसन्देह दुख देह बन सकता है।

इक ग़लत फ़ैसला हमें अपनों से दूर कितनी दूर कर सकता है इस बात का अंदाज़ा आप मुझ से बेहतर लगा सकते है। 🙏

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एसोसिएशन ऑफ एलाइंस क्लब कानपुर भूमिजा एवं कानपुर सृजन का अधिष्ठापन समारोह संपन्न

कानपुर 11 सितम्बर, शुक्रवार को होटल के. डी. पैलेस में एसोसिएशन ऑफ एलाइंस क्लब कानपुर भूमिजा एवं कानपुर सृजन का अधिष्ठापन समारोह संपन्न हुआ,

समारोह में शिक्षा ओर कला क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले करीब 30 शिक्षको को महापौर प्रमिला पांडेय द्वारा सम्मानित किया गया,

इस मौके पर राजीव शुक्ल, राजेंद्र गर्ग, नलिन श्रीवास्तव, डा शिप्रा श्रीवास्तव, डा प्रियंका सिंह, अंजू शुक्ल, डा राजकिशोर सिंह, आदि उपस्थित रहे।

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दोस्त व्यस्त मतलब दोस्ती अस्त

किसी ने मुझसे पूछा ..दोस्ती कैसी होनी चाहिये ? हर इक इन्सान का हर बात के लिये अपना अलग नज़रिया होता है।
“ मेरा सवाल करना और तेरा जवाब न आना ..तुम्हारे शहर में ये होता होगा ,जहां तक हम जानते हैं दोस्ती का ये रिवाज हमारे शहर में तो नहीं “ सोचने की बात तो है ये दोस्तों! “दोस्त भी हो और व्यस्त भी हो !

सुनिये जनाब !
दोस्ती मे व्यस्त मतलब दोस्ती का अस्त “
अक्सर लोग ऐसा ही सोचते है। मगर सच मे अगर दोस्ती हो तो इन्सान दूसरे की व्यस्तता को समझता है।
मेरे विचार मे दोस्ती मे पवित्रता का होना बेहद लाज़मी है, क्योंकि पवित्रता और मित्रता का संगम ही है दोस्ती ।
हर रिश्ते की तरह दोस्ती की भी इक मर्यादा होती है ।दोस्त वही है जो उस मर्यादा का सम्मान कर सके ।बहुत बार दोस्ती खोने की बडी वजह मर्यादा की उलंघना ही होती है ।
दोस्ती करना आसान होता है
पर निभानी बहुत मुश्किल।
दोस्ती हालातों के बदलते कभी बदलती नही..पहली मुलाक़ात से शुरू हो कर आख़िरी साँस तक चले ,वो है दोस्ती ।
इक अच्छा दोस्त आप की पीठ के पीछे भी आप को किसी की नज़रों में गिरने न देगा और हर आलोचना से आप को बचायेगा भी..।

आज के दौर में लोग एक दूसरे से फ़ेसबुक पर बात करते हैं और कितने दोस्त भी बन जाते जिनसे कई बार हम कुछ सिखते है या वो हमसे।दोस्त अगर अच्छे हो तो यकीनन किसी को डिप्रेशन जैसी कोई चीज नहीं हो सकती।

किसी से अगर दोस्ती हो तो ये मतलब नहीं कि उनमें प्रेम ही होता है दोस्ती भी कई तरह की होती है कुछ दोस्त औपचारिकता वश,कुछ लोभ वश,कुछ जिज्ञासा वश ,कुछ सिर्फ़ वक़्त काटने के लिये ही ,कुछ प्यार वश और कई लोग दोस्ती दिमाग से करते है ..तो कुछ दिल से।
दिल से की गई दोस्ती ही दोस्ती होती है जहां कोई ग़रज़ नहीं ,
गिला शिकवा नहीं ,परख नहीं ,अहंकार नहीं होता।चाहे आप बरसो बाद भी मिलो या कभी फ़ोन पर बात भी न हो मगर फिर भी प्यार व दोस्ती बनी रहे।दूरियों के बाद भी जो क़ायम रहे ..वहीं है असल दोस्ती

कुछ लोग प्रेम और दोस्ती को एक ही नाम दे देते है ।प्रेम सिर्फ़ एक से ही होता है मगर दोस्ती बहुतों से हो सकती है ।दोस्ती और प्रेम मे बस इतना ही फ़र्क़ होता है प्रेमी कहता है अगर तुम नहीं तो मैं ज़िन्दा नही रह पाऊँगा .. और दोस्त कहता है .. “जब तक मैं ज़िन्दा हूँ न “तुम्हें कुछ होने नही दूँगा ।

दोस्त तो बहुत मिलेंगे मगर
सवाल दोस्ती का नहीं इक विश्वास का है
पवित्र मन का मालिक ही असल मे दोस्ती के क़ाबिल होता है।दोस्तों अगर आप के पास एक भी ऐसा अच्छा दोस्त है तो यकीनन आप क़िस्मत के धनी है।

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उत्तर प्रदेश सरकार ने किया खिलाड़ियों का अभूतपूर्व प्रोत्साहन

कानपुर 02 सितम्बर, खेल प्रतियोगिताओं में ओलंपिक खेलों का अहम स्थान है। इस बार ओलंपिक खेलों का आयोजन टोक्यो में किया गया। टोक्यो ओलंपिक में प्रदेश और देश के खिलाड़ियों ने बहुत ही उम्दा प्रदर्शन किया। भारत ने इस ओलंपिक मंे एक स्वर्ण, दो रजत और चार कांस्य पदकांे पर कब्जा किया। खेलों में खिलाड़ियों के बेहतर प्रदर्शन के लिए उनके प्रोत्साहन की अहम भूमिका होती है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने टोक्यो ओलंपिक में पदक विजेताओं के प्रोत्साहन में कोई कसर नहीं छोड़ी। प्रादेशिकता की भावना को दरकिनार कर भारत के लिए मेडल जीतने वाले सभी खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया गया। अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम में पदक विजेताओं के लिए एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसमें स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खिलाड़ियों को सम्मानित किया। उनके साथ राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल भी मौजूद रहीं। समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों ने यह साबित कर दिया है कि वे जान लगाकर देश के लिए खेलते हैं। ये खिलाड़ी एक प्रदेश का नहीं बल्कि समूचे देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस सम्मान समारोह में जेवलिन थ्रो में स्वर्ण जीतने वाले नीरज चोपड़ा को दो करोड़ रूपये दिए गए। रजत पदक विजेता वेटलिफ्टर मीराबाई चानू और पहलवान रवि दहिया को डेढ़-डेढ़ करोड़ दिए गए। कांस्य जीतने वाली बैडमिंटन खिलाड़ी पी0वी0 सिंधु, बॉक्सर लवलीना, पहलवान बजरंग पुनिया को एक-एक करोड़ का पुरस्कार दिया गया। कांस्य पदक जीतने वाली पुरूष हॉकी टीम के सभी खिलाड़ियों को एक-एक करोड़, मुख्यकोच को पच्चीस लाख और सहयोगी स्टाफ के अन्य सभी सदस्यों को दस-दस लाख रूपये के चेक दिये गये। महिला हॉकी टीम के सभी सदस्यों को पचास-पचास लाख, मुख्यकोच को पच्चीस लाख एवं स्टॉफ को दस-दस लाख रूपये के चेक दिये गये। चौथे स्थान पर रहे पहलवान दीपक पूनिया एवं गोल्फर अदिति अशोक को पचास-पचास लाख रूपये, चानू के प्रशिक्षक को भी दस लाख रूपये का पुरस्कार दिया गया। प्रदेश सरकार ने अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का मान बढ़ाने वाले खिलाड़ियों को राजपत्रित अधिकारी का पद प्रदान करने की व्यवस्था की है। साथ ही खिलाड़ियों को मिलने वाली अनुदान राशि में भी वृद्धि की घोषणा की गई है।
प्रदेश सरकार ने कुश्ती को बढ़ावा देने के लिए इस खेल को दस साल के लिए गोद लेने का फैसला भी किया है। इसके अलावा खेल छात्रावासों में खिलाड़ियों की प्रतिदिन खुराक राशि 250 रूपये से बढ़ाकर 375 रूपये कर दी गयी है। लखनऊ में कुश्ती अकादमी की स्थापना का भी प्रावधान किया गया है।
प्रदेश सरकार द्वारा खिलाड़ियों के उत्थान के लिए किए गए प्रयासों के कारण खेलों के प्रति युवाओं का रूझान बढ़ा है। न केवल ओलंपिक खेलों में बल्कि अन्य अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों के लिए पुरस्कारों की व्यवस्था प्रदेश सरकार द्वारा की गयी है। इसके लिए एशियन गेम्स और कॉमन वेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीवने वाले खिलाड़ी को तीस लाख रूपये और कांस्य पदक जीवने वाले को पन्द्रह लाख रूपये देने की व्यवस्था की गयी है।
यदि समग्ररूप से विचार किया जाए तो प्रदेश सरकार द्वारा खिलाड़ियों के प्रोत्साहन की नीति निश्चित रूप से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ियों के प्रदर्शन को शीर्ष पर ले जाएगी।

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54 पैरालंपिक एथलीट भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे और टोक्यो पैरालंपिक में पदक जीतने के लिए 25 अगस्त से अपनी यात्रा शुरू करेंगे

प्रमुख तथ्य :

•54 एथलीटों के साथ किसी भी पैरालंपिक में भारत द्वारा भेजी गई अब तक की यह सबसे बड़ी टीम है।

•भाविना और सोनलबेन पहले दिन यानी 25 अगस्त को टोक्यो में अपने अंतिम चयन प्रतिस्पर्धा (क्वालीफिकेशन राउंड) की शुरुआत करेंगी। वे टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) कोर ग्रुप का हिस्सा हैं।

•अरुणा महिलाओं के अंडर 49 किग्रा में के-44 वर्ग में भाग लेंगी। वे 2 सितंबर को राउंड ऑफ-16 राउंड्स से अपने प्रतिस्पर्धा की शुरुआत करेंगी। वे टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) का हिस्सा हैं।

•सकीना, जो महिलाओं के 50 किग्रा वर्ग में भाग लेंगी, राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाली एकमात्र भारतीय महिला पैरालंपिक खिलाड़ी हैं।

भारत के 54 एथलीट; तीरंदाजी, एथलेटिक्स (ट्रैक एंड फील्ड), बैडमिंटन, तैराकी, भारोत्तोलन समेत 9 खेलों में भाग लेंगे। यह किसी भी पैरालंपिक में भारत द्वारा भेजी गई अब तक की सबसे बड़ी टीम है। सभी 54 एथलीट टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) का हिस्सा हैं।

गुजरात राज्य की भाविना पटेल और सोनलबेन पटेल दोनों पैरालंपिक खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने की कोशिश करेंगी। यह जोड़ी क्रमशः पैरा टेबल टेनिस महिला एकल व्हीलचेयर वर्ग 4 श्रेणी और महिला एकल व्हीलचेयर वर्ग 3 श्रेणी में भाग ले रही है। वे महिला युगल स्पर्धा में भी जोड़ी के रूप में भाग लेंगी।

(चित्र: सोनलबेन पटेल)

भाविना और सोनलबेन अपने क्वालीफिकेशन राउंड की शुरुआत टोक्यो में पहले दिन यानी 25 अगस्त को करेंगी। क्वालीफाइंग राउंड 25, 26 और 27 अगस्त को होंगे, जबकि सेमीफाइनल और फाइनल क्रमशः 28 और 29 अगस्त को होंगे।

 

(चित्र: भाविना)

दोनों खिलाड़ियों ने अहमदाबाद स्थित ब्लाइंड पीपुल्स एसोसिएशन में प्रशिक्षक ललन दोषी की देख-रेख में प्रशिक्षण लिया है। भाविना जहां इस समय अपने वर्ग में दुनिया में 8वें स्थान पर हैं, वहीं सोनलबेन 19वें स्थान पर हैं। दोनों सरदार पटेल पुरस्कार और एकलव्य पुरस्कार प्राप्त कर चुकी हैं और एशियाई खेलों में पदक विजेता रही हैं।

दोनों खिलाड़ी टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) कोर ग्रुप का हिस्सा हैं और दोनों को अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने के मामले में भारत सरकार से महत्वपूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ है। भाविना को व्यक्तिगत प्रशिक्षण के लिए टीटी टेबल, रोबोट और टीटी व्हीलचेयर तथा आगामी टोक्यो पैरालंपिक खेलों की तैयारी के लिए फिजियोथेरेपी, आहार विशेषज्ञ, मनोवैज्ञानिक और प्रशिक्षण शुल्क के साथ-साथ प्रशिक्षण के लिए टेबल टेनिस बॉल, प्लाई, रबर, गोंद आदि जैसे उनके खेल से जुड़े विशिष्ट उपकरणों की खरीद के लिए वित्तीय सहायता भी मिली है।

पैरा टीटी से जुड़ी अपनी बड़ी बहनों के नक्शेकदम पर चलते हुए पैरालंपिक खेलों में पैरा ताइक्वांडो में भारत की एकमात्र प्रतिनिधि 21 वर्ष की अरुणा तंवर होंगी। हरियाणा की अरुणा महिलाओं के 49 किलोग्राम से कम भार के के-44 वर्ग में भाग लेंगी। वो 2 सितंबर को राउंड- ऑफ-16 राउंड्स में अपना जौहर दिखायेंगी।

 

(चित्र:अरुणा तंवर)

अरुणा इस समय के-44 वर्ग में 30वें स्थान पर हैं और वो 2018 में वियतनाम में आयोजित एशियाई पैरा ताइक्वांडो चैम्पियनशिप में रजत पदक विजेता रही हैं। साथ ही, वो 2019 में तुर्की में आयोजित विश्व पैरा ताइक्वांडो चैम्पियनशिप में कांस्य पदक विजेता रही हैं। वो टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) का एक हिस्सा हैं और उन्हें उनके खेल से जुड़े विशिष्ट उपकरणों की खरीद के लिए वित्तीय सहायता भी मिली है।

(चित्र:अरुणा तंवर)

पैरा पावरलिफ्टिंग के लिए भारत जय दीप और सकीना खातून के रूप में दो सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को वहां भेज रहा है। जहां एक ओर पश्चिम बंगाल में जन्मी सकीना बेंगलुरु स्थित साई राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र में प्रशिक्षण ले रही हैं, वहीं दूसरी ओर हरियाणा के रहने वाले जय दीप रोहतक स्थित राजीव गांधी स्टेडियम में प्रशिक्षण ले रहे हैं। ये दोनों ही टॉप्‍स कोर टीम का हिस्सा हैं।

सकीना, जो महिलाओं के 50 किग्रा तक के वर्ग में भाग लेंगी, अब तक की एकमात्र भारतीय महिला पैरालिंपियन हैं, जिन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में कोई पदक जीता है। उन्‍होंने वर्ष 2014 में ग्लासगो में यह पदक जीता था। वह पैरा एशियन गेम्स 2018 की रजत पदक विजेता भी हैं। बचपन में हुई पोलियो की गंभीर बीमारी की वजह से ही सकीना दिव्‍यांगता से ग्रस्‍त हो गई हैं। मैट्रिक तक पढ़ाई कर लेने के बाद उन्होंने दिलीप मजूमदार और अपने वर्तमान कोच फरमान बाशा से प्राप्‍त वित्तीय सहायता की बदौलत वर्ष 2010 में पावरलिफ्टिंग प्रशिक्षण शुरू किया।

(चित्र:सकीनाखातून)

जय दीप, जो पुरुषों के 65 किग्रा तक के वर्ग में भाग ले रहे हैं, भारतीय खेल प्राधिकरण में सहायक कोच हैं। इन दोनों ही खिलाडि़यों को तीन से भी अधिक अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने और खेल किट से युक्‍त खेल विज्ञान सहायता के साथ राष्ट्रीय कोचिंग शिविरों में भाग लेने में भारत सरकार की ओर से महत्वपूर्ण सहयोग प्राप्‍त हुआ है। ये दोनों ही खिलाड़ी 27 अगस्त को अपने-अपने फाइनल राउंड में टोक्यो में खेलेंगे।

(चित्र:जय दीप)

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विप्र शिरोमणि भगवान परशुराम की भव्य शोभायात्रा कल

हाथरस। विप्र शिरोमणि भगवान परशुराम की जयंती के उपलक्ष में ब्राह्मण महासभा के तत्वावधान में कल 13 अप्रैल को चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को विशाल एवं भव्य शोभायात्रा शहर में निकलेगी और शोभायात्रा में सभी विप्र बंधुओं एवं शहर की जनता से शामिल होने की अपील की गई है। उक्त संबंध में जानकारी देते हुए श्री ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष रवि रंजन द्विवेदी एडवोकेट, शोभा यात्रा संयोजक राजेश शर्मा ‘राजू’ एवं ब्राह्मण शिविर संयोजक विशाल सारस्वत ने बताया है कि विप्र शिरोमणि भगवान परशुराम की शोभायात्रा कल 13 अप्रैल को भारी धूमधाम के साथ आगरा रोड स्थित चित्रकूट व्यायामशाला से सायं 5 बजे प्रारंभ होगी और शोभा यात्रा का उद्घाटन उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं सादाबाद विधायक रामवीर उपाध्याय द्वारा किया जाएगा। उन्होंने समस्त ब्राह्मण समाज एवं शहर की जनता से अनुरोध किया है कि शोभायात्रा में भारी संख्या में शामिल होकर पुण्य लाभ अर्जित करें।

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