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प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में आज़ादी का अमृत महोत्सव प्रगतिशील भारत के 75 वर्ष पूरे होने और देश के लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को याद कर उन पर गौरवान्वित महसूस करने के लिए भारत सरकार की एक पहल है

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आज़ादी का अमृत महोत्सव प्रगतिशील भारत के 75 वर्ष पूरे होने और देश के लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को याद करके उन पर गौरवान्वित महसूस करने के लिए भारत सरकार की एक पहल है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने भाषण में सभी देशवासियों से अपनी विरासत पर गर्व करने का आह्वान किया था। भारत का एक समृद्ध और गौरवशाली इतिहास है, जो इसके वीरों की अदम्य वीरता, शौर्य, बलिदान, तपस्या, युद्ध और विजय की गाथाओं से भरा है। भारत माता के ऐसे ही महान सपूतों में से एक नेताजी सुभाष चंद्र बोस थे, जिनके स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान ने भारत की अनेकों पीढ़ियों को प्रेरित किया है और देशवासियों में गर्व की भावना पैदा की है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय 17 से 23 जनवरी, 2023 तक भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती (पराक्रम दिवस) मनाने के लिए आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आइकॉनिक इवेंट्स सप्ताह मनाएगा। इस सप्ताह के दौरान कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जो नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन और स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान पर आधारित होंगे। 23 जनवरी, 2023 को पोर्ट ब्लेयर, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में एक भव्य कार्यक्रम में इसका समापन होगा जिसमें केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह मुख्य अतिथी होंगे।

आइकॉनिक इवेंट्स सप्ताह के दौरान केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और केंद्रीय पुलिस संगठनों, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह प्रशासन, तथा मणिपुर, नागालैंड, गुजरात, ओडिशा और पश्चिम बंगाल की राज्य सरकारों के सहयोग से कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। ये कार्यक्रम नेताजी के जीवन से संबंधित स्थानों पर आयोजित किए जाएंगे। इसके तहत 17 जनवरी, 2023 को मणिपुर के मंत्रिपुखरी, कीथेलमनबी, कंगवई, मोइरांग और नम्बोल में, 18 जनवरी को नागालैंड, कोहिमा के रुझाजो और चेसेजु गाँव में, 19 जनवरी को गुजरात के हरिपुरा, बारडोली, और सूरत में, 20 जनवरी को ओडिशा के कटक में और 21 जनवरी, 2023 को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में कार्यक्रमों का आयोजन होगा। इस अभियान के अंतर्गत भारत के स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी के अविस्मरणीय योगदान का जश्न मनाने के लिए इन स्थानों पर पूरे सप्ताह कई गतिविधियां आयोजित करने की योजना बनाई गई है।

जन भागीदारी की भावना के साथ सभी आयोजनों में बड़े पैमाने पर सार्वजनिक भागीदारी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इन आयोजनों को डिजाइन किया गया है, ताकि नागरिक हमारे राष्ट्रीय नायकों से प्रेरणा ले सकें और उनके महान आदर्शों को आगे बढ़ा सकें।

23 जनवरी, 2023 को पोर्ट ब्लेयर, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जहां नेताजी ने 30 दिसंबर, 1943 के दिन भारत को आजादी मिलने से बहुत पहले, पहली बार भारतीय धरती पर तिरंगा फहराया था।

गृह मंत्रालय का आइकॉनिक इवेंट्स सप्ताह भारत के स्वतंत्रता संघर्ष में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन और योगदान को का एक अवसर है। यह उनके उच्च आदर्शों को याद करने और समस्त देशवासियों के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन से प्रेरणा लेने का भी अवसर है।

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अनुराग सिंह ठाकुर ने मोटे अनाजों पर विशेष एपिसोड के साथ फिट इंडिया हेल्दी हिंदुस्तान टॉक सीरीज लॉन्च की मुख्‍य बिंदु

अनुराग सिंह ठाकुर ने फिट इंडिया हेल्दी हिंदुस्तान आइकॉन के साथ एक विशेष सत्र में फिटनेसहेल्‍दी डाइट चार्टवरिष्ठ नागरिकों की जरूरतों के बारे में चर्चा की और हमारे दैनिक जीवन में मोटे अनाजों के महत्व पर एक विशेष सत्र में भाग लिया।

केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने रविवार, 15 जनवरी को मोटे अनाजों पर एक विशेष एपिसोड के साथ फिट इंडिया की हेल्‍दी हिंदुस्तान टॉक सीरीज़ का शुभारंभ किया।

विशेष कर्टेन रेजर एपिसोड के दौरान युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री ने फिट इंडिया हेल्दी हिंदुस्तान आइकॉन के साथ एक विशेष सत्र में फिटनेस, हेल्‍दी डाइट चार्ट ,वरिष्ठ नागरिकों की जरूरतों के बारे में चर्चा की और हमारे दैनिक जीवन में मोटे अनाजों के महत्व पर एक विशेष सत्र में भाग लिया।

जाने माने फिटनेस विशेषज्ञों और फिट इंडिया आइकॉन द्वारा ऑनलाइन टॉक शो की यह श्रृंखला 22 जनवरी से प्रारंभ होकर 12 मार्च 2023 तक चलेगी और प्रत्येक रविवार पूर्वाह्न 11 बजे फिट इंडिया के आधिकारिक यूट्यूब और इंस्टाग्राम हैंडल से प्रसारित की जाएगी।

कर्टेन रेजर कार्यक्रम के दौरान श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने ऐसे नेक अभियान के लिए फिट इंडिया के सभी विशेषज्ञों और आइकन की सराहना करते हुए कहा, “हम 70 साल की आयु में स्वस्थ शरीर की कामना करते हैं, तो फिर हम अपनी देखभाल कम उम्र से ही क्यों नहीं शुरू कर देते? आइए, पेशेवरों से जानकारी हासिल करें, स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक खाएं, नियमित व्यायाम करें और फिट रहें। जैसे ही हम लोगों को जागरूक करेंगे, उससे बहुत बड़ा बदलाव आएगा और मुझे पूरा यकीन है कि यह शो लोगों की जिंदगी में बदलाव लाएगा।”

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माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप फिट राष्ट्र का निर्माण करने के लिए फिट इंडिया हेल्‍दी हिंदुस्तान का उद्देश्य सभी आयु वर्गों के लोगों, विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों के बीच फिटनेस, स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक भोजन और मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के महत्व को बढ़ावा देना है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2023 को ‘अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष’ (आईवाईओएम) घोषित किया है। भारत सरकार की पहल की बदौलत संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को दुनिया भर के 70 से अधिक देशों के समर्थन से अपनाया गया है। भारत सरकार आईवाईओएम 2023 को जन आंदोलन का रूप देते हुए मनाने का प्रयास कर रही है ताकि भारतीय मोटे अनाज, व्यंजन विधियां और मूल्य वर्धित उत्पादों को वैश्विक स्तर पर स्वीकार किया जा सके।

फिट इंडिया हेल्दी हिंदुस्तान के पैनल में ल्यूक कॉटिन्हो (जीवनशैली विशेषज्ञ), रेयान फर्नांडो (खेल पोषणविद्), हीना भिमानी (पोषणविद्) और संग्राम सिंह (पहलवान/प्रेरक वक्‍ता) शामिल हैं।

मोटे अनाजों के महत्व के बारे में पोषणविद् रेयान फर्नांडो ने कहा, “60 प्रतिशत महिलाओं में हीमोग्लोबिन की कमी होती है, लेकिन मोटे अनाजों का उपयोग उस कमी को दूर कर सकता है, रागी में फेनोलिक एसिड होता है, जो बहुत शक्तिशाली सुपर एंटीऑक्सिडेंट है जो मांसपेशियों की क्षति को ठीक करता है और मोटे अनाज मेरी किताब के नए सुपरहीरो बनने जा रहे हैं।”

पहलवान संग्राम सिंह ने कहा, “फिट इंडिया हेल्‍दी हिंदुस्तान कार्यक्रम सरकार की बहुत अच्छी पहल है, जिससे सभी को लाभ होगा। अगर हम सब मोटे अनाजों का उपयोग शुरू कर दें, तो हमारे देश से बीमारियां 99.9 फुट दूर हो जाएंगी और हम बहुत जल्द खेल राष्ट्र बन जाएंगे।”

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किसानों को कम ब्याज दर पर ऋण की सुविधा के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए

किसानों को कम ब्याज दर पर ऋण सुविधा के लिए, भंडारण विकास एवं विनियामक प्राधिकरण (डब्ल्यूडीआरए) ने एक कार्यक्रम में एक राष्ट्रीयकृत बैंक के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

विशेष रूप से ई-एनडब्ल्यूआर (इलेक्ट्रॉनिक परक्राम्य भंडारण रसीद) के आधार पर धनराशि देने के लिए, उपज विपणन ऋण नामक नए ऋण उत्पाद के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसमें प्रसंस्करण शुल्क शून्य, कोई अतिरिक्त गिरवी की जरूरत नहीं और आकर्षक ब्याज दर जैसी विशेषताएं हैं।

समझौता ज्ञापन का उद्देश्य भारत में कृषि वित्त में सुधार के लिए आउटरीच गतिविधियों को आगे बढ़ाने के अलावा जमाकर्ताओं को लाभों की जानकारी प्रदान करना है।

यह परिकल्पना की गई है कि छोटे और सीमांत किसानों के बीच ई-एनडब्ल्यूआर की स्वीकृति के संबंध में इस ऋण-उत्पाद के दूरगामी परिणाम होंगे। इसमें संकट में बिक्री को रोकने और उपज के लिए बेहतर मूल्य जारी करने के जरिये, ग्रामीण जमाकर्ताओं की वित्तीय सुविधा पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने की क्षमता है।

ई-एनडब्ल्यूआर प्रणाली की अंतर्निहित सुरक्षा और परक्राम्यता के साथ, उपज विपणन ऋण ग्रामीण नकदी में सुधार करने और किसानों की आय बढ़ाने में काफी मदद करेगा। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

आयोजन के दौरान, ग्रामीण ऋण में सुधार के लिए भण्डार रसीदों का उपयोग करते हुए फसल कटाई के बाद वित्तपोषण के महत्व पर एक संक्षिप्त चर्चा हुई। बैंक प्रतिनिधियों ने इस क्षेत्र में ऋण देने वाली संस्थाओं के सामने आने वाले जोखिमों पर भी प्रकाश डाला। डब्ल्यूडीआरए ने हितधारकों के बीच जिम्मेदार विश्वास को बेहतर बनाने के लिए अपने पूर्ण नियामक समर्थन का आश्वासन दिया।

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प्रधानमंत्री ने अग्निवीरों के पहले बैच को संबोधित किया

प्रधानमंत्री मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से तीनों सेवाओं के उन अग्निवीरों के पहले बैच को संबोधित किया, जिन्होंने अपना बुनियादी प्रशिक्षण शुरू कर दिया है।

प्रधानमंत्री ने इस पथ-प्रदर्शक अग्निपथ योजना के अग्रणी होने पर अग्निवीरों को बधाई दी। उन्होंने इस बारे में प्रकाश डाला कि यह परिवर्तनकारी नीति हमारे सशस्त्र बलों को मजबूत बनाने और उन्हें भविष्य में आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार करने में एक ‘गेम चेंजर’ साबित होगी। प्रधानमंत्री ने इस बात की पुष्टि की कि युवा अग्निवीर सशस्त्र बलों को और अधिक युवा और तकनीक रूप से व्‍यावहारिक बनाएंगे।

अग्निवीरों की क्षमता की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी भावना सशस्त्र बलों की वीरता को दर्शाती है, जिसने सदैव राष्ट्र के झंडे को ऊंचा रखा है। उन्होंने कहा कि इस अवसर से उन्हें जो अनुभव प्राप्त होगा, वह जीवन भर उनके लिए गौरव का स्रोत सिद्ध होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नया भारत एक नए जोश से भरा हुआ है और हमारे सशस्त्र बलों को आधुनिक बनाने के साथ-साथ आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में युद्ध लड़ने के तौर-तरीकों में बदलाव हो रहा है। संपर्क रहित युद्ध के नए मोर्चों और साइबर युद्ध की चुनौतियों पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि तकनीकी रूप से सक्षम सैनिक हमारे सशस्त्र बलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से युवाओं की वर्तमान पीढ़ी में यह क्षमता है, इसलिए अग्निवीर आने वाले समय में हमारे सशस्त्र बलों में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि यह योजना किस प्रकार महिलाओं को भी अधिक सशक्त बनाएगी। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जाहिर की कि किस प्रकार महिला अग्निवीर नौसेना का गौरव बढ़ा रही हैं। उन्‍होंने कहा कि वह तीनों सेनाओं में महिला अग्निवीरों को देखने के लिए बहुत उत्सुक हैं। प्रधानमंत्री ने सियाचिन में तैनात की गई महिला सैनिकों और आधुनिक लड़ाकू विमानों को चलाने वाली महिला पायलटों का उदाहरण देते हुए उल्‍लेख किया कि किस प्रकार महिलाएं विभिन्न मोर्चों पर सशस्त्र बलों का नेतृत्व कर रही हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में तैनाती से उन्हें विविध अनुभव प्राप्त करने का अवसर मिलेगा और वे उन्हें विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों तथा जीवन जीने के तरीकों को भी सीखने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि टीम वर्क और नेतृत्व कौशल का सम्मान उनके व्यक्तित्व में एक नये आयाम का सृजन करेगा। उन्होंने अग्निवीरों का अपनी पसंद के क्षेत्र में अपने कौशल को बेहतर बनाने के लिए काम करते हुए नई चीजों को सीखने के लिए उत्सुक बने रहने का आह्वान किया।

युवाओं और अग्निवीरों की क्षमता की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने यह कहते हुए अपना संबोधन समाप्त किया कि आप ही हैं जो 21वीं सदी में राष्ट्र को नेतृत्व प्रदान करने जा रहे हैं।

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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने नेशनल मीडिया सेंटर, दिल्ली में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2023 की विषयवस्तु “वैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान” का अनावरण किया

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री एवं पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार),  प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने आज यहां राष्ट्रीय मीडिया केंद्र (नेशनल मीडिया सेंटर), नई दिल्ली में “वैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान” (ग्लोबल साइंस फॉर ग्लोबल वेलबीइंग)” शीर्षक से “राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2023” के लिए विषयवस्तु जारी की।

मंत्री महोदय ने कहा कि भारत के 2023 में प्रवेश करने के साथ ही यह विषय भारत की उभरती वैश्विक भूमिका और अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में उसकी बढ़ती दृश्यता को इंगित करता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की विषयवस्तु, सामग्री और आयोजनों पर उनके सावधानीपूर्वक मार्गदर्शन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त की।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि “वैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान” का विषय भारत के जी-20 की अध्यक्षता संभालने के साथ पूरी तरह से मेल खाता है जिससे वह वैश्विक दक्षिण यानी एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के विकासशील देशों की आवाज बनेगा।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्‍व में राष्ट्रों के समुदाय में वैश्विक दृश्यता प्राप्त की है और अब हम वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए परिणाम उन्मुख वैश्विक सहयोग के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, “जब चिंताओं, चुनौतियों और बेंचमार्क ने वैश्विक आयाम ग्रहण कर लिया है, तब निवारण भी वैश्विक प्रकृति का होना चाहिए।”

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (एनएसडी) हर वर्ष 28 फरवरी को ‘रमन प्रभाव’ की खोज के उपलक्ष्य में मनायाजाता है। भारत सरकार ने 1986 में 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (एनएसडी) के रूप में नामित किया। इसी  दिन सर सी.वी. रमन ने ‘रमन प्रभाव’ की खोज की घोषणा की थी, जिसके लिए उन्हें 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इस अवसर पर पूरे देश में विषय आधारित विज्ञान संचार गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने याद किया कि मोदी जी ने पिछले वर्ष सभी वैज्ञानिकों और विज्ञान के प्रति उत्साही लोगों को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की बधाई दी थी और विश्व कल्याण का आह्वान किया था, जब उन्होंने कहा था कि “आइए हम अपनी सामूहिक वैज्ञानिक जिम्मेदारी को पूरा करने और मानव प्रगति के लिए विज्ञान की शक्ति का लाभ उठाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करें”।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि ” वैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान” (ग्लोबल साइंस फॉर ग्लोबल वेलबीइंग)” विषयवस्तु को वैश्विक संदर्भ में वैज्ञानिक मुद्दों की सार्वजनिक प्रशंसा बढ़ाने के उद्देश्य से चुना गया है और जिसका वैश्विक भलाई पर प्रभाव भी पड़ रहा है।

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उन्होंने कहा कि आज भारतीय वैज्ञानिक सफलताएं प्रयोगशाला से धरातल तक पहुंच गई हैं और अब वास्तव में जन सामान्य के लिए “जीवन में सुगमता” लाने के लिए हर घर में विज्ञान के अनुप्रयोगों का उपयोग किया जा रहा है। मंत्री महोदय ने कहा कि यह देश और विदेश में लोगों और वैज्ञानिक बिरादरी को एक साथ आने, एक साथ काम करने और मानव जाति के कल्याण  के उद्देश्य से विज्ञान का प्रयोग करने की प्रसन्नता का अनुभव करने के अवसर प्रदान करने के लिए एक नए युग की शुरुआत करता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र ने पिछले साढ़े आठ वर्षों में देश के लिए दूरगामी प्रभाव वाले कई नए ऐतिहासिक सुधारों की शुरुआत करके तेजी से प्रगति की है। उन्होंने सरकार के इस रुख को भी दोहराया कि विज्ञान पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने के साथ, भारत औद्योगीकरण और तकनीकी विकास में एक वैश्विक नेता बनने की दिशा में उत्तरोत्तर आगे बढ़ रहा है। मंत्री महोदय ने कहा कि भारत की नई योजना, जिसे विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति 2020 कहा जाता है- द्वारा विज्ञान को अधिक प्रभावी ढंग से और विशेषज्ञों द्वारा संचालित करने की योजना है।

भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, डॉ. अजय कुमार सूद ने “वैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान” विषय के पीछे के तर्क को समझाया और कहा कि कोविड-19 के मद्देनजर वैश्विक चुनौतियों से लड़ने के लिए विश्व अब और अधिक निकट आ गया है। डॉ. सूद ने विस्तार से यह भी बताया कि 28 फरवरी 1928 को प्रतिष्ठित भारतीय भौतिक विज्ञानी सी.वी. रमन ने एक महत्वपूर्ण खोज की थी, जिसे रमन प्रभाव के नाम से जाना जाता है। खोज यह थी कि जब रंगीन प्रकाश की किरण किसी द्रव में प्रवेश करती है, तो उस द्रव द्वारा प्रकीर्णित प्रकाश का एक अंश भिन्न रंग का होता है यह। रमन ने दिखाया कि इस बिखरे हुए प्रकाश की प्रकृति विद्यमान  नमूने के प्रकार पर निर्भर थी।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव श्री एस. चंद्रशेखर ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि महत्वपूर्ण वैज्ञानिक दिवसों को मनाने से जुड़े कार्यक्रमों से समाज में वैज्ञानिक जागरूकता आती है। कई संस्थान अपनी प्रयोगशालाओं के लिए ओपन हाउस आयोजित करते हैं और छात्रों को किसी विशेष अनुसंधान प्रयोगशाला / संस्थान में उपलब्ध आजीविका के अवसरों के बारे में जानकारी देते हैं। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग से जुड़े वैज्ञानिक संस्थानों, अनुसंधान प्रयोगशालाओं और स्वायत्त वैज्ञानिक संस्थानों में पूरे देश में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के उत्सव का समर्थन, उत्प्रेरण और समन्वय करने के लिए एक केन्द्रीय (नोडल) एजेंसी के रूप में कार्य करता है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के अंतर्गत राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार हेतु राष्ट्रीय परिषद (नेशनल काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी कम्युनिकेशन–एनसीएसटीसी) ने व्याख्यान, क्विज़, ओपन हाउस आदि के आयोजन के लिए राज्यों की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (एसएंडटी) परिषदों और विभागों के माध्यम से देश भर में विभिन्न कार्यक्रमों का समर्थन किया है।

एनसीएसटीसी, डीएसटी के प्रमुख डॉ. मनोरंजन मोहंती और विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने आज के कार्यक्रम में भाग लिया।

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समाचार कानपुर से

कानपुर 5 जनवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता

कानपुरनगर-पनकी इंडस्ट्रियल एरिया साइट 3 के G-60 फैक्ट्री में भीषण अग्निकांड लगभग 3.30 बजे आज प्रातः हुआ_

_इस भीषण अग्निकांड में विभिन्न फायर स्टेशनों की 10 फायर टेंडर्स को प्रयोग करते हुए आग पर पूर्ण रूप से काबू पाया गया_

_इस घटना को सुरक्षित तरीके से बुझाया गया इसमें कोई जनहानि नहीं हुई।।_

_जिस फैक्ट्री में भीषण अग्निकांड हुआ उसमें रबर के सोल बनाने का कार्य होता था, आग लगने के कारण प्रथम दृष्टया शॉर्ट सर्किट प्रतीत होता है।।_

_इस भीषण अग्निकांड को नियंत्रित करने हेतु अग्निशमन अधिकारी फजलगंज,अग्निशमन द्वितीय अधिकारी मीरपुर और फायर सर्विस स्टाफ उपस्थित रहा_
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: *कानपुर में अटैक से 10 और ने तोड़ा दम*

तापमान पहुंचा 2°C, 50 साल का टूटा रिकॉर्ड; कोल्ड वेव का अलर्ट

मंगलवार की रात यूपी में सबसे ज्यादा ठंडी कानपुर में रही।

LPS कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट में 5 हार्ट पेशेंट्स ने दम तोड़ा। वहीं 5 पेशेंट्स ने कॉर्डियोलॉजी पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया।

परिजन जब तक उन्हें इंस्टीट्यूट लेकर पहुंचे मौत हो गई थी।

मंगलवार को इमरजेंसी में 118 पेशेंट्स पहुंचे जबकि ओपीडी में 609 हार्ट पेशेंट्स पहुंचे।

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*ककवन थाना क्षेत्र में संदिग्ध परिस्थियों में युवक ग़ायब होने का मामला*
विषधन क्षेत्र में शादी के कार्ड बाटने गया था युवक।
वापस ना आने पर परिजनों ने की तलाश तो नहर के किनारे खून से सने ग्लब्ज आदि मिले।
नहर में तलाश करने पर मोटर साइकिल हुई बरामद।
पास ही काफी मात्रा में खून पड़ा मिला।
परिजनों ने गांव के ही एक परिवार पर हत्या का शक ज़ाहिर किया।
लड़की के विवाह को लेकर एक युवक लगातार दे रहा था धमकी।
परिजनों ने ककवन थाने में युवक के गायब होने की दी सूचना।
पुलिस की सुस्त चाल से परिजनों में अनहोनी होने का डर।
काफी दिनों से नौशाद नाम का युवक कर रहा था परेशान।
*परिजनों ने ककवन थाना क्षेत्र पुलिस पर कार्यवाही ना करने का लगाया आरोप*
*ककवन पुलिस गायब 32 वर्षीय पुष्पेंद्र को अभी तक नही कर सकी है तलाश*
परिजनों को एसीपी बिल्हौर से न्याय की उम्मीद।

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एसजेवीएन द्वारा हिमाचल प्रदेश में 382 मेगावाट सुन्नी बांध जल विद्युत परियोजना के लिए निवेश को स्वीकृति

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 2614.51 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से एसजेवीएन लिमिटेड द्वारा हिमाचल प्रदेश में 382 मेगावाट सुन्नी बांध जल विद्युत परियोजना को स्वीकृति दे दी है। इसमें बुनियादी ढांचे को सक्षम बनाने के लिए भारत सरकार की बजटीय सहायता के रूप में 13.80 करोड़ रुपये के निवेश को भी स्वीकृति दी गई है। जनवरी, 2022 तक कुल 246 करोड़ रुपये के संचयी व्यय के लिए कार्योत्तर स्वीकृति भी दी गई है।

2,614 करोड़ रुपये की इस परियोजना लागत में 2246.40 करोड़ रुपये की वास्तविक लागत, निर्माण के दौरान ब्याज (आईडीसी) के तौर पर 358.96 करोड़ रुपये और वित्तपोषण शुल्क (एफसी) के रूप में 9.15 करोड़ रुपये शामिल हैं। मात्रा परिवर्तन (जोड़ने/बदलाव/अतिरिक्त मदों सहित) के कारण लागत भिन्नताओं के लिए संशोधित लागत स्वीकृतियां और निर्माणकर्ता के लिए देय समय सीमा स्वीकृत लागत के 10 प्रतिशत तक सीमित होगी।

आत्मनिर्भर भारत अभियान के लक्ष्यों और उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए, एसजेवीएन द्वारा 382 मेगावाट सुन्नी बांध एचईपी की स्थापना के लिए वर्तमान प्रस्ताव स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं/स्थानीय उद्यमों/एमएसएमई को विभिन्न लाभ प्रदान करेगा और रोजगार को बढ़ावा देने के अलावा देश के भीतर उद्यमशीलता के अवसरों को प्रोत्साहित करते हुए क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को सुनिश्चित करेगा। इस परियोजना के कार्यान्वयन से इसके निर्माण की चरम अवस्था के दौरान लगभग 4000 लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार का सृजन होगा।

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भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उत्तर प्रदेश विधान परिषद के कानपुर खण्ड स्नातक एवं कानपुर खण्ड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित सदस्यों का कार्यकाल दिनांक 12 फरवरी, 2023 को समाप्त होने के कारण होने वाली रिक्तियों को भरने के लिये कार्यक्रम घोषित

*कानपुर नगर, दिनांक 30 दिसम्बर, 2022 (सू0वि0)*
प्रभारी आयुक्त, कानपुर मण्डल कानपुर/रिटर्निंग आफिसर, कानपुर खण्ड स्नातक एवं शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र श्री विशाख जी ने बताया है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उत्तर प्रदेश विधान परिषद के कानपुर खण्ड स्नातक एवं कानपुर खण्ड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित सदस्यों का कार्यकाल दिनांक 12 फरवरी, 2023 को समाप्त होने के कारण होने वाली रिक्तियों को भरने के लिये कार्यक्रम घोषित कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि निर्वाचन की अधिसूचना का दिनांक 05 जनवरी 2023 (बृहस्पतिवार), नाम निर्देशन हेतु अन्तिम दिनांक 12 जनवरी 2023 (बृहस्पतिवार), नाम निर्देशन की जांच हेतु दिनांक 13 जनवरी 2023 (शुक्रवार), नाम वापसी हेतु अन्तिम दिनांक 16 जनवरी 2023 (सोमवार), मतदान का दिनांक 30 जनवरी 2023 (सोमवार), मतदान का समय पूर्वाह्न 08ः00 बजे से सायं 04ः00 बजे तक, मतगणना का दिनांक 02 फरवरी 2023 (बृहस्पतिवार) तथा वह तारीख जिससे पूर्व निर्वाचन समाप्त करा लिया जायेगा दिनांक 04 फरवरी 2023 (शनिवार) है।
उन्होंने बताया कि कानपुर खण्ड स्नातक एवं शिक्षक विधान परिषद द्विवार्षिक निर्वाचन जनपद कापुर नगर, कानपुर देहात एवं उन्नाव में होने हैं। अतः आदर्श आचार संहिता के सुसंगत उपलब्ध तत्कालिक प्रभाव से भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश में दिये गये प्राविधानों के अनुसार उपरोक्त जनपदों में लागू हो गयी हैं।

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केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने ‘वन रैंक, वन पेंशन’ के तहत सशस्त्र बलों के पेंशनभोगियों/पारिवारिक पेंशनभोगियों की पेंशन में पुनरीक्षण को 01 जुलाई 2019 से मंजूरी दी

प्रधानमंत्री मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने ‘वन रैंक, वन पेंशन’ (ओआरओपी) के तहत सशस्‍त्र बलों के पेंशनभोगियों/पारिवारिक पेंशनभोगियों की पेंशन में पुनरीक्षण को 01 जुलाई, 2019 से मंजूरी दे दी है। पूर्व पेंशनभोगियों की पेंशन कैलेंडर वर्ष 2018 में समान सेवा अवधि के साथ समान रैंक में रक्षा बल के सेवानिवृत्त कर्मियों की न्यूनतम और अधिकतम पेंशन के औसत के आधार पर फिर से निर्धारित की जाएगी।

लाभार्थी

30 जून, 2019 तक सेवानिवृत्त होने वाले सशस्त्र बलों के कार्मिकों {01 जुलाई, 2014 से समय-पूर्व (पीएमआर) सेवानिवृत्त होने वाले को छोड़कर} को इस पुनरीक्षण के तहत कवर किया जाएगा। 25.13 लाख से अधिक (4.52 लाख से अधिक नए लाभार्थियों सहित) सशस्त्र बलों के पेंशनभोगियों/पारिवारिक पेंशनभोगियों को लाभ होगा। निर्धारित औसत से अधिक पेंशन पाने वालों की पेंशन को संरक्षित किया जाएगा। यह लाभ युद्ध में शहीद होने वाले सैन्य कर्मियों की विधवाओं और दिव्यांग पेंशनरों सहित पारिवारिक पेंशनरों को भी दिया जाएगा।

बकाये का भुगतान चार छमाही किस्तों में किया जाएगा। हालांकि, विशेष/उदारीकृत पारिवारिक पेंशन पाने वालों और वीरता पुरस्कार विजेताओं सहित सभी पारिवारिक पेंशनभोगियों को एक किस्त में बकाया राशि का भुगतान किया जाएगा।

व्यय

पुनरीक्षण के कार्यान्वयन से 8,450 करोड़ रुपये @ 31 प्रतिशत महंगाई राहत (डीआर) का अनुमानित वार्षिक व्यय होगा। 01 जुलाई, 2019 से लेकर 31 दिसंबर, 2021 तक के बकाये की गणना 01 जुलाई, 2019 से लेकर 30 जून, 2021 की अवधि के लिए डीआर @ 17 प्रतिशत और 01 जुलाई, 2021 से लेकर 31 दिसंबर, 2021 तक की अवधि के लिए @ 31 प्रतिशत के आधार पर की गई है और यह राशि 19,316 करोड़ रुपये से अधिक है। 01 जुलाई, 2019 से लेकर 30 जून, 2022 तक कुल बकाया राशि लागू महंगाई राहत के अनुसार लगभग 23,638 करोड़ रुपये की होगी। यह व्यय ओआरओपी के मद में हो रहे व्यय के अतिरिक्त है।

01 जुलाई 2019 से ओआरओपी के तहत रैंक के अनुसार सेवा पेंशन में संभावित अनुमानित वृद्धि (रुपये में):

रैंक 01.01.2016 तक पेंशन 01.07.2019 से प्रभावी संशोधित पेंशन 01.07.2021 से प्रभावी संशोधित पेंशन 01.07.2019 से 30.06.2022 तक संभावित बकाया
सिपाही 17,699 19,726 20,394 87,000
नायक 18,427 21,101 21,930 1,14,000
हवलदार 20,066 21,782 22,294 70,000
नायब सूबेदार 24,232 26,800 27,597 1,08,000
सूबेदार मेजर 33,526 37,600 38,863 1,75,000
मेजर 61,205 68,550 70,827 3,05,000
लेफ्टिनेंट कर्नल 84,330 95,400 98,832 4,55,000
कर्नल 92,855 1,03,700 1,07,062 4,42,000
ब्रिगेडियर 96,555 1,08,800 1,12,596 5,05,000
मेजर जनरल 99,621 1,09,100 1,12,039 3,90,000
लेफ्टिनेंट जनरल 1,01,515 1,12,050 1,15,316 4,32,000

पृष्ठभूमि

सरकार ने रक्षा बलों के कार्मिकों/पारिवारिक पेंशनभोगियों के लिए वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) को लागू करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया और 01 जुलाई, 2014 से पेंशन में पुनरीक्षण के लिए 07 नवंबर, 2015 को नीति पत्र जारी किया। उक्त नीति पत्र में, यह उल्लेख किया गया था कि भविष्य में पेंशन हर पांच वर्ष में फिर से निर्धारित की जाएगी। ओआरओपी के कार्यान्वयन में आठ वर्षों में प्रति वर्ष 7,123 करोड़ रुपये की दर से लगभग 57,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों के लिए लखनऊ में आधुनिक मल्टी-स्पेशियलिटी कमांड अस्पताल के निर्माण को मंजूरी दी

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 22 दिसंबर, 2022 को सशस्त्र बलों के लिए लखनऊ, उत्तर प्रदेश में एक आधुनिक मल्टी-स्पेशियलिटी कमांड अस्पताल के निर्माण को मंजूरी दी। कमांड अस्पताल एक ग्रीन फील्ड बहुमंजिला अस्पताल होगा, जिसमें 780 भर्ती मरीज बेड के साथ-साथ 100 क्राइसिस एक्सपेंशन बेड के लिए तकनीकी सुविधा की व्यवस्था होगी, ताकि आपात स्थिति से निपटा जा सके।

मौजूदा कमांड अस्पताल लखनऊ सशस्त्र बलों के सबसे व्यस्त अस्पतालों में से एक है जो 22 सैन्य अस्पतालों, दो वायु सेना अस्पतालों और 109 पूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) पॉलीक्लिनिक के लिए एक तृतीयक देखभाल रेफरल अस्पताल है। यह मध्य भारत के छह राज्यों के साथ-साथ नेपाल में फैले 3.5 लाख से अधिक आश्रित ग्राहकों की स्वास्थ्य देखभाल जरूरतों को पूरा करता है। अस्पताल में नियमित आधार पर लगभग 2,000 ओपीडी रोगी और 40-50 आपात स्थिति वाले मरीज आते हैं। अस्पताल के बिस्तर हमेशा 80% से अधिक भरे होते हैं। दवाओं और सर्जरी की सभी सुपर स्पेशियलिटी के लिए तृतीयक देखभाल केंद्र होने के अलावा, अस्पताल में कैंसर रोगियों के लिए घातक रोग उपचार केंद्र (एमडीटीसी) भी है। अस्पताल प्रशिक्षुओं, स्नातकोत्तर प्रशिक्षुओं, एमएनएस कैडेटों और नर्सिंग सहायकों को भी प्रशिक्षित करता है।
मौजूदा अस्पताल में मरीजों की संख्या को देखते हुए रक्षा मंत्री ने 496.94 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत की एक विशेष परियोजना को मंजूरी दी। कमांड अस्पताल, लखनऊ की योजना देश में लागू नवीनतम इमारत कोड और अस्पताल नियमों के अनुरूप बनाई गई है। यह प्रगतिशील रोगी देखभाल सेवाओं के लिए जोन के अनुसार नियोजित किया गया है जो रोगी की आवाजाही को कम और नियंत्रित करता है, अस्पताल के संक्रमण (एचएआई) को कम करता है, नियोजित बायोमेडिकल वेस्ट (बीएमडब्ल्यू) अलगाव और निपटान, सभी विकलांग अनुकूल सेवाओं के साथ आपात स्थिति में आपदा निकासी योजना, निदान और चिकित्सीय दोनों के लिए विकिरण का सुरक्षित उपयोग अस्पताल में शामिल कई आधुनिक विशिष्टताओं में से शामिल हैं। डेटा और ऊर्जा संरक्षण पर तेजी से पहुंच के लिए भवन प्रबंधन प्रणाली के साथ-साथ अस्पताल सूचना प्रणाली जैसी एकीकृत सेवाओं को भी परियोजना में शामिल किया गया है।

मध्य भारत में आधुनिक मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल के निर्माण से सशस्त्र बलों का मनोबल बढ़ेगा और कर्मियों को वांछित सहायता मिलेगी। राजनाथ सिंह ने सभी रक्षा सेवाओं के कर्मियों को बधाई दी है और उनसे राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान जारी रखने का आग्रह किया है।

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