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स्मार्ट सिटी कानपुर द्वारा शहर में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने एवं पानी और बिजली की बचत के लिए जल आपूर्ति स्काडा की 21 करोड़ रूपये की परियोजना शुरू

भारतीय स्वरूप संवाददाता, स्मार्ट सिटी कानपुर द्वारा शहर में पानी की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने एवं पानी और बिजली की बचत के लिए जल आपूर्ति स्काडा (पर्यवेक्षी नियंत्रण और डेटा अधिग्रहण) की 21 करोड़ रूपये की परियोजना शुरू की गई है

इस परियोजना के माध्यम से शहर में अधिक से अधिक ‘‘जल आपूर्ति’’ और ’’जल संरक्षण’’ संभव होगा और उसका बेहतर उपयोग हो सकेगा। आज आयुक्त ने जल संस्थान, बेनाझाबर में स्थापित नए कन्ट्रोल रूम और नियंत्रण कक्ष के द्वारा (वाटर फिल्ट्रेशन बेड) में जल आपूर्ति स्काडा परियोजना का निरीक्षण किया और कंट्रोल रूम के कार्यप्रणाली की समीक्षा कीl

इस कंट्रोल रूम के द्वारा जल आपूर्ति प्रणाली का प्रभावी और कुशल संचालन और बेहतर रखरखाव किया जा सकेगा।

निरीक्षण के महत्वपूर्ण बिंदु और परियोजना के तथ्य इस प्रकार हैं-

1. यह स्मार्ट सिटी द्वारा शुरू की गई एक विशेष परियोजना है जो कानपुर शहर में अधिक से अधिक ‘‘जल आपूर्ति’’ ’’जल संरक्षण’’ सुनिश्चित करने में मदद करेगीl

2. यह परियोजना प्रदेश की पहली ऐसी परियोजना है जिसमें सभी प्लांटस को एक ही स्थान से संचालित व मॉनीटर किया जा सकता है जिससे किसी भी समस्या या खराबी का संज्ञान लेकर तत्काल मरम्मत किया जा सकता है।

3. पर्यवेक्षी नियंत्रण और डेटा अधिग्रहण (SCADA) एक नियंत्रण प्रणाली है जिसमें उच्च स्तरीय प्रक्रिया पर्यवेक्षी प्रबंधन के लिए कंप्यूटर, नेटवर्क डेटा संचार और ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (जीयूआई) शामिल हैं। जिनसे जल प्रवाह का मापन भी सम्भव है।

4. परियोजना में 100 एम0एल0डी0 का एक व 200 एम0एल0डी0 का रॉ वाटर पम्प हाउस बनाया गया है जिसकी 06 जोनल पम्पिंग स्टेशन से आपूर्ति की जायेगी।

5. गंगा बैराज पर 200 एम0एल0डी0 के तीन वाटर ट्रीटमेन्ट प्लान्ट स्थापित किये गये है। तीनो प्लांटस के रॉ वाटर पम्प से पानी निर्गत होने के बाद पानी की बड़ी से बड़ी अशुद्धियों को रोक कर साफ किया जाता है। साफ पानी को ‘‘क्लीयर वाटर पम्प हाउस’’ में भेजा जाता है। ‘‘क्लीयर वाटर पम्प हाउस’’ से पम्पिंग के माध्यम से पूरे शहर में जलापूर्ति की जायेगी, जिसका बेनाझाबर जल-कल बिल्डिंग स्थित कन्ट्रोल रूम से नियंत्रण किया जा सकता है। बेनाझाबर स्थित 200 व 80 एम0एल0डी0 प्लांटस में नये प्रकार के वाल्वस का कार्य लगभग पूर्ण कर लिया गया है। अन्य प्लांटस व जोनल पम्पिंग स्टेशन का कार्य भी जल्दी ही पूर्ण कर लिया जायेगा।

6. SCADA परियोजना कार्यान्वयन के लिए IIT कानपुर मुख्य सलाहकार/पर्यवेक्षण है।

7. इस परियोजना से बड़ी मात्रा में पेयजल संरक्षण और उसकी बेहतर और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित होगी तथा बिजली की खपत में काफी हद तक कमी हो जायेगीl

8. इस परियोजना की कार्यान्वयन एजेंसी जल निगम और जल संस्थान है तथा डेवलपर योकोगावा इण्डिया लि0 कंपनी हैl

9. आयुक्त ने एजेंसी को पहले चरण का कार्य मार्च अन्त तक, द्वितीय चरण के कार्य सितम्बर-2022 तक तथा तृतीय चरण के कार्य को मार्च-2023 तक पूरा करने के निर्देश दिये गये।

आयुक्त ने स्मार्ट सिटी, जल निगम, जल संस्थान, आईआईटी कानपुर टीम के नोडल अधिकारी और निर्माण एजेंसी के अधिकारियों को साप्ताहिक आधार पर एक साथ बैठने और कार्य प्रगति में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।

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केन्द्रीय गृह मंत्रीअमित शाह ने आज नई दिल्ली में एक बैठक में जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में एक बैठक में जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। बैठक में जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजित डोभाल तथा जम्मू और कश्मीर प्रशासन और सेना सहित भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

अमित शाह ने सुरक्षा एजेंसियों के प्रयासों की सराहना की जिससे पिछले कुछ वर्षों में जम्मू और कश्मीर में आतंकी घटनाओं में कमी आई है। आतंकी घटनाएँ 2018 में 417 से घटकर 2021 में 229 हो गई हैं, जबकि सुरक्षा बलों के शहीद हुए कर्मियों की संख्या 2018 में 91 से कम होकर 2021 में 42 हो गई है।

गृह मंत्री ने सुरक्षा ग्रिड को और अधिक मज़बूत करने के निर्देश दिये ताकि सीमा-पार घुसपैठ शून्य हो और आतंकवाद का उन्मूलन हो सके।

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प्रधानमंत्री ने अफगानिस्‍तान के सिख-हिंदू प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज सुबह 7 लोक कल्‍याण मार्ग पर अफगानिस्‍तान के सिख-हिंदू प्रतिनिधिमंडल के सदस्‍यों से मुलाकात की। उन्होंने प्रधानमंत्री को सम्मानित किया और अफगानिस्तान से सिखों और हिंदुओं को सुरक्षित रूप से भारत लाने के लिए उन्हें धन्यवाद भी दिया।

प्रधानमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल का स्‍वागत किया और कहा कि वे अतिथि नहीं है बल्कि अपने ही घर में हैं, उन्‍होंने यह भी कहा कि भारत उनका घर है। उन्‍होंने अफगानिस्‍तान में उनके सामने आने वाली अत्‍यधिक कठिनाइयों तथा उन्‍हें सुरक्षित भारत लाने के लिए सरकार द्वारा उपलब्‍ध कराई गई सहायता के बारे में चर्चा की। इस आलोक में, उन्‍होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम के महत्‍व तथा समुदाय के लिए इसके लाभ के बारे में भी बात की। उन्‍होंने उन्‍हें भविष्‍य में भी निरंतर सहायता करने के साथ-साथ उनके सामने आने वाली सभी समस्‍याओं और कठिनाइयों को हल करने का भरोसा दिलाया।

प्रधानमंत्री ने गुरु ग्रंथ साहिब के सम्‍मान की परम्‍परा के महत्‍व के बारे में भी चर्चा की। जिसके आलोक में गुरु ग्रंथ साहिब के स्‍वरूप को अफगानिस्‍तान से वापस लाने के लिए विशेष व्‍यवस्‍था की गई थी। उन्‍होंने पिछले कुछ वर्षों में अफगानिस्‍तान के नागरिकों से प्राप्‍त अपार प्रेम की भी चर्चा की तथा काबुल की अपनी यात्रा का स्‍मरण किया।

श्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने समुदाय को सुरक्षित वापस लाने के लिए भारत से सहायता भेजने के लिए प्रधानमंत्री को धन्‍यवाद दिया और कहा कि जब कोई भी उनके साथ नहीं खड़ा था तो प्रधानमंत्री ने निरंतर समर्थन तथा समय पर सहायता सुनिश्चित की। प्रतिनिधि मंडल के अन्‍य सदस्‍यों ने भी संकट के समय उनके लिए खड़े होने के लिए प्रधानमंत्री को धन्‍यवाद दिया। उन्‍होंने कहा कि उनकी आंखों में आंसू आ गए थे जब उन्होंने उन्हें समुचित सम्मान के साथ गुरुग्रंथ साहिब के स्वरूप को अफगानिस्तान से भारत वापस लाने के लिए विशेष व्यवस्था के बारे में सुना। उन्‍होंने सीएए लाने के लिए भी उन्‍हें धन्‍यवाद दिया, जो उनके समुदाय के सदस्‍यों के लिए अत्‍यधिक मददगार होगा। उन्‍होंने कहा कि वह केवल भारत के प्रधानमंत्री नहीं है बल्कि दुनिया के प्रधानमंत्री हैं, क्‍योंकि वह दुनियाभर में विशेष रूप से हिंदुओं और सिखों के सामने आने वाली कठिनाइयों को समझते हैं तथा ऐसे सभी मामलों में तत्‍काल सहायता उपलब्‍ध कराने के लिए हरसंभव प्रयास करते हैं। इस अवसर पर केन्‍द्रीय मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी तथा केन्‍द्रीय राज्‍य मंत्री सुश्री मीनाक्षी लेखी भी उपस्थित थीं।

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भारत-यूएई आर्थिक साझेदारी समझौता भारतीय वस्तुओं और सेवाओं के लिए नए बाजार खोलेगा

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केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को हस्ताक्षर किए गए भारत-यूएई व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते को एक ऐतिहासिक समझौता बताया है, जो भारतीय वस्तुओं और सेवाओं के लिए नए बाजार खोलेगा।

समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के एक दिन बाद मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री पीयूष गोयल ने कहा, “भारत-यूएई व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) एमएसएमई, स्टार्ट-अप, किसानों, व्यापारियों और व्यवसायों के सभी वर्गों के लिए अत्यधिक लाभप्रद होगा।”

क्षेत्रवार लाभों की चर्चा करते हुए, उन्होंने कहा कि कपड़ा, रत्न और आभूषण, चमड़े के सामान तथा जूते और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग जैसे श्रम प्रधान उद्योग सबसे अधिक लाभान्वित होने वालों में शामिल होंगे।

श्री गोयल ने जोर देकर कहा कि सीईपीए एक संतुलित, निष्पक्ष, व्यापक और न्यायसंगत साझेदारी समझौता है, जो वस्तुओं तथा सेवाओं दोनों में भारत के लिए बढ़ा हुआ बाजार उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा, “यह हमारे युवाओं के लिए रोजगार सृजित करेगा, हमारे स्टार्टअप के लिए नए बाजार खोलेगा, हमारे व्यवसायों को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगा और हमारी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा।”

मंत्री ने बताया कि क्षेत्रवार परामर्शों ने दर्शाया है कि यह समझौता भारतीय नागरिकों के लिए कम से कम 10 लाख रोजगार सृजित करेगा।

श्री गोयल ने यह भी बताया कि सीईपीए जिसे केवल 88 दिनों के रिकॉर्ड समय में अंतिम रूप दिया गया था तथा हस्ताक्षर किया गया था, मई की शुरुआत तक, 90 दिनों से भी कम समय में प्रभावी हो जाएगा। उन्होंने मीडिया को बताया कि “भारत से यूएई को निर्यात किए जाने वाले लगभग 90 प्रतिशत उत्पादों पर समझौते के कार्यान्वयन के साथ शून्य शुल्क लगेगा। व्यापार की 80 प्रतिशत लाइनों पर शून्य शुल्क लगेगा, शेष 20 प्रतिशत हमारे निर्यात को ज्यादा प्रभावित नहीं करते हैं, इसलिए यह सभी के लिए लाभप्रद समझौता है।”

किसी व्यापार समझौते में पहली बार सीईपीए में किसी भी विकसित देश में स्वीकृत होने के बाद, 90 दिनों में भारतीय जेनेरिक दवाओं के स्वचालित पंजीकरण और विपणन प्राधिकरण का प्रावधान किया गया है। इससे भारतीय औषधियों को बड़े बाजार में पहुंच प्राप्त हो सकेगी।

भारतीय आभूषण निर्यातकों को यूएई में शुल्क-मुक्त सुविधा प्राप्त हो सकेगी, जबकि वर्तमान में ऐसे उत्पादों पर 5 प्रतिशत सीमा शुल्क लगता है। इससे आभूषण निर्यात में भारी वृद्धि होगी, क्योंकि भारत में डिजाइन किए गए आभूषणों की बाजार में बहुत अच्छी प्रतिष्ठा है। रत्न एवं आभूषण क्षेत्र को 2023 तक अपने निर्यात के 10 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाने की उम्मीद है।

सीईपीए न केवल भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार करेगा, बल्कि भारत को कार्यनीतिक लाभ भी प्रदान करेगा। श्री गोयल ने कहा, “चूंकि संयुक्त अरब अमीरात एक व्यापारिक केंद्र के रूप में कार्य करता है, इसलिए यह समझौता हमें अफ्रीका, मध्य पूर्व और यूरोप में बाजार में प्रवेश बिंदु प्रदान करने में मदद करेगा।”

श्री पीयूष गोयल ने कहा कि सीईपीए के संपन्न होने के साथ भारत और यूएई का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय वस्तु व्यापार को बढ़ाकर 100 अरब डॉलर तक ले जाना है। उन्होंने कहा, “यद्यपि, मेरा विश्वास ​​है कि दोनों देशों के बीच व्यापार की संभावनाएं और भी बड़ी हैं, हम अपने लिए निर्धारित लक्ष्य को पार कर लेंगे।” संयुक्त अरब अमीरात भारत का तीसरा सबसे बड़ा द्विपक्षीय व्यापारिक साझेदार है।

2022 में ही जीसीसी के साथ समझौता

श्री पीयूष गोयल ने यह भी जानकारी दी कि सरकार को इस वर्ष के दौरान ही खाड़ी सहयोग परिषद के देशों के साथ एक समान आर्थिक साझेदारी समझौते किए जाने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा कि जीसीसी के महासचिव ने बातचीत में तेजी लाने की इच्छा व्यक्त की है और कहा, “हमें अपनी बातचीत करने की क्षमता पर भी भरोसा है, हमने यूएई के साथ त्वरित रूप से बातचीत की है, और हमें विश्वास है कि जीसीसी के साथ इसी वर्ष व्यापार पर इसी प्रकार का समझौता कर लिया जाएगा।”

जीसीसी 1.6 ट्रिलियन डॉलर के संयुक्त सांकेतिक जीडीपी के साथ खाड़ी क्षेत्र में छह देशों अर्थात् सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, कुवैत, ओमान और बहरीन का एक संघ है।

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गडकरी ने आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में 21,559 करोड़ रुपये के निवेश से 51 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में आज 21,559 करोड़ रुपए के निवेश से कुल 1380 किलोमीटर लंबी 51 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।

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इस अवसर पर श्री गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम आंध्र प्रदेश में विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि बेहतर सड़क संपर्क तटीय क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देगा, शहरी और ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेगा और आंध्र प्रदेश के लोगों को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

 

श्री नितिन गडकरी ने कहा कि सेतु भारतम के तहत आरओबी के निर्माण से निर्बाध यातायात की सुविधा होगी, यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, समय के साथ-साथ ईंधन की बचत होगी और प्रदूषण भी कम होगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास की धमनियां हैं।

 

श्री गडकरी ने कहा कि आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम और काकीनाडा बंदरगाहों के बीच 4 लेन की सड़क आवाजाही की सुविधाओं में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि बेंज सर्कल फ्लाईओवर के निर्माण से विजयवाड़ा शहर में भीड़भाड़ कम करने में मदद मिलेगी।

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विकसित देशों की गैर टिकाऊ जीवनशैली आज भी पूरी दुनिया को खतरे में डाल रही है: भूपेन्दर यादव

केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री  भूपेन्दर यादव ने 16 फरवरी 2022 को विश्व टिकाऊ विकास सम्मेलन 2022 के 21वें संस्करण के उद्घाटन सत्र में विशेष भाषण दिया। डब्ल्यूएसडीएस ऊर्जा एवं संसाधन संस्थान (टेरी) का वार्षिक प्रमुख कार्यक्रम है।

श्री यादव ने जोर देकर कहा कि जलवायु परिवर्तन सहित वैश्विक पर्यावरण चुनौतियों का समाधान करने के लिए, हमें अब अनिवार्य रूप से समानता तथा समान लेकिन विभिन्न जिम्मेदारियों और संबंधित क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए सहमति प्राप्त वैश्विक नियमों पर कार्य करना चाहिए। पेरिस समझौता के लक्ष्यों को तब तक अर्जित नहीं किया जा सकता है जब तक कि सभी देशों द्वारा वैश्विक कार्बन बजट के उचित हिस्से के भीतर रहते हुए इक्विटी को कार्यान्वित न किया जाए। हमारा लक्ष्य न्यायसंगत सतत विकास तथा जलवायु कार्रवाईयों में निष्पक्षता होनी चाहिए। केवल तभी ‘‘जलवायु न्याय‘ प्राप्त किया जा सकता है।

उन्होंने यह भी कहा कि संसाधनों के उपयोग के प्रति दृष्टिकोण अनिवार्य रूप से ‘सचेत और सुविचारित उपयोग’  न कि ‘विचारहीन तथा विनाशकारी’ होना चाहिए।  एल. आई. एफ. आई. (लाइफस्टाइल फॉर द इनविरोनमेंट) जिसका भारत के प्रधानमंत्री ने ग्लासगो में सीओपी 26 में अनावरण किया था, के लक्ष्य को विश्व द्वारा अपनाया जाना चाहिए जिससे कि मानवता तथा ग्रह की रक्षा हो सके। श्री यादव ने कहा, ‘‘ जिन्होंने विश्व को गलत दिशा में ले जाने में सबसे अधिक योगदान दिया है, उन्हें ही अनिवार्य रूप से स्थिरता के मार्ग पर वापस लाने के लिए सर्वाधिक प्रयास करना चाहिए।”

पर्यावरण को बचाने की गहन आवश्यकता पर विचार करते हुए श्री यादव ने रेखांकित किया कि हालांकि औद्योगिक क्रांति से देशों में समृद्ध आई है, पर इसके कारण पर्यावरण को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा ‘‘अर्थव्यवस्था पर महामारी के प्रतिकूल प्रभावों के बावजूद, भारत ने वास्तव में अपनी जलवायु महत्वाकांक्षा में वृद्धि की है। भारत विश्व में सबसे महत्वाकांक्षी स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तनों की अगुवाई कर रहा है।”

श्री यादव ने यह भी कहा कि भारत के समावेशी तथा टिकाऊ वृहद-आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है कि देश के अनुकूलन तथा शमन दोनों ही उद्देश्‍यों को, हमारे लोगों की आकांक्षाओं तथा आवश्यकताओं के बड़े लक्ष्य के भीतर समान तथा न्यायोचित तरीके से पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि हमारे नवीनतम आम बजट ने इस मार्ग का अनुसरण करने के हमारे दृढ़ संकल्प की पुष्टि की है।

अपने संबोधन का समापन समानता की आवश्यकता के साथ करते हुए, उन्होंने कहा कि ‘‘विकसित देशों को अनिवार्य रूप से अपनी ओर से समुचित महत्वाकांक्षा के साथ प्रत्युत्तर देना चाहिए तथा निश्चित रूप से अपने दोनों वादों- अपनी जीवनशैली में परिवर्तन लाने के जरिये उत्सर्जन में भारी कमी लाने तथा विकासशील देशों को अधिक वित्त तथा प्रौद्योगिकीय सहायता उपलब्ध कराने- को पूरा करना चाहिए।

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आयुध पैराशूट फैक्ट्री के कर्मचारियों द्वारा स्थानीय समस्याओं के निवारण हेतु आज से एक सप्ताह का आंदोलन

कानपुर 21 फरवरी, भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ के अखिल भारतीय आवाहन पर दिनांक 21/02/2022 से 26/02/2022 तक देश की 41 आयुध निर्माणियों और इनके कर्मचारियों के हित लाभ की रक्षा से जुड़े स्थानीय मुद्दों के शीघ्र निस्तारण हेतु आंदोलन प्रारंभ किया गया। आंदोलन के क्रम में आयुध पैराशूट फैक्ट्री के अंतर्गत पैराशूट राष्ट्रीय मजदूर संघ ने आज दोपहर भोजनवाकश के समय निर्माणी द्वार पर कार्यकर्ताओं की भारी संख्या के साथ आंदोलन प्रारंभ किया। निर्माणी प्रबंधन से मांग की आयुध निर्माणियों का निगमीकरण हुए लगभग 5 माह बीत रहे है परंतु निर्माणी प्रशासन की सुस्ती के कारण कर्मचारियों की समस्याओं का निस्तारण निश्चित समय में नही हो रहा हैऔर कर्मचारियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

जैसे:- जीपीएफ आहरण समय से नही किया जाना, कच्चे माल की कमी को दूर न किया जाना, IR MECHANISH का गठन न किया जाना, मृतक आश्रितों को गत 3 वर्षों से नौकरी न देना, कोर्ट के आदेश होने के उपरांत एरियर का भुगतान न होना, पदोन्नति तथा पदोन्नति उपरांत वेतन निर्धारण समय से न किया जाना, लंबित मेडिकल बिलों तथा एरियर का भुगतान समय से न करना, वेतन विकल्प का लाभ शीघ्र लागू न करना इत्यादि।

आंदोलन का संचालन सुधीर त्रिपाठी ने किया तथा अध्यक्षता जितेंद्र चोपड़ा ने की, जिसमे मुख्य रूप से यूनियन के महामंत्री प्रेम कुमार तथा यूनियन के मंत्री संजीव कश्यप ने संबोधन दिया। कार्यक्रम में यूनियन के अन्य पदाधिकारियों के रूप में अमर बाबू,  अखिलेश प्रताप सिंह, रवी शंकर, प्रदीप सिंह , जय कुमार, सचिन वर्मा, अजय जायसवाल, वेद प्रकाश शर्मा, प्रवीण यादव के साथ अन्य वरिष्ठ कार्यकर्ता और निर्माणी के कर्मचारी उपस्थित थे।

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प्रधानमंत्री ने मणिपुर के रानी गाइदिन्ल्यू रेलवे स्टेशन पर पहली बार मालगाड़ी पहुंचने पर प्रसन्नता व्यक्त की

प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर के तामेंगलोंग जिले के रानी गाइदिन्ल्यू रेलवे स्टेशन पर पहली बार मालगाड़ी पहुंचने पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि मणिपुर की कनेक्टिविटी को और बेहतर किया जाएगा तथा वाणिज्य को बढ़ावा दिया जाएगा।

उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास (डोनर) मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी के एक ट्वीट के जवाब में, प्रधानमंत्री ने कहा:

“उत्तर पूर्वी क्षेत्र में बदलाव जारी है।

मणिपुर की कनेक्टिविटी को और बेहतर किया जाएगा तथा वाणिज्य को बढ़ावा दिया जाएगा। इस राज्य के उत्कृष्ट उत्पाद देशभर में भेजे जा सकते हैं।”

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डॉ. वी. अनंत नागेश्वरन की मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में नियुक्ति

 

सरकार ने डॉ. वी. अनंत नागेश्वरन को मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया है और उन्होंने आज कार्यभार ग्रहण कर लिया है।

इस नियुक्ति से पहले, डॉ. नागेश्वरन एक रचनाकार, लेखक, शिक्षक और सलाहकार के रूप में काम कर चुके हैं। उन्होंने भारत और सिंगापुर के कई बिजनेस स्कूलों तथा प्रबंधन संस्थानों में पढ़ाया है और आर्थिक विषयों पर उनके विचार बड़े पैमाने पर प्रकाशित हुए हैं।

डॉ. नागेश्वरन आईएफएमआर ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस के डीन और करा विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के एक सम्मानित विजिटिंग प्रोफेसर रहे हैं। वह 2019 से लेकर 2021 तक भारत के प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अंशकालिक सदस्य भी रहे हैं। उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, अहमदाबाद से प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा और एमहर्स्ट स्थित मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की है।

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भारत का स्टार्टअप ’बोटलैब’ कल शाम ’बीटिंग रिट्रीट’ समारोह के दौरान 1,000 ड्रोन उड़ाएगा

केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) द्वारा वित्त पोषित और आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्रों की अगुवाई में भारत का स्टार्टअप ’बोटलैब’ गणतंत्र दिवस से संबंधित लगभग एक सप्ताह तक चलने वाले कार्यक्रमों के समापन पर कल शाम ’बीटिंग रिट्रीट’ समारोह में लाइट शो के तहत 1,000 ड्रोन उड़ाएगा। उन्होंने बताया कि इससे भारत 1,000 ड्रोन के साथ इतने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करने वाला चीन, रूस और ब्रिटेन के बाद चौथा देश बन जाएगा।

ड्रोन की प्रस्तुति के एक निदर्शन के दौरान आज मंत्री ने अपने आवास पर ’बोटलैब’ स्टार्टअप टीम के सदस्यों के साथ बातचीत की जिसमें तन्मय बुनकर, सरिता अहलावत, सुजीत राणा, मोहित शर्मा, हर्षित बत्रा, कुणाल मीणा व अन्य शामिल थे। बोटलैब डायनेमिक्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और इंजीनियर्स इस बात से उत्साहित थे कि भारत में पहली बार 1,000 ड्रोन से एकसाथ आकाश को रोशन करने वालों में वे शुमार होंगे। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि स्टार्ट-अप, बोटलैब डायनेमिक्स को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा अनुसंधान एवं विकास के लिए एक करोड़ रुपये का सीड फंड दिया गया था और बाद में भारत में अपनी तरह की पहली तकनीकी परियोजना विकसित करने के लिए प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड की ओर से व्यापक पैमाने और व्यावसायीकरण के लिए 2.5 करोड़ रुपये दिए गए थे। मंत्री ने भारत को स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र का वैश्विक केंद्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन को पूरा करने के लिए इस तरह के और नवोन्मेषी टिकाऊ स्टार्ट-अप को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। बोटलैब डायनेमिक्स की एमडी डॉ सरिता अहलावत ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा प्रदान की गई पूरी वित्तीय सहायता के कारण ही ड्रोन परियोजना सफल हो पाई, क्योंकि निजी क्षेत्र हार्डवेयर स्टार्ट-अप को मदद करने के खिलाफ थे। उन्होंने बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रस्तावों को छोड़ देने और इस विचार को अपनाने के लिए परियोजना से जुड़े इंजीनियरों का भी आभार जताया।डॉ अहलावत ने 3डी कोरियोग्राफ किए गए ड्रोन लाइट शो के लिए 500-1000 ड्रोन से निर्मित रूप बदलने वाली झुंड प्रणाली यानी रिकन्फिगरेबल स्वार्मिंग सिस्टम डिजाइन व विकसित करने की परियोजना को पूरा समर्थन और प्रोत्साहन देने के लिए केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह को धन्यवाद दिया।डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में विकसित बोटलैब डायनेमिक्स टीडीबी से वित्तीय सहायता प्राप्त करने के बाद 6 महीने में एक फ्लीट 1000 झुंड ड्रोन विकसित करने में सक्षम हुआ। उन्होंने इस बात पर भी गर्व महसूस किया कि इस परियोजना को देश के भीतर स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है, जिसमें सभी आवश्यक घटकों का विकास शामिल था, जिसमें हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों जैसे फ्लाइट कंट्रोलर (ड्रोन का मस्तिष्क), सटीक जीपीएस, मोटर नियंत्रक, ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन (जीसीएस) एल्गोरिदम आदि शामिल हैं।

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि रक्षा मंत्रालय के सहयोग से बोटलैब ने स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में अनोखा ’ड्रोन शो’ की परिकल्पना की है। उन्होंने कहा कि ड्रोन शो 10 मिनट की अवधि का होगा और अंधकारमय आकाश में कई रचनात्मक संरचनाओं के माध्यम से आजादी के 75 साल में सरकार की उपलब्धियों को प्रदर्शित किया जाएगा। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस परियोजना की सफलता अंतर-मंत्रालयी समन्वय का एक आदर्श उदाहरण है जिसमें रक्षा मंत्रालय, डीएसटी, टीडीबी और आईआईटी दिल्ली के वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर अंतिम कार्यकारी अधिकारी तक सभी ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने और आत्मनिर्भर भारत मिशन की उपलब्धि को प्रदर्शित करने में कंपनी को प्रोत्साहन देने के लिए मिलकर काम किया। मंत्री ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग का सांविधिक निकाय प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड भारत में विभिन्न पारिस्थितिक तंत्रों के लिए नए अवसरों और क्षेत्र मुहैया करके अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में सहायक रहा है। टीडीबी का मानना है कि देश के आर्थिक, वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी विकास में योगदान करते हुए, नई प्रौद्योगिकियों को भविष्य के दशक में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।अपने अद्वितीय अधिदेश के साथ, टीडीबी स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के विकास और वाणिज्यिक अनुप्रयोग का प्रयास करने वाले या आयातित प्रौद्योगिकियों को व्यापक घरेलू अनुप्रयोगों के अनुकूल बनाने वाले भारतीय औद्योगिक संस्थाओं और अन्य एजेंसियों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। टीडीबी के वित्तपोषण को अन्य वित्तीय निकायों से विशिष्ट बनाने वाला दूसरा पहलू यह है कि यह उन कंपनियों को भी धन मुहैया करता है जिनमें उच्च जोखिम वाली प्रौद्योगिकी शामिल होती है। “टीडीबी के सचिव, आईपी एंड टीएएफएस, श्री राजेश कुमार पाठक ने कहा, “समय की कमी के कारण, यह परियोजना टीडीबी के लिए एक चुनौती के रूप में आई थी, लेकिन इसमें शामिल नवाचार और राष्ट्र निर्माण में योगदान को देखते हुए, टीडीबी ने इसे स्वीकार किया और हमें खुशी है कि हम समय पर सहायता प्रदान कर सके। साथ ही, परियोजना के लिए समय पर समर्थन देने के लिए प्रो. आशुतोष शर्मा (पूर्व अध्यक्ष, टीडीबी और पूर्व सचिव, डीएसटी) और परियोजना के राष्ट्रीय महत्व को समझने के लिए मेरे पूर्ववर्ती डॉ. नीरज शर्मा (पूर्व सचिव, टीडीबी) को मेरा आभार है।

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