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पर्यटन

प्रधानमंत्री मोदी ने अजमेर और दिल्ली कैंट के बीच राजस्थान की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस को झंडी दिखाकर रवाना किया

प्रधानमंत्री मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राजस्थान की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना किया।

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने वीर भूमि राजस्थान को अपनी पहली वंदे भारत ट्रेन मिलने पर बधाई दी, जो न केवल जयपुर-दिल्ली के बीच यात्रा को आसान बनाएगी, बल्कि राजस्थान के पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा देगी, क्योंकि यह तीर्थराज पुष्कर और अजमेर शरीफ जैसी आस्था के स्थलों तक पहुंचने में मदद करेगी।

प्रधानमंत्री ने याद करते हुए कहा कि, पिछले दो महीनों में दिल्ली-जयपुर वंदे भारत एक्सप्रेस सहित देश में छह वंदे भारत ट्रेनों को झंडी दिखाने का अवसर मिला है। उन्होंने मुंबई-सोलापुर वंदे भारत एक्सप्रेस, मुंबई-शिर्डी वंदे भारत एक्सप्रेस, रानी कमलापति-हजरत निजामुद्दीन वंदे भारत एक्सप्रेस, सिकंदराबाद-तिरुपति वंदे भारत एक्सप्रेस और चेन्नई कोयम्बटूर वंदे भारत एक्सप्रेस का उदाहरण दिया। प्रधानमंत्री ने इस बात को रेखांकित किया कि वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत के बाद से लगभग 60 लाख नागरिकों ने इससे यात्रा की है। प्रधानमंत्री ने कहा, “वंदे भारत की गति इसकी मुख्य विशेषता है और यह लोगों के समय की बचत कर रही है।“ प्रधानमंत्री ने कहा कि एक अध्ययन के अनुसार, जो लोग वंदे भारत एक्सप्रेस से यात्रा करते हैं, वे प्रत्येक यात्रा पर 2500 घंटे बचाते हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि वंदे भारत एक्सप्रेस को विनिर्माण कौशल, सुरक्षा, तेज गति और सुंदर डिजाइन को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है। यह दोहराते हुए कि नागरिकों ने वंदे भारत एक्सप्रेस की बहुत सराहना की है, प्रधानमंत्री ने कहा कि एक्सप्रेस ट्रेन भारत में विकसित की जाने वाली पहली अर्ध-स्वचालित ट्रेन है और दुनिया की पहली सुगठित और कुशल ट्रेनों में से एक है। श्री मोदी ने कहा, “वंदे भारत पहली ट्रेन है, जो स्वदेशी सुरक्षा प्रणाली, कवच के अनुकूल है।“ उन्होंने बताया कि यह पहली ट्रेन है, जो बिना किसी अतिरिक्त इंजन की आवश्यकता के सह्याद्री घाटों की ऊंचाइयों को पार कर सकती है। उन्होंने कहा, “वंदे भारत एक्सप्रेस ‘भारत प्रथम, हमेशा प्रथम’ की भावना को साकार करती है।” प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि वंदे भारत एक्सप्रेस विकास, आधुनिकता, स्थिरता और ‘आत्मनिर्भरता’ का पर्याय बन गई है।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि रेलवे जैसी नागरिकों की एक महत्वपूर्ण और मूलभूत आवश्यकता को राजनीति का अखाड़ा बना दिया गया। उन्होंने कहा कि आजादी के समय भारत को काफी बड़ा रेलवे नेटवर्क विरासत में मिला था, लेकिन आजादी के बाद के वर्षों में आधुनिकीकरण की आवश्यकता पर राजनीतिक हित हावी रहे। रेल मंत्री के चयन, ट्रेनों की घोषणा और यहां तक कि भर्तियों में भी राजनीति साफ नजर आई। रेलवे की नौकरियों के झूठे बहाने देकर भूमि का अधिग्रहण किया गया और कई मानवरहित क्रॉसिंग बहुत लंबे समय तक चलते रहे तथा साफ़-सफाई एवं सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया गया। 2014 के बाद स्थिति बेहतर हुई, जब लोगों ने पूर्ण बहुमत के साथ एक स्थिर सरकार चुनी। उन्होंने कहा, “जब राजनीतिक लेन-देन का दबाव कम हुआ, तो रेलवे ने राहत की सांस ली और यह नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया।“

प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र की सरकार राजस्थान को नए अवसरों की भूमि बना रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कनेक्टिविटी के लिए अभूतपूर्व काम किया है, जो राजस्थान जैसे राज्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जिसकी अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा पर्यटन है। श्री मोदी ने फरवरी में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड के लोकार्पण का उल्लेख किया। इस खंड से दौसा, अलवर, भरतपुर, सवाई माधोपुर, टोंक, बूंदी और कोटा जिलों को लाभ होगा। प्रधानमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार राजस्थान में सीमावर्ती क्षेत्रों में लगभग 1400 किलोमीटर लंबाई की सड़कों पर काम कर रही है और राज्य के लिए 1000 किलोमीटर से अधिक लंबाई की सड़कें प्रस्तावित हैं।

राजस्थान में कनेक्टिविटी को दी जा रही प्राथमिकता को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने तरंगा हिल से अंबाजी तक रेलवे लाइन पर काम शुरू करने का उल्लेख किया। यह लाइन एक सदी पुरानी लंबित मांग थी, जिसे अब पूरा किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि उदयपुर-अहमदाबाद लाइन बड़ी लाइन बनाने का काम पूरा हो चुका है और 75 प्रतिशत से अधिक रेलवे नेटवर्क का विद्युतीकरण किया जा चुका है। श्री मोदी ने टिप्पणी की कि राजस्थान के लिए रेल बजट 2014 की तुलना में 14 गुना बढ़ा दिया गया है, जो 2014 के 700 करोड़ रुपये से बढ्कर इस वर्ष 9500 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। रेलवे लाइनों के दोहरीकरण की गति भी दोगुनी हो गयी है। रेल लाइन के आमान परिवर्तन और दोहरीकरण से डूंगरपुर, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, पाली और सिरोही जैसे आदिवासी क्षेत्रों को मदद मिली है। उन्होंने कहा कि अमृत भारत रेल योजना के तहत दर्जनों स्टेशनों का उन्नयन किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए, सरकार विभिन्न प्रकार की सर्किट ट्रेनों का भी परिचालन कर रही है और भारत गौरव सर्किट ट्रेनों का उदाहरण दिया। इन ट्रेनों ने अब तक 70 से अधिक यात्राएं की हैं और 15 हजार से अधिक यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचा चुकी है। प्रधानमंत्री ने कहा, “अयोध्या-काशी हो, दक्षिण दर्शन हो, द्वारका दर्शन हो, सिख तीर्थस्थल हों, ऐसे कई स्थानों के लिए भारत गौरव सर्किट ट्रेनें चलाई गई हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि यात्रियों के सोशल मीडिया पर सकारात्मक प्रतिक्रिया को ध्यान में रखते हुए, यह कहा जा सकता है कि ये ट्रेनें ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना को लगातार मजबूत कर रही हैं।

प्रधानमंत्री ने ‘एक स्टेशन, एक उत्पाद’ अभियान पर प्रकाश डाला और कहा कि भारतीय रेलवे ने पिछले वर्षों में राजस्थान के स्थानीय उत्पादों को पूरे देश में पहुंचाने का एक और प्रयास किया है। उन्होंने बताया कि भारतीय रेलवे ने लगभग 70 ‘एक स्टेशन, एक उत्पाद’ के स्टॉल लगाए हैं, जिनमें राजस्थान की जयपुरी रजाई, सांगानेरी ब्लॉक प्रिंट वाली चादरें, गुलाब के उत्पाद और अन्य हस्तशिल्प बेचे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान के छोटे किसानों, कारीगरों और हस्तशिल्पियों को बाजार तक पहुंचने का यह नया माध्यम मिला है। संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह विकास में सबकी भागीदारी का उदाहरण है। प्रधानमंत्री ने निष्कर्ष के तौर पर कहा, “जब रेल जैसी परिवहन-संपर्क की अवसंरचना मजबूत होती है, तो देश मजबूत होता है। इससे देश के आम नागरिक को लाभ होता है, देश के गरीब और मध्यम वर्ग को लाभ होता है।“ उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि आधुनिक वंदे भारत ट्रेन राजस्थान के विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

पृष्ठभूमि

राजस्थान के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस की पहली ट्रेन जयपुर से दिल्ली कैंट रेलवे स्टेशन के बीच चलेगी। इस ट्रेन की नियमित सेवा 13 अप्रैल, 2023 से शुरू होगी तथा जयपुर, अलवर और गुड़गांव में ठहराव-स्टेशनों के साथ अजमेर और दिल्ली कैंट के बीच चलेगी।

नई वंदे भारत एक्सप्रेस दिल्ली कैंट और अजमेर के बीच की दूरी 5 घंटे 15 मिनट में तय करेगी। इस मार्ग की मौजूदा सबसे तेज ट्रेन शताब्दी एक्सप्रेस दिल्ली कैंट से अजमेर तक के लिए 6 घंटे 15 मिनट का समय लेती है। इस तरह नई वंदे भारत एक्सप्रेस, इस मार्ग पर चलने वाली मौजूदा सबसे तेज ट्रेन की तुलना में 60 मिनट कम समय लेगी।

अजमेर-दिल्ली कैंट वंदे भारत एक्सप्रेस हाई राइज ओवरहेड इलेक्ट्रिक (ओएचई) टेरीटरी पर दुनिया की पहली अर्ध-उच्च गति यात्री ट्रेन होगी। यह ट्रेन पुष्कर, अजमेर शरीफ दरगाह सहित राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थलों के रेल-संपर्क में सुधार करेगी। बढ़े हुए रेल-संपर्क से क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।

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कटरा में इंटर मॉडल स्टेशन श्री माता वैष्णो देवी तीर्थ यात्रा करने वाले यात्रियों की यात्रा के अनुभव को बेहतर बनाने वाली एक विश्व स्तरीय अत्याधुनिक परियोजना होगी: गडकरी

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज कहा की कटरा में स्थापित किया जाने वाला इंटर मॉडल स्टेशन (आईएमएस) श्री माता वैष्णो देवी मंदिर जाने वाले तीर्थयात्रियों के यात्रा अनुभव को बेहतर बनाने के लिए निर्मित एक विश्व स्तरीय अत्याधुनिक परियोजना होगी। श्री माता वैष्णो देवी आध्यात्मिक विकास केंद्र, कटरा में मीडिया से बातचीत के दौरान श्री गडकरी ने यह बात कही।

मीडिया से बातचीत के दौरान, श्री गडकरी ने कहा, जम्मू-कश्मीर में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा 1,30,000 करोड़ रुपये के विकास कार्य किए जा रहे हैं और 2014 से इस क्षेत्र में लगभग 500 किलोमीटर सड़क नेटवर्क का निर्माण पूरा हो चुका है। श्री गडकरी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में 45,000 करोड़ रुपये की लागत से 41 महत्वपूर्ण सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही 5,000 करोड़ रुपये की लागत के साथ 18 रोपवे का निर्माण किया जाएगा।

श्री नितिन गडकरी ने यह भी बताया कि जम्मू और श्रीनगर के बीच यात्रा के लिए 35,000 करोड़ रुपये की लागत से तीन कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं, जो पहले की 320 किलोमीटर की दूरी को 70 किलोमीटर कम कर देंगे और यात्रा का समय दस घंटे से घटकर चार से पांच घंटे रह जाएगा।

श्री नितिन गडकरी ने यह भी घोषणा की कि पहलगाम में पवित्र अमरनाथ गुफा की ओर जाने वाले 110 किलोमीटर लंबे अमरनाथ मार्ग को तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए लगभग 5300 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा।

श्री गडकरी ने कहा, देश भर के हर राज्य और केंद्रशासित प्रदेश से अत्याधुनिक सड़क नेटवर्क के विकास के साथ, कश्मीर से कन्याकुमारी तक यात्रा अब देश के लोगों के लिए सपना नहीं रहेगी।

मीडिया से बातचीत के दौरान मौजूद डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि बनिहाल, रामबन राजमार्ग खंड लैवेंडर की खेती का एक केंद्र बन जाएगा, जिससे कृषि-प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप को बढ़ावा मिलेगा।

इस अवसर पर उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों में सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री डॉ. वीके सिंह, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा और सड़क परिवहन और राजमार्ग सचिव अलका उपाध्याय शामिल थे।

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गडकरी ने जम्मू और कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ सभी मौसम में जम्मू और श्रीनगर के बीच कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए बनाए जा रहे जम्मू से उधमपुर-रामबन-बनिहाल से श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच 44) के श्रीनगर-बनिहाल सेक्शन का निरीक्षण किया

केंद्रीय सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल श्री मनोज सिन्हा, केंद्रीय राज्य मंत्री (डॉ.) वी. के. सिंह (सेवानिवृत्त) तथा केंद्रीय राज्य मंत्री श्री जितेंद्र सिंह के साथ जम्मू-कश्मीर के बीच सभी मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए बनाए जा रहे जम्मू से उधमपुर-रामबन-बनिहाल से श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच 44) के श्रीनगर-बनिहाल सेक्शन का निरीक्षण किया।

जम्मू और श्रीनगर के बीच आवाजाही को सुगम बनाने के लिए 35,000 करोड़ रुपए की लागत से तीन कोरिडोर बनाए जा रहे हैं। इसके अंतर्गग जम्मू से उधमपुर-रामबन-बनिहाल और आगे श्रीनगर तक के पहले कोरिडोर में श्रीनगर से बनिहाल तक का सेक्शन शामिल है। 250 किलोमीटर लंबी यह सड़क 16,000 करोड़ रुपए की लागत से बनाई जा रही है। इसमें से 210 किलोमीटर का चार लेन का मार्ग पूरा हो गया है, जिसमें 21.5 किलोमीटर की 10 सुरंगें शामिल हैं।

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इस सड़क का चार लेन का डिजाइन जियो-टेक्नीकल तथा जियोलॉजिकल जांच के आधार पर तैयार किया गया है, ताकि इस क्षेत्र में संभावित भू-स्खलन से निपटा जा सके। जम्मू और श्रीनगर के बीच यात्रा को सुरक्षित तथा सहज बनाने के लिए क्रैश बेरियर और अन्य सड़क सुरक्षा उपाय किए गए हैं।

इस मार्ग के बनने से जम्मू और श्रीनगर के बीच सभी मौसम में कनेक्टिविटी होगी। श्रीनगर से जम्मू का यात्रा समय 9-10 घंटे से कम होकर 4-5 घंटे रह जाएगा। जून 2024 तक रामबन और बनिहाल के बीच 40 किलोमीटर की चार लेन सड़क का केरिज-वे तैयार हो जाएगा, जिससे श्रीनगर के आने-जाने वाले लोगों को राहत मिलेगी।

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सिकंदराबाद और तिरुपति के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस से विशेष रूप से आध्यात्मिक पर्यटन को लाभ होगा और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री  मोदी ने कहा है कि वंदे भारत एक्सप्रेस गर्व, आराम और कनेक्टिविटी का पर्याय है।

श्री मोदी द्वारा सिकंदराबाद और तिरुपति के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किए जाने से संबंधित केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी के एक ट्वीट को साझा करते हुए, प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया:

“वंदे भारत एक्सप्रेस गर्व, आराम और कनेक्टिविटी का पर्याय है। सिकंदराबाद और तिरुपति के बीच चलने वाली इस ट्रेन से पर्यटन, विशेषकर आध्यात्मिक पर्यटन को लाभ होगा। इससे आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।”

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गडकरी ने 6 लेन वाले 212 किलोमीटर लंबे 12,000 करोड़ वाले दिल्ली-देहरादून ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे का निरीक्षण किया

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री, श्री नितिन गडकरी ने आज केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री श्री जनरल वीके सिंह और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में 6 लेन वाले 212 किलोमीटर लंबे दिल्ली-देहरादून ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे का निरीक्षण किया, जिसकी लागत 12,000 करोड़ रुपये है।

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यह एक्सप्रेसवे चार खंडों में विभाजित है और इसका निर्माण दिल्ली में अक्षरधाम के पास से शुरु होकर शास्त्री पार्क, खजूरी खास, मंडोला के खेकड़ा में ईपीई इंटरचेंज, बागपत, शामली, सहारनपुर उत्तर प्रदेश से होकर उत्तराखंड के देहरादून तक किया जा रहा है। देहरादून के दतकाली में 1,995 करोड़ रुपये की लागत से 340 मीटर लंबी 3 लेन वाली सुरंग का निर्माण भी किया जा रहा है।

इस कॉरिडोर के निर्माण में अनेक प्रकार के विशेष प्रावधान किए गए हैं, जिसमें गणेशपुर से देहरादून तक मार्ग को वन्यजीवों के लिए सुरक्षित रखा गया है। इसमें 12 किलोमीटर एलिवेटेड रोड, 6 पशु अंडरपास, 2 हाथी अंडरपास, 2 बड़े पुल और 13 छोटे पुलों का प्रावधान है। पूरे एक्सप्रेसवे में 113 वीयूपी (वाहन अंडर पास), एलवीयूपी (हल्के वाहन अंडर पास), एसवीयूपी (छोटे वाहन अंडर पास), 5 आरओबी, 4 बड़े पुल और 62 बस शेल्टर का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही, 76 किलोमीटर सर्विस रोड, 29 किलोमीटर एलिवेटेड रोड और 16 प्रवेश-निकास बिंदु का भी निर्माण किया जा रहा है।

यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए, दिल्ली-देहरादून एक्सेस कंट्रोल्ड ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे पर 12 सड़क सुविधाओं का प्रावधान किया गया है। इस राजमार्ग को हरिद्वार से जोड़ने के लिए 2,095 करोड़ रुपये की लागत से 6 लेन वाले 51 किलोमीटर लंबे ग्रीनफील्ड सड़क का निर्माण किया जा रहा है।

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नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने इंदौर और शारजाह के बीच सीधी विमान सेवा का शुभारंभ किया

  • उड़ान 31 मार्च को अपना परिचालन शुरू करेगी, और यह सप्ताह में तीन दिन संचालित होगी।
  • यह संयुक्त अरब अमीरात के लिए इंदौर का दूसरा हवाई संपर्क है, और यह मध्य प्रदेश में व्यापार, वाणिज्य और पर्यटन को बढ़ावा देगा।

नागर विमानन और इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने नागर विमानन मंत्रालय के राज्यमंत्री जनरल डॉ. विजय कुमार सिंह (सेवानिवृत्त) के साथ आज इंदौर और शारजाह के बीच सीधी विमान सेवा का शुभारंभ किया।

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यह नया मार्ग मध्य-पूर्व के साथ संपर्क बढ़ाएगा और मध्य प्रदेश में व्यापार, वाणिज्य और पर्यटन को बढ़ावा देगा। यह 31 मार्च, 2023 से शुरू होकर सप्ताह में तीन दिन निम्नलिखित कार्यक्रम के अनुसार संचालित होगा:

उड़ान सं.  कहां से  कहां तक  फ्रीक्वेंसी  प्रस्थान का समय  आगमन का समय  विमान शुरुआत की तिथि
आईएक्स0255 आईडीआर एसजेएच सोमवारशुक्रवार और शनिवार 10:30 12:10 बी 737-800 31 मार्च 2023
आईएक्स0256 एसजेएच आईडीआर सोमवार, शुक्रवार और शनिवार 03:00 07:35

नागर विमानन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि इंदौर से दुबई, इंदौर से शारजाह के बाद संयुक्त अरब अमीरात के साथ इंदौर का दूसरा हवाई संपर्क होगा। इससे न केवल व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि दो अलग-अलग देशों में रहने वाले परिवारों को भी जोड़ा जा सकेगा।

कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के बारे में चर्चा करते हुए श्री सिंधिया ने कहा कि 2013-14 में इंदौर केवल 6 गंतव्यों से जुड़ा था। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के 9 वर्षों में, यह शहर 2 अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों सहित 24 गंतव्यों तक बढ़ गया है, जो कि 400 प्रतिशत की वृद्धि है। पहले इंदौर से साप्ताहिक हवाई यातायात की आवाजाही 320 थी, जो अब बढ़कर 500 हो गई है जो कि 52 प्रतिशत की वृद्धि है।

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सिंधिया ने यह भी कहा कि 2014 में मध्य प्रदेश राज्य का देश के केवल आठ शहरों से हवाई संपर्क था, लेकिन अब यह 26 शहरों से जुड़ गया है, जो कि 300 प्रतिशत की वृद्धि है। राज्य से साप्ताहिक हवाई यातायात की आवाजाही 500 विमानों की थी, जो 9 वर्षों में बढ़कर 840 हो गया है। आरसीएस उड़ान योजना के तहत मध्य प्रदेश को 60 रूट दिए गए थे, जिनमें से 33 पहले से ही चालू हैं और 12 जल्द ही चालू हो जाएंगे। हाल ही में रीवा हवाई अड्डे की नींव रखी गई और इसके विकास पर 50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। ग्वालियर में 500 करोड़ रुपये की लागत से एक नया एकीकृत टर्मिनल भवन विकसित किया जा रहा है। जबलपुर में भी लगभग 475 करोड़ रुपये की लागत से नया एकीकृत टर्मिनल भवन विकसित किया जा रहा है।

कार्यक्रम के दौरान एयर इंडिया एक्सप्रेस, एयरएशिया इंडिया के प्रबंध निदेशक श्री आलोक सिंह और एयरएशिया इंडिया के संचालन प्रमुख कैप्टन मनीष उप्पल उपस्थित थे।

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केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अमृतसर और गैटविक हवाई अड्डे के बीच सीधी उड़ान सेवा का उद्घाटन किया

केंद्रीय नागरिक विमानन और इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आज अमृतसर और गैटविक के बीच सीधी उड़ान सेवा का उद्घाटन किया। अमृतसर और गैटविक के बीच बिना किसी ठहराव के यह उड़ान सेवा एयर इंडिया द्वारा आज से निम्नलिखित कार्यक्रम के अनुसार संचालित की जाएगी:

उड़ान संख्या प्रस्थान का स्थान पहुँचने का स्थान उड़ान के दिनों की संख्या प्रस्थान का समय (एलटी) पहुँचने का समय (एलटी)
एआई 169 एटीक्यू एलजीडबल्यू सप्ताह में तीन दिन 1320 1755
एआई 170 एलजीडबल्यू एटीक्यू सप्ताह में तीन दिन 2010 0840+1

केंद्रीय नागरिक विमानन और इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि यह नई अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवा इस क्षेत्र के विकास के लिए प्रेरक का काम करेगा। यह एक भावनात्मक विषय भी है क्योंकि ब्रिटेन में पंजाब के लाखों लोग रहते हैं और यह नई उड़ान सेवा दो अलग-अलग देशों में रहने वाले परिवारों को जोड़ने का काम करेगी ।

श्री सिंधिया ने अमृतसर हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे के विकास पर बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने अमृतसर हवाई अड्डे के विकास का भरोसा दिया है। सरकार ने 50 करोड़ रुपये की लागत से 13 पार्किंग एप्रन विकसित किए हैं। श्री सिंधिया ने कहा कि 100 करोड़ रुपये की लागत से विमानों की आसान आवाजाही के लिए एक समानांतर टैक्सी-ट्रैक भी विकसित किया गया है। उन्होंने कहा कि 250 करोड़ रुपये की लागत से एक नया एकीकृत टर्मिनल भी विकसित किया गया है।

नागरिक विमानन मंत्री महोदय श्री सिंधिया ने कनेक्टिविटी के बारे में कहा कि यह अमृतसर और इंग्लैंड के बीच तीसरी उड़ान सेवा है और इसे मिलाकर छह अंतरराष्ट्रीय उड़ानें अमृतसर से इंग्लैंड के लिए चल रही हैं। श्री सिंधिया ने कहा कि वर्ष 2014 तक अमृतसर हवाई मार्ग से सिर्फ 6 शहरों से जुड़ा था, लेकिन पिछले 9 वर्ष में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में यह बढ़कर 21 शहरों तक पहुंच गया है और इसमें 250 प्रतिशत का उछाल आया है। उन्होंने कहा कि इससे पहले साप्ताहिक यातायात आवागमन 217 प्रति सप्ताह था जो अब 87 प्रतिशत की वृद्धि के साथ बढ़कर 416 प्रति सप्ताह हो गया है। श्री सिंधिया ने कहा कि क्षेत्रीय संपर्क सेवा उड़े देश का आम नागरिक-उड़ान योजना के अंतर्गत, पंजाब में 145.35 करोड़ रुपये के बजट के साथ 20 हवाई मार्ग चालू हो चुके हैं और निकट भविष्य में 4 और हवाई मार्ग शुरू करने की योजना है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कनाडा के साथ ओपन स्काई ऑफर पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें एयरलाइन ऑपरेटर भारतीय शहरों और उनके कनाडा के समकक्षों के बीच असीमित उड़ान सेवाएँ संचालित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें आशा है कि इस समझौते से पंजाब राज्य और वहां के लोगों को लाभ होगा।

उद्घाटन समारोह में वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री श्री सोम प्रकाश, श्री. एस.के. मिश्रा संयुक्त सचिव, नागरिक उड्डयन मंत्रालय श्री मालविंदर सिंह जग्गी सचिव नागरिक उड्डयन, पंजाब सरकार और एयर इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री कैंपबेल विल्सन उपस्थित थे।

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बीआरओ ने 138 दिनों के रिकॉर्ड समय में लेह-मनाली का रणनीतिक राजमार्ग खोला

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लेह-मनाली राजमार्ग (एनएच 3) को 25 मार्च, 20023 को 138 दिनों के रिकॉर्ड समय में खोल दिया है। पिछले साल बीआरओ को इस राजमार्ग को यातायात के लिए खोलने में 144 दिन लगे थे। ये मनाली के रास्ते लद्दाख को बाकी भारत से जोड़ने वाला 427 किलोमीटर लंबा एक रणनीतिक राजमार्ग है। इसका लद्दाख के अंदरूनी क्षेत्रों में सशस्त्र बलों और उनकी आपूर्ति की आवाजाही में खासा रणनीतिक महत्व है। साथ ही ये लद्दाख के लोगों को भारत से जोड़ता है। ये राजमार्ग 422 किलोमीटर लंबे श्रीनगर-कारगिल-लेह राजमार्ग (एनएच-1डी) का एक वैकल्पिक रास्ता है, जिसे 16 मार्च 2023 को सीमा सड़क संगठन द्वारा खोला गया था। बीआरओ ने निम्मू-पदम-दारच में 16,580 फीट पर स्थित शिंकुला दर्रे को भी 23 मार्च 2023 को 55 दिनों के रिकॉर्ड समय में खोल दिया है।

लेह-मनाली राजमार्ग आम तौर पर सर्दियां आने के साथ ही नवंबर के आखिर से बंद हो जाता है और मार्च में जाकर खुलता है। लद्दाख में बीआरओ फ्रंटलाइन प्रोजेक्ट हिमांक और हिमाचल प्रदेश में प्रोजेक्ट दीपक द्वारा पूरी 427 किलोमीटर सड़क की बर्फ को साफ कर दिया गया है। ये चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन कुशल जनशक्ति और अत्याधुनिक मशीनों से लैस दो अलग अलग टीमों द्वारा सड़क के दो छोर से शुरू किए गए। हिमाचल प्रदेश के सरचू में दो बर्फ हटाने वाली टीमों के एक समान बिंदु पर पहुंचने के साथ ही वहां एक ‘गोल्डन हैंडशेक’ समारोह आयोजित किया गया ताकि राजमार्ग को खुला घोषित किया जा सके।

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केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और केन्द्रीय राज्यमंत्री जनरल वी.के. सिंह ने इंडिगो की दिल्ली-धर्मशाला-दिल्ली की प्रथम उड़ान को झंडी दिखाई

केन्द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री श्री अनुराग ठाकुर, केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और केन्द्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जनरल वी.के. सिंह ने आज इंडिगो एयरलाइन की दिल्ली-धर्मशाला-दिल्ली की प्रथम उड़ान को झंडी दिखाई।

इस अवसर पर केन्द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश में इंडिगो की कनेक्टिविटी की सुविधा प्रदान करने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की और कहा कि इस पहाड़ी राज्य में उड़ान भरे बिना इंडिगो सही अर्थों में राष्ट्रीय एयरलाइन नहीं बन सकती थी। श्री ठाकुर ने एक बड़े हवाई अड्डे की आवश्‍यकता रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देशभर से हिमाचल आने वाले यात्रियों को दिल्ली जाना पड़ता है और फिर वहां से संबंधित राज्य के लिए कनेक्टिंग उड़ान पकड़नी पड़ती है। उन्‍होंने कहा कि एक बड़ा हवाई अड्डा यात्रियों को सीधी निर्बाध कनेक्टिविटी की सुविधा प्रदान करेगा।

श्री ठाकुर ने देश में हवाई अड्डों से संबंधित अवसंरचना के त्‍वरित विस्तार का श्रेय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को दिया। उन्होंने कहा कि बहुत कम समय में ही हवाई अड्डों की संख्या 74 से बढ़कर 140 से अधिक हो गई है। उन्होंने कहा कि उड़ान योजना के कारण हवाई चप्पल पहनने वाले लोग अब हवाई जहाज में यात्रा कर पा रहे हैं।

इस हवाई अड्डे द्वारा उपलब्‍ध कराई जाने वाली सेवाओं के महत्व के बारे में चर्चा करते हुए, श्री ठाकुर ने कहा कि धर्मशाला हवाई अड्डा कनेक्टिविटी को सरल बनाते हुए पांच जिलों को जोड़ता है और इससे राज्य की आधी प्रत्‍यक्ष रूप से लाभान्वित होती है। इंडिगो की यह उड़ान इस राज्य के आधे हिस्से और पंजाब के कुछ स्थानों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगी।

केन्द्रीय राज्यमंत्री जनरल वी. के. सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि धर्मशाला हवाई अड्डा से पहली उड़ान 1990 में शुरू हुई थी, जिसके बाद इसके प्रचालनों का विस्तार हुआ और अब इसके पास 1376 मीटर लम्बा रनवे है। केन्द्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि स्‍थान की सुविधा उपलब्ध होने पर इस रनवे की लंबाई को और बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दलाई लामा की उपस्थिति के कारण इस हवाई अड्डे पर बहुत अधिक यातायात देखा जाता है और यह हवाई अड्डा पूरे उत्तर-पश्चिमी हिमाचल प्रदेश को हवाई संपर्क प्रदान करता है। इंडिगो की यह उड़ान और अधिक संख्या में पर्यटकों को हिमाचल लेकर आएगी जिससे राज्य के लोगों को बहुत लाभ होगा।

केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में पिछले 65 वर्षों में जितनी सुविधा अर्जित नहीं हुई थी, उतनी सुविधा पिछले नौ वर्षों के दौरान 148 हवाई अड्डों, वाटरड्रोम एवं हेलीपोर्ट के निर्माण के जरिए अर्जित की गई है। उन्होंने कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय अगले तीन से चार वर्षों के भीतर इस संख्या को बढ़ाकर 200 से अधिक करने के लक्ष्य को प्राप्‍त करने की दिशा में काम कर रहा है। यह प्रयास बड़े मेट्रो हवाई अड्डों के साथ-साथ देश के अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी सुलभ करते हुए दूरदराज के हवाई अड्डों को समान महत्व प्रदान करेगा।

श्री सिंधिया ने राज्य में खेल अवसंरचना के निर्माण के लिए श्री अनुराग ठाकुर के प्रयासों की सराहना की और कहा कि उनके अथक प्रयासों के कारण ही धर्मशाला आज न केवल क्षेत्रीय या राष्ट्रीय क्रिकेट, बल्कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का केंद्र बन गया है। उन्होंने धर्मशाला के शानदार स्टेडियम की तुलना दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्टेडियम से की। उन्होंने कहा कि क्रिकेट से राज्य की आर्थिक कार्यकलापों में तेजी आयी है और इसका श्रेय भी श्री अनुराग ठाकुर को जाता है।

श्री सिंधिया ने श्री अनुराग ठाकुर द्वारा धर्मशाला हवाई अड्डे के विस्तार के आग्रह को स्वीकार किया और कहा कि इसके लिए उनका मंत्रालय पहले से ही दो चरण की योजना पर काम कर रहा है। पहले चरण में वर्तमान रनवे को 1900 मीटर तक बढ़ाना शामिल है ताकि टर्बोप्रॉप विमान जो अभी लोड पेनल्टी के साथ उतरते हैं, उन्हें बिना लोड पेनल्टी के उतरने के लिए सक्षम बनाया जा सके। दूसरे चरण में रनवे को बढ़ाकर 3110 मीटर तक करना शामिल होगा, ताकि हवाईअड्डे पर बोइंग 737 और एयरबस ए320 को उतारने के विजन को साकार किया जा सके।

राज्य में अपने मंत्रालय की अन्य उपलब्धियों के बारे में श्री सिंधिया ने कहा कि शिमला हवाई अड्डे पर रनवे की मरम्मत का काम पूरा हो गया है और मंडी में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के लिए स्थल-स्वीकृति प्रदान की गयी है। उन्‍होंने दोहराया कि उनका मंत्रालय राज्य में नागरिक उड्डयन अवसंरचना के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

श्री सिंधिया ने कहा, ‘‘नागरिक उड्डयन क्षेत्र का पूर्ण लोकतंत्रीकरण हुआ है और जो लोग हवाई जहाजों को केवल उड़ते हुए देख सकते थे, वे आज इनमें उड़ रहे हैं।’’ उन्‍होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की उड़ान योजना के विजन के फलस्वरूप भारत के हवाई यात्रियों की संख्या में 1 करोड़ 15 लाख लोग जुड़ गए हैं।

उड़ान के तहत हिमाचल राज्य को 44 रूट उपलब्‍ध कराए गए हैं, जिनमें से 22 पहले से ही प्रचालन में हैं। राज्य में मंत्रालय की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए, श्री सिंधिया ने कहा कि कनेक्टिविटी 2013-14 के प्रति सप्ताह 40 एयरक्राफ्ट से बढ़कर 110 एयरक्राफ्ट हो गई है और इस प्रकार 9 वर्षों में 175 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से धर्मशाला में, पिछले नौ वर्षों में हवाई यातायात की संख्या में 110 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 2013-14 के प्रति सप्ताह 28 से बढ़कर आज 50 मूवमेंट तक पहुंच गई है।

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा से संसद सदस्य श्री किशन कपूर ने कहा कि राज्य के लोगों के लिए हवाई संपर्क में विमान एक प्रमुख योगदान है। राज्य में कोविड 19 महामारी के दौरान पर्यटक कार्यकलापों में भारी गिरावट आयी थी और अब इसमें फिर से तेजी देखी जा रही है। श्री कपूर ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय से धर्मशाला के लिए उड़ान भरने वाले विमानों की संख्या को बढ़ाने पर विचार करने का अनुरोध किया।

इंडिगो एयरलाइन दिल्ली से धर्मशाला के लिए प्रतिदिन उड़ानें प्रचालित करेगी। इस नए उड़ान सेक्‍टर से इंडिगो की दैनिक उड़ानों की संख्या बढ़कर 1795 हो गई है और प्रस्थान के मामले में यह दुनिया की सातवीं सबसे बड़ी एयरलाइन बन गई है।

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अनवरगंज – मांधाना एलिवेटेड ट्रैक प्रोजेक्ट को ,नेटवर्क प्लानिंग समुह ने पास किया परियोजना प्रधानमंत्री गति शक्ति परियोजना मे शामिल

कानपुर शहर को 2 भागो में विभाजित करते हुए नियमित यातायात जाम के साथ ही दक्षिण क्षेत्र का मुख्य शहरी क्षेत्र से सुगम संपर्क के अभाव तथा औद्योगिक विकास में बाधक बन रही अनवरगंज से मंधना रेल्वे ट्रैक के विकराल समस्या के सामाधान हेतु लगभग तीन दशकों से लंबित पढ़ी अनवरगंज मांधना ट्रैक को एलिवेटेड करने की परियोजना की नेटवर्क प्लानिंग समुह, जिसमें, 15 मंत्रालय के प्रतिनिधि होते है, की दिल्ली में संपन्न हुई बैठक मे अन्य प्रस्तावों के साथ इस प्रस्ताव का भी प्रजेंटेशन देखा गया ।
डाक्टर राजशेखर ने बताया, इस बैठक से पूर्व पूर्वोत्तर रेल्वे की उप वाणिज्य संचालन प्रबंधक शिल्पी kanojia, उप मुख्य अभियंता तथा कानपुर के संबंधित विभागों और संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर सुझाव प्राप्त कर प्रजेंटेशन तैयार किया गया।
डाक्टर राजशेखर ने, आज आधिकारिक रूप से प्राप्त सूचनाओं का हवाला देते हुए बताया की कानपुर शहर की इस महत्वपूर्ण परियोजना के प्रेजेंटेशन की तैयारी इतनी सार्थक रूप से की गई थी जिसमे इस परियोजना से कानपुर नगर को मिलने वाले लाभ तथा रेलवे के लाभ को प्रस्तुत किया गया जिसकी नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप के सदस्यों ने जम कर सराहना की और इसे आगे कैबिनेट कमेटी ऑफ इकनॉमिक अफेयर के पास
अंतिम प्रक्रिया हेतु संस्तुति कर भेज दिया, जहां से शीघ्र ही निर्माण कार्य आरंभ करने के निर्देश मिल जायेगे।

इस संबंध में राजशेखर आयुक्त कानपुर मंडल ने बताया की,यह रेल्वे का 16 किलोमीटर का सेक्शन जिसमें 16 रेल्वे क्रॉसिंग, कानपुर के विकास मे बढ़ी बाधा है, और समान्तर चल रही जी टी रोड के कारण जाम और दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण बना हुआ था।

इस विकराल समस्या को लेकर विभिन्न संगठनों के द्वारा पिछले तीस वर्षो से उठाया जा रहा था, लेकिन निदान नहीं हो पा रहा था

पिछले वर्ष कानपुर की समीक्षा बैठक करने आए माननीय मंत्री जतिन प्रसाद से इस परियोजना को शासन स्तर से पहल करने के लिए राजशेखर आयुक्त ने अनुरोध किया, मुख्य सचिव महोदय ने रेलवे बोर्ड चेयरमैन को इसका संज्ञान दिया साथ ही शासन स्तर से इसके लिए एक कमेटी गठित की गई जिसमे आयुक्त कानपुर मंडल, पुलिस आयुक्त, महा प्रबंधक पूर्वुत्तर रेलवे, तथा उत्तर मध्य रेलवे द्वारा नामित अधिकारी, परियोजना निदेशक कानपुर मेट्रो, नीरज श्रीवास्तव स्तंत्र निर्देशक कानपुर स्मार्ट सिटी, मुख्य अभियंता नगर निगम महा प्रदबंधक सेतु निगम, अधीक्षण अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग, तथा परियोजना निदेशक राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण कन्नौज नामित हुए

इसकी एक महत्त्वपूर्ण बैठक प्रमुख सचिव आवास ने दिनाँक 11 मई 2022 को आयोजित हुई
।कानपुर के विकास में अति गंभीर माननीय सांसद गण देवेंद्र सिंह भोले जी और सत्यदेव पचौरी जी ने भी माननीय रेल मंत्री से मिलकर इस प्रोजेक्ट को और आगे बढ़ाया।
डॉक्टर राजशेखर ने बताया की नियमित फॉलोअप तथा रेलवे के साथ नीरज श्रीवास्तव समन्वयक उच्च स्तरीय संयुक्त विकास समिति के साथ समन्वय करते रहने से यह कार्ययोजना गति शील रही।
विभिन्न चरणों में डीपीआर पूर्ण करने में पूर्वोत्तर रेलवे के उच्च अधिकारियों ने नियमित कानपुर आयुक्त स्तर पर बैठकों में प्रति भाग किया जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, विकास प्राधिकरण, नगर निगम इत्यादि के अधिकारियों के साथ तथा उद्योग संघटनो के सुझावों से इस महत्वपूर्ण योजनाओं की डीपीआर बन सकी जो सर्वप्रथम रेलवे बोर्ड के बाद नीति आयोग पहुंची और नीति आयोग से नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप को बैठक में इस परियोजनाओं को और आगे बढ़ाते हुए कैबिनेट कमेटी ऑफ इकनॉमिक अफेयर में चला गया।
आज रेलवे के अधिकारियों ने मंडलायुक्त से वार्ता कर धन्यवाद दिया और शीघ्र ही आगामी बैठक आयोजित करने हेतु अनुरोध किया जिसमें की भविष्य में आवश्यक कार्यों का रूप रेखा बनाया जा सके।

डॉक्टर राजशेकर ने बताया कानपुर के विकास की श्रंखला में यह परियोजना बहुआयामी है जो यहां के औद्योगिक विकास को और गति देगी,उन्होंने कहा की इस महत्वपूर्ण परियोजना के आगे बढ़ने मे माननीय सांसद देवेन्द्र सिंह भोले जी, और सत्यदेव पचौरी जी, का बहुत आभार व्यक्त करते, इस कार्य मे प्रयासरत संगठनों के प्रतिनिधियों को सहयोग के लिये धन्यवाद तथा, पूर्वोत्तर रेल्वे के वरिष्ठ अधिकारियों, जिला प्रशासन अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ समन्वय जैसे महत्वपूर्ण कार्यो के लिए नीरज श्रीवास्तव के प्रति भी आभार व्यक्त किया।

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