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शिक्षा

एस. एन. सेन बी. वी. पी.जी. कॉलेज, एन. एस. एस. इकाई तथा ‘रुद्र समागम सेवा एवं शिक्षा समिति’ के संयुक्त तत्वावधान में ‘ वैदिक विज्ञान एवं गहन ध्यान’ विषय पर एक कार्यशाला आयोजित

कानपुर 6 मई, भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस. एन. सेन बी. वी. पी.जी. कॉलेज, कानपुर के कोदोम्बिनी देवी एन. एस. एस. इकाई तथा ‘रुद्र समागम सेवा एवं शिक्षा समिति’ के संयुक्त तत्वावधान में ‘ वैदिक विज्ञान एवं गहन ध्यान’ विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का आरंभ प्राचार्या डॉ. निशा अग्रवाल, एन. एस. एस. इंचार्ज डॉ. चित्रा सिंह तोमर,’रुद्र समागम सेवा एवं शिक्षा समिति’ के अध्यक्ष श्री अभिषेक शर्मा, उपाध्यक्ष श्रीमती अंजलि सिंह, सचिव श्री आशीष , कोषाध्यक्ष सुश्री प्रीति जी एवं सदस्य सुश्री दीपाली यादव आदि ने माँ सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया ।
सर्वप्रथम प्रार्थना के पश्चात प्राचार्या डॉ. निशा अग्रवाल जी ने स्वागत वक्तव्य दिया तथा छात्राओं को योग एवं ध्यान को समझने के लिए प्रोत्साहित किया।
अतिथियों के स्वागत के पश्चात ‘रुद्र समागम सेवा एवं शिक्षा समिति’ की सदस्य ,प्रथम वक्ता एवं मनोविज्ञान की शोधार्थी सुश्री दीपाली यादव विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया।
अगली श्रृंखला में उपाध्यक्ष श्रीमती डॉ. अंजली सिंह आधुनिक जीवनशैली में बढ़ते तनाव एवं दबाव के युग में ध्यान के महत्व के विषय मे बताया। उन्होंने कहा कि, ध्यान स्वप्रबंधन तथा बिखरी हुई ऊर्जा को नियंत्रित करने की कला है ।
इसके पश्चात ‘रुद्र समागम सेवा एवं शिक्षा समिति’ के फाउंडर एवं अध्यक्ष श्री अभिषेक शर्मा जी ने भारतीय पौराणिक कथाओं के प्रतीकात्मक महत्त्व तथा भारतीय वैदिक परंपरा की वैज्ञानिकता पर प्रकाश डाला साथ ही संतुलित जीवन के प्रबंधन के लिए “ध्यान” के वैज्ञानिक महत्व को समझाया।
अंत में कार्यक्रम संयोजिका डॉ. चित्रा सिंह तोमर ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
राष्ट्रगान के साथ कार्यशाला का औपचारिक समापन किया गया ।

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एस एन सेन बालिका विद्यालय में पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित

कानपुर 6 मई, भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन बालिका विद्यालय में रसायन शास्त्र विभाग द्वारा पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्रतियोगिता का शुभारंभ महाविद्यालय की प्रबंध समिति के सचिव पी के सेन, प्राचार्या डॉ निशा अग्रवाल, डॉ पूनम अरोड़ा, डॉ गार्गी यादव, डॉ प्रीति सिंह ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर किया। कार्यक्रम का संचालन रसायन विज्ञान की विभागाध्यक्षा डॉ गार्गी यादव ने किया। पोस्टर प्रतियोगिता का निर्णय निर्णायक मंडल की सदस्या जन्तु विज्ञान की विभागाध्यक्षा डॉ पूनम अरोड़ा एवं वनस्पति विज्ञान की विभागाध्यक्षा डॉ प्रीति सिंह ने किया। उन्होंने प्रत्येक पोस्टर का विश्लेषण बहुत ही बारीकी से किया और सम्बंधित प्रश्न पूछ कर छात्राओं का उत्साह वर्धन किया। प्राचार्या डॉ निशा अग्रवाल ने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताओं से छात्राओं की विषयों के प्रति अभिरुचि उत्पन्न होती है और उन्हें अपने विषयों को समझना आसान हो जाता है . नई शिक्षा नीति में छात्राओं के लिए इस तरह के कार्यक्रमों को करवाने पर विशेष बल दिया गया है.
प्रतियोगिता के परिणाम इस प्रकार रहे:

प्रथम :रिया राणा,अनन्या अवस्थी
द्वितीय : महक विश्वकर्मा, नेहा श्रीवास्तव
तृतीय : सरिया सलमान, निकिता मिश्रा, गौरी ओमर

सभी विजेताओं को निर्णायक मंडल एवं प्राचार्या द्वारा पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर डॉ निशा वर्मा, श्रीमती किरण, डॉ कीर्ति पांडे, डॉ प्रीता अवस्थी, कु वर्षा सिंह, कु तैय्यबा ,श्रीमती प्रतिभा, डॉ राई घोष आदि शिक्षिकायें उपस्थित रहीं।

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एस. एन. सेन बी. वी. पी.जी. कॉलेज की कोदोम्बिनी देवी एन. एस. एस. इकाई तथा ‘आरोग्य भारती’ के संयुक्त तत्वावधान में ‘योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा’ विषय पर एक कार्यशाला आयोजित

कानपुर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, विगत दिवस एस. एन. सेन बी. वी. पी.जी. कॉलेज, कानपुर के कोदोम्बिनी देवी एन. एस. एस. इकाई तथा ‘आरोग्य भारती’ के संयुक्त तत्वावधान में ‘योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा’ विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का आरंभ प्राचार्या डॉ. निशा अग्रवाल,मुख्य अतिथि स्त्री रोग विशेषज्ञ तथा उर्सला हॉस्पिटल की पूर्व निदेशक डॉ. मधु लाल, एन. एस. एस. इंचार्ज डॉ. चित्रा सिंह तोमर तथा आरोग्य भारती के प्रान्त अध्यक्ष डॉ. सुनील भारती, प्रांत सचिव डॉ. अनोखेलाल पाठक तथा सदस्या डॉ. पूनम वाजपेयी ने माँ सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया ।
अतिथियों के स्वागत के पश्चात आरोग्य भारती के प्रांत सचिव डॉ. अनोखेलाल ने धन्वन्तरि मंत्र के साथ कार्यक्रम का औपचारिक आरम्भ किया। इसके पश्चात डी. ए. वी. कॉलेज में योग प्रशिक्षक तथा आरोग्य भारती की सदस्या डॉ. पूनम वाजपेयी ने छात्राओं तथा शिक्षिकाओं को योग की महत्ता बताते हुए योगाभ्यास तथा प्राणायाम कराया। छात्राओं को वृक्ष आसन, त्रिकोन आसन, वज्रासन, मंडूक आसन,वक्र आसन,मकरासन, पवनमुक्तासन, सेतुबंध आसन, मर्कट आसन, कपालभाती, अनुलोम विलोम,भ्रामरी आदि का अभ्यास कराया।
तत्पश्चात् मुख्य अतिथि डॉ. मधु लाल ने स्वास्थ्य एवं पौष्टिक आहार विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। अगली श्रृंखला में आरोग्य भारती के प्रांत अध्यक्ष डॉ. सुनील भारती ने अपनी संस्था ‘आरोग्य भारती’ के लक्ष्य एवं उद्देश्यों के विषय में बताया तथा छात्राओं को प्रोत्साहित किया ।
प्राचार्या डॉ. निशा अग्रवाल ने सभी अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया तथा छात्राओं को सीख लेने के लिए प्रोत्साहित किया ।
आरोग्य भारती के सदस्य आशीष वाजपई ने रोग निवारण के लिए ‘रेकी’ विधा के विषय में बताया। अंत में आरोग्य भारती के प्रांत सचिव डॉ. अनोखेलाल पाठक ने ‘शांति मंत्र’ के साथ कार्यशाला का औपचारिक समापन किया ।

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प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के दाहोद और पंचमहाल में 22,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया

प्रधानमंत्री मोदी ने आज दाहोद में आदिजाति महासम्मेलन में भाग लिया, जहां उन्होंने लगभग 22,000 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री ने 1,400 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन किया। उन्होंने दाहोद जिला दक्षिणी क्षेत्र में क्षेत्रीय जल आपूर्ति योजना का उद्घाटन किया, जिसे नर्मदा नदी बेसिन पर लगभग 840 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किया गया है। यह योजना दाहोद जिले के लगभग 280 गांवों और देवगढ़ बरिया शहर की जलापूर्ति की जरूरतों को पूरा करेगी। प्रधानमंत्री ने दाहोद स्मार्ट सिटी की पांच परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया, जिन्हें लगभग 335 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किया गया है। इन परियोजनाओं में एकीकृत आदेश व नियंत्रण केंद्र (आईसीसीसी) भवन, तेज प्रवाह जल निकासी प्रणाली, सीवरेज कार्य, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली और वर्षा जल संचयन प्रणाली शामिल हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पंचमहाल और दाहोद जिले के 10,000 आदिवासियों को 120 करोड़ रुपये के लाभ प्रदान किये गए। प्रधानमंत्री ने 66 केवी घोड़िया सबस्टेशन, पंचायत भवन, आंगनबाड़ी आदि का भी उद्घाटन किया।

प्रधानमंत्री ने दाहोद स्थित उत्पादन इकाई में 9,000 एचपी विद्युत रेल इंजन के निर्माण की आधारशिला भी रखी। इस परियोजना की लागत करीब 20,000 करोड़ रुपये है। दाहोद कार्यशाला को भाप इंजनों की एक निश्चित अवधि के बाद की जाने वाली सम्पूर्ण मरम्मत के लिए 1926 में स्थापित किया गया था, जिसका अब अवसंरचना संबंधी सुधारों के साथ विद्युत रेल इंजन निर्माण इकाई के रूप में उन्नयन किया जाएगा। यह 10,000 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करेगी। प्रधानमंत्री ने लगभग 550 करोड़ रुपये की राज्य सरकार की विभिन्न परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। इनमें शामिल हैं- करीब 300 करोड़ रुपये की जलापूर्ति से संबंधित परियोजनाएं, 175 करोड़ रुपये की दाहोद स्मार्ट सिटी परियोजनाएं, दुधिमती नदी परियोजना से संबंधित कार्य, घोड़िया में जीईटीसीओ सबस्टेशन आदि। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव, श्रीमती दर्शना जरदोश, गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्रभाई पटेल और गुजरात सरकार के कई मंत्री उपस्थित थे।

इस अवसर पर बोलते हुए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्थानीय आदिवासी समुदाय के साथ  अपने लंबे जुड़ाव को याद किया। उन्होंने राष्ट्र सेवा की ओर उन्हें प्रेरित करने का श्रेय इस समुदाय के लोगों के आशीर्वाद को दिया। उन्होंने एक ऐसे परिदृश्य के निर्माण का श्रेय भी इन समुदाय के समर्थन और आशीर्वाद को दिया जिसमें केंद्र और राज्य में डबल इंजन की सरकार द्वारा आदिवासी समुदायों और विशेष रूप से महिलाओं की सभी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज जिन परियोजनाओं का उद्घाटन हुआ है उनमें एक पेयजल से जुड़ी योजना है और दूसरी दाहोद को स्मार्ट सिटी बनाने से जुड़ी परियोजना है। इन दोनों परियोजनाओं से इस इलाके की माताओं और बेटियों का जीवन आसान होगा। उन्होंने कहा कि दाहोद मेक इन इंडिया अभियान में योगदान देगा क्योंकि दाहोद स्थित उत्पादन इकाई में 20 हजार करोड़ रुपये की लागत से 9000 एचपी वाले इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव तैयार होने वाले हैं। उन्होंने याद किया कि कैसे दाहोद का रेलवे का इलाका मरता जा रहा था जब वो इस इलाके में सर्वेंट क्वार्टरों का दौरा किया करते थे। उन्होंने इस इलाके के रेलवे से संबंधित ढांचे को पुनर्जीवित करने का संकल्प लिया और आज उस सपने के साकार होने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह विशाल निवेश इस इलाके के युवाओं को नए अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि रेलवे सभी पहलुओं में उन्नत हो रहा है और इस किस्म के उन्नत लोकोमोटिव का निर्माण भारत के कौशल का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव की विदेशों में मांग बढ़ रही है। इस मांग को पूरा करने में दाहोद बड़ी भूमिका निभाएगा। भारत अब दुनिया के उन चुनिंदा देशों में से एक है जो 9 हजार हॉर्स पावर के शक्तिशाली लोको बनाता है।”

गुजराती में संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रगति की इस यात्रा में हमारी माताएं और बेटियां पीछे न रह जाएँ। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी वजह से सरकार की सभी योजनाओं के केंद्र में महिलाओं के जीवन को आसान बनाना और उनका सशक्तिकरण करना है। उन्होंने महिलाओं को सबसे पहले प्रभावित करने वाली पानी की कमी की समस्या का उदाहरण देते हुए कहा कि सरकार इसलिए हर घर में नल का पानी उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। पिछले कुछ वर्षों में छह करोड़ परिवारों को नल के पानी की सुविधा मिली है। गुजरात में पांच लाख आदिवासी परिवारों को नल के पानी की सुविधा मिल चुकी है। आने वाले दिनों में इस अभियान को और तेज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महामारी और युद्धों के कठिन दौर में, सरकार ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग जैसे कमजोर समुदायों और प्रवासी मजदूरों के कल्याण को सुनिश्चित किया। यह सुनिश्चित किया गया कि कोई भी गरीब परिवार भूखा न सोए और 80 करोड़ से अधिक लोगों को दो साल से अधिक समय से मुफ्त राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने इस संकल्प को दोहराया कि प्रत्येक आदिवासी परिवार के पास शौचालय, गैस कनेक्शन, बिजली, पानी के कनेक्शन से लैस एक पक्का घर होना चाहिए। उनके गांव में स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्र, शिक्षा, एंबुलेंस और सड़कों की सुविधा होनी चाहिए। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए केंद्र और राज्य की सरकार अथक प्रयास कर रही हैं। उन्होंने लाभार्थियों को प्राकृतिक खेती जैसी राष्ट्र सेवा से जुड़ी परियोजनाओं में शामिल होते देख अपार प्रसन्नता व्यक्त की। सरकार ने सिकल सेल रोग की समस्या के समाधान की ओर भी ध्यान दिया है।

‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा कि कई वास्तविक स्वतंत्रता सेनानियों को वह उचित सम्‍मान नहीं मिला जिसके वे हकदार थे। उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा जैसे श्रद्धेय सेनानियों को दिए गए उचित सम्‍मान के बारे में बताया। उन्होंने स्थानीय शिक्षकों से दाहोद में हुए नरसंहार के बारे में पढ़ाने को कहा जो जलियांवाला बाग हत्याकांड जैसा ही था, ताकि नई पीढ़ी को इन घटनाओं के बारे में पता चल सके। उन्होंने उन बीते दिनों से तुलना करते हुए इस क्षेत्र में हुई उल्‍लेखनीय प्रगति के बारे में भी चर्चा की जब एक भी विज्ञान स्कूल वहां नहीं था। अब वहां मेडिकल व नर्सिंग कॉलेज खुल रहे हैं, युवा पढ़ाई के लिए विदेश जा रहे हैं और एकलव्य मॉडल स्कूल खोले जा रहे हैं। जनजातीय अनुसंधान संस्थानों की संख्या में काफी हद तक वृद्धि हो चुकी है। उन्होंने स्‍मरण किया कि किस तरह से 108 केंद्रों में सर्पदंश के लिए इंजेक्शन दिया जा रहा है।

अपने संबोधन के आखिर में उन्होंने ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के वर्ष में उन 75 सरोवरों के लिए अपना अनुरोध दोहराया जिन्‍हें इस जिले में बनाया जाना है।

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एस .एन. सेन बालिका महाविद्यालय पी.जी. कॉलेज में ” यूपी फ्री टेबलेट योजना 2022″ के तहत छात्राओं को टेबलेट वितरित किया गया

कानपुर 18 अप्रैल एस .एन. सेन बालिका महाविद्यालय पी.जी. कॉलेज में ” यूपी फ्री टेबलेट योजना 2022″ के तहत छात्राओं को टेबलेट ,   

वितरित किया गया कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि, श्री अखिलेश कुमार तिवारी, अध्यक्ष स्थाई लोक अदालत कानपुर, प्रबंध समिति के सचिव ,श्री पी के सेन, संयुक्त सचिव श्री शुभरो सेन तथा प्राचार्या डॉ निशा अग्रवाल कार्यक्रम प्रभारी एवं मुख्य अनुशासक के डॉ निशी प्रकाश द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर हुआ l मुख्य अतिथि श्री अखिलेश तिवारी जी के कर कमलों द्वारा छात्राओं को टेबलेट वितरित किया गया उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस योजना से छात्राओं का तकनीकी सशक्तिकरण होगा प्राचार्या ने बताया कि इस योजना के तहत प्रथम चरण में, 114 एम.ए. की छात्राओं को लाभ मिला हैl टेबलेट प्राप्त कर सभी छात्राएं अत्यंत आनंदित हुई और वे सरकार एवं कॉलेज को धन्यवाद ज्ञापित कर रहीं थीं कार्यक्रम का संचालन रसायन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ गार्गी यादव ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम प्रभारी डॉ निशी प्रकाश के द्वारा किया गया, कार्यक्रम में एम. ए. से संबंधित सभी विभागाध्यक्षाएं डॉक्टर निशी प्रकाश डॉक्टर निशा वर्मा ,डॉ मोनिका सहाय ,डॉ रचना निगम एवं अन्य संबंधित शिक्षिकाएं डॉ प्रीति सिंह आदि उपस्थित रहे, कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

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एस ऍन सेन बी वी पी जी कॉलेज की ऍन एस एस यूनिट कादोमबिनी देवी द्वारा काकोरी ग्राम में एक नेत्र चिकित्सा शिविर का आयोजन

कानपुर 16 अप्रैल एस ऍन सेन बी वी पी जी कॉलेज की ऍन एस एस यूनिट कादोमबिनी देवी के द्वारा काकोरी ग्राम में एक नेत्र चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत १० बजे सरस्वती माता को माल्यार्पण तथा दीप प्रज्वलन कर शिविर का उदघाटन महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ निशा अगरवाल तथा ऍन एस एस कार्यक्रम अधिकारी डॉ चित्रा सिंह तोमर, हेल्थ क्लब की प्रभारी डॉ प्रीती सिंह, नेत्र विशेषज्ञ डॉ रवि गुप्ता व उनकी टीम एवम ऍन एस एस वालंटियर्स के द्वारा ग्राम वासियों के सानिध्य में किया गया।
कार्यक्रम अधिकारी डॉ चित्रा सिंह तोमर तथा डॉ प्रीती सिंह ने प्राचार्य व अन्य अतिथियों का स्वागत माल्यार्पण कर किया। इस अवसर पर प्राचार्य ने नेत्रों को महत्वूर्ण बताते हुए उनका विशेष ध्यान रखने का आवाहन किया, तथा सभी को नियमित जांच करवाने का सुझाव दिया। उन्होंने कार्यक्रम अधिकारी डॉ चित्रा सिंह तोमर को शिविर के सफल आयोजन की शुभकामनाये दी तथा स्वयं भी नेत्र जांच कराई शिविर में ३० वालंटियर्स, ७० ग्राम वासी, प्राचार्य, कार्यक्रम अधिकारी, हेल्थ इंचार्ज तथा सभी आगंतुकों ने नेत्र जांच करवाई ।
नेत्र विशेषज्ञ डॉ रवि गुप्ता ने सभी को उचित उपचार की सलाह दी। डॉ प्रीती सिंह ने सभी का धन्यवाद अदा किया। १ दिवसीय शिविर का समापन राष्ट्र गान के साथ हुआ ।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज वार्षिक दिवस में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित

कानपुर भारतीय स्वरूप संवाददाता क्राइस्ट चर्च पीजी कॉलेज मे वार्षिक दिवस का आयोजन हुआ। जिसमें छत्रपति शाहूजी महाराज कानपुर के रजिस्ट्रार डॉ अनिल कुमार यादव उपस्थित रहे।कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार तथा कॉलेज के प्राचार्य डॉ जोसेफ डेनियल तथा एनएसएस प्रोग्राम ऑफिसर डॉ सुनीता वर्मा के निर्देशन में हुआ । इसके पश्चात स्वयंसेवकों द्वारा सरस्वती वंदना हुई इसके उपरांत मुख्य अतिथि तथा हमारे कॉलेज के प्राचार्य ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों को संबोधित किया तथा स्वयंसेवकों को ट्रॉफी तथा प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया । इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत गणेश वंदना तथा स्वयं सेवकों ने एनएसएस योजना के विषय में विस्तृत रूप से अवगत कराया, कार्यक्रम का समापन एनएसएस का लक्ष्य गीत गाकर हुआ । इसके उपरांत कार्यक्रम अधिकारी डॉ सुनीता वर्मा ने सभी स्वयंसेवकों का मार्गदर्शन किया एवं इसमें एनएसएस के मुख्य हर्षवर्धन दीक्षित एवं खुशी मल्होत्रा एवं समन्वयको आयुषी पाठक,आयुष कुमार ने एनएसएस की टीम जिनमें अरबाज खान , मोमिन अली , विलायत फातिमा आदि ने मिलकर कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न किया!

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बेटा-बेटी एक समान, शिक्षा है सबका अधिकार आदि नारों से सुसज्जित प्रदेश में स्कूल चलो अभियान प्रारम्भ

कानपुर 8 अप्रैल (सू0वि0) बेटा-बेटी एक समान, शिक्षा है सबका अधिकार आदि नारों से सुसज्जित प्रदेश में स्कूल चलो अभियान प्रारम्भ सब पढ़े, सब बढ़े, शिक्षा विकास की कुंजी है। कोई न छूटे इस बार, शिक्षा है सबका अधिकार, घर-घर दीप जलाओ अपने बच्चे सभी पढ़ाओ, पढ़ेंगे पढ़ायेंगे उन्नत देश बनायेंगे, एक भी बच्चा छूटा, संकल्प हमारा छूटा, पढ़ी लिखी नारी घर की उजियारी, आदि नारों से सुसज्जित उ0प्र0 में स्कूल चलो अभियान उ0प्र0 सरकार का बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित करते हुए नजदीकी प्राथमिक विद्यालयों में पंजीकरण कराकर शिक्षा देने का बड़ा कार्यक्रम प्रारम्भ हो गया है। इस अभियान के तहत प्राइमरी/बेसिक शिक्षा के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी, ग्राम प्रधान, विद्यालय प्रबन्ध समिति के सदस्यों द्वारा घर-घर जाकर अभिभावकों को जागरूक किया जाता है। शिक्षा मनुष्य के उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक उपकरण है। जीवन में शिक्षा रूपी उपकरण का प्रयोग कर कुछ भी अच्छा प्राप्त किया जा सकता है। शिक्षा लोगों को सामाजिक, आर्थिक और पारिवारिक, सम्मान, आदर्श एवं नैतिकता के साथ मानवता का बोध कराती है। शिक्षा लोगों में आत्म विश्वास विकसित करने के साथ ही व्यक्तित्व निर्माण में सहायक होती है। पूरी शिक्षण प्रक्रिया के दौरान प्राप्त किया गया ज्ञान व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाती है। यह समाज के सभी व्यक्तियों में समानता और बन्धुत्व की भावना लाती है। शिक्षा से ही समाज और राष्ट्र का निर्माण होता है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के महत्व को बढ़ावा देने के लिए हर तरह की सुविधायें दे रहे है और लोगों में शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए प्रतिवर्ष स्कूल चलो अभियान चला रहे हैं।
प्रदेश में 04 अप्रैल, 2022 से 30 अप्रैल, 2022 की अवधि में स्कूल चलो अभियान कार्यक्रम प्रारम्भ हो गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के कर कमलों द्वारा दिनांक 04 अप्रैल, 2022 को जनपद श्रावस्ती से ‘‘स्कूल चलो अभियान’’ कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया है। उत्तर प्रदेश में विगत पांच वर्षों में विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के नामांकन में अभूतपूर्व वृद्धि हुयी है। ‘‘स्कूल चलो अभियान’’ कार्यक्रम के अन्तर्गत बच्चों को विद्यालयों में प्रवेश दिलाकर शिक्षा की मुख्यधारा में जोड़े जाने के लिए सरकार तत्पर है। सरकार द्वारा घर-घर जाकर अभिभावकों को जागरूक करने, उन्हें शिक्षा के महत्व से परिचित कराने, शतप्रतिशत बालक-बालिकाओं का नामांकन कराने एवं उन्हें नियमित रूप से विद्यालय भेजने हेतु प्रेरित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में ‘‘स्कूल चलो अभियान’’ कार्यक्रम लगातार संचालित किया जा रहा है। स्कूल चलो अभियान के कारण विगत शैक्षिक सत्रों में परिषदीय विद्यालयों में छात्र नामांकन में पर्याप्त वृद्धि हुयी है, जिसमें शैक्षिक सत्र 2016-17 में 15231268 छात्र-छात्राओं का नामांकन हुआ था वही वर्ष 2017-18 15367206, 2018-19 में 15892722, 2019-20 में 16012684, 2020-21 में 16632987 एवं 2021-22 में 17354636 का नामांकन हुआ। प्रदेश में शारदा कार्यक्रम के अंतर्गत ऑउट ऑफ स्कूल बच्चों का चिन्हांकन कर विद्यालयों में नामांकन किया जा रहा है, जिसमें अध्यापक, ग्राम प्रधान एवं विद्यालय प्रबन्ध समिति के सदस्यों का सहयोग लिया जा रहा है। आपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत प्रदेश के 1.33 लाख स्कूलों को बुनियादी अवस्थापना सुविधाओं से संतृप्त किया जा रहा है। प्रदेश में कक्षा 1-8 में अध्ययनरत राजकीय, परिषदीय, सहायता प्राप्त विद्यालयों में अध्ययनरत समस्त छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खाते में निःशुल्क यूनिफार्म, स्वेटर, जूता-मोजा एवं स्कूल बैग की धनराशि डीबीटी के माध्यम से हस्तान्तरित किये जाने की व्यवस्था लागू है। समस्त राजकीय, परिषदीय, सहायतित विद्यालयों एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा-1 से 8 तक के समस्त बालक/बालिकाओं को निःशुल्क पाठ्यपुस्तक एवं कार्यपुस्तिका वितरण किया जा रहा है। प्रदेश में प्री-प्राइमरी पर समुदाय जागरूकता हेतु हमारा-आँगन-हमारे बच्चे , विकास खण्ड स्तरीय कार्यक्रम, संचालित किया जा रहा है। प्रदेश के सभी विद्यालयों में बच्चों में बुनियादी भाषा एवं गणित में कौशल विकास हेतु निपुण भारत मिशन का क्रियान्वयन किया जा रहा है। प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को आकर्षित करने हेतु खेलकूद सामग्री, तथा बच्चों को रूचिकर शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से पुस्तकालय की पुस्तकों एवं गणित किट उपलब्ध करायी गयी है।
प्रदेश सरकार ने प्रदेश में 06-14 आयु वर्ग के समस्त दिव्यांग बच्चों को गुणवत्तापरक समावेशी शिक्षा प्रदान की जा रही है। दृष्टि दिव्यांग बच्चों हेतु बेल पाठ्यपुस्तकें तथा अल्प दृष्टि दिव्यांग बच्चों हेतु इंलार्ज पाठ्यपुस्तकों की व्यवस्था की गयी है तथा गम्भीर रूप से दिव्यांग बालिकाओं हेतु स्टाइपेन्ड दिया जा रहा है। कक्षा 01 से 03 में अध्ययनरत समस्त दिव्यांग बच्चों को हिन्दी भाषा एवं गणित विषय की सुगम्य वर्कशीट्स का वितरण किया गया है। छात्र-छात्राओं के लिए रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया गया। मिशन शक्ति के अंतर्गत बालिकाओं की शिक्षा, सशक्तीकरण एवं स्वालम्बन की गतिविधियां संचालित की जा रही हैं, जिससे बालिकाओं में आत्म विश्वास आ रहा है।

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एस एन सेन बा वि पी जी कॉलेज में छात्राओं के कैरियर हेतु ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल द्वारा एक सेमिनार का आयोजन

कानपुर 8 अप्रैल, भारतीय स्वरूप संवाददाता, विगत दिवस एस. एन. सेन बा. वि. पी. जी. कॉलेज कानपुर में छात्राओं के कैरियर हेतु ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल द्वारा एक सेमिनार का आयोजन किया गया । कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती जी को दीप प्रज्जवलित वा माल्यार्पण कर किया गया। एस पी एम नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्या सोनम गुप्ता जी , प्रोफेसर प्रज्ञा वर्मा तथा प्रोफेसर वागीश केशरी व कालेज की प्राचार्या डॉ. निशा अग्रवाल, ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल की इंचार्ज डॉ गार्गी यादव , डॉ निशा वर्मा तथा डा कोमल सरोज ने किया।प्राचार्या डॉ निशा अग्रवाल ने सभी आए हुए सदस्यों का स्वगत किया।. प्रोफेसर सोनम गुप्ता ने ए एन एम (ANM)और जी एन एम (GNM) के बारे में छात्राओं को विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में सिर्फ साइंस बैकग्राउंड के छात्र ही नहीं बल्की आर्ट्स विषय के छात्र भी इसमें अपना कैरियर बना सकते हैं। उन्होंने बताया की इस क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं जैसे एएनएम के क्षेत्र में सामुदायिक स्वास्थ्य नर्सिंग, स्टाफ नर्स,होम केयर नर्स, ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र, निजी अस्पताल, एन जी ओ, तथा जीएनएम कोर्स के अंतर्गत कानूनी सलाहकार, मानसिक स्वास्थ्य देखभाल कर्ता, नर्सिंग शिक्षक , ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र, सरकारी अस्पताल, गैर सरकारी संगठन, वृद्धा आश्रम, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र निजी अस्पताल आदि में रोजगार के अवसर उपल्ब्ध है। प्रोफेसर विशाल ने भी छात्राओं को संबोधित किया. प्राचार्या डॉ. निशा अग्रवाल ने बताया कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत महाविद्यालय में स्थापित ट्रेंनिंग एंड प्लेसमेंट सेल द्वारा छात्राओं के ज्ञानवर्धन, विकास और रोजगार से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम करवाता रहता है, जिससे छात्राओं का सर्वांगीण विकास हो सके।

कार्यक्रम का संचालन ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल की प्रभारी डॉ. गार्गी यादव ने औऱ धन्यवाद ज्ञापन डॉ. निशा वर्मा ने किया कार्यक्रम में डॉ कोमल सरोज, डा प्रभात, डॉ प्रीता अवस्थी, डॉ कीर्ति पाण्डे , कु वर्षा सिंह, कु तैय्यबा आदि प्रवक्ताए और छात्राएं उपस्थित रहीं.

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एस एन सेन बी वी पी जी कॉलेज की कादोम्बिनी देवी एन. एस. एस. यूनिट द्वारा काकोरी ग्राम में आयोजित सात दिवसीय विशेष शिविर का आज समापन

कानपुर 31मार्च, भारतीय स्वरूप संवाददाता,  एस एन सेन बी वी पी जी कॉलेज की कादोम्बिनी देवी एन. एस. एस. यूनिट द्वारा काकोरी ग्राम में आयोजित सात दिवसीय विशेष शिविर का समापन समारोह महाविद्यालय सभागार में मां सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलन, पुष्प अर्पण, सरस्वती वंदना से आरंभ किया गया। शिविर में अथिति के रूप में एस एच ओ छावनी अर्चना सिंह, संस्थापक अध्यक्ष महिला जागृति संस्थान कानपुर विजयेता श्रीवास्तव, आरोग्य भारती संस्थान कानपुर के जिलाध्यक्ष डॉ. बी. एन. आचार्य, अधिवक्ता कानपुर कोर्ट श्री मुकेश श्रीवास्तव एवम् विशाल श्रीवास्तव, काकोरी ग्राम से अनिता देवी, पुष्पा देवी, बेबी देवी, सुरेखा देवी, दीपाली, रूपाली, मिताली, अंकिता तथा शिवानी कार्यक्रम में उपस्थित रहें। सभी अतिथियों का महाविद्यालय की ओर से स्मृतिचिह्न देकर स्वागत एवम् सम्मान किया गया।निश्चित रूप से महाविद्यालय प्रबंधन तंत्र के अध्यक्ष, सचिव एवम् संयुक्त सचिव, प्राचार्या महोदया, एन. एस. एस. प्रभारी तथा उनकी पूरी टीम, तथा समस्त शिक्षिकाओं की सभागार में गरिमामय उपस्थिति ने कार्यक्रम को सफल बनाने में महती भूमिका निभाई।प्राचार्या डॉ. निशा अग्रवाल जी ने अपने स्वागत वक्तव्य में हमेशा की तरह अपने आशीर्वचनों से सभी को उत्साहित, प्रफ्फुलित, एवम् प्रेरित किया। डॉ. बी. एन. आचार्य जी ने स्वस्थ रहने के चार सूत्र – नियम, संयम, प्राणायाम एवम् संतुलित आहार पर बल दिया। एस एच ओ अर्चना सिंह ने बालिकाओं व महिलाओं को अपनी सुरक्षा के प्रति सर्वप्रथम स्वयं तत्पर रहने और सुरक्षित कदम उठाने की महत्त्वपूर्ण सलाह दी गई। श्रीमती विजेयता श्रीवास्तव ने महिला उत्थान में निरंतर योगदान देने की अपनी प्रतिज्ञा को दोहराया। अधिवक्ता मुकेश श्रीवास्तव ने असहाय लोगों की निस्वार्थ सेवा करने का संकल्प लिया। अधिवक्ता विशाल श्रीवास्तव ने सभी ग्रामीण महिलाओं की सहायता करने का वादा किया। ग्राम काकोरी से रूपाली ने महाविद्यालय परिवार को धन्यवाद देते हुए भविष्य में भी इसी प्रकार के कैंप गांव में लगते रहें, ऐसी इच्छा व्यक्त की।कार्यक्रम को समापन की ओर सफलतापूर्वक ले जाने का कार्य एन एस प्रोग्राम ऑफिसर डॉ. चित्रा सिंह तोमर ने अपने चिरपरिचित अंदाज में दमदार धन्यवाद ज्ञापन के साथ बखूबी किया। उन्होंने प्रत्येक कड़ी को उचित स्थान देकर धन्यवाद ज्ञापन दिया।

मंच संचालन डॉ. प्रीति सिंह के द्वारा क्रमबद्ध रूप से किया गया। शिविर की आख्या डॉ. अनामिका राजपूत ने सारगर्भित रूप में प्रस्तुत की। डॉ. मोनिका शुक्ला, डॉ. अंजना गुप्ता ने अतिथि परिचय पढ़ने की परंपरा का निर्वहन किया। श्रीमती चेतना त्रिपाठी ने स्वयं सेविकाओं के साथ कार्यक्रम की आवश्यक व्यवस्था करने में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। स्वयं सेविकाओं की सांस्कृतिक प्रस्तुति, श्री गुलशन मोगा ने अपनी संगीत विभाग की छात्राओं के साथ कार्यक्रम में समां बांध दिया। सभी स्वयं सेविकाओं को प्रमाणपत्र एवम् मेडल का वितरण भी समापन समारोह में किया गया। अंत में राष्ट्रगान के साथ सात दिवसीय विशेष शिविर का समापन किया गया।

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