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शिक्षा

क्राइस्ट चर्च कॉलेज, में हिंदी दिवस आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर के हिंदी विभाग द्वारा हिंदी दिवस का आयोजन किया गया। मंच पर विभाग के ही प्रोफेसर डॉ अरविंद सिंह तथा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर जोसेफ डेनियल अध्यक्ष की भूमिका में रहे। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉक्टर जोसेफ डेनियल ने कहा की हिंदी को ज्ञान की भाषा बनाए जाने के साथ-साथ अनुवाद की भाषा बनाया जाना भी जरूरी है।फैरी सिद्दीकी, विख्यात दुबे, नेहा अवस्थी ने अपने विचार हिंदी भाषा के संवर्धन व प्रसार के लिए व्यक्त किए। मुख्य वक्ता के तौर पर एसोसिएट प्रोफेसर अवधेश मिश्रा ने बताया कि हिंदी एक गतिमान भाषा है यह यह मेल-जल के माध्यम से ही अपना संवर्धन करती है। सृजनात्मक लेखन प्रतियोगिता में ऋतिक पाल ने प्रथम, अंजलि सचान ने द्वितीय, रम्शा नाज ने तृतीय तथा प्रज्ञा भाटिया ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया, इसी प्रकार पत्र लेखन प्रतियोगिता में सहस्त्रांशु मिश्रा ने प्रथम ,विख्यात दुबे ने द्वितीय,फैरी ने तृतीय तथा सची और उन्नति ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया।धन्यवाद ज्ञापन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर अरुणेश शुक्ल ने किया, संचालन एम.ए. प्रथम वर्ष के छात्र सहस्त्रांशु मिश्र ने किया। शोध विद्यार्थी अर्जित पांडे बरखा सिंह प्रवेश सिंह, पल्लवी तिवारी आदि उपस्थित रहे।

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एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज, की वैष्णवी रेन्जर्स यूनिट का अभिविन्यास कार्यक्रम आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज, की वैष्णवी रेन्जर्स यूनिट का अभिविन्यास कार्यक्रम आयोजित किया गया
कार्यक्रम का आरम्भ दीप प्रज्ज्वलन के साथ प्राचार्या प्रो. सुमन, मुख्य कुलानुशासक कैप्टन ममता अग्रवाल, पूर्व रेन्जर्स प्रभारी प्रो. प्रीति पाण्डेय, मीडिया प्रभारी डॉ. प्रीति सिंह, रेन्जर्स प्राभारी ऋचा सिंह एवं एन. सी. सी. प्राभारी डॉ. प्रीती यादव ने किया।
कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए प्रो. प्रीति पाण्डेय ने पिछले सत्र में वैष्णवी रेन्जर्स यूनिट की गतिविधियों पर एक पी.पी.टी. प्रस्तुतिकरण किया। उन्होंने बताया कि, वैष्णवी रेन्जर्स यूनिट ने औरेया में समागम में प्रतिभाग किया और कई प्रतियोगिताओं में पुरुस्कार भी जीते।
कार्यक्रम की अगली श्रृंखला में प्राचार्या ने रेन्जर्स को यूनिट से संबंधित महत्वपूर्ण निर्देश दिए तथा उन्हें प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए
रेन्जर्स प्राभारी ऋचा सिंह ने सत्र 2024-25 की वार्षिक कार्ययोजना प्रस्तुत की।
इसके पश्चात समागम में हिस्सा ले चुके कुछ रेन्जर्स अमृता, पंकजा,महिमा आदि ने कैम्प के अपने अनुभव साँझा किए।
कार्यक्रम के अंत मे रेन्जर्स प्राभारी ऋचा सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम में प्रो.मीनाक्षी व्यास, डॉ. कोमल सरोज, डॉ. रश्मि गुप्ता, डॉ. पूजा गुप्ता आदि शिक्षिकाओं ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई।
कार्यक्रम का संयोजन वैष्णवी रेन्जर्स यूनिट ने किया तथा मंच संचालन रेन्जर्स महिमा एवं पंकजा ने किया।

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डी जी कॉलेज में स्वच्छता पखवाड़े का शुभारंभ

भारतीय स्वरूप संवाददाता राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई, दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज, कानपुर द्वारा स्वच्छता पखवाड़े का शुभारंभ एनएसएस वॉलिंटियर्स के द्वारा वाटिका में साफ सफाई करके किया गया। इस दौरान उन्होंने कैंपस को प्लास्टिक मुक्त बनाने हेतु जागरूकता अभियान चलाते हुए लोगों को सिंगल यूज प्लास्टिक जैसे पानी की बोतल, रैपर, पाउच एवम् पॉलीथिन आदि का प्रयोग न करने की अपील भी की। यह पखवाड़ा 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक *स्वच्छता ही सेवा है* अभियान के अंतर्गत चलाया जाएगा। इस दौरान वॉलिंटियर्स के द्वारा विभिन्न गतिविधियां करके अपने शहर, अपने महाविद्यालय तथा सार्वजनिक स्थलों को साफ रखने मे अपना योगदान किया जाएगा तथा इस संबंध में लोगों को जागरूक करते हुए साफ सफाई एवं स्वच्छता का महत्व भी समझाया जाएगा। महाविद्यालय प्राचार्या प्रो वंदना निगम ने कहा कि यह अत्यधिक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है क्योंकि साफ सफाई एवं स्वच्छता रखना हम सभी का कर्तव्य है। छात्राओं के द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान की उन्होंने प्रशंसा की तथा उनका मनोबल बढ़ाते हुए अपना हर संभव सहयोग देने का वादा भी किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में भूगोल विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अंजना श्रीवास्तव, श्वेता गोंड, अर्थशास्त्र विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ साधना सिंह, मनोविज्ञान विभाग से असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अपूर्व बाजपेई समेत आकांक्षा यादव अंतरा कश्यप जहान्वी कश्यप आदि वॉलंटियर्स का योगदान सराहनीय रहा।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज में महिला सशक्तिकरण पर कार्यक्रम आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता क्राइस्ट चर्च कॉलेज द्वारा मिशन शक्ति के अंतर्गत प्राचार्य डॉ जोसेफ डेनियल के दिशानिर्देश में हुए कार्यक्रम में महिलाओं के सशक्तीकरण पर जोर दिया गया। मिशन शक्ति प्रभारी डॉ मीतकमल ने सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल की छात्राओं से बताया कि हमारा मानना ​​है कि हर लड़की और महिला को सम्मान के साथ अपने मासिक धर्म का प्रबंधन करने का अधिकार है, और हमारा लक्ष्य एक ऐसी दुनिया बनाना है जहां मासिक धर्म अब शर्म या डर का स्रोत नहीं रह जाए। महिलाओं के लिए चलाई जा रहीं सरकारी योजनाओं की जानकारी दी। महिला हेल्पलाइन नंबर 1090 के विषय में भी जानकारी दी गई |सभी छात्राओं को सेनेटरी पैड भी बांटे गए। इसमें हमारे शहरों को साफ रखने के लिए पैड के उचित निपटान के बारे में जागरूकता फैलाना भी शामिल था| इस दौरान अंजली, प्राची ,सिमरन, फैरी,प्रियांशी, शाजिया, साची आदि मौजूद रहे।

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शिक्षक दिवस के अवसर पर जनपद कानपुर के परिषदीय विद्यालयों के 50 शिक्षक सम्मानित

कानपुर 5 सितंबर जिलाधिकारी द्वारा शिक्षक दिवस के अवसर पर सरसैया घाट स्थित नवीन सभागार मे जनपद कानपुर नगर के परिषदीय विद्यालयों के 50 शिक्षकों को सम्मान किया। आज जिन शिक्षकों को सम्मानित किया गया उन शिक्षकों द्वारा विद्यालय में नामांकन, उपस्थित, नवाचार, निपुण भारत मिशन इत्यादि में उत्कृष्ट कार्य किया गया है।
जिलाधिकारी द्वारा अपने उद्बबोधन में कहा कि शिक्षक बच्चों को तीन से चार वर्ष की आयु के बाद पढ़ाना शुरू कर देता है और 13 से 14 साल तक की आयु होने तक बेसिक शिक्षाp के अंतर्गत ‌ पढ़ाते है। शिक्षक समाज के पथ प्रदर्शक है एवं बेहतर भारत के निर्माण में शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान है, ‌जिलाधिकारी द्वारा उपस्थित शिक्षकों से अपेक्षा की गई कि कि जनपद में शिक्षक सभी बच्चों को निपुण बनाएं,विद्यालय मे बेहतर वातावरण का सृजन करें, विद्यालयों में सड़क सुरक्षा, स्काउट गाइड, नशा विरुद्ध अभियान आदि जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन बेहतर ढंग से किया जाना चाहिए, जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सके तथा उन्हें सभी तरह की जानकारी प्राप्त हो सके, जिसके अंतर्गत बच्चों को क्या करना है क्या नहीं करना है इसके विषय में भी उन्हें जानकारी दी जाए।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती दीक्षा जैन ने कहा कि बच्चों को अच्छी शिक्षा देते हुए निपुण भारत मिशन के उद्देश्य को सफल बनाने तथा टीएलएम के माध्यम से सीखने के लिए शिक्षकों से अपेक्षा की गई।
कार्यक्रम में सुरजीत कुमार सिंह जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी,श्री शिशिर जयसवाल वित्त एवं लेखाधिकारी तथा बेसिक शिक्षा विभाग के विभिन्न शिक्षक उपस्थित रहे।

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विश्वरूप एजुकेशन की निदेशिका डॉ. शैली बिष्ट प्रतिष्ठित माँ जीजाबाई शिक्षक सम्मान से सम्मानित

भारतीय स्वरूप संवाददाता, विश्वरूप एजुकेशन की निदेशक डॉ. शैली बिष्ट को क्षेत्र में उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए प्रतिष्ठित माँ जीजाबाई शिक्षक सम्मान प्राप्त हुआ। यह कार्यक्रम फोरम ऑफ पब्लिक स्कूल्स और विश्वरूप एजुकेशन द्वारा आयोजित किया गया था, और यह 31 अगस्त, 2024 को शालीमार बाग के ग्रीन लाउंज बैंक्वेट हॉल में हुआ। यह अवसर शिक्षक दिवस के साथ मेल खाता था, जिससे इस आयोजन का महत्व और महत्व और बढ़ गया। विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ी। इस अवसर की मुख्य अतिथि माननीय लोकसभा सदस्य श्रीमती कमलजीत सहरावत थीं। इसके अतिरिक्त, दिल्ली सरकार के शिक्षा सचिव श्री अशोक कुमार आईएएस भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। समारोह के दौरान विभिन्न स्कूलों के लगभग 80 प्रधानाध्यापकों को शिक्षा के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। प्रत्येक प्रिंसिपल को भावी पीढ़ी को आकार देने और अपने छात्रों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालने के प्रति उनके समर्पण के लिए सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह के बाद, इन उल्लेखनीय शिक्षकों के प्रयासों का जश्न मनाने और उन्हें स्वीकार करने के लिए एक दोपहर के भोजन का आयोजन किया गया। इसने उपस्थित लोगों को जुड़ने, अनुभव साझा करने और शिक्षा के क्षेत्र में आगे के सहयोग पर चर्चा करने का अवसर प्रदान किया। कुल मिलाकर, माँ जीजाबाई शिक्षक सम्मान कार्यक्रम समाज के भविष्य को आकार देने में शिक्षकों द्वारा किए गए अमूल्य योगदान को स्वीकार करने का एक यादगार और महत्वपूर्ण अवसर था।

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कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय लगभग 1 एकड़ भूमि पर “मातृ वन” स्थापित करेगा-शिवराज सिंह चौहान

  केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज #एक_पेड़_माँ_के_नाम #Plant4Mother अभियान के तहत भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) कैंपस पूसा में पौधारोपण किया। श्री चौहान ने बताया कि मंत्रालय लगभग 1 एकड़ भूमि में “मातृ वन” स्थापित करेगा। कार्यक्रम में राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर, सचिव डेयर एवं महानिदेशक आईसीएआर डॉ. हिमांशु पाठक, कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्रालय के लगभग 200 अधिकारी/कर्मचारी और स्कूली छात्र भी उपस्थित थे। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि देशभर में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (डीएएंडएफडब्ल्यू) के सभी अधीनस्थ कार्यालय, आईसीएआर संस्थान, सीएयू, केवीके और एसएयू भी अपने-अपने स्थानों पर इसी तरह का वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया। श्री चौहान ने यह भी बताया कि आज कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत 800 से अधिक संस्थानों ने भाग लिया और उम्मीद है कि कार्यक्रम के दौरान 3000-4000 पौधे लगाए जाएंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 5 जून 2024 को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर वैश्विक अभियान #एक_पेड़_माँ_के_नाम #Plant4Mother का शुभारंभ किया था और प्रधानमंत्री के संकल्प को सुनिश्चित करने के लिए आज हमारे मंत्रालयों ने जन आंदोलन के रूप में #एक_पेड़_माँ_के_नाम #Plant4Mother अभियान की शुरुआत की है। चौहान ने इस अवसर पर उपस्थित सभी अधिकारियों/कर्मचारियों और स्कूली विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे इस अभियान में भाग लें और वृक्षारोपण करके अपनी माँ और धरती माँ के प्रति सम्मान प्रकट करें। वैश्विक अभियान के हिस्से के रूप में, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय यह सुनिश्चित करने के प्रयास कर रहा है कि सितंबर 2024 तक देशभर में 80 करोड़ पौधे और मार्च 2025 तक 140 करोड़ पौधे लगाए जाएं। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 20 जून 2024 को असोला भाटी वन्यजीव अभयारण्य में वृक्षारोपण गतिविधि शुरू की, जिसमें व्यक्तियों ने अपनी माताओं के सम्मान में पेड़ लगाए। पेड़ लगाने से सरकार द्वारा शुरू किए गए मिशन लाइफ (Mission LiFE) के उद्देश्य को भी पूरा किया जाता है जो पर्यावरण के प्रति जागरूक जीवन शैली का एक जन आंदोलन है। कृषि में, पेड़ उगाना टिकाऊ खेती को प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। पेड़ मिट्टी, पानी की गुणवत्ता में सुधार करके और जैव विविधता को बढ़ाकर कृषि उत्पादकता में सुधार करने में मदद करते हैं। पेड़ किसानों को लकड़ी और गैर-लकड़ी उत्पादों से अतिरिक्त आय का स्रोत भी प्रदान करते हैं। अभियान में भूमि क्षरण और मरुस्थलीकरण को रोकने और उलटने की अपार क्षमता है।

 

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उच्च शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार (एनएटी) 2024 के लिए उच्च शैक्षिक संस्थानों और पॉलिटेक्निक से 16 शिक्षकों का चयन किया

शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार (एनएटी) 2024 के लिए उच्च शैक्षिक संस्थानों (एचईआईएस) और पॉलिटेक्निक के 16 शिक्षकों का चयन किया है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुसार विद्यार्थियों, संस्थान और शिक्षा व्यवसाय की उन्नति के लिए प्रेरित, ऊर्जावान और सक्षम संकाय महत्वपूर्ण है।  इसमें शिक्षा इकोसिस्टम में उत्कृष्टता की संस्कृति विकसित करने के लिए पुरस्कार और मान्यता जैसे प्रोत्साहनों की भी परिकल्पना की गई है। ऐसे में, वर्ष 2023 में, राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार (एनएटी) की छत्रछाया में उच्च शैक्षिक संस्थानों (एचईआई) और पॉलिटेक्निक के लिए पुरस्कारों की दो श्रेणियां स्थापित करने का निर्णय लिया गया। अब तक यह पुरस्कार केवल स्कूल शिक्षकों तक ही सीमित थे।

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार (एनएटी) निम्नलिखित श्रेणियों के अनुसार उच्च शिक्षा संस्थानों और पॉलिटेक्निक के अनुकरणीय शिक्षकों/संकाय सदस्यों को प्रदान किया जाता है:

श्रेणी I: उच्च शिक्षण संस्थानों के शिक्षक:

उप-श्रेणी (i): इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी, वास्तुकला।

उप-श्रेणी (ii): गणित, भौतिक विज्ञान, जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, चिकित्सा, फार्मेसी सहित शुद्ध विज्ञान

उप-श्रेणी (iii): कला और सामाजिक विज्ञान, मानविकी, भाषाएँ, कानूनी अध्ययन, वाणिज्य, प्रबंधन।

श्रेणी II: पॉलिटेक्निक संस्थानों के शिक्षक: कुल 10 पुरस्कार

चयनित 16 शिक्षक पॉलिटेक्निक, राज्य विश्वविद्यालयों और केंद्रीय उच्च शिक्षा संस्थानों से हैं।

चयन शिक्षण अधिगम प्रभावशीलता, जनसंपर्क गतिविधियों, अनुसंधान और नवाचार, प्रायोजित अनुसंधान / संकाय विकास कार्यक्रम / परामर्श शिक्षण जैसे मापदंडों के आधार पर शिक्षक के प्रदर्शन पर आधारित है। उपरोक्त में से, सीखने की प्रभावशीलता और जनसंपर्क गतिविधियों का प्रमुख महत्व है।

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार (एनएटी)-2024 के लिए चयन प्रक्रिया में दो चरणों वाली प्रक्रिया शामिल है; (i) नामांकित व्यक्तियों की प्रारंभिक छंटनी के लिए प्रारंभिक खोज-सह-स्क्रीनिंग समिति द्वारा मूल्यांकन और (ii) छंटनी किए गए नामांकित व्यक्तियों में से पुरस्कार विजेताओं के चयन के लिए ‘निर्णायक’ समिति द्वारा मूल्यांकन।

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार (एनएटी), 2024 के लिए नामांकन राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल @www.awards.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन माध्यम से आमंत्रित किए गए थे और इसमें जनभागीदारी के हिस्से के रूप में स्वयं, संस्थागत और सहकर्मी नामांकन के प्रावधान शामिल थे।

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार (एनएटी) 2024 के पुरस्कार विजेताओं का विवरण – उच्च शिक्षा विभाग(डीओएचई)

 

क्रम संख्या संस्थान का नाम राज्य
1 डॉ. गांधीमठी ए

 

त्यागराजर पॉलिटेक्निक कॉलेज, जंक्शन मेन रोड, सेलम- 636005, तमिलनाडु

 

तमिलनाडु
2. प्रोफेसर परमार रंजीतकुमार खिमजीभाई

राजकीय पॉलिटेक्निक खड़िया, बिलखा रोड, जूनागढ़, गुजरात-362263

 

गुजरात
3. प्रो. निधि जैन

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली,

हौज़ खास, नई दिल्ली-110016

 

 

दिल्ली
4. डॉ. स्मिलाइन गिरिजा

सविता डेंटल कॉलेज और अस्पताल, सविता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड टेक्निकल साइंसेज [एसआईएमएटीएस], सविता यूनिवर्सिटी

नंबर 162: पीएच रोड, वेलप्पन्चवाडी, चेन्नई, तमिलनाडु- 600077

तमिलनाडु
5. प्रो. बिरिंची कुमार सर्मा

कवक विज्ञान और पादप रोग विज्ञान विभाग, कृषि विज्ञान संस्थान,

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी, उत्तर प्रदेश- 221005

 

उत्तर प्रदेश
6. प्रो. श्रीनिवास होथा

 

भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान पुणे,

डॉ. होमी भाभा रोड, पुणे, महाराष्ट्र- 411 008

 

महाराष्ट्र
7. डॉ. एसआर केशव

 

अर्थशास्त्र विभाग,

बैंगलोर विश्वविद्यालय, ज्ञान भारती परिसर, केंगेरी, बैंगलोर, कर्नाटक – 560056

 

कर्नाटक
8. प्रो. शिल्पागौरी प्रसाद

गणपुले

 

पुणे जिला शिक्षा संघ के प्रो. रामकृष्ण मोरे कला, वाणिज्य और विज्ञान

कॉलेज, गंगानगर, सेक्टर नंबर 28, निगड़ी प्राधिकरण, पुणे, महाराष्ट्र- 411044

 

महाराष्ट्र
9. डॉ. छायापुरम जया शंकर बाबू

 

पांडिचेरी विश्वविद्यालय, आर. वेंकट रमन नगर, कलापेट, पुद्दुचेरी – 605 014

 

पुद्दुचेरी
10. प्रो. नीलाभ तिवारी

केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय

भोपाल परिसर

बागसेवनिया, भोपाल, मध्य प्रदेश

पिन -462043

 

मध्य प्रदेश
11। प्रो. विनय शर्मा

 

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की, रुड़की, हरिद्वार, उत्तराखंड-247667

 

उत्तराखंड
12. डॉ. नंदवरम मृदुला

राजकीय महिला महाविद्यालय, मयूर मार्ग, बेगमपेट, हैदराबाद, तेलंगाना 500016

तेलंगाना
13. डॉ. शिमी एस.एल.

 

पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (मानद विश्वविद्यालय), विद्या पथ, सेक्टर 12, चंडीगढ़ 160012

चंडीगढ़
14. प्रो. कपिल आहूजा

 

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर, खंडवा रोड, सिमरोल, इंदौर, मध्य प्रदेश 453552

 

मध्य प्रदेश
15. डॉ. अनिता सुसीलन

 

स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर, केंगेरी कैंपस, क्राइस्ट डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी, केंगेरी-कैंपस, कनमिनिके, कुंबलगोडु, मैसूर रोड, बैंगलोर, कर्नाटक- 560074

 

कर्नाटक
16. प्रो. डॉ. शाहनाज़ अयूब

 

बुंदेलखंड इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, कानपुर रोड, झांसी-284128, उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश

 

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अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ बिहार के नालंदा में गुरु पद्मसंभव के जीवन और विरासत पर दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित करेगा

अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ बिहार के नालंदा में नव नालंदा महाविहार के सहयोग से गुरु पद्मसंभव के जीवन और उनके जीवंत विरासत पर 28 और 29 अगस्त, 2024 को दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन करेगा। गुरु रिनपोछे नाम से भी प्रसिद्ध गुरु पद्मसंभव आठवीं शताब्दी में प्राचीन भारत में रहते थे। बुद्ध धम्म में आज सबसे सम्मानित लोगों में से एक गुरु पद्मसंभव को हिमालय क्षेत्र में बुद्ध धम्म के प्रसार का श्रेय दिया जाता है।

बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर मुख्य अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे। लुंबिनी डेवलपमेंट ट्रस्ट, नेपाल के उपाध्यक्ष परम श्रद्धेय खेनपो चिमेद और रॉयल भूटान मंदिर, सेंट्रल मोनास्टिक बॉडी, भूटान के सचिव/मुख्य भिक्षु खेनपो उगयेन नामग्याल सम्मेलन में सम्मानित अतिथि होंगे। दूसरे बुद्ध के रूप में माने जाने वाले गुरु पद्मसंभव को गुरु रिनपोछे भी कहा जाता है, वे हिमालय के प्रसिद्ध ऋषि रहे जो प्राचीन भारत में आठवीं शताब्दी में रहते थे।

इस सम्मेलन के प्रमुख विषयों में उनका जीवन और शिक्षाएं, हिमालय भर में उनकी यात्राएं और, सबसे खास, वर्तमान समय में उनकी प्रासंगिकता शामिल होगी। गुरु पदमसंभव योगिक और तांत्रिक प्रथाओं से लेकर ध्यान, कला, संगीत, नृत्य, जादू, लोककथाओं और धार्मिक शिक्षाओं तक संस्कृति के कई पहलुओं के एकीकरण का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। सम्मेलन में पांडुलिपियों, अवशेषों, चित्रों और स्मारकों के माध्यम से उनकी धम्म विरासत का जश्न मनाने का एक ठोस प्रयास किया जाएगा।

सम्मेलन के प्रमुख विषयों में शामिल हैं:

1. जीवनी संबंधी अंतर्दृष्टि और पौराणिक कथाएं

2. वज्रयान बुद्ध धम्म और तंत्र की शिक्षाएं

3. सांस्कृतिक एवं कलात्मक योगदान

4. यात्राएं और क्षेत्रीय प्रभाव

5. विरासत और समसामयिक प्रासंगिकता

बुद्ध धम्म के मूल सिद्धांतों को फैलाने का प्रयास करते हुए गुरु पदमसंभव ने एक स्थान की विशिष्टताओं और लोगों की संवेदनाओं को समझा। इस प्रकार, उन्होंने अपनी शिक्षाओं को स्थानीय मुहावरे और संस्कृति में ढाला, जिससे आस्था को आत्मसात करना बहुत आसान हो गया। उनके जीवन और समय को याद करते हुए, सम्मेलन में भगवान बुद्ध के उत्कृष्ट संदेश को प्रसारित करने के लिए स्थानीय प्रतीकों और यहां तक ​​कि अनुष्ठानों को माध्यम के रूप में उपयोग कर विभिन्न संस्कृतियों और धार्मिक परंपराओं के साथ उनके तालमेल बिठाने का जो दृष्टिकोण था, उसकी अंतर्दृष्टि मिलने की उम्मीद है।

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एस एन सेन बी वी पी जी कॉलेज में स्वतंत्रता दिवस समारोह आयोजित

कानपुर भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन बी वी पी जी कॉलेज में स्वतंत्रता दिवस समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रबंध तंत्र के अध्यक्ष श्री पीके मिश्रा , संयुक्त सचिव शुभ्रो सेन, प्राचार्य प्रो सुमन ने क्षण्डारोहन किया। संगीत विभाग की छात्राओं ने देश भक्ति गीत प्रस्तुत किया। एनसीसी, एनएसएस ,रोवर्स रेंजर्स के छात्राओं ने संयुक्त मार्च पास्ट प्रस्तुत किया। श्री शुभ्रो सेन ने ऊर्जा पूर्ण भाषण देते हुए सभी को देश प्रेम के प्रति सचेत किया। कैप्टन ममता अग्रवाल ने उच्च शिक्षा अधिकारी द्वारा प्राप्त पत्र का वाचन किया। प्राचार्य सुमन जी ने इस क्षण को गौरवपूर्ण बताते हुए सभी की सहभागिता के लिए धन्यवाद दिया। यह समस्त कार्यक्रम राष्ट्रीय पर्व प्रभारी प्रोफेसर रेखा चौबे के निर्देशन में हुआ। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर चित्रा सिंह ने किया। जानकारी देते हुए मीडिया प्रसार प्रभारी डॉ प्रीति सिंह ने बताया कार्यक्रम में सभी शिक्षक कर्मचारी और छात्र उपस्थिति रहे।

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