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शिक्षा

भारत की बेटियों को सशक्त बनाना

हमारी सरकार द्वारा शुरू की गई प्रत्येक विकास पहल में हम बालिकाओं को सशक्त बनाने और अपनी नारी शक्ति को मजबूत करने को अत्यधिक प्राथमिकता देते हैं। हमारा ध्यान बालिकाओं के लिए सम्मान के साथ-साथ अवसर सुनिश्चित करने पर है।‘-  नरेन्द्र मोदीप्रधानमंत्रीभारत

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 22 जनवरी2015 को हरियाणा के पानीपत में शुरू की गई बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) योजना कार्यान्वयन का एक दशक पूरा कर रही है। भारत सरकार की इस प्रमुख पहल का उद्देश्य घटते बाल लिंग अनुपात (सीएसआर) को दूर करना और लिंग-आधारित लिंग-चयनात्मक उन्मूलन को रोकना और बालिकाओं के अस्तित्व, संरक्षण और शिक्षा को बढ़ावा देना है। यह योजना भारत सरकार की सबसे प्रभावशाली सामाजिक उपक्रमों में से एक बन गई है।

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मिशन शक्ति के साथ एकीकरण

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बीबीबीपी योजना अब 2021-2022 से 2025-2026 तक 15वें वित्त आयोग की अवधि के दौरान कार्यान्वयन के लिए महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए एक व्यापक कार्यक्रम मिशन शक्ति के साथ एकीकृत है। मिशन शक्ति में दो व्यापक उप-योजनाएं शामिल हैं।

1. संबल : सुरक्षा एवं संरक्षा

मिशन शक्ति की संबल उप-योजना वन स्टॉप सेंटर (ओएससी) महिला हेल्पलाइन (181) और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) के माध्यम से महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। यह नारी अदालत की भी शुरुआत करता है, जो उत्पीड़न और अधिकारों के उल्लंघन जैसे छोटे मुद्दों को हल करने के लिए एक वैकल्पिक शिकायत निवारण तंत्र प्रदान करता है।

2. सामर्थ्य : सशक्तिकरण

सामर्थ्य उप-योजना शक्ति सदनों, राहत और पुनर्वास घरों, सखी निवास के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाती है, जो शहरों में कामकाजी महिलाओं के लिए रहने के लिए सुरक्षित स्थान प्रदान करती है। साथ ही पालना-क्रेच कामकाजी महिलाओं के बच्चों के लिए सुरक्षित स्थान प्रदान करती है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) अब दूसरे बच्चे के लड़की होने पर भी मदद करती है, जिससे मातृ स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह गर्भावस्था और प्रसव के कारण काम करने वाली महिलाओं को आर्थिक रूप से होने वाले नुकसान की भरपाई भी करता है।

यह योजना अब बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण पर जोर देती है, जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, बाल विकास और सामुदायिक जागरूकता शामिल है। पिछले एक दशक में, बीबीबीपी ने कई मंत्रालयों के बीच सहयोग के माध्यम से अपना दायरा बढ़ाया है।

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प्रमुख उद्देश्य

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प्राथमिक उद्देश्यों में शामिल हैं:

  • लिंग-पक्षपाती लिंग-चयनात्मक उन्मूलन को रोकना।
  • बालिकाओं का अस्तित्व और सुरक्षा सुनिश्चित करना।
  • बालिकाओं की शिक्षा एवं भागीदारी को बढ़ावा देना।
  • जन्म के समय लिंगानुपात (एसआरबी) में हर साल दो अंक का सुधार।
  • संस्थागत प्रसव के प्रतिशत में सुधार या 95% या उससे अधिक की दर पर कायम रहना।
  • प्रति वर्ष पहली तिमाही प्रसव-रोधी देखभाल (एएनसी) पंजीकरण में 1% की वृद्धि।
  • माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तर पर लड़कियों के बीच स्कूल छोड़ने की दर की जांच करना।
  • सुरक्षित मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन (एमएचएम) के बारे में जागरूकता बढ़ाना।

फोकस क्षेत्र और लक्ष्य समूह

यह योजना मुख्य रूप से निम्नलिखित पर केंद्रित है:

  • प्राथमिक लक्ष्य समूह:
  • युवा और नवविवाहित जोड़े, जो माता-पिता बनने की उम्मीद में हैं
  • किशोर (लड़कियां और लड़के) और युवा
  • घर-परिवार और समाज
  • द्वितीयक लक्ष्य समूह:
  • स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्र (एडब्ल्यूसीएस),
  • मेडिकल डॉक्टर/पेशेवर, निजी अस्पताल, नर्सिंग होम, डायग्नोस्टिक सेंटर आदि।
  • पंचायत राज संस्थान (पीआरआई), शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी), अधिकारी, फ्रंटलाइन वर्कर्स
  • महिला समूह और स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) और नागरिक समाज संगठन
  • मीडिया, धार्मिक गुरु और उद्योग विशेषज्ञ

वित्तीय और परिचालन संरचना

बीबीबीपी एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसमें मिशन शक्ति के संबल वर्टिकल के तहत देश के सभी जिलों में केंद्र सरकार द्वारा 100% वित्त पोषण किया जाता है।

वित्तीय सहायता जिलों में जन्म के समय लिंग अनुपात (एसआरबी) के आधार पर भिन्न होती है:

  • 918 से कम या उसके बराबर एसआरबी वाले जिलों के लिए 40 लाख रुपये प्रति वर्ष।
  • 919-952 के बीच एसआरबी वाले जिलों के लिए 30 लाख रुपये।
  • 952 से अधिक एसआरबी वाले जिलों के लिए 20 लाख रुपये।

प्रमुख विकास

अभियान की सफलता लैंगिक असमानताओं को दूर करने की दिशा में की गई प्रगति से स्पष्ट है, जिसमें समाज पर इसके सकारात्मक प्रभाव को दर्शाने वाले प्रभावशाली आंकड़े हैं।

1. जन्म के समय लिंगानुपात में सुधार (एसआरबी)

  • 2014-15 में 918 के एसआरबी से, 2022-23 में राष्ट्रीय एसआरबी बढ़कर 933 हो गया (स्रोत: एचएमआईएस, एमओएचएफडब्ल्यू)। यह लगातार वृद्धि लिंग-अनुपात को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने वाली लिंग-पक्षपाती प्रथाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने में बीबीबीपी के सामूहिक प्रभाव को दर्शाती है।

2. माध्यमिक शिक्षा में लड़कियों के नामांकन में वृद्धि

  • माध्यमिक शिक्षा में लड़कियों के नामांकन में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, लड़कियों के लिए सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) 2014-15 में 75.51% से बढ़कर 2021-22 में 79.4% हो गया है। (स्रोत: यू-डीआईएसई प्लस, एमओई)। यह बीबीबीपी के शैक्षिक प्रयासों के सकारात्मक प्रभाव को दर्शाता है।

3. संस्थागत प्रसव में वृद्धि

  • बीबीबीपी ने महिलाओं के लिए स्वास्थ्य सेवा में सुधार पर भी जोर दिया। संस्थागत प्रसव 2014-15 में 87% से बढ़कर 2019-20 तक 94% से अधिक हो गया, जिससे कई क्षेत्रों में माताओं और शिशुओं के लिए सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित हुआ, जो मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने में आवश्यक रहा है।

4. जागरूकता अभियान

  • बालिकाओं वाले पिताओं पर लक्षित ‘सेल्फी विद डॉटर्स’ जैसे विशिष्ट अभियानों ने देशव्यापी लोकप्रियता हासिल की।
  • बालिकाओं के जन्म का उत्सव मनाने के लिए सामाजिक स्तर की गतिविधियां जैसे ‘बेटी जन्मोत्सव’।

5. महिलाओं का कौशल एवं आर्थिक सशक्तिकरण

  • कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के सहयोग से बीबीबीपी ने युवा लड़कियों और महिलाओं के बीच कौशल विकास को बढ़ावा देने, उनकी आर्थिक भागीदारी बढ़ाने में प्रगति की है। व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए गए  हैं। इस योजना ने अल्पसंख्यक समुदायों की लड़कियों के लिए उच्च शिक्षा और कौशल विकास के लिए विशिष्ट पहल भी शुरू की।
  • ‘खेलो इंडिया’ जैसे कार्यक्रमों का उद्देश्य लड़कियों के बीच खेल प्रतिभा की पहचान करना और उसका पोषण करना है।

प्रमुख प्रयास

यह योजना दो प्रमुख घटकों के माध्यम से संचालित होती है:

बहु-क्षेत्रीय प्रयास

लड़कियों के बीच खेल को बढ़ावा देना, आत्मरक्षा शिविर, लड़कियों के शौचालयों का निर्माण, विशेष रूप से शैक्षणिक संस्थानों में सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन और सैनिटरी पैड उपलब्ध कराना, पीसी-पीएनडीटी अधिनियम के बारे में जागरूकता फैलाना है।

जागरूकता अभियान एवं सामुदायिक सहभागिता

राष्ट्रीय बालिका दिवस (एनजीसीडी) प्रतिवर्ष 24 जनवरी को अभियानों, कार्यशालाओं और रचनात्मक प्रतियोगिताओं के साथ मनाया जाता है। एक क्रॉस-कंट्री बाइक अभियान, “यशस्विनी” देश की महिला शक्ति या नारी शक्ति का उत्सव मनाने के लिए 150 सीआरपीएफ महिला बाइक सवारों का एक समूह है। यह लड़कियों को समग्र रूप से सशक्त बनाने के लिए मासिक धर्म स्वच्छता, आत्मरक्षा और लैंगिक समानता पर ध्यान केंद्रित करता है। स्वच्छता किटों के वितरण के साथ मासिक धर्म स्वच्छता पर कार्यशालाएं जैसे सामुदायिक संवेदीकरण कार्यक्रम आयोजित किए गए।

निष्कर्ष

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) योजना ने भारत में लड़कियों के जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। इसने जन्म के समय लिंग अनुपात में सुधार करने, शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने, स्वास्थ्य देखभाल का विस्तार करने और महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का सहयोग करने में मदद की है। सरकारी निकायों, गैर सरकारी संगठनों और स्थानीय समुदायों के साथ काम करके, इस योजना ने प्रत्येक बालिका को महत्व देने और उसकी सुरक्षा के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया है। जैसे-जैसे बीबीबीपी अपने दूसरे दशक में प्रवेश कर रहा है, समावेशी नीतियों, बेहतर कार्यान्वयन और सक्रिय सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से दीर्घकालिक परिवर्तन करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इससे लैंगिक समानता और सशक्तिकरण की दिशा में निरंतर प्रगति सुनिश्चित होगी।

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न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) यू.यू. ललित ने विधि शिक्षा का आह्वान किया, जो अधिवक्ताओं को सामाजिक और आर्थिक न्याय के जटिल मुद्दों को सुलझाने के लिए सक्षम बनाती है

भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) यू.यू. ललित ने विधि शिक्षा का आह्वान किया है, जो अधिवक्ताओं को सामाजिक एवं आर्थिक न्याय के जटिल मुद्दों को सुलझाने के लिए सक्षम बनाती है। उन्होंने भारत सरकार के वाणिज्य विभाग द्वारा स्थापित व्यापार और निवेश कानून केंद्र (सीटीआईएल) के सहयता से आयोजित अंतर्राष्ट्रीय वार्षिक ट्रेडलैब सम्मेलन के पूर्ण सत्र में अपने मुख्य भाषण के दौरान ये बातें कहीं। यह सत्र ट्रेडलैब नेटवर्क और डब्ल्यूटीओ चेयर्स प्रोग्राम के सहयोग से 13 और 14 दिसंबर, 2024 को नई दिल्ली में इंडियन हैबिटेट सेंटर के टैमरिंड हॉल में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन का हिस्सा था।

 यू.यू. ललित ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक निर्णयों का उल्लेख किया, जिसने सकारात्मक कार्रवाई और प्रत्येक बच्चे के लिए मुफ्त अनिवार्य प्राथमिक तथा अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा के मौलिक अधिकार के मुद्दे को सामने रखा। उन्होंने भारत के सशक्त सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने को आकार देने में उदारीकरण नीति के साथ-साथ आर्थिक न्याय के महत्व पर भी उल्लेख किया। इस संदर्भ में, उन्होंने ट्रेडलैब पहल की सराहना की, जो कानून के विद्यार्थियों को नि:शुल्क आधार पर नैदानिक ​​​​शिक्षा प्रदान करती है। इस कार्यक्रम से भविष्य के अधिवक्ताओं और शिक्षाविदों को अंतरराष्ट्रीय आर्थिक कानून के दायरे में सामाजिक एवंआर्थिक न्याय के जटिल मुद्दों को हल करने के लिए तैयार कर सकती है।

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उबर टेक्नोलॉजीज के सार्वजनिक नीति प्रमुख श्री संजय चड्ढा ने कार्यक्रम में उद्घाटन भाषण दिया। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक कानून के महत्व पर जोर दिया, जो यह देखता है कि संप्रभु राष्ट्र कानूनी और आर्थिक दृष्टिकोणों को मिलाकर व्यापार में किस तरह से मुद्दों को हल करते हैं। संजय चड्ढा ने व्यापार वार्ता में अपने अनुभवों से वास्तविक जीवन के किस्से साझा किए। उन्होंने व्यापार समझौतों को समझने में अंतर और वार्ताकारों को बेहतर ढंग से सुसज्जित करने के लिए बातचीत कौशल एवं कानूनी विशेषज्ञता में अधिक क्षमता निर्माण की आवश्यकता जताई।

सम्मेलन का मुख्य विषय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और निवेश कानून के क्षेत्र में शिक्षण शिक्षण व नैदानिक ​​कानूनी शिक्षा को आगे बढ़ाना था। इस दौरान कानूनी क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न प्रासंगिक और वर्तमान में न्यायसंगत विषयों पर पैनल चर्चाएं आयोजित की गईं। इसके अलावा, मूल्यवान प्रतिक्रिया अवसर प्रदान करने के लिए ट्रेडलैब कार्यकारी समिति के सदस्यों और अकादमिक पर्यवेक्षकों के लिए विशेष सत्र आयोजित किए गए।

सम्मेलन के पहले दिन में ट्रेडलैब कार्यकारी समिति के सदस्यों के लिए एक विशेष सीमित सत्र आयोजित हुआ, जिसके बाद ट्रेडलैब इंडिया द्वारा अनुभव-साझाकरण सत्र सहित कई अन्य खुले सत्र भी संचालित हुए। अंतर्राष्ट्रीय कानूनी अभ्यास में नैदानिक ​​​​कानूनी शिक्षा के दायरे और इसके अवसरों पर सत्र तथा शिक्षण शिक्षण के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता का लाभ उठाने पर अंतिम सत्र भी कार्यक्रम का हिस्सा था। सम्मेलन के दूसरे दिन पिछले वर्ष के दौरान आयोजित एमएनएलयू मुंबई, जीएनएलयू व क्यूएमयूएल लंदन की ट्रेडलैब परियोजनाओं पर तीन पैनल चर्चाएं और तीन छात्र प्रस्तुतियां देखी गईं, जिसके बाद समापन सत्र हुआ।

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सम्मेलन ने ट्रेडलैब क्लीनिक के विकास के संबंध में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि का प्रसार किया, जो नवीन दृष्टिकोण को बढ़ावा दे सकता है और अंतरराष्ट्रीय व्यापार एवं निवेश कानून में अभूतपूर्व अनुसंधान करने के लिए कानून के विद्यार्थियों के बीच क्षमता विकसित कर सकता है।

ट्रेडलैब इंडिया का नेतृत्व सीटीआईएल द्वारा हब और स्पोक मॉडल में कानून के विद्यालयों में ट्रेडलैब क्लीनिक स्थापित करके अंतरराष्ट्रीय आर्थिक कानून में भारत की क्षमता विकसित करने के लिए किया जाता है। अब तक, सीटीआईएल ने लगभग 15 परियोजनाओं का निर्माण किया है और वर्तमान में 6 शीर्ष स्तरीय राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय सीटीआईएल के ट्रेडलैब क्लीनिक चला रहे हैं।

सीटीआईएल द्वारा संचालित ट्रेडलैब-इंडिया पहल, अंतरराष्ट्रीय आर्थिक कानून में कानूनी शिक्षा और अभ्यास की क्षमता निर्माण में सबसे आगे है। ट्रेडलैब-इंडिया ने विद्यार्थियों को व्यावहारिक अनुभव से सुसज्जित किया है और वैश्विक व्यापार एवं निवेश के मुद्दों के साथ भारत के भविष्य को आकार देने में योगदान दिया है।                  

ट्रेडलैब की शुरुआत अंतर्राष्ट्रीय कानून के जानकार प्रोफेसर जोस्ट पॉवेलिन एवं प्रोफेसर सर्जियो पुइग द्वारा की गई थी और 2013 से सुश्री जेनिफर हिलमैन, प्रोफेसर डेबरा स्टीगर तथा प्रोफेसर वैलेरी ह्यूजेस जैसे प्रसिद्ध चिकित्सकों व शिक्षाविदों के इस पहल में शामिल होने के साथ कार्यक्रम में वैश्विक उपस्थिति दर्ज की गई। ट्रेडलैब को स्विस नागरिक संहिता के तहत स्विट्जरलैंड में एक गैर-लाभकारी संस्था के रूप में शामिल किया गया है। ट्रेडलैब के विद्यार्थियों ने 2023 और 2024 डब्ल्यूटीओ पब्लिक फोरम में सक्रिय रूप से भाग लिया है। ट्रेडलैब की सदस्यता केवल उन विश्वविद्यालयों/केंद्रों के लिए खुली हुई है, जो ट्रेडलैब नेटवर्क के कानूनी क्लिनिक या व्यावहारिक भाग में भाग लेते हैं या भाग लेना चाहते हैं।

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वोट जैसा कुछ नहीं, वोट जरूर डालेंगें हम ‘Nothing Like Voting, I Vote for sure’ के विषय पर निबन्ध प्रतियोगिता /भाषण प्रतियोगिता/पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 22 जनवरी एस .एन सेन महाविद्यालय, कानपुर की राष्ट्रीय पर्व समिति द्वारा मतदाता दिवस के अवसर पर प्रजातांत्रिक मूल्यों की उत्प्रेरण हेतु वोट जैसा कुछ नहीं, वोट जरूर डालेंगें हम ‘Nothing Like Voting, I Vote for sure’ के विषय पर निबन्ध प्रतियोगिता /भाषण प्रतियोगिता/पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो.सुमन द्वारा सरस्वती जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर किया गय।निबंध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान शुभी त्रिपाठी, द्वितीय स्थान सताक्षी धुरिया ,एवं तृतीय स्थान दीप्ति पाण्डेय को प्राप्त हुआ।पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान संस्कृति पाल, द्वितीय स्थान अनुष्का सिंह एवं तृतीय स्थान ओमाक्षी पंडित को प्राप्त हुआ। भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान अमृता, द्वितीय स्थान भूमिका सिंह एवं तृतीय स्थान सताक्षी द्विवेदी को मिला।कार्यक्रम में 30 छात्राओं ने प्रतिभाग किया।छात्राओं को संबोधित करते हुए महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो.सुमन ने अपने वक्तव्य में कहा कि भारत में 18 वर्ष की उम्र से नागरिकता का अधिकार प्राप्त हो जाता है, लेकिन युवा है कि वोट डालने के लिए घर से ही नहीं निकलते।
वोट देकर हम अपने अधिकार का उपयोग कर सकते हैं और देश को चलाने के लिए अच्छे प्रतिनिधि का चुनाव कर सकते हैं। । कार्यक्रम में निर्णायक मंडल के रूप में अंग्रेजी विभाग की आचार्य प्रो.अलका टंडन एवं समाजशास्त्र विभाग की प्रो.मीनाक्षी व्यास रहीं। कार्यक्रम में राष्ट्रीय पर्व समिति की प्रो. रेखा चौबे, प्रो.प्रीति पाण्डेय, मीडिया प्रभारी डॉ प्रीति सिंह ,डॉ .कोमल सरोज, डॉ.प्रीति यादव , डॉ श्वेता रानी एवं अन्य शिक्षिकाएं उपस्थित रहीं।

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डी जी कॉलेज में मतदाता जागरूकता प्रतियोगिताओं आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर दयानंद गर्ल्स पी जी कॉलेज, कानपुर में राष्ट्रीय सेवा योजना – मतदाता जागरूकता क्लब के द्वारा वोट जैसा कुछ नहीं वोट जरुर डालेंगे हम विषय पर मतदाता जागरूकता प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिसका उद्देश्य युवाओं में मतदान के प्रति जागृति लाना है। इन प्रतियोगिताओं के अंतर्गत पोस्टर प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता तथा प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया। महाविद्यालय प्राचर्या प्रो वंदना निगम ने बताया कि सभी प्रतियोगिताओं में छात्राओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। निबंध प्रतियोगिता में आयुषी शुक्ला ने प्रथम, साधना देवी ने द्वितीय तथा दीक्षा पांडे ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। भाषण प्रतियोगिता में स्नेहा अग्रहरि ने प्रथम रुबा इरफान ने द्वितीय तथा रोशनी अंसारी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। चित्रकला प्रतियोगिता में सुपर्णा चौहान ने प्रथम, नेहा सिंह ने द्वितीय तथा रिद्धि चौधरी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। क्विज प्रतियोगिता में रौनक ने प्रथम, पंखुड़ी ओमर ने द्वितीय तथा सिद्धि चौधरी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। समस्त प्रतियोगिताओं को संपन्न कराने में राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही, प्रो इंदु यादव, प्रो सुमन सिंह, प्रो शुभम शिवा, डॉ पूजा श्रीवास्तव एवं डॉ मंजुला श्रीवास्तव का विशेष योगदान रहा।

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‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ (विवेकानंद जयंती) के अवसर पर एस. एन. सेन बालिका महाविद्यालय , में एनएसएस, एनसीसी, रेंजर्स टीम के संयुक्त तत्वाधान में भाषण एवं पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर -12 जनवरी स्वामी विवेकानंद जी की जयंती जिसे ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ के रूप में भी मनाया जाता है, के अवसर पर एस. एन. सेन बालिका महाविद्यालय , मॉल रोड, कानपुर में एनएसएस, एनसीसी, रेंजर्स टीम के संयुक्त तत्वाधान में भाषण प्रतियोगिता एवं पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. सुमन ने इस अवसर पर छात्राओं को संबोधित करते हुए बताया विवेकानंद जी का जीवन युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है। हमारा देश युवाप्रधान देश है, तथा देश के भविष्य को आकार देने में युवाओं का ही सबसे अधिक योगदान होता है। किसी भी प्रकार की बाधा से घबराकर हमें पीछे नहीं हटना चाहिए जैसाकि विवेकानंद जी ने स्वयं कहा है उठो, जागो और तबतक न रुको जबतक अपने लक्ष्य की प्राप्ति न कर लो। प्राचार्या ने बताया कि नई शिक्षा नीति युवाओं के सम्पूर्ण विकास को केंद्र में रखकर बनाई गई है, साथ-ही यह व्यवसायिक शिक्षा के माध्यम से युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की तरफ अग्रसर है। इस अवसर पर महाविद्यालय की स्मार्ट क्लास में विकसित भारत यंग लीडर डायलाग 2025 प्रोग्राम के अंतर्गत सभी छात्राओं को लाइव प्रसारण दिखाया गया, जिसमें युवा शक्ति मिशन का प्रारंभ किया गया। जानकारी देते हुए मीडिया प्रभारी डॉ प्रीति सिंह ने बताया एनएसएस, एनसीसी, रेंजर्स की दिव्यांशी शर्मा, भूमि गुप्ता, अदिति ओझा, रिया वर्मा इत्यादि छात्राओं ने भाषण प्रतियोगिता एवं आयुषी बाजपेई, सुप्रिया, निधा परवीन ने पोस्टर प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया। एनएसएस प्रभारी श्वेता रानी, एनसीसी प्रभारी प्रीति यादव, रेंजर्स टीम प्रभारी ऋचा सिंह के द्वारा कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय की छात्राओं, शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक कर्मचारी वर्ग की उपस्थिति महत्वपूर्ण रही।

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मिन वात्सल्य के तहत, बच्चों को संस्थागत देखभाल सेवाएं प्रदान करने के लिए वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 2450 बाल देखभाल संस्थानों को सहायताश

मिशन वात्सल्य योजना एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) द्वारा देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों (सीएनसीपी) और कानूनी विवाद से जूझ रहे बच्चों (सीसीएल) की सहायता करने के उद्देश्य से लागू किया जाता है। मिशन वात्सल्य का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि परियोजनाओं तथा कार्यक्रमों की रूपरेखा बनाते समय बच्चों के सर्वोत्तम हितों का हमेशा ध्यान रखा जाए। उद्देश्यों में बच्चों के लिए आवश्यक सेवाओं, आपातकालीन संपर्क सेवाओं की स्थापना और संस्थागत और गैर-संस्थागत देखभाल सेवाओं को बेहतर ढंग से लागू करना शामिल है। मिशन के तहत स्थापित बाल देखभाल संस्थान ( सीसीआई) अन्य बातों के साथ-साथ, आयु-उपयुक्त शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण तक पहुंच, मनोरंजन, स्वास्थ्य देखभाल और परामर्श सहयोग देते हैं।

पूर्वोत्तर राज्यों और पहाड़ी राज्यों – हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड तथा जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित राज्य को छोड़कर सभी राज्यों और विधायी सदन वाले राज्य क्षेत्रों के लिए केंद्र और राज्यों के बीच 60:40 के अनुपात में धनराशि साझा की जाती है, जहां लागत साझा करने का अनुपात 90:10 है। विधायी सदन रहित केंद्रशासित राज्यों में, 100 प्रतिशत लागत केंद्र सरकार द्वारा वहन की जाती है।

मिशन के तहत, बच्चों को संस्थागत देखभाल सेवाएं प्रदान करने के लिए वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 2450 सीसीआई को सहायता प्रदान की गई है। कुल 1,21,861 बच्चों को गैर-संस्थागत देखभाल सहायता प्रदान की गई। इस योजना के तहत वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान संस्थागत देखभाल के लिए 62,594 बच्चों को सहायता प्रदान की गई। वर्तमान में, राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में 762 जिला बाल संरक्षण इकाइयां, 781 बाल कल्याण समितियां और 774 किशोर न्याय बोर्ड हैं।

वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 3580 बच्चों को देश के भीतर और 449 बच्चों को विदेश में रहने वाले लोगों द्वारा गोद लिया गया।

महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी।

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कानपुर विद्या मंदिर महिला महाविद्यालय में “India’s Amrit Kaal:A Vision for dollar 5 trillion Economy” विषय पर गेस्ट लेक्चर कार्यक्रम आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर विद्या मंदिर महिला महाविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग द्वारा “India’s Amrit Kaal:A Vision for dollar 5 trillion Economy” विषय पर गेस्ट लेक्चर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्त के रूप में Prof.Vandana Dwivedi,Head of Economics department,PPN PG College Kanpur विषय विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित होकर कार्यक्रम को सुशोभित किया एवं भारत की आर्थिक दृष्टि और 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के मार्ग के बारे में बहुमूल्य अंतर्दृष्टि साझा की।

कार्यक्रम की शुरुआत गेस्ट स्पीकर प्रोफेसर वंदना द्विवेदी एवं महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर पूनम विज के द्वारा दीप प्रज्वान करके की गई।इसके पश्चात कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत अर्थशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष,सुश्री नेहा सिंह के स्वागत भाषण से हुई, जिन्होंने व्याख्यान के विषय का परिचय दिया और वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में इसकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। इसके बाद अतिथि वक्ता का परिचय कराया गया। व्याख्यान में,गेस्ट स्पीकर प्रोफेसर वंदना द्विवेदी ने भारत की आर्थिक नीतियों में परिकल्पित अमृत काल की अवधारणा पर विस्तार से चर्चा की। वक्ता ने सरकार द्वारा किए जा रहे रणनीतिक उपायों पर चर्चा की, जिसमें बुनियादी ढांचे का विकास, डिजिटल परिवर्तन, कौशल वृद्धि और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए नीति सुधार शामिल हैं। उन्होंने इस दृष्टि को साकार करने में सतत विकास, नवाचार और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता के महत्व पर भी जोर दिया। व्याख्यान में शिक्षा ,निवेश,विनिर्माण, सेवा और कृषि जैसे विकास को गति देने वाले प्रमुख क्षेत्रों का विस्तृत विश्लेषण किया गया। वक्ता ने भारत के आर्थिक भविष्य को आकार देने में युवाओं और महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। इसके अतिरिक्त, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं, मुद्रास्फीति और बेरोजगारी जैसी चुनौतियों पर विचार किया गया और व्यावहारिक समाधान सुझाए गए। इसके बाद हुए संवादात्मक सत्र में छात्राओं और शिक्षकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। भारत की अर्थव्यवस्था पर वैश्विक आर्थिक रुझानों के प्रभाव से लेकर $5 ट्रिलियन लक्ष्य को प्राप्त करने में स्टार्टअप और उद्यमिता की भूमिका तक के प्रश्न पूछे गए। वक्ता के जवाब व्यावहारिक और उत्साहवर्धक थे, जिससे श्रोता प्रेरित और सूचित हुए। कार्यक्रम का समापन डॉ० शोभा मिश्रा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिन्होंने अतिथि वक्ता को उनके ज्ञानवर्धक व्याख्यान के लिए आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का कुशल संयोजन एवं संचालन अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष  नेहा सिंह के द्वारा किया गया कार्यक्रम में महाविद्यालय की कला, विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय की शिक्षिकाएं एवं कुल 67 छात्राएं उपस्थित रही।

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अंतर महाविद्यालय छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय महिला हैंडबॉल प्रतियोगिता आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 8 दिसंबर एस एन सेन बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज द्वारा अंतर महाविद्यालय छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय महिला हैंडबॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया यह प्रतियोगिता सेठ मोतीलाल खेड़िया स्कूल में आयोजित की गई जिसमें कानपुर नगर से पांच महाविद्यालयों ने ट्रायल में प्रतिभा किया। इस अंतर महाविद्यालय प्रतियोगिता में टीमों की संख्या की प्रतिभागिता कम होने के कारण ट्रायल करवाया गया जिसमें 21 खिलाड़ियों का चयन किया गया। रेफरी श्री अनुज , श्री हरप्रीत , एवंअनुराग को कानपुर हैंडबॉल एसोसिएशन से आमंत्रित किया गया था।ट्रायल में कुल 35 खिलाड़ियों ने प्रतिभा किया जिसमें से 21 खिलाड़ियों को चयनित किया गया यह सभी चयनित खिलाड़ी एक हफ्ते के कैंप के बाद छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय की हैंडबॉल महिला टीम बनाकर नॉर्थ जोन अंतर विश्वविद्यालय ही प्रतियोगिता में प्रतिभा करेंगे प्राचार्य प्रोफेसर सुमन ने सभी चयनित खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दी और प्रोफेसर प्रीति पांडेय जो इस कार्यक्रम की आयोजन सचिव थी उनको सफल ट्रायल हेतु बधाई दी एवं टीम को आगे और मेहनत कर कानपुर विश्वविद्यालय टीम को को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।
चयनित खिलाड़ियों के नाम निम्न वत हैं– आरती देवी, दिव्यांशी सिंह ,अनामिका कुमारी ,आरोही द्विवेदी ,दीक्षा कुमारी ,दिव्या सिंह, अंकित यादव, आराध्या यादव ,प्रीति सिंह , नित्या ,मुस्कान गौतम ,अंजलि छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय से निशा विश्वकर्मा, रागिनी गिरी ,नैंसी वर्मा ,निशा, दीपिका कुमारी ए एन डी कॉलेज कानपुर से, स्वाति , प्रिया एस एन सेन बालिका विद्यालय, पीजी कॉलेज से , दीशिका सिंह VSSD कॉलेज कानपुर , जहान्वी DAV कॉलेज कानपुर इस प्रकार कुल 21 खिलाड़ियों का चयन किया गया। इन सभी खिलाड़ियों का छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय की तरफ से नॉर्थ जोन महिला हैंडबॉल अंतर विश्वविद्यालय प्रतियोगिता में प्रतिभा करने वाली छात्रों के लिए चयन किया जाएगा इन सभी खिलाड़ियों के लिए एक हफ्ते का कैंप लगेगा उपरांत टीम हेतु 16 खिलाड़ियों का चयन करके विश्वविद्यालय को प्रतिनिधित्व करते हुए टीम का चयन किया जाएगा पूरे कार्यक्रम का आयोजन प्रोफेसर प्रीति पांडेय विभागध्यक्ष शारीरिक शिक्षाविभाग सेन कॉलेज के द्वारा किया गया प्राचार्य प्रोफेसर सुमन एवं शिक्षिकाओं ने आयोजन सचिव को सफल कार्यक्रम के लिए बधाई दी। हैंडबॉल प्रतियोगिता का आयोजन सेठ मोतीलाल खेड़िया स्कूल में कराया गया जहां की प्राचार्य एवं खेल शिक्षक श्री शंकर जी ने पूर्ण सहयोग के साथ कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग दिया ।आयोजन सचिव ने सेन प्राचार्य प्रोफेसर सुमन एवं सेठ मोतीलालविद्यालय के प्राचार्य एवं सहयोगियों को धन्यवाद प्रेषित किया।

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विकसित भारत क्विज मेगा इवेंट आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 5 दिसम्बर दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज, कानपुर की एनएसएस इकाई द्वारा कार्यक्रम अधिकारी डॉ. संगीता सिरोही के कुशल मार्गदर्शन में कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए विकसित भारत क्विज में भाग लेने के लिए एक मेगा इवेंट का आयोजन किया गया। यह क्विज युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा माय भारत पोर्टल के माध्यम से 25 नवंबर से 5 दिसंबर तक किया गया। इसमें विजेता छात्राओं को सेकंड राउंड में जाने का मौका मिलेगा। जो सेकंड राउंड में विजेता होंगे उन्हें जनवरी 2025 में नई दिल्ली में आयोजित होने वाले नेशनल यूथ फेस्टिवल में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से सीधे बात करने एवम् संपूर्ण देश के सम्मुख अपने विचार रखने का मौका मिलेगा। क्विज में आर्थिक विकास, बुनियादी ढांचे, प्रौद्योगिकी और स्थिरता जैसे विषयों को शामिल करते हुए विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में भारत की प्रगति को समझने की चुनौती दी गई। 5G के लॉन्च से लेकर महत्वपूर्ण नीतिगत बदलावों तक, यह वैश्विक नेता के रूप में भारत के उदय पर एक व्यापक नज़र डालता है। कॉलेज की 500 से अधिक छात्राओं ने उत्साहपूर्वक इस क्विज मे प्रतिभाग किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में समस्त वॉलिंटियर्स तथा प्राध्यापिकाओं का सहयोग सराहनीय रहा।

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वैज्ञानिकों ने अगली पीढ़ी के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए आशाजनक सामग्रियों की पहचान की

वैज्ञानिकों ने अगली पीढ़ी के स्पिनट्रॉनिक्स उपकरणों और बहुक्रियाशील इलेक्ट्रॉनिक अनुप्रयोगों के लिए आशाजनक सामग्री के रूप में जानूस एसबी2एक्सएसएक्स के मोनोलेयर की क्षमता की पहचान की है, जो ऊर्जा-कुशल इलेक्ट्रॉनिक्स, लचीले उपकरणों और सेंसर में मांगों के लिए संभावित समाधान प्रस्तुत करते हैं।

बेहतर इलेक्ट्रॉनिक गुणों के साथ ऊर्जा कुशल सामग्री की बढ़ती मांग के कारण स्पिनट्रॉनिक्स और बहुक्रियाशील इलेक्ट्रॉनिक्स में उन्नत सामग्रियों की बढ़ती आवश्यकता महसूस की गई है। 2डी सामग्री वर्तमान समय में अपने असाधारण इलेक्ट्रॉनिक, ऑप्टिकल और यांत्रिक गुणों के कारण बहुत महत्वपूर्ण हो गई हैं, जो लचीले इलेक्ट्रॉनिक्स, ऊर्जा भंडारण और नैनो प्रौद्योगिकी में प्रगति को सक्षम बनाती हैं। उनका परमाणु दुबलापन अत्यधिक कुशल और एवं उपकरणों को सक्षम बनाता है। इसके अलावा, उनके अद्वितीय गुण, जैसे उच्च चालकता और ट्यूनेबल बैंडगैप, स्पिनट्रॉनिक्स और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में नवाचार कर रहे हैं।

द्वि-आयामी (2 डी) सामग्री की जानूस संरचना (एक सामग्री या प्रणाली जिसमें विपरीत गुणों वाले दो अलग-अलग पक्ष) हाल के शोध में एक महत्वपूर्ण फोकस बने हैं, विशेष रूप से जानूस मोसे (द्वि-आयामी (2 डी) सामग्री के सफल संश्लेषण के बाद मोलिब्डेनम डाइसल्फ़ाइड-MoS₂), मोनोलेयर से प्राप्त सामग्री। ऊर्ध्वाधर विषमता गुणों वाली यह संरचना, आंतरिक विद्युत क्षेत्रों के ट्यूनिंग और पीजोइलेक्ट्रिक गुणों को शामिल करने की अनुमति प्रदान करती है। सामग्री संश्लेषण में हाल की प्रगति, गैर-सेंट्रोसिमेट्रिक संरचनाओं के अद्वितीय गुणों और स्पिनट्रॉनिक्स में नवीन अनुप्रयोगों के लिए दबाव ने जानूस एसबी2एक्सएसएक्स मोनोलयर की खोज करने के लिए प्रेरित किया।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्त संस्थान, नैनो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएनएसटी), मोहाली के वैज्ञानिकों ने जानूस एसबी2एक्सएसएक्स के संरचनात्मक, पीजोइलेक्ट्रिक, इलेक्ट्रॉनिक और स्पिनट्रॉनिक्स गुणों की जांच की है। उनके अध्ययन से पता चला कि पांच गुणे परमाणु परत वाले मोनोलेयर एक संरचनात्मक, गतिशील, थर्मल और यांत्रिक स्थिरता वाले एक आधारहीन स्थिर 2डी क्रिस्टल बनाते हैं और पीजोइलेक्ट्रिक गुणों का प्रदर्शन करते हैं। जानूस संरचना की विशिष्ट ऊर्ध्वाधर विषमता दिलचस्प इलेक्ट्रॉनिक गुणों को दर्शाती है, जिसमें रश्बा स्पिन-स्प्लिटिंग और स्पिन हॉल प्रभाव नामक गुण शामिल हैं और अगली पीढ़ी के स्पिनट्रॉनिक्स उपकरणों के लिए आशाजनक सामग्री के लिए क्षमता प्रदर्शित करते हैं।

हाल ही में जर्नल ऑफ एप्लाइड फिजिक्स में प्रकाशित अपने काम के बारे में, उन्होंने जानूस एसबी2एक्सएसएक्स के मोनोलेयर के अद्वितीय गुणों का पता लगाने के लिए कम्प्यूटेशनल भौतिकी के साथ उन्नत सामग्री विज्ञान को जोड़ा, जिससे स्पिनट्रॉनिक्स और बहुक्रियाशील इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में भविष्य की प्रौद्योगिकियों का मार्ग प्रशस्त हुआ।

पीजोइलेक्ट्रिकिटी, स्पिनट्रॉनिक्स और स्थिरता के संयुक्त गुणों के साथ, ये सामग्रियां बहुक्रियाशील उपकरणों के लिए मार्ग प्रशस्त करती हैं जो विभिन्न कार्यात्मकताओं (संवेदन, डेटा प्रोसेसिंग, ऊर्जा संचयन) को एक जगह पर एकीकृत करती हैं। यह उपकरण डिज़ाइन को सुव्यवस्थित कर सकता है और आवश्यक घटकों की संख्या में कमी ला सकता है, अंततः उपभोक्ता ज्यादा कॉम्पैक्ट एवं कुशल उत्पाद प्राप्त कर लाभान्वित हो सकते हैं। यह अनुसंधान भौतिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है, जो अनुप्रयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान कर सकता है, दैनिक जीवन को आसान बना सकता है और सतत तकनीकी विकास को बढ़ावा दे सकता है।

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