Breaking News

पर्यटन

दिल्ली हाट में आदिवासी भारत आदि महोत्सव में दस्तकारी खिलौने

 

A picture containing textDescription automatically generated

इस समय चल रहा आदि महोत्सव वास्तव में सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए खुशी की बात है। सर्वश्रेष्ठ जनजातीय हस्तशिल्प, पूर्वोत्तर की वांचो और कोन्याक जनजातियों के मोतियों के हार से लेकर ढोकरा शिल्प कला, प्राकृतिक रूप से प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले सूखा आंवला, जंगली शहद, हल्दी, रागी जैसे उत्पाद हों या आकर्षक बुनाई और सिल्क व गर्म शॉल जैसे कपड़े; किसी को भी अपने पंसद के अनुसार सब कुछ यहां मिल सकता है।

इन विभिन्न वस्तुओं को बेचने वाले 200 दुकानों में से कुछ विशेष स्टाल भी हैं जिनमें देश के अलग-अलग हिस्सों से अद्वितीय, दस्तकारी खिलौने मिल रहे हैं। इनमें मध्य प्रदेश में भीलो द्वारा बनाई गई प्रसिद्ध झाबुआ गुड़िया हैं; असम, सिक्किम और उत्तर प्रदेश की क्रोशिया गुड़िया; केरल से नारियल की जटा से बने खिलौने और राजस्थान की रंगीन कठपुतलियां भी हैं। ये गुड़िया और खिलौने आदिवासियों के दैनिक जीवन के साथ-साथ उनके द्वारा पहने जाने वाली पारंपरिक पोशाक को भी दर्शाते हैं, जहां से वे आते हैं। ये स्टाल काफी हद तक खिलौनों के लिए प्रधानमंत्री के वोकल फॉर लोकल दृष्टिकोण के अनुरूप हैं। सुरक्षित, मजबूत और खूबसूरती के साथ की गई उम्दा दस्तकारी वाले ये खिलौने न केवल बच्चों के लिए एक आकर्षक खेलने वाली चीज हैं बल्कि सजावट के लिए और आकर्षक उपहार भी हैं।

A group of dollsDescription automatically generated with medium confidence

आदि महोत्सव में घूमना पूरे परिवार के लिए एक सुखद अनुभव है क्योंकि वहां सभी के लिए कुछ न कुछ उपलब्ध है। कुछ अनोखे और पारंपरिक जनजातीय हस्तशिल्प, पेंटिंग और जैविक आदिवासी उत्पादों की खरीदारी के अलावा लोग यहां महोत्सव के दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों के मशहूर स्थानीय व्यंजन जैसे मड़वा रोटी, लिट्टी चोखा, धुस्का, बंजारा बिरयानी, दाल बाटी और चूरमा आदि का स्वाद ले सकते हैं। इसके साथ-साथ मनोरंजक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी देख सकते हैं। ‘आदि महोत्सव-जनजातीय शिल्प, संस्कृति और वाणिज्य का उत्सव’ है, जिसका आयोजन नई दिल्ली के आईएनए स्थित दिल्ली हाट में किया गया है। यह महोत्सव 15 फरवरी, 2021 तक सुबह 11 से रात 9 बजे तक चलेगा।

आदि महोत्सव में आइए और ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को बढ़ावा दीजिए।

Read More »

गोवा के पणजी कला अकादमी में 28वें हुनर हाट का आयोजन

गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने आज केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी की गरिमामय उपस्थिति में पणजी के कैंपल स्थित कला केंद्र में स्वदेशी कारीगरों और दस्तकारों के लिए 28वें हुनर हाट का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर केंद्रीय आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्री श्रीपद नायक, राज्यसभा सदस्य श्री विनय दीनू तेंदुलकर, गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और लोकसभा सदस्य श्री फ्रांसिस्को सारदीना, गोवा के उपमुख्यमंत्री श्री चंद्रकांत कावलेकर, केंद्रीय अल्पसंख्यक मामले मंत्रालय में सचिव श्री पीके दास, वरिष्ठ अपर सचिव श्री एस के देव वर्मन, मानस अध्यक्ष श्री पीके ठाकुर और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे।

इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. प्रमोद सावंत ने कहा की हुनर हाट सरकार की स्वदेशी की प्रतिबद्धता को पूर्ण करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। ‘हुनर हाट’, सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के विचार को भी मजबूती दे रहा है और जरूरतमंद कारीगरों व दस्तकारों को आर्थिक सहायता भी उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने कहा कि हुनर हाट न सिर्फ कारीगरों और दस्तकारों को प्रोत्साहित कर रहा है बल्कि यह गोवा के पर्यटन क्षेत्र के लिए मददगार हो रहा है। देश के विभिन्न भागों में हुनर हाट का आयोजन ‘जान भी जहान भी’ की प्रतिबद्धता के क्रम में आयोजित किया जा रहा है। कोरोना महामारी के समय यह आवश्यक समझा गया की ‘अफरा-तफरी’ की नहीं एहतियात की आवश्यकता है।

डॉक्टर सावंत ने कहा कि हुनर हाट भारत की सांस्कृतिक एकता को भी मजबूती दे रहा है। हुनर हाट भारत के विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक विविधता को समझने का मंच उपलब्ध कराता है।

उन्होंने गोवा के नागरिकों और गोवा आने वाले पर्यटकों से हुनर हाट में सम्मिलित होने का आह्वान किया ताकि कारीगरों और दस्तकारों को प्रोत्साहन मिले।

इस अवसर पर अपने संबोधन में केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्री श्रीपद नायक ने कहा कि हुनर हाट सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ और वोकल फॉर लोकल मुहिम को मजबूती दे रहा है। उन्होंने कहा कि हुनर हाट की इस व्यवस्था ने देश के कारीगरों और दस्तकारों को बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए हैं और यह युवा प्रतिभाशाली कारीगरों तथा दस्तकारों के लिए एक प्रभावशाली मंच बनकर उभरा है।

गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और लोकसभा सदस्य श्री फ्रांसिस्को सारदीना ने कहा कि हुनर हाट भारत की विविधता में एकता को सशक्त कर रहा है। देश की कला और संस्कृति की झलक हुनर हाट जैसे एकीकृत मंच पर उपलब्ध है। राज्यसभा सदस्य श्री विनय दीनू तेंदुलकर ने हुनर हाट का आयोजन करने और कारीगरों तथा काश्तकारों को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी के प्रयासों की प्रशंसा की।

गोवा के उपमुख्यमंत्री श्री चंद्रकांत कावलेकर ने कहा कि हुनर हाट के माध्यम से देश के विभिन्न राज्यों की कारीगरी और कलात्मकता का प्रदर्शन देखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि हुनर हाट गोवा के कारीगरों और दस्तकारों के भी लाभ का माध्यम बनेगा।

केंद्रीय अल्पसंख्यक मामले मंत्रालय 26 मार्च से 4 अप्रैल के बीच 28वें हुनर हाट का आयोजन गोवा के पणजी में कर रहा है जिसकी थीम है “वोकल फॉर लोकल” और इस आयोजन में 30 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के 500 से अधिक कारीगर, दस्तकार भाग ले रहे हैं।

आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, चंडीगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, ओडिशा, पुदुचेरी, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा,उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों के कारीगर तथा कलाकार स्वनिर्मित स्वदेशी उत्पादों को “हुनर हाट” में बिक्री और प्रदर्शन के लिए लेकर आए हैं।

राज्यों से आए कलाकारों ने हुनर हाट में विभिन्न उत्पादों को प्रदर्शित किया है जिसमें कलमकारी, बिदरी के बर्तन, उदयगिरि की लकड़ी की बनी कटलरी, बाँस और जुट से बने उत्पाद, मधुबनी पेंटिंग, मूंगा सिल्क, तुसार सिल्क, चमड़े से बने उत्पाद, संगमरमर के उत्पाद, चंदन की लकड़ी से बने उत्पाद, कपड़ों पर खूबसूरत कढ़ाई, चंदेरी साड़ी, काली मिट्टी के बर्तन, कुंदन आभूषण, कांच के उत्पाद, लकड़ी और मिट्टी से बने खिलौने, ब्रास से बने उत्पाद और हैंडलूम इत्यादि शामिल हैं।

हुनर हाट में आने वाले लोगों को भारत के विभिन्न राज्यों के जायके का भी लुफ्त उठाने का मौका है।यहां बावर्ची खाना में मुगलई से लेकर दक्षिण भारतीय, गोवा, मलयाली, पंजाबी, बंगाली व्यंजन उपलब्ध हैं।

हुनर हाट में आने वाले लोगों को विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का लुत्फ़ उठाने का भी अवसर होगा। लोकप्रिय कलाकारों के कार्यक्रम इस प्रकार होंगे: श्री रूप सिंह राठौर (27 मार्च); श्री सुदेश भोंसले (28 मार्च); श्री अल्ताफ राजा और सुश्री रानी इंद्राणी (29 मार्च); निज़ामी बंधु (30 मार्च); गुरदास मान जूनियर (31 मार्च); श्री प्रेम भाटिया (1 अप्रैल); श्री विनोद राठौर और हास्य कलाकार श्री सुदेश लेहरी (2 अप्रैल); गुरु रंधावा (3 अप्रैल); सुश्री शिबानी कश्यप (4 अप्रैल)।

इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री नकवी ने कहा कि हुनर हाट का आयोजन देश के विभिन्न भागों में किया जा रहा है। इसे जबरदस्त प्रोत्साहन मिल रहा है क्योंकि उसमें 5,50,000 से ज़्यादा कारीगर और दस्तकार तथा अन्य लोग जुड़े जिन्हें हुनर हाट के माध्यम से रोजगार या रोजगार के अवसर उपलब्ध हुए हैं।

श्री नक़वी ने कहा कि हुनर हाट ऑनलाइन पोर्टल http://hunarhaat.org और जीईएम पोर्टल पर उपलब्ध है, जहां से देश और दुनिया के लोग स्वदेशी कारीगरों और दस्तकारों द्वारा बनाए गए उत्पाद ऑनलाइन खरीद सकते हैं।

अगले हुनर हाट का आयोजन देहरादून और सूरत में किया जाएगा। इन दोनों स्थानों के अलावा कोटा, हैदराबाद, मुंबई, जयपुर, पटना, प्रयागराज, रांची, गुवाहाटी, भुवनेश्वर और जम्मू कश्मीर इत्यादि में भी इस वर्ष हुनर हाट के आयोजन की तैयारी है।

Read More »

प्रधानमंत्री बिहार में 14,000 करोड़ रुपए की 9 राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से 21 सितंबर, 2020 को बिहार में 9 राजमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे।

श्री नरेन्द्र मोदी बिहार के सभी 45,945 गांवों को ऑप्टिकल फाइबर इंटरनेट सेवाओं से जोड़ने के लिए ऑप्टिकल फाइबर इंटरनेट सेवाओं का भी उद्घाटन करेंगे।

राजमार्गपरयोजनाएं

जिन 9 राजमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास होना है उनमें 350 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण किया जाएगा जिन पर 14,258 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इन सड़कों के निर्माण से बिहार के विकास को बढ़ावा मिलेगा, संपर्क बेहतर होगा और बिहार तथा इसके आसपास के क्षेत्रों में अर्थिक वृद्धि में तेजी आएगी। बिहार सहित पड़ोसी राज्यों झारखंड तथा उत्तर प्रदेश में लोगों और सामानों की आवाजाही आसान हो जाएगी।

प्रधानमंत्री ने वर्ष 2015 में बिहार के बुनियादी ढांचागत विकास के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की थी। 54,700 करोड़ रुपए की लागत से 15 परियोजनाओं पर काम होना था जिनमें से 13 परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं, 38 परियोजनाओं पर काम चल रहा है जबकि अन्य आवंटन या नीलामी की प्रक्रिया में हैं।

इन परियोजनाओं के पूर्ण होने पर बिहार में सभी नदियों पर पुल होंगे और राज्य के बड़े राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण की प्रक्रिया सम्पन्न हो जाएगी।

प्रधानमंत्री के इस पैकेज के अंतर्गत गंगा नदी पर पुलों की संख्या 17 हो जाएगी जिनकी कुल क्षमता 62 लेन की होगी। इस तरह से एक औसत अनुमान के अनुसार राज्य में नदियों पर प्रति 25 किलोमीटर पर एक पुल होगा।

राजमार्ग से जुड़ी परियोजनाओं में बख्तियारपुर-रजौली खंड पर राष्ट्रीय राजमार्ग 31 के 47.23 किलोमीटर लंबे खंड को चार लेन किया जाएगा, जिस पर 1149.55 करोड़ रुपए की लागत आएगी, इसी खंड पर 50.89 किलोमीटर सड़क को चार लेन किए जाने पर 2650.76 करोड़ रुपए की लागत आने की संभावना है, राष्ट्रीय राजमार्ग 30 के आरा-मोहनिया खंड पर 54.53 किलोमीटर के चार लेन के जाने की परियोजना पर ईपीसी मोड से 885.41 करोड रुपए की लागत आएगी, राष्ट्रीय राजमार्ग 31 पर आरा-मोहनिया खंड पर ही 60.80 किलोमीटर सड़क को चार लेन की जाने पर ईपीसी मोड से 855.93  करोड़ रुपए की लागत आएगी, नरेनपुर- पूर्णिया खंड पर राष्ट्रीय राजमार्ग 131ए, पर 49 किलोमीटर को चार लेन किए जाने पर एचएएम मोड से 2288 करोड रुपए की लागत आएगी, एनएच 131जी, पटना रिंग रोड (कन्हौली-रामनगर) खंड को छह लेन किए जाने पर 913.15 करोड रुपए की लागत आएगी, पटना में गंगा नदी पर महात्मा गांधी सेतु के समानांतर राष्ट्रीय राजमार्ग -19 पर 14.5 किलोमीटर चार लेन के पुल निर्माण पर 2926.42 करोड़ रुपये की लागत आएगी, कोसी नदी पर एनएच 106 पर 28.93 किलोमीटर लंबा चार लेन का नया पुल (2 लेन का पेव्ड शोल्डर भी होगी) ईपीसी मोड पर बनेगा, जिसमें 1478.40 करोड़ रुपये की लागत आएगी, और गंगा नदी पर राष्ट्रीय राजमार्ग 131बी पर विक्रमशिला सेतु के समानांतर 4.445 किलोमीटर लंबा 4 लेन का पुल बनेगा जिस पर 1110.23 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

ऑप्टिकलफाइबरइंटरनेटसेवाएं

बिहार के लिए यह एक सम्मानजनक परियोजना है जिसके अंतर्गत 45,945 गांवों को डिजिटल क्रांति से जोड़ने के लिए राज्य के कोने-कोने तक तेज गति कि इंटरनेट सुविधा पहुंचेगी।

यह परियोजना दूरसंचार विभाग, सूचना एवं तकनीकी मंत्रालय और सामान्य सेवा केंद्रों (सीएससी) के संयुक्त प्रयास से क्रियान्वित होगी।

बिहार राज्य में कुल 34,821 सीएससी यानी सामान्य सेवा केंद्र हैं, इन केंद्रों के साथ काम कर रहे लोग न केवल इंटरनेट परियोजना को क्रियान्वित करने में उपयोगी होने बल्कि इसे व्यवसायिक स्तर पर संचालित करने के प्रयास किए जाएंगे जिससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बिहार के प्रत्येक गांव के प्रत्येक नागरिक को ऑप्टिकल फाइबर इंटरनेट की सेवाएं उपलब्ध हो सकें। इस परियोजना के अंतर्गत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि एक वाईफाई और 5 नि:शुल्क इंटरनेट कनेक्शन सरकारी संस्थानों जैसे प्राथमिक स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्र, आशा कार्यकर्ता और जीविका दीदी इत्यादि को दिए जाएं।

इस परियोजना से ई-शिक्षा, ई-कृषि, टेलीमेडिसिन, टेली विधि सेवाओं सहित अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाएं बिहार के प्रत्येक नागरिक से सिर्फ एक क्लिक दूर होंगी।

Read More »

सुप्रीम कोर्ट ने केरल के तिरुअनंतपुरम स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रबंधन में त्रावणकोर के राजपरिवार के अधिकार को मान्यता दी।

पद्मनाभस्वामी मंदिर के सातवें द्वार का रहस्य और इससे जुड़े मालिकाना हक विवाद की पूरी कहानी
सुप्रीम कोर्ट ने केरल के तिरुअनंतपुरम स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रबंधन में त्रावणकोर के राजपरिवार के अधिकार को मान्यता दे दी है।

केरल के तिरुअनंतपुरम स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर कहते हैं कि इसके तहखाना में इतना खजाना है कि जिसकी कल्पना तक नहीं की जा सकती है। दुनिया का सबसे अमीर मंदिर और उसमें कुछ इसी तरह के सात तहखाने और इन्हीं तहखाने में है खरबों रुपए की दौलत जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। लेकिन यह कोई कल्पना नहीं, कोई फसाना नहीं। यह पूरी हकीकत है। दुनिया के सबसे अमीर स्वामी पद्मनाभस्वामी मंदिर का रसूख जितना ज्यादा है, रहस्य उतना ही गहरा। हिंदुओं की आस्था, विरासत और इतिहास को समेटे पद्मनाभस्वामी मंदिर का सबसे बड़ा और गहरा रहस्य है इसका खजाना। 

देश की सबसे बड़ी अदालत में देश के सबसे अमीर मंदिर की निगहबानी को लेकर चल रहे विवाद पर राजवंश के हक में फैसला आया। ने केरल के तिरुअनंतपुरम स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रबंधन में त्रावणकोर के राजपरिवार के अधिकार को मान्यता दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए ये फैसला दिया है। तिरुअनंतपुरम के जिला जज की अध्यक्षता वाली कमेटी फिलहाल मंदिर की व्यवस्था देखेगी। कोर्ट ने राजपरिवार के सेवादार के हक को तो बरकरार रखा है लेकिन देवता की पूजा के तरीके से लेकर, मंदिर की सम्पत्तियों के रखरखाव, श्रद्धालुओं को सुविधाएं उपलब्ध कराने जैसे तमाम काम का अधिकार 5 सदस्यीय प्रशासनिक कमेटी और 3 सदस्य एडवाइजरी कमेटी को सौंप दिया है। आज के इस विश्लेषण में आपको बताएंगे क्या है इस मंदिर की कहानी? इस मंदिर को दुनिया का अमीर मंदिर क्यों कहा जाता है? क्या है इसके सात दरवाजों का रहस्य? क्या है इसके प्रबंधन के अधिकार का विवाद, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया?

सोने की तरह चमकते गगनचुंबी मंदिर में इतना खजाना है जिसे देखकर आंखें फटी की फटी रह जाए। मंदिर में इतना सोना है कि देखने वालों की आंखें चौंधिया जाए। सोना, चांदी, हीरे, जवाहरात, अशर्फियां, सोने की मूर्तियां और भी न जाने क्या-क्या? भगवान विष्णु का यह मंदिर करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है। कहते हैं कि इस मंदिर में आने वाले हर व्यक्ति को भगवान विष्णु का वरदान मिलता है और हर मनोकामना पूरी होती है। लेकिन मंदिर को लेकर और भी बहुत कुछ कहा जाता है। मंदिर का सातवां दरवाजा खोलने वाला अभी तक पैदा नहीं हुआ। अकूत खजाना छुपाए मंदिर के सातवें दरवाजे को कोई चाबी नहीं खोल सकती है। मंदिर का सातवां दरवाजा मंत्र से कोई सिद्ध पुरुष ही खोल सकता है। यह भी कहा जाता है कि किसी और ने सातवां दरवाजा खोला तो प्रलय आ जाएगी

विश्व के सबसे प्राचीन मानव सभ्यता के जनकों में से एक भारत। हिन्द महासागर के किनारे बसा दक्षिण का एक प्रांत केरल। यहां कि राजधानी है तिरुवनंतपुरम जहां पर स्थित है इसरो का विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र। यहां से 15 किलोमीटर दूर तिरुवनंतपुरम सेंट्रल के निकट स्थित है वो मंदिर जो पूरे भारत की अर्थव्यवस्था को बदलने की क्षमता रखता है- श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर

देश की सबसे बड़ी अदालत में देश के सबसे अमीर मंदिर की निगहबानी को लेकर चल रहे विवाद पर राजवंश के हक में फैसला आया। सुप्रीम कोर्ट ने केरल के तिरुअनंतपुरम स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रबंधन में त्रावणकोर के राजपरिवार के अधिकार को मान्यता दे दी है।

Read More »

भारतीय रेलवे ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 50 लाख प्रवासियों को 85 लाख से भी अधिक ‘मुफ्त भोजन’ और 1.25 करोड़ ‘मुफ्त पानी की बोतलें’ वितरित कीं

भारतीय रेलवे ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में यात्रा करने वाले लगभग 50 लाख प्रवासियों को 85 लाख से भी अधिक ‘मुफ्त भोजन’ और लगभग 1.25 करोड़ ‘मुफ्त पानी की बोतलें’ वितरित कीं

भारतीय रेलवे (Indian Railway) का दावा-  3,276 'श्रमिक स्पेशल ट्रेनों' से करीब 42 लाख प्रवासी मजदूरों को पहुंचाया गया

 भारतीय रेलवे ने 1 मई, 2020 से ही श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में यात्रा करने वाले लगभग 50 लाख प्रवासियों को 85 लाख से भी अधिक ‘मुफ्त भोजन’ और लगभग 1.25 करोड़ ‘मुफ्त पानी की बोतलें’ वितरित की हैं। इसमें भारतीय रेलवे के पीएसयू आईआरसीटीसी द्वारा तैयार किए जा रहे और जोनल रेलवे द्वारा वितरित किए जा रहे भोजन शामिल हैं।सभी श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में यात्रा कर रहे प्रवासियों को भोजन और पानी की बोतलें उपलब्‍ध कराई जा रही हैं। आईआरसीटीसी यात्रा कर रहे प्रवासियों को रेल नीर पानी की बोतलों के साथ भोजन के रूप में पुरी-सब्जी-अचार, रोटी-सब्जी-अचार, केला, बिस्कुट, केक, बिस्कुट-नमकीन, केक-नमकीन, शाकाहारी पुलाव, पाव भाजी, नींबू-चावल-अचार, उपमा, पोहा-अचार, इत्‍यादि उपलब्‍ध करा रही है।

विभिन्न स्थानों पर फंसे प्रवासी श्रमिकों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, विद्यार्थियों और अन्य व्यक्तियों की विशेष रेलगाड़ियों से आवाजाही के संबंध में गृह मंत्रालय के आदेश के बाद भारतीय रेलवे 1 मई 2020 से ही ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनों का परिचालन कर रही है। 28 मई 2020 तक देश भर के विभिन्न राज्यों से 3736 ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनें चलाई गई हैं, जबकि लगभग 67 ट्रेनें पाइपलाइन में हैं। 27 मई 2020 को 172 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें रवाना की गईं। अब तक 27 दिनों में लगभग 50 लाख प्रवासियों को श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से उनके गृह राज्‍यों में ले जाया गया है। उल्लेखनीय है कि आज चलने वाली ट्रेनों को किसी भी तरह के ट्रैफि‍क जाम (कंजेशन) का सामना नहीं करना पड़ रहा है।

ये 3736 ट्रेनें विभिन्न राज्यों से रवाना हुई थीं। जिन शीर्ष पांच राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों से अधिकतम ट्रेनें रवाना हुई हैं, उनमें गुजरात (979 ट्रेनें), महाराष्ट्र (695 ट्रेनें), पंजाब (397 ट्रेनें), उत्तर प्रदेश (263 ट्रेनें) और बिहार (263 ट्रेनें) शामिल हैं।

इन ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनों का परिचालन देश भर के विभिन्न राज्यों में समाप्त हुआ। जिन शीर्ष पांच राज्यों में अधिकतम ट्रेनों का परिचालन समाप्त हुआ है, उनमें उत्तर प्रदेश (1520 ट्रेनें), बिहार (1296 ट्रेनें), झारखंड (167 ट्रेनें), मध्य प्रदेश (121 ट्रेनें) और ओडिशा (139 ट्रेनें) शामिल हैं।

श्रमिक स्‍पेशल ट्रेनों के अलावा, रेलवे नई दिल्ली से जुड़ने वाली 15 जोड़ी स्पेशल ट्रेनें चला रही है। रेलवे ने समय सारणी के अनुसार 1 जून से 200 और ट्रेनें चलाने की योजना बनाई है।

Read More »

पश्चिम बंगाल और उत्तर ओडिशा तटों के लिए तूफान की चेतावनी:

सुपर चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ दक्षिण बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य और आसपास के मध्य क्षेत्रों में: पश्चिम बंगाल और उत्तर ओडिशा तटों के लिए तूफान की चेतावनी

भारतीय मौसम विभाग के चक्रवात चेतावनी प्रभाग द्वारा जारी ताजा विज्ञप्ति (भारतीय मानक समय 2100 बजे) के अनुसार:

NBT

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की कुल 19 टीमें पश्चिम बंगाल में सहायता के लिए तैनात।

सुपर चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ (उच्चारण यूएम-पीयूएन) दक्षिण बंगाल की खाड़ी के पश्चिम मध्य और आसपास के मध्य क्षेत्र के ऊपर बीते 6 घंटे के दौरान करीब 11 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर की तरफ बढ़ा है। यह आज 18 मई 2020 को 1730 बजे आईएसटी पर 14.0 डिग्री उत्तर अक्षांश और 86.3 डिग्री पूर्व देशांतर में पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर पारादीप (ओडिशा) के दक्षिण में करीब 700 किमी, दीघा (पश्चिम बंगाल) के दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में 860 किमी और खेपूपुरा (बांग्लादेश) के दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में 980 किमी दूर स्थित है।

इसके उत्तर-उत्तरपूर्व की ओर बढ़ते हुए उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी की तरफ पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश के तटीय क्षेत्रों दीघा (पश्चिम बंगाल) और हटिया द्वीप समूह (बांग्लादेश) के बीच सुंदरबन के करीब से 20 मई 2020 को दोपहर/शाम में गुजरने की संभावना है। यह भयानक चक्रवाती तूफान तटीय क्षेत्रों से 165-175 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से टकरा सकता है। हवाओं की अधिकतम रफ्तार 195 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है।

तूफान के रास्ते का पूर्वानुमान और तीव्रता निम्न तालिका में दी गई है:

तिथि/समय (भारतीय मानक समय) स्थिति (अक्षांश डिग्री उत्तर/ देशांतर डिग्री पूर्व)निरंतर सतह पर हवा की अधिकतम गति (किमी प्रति घंटे)  चक्रवातीय विक्षोभ का वर्ग 
18.05.20/1730   14.0/86.3230 से 240 किमी प्रति घंटे की गति से 265 तकसुपर चक्रवाती तूफान
18.05.20/2330   15.2/86.5240 से 250 किमी प्रति घंटे की गति से 275 तकसुपर चक्रवाती तूफान
19.05.20/0530   15.9/86.7240 से 250 किमी प्रति घंटे की गति से 275 तकसुपर चक्रवाती तूफान
19.05.20/1130   17.1/87.0230 से 240 किमी प्रति घंटे की गति से 265 तकसुपर चक्रवाती तूफान
19.05.20/1730   17.7/87.2200 से 210 किमी प्रति घंटे की गति से 230 तकअत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान 
20.05.20/053019.6/87.7180 से 190 किमी प्रति घंटे की गति से 210 तकअत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान 
20.05.20/1730   21.8/88.5135 से 145 किमी प्रति घंटे की गति से 160 तककाफी गंभीर चक्रवाती तूफान 
20.05.20/0530   23.8/89.180 से 90 किमी प्रति घंटे की गति से 100 तकचक्रवाती तूफान
21.05.20/1730   25.9/89.840 से 50 किमी प्रति घंटे की गति से 60 तकदबाव

(1) भारी बारिश की चेतावनी:

ओडिशा

ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में आज 18 मई 2020 को रात से ही हल्की से मध्यम बारिश शुरू हो सकती है। तटीय ओडिशा (गजपति, गंजम, पुरी, जगतसिंहपुर और केंद्रपाड़ा जिलों में) में अलग-अलग जगहों पर भारी बारिश के आसार हैं। बारिश ज्यादातर क्षेत्रों में लेकिन उत्तरी तटीय ओडिशा (जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, जाजपुर, बालासोर, भद्रक और मयूरभंज जिलों में) में कुछ जगहों पर भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। 19 मई को खोरधा और पुरी जिलों में भारी बारिश और उत्तरी ओडिशा (भद्रक, बालासोर, मयूरभंज, जाजपुर, केंद्रपाड़ा और क्योंझर जिलों) में 20 मई 2020 को भारी बारिश की संभावना है।

पश्चिमबंगाल

पश्चिम बंगाल में गंगा के तटीय जिलों (पूर्वी मेदिनीपुर, दक्षिण एवं उत्तर 24 परगना) में 19 मई को कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और कुछ जगहों पर भारी वर्षा का अनुमान है। 20 मई को अधिकांश स्थानों पर वर्षा और कुछ स्थानों पर भारी वर्षा तथा पश्चिम बंगाल में गंगा के आसपास (पूर्वी एवं पश्चिमी मेदिनीपुर, दक्षिण एवं उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली, कोलकाता एवं समीपवर्ती जिलों) में बहुत भारी वर्षा हो सकती है एवं 21 मई 2020 को अंदरूनी जिलों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।

उप-हिमालयी पश्चिमबंगाल एवं सिक्किम

20 मई को ज्यादातर जगहों पर हल्की से मध्यम वर्षा तथा माल्दा एवं दिनाजपुर जिलों में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है और 21 मई 2020 को उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल एवं सिक्किम के अधिकांश जिलों में भारी वर्षा का अनुमान है।

असम एवं मेघालय

21 मई को असम एवं मेघालय के पश्चिमी जिलों में अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा तथा कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है।

(2) वायु चेतावनी

पश्चिमबंगालऔरओडिशा

  • 18 मई की शाम से दक्षिण ओडिशा के तट के साथ एवं आसपास के क्षेत्रों में हवा 45 से 55 किमी प्रति घंटे की गति (जो बढ़कर 65 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है) से चलने का अनुमान है, जो  19 मई की सुबह से उत्तर ओडिशा तट के साथ एवं आसपास और 19 मई की दोपहर से पश्चिम बंगाल तट के साथ एवं आसपास बढ़कर 55 से 65 किमी प्रति घंटे तथा आगे 75 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है।
  • उत्तरी ओडिशा (जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, बालासोर, भद्रक एवं मयूरभंज जिलों) तथा पश्चिम बंगाल (पूर्वी एवं पश्चिमी मेदिनीपुर, दक्षिण एवं उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली, कोलकाता जिलों) के तटीय जिलों में हवाओं की गति 20 मई की सुबह से धीरे-धीरे बढ़कर आंधी के रूप में तब्दील हो जाएगी और 75 से 85 किमी प्रति घंटे तथा आगे 95 किमी प्रति घंटे तक पहुंच जाएगी। धीरे-धीरे यह बढ़कर उत्तर ओडिशा के उपरोक्त उल्लिखित जिलों में 110 से 120 किमी प्रति घंटे तथा आगे बढ़कर 135 किमी प्रति घंटे तक पहुंच जाएगी।
  • जमीन पर वर्षा के पहुंचने के दौरान (20 मई की दोपहर से रात तक) 165 से 175 किमी प्रति घंटे तथा बढ़कर 195 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने वाली आंधी वाली हवाओं के पूर्वी मेदिनीपुर एवं उत्तर तथा दक्षिण 24 परगना जिलों तथा 100 से 110 किमी प्रति घंटे तथा आंधी वाली हवाओं के पश्चिमी बंगाल के कोलकाता, हुगली एवं पश्चिम मेदिनीपुर में बढ़कर 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने का अनुमान है।
  • 20 मई 2020 को ओडिशा के पुरी, खोरधा, कटक, जाजपुर जिलों में 55 से 65 किमी प्रति घंटे तथा बढ़कर 75 किमी प्रति घंटे तक चक्रवाती हवाओं के चलने की संभावना है।

गहरा समुद्री क्षेत्र

  • पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर 230 से 240 किमी प्रति घंटे तथा बढ़कर 265 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी वाली हवाओं के चलने का अनुमान है। आज रात से 19 मई की सुबह तक मध्य बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्सों तथा आसपास के उत्तरी बंगाल की खाड़ी में 230 से 240 किमी प्रति घंटे तथा बढ़कर 265 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।
  • 200 से 210 किमी प्रति घंटे तथा बढ़कर 230 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने वाली आंधी के 19 मई की सुबह तक उत्तर बंगाल की खाड़ी के ऊपर चलने का अनुमान है और फिर धीरे-धीरे घटकर 20 मई की शाम तक 165 से 175 किमी प्रति घंटे तथा बढ़कर 195 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने का अनुमान है।

(3) समुद्र की स्थिति

पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी क्षेत्रों में समुद्र की स्थिति असाधारण हैं और अगले 24 घंटों तक ऐसे ही बनी रह सकती है। यह 19 मई को मध्य बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भागों तथा आसपास के उत्तरी बंगाल की खाड़ी में जबकि 20 मई 2020 को उत्तरी बंगाल की खाड़ी के ऊपर असाधारण बन जाएगी।

(4) मछुआरों के लिए चेतावनी

  • मछुआरों को अगले 24 घंटों के दौरान दक्षिण बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य एवं समीपवर्ती मध्य भागों, 19 मई को मध्य बंगाल की खाड़ी एवं 19 से 20 मई 2020 के दौरान उत्तर बंगाल की खाड़ी में न जाने का सुझाव दिया गया है।
  • इसके साथ ही मछुआरों को 18 से 20 मई के दौरान उत्तर बंगाल की खाड़ी एवं उत्तर ओडिशा, पश्चिम बंगाल और समीपवर्ती बांग्लादेश के तटों एवं क्षेत्रों में भी न जाने का सुझाव दिया गया है।

(5) तूफान बढ़ने के आसार

  • तटीय क्षेत्रों में तूफान के टकराने के दौरान करीब 3-4 मीटर तक खगोलीय ज्वार के कारण पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर जिले के निचले इलाकों में पानी भरने और 4-6 मीटर खगोलीय ज्वार के कारण दक्षिण और उत्तर 24 परगना के निचले इलाकों में पानी भरने की संभावना है। (चित्र संलग्न है)

(6) नुकसान की आशंका एवं सुझाई गई कार्रवाई

(पश्चिमबंगाल (पूर्वमेदिनीपुरदक्षिणएवंउत्तर 24 परगनाहावड़ाहुगलीकोलकाताजिलोंमें)

अपेक्षित नुकसान:

  • सभी प्रकार के कच्चे मकानों को भारी नुकसान, पुराने ठीक से रखरखाव न किए गए पक्के ढांचों को भी कुछ नुकसान, उड़ने वाली वस्तुओं से संभावित खतरा।
  • संचार और बिजली के खंभों का बड़ी संख्या में उखड़ना।
  • कई स्थानों पर रेल/सड़क संपर्क में बाधा।
  • खड़ी फसलों, बागानों, उद्यानों को व्यापक नुकसान।
  • ताड़ एवं नारियल के पेड़ों को नुकसान।
  • बड़े झाड़ी वाले पेड़ों का उखड़ना।
  • बड़ी नौकाओं और जहाजों के लंगर को नुकसान।

मछुआरों को चेतावनी और सुझाए गए कदम:

  • 18 से 20 मई 2020 तक मछली पकड़ने का काम पूरी तरह स्थगित।
  • रेल और सड़क यातायात का डायवर्जन या स्थगन।
  • प्रभावित क्षेत्रों के लोग घरों के भीतर रहें। निचले इलाकों से लोगों की निकासी करना।
  • मोटर बोट और छोटे जहाजों में आवाजाही उचित नहीं।

(ओडिशा (जगतसिंहपुरकेंद्रपाड़ाभद्रकबालासोरजाजपुरएवंमयूरभंज)

नुकसान का खतरा:

  • छप्पर वाले मकानों को पूरा नुकसान/कच्चा घरों को व्यापक नुकसान। उड़ने वाली वस्तुओं से संभावित खतरा।
  • बिजली और संचार के खंभों का मुड़ना/उखड़ना।
  • कच्ची एवं पक्की सड़कों को भारी नुकसान। रेलवे, ओवरहेड पावर लाइनों एवं सिगनलिंग प्रणालियों में कुछ नुकसान।
  • खड़ी फसलों, बागों, उद्यानों को व्यापक नुकसान, हरे नारियल के पेड़ों के गिरने और ताड़ के पत्तों के फटने की आशंका, आम जैसे बड़ी झाड़ी वाले पेड़ों को नुकसान।
  • छोटी नौकाएं, कंट्री क्राफ्ट लंगर से अलग हो सकते हैं।

Read More »

बाबा आनंदेश्वर अब स्वर्ण स्वरुप में

||🕉️श्री आनन्देश्वराय नमः🕉️||


कानपुर के राजाधिराज #बाबाआनन्देश्वर महाराज जी नये स्वर्ण_रूप में विराजे आज ।

बाबा के शिवलिंग पर स्वर्ण स्वरूप के दर्शन

Read More »

Tourism Economics

Tourism is a major industry globally and a major sector in many economies.

This image has an empty alt attribute; its file name is pc35qULWmYys28_ISy4yyj9sW_VmGbJOfrzuoKmfCdq4KWyvVdAXTVQLHcoRE-bmnjzWE9BjvSnAcVzoSCakMq7tgVFX2p_R2K44VMFMi5h8wrLCcs5uFxHn89kb9HPAuTpY5RMcwhA0FbX4ww
PRAKRITI VERMA, FORMER STUDENT OF SRI AUROBINDO COLLEGE, DELHI UNIVERSITY, INDIA.

According to the United Nations World Tourism Organisation (UNWTO), over the past 60 years tourism is experiencing its best phase today due to evolution and diversification in this industry and helping it to become the fastest and the largest evolving sector of all developed and developing economies.  According to the The World Travel and Tourism Council (WTTC) evaluation tourism has contributed 9.2 per cent of global GDP and predicts that this will continue to boost at over 4 per cent per annum during the next ten years to account for some 9.4 per cent of Gross Domestic Product (GDP) (WTTC 2010). Turning it into modern tourism is a key driver for socioeconomic progress. Tourism activity also involves economic costs, including the direct costs incurred by tourism businesses, government costs for infrastructure to better serve tourists, as well as crowding and related costs borne by individuals in the community. 

Tourism contribution to GDP:

C:\Users\Shubhi\AppData\Local\Microsoft\Windows\INetCache\Content.MSO\EBD99453.tmp

Tourism, despite the ongoing debates about its definition over the past decades, is commonly recognised as a human activity that defines the demand for and supply of its products and the usage of resources that may result in either positive or negative socioeconomic consequences at both national and international levelTourism, despite the ongoing debates about its definition over the past decades, is commonly recognised as a human activity that defines the demand for and supply of its products and the usage of resources that may result in either positive or negative socioeconomic consequences at both national and international levelTourism, despite the ongoing debates about its definition over the past decades, is commonly recognised as a human activity that defines the demand for and supply of its products and the usage of resources that may result in either positive or negative socioeconomic consequences at both national and international levelTourism, despite the ongoing debates about its definition over the past decades, is commonly recognised as a human activity that defines the demand for and supply of its products and the usage of resources that may result in either positive or negative socioeconomic consequences at both national and international levelTourism, despite the ongoing debates about its definition over the past decades, is commonly recognised as a human activity that defines the demand for and supply of its products and the usage of resources that may result in either positive or negative socioeconomic consequences at both national and international level. Tourism, despite the ongoing debates about its definition over the past decades, is commonly recognised as a human activity that defines the demand for and supply of its products and the usage of resources that may result in either positive or negative socioeconomic consequences at both national and international level.

Image result for tourism contribution to gdp 2019"

Tourism, despite the moot points its definition over the past decades, is commonly known as a human activity that defines the demand and supply of its prodcuts and the usage of resources that may affect in either positive or negative socioeconomics consequences at both national and international level. Understanding the significance of tourism from the economic perspective is a relatively new arena of research.

The direct contribution of Travel & Tourism to GDP reflects the ‘internal’ spending on Travel & Tourism (total spending within a particular country on Travel & Tourism by residents and non-residents for business and leisure purposes) as well as government ‘individual’ spending spending by government on Travel & Tourism services directly linked to visitors, such as cultural (eg museums) or leisure (eg national parks). The direct contribution of Travel & Tourism to GDP is calculated to be consistent with the output, as expressed in National Accounting of tourism-characteristic sectors such as hotels, airlines, airports, travel agents and leisure and recreation services that deal directly with tourist.

Image result for tourism contribution to gdp in india 2019"

Tourism in India is salient key for the country’s economy to grow rapidly. The World Travel and Tourism Council calculated that tourism generated ₹16.91 lakh crore (US$240 billion) or 9.2% of India’s GDP. and is forecast to rise by 4.0% in 2018, and to rise by 3.8% pa to USD12,450.1bn (11.7% of GDP) in 2028. India witnesses about more than 5 million annual foreign tourist arrivals and 562 million domestic tourism visits. Travel and Tourism industry plays as a very significant source of Indian Gross Domestic Product. Total contribution of Travel and Tourism to Gross Domestic Product is comprised of direct contribution of Travel and Tourism to Gross Domestic Product, domestic supply chain, capital investment, government collective spending, imported goods from indirect spending and induced contribution. Direct contribution of Travel and Tourism to Gross Domestic Product mainly consists of Gross Domestic Product generated by industries which includes hotels, travel agents, airlines and other passenger service with directly deal with tourists.

C:\Users\Shubhi\AppData\Local\Microsoft\Windows\INetCache\Content.MSO\6AC78A3D.tmp

   Tourism contribution to employment : THE BIGGEST JOB CREATOR 

Being of a labour-intensive nature, tourism is a major sponsor in creating employment, which has a significant multiplier effect even on its related sectors. The Tourism industry in India is a very promising Industry and has power to become one of the leading employers of Indians. Tourism industry has emerged as an important instrument in the economic development of Indian economy, particularly in remote backward arenas and rural areas. Due to its durable backward and forward connection it generates employment in different profiles and thus augment living standard of people who are directly or indirectly linked with this economically immense lucrative activity. Visitor expenditure on accommodation, food & drink, local transport, entertainment and shopping is an important contributor to the economy of every tourist destination creating much needed employment and prospects for development. Gloria Guevara, WTTC President & CEO said, “Travel & Tourism creates jobs, drives economic growth and helps build better societies. Our research shows that our sector was responsible for the creation of one in five of all jobs globally. In the last few years, Governments around the world are realising the extraordinary benefits of tourism and I congratulate them for taking steps to maximise our sector’s potential.”

According to WORLD TRAVEL AND TOURISM COINCIL, 1 in 5 new jobs were created by Travel & Tourism over the last five years i.e 8.1% of total employment. 42,672.7 JOBS 

 52,999.3 JOBS are expected by the end of year 2029.The sector is predicted to grow at an annual rate of 6.9% to Rs. 32.05 lakh crore 

With the evolution of tourism business, additional employment is created in a country. Several employment opportunities are offered by tourism business. These employment opportunities are related to different segments that are related to tourism business. Tourism provides both direct and indirect employment. Direct employment is provided in the fields like hotels, restaurants, airlines, cruise lines and resorts because the employees are in direct contact with tourists and provide the tourists experience. Employees of firms providing goods and services to direct employment firms such as aircraft manufacturers, construction firms and restaurant suppliers create indirect employment. Therefore,  Tourism has great potential in generating employment.

Tourism contribution to investment:

C:\Users\Shubhi\AppData\Local\Microsoft\Windows\INetCache\Content.MSO\EB08E917.tmp

Indian tourism industry has experienced a strong period of growth, driven mostly by the Indian middle-class population and high spending foreign tourists. Additionally, government campaigns are also contributing to the industry’s growth, promoting ‘Incredible India’. The Indian tourism industry is on the verge of becoming a major global tourist destination. India’s travel and tourism industry is becoming one profitable business, welcoming new and settled investors for creating their presence in the tourism industry.

By 2030, India is expected to be among the top five business travel market Investment climate in India has improved considerably since the opening up of the economy in 1991. globally ranks 1st in the greenfield FDI ranking. India received the record FDI of $ 60.1 bn in 2016.

Some profitable business opportunities for invertors 

  • Lodging Business 

The upsurge of unrestricted market hospitality services has led the foundation for non-traditional lodging, generating an additional source of revenue for the franchisors. They believe in offering a safe place to travelers to sleep and relax, especially upon arriving at a new or foreign location. In fact, short-term leasing of homes and apartments is a new concept which the industry is witnessing today. Property rental is a new trend, creating tons of chances for investors, earning quick revenue.

  • Ride-Sharing Business

When a tourist visits an unacquainted region, being able to travel around quickly and easily is a necessity. The ride-sharing segment is benefiting that population, along creating supplementary income for the investors. Ola and Uber are two such examples which are transforming the ride-sharing business in India. Ride-sharing is an interpersonal involvement, where franchisors can use their facts to serve as a tour guide, generating an extra income.

  • Luggage Delivery Services

Forgetting a luggage is most probably a nightmare as a traveler. Luggage delivery franchisors can make such problems an issue of past. Establishing a luggage delivery business is the most inexpensive way into the tourism industry. Despite deficient in capital, you can still go on with your business, launching a personal luggage delivery service.

Therefore, Positive growth trends in traditional segments, a multitude of niche and mainstream tourism offerings, and liberal FDI policies underscore the rising investment appeal of India’s tourism and hospitality sector. The FDI policy also provides to businesses engaged in travel agency work, tour operations, tourist transport, setting up facilities for cultural, adventure, and wildlife skills, sports and health units as well as convention centers.

Growth

To recapitulate, taking everything into consideration, The “Incredible India 2.0” campaign marks a shift from the generic promotions being started across the world to market specific promotional plans and content creation. The campaign covers the important source markets for Indian tourism and also takes into account developing markets with momentous potential. Unaffected by the economic slowdown, the Tourism industry is one of the fastest growing sectors in India, making substantial contribution to the GDP of India, Also These steps have made India a preferred destination and opened up new horizons of career opportunities in the world of tourism.

Read More »