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रक्षा मंत्री ने सेना कमांडरों के सम्मेलन के दौरान भारतीय सेना के वरिष्ठ नेतृत्व के साथ बातचीत की

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/VJK_0036TC3K.JPGएक शीर्ष स्तरीय द्विवार्षिक कार्यक्रम के अंतर्गत सेना कमांडरों के सम्मेलन का आयोजन 7 से 11 नवंबर 2022 तक नई दिल्ली में किया जा रहा है। इस आयोजन के दौरान, भारतीय सेना का शीर्ष नेतृत्व मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य और वर्तमान सुरक्षा तंत्र के लिए चुनौतियों के सभी पहलुओं पर व्यापक विचार-विमर्श कर रहा है। इसके अलावा, सम्मेलन संगठनात्मक पुनर्गठन, रसद, प्रशासन, मानव संसाधन प्रबंधन, स्वदेशीकरण के माध्यम से आधुनिकीकरण और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों को शामिल करने से संबंधित मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है। सम्मेलन के तीसरे दिन का मुख्य आकर्षण रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह का भारतीय सेना के वरिष्ठ नेतृत्व के साथ बातचीत रहा, जिसका उद्देश्य भारतीय सेना की “भविष्य के लिए एक तैयार बल के रूप में परिवर्तन की आवश्यकता योजनाओं की जानकारी प्रदान करना था।

रक्षा मंत्री ने देश के सबसे भरोसेमंद और प्रेरक संगठनों में से एक भारतीय सेना के प्रति अरबों नागरिकों के विश्वास को दोहराया। श्री राजनाथ सिंह ने अपनी सीमाओं की रक्षा करने और आतंकवाद से लड़ने के अलावा नागरिक प्रशासन की आवश्यकतानुसार सहायता प्रदान करने में सेना द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला। रक्षा मंत्री ने उच्च स्तर की परिचालन तैयारियों और क्षमताओं के लिए रक्षा बलों की सराहना की, जिसका अनुभव उन्होंने हमेशा सीमावर्ती क्षेत्रों की अपनी यात्राओं के दौरान किया है। उन्होंने प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों सहित नागरिक उद्योगों के सहयोग से विशिष्ट प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए सेना के प्रयासों और ‘स्वदेशीकरण के माध्यम से आधुनिकीकरण’ या ‘आत्म-निर्भरता’ के उद्देश्य की दिशा में प्रगति की भी सराहना की। रक्षा मंत्री ने सुरक्षा और राष्ट्रीय संप्रभुता सुनिश्चित करने के लिए एक उच्च परिचालन तत्परता बनाए रखने के लिए भारतीय सेना की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें भारतीय सेना और उसके नेतृत्व और पूर्ण विश्वास और भरोसा है। उन्होंने कहा कि हमें किसी भी परिचालन आकस्मिकताओं के लिए तैयार रहना चाहिए और इसलिए परिचालन की तैयारी हमेशा अपने उच्च स्तर पर होनी चाहिए।

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वित्त मंत्री ने 141 कोयला खदानों की अब तक की सबसे बड़ी नीलामी शुरू की

केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन ने कहा है कि भारत जैसी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को कोयला उत्पादन और उसके गैसीकरण की परियोजनाओं में अधिक निवेश की आवश्यकता है और वह भी तब जब विश्व स्तर पर, विशेष रूप से गैस के ईंधन की कीमतें बढ़ रही हैं। कोयला मंत्रालय की कोयला खदान नीलामी के छठे दौर का आज नई दिल्ली में शुभारंभ करते हुए वित्त मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत वर्तमान में दुनिया में सबसे अच्छा निवेश गंतव्य है। मंत्री महोदया ने कहा कि वर्तमान सरकार की नीतिगत स्थिरता और पारदर्शी प्रक्रिया के कारण बिजली क्षेत्र के लिए कोयले के आयात में 41% की कमी आई है। वित्त मंत्री ने कहा कि आज की 141 कोयला खदानों की नीलामी से बारह राज्यों को प्रत्यक्ष लाभ होगाI  कोयला क्षेत्र को खोलने (अनलॉक करने) के लिए हाल में ही की गई पहलों के लिए कोयला मंत्रालय की सराहना करते हुए श्रीमती सीतारमन ने कहा कि खनन क्षेत्र में सुधार हमारी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को सही गति प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि वित्त मंत्रालय कोयले के गैसीकरण और वाणिज्यिक खनन में प्रोत्साहन के लिए हर संभव सहायता करेगा। समारोह को संबोधित करते हुए कोयला, खान एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि कोयला मंत्रालय कोयले के उपयोग को बढ़ाने के लिए वैकल्पिक पद्धति ढूँढ रहा है। श्री जोशी ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने कोयले के गैसीकरण के लिए 6000 करोड़ रुपये अन्वेषण प्रक्रिया के लिए 250 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया है। अब तक की सबसे बड़ी नीलामी के दौरान आज ग्यारह राज्यों की 141 खदानों की नीलामी की गई। श्री जोशी ने कहा कि पूर्व में नीलाम हो चुकी खदानों में उत्पादन शुरू हो गया है और आशा है कि अगले वर्ष तक नई खदानों से एक से 1.5 करोड़ टन कोयले का उत्पादन होने लगेगाI श्री जोशी ने आगे कहा कि अब तक  की गई समीक्षा के अनुसार कोयला मंत्रालय इस वर्ष 90 करोड़ टन कोयला उत्पादन होने का अनुमान लगा रहा है। समारोह को कोयला, खान एवं रेल राज्य मंत्री श्री रावसाहेब पाटिल दानवे, कोयला सचिव श्री अमृत लाल मीणा और अपर सचिव श्री एम. नागराजू ने भी संबोधित किया।

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वाणिज्यिक नीलामी के छठे दौर में 133 कोयला खदानें नीलामी के लिए रखी गई थीं, जिनमें से 71 नई कोयला खदानें हैं और 62 कोयला खदानें वाणिज्यिक नीलामी के पहले चरणों से चल रही हैं। इसके अतिरिक्त, वाणिज्यिक नीलामी के पांचवें दौर के दूसरे प्रयास के तहत 8 कोयला खदानों को शामिल किया गया था, जिसके लिए पहले प्रयास में एकल बोलियां प्राप्त हुई थीं। नीलामी की इस किश्त के शुभारंभ के साथ ही कोयला मंत्रालय तापीय (थर्मल) कोयले के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।

संरक्षित क्षेत्रों, वन्यजीव अभयारण्यों, संवेदनशील बसावटों, 40% से अधिक वन क्षेत्रों, भारी निर्मित क्षेत्र आदि के अंतर्गत आने वाली खदानों को नीलामी से बाहर रखा गया है। जिन क्षेत्रों में घनी बस्ती, उच्च हरित आवरण या महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे आदि की उपस्थिति है, के अंतर्गत आने वाली कुछ ऐसी कोयला खदानों की ब्लॉक सीमाओं में बोलीदाताओं की रुचि और इन कोयला ब्लॉकों में भागीदारी बढ़ाने के लिए हितधारकों के परामर्श के दौरान प्राप्त टिप्पणियों के आधार पर संशोधन किया गया है। नीलाम की जा रही खदानें झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, तमिलनाडु और बिहार के कोयला/लिग्नाइट वाले राज्यों में फैली हुई हैं।

नीलामी प्रक्रिया की प्रमुख विशेषताओं में अग्रिम राशि और बोली सुरक्षा राशि में कमी, आंशिक रूप से खोजी गई कोयला खदानों के मामले में कोयला खदान के कुछ हिस्से को छोड़ने की अनुमति, राष्ट्रीय कोयला सूचकांक और राष्ट्रीय लिग्नाइट सूचकांक की शुरुआत, बिना प्रवेश बाधाओं के भागीदारी में आसानी, कोयला उपयोग में पूर्ण लचीलापन, अनुकूलित भुगतान संरचनाएं, शीघ्र उत्पादन के लिए प्रोत्साहन, कोयला गैसीकरण और स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकियों का उपयोग शामिल है।

निविदा दस्तावेज की बिक्री 03 नवंबर, 2022 से शुरू होगी। खदानों, नीलामी की शर्तों, समय सीमा आदि का विवरण मेटल स्क्रैप ट्रेड कॉरपोरेशन लिमिटेड (एमएसटीसी) के नीलामी मंच पर देखा जा सकता है। प्रतिशत राजस्व हिस्सेदारी के आधार पर एक पारदर्शी दो चरण की प्रक्रिया के माध्यम से नीलामी ऑनलाइन आयोजित की जाएगी। वाणिज्यिक कोयला खदानों की नीलामी के लिए कार्य प्रणाली कोयला मंत्रालय के एकमात्र लेनदेन सलाहकार एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड ने विकसित की थी और वही कोयले की नीलामी प्रक्रिया के संचालन में मंत्रालय की सहायता कर रही है।

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महिला स्वयं सहायता समूहों और पतंजलि के उत्पादों की सह-ब्रांडिंग के अवसर तलाशे जाएंगे

ग्रामीण विकास मंत्रालय के डीएवाई-एनआरएलएम और पतंजलि के बीच महिला स्वयं सहायता समूहों की आपसी ताकत को बढ़ाने और उसका लाभ उठाने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह की अध्यक्षता करते हुए, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने इसे ग्रामीण एसएचजी महिलाओं को कम से कम 1 लाख रुपये प्रति वर्ष की आकांक्षात्मक आय प्राप्त करने में मदद करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया, जो कि लखपति दीदी हैं।
ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से आरएल, ग्रामीण विकास विभाग के अपर सचिव श्री चरणजीत सिंह और पतंजलि की ओर से दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट के महासचिव आचार्य बालकृष्ण के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए और आदान-प्रदान किया गया।

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ग्रामीण भारत को बदलने में मंत्रालय की पहल की सराहना करते हुए आचार्य बालकृष्ण ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री गिरिराज सिंह को धन्यवाद दिया और आश्वासन दिया कि यह साझेदारी कई आयामों में उनके सहयोग से एसएचजी महिलाओं को मजबूत करने का मार्ग प्रशस्त करेगी।

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पतंजलि और डीएवाई-एनआरएलएम के बीच सहमति के अनुसार सहयोग के क्षेत्र हैं-

ए. डीएवाई एनआरएलएम के लिए पतंजलि को राष्ट्रीय संसाधन संगठन (एनआरओ) के रूप में मान्यता।

बी. पतंजलि उत्पादों के लिए डीलरों / वितरकों के रूप में सीएलएफ, पीजी, पीई के लिए व्यावसायिक अवसर।

सी. चयनित एसएचजी उत्पादों को पतंजलि स्टोर्स में रखा जाएगा।

डी. एनआरएलएम और पतंजलि द्वारा एसएचजी के चयनित उत्पादों की सह-ब्रांडिंग।

ई. चयनित एसएचजी उत्पादों और प्रक्रियाओं के लिए एसओपी और गुणवत्ता नियंत्रण।

एफ. सीएलएफ, पीजी, पीई एसएचजी उत्पादकों से चयनित वस्तुओं/सामग्री की आपूर्ति के लिए पतंजलि को आपूर्तिकर्ता के रूप में काम करेगा

जी. सामान्य बीमारियों के लिए पारंपरिक और हर्बल दवाओं और एसएचजी के लिए स्वास्थ्य विकल्पों का विस्तार करने के लिए योग पर एसएचजी प्रशिक्षण।

संदर्भ स्थापित करते हुए, ग्रामीण विकास सचिव श्री नांगेन्द्र नाथ सिन्हा ने समझौता ज्ञापन के प्रमुख आयामों पर प्रकाश डाला। अपर सचिव श्री चरणजीत सिंह ने इस एमओयू को एमओआरडी और पतंजलि दोनों के लिए फायदे का सौदा बताया। एनआरएलएम ग्रामीण एसएचजी महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे व्यवसायों को समर्थन देने के लिए कई प्रयास कर रहा है जो खाद्य उत्पादों, हस्तशिल्प और हथकरघा आदि के उत्पादन में लगी हुई हैं। उत्पादकों को बाजारों से जोड़ने के प्रयासों के हिस्से के रूप में, एनआरएलएम और एसआरएलएम ने कई चैनलों जैसे सरस गैलरी, सरकारी विशिष्ट खुदरा दुकानों, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म जैसे जीईएम, फ्लिपकार्ट, अमेजन और डीएवाई-एनआरएलएम के ई-कॉमर्स के माध्यम से एसएचजी और एसएचजी सदस्य उद्यमियों के क्यूरेटेड उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए हैं।
दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट पतंजलि की एक संस्था है जो योग और आयुर्वेद से मानव जाति की सेवा करने के लिए एक प्रतिष्ठान है। अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए, यह दिव्य फार्मेसी, दिव्य प्रकाशन, दिव्य योग साधना, दिव्य गौशाला और दिव्य नर्सरी जैसी कई पतंजलि इकाइयों के सहयोग से काम करता है। इसके अलावा पतंजलि संस्थाओं जैसे भरुवा सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, भरुवा एग्रीसाइंस प्राइवेट लिमिटेड, पतंजलि जैविक अनुसंधान संस्थान, और पतंजलि अनुसंधान संस्थान के उपक्रमों के सहयोग से तकनीकी सहायता प्रदान की जा रही है।
डीएवाई एनआरएलएम के तहत ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) अपने प्रमुख कार्यक्रम के रूप में एसएचजी पारितंत्र के माध्यम से आजीविका बढ़ाने और उन्हें अपनी उपज के लिए बेहतर और लाभदायक बाजारों के माध्यम से बढ़ी हुई आय प्रदान कर ग्रामीण भारत के जीवन स्तर में सुधार करने के उद्देश्य से काम कर रहा है।

प्रखंड 6972

जिला 721

राज्य। 34

कवरेज 8.61 करोड़ महिलाएं

स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) 79.60 लाख

ग्राम संगठन (वीओ) 4.53 लाख

क्लस्टर स्तरीय संघ (सीएलएफ) 29358

पूंजीगत सहयोग 19249 करोड़ रुपए

बैंक वित्त उत्तोलन 5.70 लाख करोड़ रुपए

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इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने भारत का पहला पानी में तैरता वित्तीय साक्षरता शिविर आयोजित किया

संचार मंत्रालय, भारत सरकार के डाक विभाग के तहत स्थापित इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) ने आज श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) में वित्तीय साक्षरता को बढ़ाने के लिए भारत का पहला पानी पर तैरता वित्तीय साक्षरता शिविर आयोजित किया। ‘निवेशक दीदी’ पहल के तहत ‘महिलाओं के लिए, महिलाओं के द्वारा’ की अवधारणा के साथ वित्तीय साक्षरता बढ़ाना लक्ष्य है।

विशाल और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होने के नाते भारत की जनसांख्यिकी में वित्तीय साक्षरता का प्रसार चुनौतीपूर्ण है क्योंकि आबादी का एक बड़ा हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों में रहता है। दुनिया के सबसे बड़े डाक नेटवर्क की मदद से आखिरी छोर तक पहुंच बढ़ाने और वित्तीय समावेशन के अंतर को पाटने के लिए आईपीपीबी ने नई पहल की है।

भारत सरकार के निर्देश पर, आईपीपीबी ने ग्रामीण भारत को ध्यान में रखते हुए वित्तीय समावेशन की यह यात्रा शुरू की है, जहां तक पहुंच और संचार में हमेशा बाधा रही है। शुरुआत से ही, डाकिया/ग्रामीण डाक सेवक देश के कोने-कोने में आम जनता तक पहुंचते रहे हैं और उनके दरवाजे पर डिजिटल बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं।

वित्तीय साक्षरता अभियान को आगे बढ़ाने के लिए, आईपीपीबी ने कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए) के तत्वावधान में निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण कोष प्राधिकरण (आईईपीएफए) के सहयोग से ‘निवेशक दीदी’ नामक पहल शुरू की है। इसमें ‘महिलाओं के द्वारा, महिलाओं के लिए’ अवधारणा को आत्मसात किया गया है। निवेशक दीदी पहल महिलाओं के लिए महिलाएं की सोच पर आधारित है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं अपने मन में उठे सवालों को किसी महिला के साथ साझा करने में अधिक सहज महसूस करती हैं। कश्मीर घाटी की तीन निवेशक दीदी प्रतिनिधियों को श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर में हाल ही में आयोजित हुए आईईपीएफए सम्मेलन के दौरान केंद्रीय कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री श्री राव इंद्रजीत सिंह और सांसद (श्रीनगर) डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने प्रमाण पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर आईईपीएफए की सीईओ श्रीमती अनीता शाह अकेला, जेएस एमसीए और आईईपीएफए, डाक विभाग, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक, सीएससी ई-गवर्नेंस, भारतीय कंपनी सचिव संस्थान, कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

(श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर में आईईपीएफए सम्मेलन में केंद्रीय कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री श्री राव इंद्रजीत सिंह और सांसद (श्रीनगर) डॉ. फारूक अब्दुल्ला)  ‘निवेशक दीदी’ पहल के शुभारंभ के हिस्से के रूप में, आईपीपीबी ने एक नवनियुक्त निवेशक दीदी द्वारा भारत का पहला पानी पर तैरने वाला वित्तीय साक्षरता शिवर आयोजित किया। यह शिविर जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में विश्व प्रसिद्ध डल झील के आसपास के स्थानीय निवासियों के बीच आयोजित किया गया। शिकारा इन लोगों के जीवन का अभिन्न अंग है, ऐसे में कई शिकारा पर ही लोग जुटे और ‘निवेशक दीदी’ ने शिकारा से ही स्थानीय कश्मीरी भाषा में वित्तीय साक्षरता सत्र आयोजित किया। इस तरह से पूरा सत्र डल झील के पानी में आयोजित किया गया इस पहल के बारे में बात करते हुए डाक विभाग के सचिव श्री विनीत पांडे ने इसे वित्तीय समावेशन की खाई को पाटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। भारत में आयोजित पहला तैरता हुआ वित्तीय साक्षरता शिविर देश के हर घर में दूर-दूर तक पहुंचने की डीओपी टीम की क्षमता को दर्शाता है, जबकि भौगोलिक क्षेत्र अलग-अलग हैं। इसने ग्रामीण महिलाओं के लिए अपने वित्तीय उत्पादों और सेवाओं को लेकर समझ बढ़ाने, धोखाधड़ी से सावधान रहने और निवेशक दीदी की मदद से अपनी भाषा में सहायता पाने का मार्ग प्रशस्त किया है।

पहले तैरने वाले वित्तीय साक्षरता शिविर पर बोलते हुए इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के एमडी और सीईओ श्री जे. वेंकटरामू ने कहा, ‘निवेशक दीदी के जरिएआईपीपीबी ग्रामीण आबादी के सामने भाषा और वित्तीय उत्पादों एवं सेवाओं की बुनियादी समझ को लेकर सामने आने वाली चुनौतियों को पार करते हुए नया मील का पत्थर हासिल करेगा। ग्रामीण जनता से गहरा सामाजिक जुड़ाव रखने वाली महिला डाकियानिवेशक दीदी विशेष रूप से महिलाओं में वित्तीय जागरूकता बढ़ाएंगी और उनकी समस्याओं का समाधान करने के साथ सुविधाजनक तरीके से सहयोग करेंगी।

(श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर में डल झील के आसपास स्थानीय निवासियों के बीच तैरता हुआ वित्तीय साक्षरता शिविर आयोजित किया गया)

तैरता हुआ वित्तीय साक्षरता शिविर श्री गुरशरण राय बंसल, मुख्य महाप्रबंधक और मुख्य बिक्री एवं विपणन अधिकारी और श्री विश्वनाथ दिव्य सहायक महाप्रबंधक (विपणन) के साथ आईपीपीबी और डीओपी टीम की देखरेख में आयोजित किया गया। सत्र में बैंकिंग और वित्तीय उत्पादों से लेकर संस्थाओं की ओर दी जाने वाली मुख्यधारा की वित्तीय सेवाओं के महत्व और धोखाधड़ी से बचाव के उपायों के साथ निवेश को लेकर विभिन्न प्रकार के जोखिम से सुरक्षा आदि विषयों पर चर्चा की गई। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक आखिरी छोर तक वित्तीय सशक्तीकरण के अपने अभियान को बढ़ाने के लिए ऐसे प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

आईपीपीबी के बारे में

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) को संचार मंत्रालय के अधीन डाक विभाग के तहत स्थापित किया गया है, जिस पर भारत सरकार का शत-प्रतिशत मालिकाना हक है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एक सितंबर, 2018 को आईपीपीबी का शुभारंभ किया था। बैंक की स्थापना इस दृष्टिकोण के तहत की गई है कि इसके जरिए भारत के आम जनमानस के लिए अत्यंत सुगम, सस्ती और भरोसेमंद बैंक सेवा उपलब्ध कराई जा सके। आईपीपीबी का बुनियादी काम यह है कि वह बैंकों तक कम पहुंच वाले और बैंकिंग सेवाओं से न जुड़े लोगों के लिए देश के 160,000 डाकघरों (145,000 ग्रामीण डाकघर), 400,000 डाक कर्मियों के नेटवर्क का इस्तेमाल करे। आईपीपीबी की पहुंच और उसके संचालन का स्वरूप ‘इंडिया स्टैक’ के प्रमुख स्तंभों पर आधारित है, जिसके तहत कागज रहित, नकद रहित, बिना बैंक गए, आसान और सुरक्षित तरीके से उपभोक्ता के दरवाजे पर सेवा उपलब्ध हो। इसके लिए सीबीएस-समेकित स्मार्टफोन और बायोमेट्रिक उपकरण को माध्यम बनाया गया। जनता के लिए सस्ते नवाचार और बैंक प्रक्रिया को सुगम बनाने पर जोर देते हुए आईपीपीबी 13 भाषाओं में उपलब्ध इंटरफेस के जरिए आसान व सस्ते बैंकिंग समाधान सुगम बना रहा है। आईपीपीबी कम से कम नकदी इस्तेमाल वाली अर्थव्यवस्था में तेजी लाने और डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण में अपना योगदान करने के लिए संकल्पित है। भारत समृद्ध होगा, जब हर नागरिक को वित्तीय सुरक्षा और समान अवसर मिलेंगे। हमारा मूलमंत्र है– हर उपभोक्ता महत्वपूर्ण है; हर लेन-देन महत्वपूर्ण है और हर जमा धन मूल्यवान है।

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केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने पुणे में आयोजित ‘भारत में उद्यान विज्ञान मूल्य श्रृंखला का विस्तार’ कार्यक्रम को सम्बोधित किया

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले सैनिकों की तरह हमारे किसान भी सम्मानीय और प्रशंसा योग्य हैं। उन्होंने कहा कि देशवासियों का पेट भरने के लिये किसान बहुत सी कुर्बानियां देते हैं। श्री तोमर ने कहा कि सीमाओं की सुरक्षा और किसानी, दोनों समान रूप से महत्त्वपूर्ण कार्य हैं, जिनसे देश की आत्मा तृप्त होती है।

श्री तोमर आज पुणे में आयोजित ‘एक्सपेंशन ऑफ हॉर्टीकल्चर वैल्यू चेन इन इंडिया’ (भारत में उद्यान विज्ञान मूल्य श्रृंखला का विस्तार) कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने किया था, जिसमें किसानों, एफपीओ, स्टार्ट-अप और बैंकरों सहित उद्यान विज्ञान से जुड़े लोग उपस्थित थे।

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अपने सम्बोधन में श्री तोमर ने कहा कि यदि गांव समृद्ध और आत्मनिर्भर होंगे, तो देश भी समृद्ध और आत्मनिर्भर बनेगा। श्री तोमर ने कहा कि कृषि हमारी प्राथमिकता है और वह हमारी अर्थव्यवस्था का मेरु है। उन्होंने कहा कि कृषि सेक्टर को दिशा देने की जरूरत है, क्योंकि कृषि और गांवों की पारंपरिक अर्थव्यवस्था देश की सबसे बड़ी ताकत है। परिस्थितियां चाहे कितनी विपरीत हों, लेकिन कृषि हमेशा हमारी अर्थव्यवस्था के लिये सहायक सिद्ध हुई है। उन्होंने कहा कि व्यापारी-उद्यमी को कृषि उत्पादों के लिये किसानों को अधिकतम मूल्य चुकाना चाहिये। ऐसा होने से न केवल हमारे किसान समृद्ध होंगे, बल्कि अगली पीढ़ी भी खेती-किसानी करने के लिये प्रेरित होगी।

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श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले आठ वर्षों में कृषि में स्वदेशी प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहन दिया है। श्री मोदी ने हमेशा खेती की स्थानीय व पारंपरिक पद्धति के साथ परिवर्तनशील आधुनिक तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया है, ताकि विश्व प्रतिस्पर्धा में हम प्रासंगिक बने रहें। श्री तोमर ने कहा कि श्री मोदी न केवल किसानों की आय बढ़ाने की बात करते हैं, बल्कि उन्होंने राज्य सरकारों को जोड़कर तथा किसानों को सीधे संलग्न करके कई उपाय भी किये हैं।

श्री तोमर ने कहा कि आज युवा, सेवानिवृत्त कर्मचारी और कॉर्पोरेट सेक्टर से जुड़े लोग खेती करने के लिये आगे आ रहे हैं। ऑर्गेनिक और प्राकृतिक खेती के प्रति लोगों की रुचि भी बढ़ रही है। चार लाख करोड़ रुपये के कृषि उत्पादों का रिकॉर्ड निर्यात किया गया है।

किसानों के जीवनस्तर को ऊंचा करने और खेती को प्रोत्साहित करने के लिये प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, एक लाख करोड़ रुपये की कृषि अवसंरचना निधि, डिजिटल कृषि मिशन, ड्रोन प्रौद्योगिकी, ई-नाम, पीएम सिंचाई जैसी योजनायें क्रियान्वित की जा रही हैं।

श्री तोमर ने कहा कि आज भारत खाद्यान्न में आत्मनिर्भर हो गया है। ज्यादातर कृषि उत्पादों में भारत विश्व में पहले या दूसरे स्थान पर है। फसलों के साथ-साथ बागवानी को भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है। छोटे किसानों के लिये केंद्र सरकार ने उद्यान विज्ञान मिशन और एफपीओ की योजना शुरू की है। प्रयास किये जा रहे हैं कि छोटे किसान एक-साथ खेती करें, ताकि उन्हें अधिकतम लाभ मिल सके। एफपीओ और क्लस्टर प्रणाली को जोड़ने से किसानों को व्यापारियों के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि व्यापारियों को उत्पाद खरीदने के लिये किसानों के पास जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि खाद्यान्न के उत्पादन के साथ, खासतौर से सब्जियों और फूलों की खेती के लिये उद्यान विज्ञान सेक्टर किसानों की आय बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। श्री तोमर ने कहा कि फलों, सब्जियों और मोटे अनाजों की खेती पर ध्यान दिया जाये, क्योंकि पोषण के लिये अकेले अनाज से काम नहीं चलेगा।

इस अवसर पर महाराष्ट्र के कृषि मंत्री श्री अब्दुल सत्तार और उद्यान विज्ञान मंत्री श्री संदीपनराव भूम्रे, केंद्रीय कृषि सचिव श्री मनोज आहूजा, अपर सचिव श्री अभिलाष लिखी, संयुक्त सचिव श्री प्रिय रंजन, उद्यान विज्ञान आयुक्त श्री प्रभात कुमार, महाराष्ट्र के कृषि सचिव श्री एकनाथ नवले उपस्थित थे। श्री तोमर ने किसानों का सम्मान किया और उद्यान विज्ञान प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।

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विजन कानपुर@2047* : स्वयं सेवी संगठन, जनहित में कार्य कर रहे क्लब्स और व्यक्तिगत रूप से जनहित में सेवा दे रहे लोगों के साथ परिचर्चा।

*विजन कानपुर@2047* :

स्वयं सेवी संगठन, जनहित में कार्य कर रहे क्लब्स और व्यक्तिगत रूप से जनहित में सेवा दे रहे लोगों के साथ परिचर्चा।

कानपुर शहर के सर्वांगीण विकास में पिछले कई वर्षों से निरंतर कई विकास के कार्य किए जा रहे हैं , जिससे हमारा शहर कानपुर निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर हो रहा है l

आजादी के 100 वर्ष पर हमारे शहर कानपुर का स्वरूप कैसा हो , इस पर विजन कानपुर@2047 की शुरुआत हुई है l

इसी के संदर्भ में आज पालिका स्टेडियम के स्पोर्ट्स हॉल में विभिन्न सामाजिक संगठनों ,क्लब ,स्वयंसेवी संस्थाओं इत्यादि के साथ विचार विमर्श और उनके सुझाव प्राप्त करने हेतु करने हेतु *संवाद कार्यक्रम* का आयोजन किया गया l

कार्यक्रम का शुभारंभ मंडलायुक्त कानपुर डॉ राजशेखर , संयुक्त पुलिस आयुक्त श्री आनंद प्रकाश तिवारी, नगर आयुक्त श्री शिवशरणप्पा जी0एन0, मुख्य विकास अधिकारी श्री सुधीर कुमार , सचिव केडीए श्री शत्रोहन वैश्य और अन्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया l

मंडलायुक्त एवं विजन कानपुर समिति के अध्यक्ष डॉ राजशेखर ने विजन कानपुर के मिशन एवं उद्देश्य के बारे में विस्तार पूर्वक बताते हुए कहा:
विजन 2047 में हैप्पीनेस इंडेक्स, टूरिज्म, ट्रैफिक मैनेजमेंट, इनोवेशन, एंटरप्रेन्योरशिप, ह्यूमन वैल्यूज, एजुकेशन, हेल्थ, स्किल डेवलपमेंट, सीनियर सिटीजन, यूथ, आर्टिस्ट, बिजनेस, स्टार्टअप आदि हर सेक्टर को शामिल किया गया है l उन्होंने कहा कि शहर को डेवलप करने के लिए समाज के विभिन्न सेक्टरों के सुझाव के बिना यदि कोई ड्राफ्ट तैयार किया जाता है, तो वह धरातल पर फ्लॉप हो जाता है, इसीलिये समाज के हर वर्ग का सुझाव लेने के पश्चात जो ड्राफ्ट बनेगा धरातल पर उसका क्रियान्वयन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कानपुर देश का पहला ऐसा शहर है, जिसने Kanpur @2047 के विजन का ड्राफ्ट बनाने का कार्य प्रारम्भ कर दिया है। उन्होंने कहा कि आने वाले 25 वर्षों में कानपुर देश का सबसे अच्छा शहर हो इसके लिए कार्य करना है, यह कठिन है लेकिन असम्भव नहीं है। हम लोग क्या बेहतर कर सकते है इस उददेश्य के साथ यहाँ इकट्ठा हुवे है और हमें मिलकर कार्य करना है।

*इसके उद्देश्यों में:-*

1. कानपुर शहर को सबसे पसंदीदा सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक हब बनाना।

2. एक शहर के सर्वोत्तम संभव जीवन स्तर को प्राप्त करने के लिए वातावरण प्रदान करना।

3. आर्थिक, समाजिक और पर्यावरण के क्षेत्र में कानपुर को विकसित करते हुए एक स्थायी दृष्टिकोण बनाना।

4. औद्योगिक विकास को केंद्र में रखते हुए शहर का समग्र विकास सुनिश्चित करना।

5. गंगा और उसके पारिस्थितिकी तंत्र जैसे प्रकृति और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण।

6. कौशल विकास और उद्यमिता को बढ़ावा देकर रोजगार सृजन सुनिश्चित करना इत्यादि सम्मिलित है l

उन्होंने कहा मेरा मानना है कि कानपुर के निवासियों की परिकल्पना पर ही शहर का स्वरूप निर्धारित हो, जिस हेतु हर सेक्टर के साथ विचार विमर्श अत्यंत आवश्यक है lइसी के संदर्भ में कार्यक्रम* का आयोजन किया जा रहा है जिसमें यह संस्थाएं और व्यक्ति विशेष अपने नवीन विचारों के साथ प्रतिभाग करें l

उन्होंने कहा कानपुर@2047 का ड्राफ्ट प्लान इन नवीन विचारों को प्राप्त करने के उपरांत ही बनाया जाएगा l
परिवर्तन संस्था के श्री अनिल गुप्ता यति संस्थान की सुश्री नीतू सिंह मर्चेंट चेंबर की स्टार्टअप सेल की निदेशक सुश्री आरती गुप्ता , स्पीकवेल की सुश्री शेफाली राज,जेसीआई के श्री अमित अग्रवाल और स्मार्ट सिटी से सुश्री वैशाली बियानी ने सामाजिक दृष्टिकोण के अंतर्गत अपने नवीन विचारों से अवगत कराया जिसे विजन कानपुर ड्राफ्ट प्लान को बनाने में सम्मिलित किया जाएगा l
इस अवसर पर विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों में डॉ अवध दुबे डॉ इंद्रमोहन रोहतगी, श्री अमित जैन, श्री संजीव पाठक ने भी कानपुर को स्वस्थ स्वच्छ और सुंदर बनाने हेतु अपने विचार रखें जिसमें कानपुर के लिए हर एक दृष्टिकोण से और संस्थाओं के आपस में मिलकर कार्य करने पर विशेष रूप से फोकस किया गया l

इस अवसर पर मंडलायुक्त डॉ राजशेखर ने सभी उपस्थित प्रतिनिधियों के साथ खुला संवाद भी किया, जिसमें वहां पर उपस्थित प्रतिभागियों ने खुलकर अपने विचार और प्रश्न भी रखें जिस पर मंडलायुक्त डॉ राजशेखर एवं अन्य अधिकारी गणों ने उनके प्रश्नों के जवाब देते हुए उनका आभार भी व्यक्त किया कि अब कानपुर के निवासी जागरूक हुए हैं और सकारात्मक रूप से अपनी भागीदारी भी कर रहे हैं l

कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ सुधांशु राय ने कहा कानपुर के निवासियों से उनके सुझाव और विचार जानने हेतु विजन कानपुर 2047 की वेबसाइट visionkanpur2047.com का भी शुभारंभ किया जा चुका है, जिस पर यहां के निवासी अपने नवीन सुझाव उपलब्ध करा सकते हैं l

इस अवसर पर संयुक्त विकास आयुक्त, उपनिदेशक पंचायत श्री नीरज श्रीवास्तव, श्री गोपाल तुलसियान, डॉ एस प्रसाद टीकम सेठिया,श्री डी0सी0 शुक्ला सहित विभिन्न सामाजिक संगठन रोटरी लायंस क्लब जेसीआई इनरव्हील मुस्कुराए कानपुर परिवर्तन सक्षम लायंस क्लब यूथ विलस टीम थिंक कानपुर ब्लॉगर्स एवं युवा प्रतिनिधि प्रतिनिधि इत्यादि उपस्थित रहे।

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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने हरियाणा के फरीदाबाद में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया और जन उत्थान रैली को संबोधित किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल की जोड़ी ने हरियाणा को नंबर वन बनाने का काम किया है, मोदी जी हरियाणा के विकास के लिए कटिबद्ध है और मनोहर लाल जी प्रधानमंत्री की सभी योजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए प्रतिबद्ध हैं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में मनोहर लाल के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार ने पिछले 8 सालों में राज्य में चहुंमुखी विकास कर राज्य की तस्वीर बदलने का काम किया है

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में 6,629 करोड़ रूपयों के विकास कार्यों का आज भूमिपूजन और उद्घाटन हुआ

5,600 करोड़ रूपयों से अधिक की लागत वाली हरियाणा ऑर्बिटल कॉरिडोर परियोजना का शिलान्यास हुआ

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा दिए गए आत्मनिर्भर भारत के आह्वान के तहत वंदे भारत ट्रेन का निर्माण भी सोनीपत में होने जा रहा हैसोनीपत में बने 590 करोड़ रुपये की लागत के रेल कोच नवीनीकरण कारखाने का उद्घाटन हुआ

315 करोड़ रूपयों की लागत से रोहतक में सबसे लंबे एलीवेटेड रेलवे ट्रैक का उद्घाटन होने जा रहा है और ये ट्रैक आने वाले दिनों में भारत के शहरी विकास के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगा

भोंडसी में पुलिस आवासीय परिसर में लगभग 576 पुलिस परिवारों को आज अपना घर मिलने जा रहा है

हरियाणा में पहले एक सराकर आती थी तो भ्रष्टाचार होता था और दूसरी सरकार आती थी तो गुंडागर्दी बढ़ती थी, मनोहर लाल जी की सरकार ने भ्रष्टाचार को रोक व गुंडागर्दी को समाप्त कर हरियाणा को सुरक्षित बनाने का काम किया है

 हरियाणा सरकार ने विरासत में मिले बदहाल सिस्टम को बदल कर भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया और भाई भतीजावाद को समाप्त कर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की योजनाओं को हर गरीब तक पहुंचाया है

आज हरियाणा खाद्यान्न और दूध उत्पादन में देश में दूसरे स्थान पर और ओलंपिक पदक विजेताओं और नेशनल गेम्स में पहले स्थान पर है

 मैन्युफैक्चरिंग की विकास दर 10% से ज्यादा है 4,119 युवा स्टार्टअप रजिस्टर्ड करा चुके हैं और स्टार्टअप पंजीकरण में प्रति व्यक्ति औसत आबादी की दृष्टि से हरियाणा के युवाओं ने देश में सबसे ज्यादा स्टार्टअप बनाए हैं

प्रधानमंत्री मोदी जी ने देशभर में परिवर्तन की जो बयार चलाई है उसका सबसे बड़ा फायदा हरियाणा को मिला है

  हरियाणा सरकार ने गुरुग्राम को उद्योग का सबसे बड़ा हब बनाने का काम किया है, आज हरियाणा में विश्व की लगभग 400 फार्च्यून कंपनियां अपना कारोबार कर रही है 

पहले हरियाणा में लिंगानुपात खराब स्थिति में था और प्रति 1000 पर बेटियों की संख्या 871 थीमोदी जी ने हरियाणा से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की और आज यह लिंगानुपात 871 से बढ़कर 913 तक पहुंच गया है जोकि एक बहुत बड़ी उपलब्धि है

प्रधानमंत्री मोदी जी पूरे देश में रोजगारउद्योगशिक्षाकृषि और आईटी सभी क्षेत्रों में विकास की बयार लाए हैं उन सभी योजनाओं को मनोहर लाल जी जमीन पर उतारने में सफल हुए हैं

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज हरियाणा के फरीदाबाद में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।  अमित शाह ने एक जन उत्थान रैली को भी संबोधित किया। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल और केन्द्रीय रेल मंत्री  अश्विनी वैष्णव सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने पिछले 8 सालों में राज्य में चहुंमुखी विकास कर इसे बदलने का काम किया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा भारत के इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है और इसी फरीदाबाद की भूमि पर संत सूरदास ने जन्म लिया है। अमित शाह ने हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में 8 साल पूरे करने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में लगभग 6,629 करोड़ रूपयों के विकास कार्यों का भूमिपूजन और उद्घाटन यहां हुआ है। श्री शाह ने कहा कि 5,600 करोड़ रूपयों से अधिक की लागत वाले हरियाणा ऑर्बिटल कॉरिडोर परियोजना का शिलान्यास भी आज यहां हुआ है। इसके अलावा सोनीपत में 590 करोड़ रूपयों का रेल कोच नवीनीकरण कारखाने का उद्घाटन भी हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा दिए गए आत्मनिर्भर भारत के आह्वान के तहत वंदे भारत ट्रेन का निर्माण भी सोनीपत में होने जा रहा है। श्री शाह ने कहा कि 315 करोड़ रूपयों की लागत से रोहतक में सबसे लंबे एलीवेटेड रेलवे ट्रैक का उद्घाटन होने जा रहा है और ये ट्रैक आने वाले दिनों में भारत के शहरी विकास के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि भोंडसी में पुलिस आवासीय परिसर में लगभग 576 पुलिस परिवारों को आज अपना घर मिलने जा रहा है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हरियाणा में वर्तमान सरकार से पहले के 8 साल याद करें तो पता चलता है कि एक सरकार के राज में भ्रष्टाचार बढ़ता था तो दूसरी सरकार के राज में गुंडागर्दी बढ़ती थी। उन्होंने कहा कि मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा सरकार ने भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी को समाप्त कर हरियाणा को सुरक्षित बनाने का काम किया है। श्री शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर जी ने सभी वर्गों और पूरे हरियाणा की चिंता की है। उन्होंने कहा कि हमने विरासत में मिले बदहाल सिस्टम को बदल कर भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया और भाई भतीजावाद को समाप्त कर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की योजनाओं को हर गरीब तक पहुंचाया है। हरियाणा देश का पहला राज्य है जहां केरोसिन नहीं है, धुआं मुक्त और राज्य के हर घर में गैस का चूल्हा है।

अमित शाह ने कहा कि आज हरियाणा खाद्यान्न और दूध उत्पादन में देश में दूसरे स्थान पर और ओलंपिक पदक विजेताओं और नेशनल गेम्स में पहले स्थान पर है। हरियाणा 2015-16 से 2020-21 तक 6% से अधिक विकास दर के साथ विकास के हर क्षेत्र में आगे रहा है। मैन्युफैक्चरिंग की विकास दर 10% से ज्यादा है, 8 साल पहले सॉफ्टवेयर निर्यात में हरियाणा का कहीं नाम नहीं था, आज हरियाणा सॉफ्टवेयर निर्यात करने में देश का दूसरे नंबर का राज्य बन गया है। 4,119 युवा स्टार्टअप रजिस्टर्ड करा चुके हैं और स्टार्टअप पंजीकरण में प्रति व्यक्ति औसत आबादी की दृष्टि से हरियाणा के युवाओं ने देश में सबसे ज्यादा स्टार्टअप बनाए हैं। 8 साल के अंदर यह बहुत बड़ा परिवर्तन आया है और प्रधानमंत्री मोदी जी ने देशभर में परिवर्तन की जो बयार चलाई है उसका सबसे बड़ा फायदा हरियाणा ने लिया है। 2014 में दुनियाभर में भारत का अर्थतन्त्र 11वें नंबर पर था, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में 2014 से 2022 के बीच भारत का अर्थतन्त्र इंग्लैंड को भी पीछे छोड़ पांचवें नंबर पर पहुंच गया है। हरियाणा सरकार ने गुरुग्राम को उद्योग का सबसे बड़ा हब बनाने का काम किया है और आज हरियाणा में विश्व की लगभग 400 फार्च्यून कंपनियां अपना कारोबार कर रही है।

गृह मंत्री ने कहा कि हरियाणा ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर से केंद्र सरकार और राज्य सरकार की 127 योजनाओं के 56,257 करोड़ रुपये सीधे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करने का काम किया है। साथ ही पिछले 8 साल में 98,000 लोगों को पूरी पारदर्शिता के साथ सरकारी नौकरी देने का काम किया है। हरियाणा सरकार ने ट्रांसफर इंडस्ट्री के भ्रष्टाचार पर भी रोक लगाने का काम किया है। मनोहर खट्टर के मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रदेश में 17 नए राष्ट्रीय राजमार्ग बने हैं और हरियाणा  देश में एकमात्र राज्य ऐसा है जो एमएसपी पर 14 फसलों की खरीद करता है।

अमित शाह ने हरियाणा की जनता को बधाई देते हुए कहा कि पहले यहां लिंगानुपात खराब स्थिति में था और प्रति 1000 पर बेटियों की संख्या 871 थी, मोदी जी ने हरियाणा से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की और आज यह लिंगानुपात 871 से बढ़कर 913 तक पहुंच गया है जोकि एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि जो देश और राज्य अपनी बेटियों की सुरक्षा नहीं कर सकता वह किसी की सुरक्षा नहीं कर सकता, पिछले 8 साल के अंदर मोदी जी ने पूरे देश को सुरक्षित बनाया है। प्रधानमंत्री मोदी जी पूरे देश में रोजगार, उद्योग, शिक्षा, कृषि और आईटी सभी क्षेत्रों में विकास की बयार लाए हैं और मनोहर लाल जी इन सभी योजनाओं को जस की तस जमीन पर उतारने में सफल हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल की जोड़ी ने हमारे हरियाणा को नंबर वन बनाने का काम किया है। मोदी जी हरियाणा के विकास के लिए कटिबद्ध है और मनोहर लाल जी प्रधानमंत्री की सभी योजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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सीमा सड़क संगठन ने स्वच्छता पर विशेष अभियान 2.0 के दौरान सड़क निर्माण में प्लास्टिक के छोटे-छोटे टुकड़ों का इस्तेमाल किया

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) पूरे देश में चलाये जा रहे स्वच्छता अभियान 2.0 को तकनीकी प्रोत्साहन प्रदान कर रहा है। संगठन ने भारत के साथ-साथ भूटान में भी बिटुमिनस से सड़क के निर्माण में बड़े पैमाने पर कटे हुए प्लास्टिक के छोटे-छोटे टुकड़ों का इस्तेमाल करने के लिए परीक्षण किए हैं। बीआरओ सड़कों की ऊपरी परत के निर्माण और पुनर्निर्माण के लिए कटे हुए प्लास्टिक के छोटे टुकड़ों का अधिकतम उपयोग करने के प्रयास कर रहा है।

बीआरओ ने विशेष अभियान 2.0 के दौरान, दंतक परियोजना के तहत फुएंत्शोलिंग-थिम्फू रोड पर 4.5 किलोमीटर की रिसर्फेसिंग में इस तकनीक का इस्तेमाल किया है। दूसरी परियोजना वर्तक के अंतर्गत बालीपारा-चारदुआर-तवांग सड़क पर 2.5 किलोमीटर और अरुणाचल प्रदेश में परियोजना उदयक के तहत रोइंग-कोरोनू-पाया सड़क पर 1.0 किलोमीटर की रिसर्फेसिंग के लिए भी इसी प्रौद्योगिकी का उपयोग किया है। इसका इस्तेमाल मिजोरम में पुष्पक परियोजना के अंतर्गत हनथियाल-संगौ-सैहा रोड पर 5.22 किलोमीटर और अरुणाचल प्रदेश में अरुणांक परियोजना के तहत हापोली-सरली-हुरी रोड पर 2.0 किलोमीटर के रिसर्फेसिंग में किया गया है।

स्वच्छ भारत मिशन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में वर्ष 2014 में लोगों के व्यवहार में बदलाव लाने के लिए महात्मा गांधी को उचित श्रद्धांजलि के रूप में शुरू किया गया था। गांधीजी ने स्वच्छता को जीवन में एक महत्वपूर्ण आदत के रूप में अपनाने की वकालत की थी। बाद में, सरकारी विभागों और मंत्रालयों में 2021 में लंबित कार्यों को पूरा करने और स्वच्छता के लिए निपटान पर एक विशेष अभियान शुरू किया गया था। पिछले वर्ष के दौरान विशेष अभियान की सफलता के बाद, 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर, 2022 तक केंद्र सरकार के मंत्रालयों/विभागों, संबद्ध/अधीनस्थ कार्यालयों में स्वच्छता पर विशेष अभियान 2.0 आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।

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भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानक के अनुरूप पात्र किसानों को प्रधानमंत्री द्वारा 12वीं किस्त की धनराशि निर्गत की गयी

कानपुर 19 अक्टूबर, 2022(सू0वि0)* मुख्य विकास अधिकारी  सुधीर कुमार ने बताया है कि शासन के निर्देशानुसार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजनान्तर्गत लाभार्थी कृषकों को रूपये 2000/- की समान किस्तों में रूपये 6000/- प्रति वर्ष प्रदान किये जाने का प्राविधान है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानक के अनुरूप पात्र किसानों को प्रधानमंत्री महोदय के द्वारा 12वीं किस्त की धनराशि निर्गत की गयी है। यह सम्भव है कि जिला प्रशासन प्रयासों के बाद भी कतिपय कृषकों के भूलेख अंकित न हो पाये हो। उक्त के अतिरिक्त आधार इनवैलिड ई०के०वाई०सी० तथा नाम मिसमैच के भी कतिपय प्रकरण लम्बित चल रहे है, जिनमें डाटा सुधार आवश्यक है। उक्त कृषकों की समस्याओं के समाधान हेतु जनपद एवं विकास खण्ड स्तर पर हेल्प डेस्क/कॉल सेन्टर स्थापित किया जा रहा है जिसे 02 पालियों (प्रथम पाली प्रातः 8ः00 बजे से अपरान्ह 2ः00 बजे तक एवं द्वितीय पाली अपरान्ह 2ः00 बजे से सायं 8ः00 बजे तक) में संचालित किया जायेगा। जनपद स्तर पर स्थापित हेल्प डेस्क/कॉल सेन्टर पर कृषक भाई फोन द्वारा अपनी समस्या बताकर निवारण प्राप्त कर सकते है तथा विकास खण्ड स्तर पर स्थापित हेल्प डेस्क पर कृषक भाई सम्बन्धित विकास खण्ड के राजकीय कृषि बीज भण्डार पर उपस्थित होकर अपनी-अपनी समस्या का निवारण प्राप्त कर सकते है। उन्होंने बताया कि जनपद स्तर पर स्थापित कॉल सेन्टर का हेल्पलाइन नम्बर-7388042157 व 7398642157 है।
उन्होंने किसान भाइयों से अनुरोध किया है कि पी०एम० किसान योजनान्तर्गत भूलेख अभिलेख अंकित न होने, इनवैलिड आधार, ई0के0वाई०सी०, नाम मिसमैच से सम्बन्धित समस्याओं के निस्तारण हेतु अपने विकास खण्ड से सम्बन्धित हेल्प डेस्क पर उपस्थित होकर योजना से सम्बन्धित अपनी समस्या का समाधान प्राप्त कर सकते है अथवा जनपद स्तर पर स्थापित कॉल सेन्टर पर फोन कर योजना से सम्बन्धित अपनी समस्या का समाधान प्राप्त कर सकते है।

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काश! शहरों की भांति ग्रामीण क्षेत्र के भू माफियाओं पर भी गरजता बाबा का बुलडोजर

काश! भ्रष्ट तंत्रियों की ओर भी एक बार हो जाता बाबा के बुलडोजर का निशाना

जिस प्रकार से योगी सरकार पार्ट वन ने भू माफियाओं के खिलाफ बुलडोजर का अभियान चलाकर इनकी कमर तोड़ी है, जो निर्बाध रूप से बिना भेदभाव के पार्ट टु में भी तेजी से चल रहा है जिससे फर्जी ढंग से जनता में हुल थाप देने वाले गुरु घंटाल, भू माफिया बिलबिला गए हैं, काश अब इसी तरह से शहरों के स्वास्थ्य माफियाओं एवं प्रदेश के हर गांवों के भू माफियाओं व गांव- शहर मे तैनात भ्रष्ट तंत्रियों पर भी चल जाता योगी का बुलडोजर तो मानो राम राज्य आ गया, इन लोगों द्वारा जिस प्रकार से आज भी निरीह गरीब मजबूर लोगों का खून चूसा जा रहा है, जिससे भी भ्रष्टाचार बढ़ा है यदि इन लोगों पर लगाम लगा दिया जाए तो प्रदेश की आधी समस्या अपने आप खत्म हो जाएगी।

जिस प्रकार से यूपी चुनाव 2022 मे भाजपा की मोदी योगी की डबल इंजन की सरकार ने अपने ईमानदार छवि एवं सूझबूझ के साथ कार्य करने की इच्छा शक्ति व भ्रष्टाचार विरोधी एवं माफिया विरोधी वाले चेहरे के बल पर भारी जीत दर्ज कर पुनः योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार बनाई है, जिससे अच्छा एवं सही कार्य करने के लिए योगी जी का उत्साह दूसरी पारी में और बढा है साथ ही जनता का आशा भी बढी है, जिसके क्रम में योगी अपने उसी सिद्धांत एवं नीति के तहत कार्य करना प्रारंभ भी कर दिए है, सबसे पहले उन्होंने बड़े-बड़े सूरमाओ, मंत्रियों के विभाग बदल दिए और कुछ को तो पैदल कर दिए, दूसरा नंबर विभागों के तनखइयां गुरु घंटालो पर है, कामचोर मलाई प्रेमियों को सूखे चारा वाले स्थान पर लाया जा रहा है और कर्मठ लोगों को उचित जगह बैठाया जा रहा है जिनके साथ भ्रष्टाचार पर लगाम कसने का कार्य शुरू किया गया, लेकिन अभी भी मलाई खाने वाले गुरु घंटाल योगी के योजना में छेद कर रहे हैं, इसकी जानकारी योगी जी को है या नहीं लेकिन जिस प्रकार से योगी जी द्वारा गुंडों, लफंगो, माफियाओं के विरुद्ध बुलडोजर के साथ-साथ कानूनी चाबुक चलाकर इनको जेल की सलाखों के पीछे भेजने एवं इनके अवैध संपत्तियों को जप्त करवाने और इनके संपत्तियों का लेखा जोखा करवाने का अभियान चलाया जा रहा है, जिसका सीधा लाभ भाजपा को 2024 के लोकसभा चुनाव में होगा, योगी जी अपने मिशन को लेकर निरंतर सफलता के साथ आगे बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन इसी बीच में कुछ गुरुघंटाल मिल-मिलाकर पीछे से चूहे की तरह योगी के पारदर्शी योजनाओं को कुतर रहे हैं जिसकी वजह से जनता में अभी भी थोड़ा निराशा बनी हुई है इन पर भी योगी जी को विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता है।

आलम यह है कि प्रदेश के मुखिया के निर्देशों के क्रम मे जिस प्रकार से भ्रष्ट तंत्रियों द्वारा लिपा पोती किया जा रहा है और योजनाबद्ध तरीके से चोरों की जांच डकैतो से कराई जा रही है, जिनको गुरु घंटाल माफियाओं के परोक्ष एवं अपरोक्ष अवैध संपत्तियों की निगरानी एवं उनके जांच की जिम्मेदारी दी गई हैं वे भ्रष्ट तंत्री परोक्ष रूप से जगजाहिर माफियाओ के सम्बन्ध में रिपोर्ट भेजी और उनके विरुद्ध कार्यवाही की जा रही है जो सबके सामने है, इन्हीं भ्रष्ट तंत्रियों ने अपरोक्ष माफियाओं से साठगांठ करके इनके नामों को दबा दिया, जिसकी वजह से योगी के ईमानदार छवि पर प्रश्न चिन्ह लग रहा है, इससे जनता में थोड़ा निराशा की स्थिति बनी हुई है, दूसरी ओर सरकार के पारदर्शी योजना पर पट्टा लग रहा है, अब इस विकट समस्या को योगी जी को स्वयं देखना होगा, नहीं तो आने वाला 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

योगी के ईमानदार छवि भ्रष्टाचार एवं माफिया विरोधी दृढ़ इच्छाशक्ति के कार्य में यदि सही से भ्रष्ट तंत्रियों ने वास्तविक रुप सहयोग दे तो उन सभी परोक्ष अपरोक्ष माफियाओं के विरुद्ध तत्काल कार्यवाही हो सकती है, जिससे योगी के साथ साथ इनकी भी छवि बन सकती है और प्रदेश में विकास की गंगा बह सकती है और महाराष्ट्र गुजरात जैसे विकसित प्रदेश भी योगी के नेतृत्व में बन सकता है।

इतना ही नहीं तनखइयां लोग मोदी योगी द्वारा चलाई गई योजना को इस कदर दीमक की भांति चाट रहे हैं कि जिसका आलम यह दिखाई पड रहा है कि वे अपने भ्रष्टाचारी नीति से उक्त जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उन वर्गो को ज्यादातर दे रहे हैं जो वर्ग मोदी योगी को वोट देना तो दूर है इनकी बात सुनना भी पसंद नहीं करते, लेकिन इन भ्रष्ट तंत्रियों इन्हीं को सरकारी लाभ दिलवाना पसंद करते हैं, इतना ही नहीं इन्होंने नियम कानून की धज्जियां उड़ाते हुए अपने निजी हित को साधते हुए जिस परिवार को आवास, राशन कार्ड, पेंशन आदि सरकारी योजनाओं की आवश्यकता है उसको न देकर उस परिवार को देते हैं जिसको आवश्यकता नहीं है, जिसको आवश्यकता है वो आज भी भटक रहा है क्योंकि ये इन भ्रष्ट तंत्रियों के सिस्टम में नहीं बैठ पाते, इस पर भी योगी जी को ध्यान देना होगा, नहीं तो ये भ्रष्टाचारी सरकार के मुखिया को बदनाम करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे।

भ्रष्टाचार का आलम यह है कि गांव का राजस्वकर्मी, सेक्रेटरी, स्वास्थ्य विभाग सहित सभी विभागों के बाबूओ ने शहरों में दो-तीन आलीशान कोठिया बनवा रखी है, गांव का हाल ही मत पूछो जिसका जिक्र देश के प्रधानमंत्री भी अपने भाषण में करते रहते हैं, इतना ही नहीं मोदी योगी की डबल इंजन सरकार के जीरो टॉलरेंस की नीति को जिस प्रकार से धता बताते हुए योगी के नाक के नीचे लखनऊ प्राधिकरण के कर्मचारियों, अधिकारियों की मिलीभगत से जिस प्रकार से गलत ढंग से अखिलेश के बंगले का नक्शा पास कर दिया गया, जिस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दिया है, इसी प्रकार से गांव और शहरों में ऐसे ऐसे राजस्व कर्मी और बाबू हैं जो खुलेआम घूम घूम कर यह कहते हैं की चाहे जो सीएम पीएम हो जाए हमारे लिए हम जो चाहते हैं वही नियम कानून होता है, यह उनके ऊपर चरितार्थ दिखाई भी पड़ता है, जिस प्रकार से मनमानी तरीके कुछ राजस्व कर्मियों ने बिना रजिस्ट्री, बिना बैनामा गांव के अन्य लोगों की जमीनो को एवं सरकारी जमीनों को अपने एवं अपने परिवारजनों के नाम दर्ज करवा लिया है और जमीनों पर अपने बाप की बपौती मानकर माफिया जनप्रतिनिधियों के भारी निधि से बड़ी बड़ी बिल्डिंग बनवाकर स्कूल/कॉलेज चलवा कर भारी व्यापार किया जा रहा है एवं स्टेटस सिंबल बनाया गया है, यहां मजे की बात यह भी है कि जिस शिक्षा विभाग ने मान्यता देते वक्त यह जांच करता है कि इस स्कूल विद्यालय कॉलेज के नाम से रजिस्ट्री सुधा जमीन है कि नहीं लेकिन यहां यह भी बताते चलें की भारी तादात में सरकारी एवं प्राइवेट जमीन को चकबंदी विभाग के जमीर बेच घिनौने कृत्य के कर्मचारी, अधिकारी को मिलाकर विद्यालय के नाम करा लिया है जिस पर ही इन भ्रष्ट तंत्रियों ने मान्यता दे दिया है, इतना ही नहीं ये गुरु घंटाल भूमाफियां बाजारू वस्तु की भांति बिकने वाले चकबंदी विभाग के अधिकारियों को मिलाकर गांव में बीस-तीस वर्षों से ज्यादा चकबंदी प्रक्रिया बीत जाने के बाद भी जमीनों को इधर-उधर करवा देते हैं, इस बीभत्सवादी अव्यवस्था को सुधार करने के लिए, योगी को तत्काल आगे आना और उपरोक्त गुरु घंटालो के खिलाफ सख्त कार्यवाही करना चाहिए जिससे जनता में योगी का जो हनक है वह बनी रहे, साथ ही पारदर्शी व्यवस्था एवं कठोर कार्यवाही के लिए योगी जी को चाहिए कि प्रदेश के हर जिलों में राष्ट्रवादी एवं भ्रष्टाचार विरोधी अफसरों, पत्रकारों, शिक्षकों, अधिवक्ताओं, डॉक्टरों, समाजसेवियों, राजनेताओं, व्यापारियों कि एक कोर कमेटी बनवाएं एवं उनके जांच रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्यवाही की व्यवस्था बनाएं, जिससे योगी जी के राष्ट्रव्यापी व्यक्तित्व में और बल मिलेगा।

(लेखक, वरिष्ठ पत्रकार, आचार्य श्रीकांत शास्त्री, राजनीतिक विश्लेषक हैं)

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