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महाराष्ट्र से खोजा गया नया पठार प्रजातियों के अस्तित्व पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का अध्ययन करने के लिए सूचना का भंडार साबित हो सकता है

भारत की चार वैश्विक विविधता हॉटस्पॉट में से एक पश्चिमी घाट के ठाणे क्षेत्र में खोजे गए 24 अलग-अलग परिवारों के पौधों और झाड़ियों की 76 प्रजातियों वाला एक दुर्लभ कम ऊंचाई वाला बेसाल्ट पठार विविध प्रजातियों की जानकारी का भंडार साबित हो सकता है। यह प्रजातियों के अस्तित्व पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का अध्ययन करने और रॉक वैश्विक संदर्भ में आउटक्रॉप्स की संरक्षण आवश्यकताओं और उनके विशाल जैव विविधता मूल्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने में सहायक हो सकता है।https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image001WBLA.jpg पश्चिमी घाट भारत में चार वैश्विक जैव विविधता हॉटस्पॉट में से एक है और पुणे में अगरकर रिसर्च इंस्टीट्यूट (एआरआई) एक दशक से इसकी जैव विविधता विशेष रूप से इसके रॉक आउटक्रॉप्स का अध्ययन कर रहा है। पठार पश्चिमी घाट में एक प्रमुख भूदृश्य हैं, जो स्थानिक प्रजातियों की प्रबलता के कारण महत्वपूर्ण हैं। उन्हें एक प्रकार के रॉक आउटक्रॉप के रूप में वर्गीकृत किया गया है और प्रजातियों को अनुकूल करने के लिए अद्वितीय और चुनौतीपूर्ण वातावरण प्रदान करता है। इन आउटक्रॉप में मौसमी पानी की उपलब्धता, सीमित मिट्टी और पोषक तत्व होते हैं, जो उन्हें प्रजातियों के अस्तित्व पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का अध्ययन करने के लिए आदर्श प्रयोगशाला बनाते हैं। पठार इस प्रकार अंतर्दृष्टि का एक मूल्यवान स्रोत है कि प्रजातियां चरम स्थितियों में कैसे जीवित रह सकती हैं। डॉ. मंदर दातार के नेतृत्व में एआरआई की टीम ने हाल ही में ठाणे जिले के मंजरे गांव में एक दुर्लभ कम ऊंचाई वाले बेसाल्ट पठार की खोज की। यह इस क्षेत्र में पहचाना जाने वाला चौथे प्रकार का पठार है। पिछले पहचाने गए तीन उच्च और निम्न ऊंचाई पर लेटराइट और उच्च ऊंचाई पर बेसाल्ट हैं। टीम ने पठार का सर्वेक्षण करते हुए 24 विभिन्न परिवारों के पौधों और झाड़ियों की 76 प्रजातियों का प्रलेखन किया। लेखकों का मानना है कि यह एक महत्वपूर्ण खोज है क्योंकि पठार तीन अन्य रॉक आउटक्रॉप्स के साथ वनस्पति साझा करने के  साथ-साथ कुछ अनूठी प्रजातियों को भी धारण करता है। यह अलग-अलग पर्यावरणीय परिस्थितियों में प्रजातियों के इंटरएक्शन का अध्ययन करने के लिए एक अनूठी मॉडल प्रणाली देता है। स्प्रिंगर नेचर जर्नल नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस लेटर्स में हाल ही में प्रकाशित शोध पत्र ने उत्तरी पश्चिमी घाट में ठाणे जिले के मंजरे गांव में नए खोजे गए निम्न स्तरीय बेसाल्ट पठार के महत्व पर प्रकाश डाला है, जो औसत समुद्र तल से 156 मीटर ऊपर है। अधिक जानकारी के लिए डॉ. मंदर दातार (mndatar@aripune.org, 020-25325057), वैज्ञानिक, जैव विविधता और पुराजीव विज्ञान समूह तथा डॉ. पीके ढाकेफलकर, निदेशक (कार्यवाहक), एआरआई, पुणे, (director@aripune.org, 020-25325002) से संपर्क किया जा सकता है।

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केंद्रीय खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने टी20 विश्व कप 2022 की विजेता भारतीय नेत्रहीन क्रिकेट टीम को सम्मानित किया

मुख्य बातें:

• नेत्रहीन क्रिकेट टीम ने पिछले शनिवार को लगातार तीसरी बार नेत्रहीनों के लिए टी20 विश्व कप जीता

• युवा कार्यक्रम और खेल राज्य मंत्री श्री निशीथ प्रमाणिक भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए

केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में भारतीय नेत्रहीन क्रिकेट टीम के आगमन के बाद उन्हें सम्मानित किया। इस टीम ने पिछले शनिवार को चिन्नास्वामी स्टेडियम, बेंगलुरु में बांग्लादेश को हराकर लगातार तीसरी बार नेत्रहीनों के लिए टी20 विश्व कप जीता।

केंद्रीय मंत्री के साथ युवा कार्यक्रम और खेल राज्य मंत्री श्री निशीथ प्रमाणिक, नेत्रहीन क्रिकेट एसोसिएशन (सीएबीआई) के अध्यक्ष श्री महंतेश जीके के साथ-साथ युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय के खेल विभाग, सीएबीआई और भारतीय खेल प्राधिकरण के अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।

 

सभा को संबोधित करते हुए, श्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार का यह प्रयास रहा है कि हमारे सभी एथलीटों, विशेष रूप से हमारे दिव्यांग एथलीटों को सर्वश्रेष्ठ समर्थन प्रदान किया जाए। मैं टीम के सभी सदस्यों को और भी अधिक समर्थन देने और उनके रास्ते में आने वाली विभिन्न चुनौतियों का समाधान करने का आश्वासन देता हूं।”

नेत्रहीन क्रिकेट टीम के परिवार के सदस्यों के समर्थन की सराहना करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा, “खिलाड़ियों से जुड़े सभी परिवार के सदस्यों ने भारी समर्थन दिया है। परिवारों का समर्थन नहीं होता, तो अधिकांश खिलाड़ी भारतीय टीम के लिए ऐसा नहीं कर पाते।”

 

भारतीय नेत्रहीन क्रिकेट टीम के कप्तान श्री अजय कुमार रेड्डी की टीम ने शनिवार को फाइनल में बांग्लादेश को 120 रनों से हराया। उन्होंने कहा, “केंद्रीय खेल मंत्रालय से लगातार समर्थन हमें और अधिक इरादे के साथ प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करता है। जीत के पीछे जबरदस्त मेहनत है और बहुत सारी बाधाएं। हालांकि, मैदान पर जाने के बाद, हम अपने भारतीय ध्वज के अलावा किसी और चीज के बारे में नहीं सोचते हैं। अपनी बाधाओं के बारे में भी नहीं। हमने अभी 5 विश्व कप जीते हैं और हमें और अधिक जीतने का भरोसा है।”

 

टी20 विश्व कप 2022 जीतने वाली भारतीय राष्ट्रीय नेत्रहीन क्रिकेट टीम में 10 राज्यों के 17 खिलाड़ी शामिल थे। इनमें बी1 वर्ग के 6 खिलाड़ी (पूर्ण दृष्टिहीन), बी2 वर्ग के 5 खिलाड़ी (आंशिक दृष्टिहीन) और बी3 वर्ग के 6 खिलाड़ी (6 मीटर तक दृष्टि) हैं। भारतीय टीम ने 2012 और 2017 में पाकिस्तान को टी20 विश्व कप खिताब के लिए हराया था।

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प्रधानमंत्री मोदी ने नागपुर में महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री ने आज नागपुर में हिंदू हृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग के पहले चरण का उद्घाटन किया। इसकी लंबाई 520 किलोमीटर है और यह महामार्ग नागपुर और शिरडी को जोड़ता है।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट संदेश में कहा, “हम उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे का विकास करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और नागपुर और शिरडी के बीच महामार्ग इस प्रयास का एक उदाहरण है। इस आधुनिक सड़क परियोजना का उद्घाटन किया और महामार्ग पर यात्रा भी की। मुझे विश्वास है कि यह महाराष्ट्र की आर्थिक प्रगति को आगे बढ़ाने में योगदान देगा।

प्रधानमंत्री के नागपुर पहुंचने पर उनका अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे, महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री भगत सिंह कोश्यारी, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी भी उनके साथ थे।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने हिंदू हृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग के पहले चरण का उद्घाटन किया। इस महामार्ग की लंबाई 520 किलोमीटर की है। यह सड़क परियोजना नागपुर और शिरडी को आपस में जोड़ती है।

समृद्धि महामार्ग या नागपुर-मुंबई सुपर कम्युनिकेशन एक्सप्रेसवे परियोजना देश भर में बेहतर संपर्क और बुनियादी ढांचा उपलबध कराने के प्रधानमंत्री की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह एक्सप्रेसवे 701 किलोमीटर लंबा है और लगभग 55,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है। यह एक्सप्रेसवे भारत के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे में से एक है। यह एक्सप्रेसवे महाराष्ट्र के 10 जिलों और अमरावती, औरंगाबाद और नासिक के प्रमुख शहरी क्षेत्रों से होकर गुजरेगा। एक्सप्रेसवे आसपास के 14 अन्य जिलों में संपर्क को बेहतर बनाने में मदद करेगा। यह एक्सप्रेसवे विदर्भ, मराठवाड़ा और उत्तरी महाराष्ट्र के क्षेत्रों सहित राज्य के लगभग 24 जिलों के विकास में सहायता करेगा।

प्रधानमंत्री गति शक्ति परियोजना के अंतर्गत बुनियादी ढांचा संपर्क परियोजनाओं की एकीकृत योजना और समन्वित कार्यान्वयन की प्रधानमंत्री की परिकल्पना का समर्थन करते हुए, समृद्धि महामार्ग दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, जवाहरलाल नेहरू पत्तन न्यास और अजंता एलोरा गुफाओं, शिरडी, वेरुल, लोनार आदि जैसे पर्यटन स्थलों से जुड़ जाएगा। समृद्धि महामार्ग महाराष्ट्र के आर्थिक विकास को प्रमुखता से बढ़ावा प्रदान करने में एक परिवर्तन करने वाला सिद्ध होगा।

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उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया की उपस्थिति में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज दिवस 2022 सम्‍मेलन का उद्घाटन किया

उत्तर प्रदेश की माननीय राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ मनसुख मांडविया की उपस्थिति में वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी) के दो दिवसीय सम्मेलन का आभासी रूप से उद्घाटन किया। इस आयोजन में कई राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों ने भी भाग लिया। इनमें राज्य मंत्री, उत्तर प्रदेश डॉ दया शंकर मिश्रा, श्रीमती विदादला रजनी (आंध्र प्रदेश), श्री बन्ना गुप्ता (झारखंड), डॉ प्रभुराम चौधरी (मध्य प्रदेश), श्री धन सिंह रावत (उत्तराखंड), श्री रवींद्र जायसवाल (उत्तर प्रदेश), श्रीमती चंद्रिमा भट्टाचार्य (पश्चिम बंगाल), डॉ. सपम रंजन (मणिपुर) और डॉ. एम के शर्मा (सिक्किम) शामिल थे।

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उत्तर प्रदेश की माननीय राज्यपाल ने इस अवसर पर अपने संबोधन में अंतिम छोर तक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए आयुष्मान भारत स्वास्थ्य एवं आरोग्‍य केंद्रों के कार्य की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “मुझे यह जानकर प्रसन्‍नता हुई कि 1.33 लाख से अधिक एचडब्ल्यूसी अब चालू हो चुके हैं और टेली-परामर्श सेवाओं के केंद्र के रूप में काम कर रहे हैं”।  उन्होंने इन केंद्रों पर सेवारत चिकित्सा पेशेवरों को विभिन्न बीमारियों की जांच के बारे में स्थानीय आबादी के बीच जागरूकता फैलाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्‍होंने इस बात पर बल दिया कि राष्‍ट्र से रोगों का उन्‍मूलन करने के लिए सहयोगपूर्ण प्रयास आवश्यक है। निक्षय-मित्र पहल की भावना और प्रगति की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, “केंद्र, राज्यों, समुदायों और व्यक्तियों के सहयोगपूर्ण प्रयास से हम वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। आइए, हम सब आगे आएं और टीबी रोगियों की सहायता के लिए निक्षय मित्र बनें।” कार्यक्रम के प्रारंभ में डॉ. मनसुख मांडविया ने निस्वार्थ सेवा और विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के दौरान कर्तव्य के प्रति संकल्‍पबद्धता  प्रदर्शित  करने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) का आभार व्‍यक्‍त किया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने डिजिटल स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत सरकार की प्रमुख पहल ई-संजीवनी के महत्वपूर्ण प्रभाव की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसकी बदौलत इलाज के लिए रोगी की 21.59 किमी प्रति यात्रा की सफलतापूर्वक बचत हुई, और प्रत्‍येक यात्रा पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से आने वाली 941.51 रुपये की लागत की बचत संभव हो सकी और इस प्रकार देश भर में 7,522 करोड़ रुपये की बचत हुई। ये टेली-परामर्श एबी-एचडब्‍ल्‍यूसी पर उपलब्ध हैं। इस गति को बरकरार रखने और एचडब्ल्यूसी में प्रदान की जा रही 12 स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए उन्होंने जांच, निदान और उपचार के माध्यम से एकीकृत स्वास्थ्य और आरोग्‍य के बारे में व्यापक अभियान चलाने के लिए महीने में एक बार स्वास्थ्य मेला आयोजित करने का आग्रह किया।

 

यूएचसी दिवस 2022 की थीम “हम जैसा विश्व बनाना चाहते हैंउसका निर्माण करें :सभी के लिए स्वस्थ भविष्य” (बिल्ड द वर्ल्ड वी वांट: अ हेल्दी फ्यूचर फॉर ऑल) है । सभी के लिए स्वस्थ भविष्य के निर्माण में स्वास्थ्य कवरेज के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, यूएचसी यह सुनिश्चित करने का प्रयास करता है कि इन सेवाओं के लिए भुगतान करते समय सभी लोगों को बिना वित्तीय कठिनाइयों का सामना किए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच प्राप्त हो। इसके महत्व को देखते हुए जी-20 इंडिया हेल्थ ट्रैक में भी यूएचसी को एक प्रमुख प्राथमिकता के रूप में और वर्ष 2030 के संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में एक प्रमुख लक्ष्य के रूप में शामिल किया गया है।

 

सम्‍मेलन के पहले दिन, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को निम्नलिखित श्रेणियों के तहत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया गया:

1. लक्ष्य के सामने एचडब्ल्यूसी के परिचालन की उपलब्धि,

2. टेली परामर्श, और

3. एबीएचए आईडी बनाना

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पीएम-आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) और 15वें वित्तीय आयोग के कार्यान्वयन पर एक मंत्रिस्तरीय सत्र भी आज आयोजित किया गया।

इस कार्यक्रम में डॉ आर एस शर्मा, सीईओ, एनएचए, श्री राजेश भूषण, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, सुश्री रोली सिंह, एएस एंड एमडी (एनएचएम), केंद्र, राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों और विकास साझेदारों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।

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प्रधानमंत्री ने एम्स नागपुर राष्ट्र को समर्पित किया

प्रधानमंत्री मोदी ने आज एम्स नागपुर राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने नागपुर एम्स परियोजना मॉडल का निरीक्षण भी किया और इस अवसर पर प्रदर्शित माइलस्टोन प्रदर्शनी गैलरी का अवलोकन किया। देश भर में स्वास्थ्य अवसंरचना को सुदृढ़ बनाने की प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को एम्स नागपुर के राष्ट्र को समर्पित किए जाने से और मजबूती मिलेगी। इस अस्पताल, जिसका शिलान्यास भी जुलाई 2017 में प्रधानमंत्री द्वारा किया गया था, की स्‍थापना केंद्रीय क्षेत्र स्‍कीम प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत की गई है।

1575 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया जा रहा एम्स नागपुर, अत्याधुनिक सुविधाओं वाला एक अस्पताल है, जिसमें ओपीडी, आईपीडी, नैदानिक सेवाएं, ऑपरेशन थिएटर और 38 विभाग हैं, जिसमें चिकित्सा विज्ञान के सभी प्रमुख स्पेशियलिटी और सुपर स्पेशियलिटी विषयों को कवर किया गया है। यह अस्पताल महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र को आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करता है और गढ़चिरौली, गोंदिया और मेलघाट के समीपवर्ती जनजातीय क्षेत्रों के लिए एक वरदान है।

प्रधानमंत्री के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे, महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री भगत सिंह कोश्यारी, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी भी थे।

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सोनी सब के ‘अलीबाबा: दास्‍तान ए काबुल’ में क्‍या होगा जब अलीबाबा का भाई कासिम पहुँचेगा सिमसिम की गुफा

सोनी सब का शो ‘अलीबाबा दास्‍तान-ए-काबुल’ अली (शेहजान खान) की जिन्‍दगी के एडवेंचर्स, कहानी में नये ट्विस्‍ट्स और आकर्षक दृश्‍यों से दर्शकों का लगातार मनोरंजन कर रहा है। मौजूदा कहानी में अली वाम की मौत का बदला मल्लिका-ए-तबाही, सिमसिम (सायंतनी घोष) से लेना चाहता है, लेकिन उसे पता नहीं है कि इस काम में उसके अपने भाई कासिम (विनीत रैना) की जिन्‍दगी खतरे में पड़ जाएगी।
‘अलीबाबा दास्‍तान-ए-काबुल’ के पिछले एपिसोड्स में हमने अली को मल्लिका-ए-तबाही, सिमसिम द्वारा भेजे गये खतरनाक सांप फकरी को हराते और वाम को तबाही से बचाने में कामयाब होते देखा था। अली अब वाम की जिन्‍दगी छीनने का बदला सिमसिम से लेना चाहता है। फकरी की मौत की खबर सुनकर सिमसिम भी गुस्‍से में है और बदला लेने की योजना बना रही है। इन घटनाओं के बाद से दोनों ही एक-दूसरे पर गुस्‍सा हैं, लेकिन वे नहीं जानते हैं कि आगे क्‍या होगा। दूसरी ओर, अली का भाई पता लगाने की कोशिश करेगा कि अली क्‍या योजना बना रहा है और उत्‍सुक होकर उसका पीछा करेगा। इसके बाद से अली और सिमसिम की जिन्‍दगी में घटनाएं एक मोड़ लेंगी। आने वाले एपिसोड्स में कई ट्विस्‍ट्स और टर्न्‍स आएंगे, जो दर्शकों को एक बार फिर एडवेंचर और जादू से भरे सफर पर लेकर जाएंगे!
क्‍या कासिम को पता चलेगा कि अली क्‍या करने जा रहा है, या सिमसिम उसकी जिन्‍दगी छीन लेगीᣛ?
अलीबाबा का किरदार निभा रहे शेहज़ान खान ने इस रोमांचक स्‍टोरीलाइन पर अपनी बात रखते हुए कहा, “अलीबाबा अपने लोगों और प्रियजनों से बहुत प्‍यार करता है। मेरी शख्सियत अली से काफी मिलती-जुलती है। बाबा अपने लोगों को तकलीफ में नहीं देख सकता, इसलिये तबाही के बाद वह सिमसिम से बदला लेने का फैसला करता है। इन एपिसोड्स की शूटिंग करना रोलर कोस्‍टर राइड जैसा था, क्‍योंकि उसमें एडवेंचर, ड्रामा और इमोशंस साथ-साथ चल रहे थे। आने वाले एपिसोड्स आपको एडवेंचर से भरे सफर पर लेकर जाएंगे और दर्शक कई ट्विस्‍ट्स देखेंगे। घटनाओं का मोड़ अली पर क्‍या असर डालता है, यह देखने लायक होगा। उम्‍मीद है कि दर्शक इस कहानी का मजा लेंगे और ‘अलीबाबा दास्‍तान-ए-काबुल’ को अपना प्‍यार देते रहेंगे। हमारे साथ बने रहिये और देखते रहिये ‘अलीबाबा दास्‍तान-ए-काबुल’, सोमवार से शनिवार रात 8 बजे, सिर्फ सोनी सब पर!

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विजन 2047 को मूर्त रूप देने हेतु कानपुर नगर बहुत तेजी से विजन कानपुर 2047 ड्राफ्ट प्लान तैयार करने की ओर अग्रसर

कानपुर 10 दिसंबर जिला सूचना कार्यालय प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के विजन 2047 को मूर्त रूप देने हेतु कानपुर नगर बहुत तेजी से विजन कानपुर 2047 ड्राफ्ट प्लान तैयार करने की ओर अग्रसर है, जिसकी आधारशिला मंडलायुक्त कानपुर डॉ राजशेखर जी ने रख दी है, इस ड्राफ्ट प्लान को प्रभावी स्वरूप प्रदान करने हेतु मंडल आयुक्त कानपुर डॉ राजशेखर जी, विभिन्न प्रशासनिक अधिकारियों एवं समाज के विभिन्न सेक्टर जैसे शैक्षिक, उद्यमी, सामाजिक संगठन, कला, संस्कृति एवं पर्यटन, शहरी विकास, नवाचार, स्टार्टअप के साथ विचार विमर्श एवं संवाद आयोजित किए जा चुके हैं, जिसमें इन क्षेत्रों के प्रतिनिधियों ने बड़ी संख्या में अपने विचार, सुझाव और क्रियान्वयन के तरीके इत्यादि उपलब्ध कराएं हैं, अब तक 5 मुख्य संवाद कार्यक्रम आयोजित हो चुके हैं और आने वाले दिनों में कृषि एवं खेलकूद सेक्टर के साथ भी संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, विजन कानपुर 2047 के अध्यक्ष एवं मंडल आयुक्त कानपुर डॉ राजशेखर ने कहा इन संवाद कार्यक्रमों के पश्चात वृहद रूप से विचार विमर्श कार्यक्रम *कानपुर की बात* आयोजित की जाएगी , जिसमें समाज के हर सेक्टर के प्रतिनिधियों को एक साथ संयुक्त प्लेटफार्म पर आमंत्रित कर पूर्व में हुए संवाद कार्यक्रमों की समीक्षा एवं नए विचारों को अंतिम रूप से आमंत्रित कर ड्राफ्ट प्लान तैयार कर लिया जाएगा, डॉ राजशेखर ने बताया कि शहरवासी बड़ी संख्या में अपने सुझाव एवं फीडबैक विजन कानपुर 2047 के वेब पोर्टल visionkanpur2047.com पर ऑनलाइन भी उपलब्ध करा रहे हैं l

उन्होंने बताया अब तक लगभग 8000 फीडबैक प्राप्त हो चुके हैं और शहर वासियों के उत्साह और जोश को देखते हुए *वेब पोर्टल पर सुझाव और फीडबैक देने की अंतिम तिथि बढ़ा कर 15 दिसंबर 2022 कर दी गई है*, डॉ राजशेखर ने बताया कि विजन कानपुर 2047 पर ई पत्रिका का भी प्रकाशन कराया जा रहा है जिसमें विजन कानपुर 2047 के समन्वयक डॉ सुधांशु राय को मुख्य संपादक नामित किया गया है l उक्त पत्रिका में कोई भी शहरवासी, लेखक, साहित्यकार, कथाकार ,शिक्षक , छात्र-छात्राएं या अन्य व्यक्ति कानपुर के इतिहास (1947-2022) और कानपुर के विजन (2023-2047) से संबंधित अपने लेख कविताएं या अन्य तथ्य प्रकाशित करवा सकते हैं और अपने लेख मेल आईडी visionknp2047@gmail.com पर 15 दिसंबर 2022 तक उपलब्ध करवा सकते हैं,

किसी भी जानकारी हेतु विजन कानपुर समन्वयक के मोबाइल नंबर 8299173086 से संपर्क भी कर सकते हैं,

डॉ राजशेखर ने कहा विजन कानपुर 2047 मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश श्री दुर्गा शंकर मिश्रा जी के मार्गदर्शन में आगे बढ़ रहा है और आने वाले समय में पूरे प्रदेश के लिए विजन कानपुर 2047 एक मॉडल के रूप में स्थापित होगा,

उन्होंने कहा विजन कानपुर 2047 शहर के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखकर और शहरवासियों की परिकल्पना के अनुसार ही बनेगा।

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मेघालय की ग्रामीण आबादी को सड़कों और बाजारों तक पहुंच में वृद्धि

ग्रामीण विकास मंत्रालय ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) की शुरूआत की थी, जिसका उद्देश्य पूरे देश में योग्य असंबद्ध बस्तियों को (2001 की जनगणना के अनुसार उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए 250 और उससे ज्यादा लोगों की बस्ती) सभी मौसम में उचित सड़क संपर्क प्रदान करना था, जिससे ग्रामीण आबादी का सामाजिक-आर्थिक उत्थान किया जा सके। बाद में नए मध्यवर्तनों को शामिल करते हुए पीएमजीएसवाई के अधिदेश को और ज्यादा व्यापक बनाया गया। पीएमजीएसवाई-II की शुरुआत वर्ष 2013 में हुई थी, जिसमें मौजूदा ग्रामीण सड़कों में से 50,000 किलोमीटर सड़कों को अपग्रेड करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। पीएमजीएसवाई-III की शुरुआत 2019 में की गई,जो मार्गों और प्रमुख ग्रामीण संपर्कों के माध्यम से 1,25,000 किलोमीटर का समेकन करता है और ग्रामीण कृषि बाजारों, उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों और अस्पतालों से बस्तियों को जोड़ता है। पीएमजीएसवाई के दिशा-निर्देशों के अनुसार, ग्रामीण सड़कें राज्य का विषय है और राज्य सरकार अपने राज्य में इसकी नोडल कार्यान्वयन एजेंसी है। इसके अलावा, इस कार्यक्रम की इकाई बस्ती है, जिसका अर्थ जनसंख्या का एक ऐसा समूह है, जो एक ही क्षेत्र में रहता है और समय के साथ अपना निवास स्थान नहीं बदलता है। मेघालय राज्य मेंपीएमजीएसवाई के अंतर्गत सड़क संपर्क के लिए स्वीकृत 602 बस्तियों में से 481 बस्तियों को पहले ही सड़कों से जोड़ा जा चुका है।

उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय, पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) में संपर्क प्रदान करने के लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रालयों के कार्यों में सहायता करता है, जिसमें दूरदराज के इलाकों में सड़क संपर्क प्रदान करना शामिल है, जिससे छोटे और दूरदराज के गांवों में रहने वाले जनजातीय लोगों को सुविधा प्राप्त होती है।

मेघालय राज्य में पिछले तीन वर्षों में डोनर मंत्रालय की मुख्य योजनाओं उत्तर पूर्व सड़क क्षेत्र विकास योजना (एनईआरएसडीएस) और उत्तर पूर्व विशेष अवसंरचना विकास योजना (एनईएसआईडीएस)के अंतर्गत स्वीकृत सड़कों की कुल लंबाई 169.51 किमी है, जिसे या तो सीधे तौर पर या उत्तर-पूर्वी परिषद (एनईसी) के माध्यम से कार्यान्वित किया जाता है। इसके अलावा, गृह मंत्रालय के सीमा प्रबंधन विभाग ने भी 2014-15 से “सड़क और पुल” क्षेत्र के अंतर्गत मेघालय सहित उत्तर पूर्व क्षेत्र में 992 परियोजनाओं की शुरूआत की हैं। यह जानकारी उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री, श्री जी. किशन रेड्डी ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में दिया।

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भारतीय रेलवे की उत्पादन इकाइयां वर्ष 2022-23 में रिकॉर्ड उत्पादन हासिल करने के लिए काफी तेजी से आगे बढ़ रही हैं

भारतीय रेलवे की उत्पादन इकाइयां यानी चित्तरंजन स्थित चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स (सीएलडब्ल्यू), वाराणसी स्थित बनारस लोकोमोटिव वर्क्स (बीएलडब्ल्यू), पटियाला स्थित पटियाला लोकोमोटिव वर्क्स (पीएलडब्ल्यू) वर्ष 2022-23 में रिकॉर्ड उत्पादन हासिल करने के लिए काफी तेजी से आगे बढ़ रही हैं।

वित्त वर्ष 2022-23 में 30 नवंबर तक 614 इलेक्ट्रिक इंजन बनाने के साथ ही भारतीय रेलवे ने पिछले वित्‍त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 25.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। पिछले वित्‍त वर्ष की इसी अवधि में 490 इलेक्ट्रिक इंजन बनाए गए थे।

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नितिन गडकरी ने उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 1121.95 करोड़ रुपये की लागत से एनएच उन्नयन कार्यों को मंजूरी दी

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने सिलसिलेवार कई ट्वीट करके यह जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश के अमेठी में अमेठी बाइपास (एनएच- 931) के पेव्ड शोल्डर के साथ 2-लेन के निर्माण को 283.86 करोड़ रुपये के साथ मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा, “इस परियोजना से यातायात सुगम होगी, कृषि उत्पादों का परिवहन आसान होगा और व्यापार व औद्योगिक विकास में यह मददगार साबित होगा, जिससे क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।”

श्री गडकरी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में ईपीसी मोड के तहत एनएच- 130डी पर कोंडागांव और नारायणपुर जिलों में पेव्ड शोल्डर कॉन्फिगरेशन के साथ 2-लेन उन्नयन कार्य को 322.40 करोड़ रूपये की लागत के साथ स्वीकृति दी गई है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना वर्तमान असुविधा को समाप्त करेगी और छत्तीसगढ़ के अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात की सुरक्षित और कुशल आवाजाही सुनिश्चित करेगी। मंत्री ने कहा कि इस खंड के विकास से लंबे यातायात मार्ग और माल ढुलाई की दक्षता में समग्र रूप से सुधार होगा, जिससे सुगम और सुरक्षित यातायात परिचालन सुनिश्चित हो सकेगा। श्री गडकरी ने आगे कहा, “इसके अलावा इस परियोजना के कार्यान्वयन से क्षेत्र के बुनियादी ढांचे में सुधार होगा, जिससे आखिरकार क्षेत्र के समग्र आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

श्री गडकरी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में एनएच- 730 पर दो लेन के फुटपाथ के साथ बलरामपुर बाईपास के निर्माण को ईपीसी मोड के तहत 515.69 करोड़ रुपये की लागत के साथ स्वीकृति दी गई है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना भीड़-भाड़ वाले बलरामपुर शहर में प्रवेश किए बिना एनएच-330 और एनएच- 730 पर यातायात के सुचारू परिचालन को सुनिश्चित करेगी।

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