Breaking News

पर्यटन

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू के कठुआ में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत रिकॉर्ड 68 सड़कों के निर्माण की समीक्षा की

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं पीएमओ, कार्मिक और लोक शिकायत एवं पेंशन राज्यमंत्री मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज जम्मू के कठुआ में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत रिकॉर्ड 68 सड़कों के निर्माण कार्य पूरे होने की समीक्षा की और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख खलीफा बिन जायद अल-नाहयान के निधन के सम्मान में आज मनाए गए राजकीय शोक के कारण औपचारिक उद्घाटन को टाल दिया।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image001KMSA.jpg

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि 547 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित 526 किलोमीटर तक की हर मौसम उपयुक्त सड़कों से एक लाख 20,000 से अधिक लोगों को लाभ हो सकता है, जिनमें से अधिकांश दूर-दराज के पहाड़ी इलाकों में रहते हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी से उत्पन्न गंभीर चुनौतियों के बावजूद कुछ को छोड़कर सभी परियोजनाओं को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा किया गया। उन्होंने जोर देकर कहा कि महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद देश में विकास की रफ्तार से, विशेष रूप से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में, समझौता में नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा कि सड़कें एक विकासशील राष्ट्र की जीवन रेखा होती हैं जिनसे शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि उत्पादों के विपणन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में लाभ मिलता है और साथ ही इससे समाज को अनेक फायदे मिलते हैं।

मंत्री ने 29.50 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 22 पुलों के पूरा होने के कार्य की भी समीक्षा की जिनका जल्द ही लोकार्पण किया जाएगा।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि मोदी सरकार के पिछले 7-8 वर्षों में देश में कार्य संस्कृति में भारी बदलाव आया है और परियोजनाओं को अब किसी अन्य बातों के बजाय आवश्यकता-आधारित जरूरतों को देखते हुए मंजूरी दी जा रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नई सड़क परियोजनाओं की स्वीकृति में स्थानीय सांसदों या विधायकों द्वारा किए गए अनुरोध के बजाय सरपंचों और अन्य स्थानीय निर्वाचित प्रतिनिधियों के विचारों को प्राथमिकता दी जाती है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी बताया कि उनके संसदीय क्षेत्र उधमपुर-कठुआ-डोडा को 2014 के बाद से जम्मू-कश्मीर में पीएमजीएसवाई अनुदान का सबसे अधिक आवंटन प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि नई परियोजनाओं के लिए पीएमजीएसवाई की केंद्रीय निधि के 4,175 करोड़ रुपये में से करीब 3,884 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो उधमपुर-कठुआ-डोडा के पहाड़ी और दुर्गम इलाकों की निधि का लगभग दो-तिहाई है, समीक्षा बैठक में डॉ. जितेंद्र ने केंद्रशासित प्रदेश में सड़क संपर्क को मजबूत करने की दिशा में सरकार की पहल पर प्रकाश डाला और कहा कि वर्तमान सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता है कि जम्मू और कश्मीर के हर हिस्से को तेजी से विकास के लिए एक टिकाऊ सड़क नेटवर्क मिले। उन्होंने कहा कि सरकार पीएमएवाई, पीएमजीएसवाई और मनरेगा जैसी योजनाओं का लाभ दूरस्थ पंचायतों और ब्लॉकों और जम्मू-कश्मीर के अन्य कठिन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने विभिन्न विभागों के अधिकारियों से पीआरआई सदस्यों के साथ समन्वय में काम करने और बेहतर समन्वय व तालमेल के लिए एसओपी बनाने का आग्रह किया ताकि समावेशी विकास के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। डीडीसी अध्यक्ष, उधमपुर श्री लाल चंद, डीडीसी अध्यक्ष, डोडा श्री. धनतेर सिंह, डीडीसी अध्यक्ष, किश्तवाड़ पूजा ठाकुर, डीडीसी अध्यक्ष, रामबन डॉ. शमशाद शान, डीडीसी अध्यक्ष सांबा, श्री. केशव शर्मा, डीडीसी अध्यक्ष रजौरी एडवोकेट नसीम लियाकत और डीडीसी अध्यक्ष, रियासी श्री सराफ सिंह नाग भी बैठक में शामिल हुए।

बैठक में कठुआ के डीसी श्री राहुल पांडे, उधमपुर की डीसी कृतिका ज्योत्सना, सांबा की डीसी अनुराधा गुप्ता, रामबन के डीसी श्री मुसरत इस्लाम, किश्तवाड़ के डीसी श्री अशोक कुमार शर्मा, डोडा के डीसी श्री विकास शर्मा और रियासी डीसी बबीला रखवाल ने भी हिस्सा लिया।

गौरतलब है कि सितंबर, 2020 में डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू क्षेत्र के कठुआ, डोडा, उधमपुर और रियासी जिलों में 23 सड़कों और पुलों की परियोजनाओं का अनावरण किया था। लगभग 73 करोड़ रुपये की लागत और 111 किलोमीटर की लंबाई वाली परियोजनाओं से इस क्षेत्र के 35,000 से अधिक लोगों को लाभ मिला। 23 परियोजनाओं में पीएमजीएसवाई के तहत संपर्क के लिए हर मौसम में उपयुक्त 15 सड़कें और लोगों को बेहतर संपर्क के लिए 8 पुल शामिल हैं।

Read More »

अटल घाट गंगा नदी में गंगा को निर्मल बनाने व मत्स्य संरक्षण हेतु 80 से 100 मिली मी0 की 40 हजार मछलियों प्रवाहित

कानपुर नगर 6 मई, (सू0वि0) कैबिनेट मंत्री, मत्स्य, उ0 प्र0 सरकार डॉ0 संजय निषाद ने आज अटल घाट गंगा नदी में गंगा को निर्मल बनाने व मत्स्य संरक्षण हेतु 80 से 100 मिली मी0 की 40 हजार मछलियों को प्रवाहित किया। उन्होंने गंगा नदी में मछलियों को प्रवाहित करते हुये कहा कि ये विभिन्न प्रकार की मछलियॉ गंगा में हानिकारक शैवाल को खाकर गंगा को स्वच्छ बनाने में मदद करेगी। उन्होंने बताया कि रोहू, कतला, नैन प्रजातियों की मछलियॉ नदी के तल में जमा कचरे को साफ करती है और इसके साथ ही मत्स्य संपदा को बढाती है। पानी में इन मछलियो के प्रवाहित होने से गंगा में स्वच्छता के साथ मत्स्य संपदा में तेजी से बढोतरी होगी और गंगा को निर्मल बनाने में यह मछलियॉ कारगर होगी।
उन्होंने कहा कि मत्स्य संपदा में बढोतरी होने से मछुआ समुदाय के लोगो को मत्स्य पालन के साथ लाभ भी प्राप्त होगा। उन्होंने बताया कि रोहू मछली पानी के ऊपरी सतह सरफेस फीडर में मौजूद असुद्धियो को खाती है, कतला मछली पानी के बीच की गन्दगी को खाकर नष्ट करती तथा नैन मछली पानी की निचली सतह में रहकर गन्दगी को खत्म करती है और जो भी गैसे आदि कचरे में दबी होती है उन्हें नष्ट करती है।
उन्होंने मत्स्य पालन विभाग द्वारा संचालित प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अन्तर्गत मत्स्य पालको को निःशुल्क रुपये 05 लाख की धनराशि की दुर्घटना बीमा योजना की जानकारी देते हुये कहा कि मत्स्य पालक इस योजना का लाभ प्राप्त करे। उन्होंने मत्स्य पालकों को जागरुक करते हुये कहा कि वह सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ प्राप्त करे और स्वास्थ्य, शिक्षा व अपने रोजगार पर विशेष ध्यान देकर जीवन स्तर को बेहतर बनाये। उन्होंने मत्स्य विभाग के अधिकारियों को इस योजना से मत्स्य पालकों को लाभान्वित करने के लिये इसका व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु कैम्प लगाकर योजना का लाभ दिलाये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को मत्स्य पालकों के हितो में संचालित योजनाओं की अधिक से अधिक मछुआ समुदाये के लोगों को जानकारी देते हुये समयबद्ध क्रियान्वन कराये जाने के निर्देश दिये।
इससे पश्चात उन्होंने डीएवी कालेज में मत्स्य संपदा सेक्टर के डिप्लोमा प्रशिक्षणार्थियों से संवाद करते हुये मत्स्य पालन सेक्टर को और उपयोगी बनाये जाने तथा वैज्ञानिकों से मत्स्य पालन व मत्स्य संपदा को और बेहतर तथा उपयुक्त बनाने के लिये सुझाव प्राप्त किये। जिससे की मत्स्य पालन को बढावा देने के साथ और अधिक लोगो को रोजगार उपलब्ध कराया जा सके।
कार्यक्रम में उप निदेशक मत्स्य डा0 नरुलहक, सहायक निदेशक मत्स्य एन0के0 अग्रवाल, नमामि गंगे के सचिव, प्रभागी वन अधिकारी व अन्य संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

Read More »

गुजरात के नर्मदा जिले में केवडिया, स्टैच्यु ऑफ यूनिटी में आदि बाजार- आदिवासी संस्कृति और व्यंजन की भावना का एक उत्सव, का शुभारम्भ हुआ

आदि बाजारों- आदिवासी संस्कृति और व्यंजन की भावना के एक उत्सव की श्रृंखलाओं के क्रम में 26 मार्च, 2022 को गुजरात के नर्मदा जिले में एकता नगर, केवडिया, स्टैच्यु ऑफ यूनिटी में एक अन्य बाजार का उद्घाटन किया गया है। जनजातीय कार्य मंत्रालय के ट्राइफेड द्वारा आयोजित 11 दिवसीय प्रदर्शनी की शुरुआत 26 मार्च को हुई और यह 5 अप्रैल तक चलेगी। इसका उद्घाटन गुजरात सरकार में जनजातीय विकास, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्रीमती निमिषाबेन सुथार ने की। इस अवसर पर गुजरात सरकार में उच्च और प्रौद्योगिकी शिक्षा, विधायी एवं संसदीय कार्य मंत्री डॉ. कुबेरभाई मनसुखभाई दिंडोर, ट्राइफेड के चेयरमैन श्री रामसिंह रथवा और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0024XQ1.png

प्रतिष्ठित स्मारक स्टैच्यु ऑफ यूनिटी में हो रही 11 दिवसीय जीवंत प्रदर्शनी में 100 से ज्यादा स्टॉलों के माध्यम से जैविक आदिवासी उत्पाद और दस्तकारी के सामानों का प्रदर्शन किया जाएगा और ये देश के 10 से ज्यादा राज्यों का प्रतिनिधित्व करेंगे। इस अवसर पर बोलते हुए, श्रीमती निमिषाबेन सुधार ने कहा, “यह मुख्य रूप से भारत के पहले उप प्रधानमंत्री भारत रत्न सरदार वल्लभभाई पटेल के प्रयास ही थी, जो भारत एक रूप में अस्तित्व में है। देश को समावेशी और एकजुट बनाना उनकी मुख्य महत्वाकांक्षाओं में से एक थी। दुनिया में सबसे ज्यादा ऊंचा यह महान स्मारक उनके मूल्यों- राष्ट्रीयता, आध्यात्मिकता और संस्कृति का एक प्रमाण है, जिनका सरदार पटेल ने समर्थन किया और जिनके लिए वे हमेशा खड़े रहे। साथ ही यह जिला मुख्य रूप से एक आदिवासी क्षेत्र है। मुझे यह देखकर खासी खुशी है कि एक आदि बाजार- आदिवासी जीवन, संस्कृति और परम्पराओं का उत्सव- इस आदिवासी बहुल बाजार में होगा और चहुंमुखी विकास को बढ़ावा देगा। मैं आप सभी को शुभकामनाएं देती हूं। ”ट्राइफेड के चेयरमैन श्री रामसिंह रथवा ने उद्घाटन के दौरान कहा, “मैं खुश हूं कि ट्राइफेड भारत के आदिवासियों की आजीविका बढ़ाने की दिशा में लगातार प्रयास कर रहा है। आदि बाजार से देश भर में बड़ी संख्या में लोगों तक आदिवासी संस्कृति के प्रसार में सहायता मिलेगी। यह खासी भीड़भाड़ वाला और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल होने के कारण इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सहायता मिलेगी।

 

”11 दिन चलने वाले इस महोत्सव में देश के 10 राज्यों के जनजातीय हस्तशिल्प, कला, चित्रकलाओं, कपड़े, आभूषणों का प्रदर्शन किया जाएगा।30 मार्च और 8 अप्रैल, 2022 के बीच एक अन्य आदि बाजार ओडिशा के राउरकेला में सेल प्रदर्शनी मैदान में आयोजित किया जाएगा। आदिवासी जीवन के मूलभूत स्वभाव का प्रतिनिधित्व करने वाले ये आदि बाजार ट्राइफेड द्वारा वंचित आदिवासियों की आजीविका में सुधार के लिए किए जा रहे प्रयासों का हिस्सा हैं, जो पिछले दो साल में खासी प्रभावित हुई है। आदि बाजार एक ऐसी पहल है, जिससे इन समुदायों के आर्थिक कल्याण और उन्हें मुख्यधारा के विकास के नजदीक लाने में सहायता मिलती है।

 

Read More »

होली का महत्व

 योग का नियमित अभ्यास किसी भी मनुष्य को प्रह्लाद बना सकता है – वही प्रह्लाद, जिसकी कथाएँ पुराणों में निहित हैं और जिसे हिरण्यकश्यप ने फाल्गुन मॉस की पूर्णिमा को, होलिका दहन में जलाकर मारने का प्रयास किया था। किन्तु उस रात की शक्ति ही कुछ ऐसी थी कि प्रह्लाद बिना जले आग से बाहर आ गया और होलिका , जिसे न जलने का वरदान प्राप्त था, फिर भी जलकर राख़ हो गयी।

पुराणों में निहित कथाएँ केवल मनोरंजन का साधन नहीं हैं बल्कि ज्ञान का भंडार हैं। एक साधारण मनुष्य उन्हें सिर्फ कहानियाँ ही मानता है। सीमित बुद्धि के कारण उसमें इन कथाओं में निहित ज्ञान को जानने की जिज्ञासा ही नहीं होती। और यही इन कथाओं का उद्देश्य भी है कि उनमें छिपे ज्ञान और रहस्यपूर्ण शक्तियों तक एक योग्य साधक ही पहुँच सके।

ज्ञान की प्राप्ति और दैविक शक्तियों का अनुभव गुरु द्वारा निर्धारित क्रियाओं और साधनाओं के नियमित अभ्यास से ही संभव हैं।

यह सृष्टि पांच तत्वों के संयोजन और सम्मिश्रण से उत्पन्न हुई है। जब शरीर में कोई दोष होता है तभी ये तत्व मिलकर उस शरीर की संरचना करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, वात, पित्त और कफ ही शरीर के दोष हैं तथा वेदानुसार कोई नकारात्मक विचार या स्वार्थ की भावना ही शरीर में दोष का कारण है।

यही दोष, एक मनुष्य की मूल प्रकृति को निर्धारित करते हैं। तत्वों की शुद्धता और अशुद्धता का स्तर ही एक व्यक्ति की विचार धारा को निर्धारित करता है। अगर तत्व शुद्ध हैं तो विचार उच्चकोटि के होंगे, परमार्थ के होंगे और यदि तत्व अशुद्ध है तो मनुष्य के विचार, स्वार्थ भावना और स्थूल स्तर के होंगे।

पञ्च तत्वों में अग्नि तत्व का उल्लेख, विशेष महत्त्वपूर्ण है क्योंकि केवल इसी तत्व को दूषित नहीं किया जा सकता। यही एक ऐसा तत्व है जो गुरुत्वाकर्षण के बावजूद ऊपर की ओर उठता है। इसके संपर्क में जो कुछ भी आता है वह शुद्ध और पवित्र हो जाता है। यही अग्नि, मनुष्य का उत्थान करने की क्षमता रखती है। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि ऋग वेद का पहला शब्द अग्नि ही है।

अग्नि की शक्ति को प्राप्त करने के लिए कुछ विशेष दिन बहुत महत्वपूर्ण हैं जिसमें होली भी एक है। इस दिन होलिका, प्रह्लाद को लेकर अग्नि में बैठ गयी थी किन्तु वह एक साधिका थी और अग्नि द्वारा उसके पवित्र होने का समय आ चुका था,इसलिए वरदान होते हुए भी अग्नि ने उसे स्वीकार कर लिया और प्रह्लाद , जो पहले से ही पवित्र और विशुद्ध था, बिना जले बाहर आ गया। जो शरीर पूर्ण रूप से शुद्ध होता है, अग्नि उसको प्रभावित नहीं करती। अग्नि से तात्पर्य स्थूल अग्नि तो है ही साथ ही हमारे जीवन में किसी भी प्रकार की नकारात्मकता, अशांति या विघ्न से भी है।

एक पवित्र देह उच्च लोकों में जाने योग्य है जहाँ उसका संपर्क दैविक शक्तियों से रहता है और ऐसी आत्मा सदैव आनन्द की स्थिति में होती है वहीँ एक अशुद्ध शरीर इस सँसार के भोगों को भोगने में व्यस्त रहता है,भोग जो क्षणभंगुर तो हैं ही साथ ही उस प्राणी को रोग की ओर भी ले जाते हैं। ऐसे व्यक्ति को लगता है कि उसका मनोरंजन हो रहा है और उसका समय सही व्यतीत हो रहा है, किन्तु वास्तव में समय ही उसे व्यतीत कर रहा है और रोगों की ओर ले जा रहा है क्योंकि रोग ही तो भोग का विपरीत है। सृष्टि स्वयं भी तो एक दूसरे के विपरीत पहलुओं का ही परिणाम है।

सनातन क्रिया में भी होली के दिन करने के लिए कुछ शुद्दिकरण प्रक्रियाएं दी गयी हैं। इसमें साधक अपने चारों और अग्नि चक्र बना कर, गुरु द्वारा दिए गए मन्त्रों का जाप करते है जिससे तुरंत ही उनमे आत्मिक शुद्धि की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।

योगी अश्विनी – ध्यान आश्रम के योगी अश्विनी से सम्पर्क करने के लिए dhyanashram.ya@gmail.com पर लिखें । गुरुवार 17 मार्च को दुनिया भर में ध्यान फाउंडेशन केंद्रों पर विशेष होली यज्ञ। भाग लेने के लिए www.dhyanfoundation.com पर रजिस्टर करें  09318451205

Read More »

भारत-यूएई आर्थिक साझेदारी समझौता भारतीय वस्तुओं और सेवाओं के लिए नए बाजार खोलेगा

image03QL

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को हस्ताक्षर किए गए भारत-यूएई व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते को एक ऐतिहासिक समझौता बताया है, जो भारतीय वस्तुओं और सेवाओं के लिए नए बाजार खोलेगा।

समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के एक दिन बाद मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री पीयूष गोयल ने कहा, “भारत-यूएई व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) एमएसएमई, स्टार्ट-अप, किसानों, व्यापारियों और व्यवसायों के सभी वर्गों के लिए अत्यधिक लाभप्रद होगा।”

क्षेत्रवार लाभों की चर्चा करते हुए, उन्होंने कहा कि कपड़ा, रत्न और आभूषण, चमड़े के सामान तथा जूते और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग जैसे श्रम प्रधान उद्योग सबसे अधिक लाभान्वित होने वालों में शामिल होंगे।

श्री गोयल ने जोर देकर कहा कि सीईपीए एक संतुलित, निष्पक्ष, व्यापक और न्यायसंगत साझेदारी समझौता है, जो वस्तुओं तथा सेवाओं दोनों में भारत के लिए बढ़ा हुआ बाजार उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा, “यह हमारे युवाओं के लिए रोजगार सृजित करेगा, हमारे स्टार्टअप के लिए नए बाजार खोलेगा, हमारे व्यवसायों को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगा और हमारी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा।”

मंत्री ने बताया कि क्षेत्रवार परामर्शों ने दर्शाया है कि यह समझौता भारतीय नागरिकों के लिए कम से कम 10 लाख रोजगार सृजित करेगा।

श्री गोयल ने यह भी बताया कि सीईपीए जिसे केवल 88 दिनों के रिकॉर्ड समय में अंतिम रूप दिया गया था तथा हस्ताक्षर किया गया था, मई की शुरुआत तक, 90 दिनों से भी कम समय में प्रभावी हो जाएगा। उन्होंने मीडिया को बताया कि “भारत से यूएई को निर्यात किए जाने वाले लगभग 90 प्रतिशत उत्पादों पर समझौते के कार्यान्वयन के साथ शून्य शुल्क लगेगा। व्यापार की 80 प्रतिशत लाइनों पर शून्य शुल्क लगेगा, शेष 20 प्रतिशत हमारे निर्यात को ज्यादा प्रभावित नहीं करते हैं, इसलिए यह सभी के लिए लाभप्रद समझौता है।”

किसी व्यापार समझौते में पहली बार सीईपीए में किसी भी विकसित देश में स्वीकृत होने के बाद, 90 दिनों में भारतीय जेनेरिक दवाओं के स्वचालित पंजीकरण और विपणन प्राधिकरण का प्रावधान किया गया है। इससे भारतीय औषधियों को बड़े बाजार में पहुंच प्राप्त हो सकेगी।

भारतीय आभूषण निर्यातकों को यूएई में शुल्क-मुक्त सुविधा प्राप्त हो सकेगी, जबकि वर्तमान में ऐसे उत्पादों पर 5 प्रतिशत सीमा शुल्क लगता है। इससे आभूषण निर्यात में भारी वृद्धि होगी, क्योंकि भारत में डिजाइन किए गए आभूषणों की बाजार में बहुत अच्छी प्रतिष्ठा है। रत्न एवं आभूषण क्षेत्र को 2023 तक अपने निर्यात के 10 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाने की उम्मीद है।

सीईपीए न केवल भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार करेगा, बल्कि भारत को कार्यनीतिक लाभ भी प्रदान करेगा। श्री गोयल ने कहा, “चूंकि संयुक्त अरब अमीरात एक व्यापारिक केंद्र के रूप में कार्य करता है, इसलिए यह समझौता हमें अफ्रीका, मध्य पूर्व और यूरोप में बाजार में प्रवेश बिंदु प्रदान करने में मदद करेगा।”

श्री पीयूष गोयल ने कहा कि सीईपीए के संपन्न होने के साथ भारत और यूएई का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय वस्तु व्यापार को बढ़ाकर 100 अरब डॉलर तक ले जाना है। उन्होंने कहा, “यद्यपि, मेरा विश्वास ​​है कि दोनों देशों के बीच व्यापार की संभावनाएं और भी बड़ी हैं, हम अपने लिए निर्धारित लक्ष्य को पार कर लेंगे।” संयुक्त अरब अमीरात भारत का तीसरा सबसे बड़ा द्विपक्षीय व्यापारिक साझेदार है।

2022 में ही जीसीसी के साथ समझौता

श्री पीयूष गोयल ने यह भी जानकारी दी कि सरकार को इस वर्ष के दौरान ही खाड़ी सहयोग परिषद के देशों के साथ एक समान आर्थिक साझेदारी समझौते किए जाने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा कि जीसीसी के महासचिव ने बातचीत में तेजी लाने की इच्छा व्यक्त की है और कहा, “हमें अपनी बातचीत करने की क्षमता पर भी भरोसा है, हमने यूएई के साथ त्वरित रूप से बातचीत की है, और हमें विश्वास है कि जीसीसी के साथ इसी वर्ष व्यापार पर इसी प्रकार का समझौता कर लिया जाएगा।”

जीसीसी 1.6 ट्रिलियन डॉलर के संयुक्त सांकेतिक जीडीपी के साथ खाड़ी क्षेत्र में छह देशों अर्थात् सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, कुवैत, ओमान और बहरीन का एक संघ है।

Read More »

गडकरी ने आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में 21,559 करोड़ रुपये के निवेश से 51 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में आज 21,559 करोड़ रुपए के निवेश से कुल 1380 किलोमीटर लंबी 51 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0018GTI.jpg

इस अवसर पर श्री गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम आंध्र प्रदेश में विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि बेहतर सड़क संपर्क तटीय क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देगा, शहरी और ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेगा और आंध्र प्रदेश के लोगों को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

 

श्री नितिन गडकरी ने कहा कि सेतु भारतम के तहत आरओबी के निर्माण से निर्बाध यातायात की सुविधा होगी, यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, समय के साथ-साथ ईंधन की बचत होगी और प्रदूषण भी कम होगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास की धमनियां हैं।

 

श्री गडकरी ने कहा कि आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम और काकीनाडा बंदरगाहों के बीच 4 लेन की सड़क आवाजाही की सुविधाओं में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि बेंज सर्कल फ्लाईओवर के निर्माण से विजयवाड़ा शहर में भीड़भाड़ कम करने में मदद मिलेगी।

Read More »

विकसित देशों की गैर टिकाऊ जीवनशैली आज भी पूरी दुनिया को खतरे में डाल रही है: भूपेन्दर यादव

केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री  भूपेन्दर यादव ने 16 फरवरी 2022 को विश्व टिकाऊ विकास सम्मेलन 2022 के 21वें संस्करण के उद्घाटन सत्र में विशेष भाषण दिया। डब्ल्यूएसडीएस ऊर्जा एवं संसाधन संस्थान (टेरी) का वार्षिक प्रमुख कार्यक्रम है।

श्री यादव ने जोर देकर कहा कि जलवायु परिवर्तन सहित वैश्विक पर्यावरण चुनौतियों का समाधान करने के लिए, हमें अब अनिवार्य रूप से समानता तथा समान लेकिन विभिन्न जिम्मेदारियों और संबंधित क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए सहमति प्राप्त वैश्विक नियमों पर कार्य करना चाहिए। पेरिस समझौता के लक्ष्यों को तब तक अर्जित नहीं किया जा सकता है जब तक कि सभी देशों द्वारा वैश्विक कार्बन बजट के उचित हिस्से के भीतर रहते हुए इक्विटी को कार्यान्वित न किया जाए। हमारा लक्ष्य न्यायसंगत सतत विकास तथा जलवायु कार्रवाईयों में निष्पक्षता होनी चाहिए। केवल तभी ‘‘जलवायु न्याय‘ प्राप्त किया जा सकता है।

उन्होंने यह भी कहा कि संसाधनों के उपयोग के प्रति दृष्टिकोण अनिवार्य रूप से ‘सचेत और सुविचारित उपयोग’  न कि ‘विचारहीन तथा विनाशकारी’ होना चाहिए।  एल. आई. एफ. आई. (लाइफस्टाइल फॉर द इनविरोनमेंट) जिसका भारत के प्रधानमंत्री ने ग्लासगो में सीओपी 26 में अनावरण किया था, के लक्ष्य को विश्व द्वारा अपनाया जाना चाहिए जिससे कि मानवता तथा ग्रह की रक्षा हो सके। श्री यादव ने कहा, ‘‘ जिन्होंने विश्व को गलत दिशा में ले जाने में सबसे अधिक योगदान दिया है, उन्हें ही अनिवार्य रूप से स्थिरता के मार्ग पर वापस लाने के लिए सर्वाधिक प्रयास करना चाहिए।”

पर्यावरण को बचाने की गहन आवश्यकता पर विचार करते हुए श्री यादव ने रेखांकित किया कि हालांकि औद्योगिक क्रांति से देशों में समृद्ध आई है, पर इसके कारण पर्यावरण को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा ‘‘अर्थव्यवस्था पर महामारी के प्रतिकूल प्रभावों के बावजूद, भारत ने वास्तव में अपनी जलवायु महत्वाकांक्षा में वृद्धि की है। भारत विश्व में सबसे महत्वाकांक्षी स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तनों की अगुवाई कर रहा है।”

श्री यादव ने यह भी कहा कि भारत के समावेशी तथा टिकाऊ वृहद-आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है कि देश के अनुकूलन तथा शमन दोनों ही उद्देश्‍यों को, हमारे लोगों की आकांक्षाओं तथा आवश्यकताओं के बड़े लक्ष्य के भीतर समान तथा न्यायोचित तरीके से पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि हमारे नवीनतम आम बजट ने इस मार्ग का अनुसरण करने के हमारे दृढ़ संकल्प की पुष्टि की है।

अपने संबोधन का समापन समानता की आवश्यकता के साथ करते हुए, उन्होंने कहा कि ‘‘विकसित देशों को अनिवार्य रूप से अपनी ओर से समुचित महत्वाकांक्षा के साथ प्रत्युत्तर देना चाहिए तथा निश्चित रूप से अपने दोनों वादों- अपनी जीवनशैली में परिवर्तन लाने के जरिये उत्सर्जन में भारी कमी लाने तथा विकासशील देशों को अधिक वित्त तथा प्रौद्योगिकीय सहायता उपलब्ध कराने- को पूरा करना चाहिए।

Read More »

प्रधानमंत्री ने मणिपुर के रानी गाइदिन्ल्यू रेलवे स्टेशन पर पहली बार मालगाड़ी पहुंचने पर प्रसन्नता व्यक्त की

प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर के तामेंगलोंग जिले के रानी गाइदिन्ल्यू रेलवे स्टेशन पर पहली बार मालगाड़ी पहुंचने पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि मणिपुर की कनेक्टिविटी को और बेहतर किया जाएगा तथा वाणिज्य को बढ़ावा दिया जाएगा।

उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास (डोनर) मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी के एक ट्वीट के जवाब में, प्रधानमंत्री ने कहा:

“उत्तर पूर्वी क्षेत्र में बदलाव जारी है।

मणिपुर की कनेक्टिविटी को और बेहतर किया जाएगा तथा वाणिज्य को बढ़ावा दिया जाएगा। इस राज्य के उत्कृष्ट उत्पाद देशभर में भेजे जा सकते हैं।”

Read More »

शो के माध्यम से समृद्ध कानपुर इतिहास और संस्कृति को प्रदर्शित किया जाएगा, विशेष अवसरों और त्योहारों पर, एक विशेष शो का आयोजन होगा

आयुक्त राज शेखर ने आगामी प्रोजेक्शन मैपिंग शो के लिए 21 जनवरी, 2022 को गांधी भवन, फूल बाग का दौरा किया।

इस परियोजना का उद्देश्य शो के माध्यम से समृद्ध कानपुर इतिहास और संस्कृति को प्रदर्शित करना है।विशेष अवसरों और त्योहारों पर, एक विशेष शो का आयोजन किया जाएगा।अलग-अलग टाइमिंग के अलग-अलग शो आयोजित किए जाएंगे। पार्क में आने वाले लोगों के बैठने की जगह होगी।इस शो से नाइट टूरिज्म को बढ़ाया जाएगा। केडीए, स्मार्ट सिटी कानपुर जैसे विभिन्न विभागों को परियोजना के उचित प्रबंधन और कामकाज के लिए आयुक्त महोदय द्वारा निर्देश दिए गए थे।प्रोजेक्शन मैपिंग शो बुर्ज खलीफा दुबई, गेटवे ऑफ इंडिया मुंबई, इंडिया गेट दिल्ली जैसे प्रतिष्ठित स्थानों पर प्रसिद्ध हैं और अब कानपुर में होने की योजना है।शो की अवधारणा चार पहलुओं में कानपुर शहर में संस्कृति की समृद्धि का जश्न मनाती है – पौराणिक इतिहास, इतिहास, वर्तमान और उज्ज्वल भविष्य।यह शो ध्रुव, भ्रामवर्त घाट और सीता की कहानी की पौराणिक कहानियों का समापन करता है।

कानपुर का समृद्ध इतिहास उन पहले शहरों में से एक है जहां 1857 के विद्रोह की शुरुआत तात्या टोपे, रानी लखमी बाई और नाना राव के साथ हुई थी। यह विभिन्न ब्रिटिश प्रतिष्ठानों के विकास पर भी जोर देता है जो उस अवधि के बाद लाल इमली मिल्स – एशिया की सबसे बड़ी कपास मिल जैसी थी।वहाँ से लेकर आज तक कानपुर, जहाँ विभिन्न प्रकार के भोजन जैसे कि थग्गू के लड्डू और बदनाम कुल्फी, इसके होली समारोह और कई अन्य के लिए लोकप्रिय है।

कानपुर आज स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के साथ अपार प्रगति और समृद्धि की यात्रा पर है, जैसे कि कानपुर मेट्रो और आईआईटी कानपुर में डिजिटल इंडिया की पहल कई में से कुछ हैं।

शो में एक प्रेरक स्वर है और यह शहर और इसके लोगों के लिए गर्व की भावना पैदा करता है।
यह प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी. नगर निगम, केडीए और ज़िला प्रशासन का संयुक्त प्रयास से किया जा रहा है।यह प्रोजेक्ट आगामी 3 माह में पूर्ण कर लिया जाएगा।

Read More »

जनपद के विभिन्न शिवालयों एवं मंदिरों में श्रीकेदारनाथ धाम की भव्यता को नया आयाम देने व कई परियोजनाओं के लोकापर्ण कार्यक्रम का प्रसारण किया गया

कानपुर 05 नवम्बर(सू0वि0) प्रधानमंत्री मोदी द्वारा केदारनाथ धाम, उत्तराखण्ड में आदिगुरु शंकराचार्य जी की मूर्ति के अनावरण समारोह एवं आयोजित कार्यक्रम का जनपद के विभिन्न शिवालयों आन्देश्वर मंदिर परमट, जागेश्वर मंदिर नबावगंज, शिवाला मंदिर काकादेव, नागेश्वर मंदिर नयागंज में पर लाइव स्ट्रीमिंग एवं एलईडी के माध्यम से प्रसारण किया गया। आज गोवधर्न पूजा की सुबह जनपद के विभिन्न शिवालयों में मा0 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के उत्तराखण्ड में बाबा केदारनाथ धाम में श्रीकेदारनाथ धाम की भव्यता को नया आयाम देने व आदिगुरु श्री शंकराचार्य जी की मूर्ति के साथ कई परियोजनाओं के लोकापर्ण कार्यक्रम का प्रसारण किया गया। उन्होंने कहा कि आदिगुरु शंकराचार्य ने कहा था कि दुख व कष्ट की मुक्ति का मार्ग ज्ञान है। भारत के ज्ञान-विज्ञान की जो प्राचीन परम्परा है, उसे आदिगुरु शंकराचार्य ने हमें ग्रहण करने की प्रेरणा प्रदान की है। आदिगुरु शंकराचार्य जी ने समाज को सत्य से परचित कराने तथा चार धामों व मठों की स्थापना की। उन्होंने भारतीय सभ्यता को आगे बढाते हुये सब कुछ त्याग कर देश व समाज के लिये जीवन समर्पित करने की परम्परा स्थापित की है। शंकराचार्य जी के आदर्श व सिद्धान्त तथा उनकी परम्परा ने पीढी दर पीढी समाज को आगे मार्ग दिखाने का कार्य किया है।
इस अवसर पर जागेश्वर मंदिर, नबावगंज में मा0 प्रधानमंत्री, भारत सरकार, श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा केदारनाथ धाम, उत्तराखण्ड में आदि शंकराचार्य जी की मूर्ति के अनावरण समारोह के लाइव प्रसारण के पश्चात् मौके पर उपस्थित प्रदेश की उच्च शिक्षा और विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी, राज्य मंत्री, उ0प्र0, श्रीमती नीलिमा कटियार ने कहा कि इस आयोजन से पूरे देश की आस्था एवं श्रद्धा अभिभूत है। हमारे शिरोमणि बाबा केदारनाथ है, वहॉ पर 2017 में मा0 प्रधानमंत्री जी ने जो विकास की परियोजनाओं को संचालित करने का संकल्प लिया था, उन परियोजनओं को आज वह लोकार्पित कर रहे है। आदिगुरु शंकराचार्य समाधि स्थल पर नवनिर्मित जो उनका विगृह है उस पर भी उन्होंने साधना व पूजा की तथा अपने संकल्पों को पूरा किया है। आज देश व प्रदेश के विभिन्न शिवालयों में भगवान शिव के आराधना स्थलों पर जो कि श्रद्धा के केन्द्र है, उन स्थलों पर लाइव प्रसारण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी के निर्देशन पर प्रदेश में भी इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया जा रहा है। इसी क्रम में कानपुर के जागेश्वर मंदिर धाम में भी हर्षोल्लास के साथ यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। भारत पुनः पुनरोद्धार की प्रक्रिया से जुड रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भी आस्था के केन्द्रों को विकास परियोजनाओं से जोडने का कार्य किया जा रहा है। कार्यक्रम में विधायक बिल्हौर श्री भगवती प्रसाद सागर सहित संबंधित अपर नगर मजिस्ट्रेट व गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
आनन्देश्वर धाम मंदिर में मा0 प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा केदारनाथ धाम, उत्तराखण्ड में आदिगुरु शंकराचार्य जी की मूर्ति के अनावरण समारोह कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया गया। इस अवसर पर महापौर श्रीमती प्रमिला पाण्डेय, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती स्वप्निल वरुण, सांसद श्री देवेन्द्र सिंह भोले, एम0एल0सी0 श्री अरुण पाठक तथा विधायक श्री महेश त्रिवेदी, जिला अध्यक्ष भाजपा श्री सुनील बजाज सहित अन्य गणमान्य लोगों ने लाइव प्रसारण कार्यक्रम का अवलोकन करते हुये मा0 प्रधानमंत्री जी के केदारनाथ धाम में दिये गये उद्बोधन को सुना। इसके साथ ही शिवाला मंदिर काकादेव में तथा नागेश्वर मंदिर नयागंज में केदारनाथ धाम में आयोजित कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया गया, जिसमें बडी संख्या में लोगों ने कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुये केदारनाथ धाम, उत्तराखण्ड में आदिगुरु शंकराचार्य जी की मूर्ति के अनावरण समारोह का लाइव प्रसारण देखा। इसके साथ ही सिद्धनाथ मंदिर जाजमऊ, जागेश्वर मंदिर,सहित शिवालयों में भजन र्कीतन का आयोजन व एलईडी/एलसीडी से कार्यक्रम का सजीव प्रसारण सूचना विभाग द्वारा किया गया।
शिवाला मंदिर काकादेव में विधायक श्री सुरेन्द्र मैथानी, राज्य महिला आयोग, उ0प्र0 की मा0 सदस्या श्रीमती पूनम कपूर, क्षेत्रीय पार्षदगण, अपर जिलाधिकारी (नगर) श्री अतुल कुमार, संबंधित क्षेत्रों के अपर नगर मजिस्ट्रेटस श्रीमती वान्या सिंह, डा0 पूनम गौतम, श्री यशवन्त राव, श्री जिया लाल सरोज, सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

Read More »