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मनोरंजन

असीम सुख देता है रब से किया गया प्रेम

“पूछा जो इक रोज़ उसने …बता तो सही..क्या मिला तुम्हें
इश्क़ के दरिया में ?
मैंने हँस कर कहा …
न पूछ तू इश्क़ की सौग़ातों की बात…
बेशुमार दौलतें पाई है हमने …ख़ामोशियाँ ..
दर्द ..
इन्तज़ार ..
बेचैनियाँ .. अश्क ..सभी तो पाया हमने …
और हाँ !
सबसे ज़्यादा सकून तो तब मिला ,जब मेरी ख़ुदी ही खो गई।अब तू बता ?
“क्या कम पाया है मैंने “?

🌹फ़रवरी का महीना
गुलाब के फूल,
इश्क़ की ख़ुशबू ,
मोहब्बत से महकता
ये महीना हर तरफ़ अपना ही रंग बिखेरे हुये होता है।
दोस्तों !
लाल गुलाब उसे ही दीया जाता है जो आप के लिए बेहद ख़ास हो।
जिसने आप की रूह को छू लिया हो।

प्रेम…
प्रेम प्रसाद की तरह होता है,
जो हर व्यक्ति के भाग्य में नहीं होता,……वो उसी को नसीब होता है,जिसे रूह की चाह होगी ,जिस्म की नही …..

किसी स्त्री को पत्नी बनाना,
उसके प्रेम को प्राप्त कर लेना नही है,क्योंकि स्त्री पति को सिर्फ उसका अधिकार देती है, प्रेम नही।
लोग अक्सर अधिकार ही देते है प्रेम नहीं …

प्रेम होना या किसी का प्रेम मिलना ये एक अलग और गहरी बात है। किसी किसी विरले के ही हिस्से में प्रेम आ पाता है, बाकि तो सब जीवन जी रहे हैं इक मृगतृष्णा में ..कि उन्हें प्रेम है या मिल रहा है।

प्रेम इक त्याग है ।
आसान नहीं होता ,प्रेम में रहना।
प्रेम को पाने के लिए उतना ही समर्पण चाहिए,
जितना हम भगवान को पाने के लिए करते है,
क्योंकि प्रेम को हम नही..बल्कि प्रेम हमको चुनता हैं….
बिना किसी आस के उम्र भर किसी को चाहते रहना ही प्रेम है।🙏

ज़्यादातर लोग आकर्षित होते है .. वो आकर्षण बहुत देर ठहरता नहीं। वक़्त के साथ ख़त्म होता चला जाता है।जिस प्रेम की मैं बात कर रही हूँ ।वो प्रेम ठहर जायेगा ..वहीं पर ….हमेशा के लिये . …
उसका जिस्म से कोई सरोकार
नहीं ..सिर्फ़ मतलब रह जाता है तो केवल रूह से।
रूह से जुड़ा प्रेम
वक़्त के साथ गहरा होता चला जाता है।
जो लोग दावा करते हैं अपने इश्क़ का .. अपने मन को टटोल कर देखे जिसे वह प्यार करते हैं , उसके लिए मन में क्या कभी पूजने का भाव आया है ?
क्या आप का प्रेम ,हमेशा एक ही के साथ ठहरा है कभी ..या फिर आज यहाँ और कल वहाँ ….अगर प्रेम में ठहराव नही है,
तो समझ जाईये कि आपको प्रेम नही ,सिर्फ़ इक आकर्षण हुआ है।
प्रेम तो जहां रम गया, जिसमें रम गया ,सो रम गया …फिर इधर-उधर नहीं भटकेगा।

यू भी दिल और दिमाग़ से किया प्रेम कुछ देर तो चल सकता है ,मगर ..रूह से किया गया
प्रेम तो …आख़िरी साँस तक
चलता है …

कृष्ण और मीरा का प्रेम…
कृष्णा और राधा का प्रेम ..
मर्यादाओं में बंधा हुआ ,..
दूर रह कर भी इक दूसरे की पीड़ा का अहसास था उनमे।
इक दूजे से दूर, मगर इक दूजे में ही समाये हुए।
बहुत पत्नियों के स्वामी थे कृष्णा।सब के लिए फ़र्ज़ निभाते, सब को अधिकार बाँटते ..
मगर खुद राधा के प्रेम में मग्न और परिपूर्ण रहते।वहाँ मिलन सिर्फ़ रूह का था ..शरीर का नही ..

सोचें दोस्तों !
हम कहाँ है ?
हमारा प्रेम कहाँ खड़ा है ?
क्या हम वाक़ई प्रेम में है या इक भ्रम में जी रहे हैं ।

हर कोई अघूरा है यहाँ ..
किसी विरले की ही तालाश पूरी होती है ।
नहीं तो हर कोई भटक रहा है प्रेम की तालाश में।
प्रेम मिलना बहुत मुश्किल है ..अगर मिल जाये कहीं …तो उसकी क़दर ज़रूर कीजिए। कई जन्मों के तप का नतीजा होता है सच्चा प्रेम।

इक बात मैं ज़रूर कहना चाहूँगी कि दुनिया का प्रेम कभी सुख देगा ,कभी दुख देगा .. मगर रब से किया गया प्रेम हमेशा असीम सुख देता है ..
दोस्तों !
सोचना अब आप को है …
कि आप को क्या चाहिए
“दुख सुख की छाँव “
या
“सदा का सुख
🙏🌹🙏🌹
लेखिका स्मिता

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अभिशप्त मैं

:- “पूनम यह लो पैसे और दो किलो बाजरे का आटा लेती आ।”

पूनम:- “वो पहले के बकाया पैसे मांग रहा है, परसों कह रहा था कि पहले पैसा लाओ फिर आटा दूंगा।”
माया:- “बोलना उससे कि इसी रूपये में से काट ले और जो हिसाब बचेगा वो अगली बार दे दूंगी।”
पूनम:- “ठीक है” और कराहती हुई उठी दुकान जाने के लिए।
माया भी कमर पकड़कर उठी तो दर्द से कराह उठी। मन ही मन बड़बड़ाते हुए काम पर जाने लगी तो पास ही बैठे हुए छोटे बच्चों की और देखा जो भूखे बैठे खाने की राह देख रहे थे। पति मदन अभी तक सोया पड़ा था। बच्चों के मुंह को देखकर माया रसोई में खाना बनाने चली गई। बड़ी लड़की को उसने आवाज देकर उठाया और काम में जुट गई। सब्जी छौंकते समय उसकी आंखों में आंसू आ गए। कैसा जीवन है हम औरतों का? पति की मार खाओ और पैसा भी कमाने जाओ? उस पर इन बच्चों का भार वो अलग से।
मदन रोज शराब पीकर आता और माया को पीटता था। उससे पैसे मांगता था और न देने पर पीटता था। उसकी बेटियां भी कम दुखी नहीं थी अपने बाप से। रोज मारकर उठाना आम बात थी। कभी लात से, कभी कुछ भी फेंककर मार दिया, इस तरह लड़कियों को उठाना आम बात थी। जिंदगी एक बोझ के सिवा कुछ नहीं लगती थी। “मेरे पास रास्ता भी तो नहीं है कुछ? इन बच्चों को किसके सहारे छोड़ कर जाऊं? और मैं खुद भी कहां जाऊं? मायका भी ऊंच नीच ही समझाएगा और उसका क्या करूं कि हमारे समाज में नहीं चलता यह सब और वैसे भी कितना भी कर लो वह पक्ष पति का ही लेगा। यह सब सुन कर भी दोषी मुझे ही बताया जाएगा। फिर बेचारी बनकर जीना ही एकमात्र पर्याय है।” टीस मारते हुए जख्मों की ओर देखती हुई माया सोचती रही।
चार बच्चों की मां बनाकर मदन ने माया पर घर की जिम्मेदारी का भार भी डाल दिया था। सुबह घर के काम के बाद बाहर घर काम के लिए निकल जाती थी। मुझे इन चुप रहती इन आंखों में कई सवाल दिखते थे। ऐसा लगता कि सवाल वह खुद से कर रही और जवाब भी खुद ही दे रही है। इसी उधेड़बुन में काम करते-करते उसके हाथों की गति तेज और तेज होती जाती।
माया:- “पैसे खत्म हो गए हैं सब्जी, आटा और तेल लाना है।”
मदन:-  “तो मैं क्या करूं? तू् लेकर आ, मेरे पास पैसे नहीं है।”
माया:- “अभी तो मेरे पास भी नहीं है।”
मदन:- “अभी कल ही तो पांच सौ देखे थे तेरे पास वो कहां गए? मुझे काम है दे वो पैसे?”
माया:- “नहीं है, खर्च हो गए।” और दोनों में बहस शुरू हो गई और लड़ते-लड़ते मदन का हाथ माया पर उठ जाता है। उसके हाथ में जो भी चीज आती है चप्पल, बेल्ट,  पाइप, पत्थर उसी से मारते जाता। माया चीखती रही और रोते रही। बड़ी बेटी मां को बचाने आई तो उसे भी मार पड़ गई। मां बेटी दोनों मार खाते रहे और चिल्लाते रहे। यह रोज की दिनचर्या थी।
काम करते-करते माया सोच रही थी कि, “मैं क्यों यह अभिशप्त जीवन जी रही हूं? क्यों नहीं यह सब छोड़ कर चली जाती हूं? यहां ऐसा कौन सा सुख है जिसकी मुझे लालसा है? मार खाने के बाद रात में शरीर पर रेंगते हाथ शरीर से ज्यादा मन की तकलीफ को बढ़ा देते? क्यों मजबूर हूं इस विवशता से भरे जीवन को जीने का जीने के लिए? क्या इसी अवसादपूर्ण जीवन के लिए इस आदमी से रिश्ता जोड़ा था, शादी की थी।” ~प्रियंका वर्मा महेश्वरी

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शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) फिल्म महोत्सव 27 से 31 जनवरी, 2023 तक मुंबई में आयोजित किया जाएगा

राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) के माध्यम से सूचना और प्रसारण मंत्रालय 27 से 31 जनवरी, 2023 तक मुंबई में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) फिल्म महोत्सव का आयोजन कर रहा है। एससीओ फिल्म महोत्सव का आयोजन एससीओ में भारत की अध्यक्षता के उपलक्ष्य में किया जा रहा है।

इस महोत्सव के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए अपर सचिव सुश्री नीरजा शेखर ने कहा कि इस महोत्सव का उद्देश्य सिनेमाई साझेदारियां निर्मित करना और एससीओ में विभिन्न देशों की संस्कृतियों के बीच एक सेतु के रूप में काम करना है। सामूहिक सिनेमाई अनुभव के माध्यम से ये एससीओ सदस्यों के फिल्म समुदायों के बीच सामंजस्य भी पैदा करेगा। उन्होंने कहा कि एससीओ राज्यों द्वारा लाई गई सभी फ़िल्में जो एससीओ फिल्म महोत्सव में दिखाई जाने वाली हैं, उन्हें देखकर दर्शक विभिन्न संस्कृतियों को अनुभव कर सकेंगे और ये फिल्में एससीओ देशों के लोगों को एक दूसरे को बेहतर तरीके से जानने का मौका देंगी।

सुश्री शेखर ने बताया कि इस महोत्सव में कंपीटिशन और नॉन-कंपीटिशन स्क्रीनिंग में एससीओ देशों की फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा। फिल्म स्क्रीनिंग के अलावा इस फेस्टिवल में मास्टर-क्लास, इन-कॉन्वर्सेशन सेशन, देशों और राज्यों के पैवेलियन, फोटो और पोस्टर प्रदर्शनी, हस्तशिल्प स्टॉल और कई अन्य कार्यक्रम होंगे।

इस महोत्सव की शुरुआत एक भारतीय फिल्म के वर्ल्ड प्रीमियर के साथ होगी क्योंकि एससीओ फिल्म महोत्सव का आयोजन एससीओ में भारत की अध्यक्षता के दौरान किया जा रहा है। ये उद्घाटन समारोह 27 जनवरी, 2023 को जमशेद भाभा थियेटर, एनसीपीए, मुंबई में आयोजित किया जाएगा।

इस फिल्म फेस्टिवल की स्क्रीनिंग मुंबई में दो स्थानों पर होगी। पेडर रोड में फिल्म डिवीजन कॉम्प्लेक्स के 4 ऑडिटोरियमों में और वर्ली में नेहरू प्लैनेटेरियम बिल्डिंग में 1 एनएफडीसी थिएटर में।

इसमें कंपीटिशन सेक्शन केवल एससीओ सदस्य देशों के लिए है और इसमें सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म, सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (पुरुष), सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (महिला), सर्वश्रेष्ठ निर्देशक (फीचर फिल्म), विशेष जूरी पुरस्कार जैसे विभिन्न प्रतिष्ठित पुरस्कार शामिल हैं।

नॉन-कंपीटिशन सेक्शन सभी एससीओ देशों के लिए है, यानी निम्नलिखित श्रेणियों में सदस्य देशों, पर्यवेक्षक देशों और डायलॉग पार्टनर देशों के लिए-

I. एससीओ कंट्री फोकस फिल्में, जो फिल्म समारोह में संबंधित एससीओ देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुनी गई हैं। इससे विभिन्न देशों के बीच आदान-प्रदान सक्षम होगा और ये शंघाई सहयोग संगठन के सदस्यों की संस्कृतियों के बीच एक सेतु के रूप में कार्य करेगा।

II. डायरेक्टर फोकस फ़िल्में, जो किसी एससीओ देश के जाने-माने निर्देशक, किसी दिग्गज द्वारा बनाई गई हो, जो देश की विरासत में योगदान देने वाले अपने शिल्प और अपनी सिनेमा हैरिटेज के लिए देश में बहुत सम्मानित हो।

III. चिल्ड्रन फोकस फिल्में जो युवा दर्शकों को शिक्षित करती हों, और उनका मनोरंजन करती हों, जिन्हें समझना आसान हो। इससे छोटे बच्चों की रुचि का विकास होता है और उनके दिमाग का पोषण होता है।

IV. शॉर्ट फ़िल्में जो 20 मिनट से लंबी न हों, जो कलात्मक व सिनेमाई रूप से निपुण हों और मौलिक विचारों का इस्तेमाल करते हुए दर्शकों के मन-मस्तिष्क को लुभाती हों।

V. भारत की संरक्षित क्लासिक फ़िल्में- ऐसी 5 फिल्मों का प्रदर्शन किया जा रहा है।

एससीओ फिल्म महोत्सव में एससीओ देशों की कुल 57 फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी। कंपीटिशन सेक्शन में 14 फीचर फिल्में प्रतिस्पर्धा कर रही हैं और उन्हें प्रदर्शित किया जाएगा तथा नॉन कंपीटिशन सेक्शन में 43 फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा।

कंपीटिशन सेक्शन के लिए कुल 14 फिल्मों को नामांकित किया गया है।

• निखिल महाजन द्वारा निर्देशित मराठी फिल्म ‘गोदावरी’ और पैन नलिन द्वारा निर्देशित गुजराती फिल्म ‘द लास्ट फिल्म शो’ सदस्य राष्ट्र भारत की ओर से नामांकित हैं।

• निर्देशक ए. ज़ैरोव और एम. मामिरबेकोव द्वारा निर्देशित रूसी फिल्म ‘मॉम, आई एम अलाइव!’ और बैराकिमोव अल्दीयार द्वारा निर्देशित ‘पैरालिंपियान’ को सदस्य देश कजाकस्तान की ओर से नामांकित किया गया है।

• बकीत मुकुल और दास्तान ज़ापर ऊलू द्वारा निर्देशित किर्गिज फिल्म अकिर्की कोच (द रोड टू ईडन) और तलाइबेक कुलमेंदीव द्वारा निर्देशित उई सत्यलाट (होम फॉर सेल) सदस्य देश किर्गिस्तान से नामांकित हैं।

• यीहुई शाओ द्वारा निर्देशित इतालवी और चीनी फिल्म बी फॉर बिजी और शाओजी राव द्वारा निर्देशित चीनी फिल्म होम कमिंग को सदस्य देश चीन से नामांकित किया गया है।

• लिउबोव बोरिसोवा साखा द्वारा निर्देशित रूसी फिल्म डोन्ट बरी मी विदाउट इवान और एवगेनी ग्रिगोरेव द्वारा निर्देशित पोडेल्निकी (द रायट) को सदस्य देश रूस द्वारा नामित किया गया है।

• डी. मसैदोव द्वारा निर्देशित उज़्बेक फ़िल्म ऐल किस्माती (द फेट ऑफ अ वुमन) और हिलोल नसीमोव द्वारा निर्देशित मेरोस (लैगेसी) सदस्य राष्ट्र उज़्बेकिस्तान की ओर से नामांकित हैं।

• मुहिद्दीन मुजफ्फर द्वारा निर्देशित ताजिक फिल्म डोव (फॉर्च्यून), और महमदराबी इस्मोइलोव द्वारा निर्देशित ओखिरीन सैयदी सयोद (हंटर्स फाइनल प्रे) सदस्य राष्ट्र ताजिकिस्तान द्वारा नामांकित हैं।

एससीओ फिल्म महोत्सव में भारतीय फिल्में-

बेहद सराही गई निखिल महाजन द्वारा निर्देशित मराठी फिल्म गोदावरी और ऑस्कर में सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा की श्रेणी में भारत की आधिकारिक प्रविष्टि गुजराती फिल्म छेलो शो, जो लास्ट फिल्म शो के रूप में भी जानी जाती है, को प्रतियोगिता खंड में प्रदर्शित किया जाएगा। इसके अलावा एससीओ कंट्री फोकस में शूजीत सरकार की सरदार उधम, एसएस राजामौली की पीरियड फिल्म आरआरआर है। डायरेक्टर फोकस में संजय लीला भंसाली की गंगूबाई काठियावाड़ी, चिल्ड्रन फोकस में मृदुल तुलसीदास की तुलसीदास जूनियर और चेतन भाकुनी की शॉर्ट फिल्म जुगलबंदी दिखाई जाएगी। इसके अलावा पांच रिस्‍टोर्ड क्लासिक्स भी महोत्‍सव में प्रदर्शित की जाएंगी। इनमें शतरंज के खिलाड़ी; (1977, हिंदी), सुबर्णरेखा (1965, बंगाली), चंद्रलेखा (1948, तमिल), इरु कोडगुल (1969, तमिल) और चिदंबरम (1985, मलयालम) शामिल हैं।

एससीओ की आधिकारिक भाषा अर्थात रूसी और चीनी, फिल्म महोत्सव की भी आधिकारिक भाषाएं होंगी। महोत्सव भारत में आयोजित किए जाने के कारण कार्यात्मक भाषा के रूप में अंग्रेजी को भी इसमें शामिल किया जाएगा। ज्‍यूरी और स्थानीय दर्शकों की सुविधा के लिए प्रदर्शित की जाने वाली फिल्मों को या तो अंग्रेजी में डब किया जाएगा या उनके सबटाइटल दिए जाएंगे।

भारतीय फिल्मी हस्तियों के साथ इस महोत्सव में भाग ले रहे एससीओ देशों के प्रतिष्ठित फिल्म निर्माताओं और अभिनेताओं के साथ ‘मास्टरक्लासेस’ और ‘इन कन्वर्सेशन’ सत्र भी होंगे। एनिमेशन के इतिहास के अन्‍वेषण में जुटे इस उद्योग के विशेषज्ञों के साथ सत्र आयोजित किए जाएंगे तथा एनिमेशन और विज्‍युअल इफैक्‍ट्स की सहायता से ‘क्रिएटिंग द शॉट’ की असीम संभावनाओं को भी प्रस्तुत किया जाएगा। फिल्म वितरण के बदलते परिदृश्य और उभरती प्रौद्योगिकियों की मदद से थिएटर भाषा में अनुवाद पर भी कुछ सत्र आयोजित किए जा रहे हैं।

एससीओ फिल्म महोत्सव पोर्टल: https://sco.nfdcindia.com/ पर ऑनलाइन प्रतिनिधि पंजीकरण किया जा सकता है, साथ ही पेडर रोड मुंबई में फिल्म डिवीजन परिसर के मुख्य समारोह स्थल पर भी पंजीकरण डेस्क उपलब्ध होंगे। प्रतिनिधि पंजीकरण शुल्क महोत्सव के लिए 300 रुपये या 100 रुपये प्रतिदिन रखा गया है। इसे छात्रों के लिए निशुल्क रखा गया है।

एससीओ फिल्म महोत्सव 2023 की ज्यूरी में निम्नलिखित शामिल हैं

भारत

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राहुल रवैल

फिल्मकार 

राहुल रवैल एक अत्‍यंत प्रसिद्ध भारतीय फिल्म निर्देशक और फिल्म एडिटर हैं जो लव स्टोरी, बेताब, अर्जुन, अंजाम और कई अन्य फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने सनी देओल, अमृता सिंह, परेश रावल, काजोल, ऐश्वर्या राय बच्चन और जॉन अब्राहम जैसे कई सफल कलाकारों को लॉन्च किया है। उन्होंने वर्ष 2017 और वर्ष 2018 में इफ्फी में भारतीय पैनोरमा एवं वर्ष 2019 में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की ज्‍यूरी की अध्यक्षता की, और, उन्‍होंने कई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सवों की कमान संभाली है। उनकी पुस्‍तक ‘राज कपूर- द मास्टर एट वर्क’ सिनेमा के भावी विद्यार्थि‍यों के लिए एक पाठ्य पुस्तक मानी जाती है।

चीन

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सुश्री निंग यिंग

फिल्म निर्देशक

निंग यिंग विश्व स्तर पर सराही गई पुरस्कार विजेता चीनी फिल्म निर्देशक हैं जिन्हें अक्सर चीन की छठी पीढ़ी के फिल्म निर्माताओं की मंडली का एक अहम सदस्य माना जाता है। वह बीजिंग ट्रायलॉजी जैसी अपनी फिल्मों के लिए जानी जाती हैं जिसमें फॉर फन, ऑन द बीट और आई लव बीजिंग शामिल हैं, जिनमें हाल के दशकों में बीजिंग में हुए व्‍यापक बदलावों का विश्लेषण किया गया है। ‘रेलरोड ऑफ होप (2002)’  में पूरे चीन में सस्ते कामगारों के बड़े पैमाने पर प्रवासन को दर्शाया गया है एवं जिसने ग्रैंड प्रिक्स डू सिनेमा डू रील जीता और परपेचुअल मोशन (2005) का प्रीमियर कई अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्‍सवों में हुआ।

कजाकस्तान

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श्री दिमश कुदाईबर्गेन

संगीतकार

दिनमुखामेद ‘दिमश’ कनाटुली कुदाईबर्गेन पॉप, क्लासिकल क्रॉसओवर फोक और ऑपरेटिव पॉप संगीत की शैली में एक विश्व प्रसिद्ध और प्रतिभाशाली संगीतकार हैं। दिमश और उनका संगीत समस्‍त पूर्वी यूरोप एवं एशिया, विशेषकर कजाकस्तान (उनकी मातृभूमि), चीन और रूस में प्रसिद्ध है और उनके प्रशंसक 120 से भी अधिक देशों में फैले हुए हैं जो उनका लाइव प्रदर्शन देखने के लिए सदैव उत्सुक रहते हैं। दिमश की उत्‍कृष्‍ट स्वर क्षमता का श्रेय इस तथ्य को दिया जाता है कि उनके पास छह सप्तक की रेंज है और इसके अलावा श्रोताओं एवं दर्शकों से उनका बेहतरीन जुड़ाव रहा है।

किर्गिस्तान

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सुश्री गुलबारा तोलोमुशोवा

फिल्मकार और फिल्म समीक्षक

गुलबारा तोलोमुशोवा एक पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता और अपने लेखों के माध्यम से एक फिल्म समीक्षक हैं और कई अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्‍सवों की ज्‍यूरी की एक अहम सदस्य हैं। वह एफआईपीआरईएससीई (फिल्म समीक्षकों का अंतर्राष्ट्रीय संघ) और नेटपैक (एशियाई सिनेमा के प्रचार के लिए नेटवर्क) की सदस्य हैं। वह किर्गिस्तान के संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय में छायांकन विभाग में एक अग्रणी विशेषज्ञ हैं और सिनेमा के क्षेत्र में उनकी उत्‍कृष्‍ट कृति‍यों के लिए उन्हें अपने देश और विदेश में सम्मान से नवाजा गया है।

रूस

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श्री इवान कुद्रयावत्सेव

फिल्म निर्माता एवं पत्रकार

इवान कुद्रयावत्सेव एक प्रसिद्ध पत्रकार एवं निर्माता, मॉस्को इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल की चयन समिति के अध्यक्ष और द नेशनल एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज के सदस्य हैं। वह सिनेमा टीवी चैनल के प्रधान संपादक हैं और रूस के फिल्म बाजार के विशेषज्ञ हैं, द गोल्डन ईगल अवार्ड- फिल्म उद्योग के पेशेवरों को मान्यता देने वाला रूस का मुख्य पुरस्कार- के विशेषज्ञ परिषद के प्रमुख हैं। वर्ष 2009 से, इवान रूस के प्रमुख समाचार टीवी चैनल रूस 24 पर एक साप्ताहिक फिल्म उद्योग समाचार कार्यक्रम ‘इंडस्ट्रिया किनो’ का संचालन कर रहे हैं।

ताजिकिस्तान

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श्री मेहमदसैद शोहियों

फिल्म निर्माताअभिनेतालेखक

मेहमदसैद शोहियों एक प्रमुख अभिनेता, निर्माता और लेखक हैं। वह 30 वर्षों से संस्कृति और रंगमंच के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। उन्हें 25 से अधिक फिल्मों तथा सिनेमा एवं थिएटर के क्षेत्र से जुड़े कई प्रकाशनों और वाटर बॉय (2021), फॉर्च्यून (2022) व बचाई होबी (2020) जैसी फिल्मों के निर्माण का श्रेय दिया जाता है। वह ताजिकिस्तान गणराज्य के संस्कृति मंत्रालय के प्रथम उपमंत्री और टेलीविजन एवं रेडियो प्रसारण समिति के अध्यक्ष थे और वर्तमान में राज्य उद्यम, तोजिकफिल्म के निदेशक हैं।

उज्बेकिस्तान

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श्री मत्यकुब सादुल्लायेविच माचानोव

अभिनेता

मत्यकुब सादुल्लायेविच माचानोव एक प्रतिष्ठित अभिनेता हैं, जिन्हें मानद उपाधि ‘उज्बेकिस्तान गणराज्य के सम्मानित कलाकार’ (2001), ऑर्डर ऑफ ‘फ्रेंडशिप (डस्टलिक) (2012) और ‘प्रतिष्ठित श्रम के लिए’ चिन्ह (2021) से सम्मानित किया गया है। उन्होंने 1977 में उज्बेकिस्तान के स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ आर्ट एंड कल्चर से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और एक थिएटर अभिनेता के रूप में डैडीज़ डॉटर, होली सिनर, नाइट विजिटर, डेलानी मैसारा, सतन्स एंजेल्स जैसी प्रस्तुतियों में प्रमुख भूमिकाएं निभाईं और द अवेकनिंग एवं द यूथ ऑफ जीनियस जैसी फिल्मों में काम किया।

एससीओ के बारे में

एससीओ एक बहुपक्षीय संगठन है, जिसकी स्थापना 15 जून 2001 को की गई थी। वर्तमान में एससीओ में आठ सदस्य देश (चीन, भारत, कजाकस्तान, किर्गिस्तान, रूस, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान), तीन पर्यवेक्षक देश (बेलारूस, ईरान और मंगोलिया) और चौदह वार्ता भागीदार (आर्मेनिया, अजरबैजान, कंबोडिया, नेपाल, श्रीलंका, मिस्र, सऊदी अरब, कतर, बहरीन, कुवैत, मालदीव, म्यांमार, संयुक्त अरब अमीरात और तुर्की) शामिल हैं।

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केंद्रीय खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने टी20 विश्व कप 2022 की विजेता भारतीय नेत्रहीन क्रिकेट टीम को सम्मानित किया

मुख्य बातें:

• नेत्रहीन क्रिकेट टीम ने पिछले शनिवार को लगातार तीसरी बार नेत्रहीनों के लिए टी20 विश्व कप जीता

• युवा कार्यक्रम और खेल राज्य मंत्री श्री निशीथ प्रमाणिक भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए

केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में भारतीय नेत्रहीन क्रिकेट टीम के आगमन के बाद उन्हें सम्मानित किया। इस टीम ने पिछले शनिवार को चिन्नास्वामी स्टेडियम, बेंगलुरु में बांग्लादेश को हराकर लगातार तीसरी बार नेत्रहीनों के लिए टी20 विश्व कप जीता।

केंद्रीय मंत्री के साथ युवा कार्यक्रम और खेल राज्य मंत्री श्री निशीथ प्रमाणिक, नेत्रहीन क्रिकेट एसोसिएशन (सीएबीआई) के अध्यक्ष श्री महंतेश जीके के साथ-साथ युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय के खेल विभाग, सीएबीआई और भारतीय खेल प्राधिकरण के अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।

 

सभा को संबोधित करते हुए, श्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार का यह प्रयास रहा है कि हमारे सभी एथलीटों, विशेष रूप से हमारे दिव्यांग एथलीटों को सर्वश्रेष्ठ समर्थन प्रदान किया जाए। मैं टीम के सभी सदस्यों को और भी अधिक समर्थन देने और उनके रास्ते में आने वाली विभिन्न चुनौतियों का समाधान करने का आश्वासन देता हूं।”

नेत्रहीन क्रिकेट टीम के परिवार के सदस्यों के समर्थन की सराहना करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा, “खिलाड़ियों से जुड़े सभी परिवार के सदस्यों ने भारी समर्थन दिया है। परिवारों का समर्थन नहीं होता, तो अधिकांश खिलाड़ी भारतीय टीम के लिए ऐसा नहीं कर पाते।”

 

भारतीय नेत्रहीन क्रिकेट टीम के कप्तान श्री अजय कुमार रेड्डी की टीम ने शनिवार को फाइनल में बांग्लादेश को 120 रनों से हराया। उन्होंने कहा, “केंद्रीय खेल मंत्रालय से लगातार समर्थन हमें और अधिक इरादे के साथ प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करता है। जीत के पीछे जबरदस्त मेहनत है और बहुत सारी बाधाएं। हालांकि, मैदान पर जाने के बाद, हम अपने भारतीय ध्वज के अलावा किसी और चीज के बारे में नहीं सोचते हैं। अपनी बाधाओं के बारे में भी नहीं। हमने अभी 5 विश्व कप जीते हैं और हमें और अधिक जीतने का भरोसा है।”

 

टी20 विश्व कप 2022 जीतने वाली भारतीय राष्ट्रीय नेत्रहीन क्रिकेट टीम में 10 राज्यों के 17 खिलाड़ी शामिल थे। इनमें बी1 वर्ग के 6 खिलाड़ी (पूर्ण दृष्टिहीन), बी2 वर्ग के 5 खिलाड़ी (आंशिक दृष्टिहीन) और बी3 वर्ग के 6 खिलाड़ी (6 मीटर तक दृष्टि) हैं। भारतीय टीम ने 2012 और 2017 में पाकिस्तान को टी20 विश्व कप खिताब के लिए हराया था।

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गज़ल गायक प्रदीप श्रीवास्तव सम्मानित

कानपुर १८अगस्त भारतीय स्वरूप संवाददाता, मानस संगम, शिवाला कानपुर के ५४ वें वार्षिक समारोह में केरल के राज्यपाल  आरिफ़ मोहम्मद खान के द्वारा गज़ल गायक प्रदीप श्रीवास्तव को “कानपुर गौरव २०२२” के सम्मान से नवाज़ा गया ! सम्मान प्राप्ति के बाद प्रदीप ने कहा ये मेरे पीर का करम, मेरी माँ का आशीर्वाद और आप सब की दुआएं और श्रद्धेय श्री बद्री नारायण तिवारी जी, श्री मुकुल तिवारी जी और श्री अभिनव तिवारी जी, श्री प्रदीप दीक्षित (उत्कर्ष अकादमी) के असीम प्यार और आशीर्वाद की वज़ह से संभव हो सका !

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तुम जीतते रहे और मैं हारती रही

रिश्तो की बाज़ियाँ चलती रही… तुम जीतते रहे और मैं हारती रही ….मगर अफ़सोस नहीं था मुझे इस हार का..जितनी बार मै हारती गई, भीतर से जीत का अहसास होता चला गया।”

ज़िन्दगी इक शतरंज ही है दोस्तों। हार जीत तो तय है “कभी मेरी कभी तेरी”…
खेल चलता रहे ,तो ज़ाहिर है ,चाले भी चलनी पड़ती है ,मगर खेल को चलाते वक़्त कई बार शय और कई बार मात मिलती है और हर बार खुद को बचाया जाता है यही ज़िंदगी है दोस्तों !हार हो जाये कभी तो घबराना नहीं,जीत हो जाये तो इतराना नही !! बस इतना याद रखिए।
ज़िन्दगी बस इक खेल ही है।खेल में “हार जीत”…खेल के साथ ही ख़त्म हो जाती ..जब खेल ख़त्म होगा.. तो न आप होंगे . न आपकी जीत होगी ,न ही आप की हार .. इस लिए ज़िन्दगी को बहुत गंभीरता से न ले कर ज़रा हल्के से लीजिए जनाब।
छोड़िये सब झंझट और वक़्त के साथ चलिए ,जो मिल रहा है उसी में ख़ुश रहिये।बहुतो को तो ये भी नसीब नहीं…और मैं अच्छे से ये भी जानती हूँ।तुम हर बाज़ी जीत जाओगे और सब मुश्किलों को बेहतर से मात दे पाओगे।
🌹यू भी दोस्तों !
जीतने वाला सिकन्दर तो हो सकता है मगर जिसे ये पता हो “कहाँ पर क्या हारना है “वो ही असल में बादशाह कहलाता है और सब के दिलों पर हकूमत भी वही कर पाता है।हार को कभी कम मत आंकिए।कई बार हम हार कर बहुत कुछ जीत लेते हैं बस यही याद रखने की बात है
लेखिका स्मिता ✍️

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देखिए *ज़ी अनमोल सिनेमा* पर भारत की महागाथा, बी. आर. चोपड़ा की महाभारत के संग, हर शनिवार दोपहर 1 बजे,

*देखिए भारत की महागाथा, बी. आर. चोपड़ा की महाभारत के संग, हर शनिवार दोपहर 1 बजे, सिर्फ ज़ी अनमोल सिनेमा पर*

यदि आप भारतीय हैं, तो भले ही आपका जन्म देश में कहीं भी हुआ हो, आप यकीनन अद्भुत महाकाव्य ‘महाभारत’ से अच्छी तरह परिचित होंगे! एक ऐसी महागाथा, जो हर दौर, हर ज़माने में सुनी और सुनाई जाती रही है। यह कथा हमारी भारतीय संस्कृति में गहरे तक समायी है और पीढ़ी दर पीढ़ी लोगों में उत्सुकता जगाती रही है। और अब, समय आ गया है इसी परंपरा को आगे बढ़ाने का, महाभारत की महा कथा फिर से सुनने और सुनाने का! जी हां, सबका पसंदीदा चैनल ज़ी अनमोल सिनेमा अब एक बार फिर हमें टीवी पर यह महान कथा देखने का मौका दे रहा है। अब से हर शनिवार दोपहर 1 बजे ज़ी अनमोल सिनेमा पर लगातार 3 घंटे तक बी. आर. चोपड़ा की यादगार प्रस्तुति महाभारत का प्रसारण किया जाएगा।

इस शो में भीष्म पितामह की यादगार भूमिका निभाने वाले जाने-माने एक्टर मुकेश खन्ना बताते हैं, “मेरा मानना है कि महाभारत एक सदाबहार शो है, जिसे देखते हुए कई पीढ़ियां जवान हुई हैं। यह देखकर मुझे बहुत खुशी होती है कि आज हर परिवार अपने बच्चों के साथ यह कहानी देखता है और किस तरह आज की युवा पीढ़ी इस विषय में दिलचस्पी ले रही है और इसके बारे में जानने को उत्सुक रहती है। इस शो की याद के रूप में मेरे पास अब भी वो बाणों की शैया है, जिस पे मैं लेटा नजर आ रहा हूं। मैंने अपने ऑफिस में इसे कांच के केस में सजाकर रखा है। जब मैंने चोपड़ा जी से इसे देने की गुज़ारिश की थी, तो उन्होंने खुशी-खुशी मुझे यह दे दी और यह आज तक की मेरी सबसे अनमोल धरोहर है। मुझे वाकई इस बात की खुशी है कि अब ज़ी अनमोल सिनेमा के दर्शकों को यह शो देखने का मौका मिलेगा, जिसे हमने असल में जिया था।”

इस महागाथा में मुकेश खन्ना के साथ-साथ अर्जुन, नितीश भारद्वाज, पुनीत इस्सर, रूपा गांगुली, प्रवीण सोबती, पंकज धीर और दारा सिंह ने भी ऐसे किरदार निभाए, जो हमेशा के लिए अमर हो गए। इन सभी कलाकारों ने अपने-अपने किरदारों को बखूबी पर्दे पर उतारा था।

इस स्पेशल शोकेस में चार चांद लगाते हुए यह चैनल दर्शकों के लिए एक थीम-आधारित कॉन्टेस्ट भी करने जा रहा है, जहां दर्शकों को आकर्षक पुरस्कार जीतने का मौका मिलेगा। एपिसोड्स के दौरान महाभारत से जुड़े कुछ दिलचस्प सवाल पूछे जाएंगे, जहां हर हफ्ते 5 विजेताओं के नाम घोषित किए जाएंगे। इससे यह पूरा अनुभव बेहद खास और पुरस्कृत बन जाएगा, और ऐसे में आप भी यकीनन इसे मिस नहीं कर पाएंगे!

तो फिर इस खास अनुभव के लिए तैयार हो जाइए, देखिए बी.आर. चोपड़ा की महाभारत, हर शनिवार दोपहर 1 बजे, ज़ी अनमोल सिनेमा पर।

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स्वस्थ्य जीवन में दौड़ की महत्ता बताने हेतु मालवा मैराथन का आयोजन

स्वस्थ्य जीवन में दौड़ की महत्ता बताने हेतु मालवा मैराथन का आयोजन
18 दिसंबर, 2022, रविवार को इंदौर में होगा मालवा मैराथन ‘दौड़ेगा इंदौर’ प्रतियोगिता का आयोजन
• तीन श्रेणियों- हाफ मैराथन (21 किमी), ओपन रन (10 किमी) और ड्रीम रन (5 किमी) में होगी प्रतियोगिता
• 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे, युवा, बुजुर्ग तथा इच्छुक व्यक्ति ले सकते हैं हिस्सा
• सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट्स, मेडल्स तथा लकी ड्रॉ के माध्यम से दिए जाएँगे गिफ्ट हैंपर्स
इंदौर, 24 नवंबर 2022: भागती-दौड़ती जिंदगी में सबसे आगे रहने की होड़ में व्यक्ति जिस एक बात से बहुत पिछड़ गया है, वह है खुद की सेहत का ख्याल। प्रतिस्पर्धा के इस दौर में काम के दबाव के चलते दिनचर्या से उपयुक्त भोजन और व्यायाम जैसे जरुरी विषय फीके पड़ते जा रहे हैं। ऐसे में व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करने के महत्त्व को बताते हुए अहिल्या नगरी में विशेष मालवा मैराथन ‘दौड़ेगा इंदौर’ प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। 18 दिसंबर, 2022 को आयोजित होने जा रहे इस मैराथन का स्टार चेहरा अल्ट्रा रनर समीर सिंह होंगे। तीन घंटे की यह मैराथन प्रतियोगिता इंदौर के नेहरू स्टेडियम से सुबह 6 बजे से शुरू होगी, जिसमें 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे, युवा, बुजुर्ग तथा इच्छुक व्यक्ति हिस्सा ले सकते हैं।
मैराथन को तीन मुख्य श्रेणियों- हाफ मैराथन (21 किमी), ओपन रन (10 किमी) और ड्रीम रन (5 किमी) में विभाजित किया गया है। स्वस्थ्य जीवन में दौड़ की महत्ता बताने और इसके लिए लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से आयोजित हो रही इस मैराथन में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों के लिए मेडिकल सुविधा, बस सुविधा, टी-शर्ट, सर्टिफिकेट, रिफ्रेशमेंट्स, प्री मैराथन एक्सपो, गूडीज़, हाइड्रेशन पॉइंट, फिजियोथैरेपी तथा स्ट्रेचिंग और ज़ुम्बा वॉर्म-अप जैसी सुविधाएँ शामिल होंगी। इस दौरान विजेताओं को 3,36,000 रूपए तक के पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा, वहीं अन्य विजेताओं को ट्रॉफी और गिफ्ट्स तथा तमाम प्रतिभागियों को मेडल्स और सर्टिफिकेट्स सहित लकी ड्रॉ के माध्यम से गिफ्ट हैंपर्स दिए जाएँगे।
मालवा मैराथन ‘दौड़ेगा इंदौर’ प्रतियोगिता को लेकर पुष्कर मेहता, आयोजक, मालवा मैराथन ने कहा, “इंदौर स्वच्छता के साथ ही हर विषय में अव्वल है। व्यस्त दिनचर्या के चलते कमतर हो रहे व्यायाम आदि को पुनः जीवित करने के उद्देश्य के तहत हमें पूर्ण विश्वास है कि हमारे स्टार धावक समीर सिंह के साथ इंदौर तथा मालवा वासी मैराथन को सफल बनाने और देशभर को स्वच्छता के साथ स्वास्थ्य का संदेश देने सड़कों पर उतरेंगे। हमारा लक्ष्य देश के विभिन्न राज्यों और शहरों के मौजूदा निकायों और स्थानीय अधिकारियों के साथ व्यापक स्वैच्छिक सहयोग कर, दौड़ के माध्यम से युवाओं को बेहतर स्वास्थ्य की दिशा में आगे बढ़ाना है।”
इस महत्वकांशी मैराथन प्रतियोगिता को लेकर अपनी उत्सुकता ज़ाहिर करते हुए 10 हजार किलोमीटर की अल्ट्रा-रेस का हिस्सा रह चुके धावक समीर सिंह ने कहा, “एक स्वस्थ्य जीवनशैली के लिए हमें दौड़ना बेहद जरुरी है। हम समाज को उस स्थान पर देखना चाहते हैं, जहाँ हम सभी अपने स्वस्थ जीवन का आनंद लें। मैं इंदौर और मालवा क्षेत्र के समस्त धावकों से इस मैराथन दौड़ का हिस्सा बनने की आशा करता हूँ।”
रजिस्टर करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें: https://malwamarathon.com

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एसएन सेन बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज कानपुर में विविधा 2022 के अंतर्गत अंतर विभागीय प्रतियोगिताएं तीन विभागों द्वारा आयोजित की गई

कानपुर 13 दिसंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता,  एसएन सेन बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज कानपुर में विविधा 2022 के अंतर्गत अंतर विभागीय प्रतियोगिताएं तीन विभागों द्वारा आयोजित की गई। संगीत विभाग द्वारा सुगम संगीत एवं मॉडल प्रतियोगिता डॉ सुनीता दिवेदी प्रोफेसर जुहारी देवी डिग्री कॉलेज द्वारा” समाज में बढ़ते मनो विकारों” के निवारण में संगीत की भूमिका पर व्याख्यान अंग्रेजी विभाग द्वारा” कॉसस एंड प्रीवेंशन कम्युनिकेबल डिसीसिस” तथा हिंदी विभाग द्वारा “स्वच्छ नागरिक स्वच्छ भारत “विषय पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गई कार्यक्रम का प्रारंभ मुख्य अतिथि प्रोफेसर सुनीता दि्वेदी प्रबंध तंत्र सचिव पी के सेन सदस्य दीपाश्री मैम तथा महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर सुमन द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्वलन द्वारा किया गया। संगीत विभागाध्यक्ष डॉ ममता अग्रवाल  सुषमा बाजपेई गुलशन मोगा हिंदी विभागाध्यक्ष रचना शर्मा डॉ शोभा बाजपेई, रेशमा, अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अल्का टंडन डॉ पूजा गुप्ता डॉ कोमल सरोज ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी भूमिका निभाई प्रतियोगिता में विजेता छात्राओं के नाम निम्न वत है माडल प्रतियोगिता मे प्रथम स्थान सुरभि वर्मा, द्वितीय स्थान ,नेहा ,संध्या शर्मा, तृतीय स्थान अदिति दीक्षित और निधि ने प्राप्त किया।अंग्रेजी निबंध मे वैष्णवी मिश्रा,अनुष्का सिंह प्रथम, द्वितीय स्थान आर्ची वर्मा, तृतीय स्थान सुमैय्या नफीज ने प्राप्त किया। हिंदी निबंध मे प्रथम खुशी दि्वेदी,द्वितीय स्थान शिवांगी शुक्ला, तृतीय स्थान रजनेश यादव ने प्राप्त किया।

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सोनी सब के ‘अलीबाबा: दास्‍तान ए काबुल’ में क्‍या होगा जब अलीबाबा का भाई कासिम पहुँचेगा सिमसिम की गुफा

सोनी सब का शो ‘अलीबाबा दास्‍तान-ए-काबुल’ अली (शेहजान खान) की जिन्‍दगी के एडवेंचर्स, कहानी में नये ट्विस्‍ट्स और आकर्षक दृश्‍यों से दर्शकों का लगातार मनोरंजन कर रहा है। मौजूदा कहानी में अली वाम की मौत का बदला मल्लिका-ए-तबाही, सिमसिम (सायंतनी घोष) से लेना चाहता है, लेकिन उसे पता नहीं है कि इस काम में उसके अपने भाई कासिम (विनीत रैना) की जिन्‍दगी खतरे में पड़ जाएगी।
‘अलीबाबा दास्‍तान-ए-काबुल’ के पिछले एपिसोड्स में हमने अली को मल्लिका-ए-तबाही, सिमसिम द्वारा भेजे गये खतरनाक सांप फकरी को हराते और वाम को तबाही से बचाने में कामयाब होते देखा था। अली अब वाम की जिन्‍दगी छीनने का बदला सिमसिम से लेना चाहता है। फकरी की मौत की खबर सुनकर सिमसिम भी गुस्‍से में है और बदला लेने की योजना बना रही है। इन घटनाओं के बाद से दोनों ही एक-दूसरे पर गुस्‍सा हैं, लेकिन वे नहीं जानते हैं कि आगे क्‍या होगा। दूसरी ओर, अली का भाई पता लगाने की कोशिश करेगा कि अली क्‍या योजना बना रहा है और उत्‍सुक होकर उसका पीछा करेगा। इसके बाद से अली और सिमसिम की जिन्‍दगी में घटनाएं एक मोड़ लेंगी। आने वाले एपिसोड्स में कई ट्विस्‍ट्स और टर्न्‍स आएंगे, जो दर्शकों को एक बार फिर एडवेंचर और जादू से भरे सफर पर लेकर जाएंगे!
क्‍या कासिम को पता चलेगा कि अली क्‍या करने जा रहा है, या सिमसिम उसकी जिन्‍दगी छीन लेगीᣛ?
अलीबाबा का किरदार निभा रहे शेहज़ान खान ने इस रोमांचक स्‍टोरीलाइन पर अपनी बात रखते हुए कहा, “अलीबाबा अपने लोगों और प्रियजनों से बहुत प्‍यार करता है। मेरी शख्सियत अली से काफी मिलती-जुलती है। बाबा अपने लोगों को तकलीफ में नहीं देख सकता, इसलिये तबाही के बाद वह सिमसिम से बदला लेने का फैसला करता है। इन एपिसोड्स की शूटिंग करना रोलर कोस्‍टर राइड जैसा था, क्‍योंकि उसमें एडवेंचर, ड्रामा और इमोशंस साथ-साथ चल रहे थे। आने वाले एपिसोड्स आपको एडवेंचर से भरे सफर पर लेकर जाएंगे और दर्शक कई ट्विस्‍ट्स देखेंगे। घटनाओं का मोड़ अली पर क्‍या असर डालता है, यह देखने लायक होगा। उम्‍मीद है कि दर्शक इस कहानी का मजा लेंगे और ‘अलीबाबा दास्‍तान-ए-काबुल’ को अपना प्‍यार देते रहेंगे। हमारे साथ बने रहिये और देखते रहिये ‘अलीबाबा दास्‍तान-ए-काबुल’, सोमवार से शनिवार रात 8 बजे, सिर्फ सोनी सब पर!

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