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राजनीति

अग्निपथ भारतीय सशस्त्र बलों के लिए युवा और कुशल श्रमशक्ति के निर्माण को बढ़ावा देगा

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को अग्निपथ योजना की घोषणा की। यह योजना देश के सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम है और युवाओं के लिए राष्ट्र की सेवा करने का अवसर पैदा करती है। इसके अलावा, यह योजना सैन्य कार्यों के माध्यम से कुशल युवाओं का एक बड़ा समूह तैयार करती है जो भारत की समग्र रक्षा तैयारियों में योगदान कर सकते हैं और साथ ही अपने कौशल एवं अनुभव के जरिए अपने लिए अवसर पैदा कर सकते हैं तथा अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान कर सकते हैं। स्किल इंडिया तथा कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) को अग्निपथ योजना से जुड़े होने पर गर्व है और ये इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन में सशस्त्र बलों के साथ मिलकर काम करेंगे क्योंकि देश को युवा भारतीयों से लैस भविष्य के लिए तैयार एक सेना का निर्माण करना है।

स्किल इंडिया तथा कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) सशस्त्र बलों के विभिन्न अंगों के साथ मिलकर काम करेंगे, जिससे छात्रों को अतिरिक्त कौशल में प्रशिक्षित किया जा सके ताकि वे इन नौकरियों से जुड़े दायित्वों के लिए बेहतर तरीके से अनुकूल साबित हो सकें। इसके अलावा, सभी अग्निवीरों को सेवा में कार्यरत रहने के दौरान स्किल इंडिया का प्रमाण – पत्र मिलेगा। यह प्रमाण – पत्र  उन्हें हमारी अर्थव्यवस्था में पैदा हो रही उद्यमिता और नौकरी की विभिन्न भूमिकाओं से संबंधित उन विविध अवसरों का लाभ उठाने में सक्षम बनाएगा, जो उनके कार्यकाल की समाप्ति पर उपलब्ध होंगे। स्किल इंडिया के सभी संगठन – प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी), राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी), विभिन्न क्षेत्र से जुड़े कौशल परिषद, एनआईईएसबीयूडी एवं आईआईई जैसे उद्यमिता संस्थान, साथ ही कौशल नियामक एनसीवीईटी, इस अभियान से जुड़े होंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ये अग्निवीर सेवा में कार्यरत रहते हुए अपनी नौकरी के दायित्वों से संबंधित आवश्यक कौशल प्रमाण – पत्र प्राप्त कर लें। नौकरी के दौरान सीखे गए कुछ कौशल एनएसक्यूएफ पाठ्यक्रम के सीधे समकक्ष हो सकते हैं। कुछ अन्य कौशल के लिए, अतिरिक्त ऑनलाइन या ऑफलाइन, सिद्धांत या व्यावहारिक कौशल के साथ – साथ कार्य के दौरान हासिल किए गए अनुभव का पूरक होना आवश्यक हो सकता है। इन विवरणों के साथ-साथ सशस्त्र बलों के प्रशिक्षकों और विशेष रूप से सशस्त्र बलों से जुड़े प्रशिक्षण का मूल्यांकन करने वाले कर्मियों के किसी भी प्रशिक्षण, मूल्यांकन और प्रमाणन से संबंधित सभी पहलुओं पर काम किया जा रहा है। सेवा से मुक्त होने के समय, संपूर्ण कौशल इकोसिस्टम इन युवा अग्निवीरों के लिए खुला होगा, जिसकी वजह से वे विविध कौशल उन्नयन/बहु-कौशल प्रशिक्षण और उद्यमिता से संबंधित पाठ्यक्रमों से लाभान्वित होंगे।

यह अग्निपथ योजना परिवर्तनकारी है। इसके परिणामस्वरुप, तकनीकी रूप से सक्षम एवं  युवा श्रमशक्ति के निर्माण के साथ-साथ राष्ट्र-प्रथम जैसे हमारी सेना के मूल मूल्यों का निर्माण होगा, जोकि भारत के निरंतर विकास और प्रगति के लिए महत्वपूर्ण हैं। ये अग्निवीर हमारी सीमाओं की रक्षा और भारत को एक आधुनिक एवं प्रौद्योगिकी संचालित युवा वैश्विक महाशक्ति बनने के करीब ले जाने के मामले में एक संपदा के रूप में काम आएंगे।

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‘लोगों को विरोध करने का पूरा अधिकार है, लेकिन लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है’: उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने आज कहा कि लोगों को विरोध करने का पूरा अधिकार है, लेकिन एक लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से राष्ट्र के हितों को नुकसान होगा। श्री नायडू ने लोगों से चरमपंथी प्रवृत्तियों से दूर रहने का आह्वाहन किया। नायडू ने उप-राष्ट्रपति निवास में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों के एक समूह के साथ बातचीत की। इस दौरान उन्होंने लोगों से देश की एकता, संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करने का आह्वाहन किया। उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘घृणा और असहिष्णुता भारतीय संस्कृति का हिस्सा नहीं हैं।’ उपराष्ट्रपति ने इस बात को दोहराया कि भारत सबसे बड़ा संपन्न संसदीय लोकतंत्र है और ‘सर्व धर्म समभाव’ के सिद्धांत का अनुपालन करता है। उन्होंने कहा कि औपनिवेशिक शासकों ने भारतीयों के बीच एक हीन भावना उत्पन्न करने के प्रयास किए। श्री नायडू ने छात्रों से भारत की गौरवशाली सभ्यता पर गर्व करने का अनुरोध किया।

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छात्रों के विभिन्न सवालों के जवाब देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि जीवन में सफल होने के लिए ऊंचा लक्ष्य रखना, कड़ी मेहनत करना और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध रहना महत्वपूर्ण है। उन्होंने छात्रों को अपने महान नेताओं के जीवन व शिक्षाओं के बारे में पढ़ने और सफलता प्राप्त करने के लिए उनके गुणों को अपनाने की सलाह दी। उपराष्ट्रपति ने कहा कि वे चाहते हैं कि छात्र अधिक से अधिक भाषाओं में दक्षता प्राप्त करते हुए अपनी मातृभाषा की रक्षा करें और उसे बढ़ावा दें। उन्होंने छात्रों को स्वस्थ भोजन अभ्यासों को अपनाने और नियमित व्यायाम करने की भी सलाह दी।

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अग्निपथ योजना के लिए आयु में छूट देना युवाओं के लिए सरकार की चिंता को दर्शाता है: – राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा है कि अग्निपथ योजना भारतीय युवाओं के लिए सशस्त्र बलों में शामिल होने और अपनी मातृभूमि की सेवा करने का एक स्‍वर्णिम अवसर है। जम्मू-कश्मीर के दो दिन के दौरे पर आए श्री राजनाथ सिंह ने एक बयान में कहा कि कई युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने का अवसर नहीं मिल पाया, क्योंकि पिछले दो वर्षों से भर्ती प्रक्रिया सुचारु नहीं हो सकी थी। उन्होंने कहा कि युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर 2022 में भर्ती प्रक्रिया के लिए अग्निवीरों की भर्ती के उद्देश्य से आयु सीमा 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष कर दी है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि आयु में छूट देना इस बात का संकेत है कि सरकार को देश के युवाओं की परवाह है। सैन्य मामलों का विभाग, रक्षा मंत्रालय और सेनाएं जल्द से जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए वचनबद्ध हैं। हम युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने और अग्निपथ के माध्यम से राष्ट्र की सेवा करने के लिए आमंत्रित करते हैं।

बाद में, रक्षा मंत्री ने पहलगाम में जवाहर इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड विंटर स्पोर्ट्स (जेआईएम एंड डब्ल्यूएस) की नौवीं कार्यकारी परिषद और चौथी आम सभा की बैठक में भाग लिया। राजनाथ सिंह और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा की उपस्थिति में बैठक के दौरान संस्थान के सुचारू कामकाज तथा लंबित मुद्दों के शीघ्र समाधान को सुनिश्चित करने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया गया। रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में प्रशिक्षकों और अनुदेशकों के कठोर प्रशिक्षण मानकों, उत्कृष्ट प्रबंधन, समर्पण तथा तकनीकी दक्षता की सराहना की, जिन्होंने देश में अग्रणी संस्थानों में से एक के रूप में जेआईएम एंड डब्ल्यूएस की स्थापना की है। उन्होंने पर्वतारोहण और संबद्ध गतिविधियों को न केवल शारीरिक सहनशक्ति बढ़ाने का, बल्कि मानसिक दृढ़ता एवं उत्साहवर्धन का भी प्रतीक बताया।

राजनाथ सिंह ने इन गतिविधियों में महिला प्रतिभागियों की बढ़ती संख्या की सराहना की, जिनमें कभी पुरुष प्रधानता देखी गई थी। उन्होंने उन दिव्यांगजनों का भी आभार व्यक्त किया जो कौशल तथा उत्साह के साथ पर्वतारोहण अभियान को पूरा कर रहे हैं। रक्षा मंत्री ने भारतीय पर्वतारोही सुश्री अरुणिमा सिन्हा का विशेष रूप से उल्लेख किया, जो अपने दृढ़ संकल्प के साथ माउंट एवरेस्ट को फतह करने वाली पहली दिव्यांग महिला बनीं। उन्होंने कहा, इसी वजह से यह बहुत महत्वपूर्ण है कि इस संस्थान के सभी प्रशिक्षण कार्यक्रमों की सदस्यता को बढ़ाया जाए। यह बताते हुए कि विभिन्न क्षेत्रों में सार्वजनिक-निजी भागीदारी में वृद्धि पर सरकार के ध्यान ने देश के विकास को एक नई ऊर्जा प्रदान की है, रक्षा मंत्री ने जेआईएम एंड डब्ल्यूएस को अपने प्रशिक्षण कार्यक्रमों को और आगे बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र के साथ हाथ मिलाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र में कई प्रौद्योगिकियां, विशेषज्ञता और नवाचार मौजूद हैं, जो सार्वजनिक क्षेत्र के पास उपलब्ध नहीं हैं। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि निजी क्षेत्र के साथ सहयोग से जेआईएम एंड डब्ल्यूएस को लोगों, विशेषकर युवाओं को पर्वतारोहण जैसी गतिविधियों से जोड़ने और स्थानीय समृद्धि सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

रक्षा मंत्री ने संस्थान को अपने विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों, विशेष रूप से युवाओं को पर्वतारोहण और शीतकालीन खेलों से परिचित कराने तथा उनमें देशभक्ति, साहस एवं ऊर्जा का संचार करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इससे न केवल इन गतिविधियों की लोकप्रियता बढ़ेगी, बल्कि रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे स्थानीय समुदाय की भागीदारी भी बढ़ेगी और उन्हें अपनी संस्कृति से जुड़ने का मौका मिलेगा। रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि स्थानीय लोगों को न केवल शेरपा बल्कि राष्ट्रीय-सांस्कृतिक एकता में भागीदार होना चाहिए।

श्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के सरकार के संकल्प को दोहराया और कहा कि जेआईएम एंड डब्ल्यूएस जैसी संस्थाएं उस दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने तथा देश की प्रगति में योगदान करने में मदद कर सकती हैं। पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने जेआईएम एंड डब्ल्यूएस जैसी संस्थाओं से पर्यावरण के प्रति संवेदनशील पर्यटन को बढ़ावा देने और प्रकृति को संरक्षित करने में योगदान देने का आह्वान किया। रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन के समापन पर कहा कि आने वाले समय में जेआईएम एंड डब्ल्यूएस दुनिया के अग्रणी संस्थानों में से एक बन जाएगा।

इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने संस्थान में कर्नल केएस मॉल बोल्डर क्लाइंबिंग वॉल और हिमालयन म्यूजियम का भी उद्घाटन किया। जेआईएम एंड डब्ल्यूएस का उद्देश्य युवाओं को प्रकृति से परिचित कराना और साहसिक खेलों के माध्यम से उनके व्यक्तित्व, चरित्र तथा आत्मविश्वास का विकास करना है।

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रक्षा मंत्री ने जम्मू-कश्मीर के अग्रिम इलाकों का दौरा कर सीमा पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की

रक्षा मंत्री  राजनाथ सिंह ने 16 जून, 2022 को जम्मू-कश्मीर के अग्रिम क्षेत्रों का दौरा किया और सीमा चौकियों पर सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया। राजनाथ सिंह केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर हैं, उन्होंने उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अग्रिम चौकियों की देखभाल करने वाली फॉर्मेशन की स्थिति का प्रत्यक्ष रूप से आकलन किया। उनके साथ थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे; जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी), उत्तरी कमान लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी; जीओसी, 15 कोर लेफ्टिनेंट जनरल एएस औजला और जीओसी, 19 इन्फैंट्री डिवीजन मेजर जनरल अजय चांदपुरिया भी उपस्थित थे।https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/PIC2(1)999G.jpg

रक्षा मंत्री को नियंत्रण रेखा पर मौजूदा युद्ध विराम समझौते, इस क्षेत्र की किलेबंदी पर विकास कार्यों, घुसपैठ रोधी ग्रिड, परिचालन तैयारियों और सीमावर्ती क्षेत्रों में सैन्य-असैन्य संपर्क के बारे में जानकारी दी गई। 15 कोर मुख्यालय पहुंचने पर श्री राजनाथ सिंह को जीओसी 15 कोर द्वारा नियंत्रण रेखा और भीतरी इलाकों में वर्तमान समग्र सुरक्षा स्थिति के बारे में बताया गया। उन्हें अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए किए गए उपायों के बारे में भी जानकारी दी गई।  राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और जम्मू-कश्मीर पुलिस के कर्मियों के साथ बातचीत की। रक्षा मंत्री ने वहां उपस्थित कर्मियों को संबोधित भी किया। उन्होंने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अपनी जिम्मेदारियों को कुशलतापूर्वक निभाने के लिए उनकी वीरता तथा उत्साह को उल्लेखनीय करार दिया और उनकी सराहना की। उन्होंने नागरिक प्रशासन के सभी वर्गों, जम्मू-कश्मीर पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा एक ‘संपूर्ण सरकार’ दृष्टिकोण पेश करने में उत्कृष्ट तालमेल की प्रशंसा की, जिसके परिणामस्वरूप केंद्र शासित प्रदेश में विकास के एक नए युग को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल सुरक्षा स्थिति में सुधार हुआ है। रक्षा मंत्री ने अदम्य साहस व समर्पण के साथ देश की सेवा करने और लोगों, विशेषकर युवाओं में राष्ट्रीय गौरव की भावना पैदा करने के लिए सुरक्षा कर्मियों की सराहना की, रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे पड़ोसी देश ने हमेशा भारत विरोधी गतिविधियों का सहारा लिया है। इस राज्य में अतीत में भी आतंकी गतिविधियां देखी गई हैं। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों, बीएसएफ, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों के अथक प्रयासों के कारण, हाल ही में राज्य में आतंकवादी गतिविधियों की संख्या में उल्लेखनीय गिरावट आई है। पाकिस्तान लगातार ब्लीड इंडिया विद ए थाउजेंड कट्स के अपने दुष्प्रयासों के माध्यम से भारत में शांति भंग करने की कोशिश करता है। लेकिन, हमारे सुरक्षा बल इस देश के लिए एक ऐसा सुरक्षा कवच हैं कि जो भी इसे तोड़ने की कोशिश करता है, वह खुद ही लहूलुहान हो जाता है। राष्ट्र को हमारी सुरक्षा ताकतों पर अटूट विश्वास है, जो किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। राजनाथ सिंह ने यह दोहराया कि भारत एक शांतिप्रिय देश है, जिसने दुनिया को ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ (पूरी दुनिया एक परिवार है) का संदेश दिया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमने कभी किसी देश को किसी भी तरह से चोट पहुंचाने की कोशिश नहीं की और न ही हमने किसी की एक इंच भी जमीन पर कब्जा करने का प्रयास किया है। रक्षा मंत्री ने राष्ट्र को आश्वासन देते हुए कहा कि यदि कभी भी देश की एकता और अखंडता को ठेस पहुंचाने की कोशिश की गई, तो सशस्त्र बल इसका मुंहतोड़ जवाब देंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सशस्त्र बल भविष्य की चुनौतियों का पूरी ताकत के साथ सामना करेंगे और उनकी वीरता तथा समर्पण से देश के सुनहरे भविष्य का निर्माण होगा।

रक्षा मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह कश्मीर में विकास, शांति एवं समृद्धि के एक नए युग की शुरुआत थी और जम्मू-कश्मीर में शांति निर्माण में उनके उच्च स्तर के मनोबल बनाए रखने तथा योगदान के लिए 15 कोर की सराहना की।

 

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स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) के माध्यम से अग्निपथ योजना को समर्थन प्रदान किया

भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय द्वारा सैनिकों, वायुसैनिकों और नौसैनिक की भर्ती के लिए “अग्निपथ” नामक एक अखिल भारतीय योग्यता-आधारित भर्ती योजना का अनावरण किया गया है। सशस्त्र बलों को एक युवा प्रोफ़ाइल प्रदान करने की दिशा में यह एक परिवर्तनकारी पहल है। इस योजना के अंतर्गत, युवाओं को “अग्निवीर” के रूप में सशस्त्र बलों में अपनी सेवा प्रदान करने का अवसर प्राप्त होगा। इस योजना में युवाओं को प्रशिक्षण अवधि सहित 4 वर्षों के लिए सशस्त्र बलों के नियमित कैडर में अपनी सेवा प्रदान करने का अवसर प्राप्त होगा। 17.5 से 21 वर्ष के युवाओं की भर्ती अग्निवीरों के रूप में की जाएगी। जो उम्मीदवार 10वीं/ 12वीं कक्षा उत्तीर्ण हैं, वे इस भर्ती प्रक्रिया के लिए आवेदन कर सकते हैं। शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग, नागरिक समाज में सैन्य लोकाचार को समाहित करते हुए एक जीवंत रक्षा बल का निर्माण और अनुशासित कुशल युवाओं के विकास के लिए सशस्त्र बलों में युवा पुरुषों और महिलाओं को शामिल करने वाले भारत सरकार की इस पहल का स्वागत करता है।

इस पहल को अपना समर्थन प्रदान करने के लिए, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग अपने स्वायत्त संस्थान, राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) के माध्यम से, रक्षा प्राधिकरणों के परामर्श से, एक विशेष कार्यक्रम की शुरुआत कर रहा है जिससे उन अग्निवीरों को सक्षम बनाया जा सके जो 10वीं कक्षा पास हैं और अनुकूलित पाठ्यक्रम के माध्यम से अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाकर 12वीं कक्षा पास प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकें, जो न केवल वर्तमान समय के लिए बल्कि उनकी सेवा क्षेत्र के लिए भी बहुत ही प्रासंगिक हैं। यह प्रमाण पत्र पूरे देश में दोनों उद्देश्यों रोजगार और उच्च शिक्षा के लिए मान्यता प्राप्त है। यह अग्निवीरों के लिए पर्याप्त शैक्षिक योग्यता और कौशल प्राप्त करने की दिशा में लाभकारी साबित होगा जिसके माध्यम से वे सामाजिक जीवन में उत्पादक की भूमिका निभा सकेंगे। एनआईओएस का यह विशेष कार्यक्रम नामांकन, पाठ्यक्रमों का विकास, छात्र सहायता, स्व-शिक्षण सामग्री, अध्ययन केंद्रों की मान्यता, व्यक्तिगत संपर्क, मूल्यांकन और प्रमाणन की सुविधा प्रदान करेगा। एनआईओएस की ओपन स्कूलिंग प्रणाली उपयोगकर्ताओं के लिए बहुत अनुकूल है और यह सभी के लिए कहीं से भी सुलभ है, और अग्निपथ योजना के अंतर्गत सभी अग्निवीरों के लिए इसके दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं।

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गृह मंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति ने दो राज्यों को 1,043.23 करोड़ रुपये की अतिरिक्त केंद्रीय सहायता की मंजूरी दी

गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति (एचएलसी) ने 2021-22 के दौरान सूखे से प्रभावित दो राज्यों को राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष (एनडीआरएफ) के तहत अतिरिक्त केंद्रीय सहायता प्रदान करने की मंजूरी दी है।

एचएलसी ने एनडीआरएफ से दो राज्यों को 1,043.23 करोड़ रुपये की अतिरिक्त केंद्रीय सहायता की मंजूरी दी है:

राजस्थान को 1003.95 करोड़ रुपये

नगालैंड को 39.28 करोड़ रुपये

यह अतिरिक्त सहायता केंद्र की ओर से राज्यों को राज्य आपदा मोचन कोष (एसडीआरएफ) में जारी की गई धनराशि के अतिरिक्त है, जो पहले से ही राज्यों के पास उपलब्ध है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान केंद्र सरकार ने 28 राज्यों को एसडीआरएफ में 17,747.20 करोड़

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राष्ट्रपति चुनाव, 2022

भारत के राजपत्र, असाधारण में 15 जून 2022 को प्रकाशित अधिसूचना द्वारा, निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव, 2022 के लिए निम्नलिखित कार्यक्रम निर्धारित किया है;-

  • 29 जून  2022, नामांकन करने की अंतिम तिथि
  • 30 जून  2022, नामांकन पत्रों की जांच की तिथि
  • 2 जुलाई 2022, उम्मीदवारी वापस लेने की अंतिम तिथि
  • 18 जुलाई  2022,  मतदान की तिथि, जिस दिन आवश्यक होने पर मतदान किया जाएगा

13 जून 2012 को जारी की गई दूसरी अधिसूचना के द्वारा आयोग ने श्री पी.सी.मोदी, महासचिव राज्य सभा को राष्ट्रपति चुनाव, 2022 के लिए चुनाव अधिकारी (रिटर्निंग ऑफिसर) और श्री मुकुल पांडे, विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) और श्री सुरेंद्र कुमार त्रिपाठी, संयुक्त सचिव तथा मुख्य सतर्कता अधिकारी, राज्य सभा सचिवालय को  सहायक निर्चाचन अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है।

जैसा कि राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति चुनाव नियमावली ‘1974 के नियम 3 के तहत अपेक्षित है’ चुनाव अधिकारी ने 15 जून 2022 को एक सार्वजनिक सूचना द्वारा यह अधिसूचित किया है:

  1. नामांकन पत्र उम्मीदवार या उसके किसी प्रस्तावक या अनुमोदन कर्ता द्वारा अधोहस्ताक्षरी को उसके कार्यालय में कमरा संख्या 29, भूतल, संसद भवन, नई दिल्ली में या अपरिहार्य कारणवश उनकी अनुपस्थित में सहायक निर्वाचन अधिकारी श्री मुकुल पांडे विशेष कार्य अधिकारी(ओएसडी)/श्री सुरेंद्र कुमार त्रिपाठी, संयुक्त सचिव एवं मुख्य सतर्कता अधिकारी, राज्य सभा सचिवालय को उक्त कार्यालय में पूर्वाह्न 11 बजे से 3 बजे अपराह्न के दौरान किसी भी दिन (सार्वजनिक अवकाश को छोड़कर) 29 जून, 2022 तक दिया जा सकता है।
  2. प्रत्येक नामांकन पत्र के साथ उस संसदीय निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में आवेदक से संबंधित प्रविष्टि की प्रमाणित प्रति भी संलग्न की जाएगी जिसमें अभ्यर्थी निर्वाचक के रूप में पंजीकृत है।
  3. प्रत्येक उम्मीदवार केवल पंद्रह हजार रुपये की राशि जमा करेगा या जमा करवाएगा। यह राशि नामांकन पत्र प्रस्तुत करते समय रिटर्निंग अधिकारी के पास नकद राशि में या पूर्व में भारतीय रिजर्व बैंक या सरकारी खजाने में जमा की जा सकती है इस मामले में कथित राशि जमा करने की रसीद नामांकन पत्र के साथ संलग्न करना आवश्यक है।
  4. नामांकन फॉर्म कार्यालय से निर्धारित समय में प्राप्त किए जा सकते हैं;
  5. अधिनियम की धारा 5बी की उप-धारा (4) के तहत रद्द किए गए नामांकन पत्रों के अलावा अन्य नामांकन पत्रों को जांच के लिए 30 जून, 2022 (बृहस्पतिवार) को पूर्वाह्न 11 बजे समिति कक्ष संख्या-62, प्रथम तल, संसद भवन, नई दिल्ली ले जाया जाएगा।
  6. उम्मीदवारी वापस लेने की सूचना स्वयं उम्मीदवार या उसके किसी प्रस्तावक या अनुमोदक द्वारा जिसे इस बारे में उम्मीदवार द्वारा लिखित रूप में अधिकृत किया गया है, अधोहस्ताक्षरी को पैराग्राफ (i) में निर्दिष्ट स्थान पर 2 जुलाई 2022 को दोपहर तीन बजे से पहले दी जा सकती है।
  7. चुनाव होने की स्थिति में मतदान सोमवार 18 जुलाई, 2022 को प्रातः 10 बजे से सायं 5 बजे तक नियमों के तहत निर्धारित मतदान स्थलों पर किया जाएगा।

सभी राज्यों/केंद्रशासित क्षेत्रों के राजपत्रों में इन अधिसूचनाओं और चुनाव अधिकारी द्वारा जारी की गई सूचना के एक साथ प्रकाशन की व्यवस्था भी की गई है।

चुनाव प्रक्रिया के संबंध में किसी भी प्रकार की पूछताछ के लिए  श्री पी.सी. मोदी, राष्ट्रपति चुनाव, 2022 के लिए निर्वाचन अधिकारी और राज्य सभा के महासचिव से उनके कार्यालय (कमरा संख्या 29, भूतल, संसद भवन, नई दिल्ली) में सायं 3.30 बजे से सायं 4.30 तक सभी कार्य दिवसों को (सार्वजनिक अवकाश के अलावा) संपर्क किया जा सकता है। निर्वाचन अधिकारी से नामांकन पत्र भरने की अवधि में आप नामांकन करने के लिए शनिवार यानी 18 जून, 2022 को भी संपर्क किया जा सकता है।

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कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल पृथ्वी-II का सफलतापूर्वक परीक्षण

कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल पृथ्वी- II का 15 जून, 2022 को लगभग 1930 बजे ओडिसा में चांदीपुर एकीकृत परीक्षण स्थल से सफल परीक्षण किया गया। मिसाइल की कार्य प्रणाली पूरी तरह सटीक है और यह बहुत उच्च स्तर की चपलता के साथ लक्ष्य को भेदने में सक्षम साबित हुई। प्रशिक्षण-परीक्षण के दौरान मिसाईल ने स्वयं को अपने सभी संचालनगत और तकनीकी मानकों पर सिद्ध साबित किया।

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सेना प्रमुख ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में वास्तविक नियंत्रण रेखा-एलएसी पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की

थल सेनाध्यक्ष, जनरल मनोज पांडे वर्तमान में हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों में वास्तविक नियंत्रण रेखा-एलएसी पर अग्रिम क्षेत्र के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। भारतीय थल सेना प्रमुख का पदभार संभालने के बाद सेनाध्यक्ष का इस सेक्टर का यह पहला दौरा है। मध्य कमान के सेना कमांडर और उत्तर भारत क्षेत्र के जीओसी भी सेना प्रमुख के साथ इस दौरे पर हैं।

अग्रिम चौकियों के दौरे के दौरान, थल सेना प्रमुख को स्थानीय कमांडरों द्वारा सीमाओं पर मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी जा रही है। अग्रिम क्षेत्रों में परिचालन तैयारियों का प्रत्यक्ष मूल्यांकन करते हुए, सेना प्रमुख के पर्वतारोहण कौशल और लंबी दूरी की गश्त सहित तैनात संरचनाओं की अधिक ऊंचाई वाली परिचालन क्षमताओं का प्रदर्शन देखने की योजना है। इस दौरान थल सेना प्रमुख इस क्षेत्र में जारी बुनियादी ढांचे और विकास कार्यों और अग्रिम क्षेत्रों में सेना-नागरिक संपर्क की भी समीक्षा कर रहे हैं।

अपनी यात्रा के दौरान कमांडरों के साथ बातचीत करते हुए, सेना प्रमुख ने सीमाओं पर सतर्कता और चौकसी की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने रक्षात्मक मुद्रा में तेजी से सुधार और संरचनाओं की परिचालन तैयारी पर संतोष व्यक्त किया। सेना प्रमुख ने लगातार निगरानी करने में आधुनिक तकनीक के समावेश की सराहना की।

थल सेनाध्यक्ष ने अग्रिम चौकियों पर तैनात सैनिकों के साथ बातचीत के दौरान उनके उच्च मनोबल की सराहना की और उनसे पेशेवर उत्कृष्टता के उच्च मानकों को बनाए रखने का आह्वाह्न किया। उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों में परिचालन प्रभावशीलता और सतत विकास की दिशा में सेना, सीएपीएफ, नागरिक प्रशासन और पुलिस के बीच उत्कृष्ट तालमेल की भी सराहना की।

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कानपुर स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन लिमिटेड के बोर्ड ने 14वीं बोर्ड बैठक में कई अहम फैसला लिया

कानपुर 14 जून, कानपुर स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन लिमिटेड के बोर्ड ने 14वीं बोर्ड बैठक में कई अहम फैसला लिया है।

बोर्ड की बैठक आयुक्त कानपुर मंडल की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी और इसमें श्री विशाख जी (डीएम कानपुर नगर) श्री शिव शरणप्पा (नगर आयुक्त और सीईओ स्मार्ट सिटी), श्री अरविंद सिंह (वीसी केडीए), श्री बीजीटीएस मूर्ति (डीसीपी यातायात)), श्री नीरज श्रीवास्तव जी और अन्य अधिकारी ने भाग लिया ।

बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय इस प्रकार हैं:

1) पूरा होने के बाद स्मार्ट सिटी कानपुर की परियोजनाओं के “संचालन और रखरखाव (ओ एंड एम)” के लिए व्यय के लिए एक अलग बैंक खाता खोला और संचालित किया जाएगा।

2) बोर्ड ने लगभग ₹ 100 करोड़ की 31 परियोजनाओं की निर्माण / लागू करने की अनुमति को पारित किया है।
प्रमुख परियोजनाएं हैं:

-बड़ा चौराहा का विकास (₹ 3.5 करोड़)

-कानपुर नगर निगम में “फ़ेशल रेकग्निशन मेकनिज़म” ( चेहरे पहचान हेतु अटेंडन्स सॉफ़्टवेर) के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करने और प्रत्येक दिन शहर की बेहतर साफ़ सफ़ाई सुनिश्चहित करने की प्रणाली (धनराशि अगले १५ दिनो में तय किया जायेगा)

-ग्रीन पार्क विज़िटर गैलरी (चरण 2) (₹ 3.57 करोड़)

– ग्रीन पार्क में बैडमिंटन / टेबल टेनिस और जिम हॉल का विकास (₹ 5.5 करोड़)

– ठोस कचरा प्रबंधन के लिए बीस वेस्ट ट्रांसफर स्टेशन (₹ 2 करोड़)

-चुन्नीगंज कन्वेंशन सेंटर के आसपास / चारों तरफ़ स्मार्ट रोड का निर्माण (₹3 करोड़)

– 10 पार्कों में ओपन जिम और पार्कों का विकास (₹ 5 करोड़)

– एबीडी क्षेत्र में ६ सरकारी भवनों में स्थापित बड़े सोलर बिजली उत्पादन सैयंत्र की स्थापना (₹ 3.5 करोड़)

– आनंदेश्वर मंदिर के पास सार्वजनिक स्थानों का जन सुविधा विकास (₹ 6 करोड़)

– 30 स्मार्ट बस स्टॉप का निर्माण और विकास (₹ 4 करोड़, सार्वजनिक निजी भागीदारी के साथ, केएससीएल ₹ 50 लाख का भुगतान करेगा)

– नाना राव पार्क में ऑटोमेटेड फुट ओवर ब्रिज का निर्माण (₹4 करोड़)

– एबीडी क्षेत्र में नौका विहार का विकास (₹ 2 करोड़)

– स्लम क्षेत्रों में सार्वजनिक सुविधाओं का विकास (₹ 4 करोड़)

-तुलसी उपवन का सौंदर्यीकरण (₹ 3.5 करोड़)

– एबीडी क्षेत्र में सड़कों के सुरक्षित सड़क संकेत, चिह्न और अन्य सुरक्षा उपाय (₹ 5 करोड़)

– सिटी ई-बस एप्लिकेशन का विकास और इसे स्मार्ट सिटी के आईसीसीसी से जोड़ना (₹ 80 लाख)

– कारगिल पार्क में नौका विहार सुविधाओं का विकास (₹50 लाख)

– वेब आधारित एलआईडीएआर (LIDAR) प्रौद्योगिकी आधारित संपत्ति मानचित्रण का विकास (₹ 1.75 करोड़)

3) बोर्ड ने अगले 2 वर्षों के लिए कानपुर स्मार्ट सिटी की ICCC परियोजना के लिए IIT कानपुर को “तकनीकी सहायता समूह” (TSG) के रूप में नियुक्त करने की मंजूरी दे दी है। यह ICCC में उपलब्ध सुविधाओं का सर्वोत्तम संभव उपयोग सुनिश्चित करने में मदद करेगा और ITMS और यातायात प्रबंधन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग भी करेगा।

4) स्मार्ट सिटी बोर्ड ने “गैर-पुनर्नवीनीकरण योग्य प्लास्टिक कचरे (एनसीपीडब्ल्यू)” को प्रयोग करने योग्य में परिवर्तित करने के लिए और उससे फर्नीचर और अन्य निर्माण सामग्री बनाने के तकनीकी हेतु आईआईटी कानपुर की एक गैर-लाभकारी कंपनी “फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड रिसर्च इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी (FIRST) के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है।

5) कानपुर स्मार्ट सिटी बोर्ड ने पालिका स्टेडियम सुविधाओं के बेहतर संचालन, प्रबंधन और रख रखाव के लिए ओपन टेंडर द्वारा स्मार्ट सिटी द्वारा चयनित ओ एंड एम प्रबंधन निजी एजेन्सी के चयन को भी मंजूरी दे दी है।
बोर्ड ने अग्रीमेंट के प्रावधानों की समीक्षा के लिए और पालिका स्टेडियम में सुविधाओं के संचालन और प्रबंधन की निगरानी के लिए एक समिति गठित करने का भी निर्देश दिया।

बोर्ड ने विजिटर गैलरी की निजी भागीदारी के माध्यम से सुविधाओं का बेहतर संचालन और रख रखाव के लिए आगामी दिनो में निर्माणाधीन कन्वेंशन सेंटर, कलेक्ट्रेट में मल्टी लेवल पार्किंग, मोतीझील में वेंडर कियोस्क, बैडमिंटन कोर्ट और ग्रीन पार्क में जिम और नई स्विमिंग पूल को निजी O&M संस्था के माध्यम से बेहतर संचालन और प्रबंधन (ओ एंड एम) शुरू करने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी है।

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