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शिक्षा

सुसाइड प्रिवेंशन दिवस तथा नशा मुक्ति अभियान कार्यक्रम

कानपुर 10 अगस्त भारतीय स्वरूप संवाददाता, क्राइस्ट चर्च कॉलेज में एनएसएस इकाई द्वारा उर्सला डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के सहयोग से सुसाइड प्रिवेंशन दिवस तथा नशा मुक्ति आभियान के अंतर्गत महाविद्यालय में कार्यक्रम का आयोजन किया गया । जिसका आरंभ कॉलेज के प्राचार्य डॉ जोसेफ डेनियल तथा एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ सुनीता वर्मा के निर्देशन में हुआ।

इस अवसर पर आमंत्रित किए गए अतिथि डॉ एस के निगम,डॉ चिरंजीवी प्रसाद, डॉ आरती कुशवाहा, श्रीमति निधि बाजपाई, एस पी मिश्रा,कृति प्रभा पाल,अरुण यादव, संदीप कुमार सिंह, सुनील पाठक उपस्थित रहे।कार्यक्रम में विद्यार्थियो को नशे से होने वाले दुष्प्रभाव से अवगत कराया और उससे बचने के उपाय बताए साथ ही मानसिक रूप से अस्वस्थ होने के कारण युवा पीढ़ी सुसाइड करने का प्रयास करती है इससे बचने के लिए तथा मानसिक रूप से स्वस्थ होने के उपाय बताए। कार्यक्रम का समापन डॉ सुनीता वर्मा ने अपनी एनएसएस इकाई प्रमुख हर्षवर्धन दिक्षित,सह प्रमुख विलायत फातिमा व मोमिन अली तथा कार्यक्रम सचिव अरबाज खान ने अपनी टीम जिनमें सुप्रिया,अर्फिया,मानवी,सौम्या,स्तुति,ज़रीन,इरम,साद,फरीना,मेनका,दिया,मुस्कान,सौम्यातिवारी,रितेश,सिमरन,आयुषी,हर्षिता,रिया,अंजली के साथ मिल कर कार्यक्रम का सफलता पूर्वक समापन किया।

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केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा, भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र 2025 तक 50 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद

केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी; पृथ्वी विज्ञान; प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आज कहा, भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र 2025 तक 50 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।

“सीजिंग द ग्लोबल ऑपर्चुनिटी” शीर्षक से 14वें सीआईआई ग्लोबल मेडटेक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा, प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवा पिछले दो वर्षों में नवाचार और प्रौद्योगिकी पर अधिक केन्द्रित हो गई है और 80 प्रतिशत स्वास्थ्य देखभाल पद्धतियों का आने वाले पांच वर्षों में डिजिटल स्वास्थ्य साधनों में अपना निवेश बढ़ाने का लक्ष्य है।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा, टेलीमेडिसिन भी 2025 तक 5.5 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की तकनीकी योजना ई-संजीवनी ने वर्चुअल डॉक्टर परामर्श को सक्षम बनाया है और देश के दूरदराज के हिस्सों में रहने वाले हजारों लोगों को अपने घरों में आराम से बैठकर बड़े शहरों के प्रमुख डॉक्टरों से जोड़ा है।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य अगले 10 वर्षों में आयात निर्भरता को 80 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत से कम करना है और विशेष उपलब्धि- स्मार्ट (एसएमएआरटी) के साथ मेक इन इंडिया के माध्यम से मेड-टेक में 80 प्रतिशत की आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में भारत सरकार ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को मजबूत करने के लिए संरचनात्मक और निरंतर सुधार किए हैं और एफडीआई को प्रोत्साहित करने के लिए अनुकूल नीतियों की भी घोषणा की है। इससे रुख में बदलाव आया है, देश मेडटेक नवाचार का केन्द्र बन गया है और पश्चिमी उत्पादों को अपनाने के बजाय, भारतीय नवप्रवर्तनकर्ता अग्रणी मेडटेक उत्पाद और समाधान विकसित कर रहे हैं। भारत महत्वपूर्ण परिवर्तन बिंदु पर पहुंच गया है, जिससे हेल्थटेक/मेडटेक इकोसिस्टम का तेजी से विस्तार हो रहा है।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने जोर देकर कहा कि इस क्षेत्र में तेजी से वृद्धि के लिए भारत के पास सभी आवश्यक सामग्री है, जिसमें एक बड़ी आबादी, एक मजबूत फार्मा और चिकित्सा आपूर्ति श्रृंखला, 750 मिलियन से अधिक स्मार्टफोन उपयोगकर्ता, वीसी फंडिंग तक आसान पहुंच के साथ विश्व स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप पूल और वैश्विक स्वास्थ्य समस्याओं को हल करने के लिए नवीन तकनीकी उद्यमी शामिल हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने यह भी कहा कि महामारी ने इस क्षेत्र में व्यापार करने के परिदृश्य को बदलकर एक अतिरिक्त गति प्रदान की है। उन्होंने कहा, इसने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए विशेष रूप से टेली-परामर्श, एआई-आधारित निदान और दूरस्थ स्वास्थ्य देखभाल प्रबंधन जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में व्यापक अवसर खोले हैं।

विजन @ 2047 पर ध्यान केन्द्रित करते हुए, डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि उम्मीद है कि भारत 14 से 15 प्रतिशत से ऊपर चिकित्सा उपकरणों के शीर्ष बाजारों में से एक बन जाएगा। उन्होंने कहा कि इस वैश्विक स्थिति को घरेलू खपत बढ़ाने और स्वास्थ्य देखभाल सेवा के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए 73 नए मेडिकल कॉलेज बनाकर राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन 2020 में निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करके प्राप्त किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि सरकार की मसौदा नीति के आधार पर भारत का लक्ष्य 100-300 अरब डॉलर के उद्योग तक पहुंचने के लिए चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र के वैश्विक बाजार हिस्सेदारी का 10 से 12 प्रतिशत हासिल करना है। देश में उत्पाद विकास और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए चिकित्सा उपकरणों का तेजी से नैदानिक परीक्षण करने के लिए लगभग 50 क्लस्टर होंगे। उन्होंने कहा कि जीवन प्रत्याशा, स्वास्थ्य समस्याओं के प्रभाव में बदलाव, वरीयताओं में बदलाव, बढ़ते मध्यम वर्ग, स्वास्थ्य बीमा में वृद्धि, चिकित्सा सहायता, बुनियादी ढांचे के विकास और नीति समर्थन और प्रोत्साहन इस क्षेत्र को आगे बढ़ाएंगे।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने जोर देकर कहा कि अब समय आ गया है जब यह वास्तव में विनिर्माण केन्द्र और दुनिया भर में चिकित्सा उपकरणों के प्रमुख निर्यातक बनकर वैश्विक पदचिह्न स्थापित किए जाने चाहिए, क्योंकि यह मेक इन इंडिया अभियान का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है, जिसमें भारतीय चिकित्सा उपकरण क्षेत्र को सूर्योदय खंड के रूप में पहचाना गया है। उन्होंने कहा कि इस मान्यता ने उद्योग को निम्न-तकनीक खंड से लेकर उपकरणों की अधिक परिष्कृत श्रेणियों तक के उपकरण-खंडों की मूल्य श्रृंखला में अपना कौशल गहरा करने के लिए आवश्यक प्रोत्साहन दिया है।

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एस .एन. सेन बी. वी.पी.जी.कॉलेज में शिक्षक पर्व के चौथे दिन ‘ गुरु शिष्य संबंधों की वर्तमान शिक्षा नीति 2020 के परिदृश्य में प्रासंगिकता’ विषय पर चर्चा हुई

कानपुर 8 सितंबर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस .एन. सेन बी. वी.पी.जी.कॉलेज, कानपुर में 5-09-2022 से 9 -09-2022 तक मनाए जाने वाले शिक्षक पर्व के चौथे दिन आज दिनांक 8 सितंबर 2022 को ‘ गुरु शिष्य संबंधों की वर्तमान शिक्षा नीति 2020 के परिदृश्य में प्रासंगिकता’ विषय पर पैनल चर्चा की गई जिसमें महाविद्यालय की शिक्षिकाओं और छात्राओं ने भाग लिया। पैनल चर्चा में शामिल मुख्य सदस्य थे- कैप्टन ममता अग्रवाल,श्रीमती किरण,डॉ. प्रीति पांडे, प्रोफेसर मीनाक्षी व्यास, ,डॉ .प्रीति सिंह, डॉ. पूजा गुप्ता, डॉ. संगीता सिंह,डॉ. शिवांगी यादव, डॉ.अमिता। सर्वप्रथम शिक्षक पर्व कार्यक्रम की प्रभारी डॉ. रेखा चौबे एवं अतिथिगण डॉ अलका टंडन, डॉ.गार्गी यादव, डॉ. निशा अग्रवाल ने सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। कार्यक्रम प्रभारी डॉ चित्रा सिंह तोमर ने गुरु को मां के समान बताया। कैप्टन ममता अग्रवाल जी ने प्राचीन वैदिक काल के गुरुकुल शिक्षा प्रणाली पर बल देते हुए तकनीकी परिवर्तन के महत्व को भी स्वीकारा। श्रीमती किरण ने बताया कि गुरु शिष्य परंपरा तभी संभव है जब गुरु के अंदर करुणा और शिष्य के अंदर विनम्रता का भाव हो। प्रोफेसर मीनाक्षी व्यास ने शिक्षक के महत्व को बताते हुए कहा कि आधुनिकता और परंपरा का समन्वय ही भारत को थिंक टैंक के रूप में विकसित कर सकता है। डॉ प्रीति पांडे ने NEP 2020 की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षक -छात्र का संबंध किस तरह से हो कि छात्र गुरु से ज्ञान प्राप्त करें और समाज में आत्मनिर्भर बन सकें।डॉ. प्रीति सिंह ने बताया कि तकनीकी का प्रयोग करके शिक्षक अपने ज्ञान का हस्तांतरण दूर बैठे छात्र को कर सकता है।डॉ संगीता सिंह ने प्रश्न उठाया की आख़िर ऐसा क्या किया जाए की छात्र औपचारिक संस्थाओं में आए और हम शिक्षकों से जुड़ाव महसूस करे।डॉक्टर पूजा गुप्ता ने गुरु शिष्य परंपरा पर बल देते हुए कहा कि न केवल गुरु शिष्य को ज्ञान देता है बल्कि शिष्य भी नई तकनीकी को सीखने में गुरु की मदद करता है।डॉ. अमिता सिंह ने बताया की सिखाने के लिए आवश्यक नही है की हमें कोई गुरु ही सिखाए, हम जीवन अनुभवों से भी सीख सकते है। डॉक्टर शिवांगी यादव ने भीष्म पितामह का उदाहरण देते हुए गुरु और शिष्य के महत्व पर प्रकाश डाला।प्राचार्य डॉ. सुमन ने इस कार्यक्रम के आयोजन की सार्थकता पर प्रकाश डालते हुए शिक्षक और छात्र के संबंध में आई दूरी को वजह बताया उन्होंने सभी छात्रों को शिक्षक के सहयोग से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम प्रभारी डॉ चित्रा सिंह तोमर ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया ।

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दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज की एनएसएस इकाई द्वारा मनाए जाने वाले *’राष्ट्रीय पोषण सप्ताह’* के अंतर्गत व्याख्यान का आयोजन

कानपुर 7 सितंबर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज की एनएसएस इकाई के द्वारा पोषण एवं स्वास्थ्य के तहत मनाए जाने वाले *’राष्ट्रीय पोषण सप्ताह’* के अंतर्गत एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसमें रीजेंसी हॉस्पिटल से डॉ० जया अग्रवाल ने कुपोषण, उससे होने वाली बीमारियों, संतुलित आहार और पोषण के महत्व के बारे में अवगत कराया। प्राचार्य प्रो. सुनंदा दुबे ने रीजेंसी अस्पताल से आई टीम का स्वागत करते हुए भारत सरकार के द्वारा पोषण पूर्ति व स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए चलाए जा रहे अभियान *पोषण माह* की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताया। कार्यक्रम का संचालन भूगोल विभाग की असि. प्रो. डॉ अंजना श्रीवास्तव ने तथा धन्यवाद एनएसएस प्रभारी डॉ संगीता सिरोही ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ. साधना सिंह, कु० श्वेता गौड़, आकांक्षा अस्थाना एवं सभी छात्राओं ने सक्रिय प्रतिभागिता की।

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एस .एन. सेन बी. वी.पी.जी.कॉलेज में शिक्षक पर्व के तीसरे दिन पुस्तक वाचन एवं प्रदर्शनी का आयोजन

एस .एन. सेन बी. वी.पी.जी.कॉलेज, कानपुर में 5-09-2022 से 9 -09-2022 तक मनाए जाने वाले शिक्षक पर्व के तीसरे दिन आज  दो कार्यक्रमों का आयोजन किया गया -पहला कार्यक्रम पुस्तक वाचन एवं दूसरा प्रदर्शनी। पुस्तक वाचन कार्यक्रम का आयोजन दर्शनशास्त्र की विभागाध्यक्ष श्रीमती किरण एवं उनकी सहयोगी रोली मिश्रा, डॉक्टर पूजा गुप्ता एवं डॉक्टर संगीता सिंह ने किया। पुस्तक वाचन कार्यक्रम में विभिन्न संकाय से लगभग 50 छात्राओं एवं शिक्षिकाओं ने हिस्सा लिया। छात्राओं द्वारा अंग्रेजी कविता, उपन्यास,हिंदी कविताओं एवं संस्कृत श्लोक का वाचन किया गया। इसके उपरांत संबंधित विभाग की शिक्षिकाओं ने उन्हें आकर्षक ढंग से प्रस्तुति के गुर सिखाए।इस कार्यक्रम में अपेक्षा शुक्ला ,यास्मीन बानो, रोशनी सिंह, हर्षिता साहू के द्वारा सुंदर ढंग से प्रस्तुति करने के उपरांत उन्हें प्रमाण पत्र दिया गया। इसके उपरांत प्राचार्य डॉ सुमन ने सभी छात्राओं को पुस्तक पढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि पुस्तकें हमारे देश एवं संस्कृति से सरोकार रखती है ,अतः सभी लोग नियमित रूप से पुस्तक पढ़ें।कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम की संयोजिका श्रीमती किरण ने सभी शिक्षकों एवं छात्राओं को धन्यवाद ज्ञापित किया।
दिन के दूसरे कार्यक्रम पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन सितार विभाग की विभागाध्यक्ष कैप्टन ममता अग्रवाल एवं उनकी सहयोगी रोली मिश्रा ने किया। अंग्रेजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ अलका टंडन एवं समाजशास्त्र की प्रोफेसर मीनाक्षी व्यास ने निर्णायक का कार्य किया। इस प्रतियोगिता में लगभग 35 छात्राओं ने सहभागिता की जिसमें प्रथम पुरस्कार बीए तृतीय वर्ष की छात्रा संस्कृति पॉल ,द्वितीय पुरस्कार बीए तृतीय वर्ष की छात्रा रोशनी सिंह ने प्राप्त किया। तृतीय स्थान दो छात्राओं ने प्राप्त किया बीए प्रथम वर्ष की गुल्फ़िशा एवं बी. ए. तृतीय वर्ष की यासमीन। सांत्वना पुरस्कार बी. ए.तृतीय वर्ष की छात्रा ओमाक्षी पंडित को मिला। कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य जी ने प्रतियोगिता के सफल आयोजन के लिए कैप्टन ममता अग्रवाल एवं उनकी टीम को बधाई एवं धन्यवाद ज्ञापित किया तथा इस प्रतियोगिता में आगे बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने के लिए सभी छात्राओं को प्रोत्साहित किया।शिक्षक पर्व कार्यक्रम की प्रभारी समाजशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर निशि प्रकाश एवं प्रोफेसर रेखा चौबे के सफल मार्गदर्शन से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

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शिक्षक दिवस के परिप्रेक्ष्य में 5 दिवसीय शिक्षक पर्व का शुभारंभ

कानपुर 6 सितंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज कानपुर में उत्तर प्रदेश शासन के निर्देशानुसार शिक्षक दिवस के परिप्रेक्ष्य में दिनांक 5 सितंबर 2022 से 9 सितंबर 2022 तक मनाए जाने वाले शिक्षक पर्व के प्रथम दिवस का शुभारंभ आज के कार्यक्रम की अध्यक्षा एवम् प्राचार्या डॉ. सुमन, प्रभारी डॉ. निशी प्रकाश, शिक्षक पर्व की प्रभारी डॉ. रेखा चौबे, पूर्व प्राचार्या डॉ. निशा अग्रवाल एवम् कार्यक्रम संयोजिका डॉ. रचना निगम ने मां सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलन और माल्यार्पण कर किया। प्रसार प्रभारी डा प्रीति सिंह ने जानकारी देते हुए बताया अथिति स्वागत की परंपरा का निर्वहन करते हुए डॉ. निशी प्रकाश ने स्वागत उद्बोधन दिया एवम् डॉ. रेखा चौबे ने शिक्षक पर्व की महत्ता पर प्रकाश डाला। डॉ. सुमन ने अपनी ओजस्वी वाणी से सभागार में उपस्थित शिक्षकों तथा छात्राओं को लाभान्वित किया। उन्होंने तकनीकी के महत्त्व को नई शिक्षा नीति से जोड़ कर उसकी महती आवश्यकता को उल्लेखित किया। पंचदिवसीय पर्व की श्रृंखला में आज कानपुर विद्यामंदिर से आमंत्रित समाजशास्त्र की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. पूर्णिमा शुक्ला ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति में परिकल्पित “युवाओं के व्यक्तित्व विकास में शिक्षकों का योगदान” विषय पर ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया। संगीत विभाग की छात्राओं द्वारा गुरु वंदना की मोहक प्रस्तुति ने वातावरण को संगीतमय कर दिया। प्राचार्या डॉ. सुमन ने सभी संकाय शिक्षकों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर उनका अभिनंदन किया। कार्यक्रम श्रृंखला में अगली कड़ी के रूप में छात्राओं हेतु आशुवाचन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें भूमिका सिंह ने प्रथम स्थान, अस्मिता रावत ने द्वितीय स्थान, जायना ने तृतीय स्थान तथा अमरीन ने सांत्वना पुरुस्कार प्राप्त किया। कार्यक्रम के अंत में प्राचार्या डॉ. सुमन ने अथिति वक्ता डॉ. पूर्णिमा शुक्ला, महाविद्यालय एन. सी. सी. प्रभारी कैप्टन ममता अग्रवाल, एन. एस. एस. प्रभारी डॉ. चित्रा सिंह तोमर तथा रेंजर्स प्रभारी डॉ. प्रीति पांडे को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। डॉ. मीनाक्षी व्यास ने कार्यक्रम का समापन प्रभावशाली धन्यवाद ज्ञापित कर के दिया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती ऋचा सिंह एवम् श्रीमती कोमल सरोज के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार ने सक्रिय भूमिका का निर्वहन किया।

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सह पाठयक्रम समिति एवं साहित्यिक गतिविधि क्लब, क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर के संयुक्त तत्वाधान में शिक्षक दिवस के अवसर पर लघु कार्यक्रम आयोजित

कानपुर 6 सितंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, सह पाठयक्रम समिति एवं साहित्यिक गतिविधि क्लब, क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर ने संयुक्त रूप से शिक्षक दिवस के अवसर पर एक लघु कार्यक्रम का आयोजन किया। इस अवसर को चिह्नित करने के लिए, कॉलेज हॉल का नाम भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के नाम पर रखा गया था, जिन्होंने 7 जनवरी, 1961 को सभागार का उद्घाटन किया था। सभागार उन्हें समर्पित था और इसे “राधाकृष्णन सभागार” के रूप में जाना जाएगा।

कार्यक्रम की शुरुआत सभागार में रिबन काटने के साथ हुई, इसके बाद दीप प्रज्ज्वलित किया गया और डॉ राधाकृष्णन की तस्वीर पर माल्यार्पण किया गया। इतिहास विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. संजय सक्सेना ने कॉलेज के संकाय सदस्यों और छात्रों का स्वागत किया. इस अवसर का विषयगत परिचय प्रो. डी.सी. श्रीवास्तव, प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, दर्शनशास्त्र द्वारा दिया गया। उन्होंने एक दार्शनिक-लेखक और भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन की रूपरेखा को रेखांकित किया, जिनकी जयंती (5 सितंबर) को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान अनुकरणीय है। शिक्षक दिवस मनाने की परंपरा 1962 में देश के पूर्व राष्ट्रपति और सभी शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए शुरू हुई थी। कॉलेज सचिव गवर्निंग बॉडी, प्रिंसिपल, प्रो. जोसेफ डैनियल ने डॉ राधाकृष्णन के जीवन की सामयिक प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला और जोर देकर कहा कि शिक्षकों को ऐसे मनुष्यों को ढालने पर ध्यान देना चाहिए जो जीवन की प्रतिकूलताओं का सामना कर सकें और देश के जिम्मेदार नागरिक बन सकें। बीएससी की छात्रा स्वीकृति सिंह ने गुरु वंदना की और बीकॉम की छात्रा स्तुति एंजेल ने एक सुंदर गीत से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। धन्यवाद प्रस्ताव हिन्दी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर अवधेश मिश्र ने प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन बीए के छात्र वेदांत मिश्रा ने किया। इस अवसर पर आयोजन समिति के सदस्यों सहित समस्त प्राध्यापक एवं महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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शिक्षकों को बारंबार नमन

शिक्षकों को मेरा नमन बार बार,

कराते वो अज्ञानता के सागर को पार।!
ज्ञान के चक्षुओं को है वो खोलते
अपने समृद्ध बोलो से कानों में अमृत घोलते।
आदर्शो की हैं वो जीती जागती मिसाल,
हर समस्या से बचाते बन हमारी ढाल।

कोरोना काल में भी उन्होंने हमें संभाला,
इतनी बड़ी जटिलताओं का भी हल निकाला।
निस्वार्थ भाव से वो हमे पढ़ते,
सफलता के पथ पर हमे बढ़ाते।
गुरु के आशीस में है इतना बल और मान,
कि चंद्रगुप्त भी बन सकता है सुलतान।
सफलता के पथ पर करते मार्गदर्शन,
उनके रूप में होते साक्षात प्रभु के दर्शन।
शिक्षकों को नमन मेरा बार बार,
कराते वो अज्ञानता के सागर को पार।!!
शौर्य मोहन
12 अ
वीरेन्द्र स्वरूप एजुकेशन सेंटर,श्याम नगर ,कानपुर

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क्राइस्ट चर्च पी जी कालेज में एनएसएस इकाई एवम् आर के देवी आई रिसर्च इंस्टीट्यूट के संयुक्त तत्वाधान मे मिशन प्रकाश के अंतर्गत विद्यार्थियों के लिए नेत्र प्रशिक्षण सत्र आयोजित

कानपुर 30 अगस्त, भारतीय स्वरूप संवाददाता, क्राइस्ट चर्च पी जी कालेज में एनएसएस इकाई के द्वारा आर के देवी आई रिसर्च इंस्टीट्यूट के सहयोग से मिशन प्रकाश के अंतर्गत विद्यार्थियों के लिए नेत्र प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया जिसका प्रारंभ कॉलेज के प्राचार्य डॉ जोसेफ डेनियल तथा एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ सुनीता वर्मा के निर्देशन में हुआ ।इसके पश्चात आर के देवी आई रिसर्च इंस्टीट्यूट की ओर से आई हुई श्रीमती दीपिका श्रीवास्तव जी ने विद्यार्थियों को नेत्र से संबंधित समस्याओं से अवगत कराया और किस तरह से नेत्र का उपचार करा सकते है उससे संबंधित जानकारी दी आज का कार्यक्रम सभी के लिए बहुत ही लाभकारी रहा।

कार्यक्रम का समापन डॉ सुनीता वर्मा ने अपनी एनएसएस इकाई के प्रमुख हर्षवर्धन दिक्षित तथा सह प्रमुख विलायत फातिमा व मोमिन अली ने अपनी अपनी टीम जिनमें अरबाज,सुप्रिया,सौम्या,इरम,स्तुति,पवन,रिया,आर्फिया,साद,मुस्कान,मानवी,उमर,ज़रीन,रितेश, अक्शा,रिया के साथ मिल के कार्यक्रम का सफलता पूर्वक समापन किया।

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एसएन सेन महाविद्यालय में मेजर ध्यानचंद के जन्म शताब्दी पर राष्ट्रीय खेल दिवस आयोजित

कानपुर 30 अगस्त, भारतीय स्वरूप संवाददाता, एसएन सेन महाविद्यालय में मेजर ध्यानचंद के जन्म शताब्दी पर राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती एवं मेजर ध्यानचंद जी की तस्वीर पर माल्यार्पण कर किया गया। छात्राओं द्वारा मेजर ध्यानचंद जी की जीवनी, हॉकी खेल में उनका योगदान एवं प्रचलित घटनाओं पर वक्तव्य दिया गया। शारीरिक शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में विभाग की छात्रा प्रियंका ,अमृता ,पापुल, प्रियांशी अंशिका, ईशा छात्राओं ने अपना उद्बोधन दिया ।महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ सुमन ने मेजर ध्यानचंद को याद करते हुए भारत के लिए उनके योगदान एवं परिश्रम की सराहना की एवं जिन युवाओं को उनके जैसे बनने की प्रेरणा दी । वर्तमान युवा को वितरित करें तो वायु बनता है, के ज्ञान से अवगत कराया। दर्शनशास्त्र की विभागाध्यक्ष डॉ. किरन ने मेजर ध्यानचंद के व्यक्तित्व के चारित्रिक गुणों को आत्मसात करने के लिए छात्राओं को प्रेरित किया। शारीरिक शिक्षा विभाग अध्यक्ष डॉ प्रीति पांडेय ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए छात्राओं को खेलों में अपनी योग्यता को प्रदर्शित करने के लिए प्रोत्साहित किया। पूरे कार्यक्रम का संचालन शारीरिक शिक्षा विभाग b.a. तृतीय की छात्रा अमृता द्वारा किया गया। कार्यक्रम में डॉ रेखा डॉ.रचना शर्मा , डॉ मीनाक्षी ड.शुभा बाजपेई डॉ रश्मि उपस्थित रहे।

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