भारतीय स्वरूप कानपुर 23 अगस्त उद्यमियों की विभिन्न विभागों से सम्बन्धित समस्याओं के निराकरण के लिए मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में मण्डलीय उद्योग बंधु की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में मुख्य रूप से उपाध्यक्ष, कानपुर विकास प्राधिकरण, नगर आयुक्त, मुख्य अभियंता दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम, अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण विभाग, अधीक्षण अभियंता उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय), अधिशाषी अभियंता उ0प्र0 जल निगम (नगरीय), महाप्रबंधक जलकल विभाग, सचिव जलकल विभाग, अधीक्षण अभियंता केस्को अधिशाषी अभियंता केस्को, उपायुक्त जी0एस0टी0, क्षेत्रीय प्रबंधक यूपीसीडा, मुख्य अग्निशमन अधिकारी, उपायुक्त उद्योग कानपुर नगर, कानपुर देहात, फर्रूखाबाद, कन्नौज, इटावा, औरैया तथा उद्यमी श्री मनोज बंका, श्री उमंग अग्रवाल, श्री बृजेश अवस्थी, श्री लाडली प्रसाद, श्री सुशील शर्मा, श्री सुशील टकरू, श्री अमन घई सहित एसोसिएशन के अनेक प्रतिनिधि, उद्यमी एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
श्री उमंग अग्रवाल महासचिव फीटा द्वारा विगत बैठक में पनकी अग्निशमन केन्द्र, पनकी से कन्ट्रोल रूम और जी0 डी0 का संचालन कराये जाने की मांग की गयी थी। मुख्य अग्निशमन अधिकारी, कानपुर नगर द्वारा अवगत कराया गया कि मण्डलीय उद्योग बंधु समिति की बैठक में उद्यमियों की मांग के अनुसार कन्ट्रोल रूम और जी0 डी0 का संचालन करा दिया गया है। उपस्थित उद्यमीगण द्वारा त्वरित कार्यवाही करने के लिए मण्डलायुक्त महोदय का करतल ध्वनि से धन्यवाद दिया गया।
श्री बृजेश अवस्थी नगर अध्यक्ष पी0आई0ए0 द्वारा पनकी साइट-2 में पानी संचय हेतु टैंक बनाये जाने का अनुरोध किया गया है, जिससे अग्निकाल में पानी की आपूर्ति हो सके। इस सम्बन्ध में सचिव, जलकल विभाग नगर निगम, कानपुर द्वारा अवगत कराया गया कि क्षेत्र में 2 टैंकर प्रतिदिन नियमित रूप से पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रश्नगत क्षेत्र में 15वें वित्त आयोग के अन्तर्गत डीप बोर नलकूप के अधिष्ठान का कार्य किया जा रहा है तथा 15वें वित्त आयोग के अन्तर्गत 1500 मी0 पाइप लाइन बिछाये जाने के कार्य की स्वीकृति प्राप्त हो गयी है। उपस्थित उद्यमीगण द्वारा त्वरित कार्यवाही करने के लिए मण्डलायुक्त महोदय का करतल ध्वनि से धन्यवाद दिया गया। मण्डलायुक्त महोदय द्वारा सचिव, जलकल को निर्देशित किया गया कि अपने प्लान में पानी संचय हेतु टैंक को भी सम्मिलित करें।
कानपुर में औद्योगिक क्षेत्रों में सीवर लाइन डाले जाने के सम्बन्ध में अब तक की स्थिति की समीक्षा की गयी। अधीक्षण अभियंता, उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय) द्वारा अवगत कराया गया कि एस0टी0पी0 एवं आई0एस0टी0 की स्थापना कराये जाने हेतु भूमि की चिन्हित कराये जाने हेतु प्रयास किया जा रहा है। मण्डलायुक्त महोदय द्वारा नगर आयुक्त को निर्देशित किया गया कि तत्काल भूमि का चिन्हांकन करायें।
दादानगर विद्युत सब स्टेशन की भूमि हेतु अधीक्षण अभियंता, केस्को को निर्देशित किया गया कि क्षेत्रीय प्रबंधक यूपीसीडा से समन्वय करते हुए तीन दिन के अन्दर स्थलीय निरीक्षण कर भूमि का चिन्हांकन कर अवगत करायें।
एल0एम0एल0 चैराहे से भौंती बाईपास तक सड़क के किनारे ग्रीन बेल्ट बनाये जाने के सम्बन्ध में पी0आई0ए0 द्वारा किये गये अनुरोध के क्रम में नगर निगम तथा वन विभाग के सहयोग से 1.4 कि0 मी0 की बाउण्ड्रीवाल बन गयी है तथा उसमें वृक्षारोपण का कार्य कराया जा रहा है। औद्योगिक संगठनों द्वारा मांग की गयी कि इस क्षेत्र का अतिक्रमण हटवाये जाने की दिशा में आवश्यक कार्यवाही की जाये। इस सम्बन्ध में मण्डलायुक्त महोदय द्वारा नगर आयुक्त को अतिक्रमण हटाये जाने की कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।
अन्त में उद्यमी संगठनों द्वारा उनकी समस्याओं को संयमित रूप से सुनने एवं उनके समयबद्ध रूप से निस्तारण करने हेतु मण्डलायुक्त महोदय का धन्यवाद अर्पित किया गया।
राजनीति
आरक्षी नागरिक पुलिस के पदों पर सीधी भर्ती-2023 की लिखित परीक्षा को नकल विहीन सम्पन्न कराने के लिए जिलाधिकारी द्वारा मुख्य कोषागार का निरीक्षण
भारतीय स्वरूप 23 अगस्त,2024 कानपुर नगर आरक्षी नागरिक पुलिस के पदों पर सीधी भर्ती-2023 की लिखित परीक्षा को नकल विहीन सम्पन्न कराने के लिए जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह द्वारा आज प्रातः काल मुख्य कोषागार का निरीक्षण किया गया। जनपद के 69 पुलिस परीक्षा केन्द्रो पर कड़ी सुरक्षा के बीच स्टेटिक मजिस्ट्रेट के द्वारा प्रश्नपत्र पहुंचाया गया। तदोपरांत जिलाधिकारी द्वारा जनपद के विभिन्न परीक्षा केन्द्रो का निरीक्षण किया गया। उ०प्र० पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड, लखनऊ द्वारा दिनांक 23, अगस्त 2024 को आयोजित आरक्षी नागरिक पुलिस के पदों पर सीधी भर्ती-2023 की लिखित परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया गया।
नकल विहीन परीक्षा सम्पन्न कराने के लिए जनपद के 69 परीक्षा केन्द्रो पर सेक्टर ,स्टेटिक मजिस्ट्रेट/केन्द्र व्यवस्थापक/सहायक केन्द्र व्यवस्थापक/परीक्षा सहायक की ड्यूटी लगाई गई हैं।जनपद के 69 परीक्षा केन्द्रो में ,69 स्टेटिक मजिस्ट्रेट(प्रत्येक परीक्षा केन्द्र पर एक स्टेटिक मजिस्ट्रेट),69सेक्टर मजिस्ट्रेट(प्रत्येक परीक्षा केन्द्र पर एकसेक्टर मजिस्ट्रेट), सहायक केंद्र व्यवस्थापक 69(प्रत्येक परीक्षा केन्द्र पर एक सहायक केंद्र व्यवस्थापक), परीक्षा सहायक 69(प्रत्येक परीक्षा केन्द्र पर एक परीक्षा सहायक),की ड्यूटी लगाई गई हैं। सेक्टर मजिस्ट्रेट के साथ आरक्षी की तैनाती की गई है एवं परीक्षा केन्द्रों, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे व अन्य महत्वपूर्ण स्थानो पर पुलिस की तैनाती की गई हैं।
उक्त परीक्षा के संबंध में आपातकालीन चिकित्सा व्यवस्था हेतु मुख्य चिकित्साधिकारी, को एकर्ट मोड़ में रहने के निर्देश दिए गए हैं। परीक्षार्थियों व उनके परिजनो हेतु रेलवे विभाग तथा परिवहन विभाग को अतिरिक्त ट्रेनों/बसों के सचालन हेतु निर्देशित किया गया है। जनपद कानपुर नगर में दो पालियों में पूर्वान्ह10-00 बजे से12-00 बजे तक अपरान्ह 3-00 बजे से 5-00 बजे तक परीक्षा सम्पन्न होगी। जनपद में 25800 परीक्षार्थी द्वारा प्रति पाली (प्रतिदिन) में परीक्षा दी जाएगी ।
जिलाधिकारी द्वारा आज जनपद के विभिन्न परीक्षा केन्द्रो का निरीक्षण किया गया। जिलाधिकारी द्वारा कैलाश नाथ बालिका इंटर कॉलेज ,जी0एन0के0 इंटर कॉलेज,डी0ए0वी0 इंटर कॉलेज,डी0ए0वी0 डिग्री कॉलेज, दयानंद गर्ल्स डिग्री कॉलेज सिविल लाइन, दयानंद कॉलेज ऑफ़ लॉ सिविल.लाइन, पी0पी0एन0 पी0जी0 कॉलेज का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया ।
Read More »भारत निर्वाचन आयोग ने जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा के आम चुनावों के लिए सामान्य, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षकों को जानकारी देने के लिए एक दिवसीय सत्र आयोजित किया

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने पर्यवेक्षकों को उनकी महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाते हुए जोर दिया कि आयोग के प्रतिनिधि के रूप में पर्यवेक्षकों से अपेक्षा की जाती है कि वे पेशेवर तरीके से व्यवहार करें और उम्मीदवारों तथा आम जनता सहित सभी हितधारकों के लिए सुलभ रहें। उन्होंने उन्हें भाषा संबंधी बाधाओं को दूर करने तथा यह सुनिश्चित करने की भी सलाह दी कि परस्पर संवाद में कोई अंतराल न रहे। उन्होंने कहा कि पर्यवेक्षकों पर पार्टियों, उम्मीदवारों, मतदाताओं तथा आयोग की भी सतर्क निगाह रहेगी। उन्होंने कहा कि चुनावों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने में उनके सुझाव महत्वपूर्ण होंगे। उन्होंने पर्यवेक्षकों को चुनाव प्रक्रिया को पटरी से उतारने की कोशिश करने वाली भ्रामक खबरों के प्रति सतर्क रहने तथा समय पर कार्रवाई करने की भी सलाह दी।
चुनाव आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए पर्यवेक्षकों को पूरे चुनाव तंत्र का निरीक्षण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव अत्यधिक कड़ी टक्कर वाले होते हैं और इन चुनावों में पर्यवेक्षकों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
चुनाव आयुक्त डॉ. संधू ने पर्यवेक्षकों को संबोधित करते हुए आयोग की आंख और कान के रूप में उनकी भूमिका के बारे में तीन बिंदुओं पर जोर दिया। डॉ. संधू ने कहा कि चुनाव के संचालन को बेहतर बनाने के लिए सुगमता, दृश्यता और जवाबदेही आवश्यक है।
सभी पर्यवेक्षकों को महत्वपूर्ण जानकारी दी गई ताकि उन्हें आयोग की विभिन्न नई पहलों और निर्देशों के बारे में संवेदनशील बनाया जा सके। जानकारी सत्र के दौरान निम्नलिखित बातों पर जोर दिया गया:
- पर्यवेक्षकों को सख्त निर्देश दिए गए कि वे सभी दलों, उम्मीदवारों और मतदाताओं की शिकायतों के समय पर निवारण के लिए उनके पास उपलब्ध बने रहें। इस संबंध में किसी भी शिकायत को आयोग द्वारा गंभीरता से लिया जाएगा।
- पर्यवेक्षकों के विवरण जैसे मोबाइल/लैंडलाइन नंबर/ई-मेल पते/ठहरने के स्थान आदि को सीईओ/जिला वेबसाइटों पर, इलेक्ट्रॉनिक/प्रिंट मीडिया के माध्यम से व्यापक रूप से प्रचारित किया जाना चाहिए तथा इसे जिला निर्वाचन अधिकारियों/आरओ द्वारा अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में पर्यवेक्षकों के आगमन के दिन उम्मीदवारों/मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के बीच प्रसारित किया जाना चाहिए।
- पर्यवेक्षकों को यह भी निर्देश दिया गया कि वे जिला निर्वाचन अधिकारियों/क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा उम्मीदवारों/राजनीतिक दलों की बुलाई जाने वाली बैठकों का निरीक्षण करें तथा यह सुनिश्चित करें कि उनकी शिकायतों को उचित ढंग से सुना जाए तथा उन पर कार्रवाई की जाए।
- जमीनी स्तर पर आयोग की आंख और कान के रूप में पर्यवेक्षकों को पूरी ईमानदारी के साथ निरंतर सतर्कता बरतने को कहा गया। एक मार्गदर्शक के रूप में पर्यवेक्षकों को प्रत्येक निर्देश और प्रक्रिया को स्पष्ट रूप से समझना होगा।
- सभी प्रयोजनों के लिए, पर्यवेक्षक निर्वाचन मशीनरी, उम्मीदवारों, राजनीतिक दलों और मतदाताओं के साथ इंटरफेस के रूप में क्षेत्र से आयोग को सीधे इनपुट प्रदान करेंगे।
- पर्यवेक्षकों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए कि चुनाव से संबंधित अधिनियमों, नियमों, प्रक्रियाओं, निर्देशों और दिशानिर्देशों का सभी संबंधितों द्वारा सख्ती और निष्पक्षता से अनुपालन किया जाए।
- पर्यवेक्षकों को मतदान केंद्रों का दौरा करना चाहिए तथा दिव्यांगजनों और बुजुर्ग मतदाताओं के लिए मतदान सुलभ बनाने हेतु ए.एम.एफ., विशेषकर रैम्प और व्हीलचेयर सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए।
दिन भर चले जानकारी सत्रों के दौरान, वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त, डीईसी और ईसीआई के महानिदेशकों द्वारा चुनाव प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं के बारे में अधिकारियों को व्यापक और गहन जानकारी प्रदान की गई। चुनाव नियोजन, पर्यवेक्षक की भूमिका और जिम्मेदारियों, मतदाता सूची के मुद्दों, आदर्श आचार संहिता लागू किए जाने, चुनाव व्यय निगरानी, कानूनी प्रावधानों, ईवीएम/वीवीपीएटी प्रबंधन, मीडिया की भागीदारी और आयोग के प्रमुख एसवीईईपी (प्रणालीगत मतदाता शिक्षा और चुनावी भागीदारी) कार्यक्रम के तहत मतदाता सुविधा के लिए की जाने वाली गतिविधियों की विस्तृत विषयगत प्रस्तुतियाँ दी गईं।
पर्यवेक्षकों को मतदाता सुविधा के लिए आयोग की विभिन्न आईटी पहलों और मोबाइल एप्लीकेशन के साथ-साथ क्षेत्र में चुनाव प्रक्रियाओं के प्रभावी और कुशल प्रबंधन से भी अवगत कराया गया। पर्यवेक्षकों को ईवीएम और वीवीपैट का कार्यात्मक प्रदर्शन दिखाया गया और ईवीएम इकोसिस्टम को पूरी तरह से सुरक्षित, मजबूत, विश्वसनीय, छेड़छाड़-रहित और विश्वसनीय बनाने के लिए इसके विविध तकनीकी सुरक्षा सुविधाओं, प्रशासनिक प्रोटोकॉल और प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी दी गई। पर्यवेक्षकों को निर्देश दिया गया कि वे अपने काम को सुविधाजनक बनाने के लिए चुनाव प्रबंधन से संबंधित सभी विषयों पर अद्यतन और व्यापक मैनुअल, हैंडबुक, निर्देशों का संग्रह, क्या करें और क्या न करें का अध्ययन करें। ये सभी निर्देश और दिशा-निर्देश ईसीआई की वेबसाइट पर ई-बुक और खोज योग्य प्रारूप में उपलब्ध हैं, ताकि किसी भी निर्देश और दिशा-निर्देश तक सुगमता से पहुँचा जा सके।
पृष्ठभूमि
आयोग जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 20बी तथा संविधान की पूर्ण शक्तियों के अंतर्गत पर्यवेक्षकों की नियुक्ति करता है। पर्यवेक्षकों को चुनाव प्रक्रिया, भेद-भाव रहित, निष्पक्षता और विश्वसनीयता के अनुपालन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जाती है, जो हमारी लोकतांत्रिक राजनीति का आधार है। आयोग अपने सामान्य, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षकों पर अत्यधिक विश्वास करता है तथा स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने में ऐसे पर्यवेक्षकों की भूमिका आयोग के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। ये केंद्रीय पर्यवेक्षक न केवल स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और समावेशी चुनाव कराने के अपने संवैधानिक दायित्व को पूरा करने में आयोग की मदद करते हैं, बल्कि मतदाताओं की जागरूकता और चुनाव में भागीदारी को भी बढ़ाते हैं। चुनाव पर्यवेक्षण का मुख्य उद्देश्य सुधार के क्षेत्रों की पहचान करना और ठोस और प्रभावी अनुशंसाएं तैयार करना है। ये पर्यवेक्षक आयोग की आंख और कान माने जाते हैं।
जेएनसीएएसआर ने स्वदेशी जिंक-आयन बैटरी प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के लिए एचजेडएल के साथ भागीदारी की

कम लागत और बेहतर प्रदर्शन वाली जिंक-आयन बैटरियों को भारत में महंगी और आयातित लिथियम-आयन बैटरियों के लिए अभिनव विकल्प के रूप में सराहा जाता है। जिंक-आयन बैटरियों में कम लागत और पृथ्वी पर प्रचुर मात्रा में उपलब्ध कच्चे माल के कारण बड़े पैमाने पर ऊर्जा भंडारण की अपार संभावनाएं हैं। जिंक-आधारित बैटरियां बाजार में काफी अच्छा और सुरक्षित विकल्प प्रदान करती हैं और विभिन्न तापमान सीमाओं में सामग्री स्थिरता, प्रदर्शन और विश्वसनीयता में हाल की प्रगति के साथ, जिंक बैटरियां ऊर्जा भंडारण क्षेत्र में क्रांति ला सकती हैं। जिंक-आयन बैटरियों में प्रयोग किए जाने वाले इलेक्ट्रोड, इलेक्ट्रोलाइट और इंटरफेस में कुछ उपयुक्त बदलाव कर देने से बाजार में मौजूदा लिथियम-आधारित बैटरी विकल्पों की तुलना में कहीं बेहतर परिणाम दे सकते हैं।
हालांकि, उनका व्यावसायीकरण सामग्री के प्रदर्शन को स्थिर करने पर निर्भर है। उदाहरण के लिए, जिंक जल-आधारित घोलों के साथ ऊष्मागतिकीय रूप से अस्थिर है और इसलिए इलेक्ट्रोड, इलेक्ट्रोलाइट और इंटरफेस पर उपयुक्त संशोधनों की आवश्यकता होती है। इन मुद्दों को संबोधित करते हुए, साझेदारी सामग्री नवाचार को बढ़ावा देने और स्वदेशी जिंक-आयन बैटरी प्रौद्योगिकियों के विकास में तेजी लाने के लिए तैयार है। जेएनसीएएसआर में प्रो. प्रेमकुमार सेनगुट्टुवन के समूह ने जिंक-आधारित बैटरियों में मजबूत अनुसंधान आधार तैयार किया है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा वित्त पोषित समूह की अत्याधुनिक बैटरी लक्षण-वर्णन सुविधा ने इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है। परिणामी शोध ने महत्वपूर्ण प्रकाशनों को जन्म दिया है, जिसने जिंक क्षेत्र में हिंदुस्तान जिंक जैसे अग्रणी उद्योगपतियों की रुचि को आकर्षित किया है। जेएनसीएएसआर टीम जिंक-आयन पाउच बैटरी का प्रदर्शन करने की भी योजना बना रही है, जिसे बड़े पैमाने पर व्यावसायिक अनुप्रयोगों के लिए आसानी से निर्माण किया जा सकता है। नवपरिवर्तनकारी नए उत्पाद समाधान प्रदान करके, हिंदुस्तान जिंक का लक्ष्य चल रहे वैश्विक ऊर्जा संक्रमण का समर्थन करने के लिए बैटरी क्रांति में सबसे आगे रहना है। यह अनुसंधान समझौता दो प्रमुख सतत विकास लक्ष्यों एसडीजी 7 (सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा) और एसडीजी 13 (जलवायु कार्रवाई) को लक्षित करता है – सभी के लिए सस्ती, विश्वसनीय, टिकाऊ और आधुनिक ऊर्जा तक पहुंच सुनिश्चित करना तथा जलवायु परिवर्तन और इसके प्रभाव से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई करना, जो बैटरी प्रौद्योगिकियों के विकास में एक महत्वपूर्ण क्षण को चिह्नित करता है।
प्रधानमंत्री मोदी 25 अगस्त को 11 लाख लखपति दीदीयों को प्रमाण पत्र देंगे और करेंगे संवाद : शिवराज सिंह चौहान
केंद्रीय ग्रामीण विकास व कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महाराष्ट्र के जलगांव में लखपति दीदियों के सम्मान के लिए होने वाले प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम को लेकर नई दिल्ली में आज प्रेसवार्ता की। केंद्रीय राज्य मंत्री चंद्र शेखर पेम्मासानी भी प्रेसवार्ता के दौरान मौजूद थे। चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी 25 अगस्त 2024 को महाराष्ट के जलगांव में आयोजित समारोह में लखपति दीदियों के साथ संवाद करेंगे, साथ ही 2500 करोड़ रु का रिवॉल्विंग फंड – सामुदायिक निवेश फंड भी जारी करेंगे जिससे 4.3 लाख स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के लगभग 48 लाख सदस्यों को लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री 5000 करोड़ रूपये का बैंक ऋण जारी करेंगे जिससे 2,35,400 स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के 25.8 लाख सदस्यों को लाभ होगा। लखपति दीदियों को प्रमाण पत्र दिये जायेंगे। देशभर में 34 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों यानी राज्यों की राजधानियों में लगभग 30,000 स्थानों के जिला मुख्यालय, सीएलएफ वर्चुअल माध्यम से राष्ट्रीय कार्यक्रम से जुड़ेंगे। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि लखपति दीदियाँ ऐसी महिलाएँ हैं जो सालाना एक लाख रुपये या उससे ज़्यादा कमाती हैं। इन लखपति दीदियों ने न सिर्फ़ अपने परिवार को ग़रीबी से बाहर निकाला है, बल्कि वे बाकी समाज के लिए भी आदर्श बन रही हैं। हम पहले ही 1 करोड़ लखपति दीदियाँ बना चुके हैं। हमारा लक्ष्य अगले 3 सालों में 3 करोड़ लखपति दीदियाँ बनाना है। यह जानकर खुशी होती है कि इनमें से एक सीआरपी ने 95 लखपति दीदियाँ बनाई हैं।
उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने स्वयं सहायता समूहों के परिवारों को एक लाख रुपये या उससे अधिक की वार्षिक आय अर्जित करने में सक्षम बनाने के लिए एक संरचित प्रक्रिया अपनाई है। इसमें राष्ट्रीय संसाधन व्यक्तियों को सक्षम बनाना, फिर प्रत्येक राज्य में मास्टर प्रशिक्षकों को विकसित करना शामिल है। ये मास्टर प्रशिक्षक व्यवसाय योजना, वित्तपोषण और अभिसरण प्रक्रिया पर सामुदायिक संसाधन व्यक्तियों (सीआरपी) को आगे प्रशिक्षित करते हैं।3 लाख सामुदायिक संसाधन व्यक्तियों (सीआरपी) का कैडर, जिन्हें विशेष रूप से व्यवसाय नियोजन और एसएचजी सदस्यों के कौशल में प्रशिक्षित किया गया है, इस संबंध में एक महान सेवा कर रहे हैं। इनमें से कुछ सीआरपी को सम्मानित भी किया जाएगा। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 100 दिनों में 11 लाख लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा था जबकि अब तक 15 लाख लखपति दीदियां बना दी हैं जिन्हें प्रधानमंत्री सम्मानित करेंगे।
15 लाख लखपति दीदीयों की राज्यवार सूची
क्रम संख्या | राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों के नाम | एसएचजी सदस्यों का लक्ष्य | क्रम संख्या | राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों के नाम | एसएचजी सदस्यों का लक्ष्य |
1 | अंडमान और निकोबार द्वीप समूह
|
240 | 18 | मध्य प्रदेश
|
96,240
|
2 | आंध्र प्रदेश
|
1,22,160 | 19 | महाराष्ट्र
|
1,04,520
|
3 | अरूणाचल प्रदेश
|
1,260
|
20 | मणिपुर
|
3,060
|
4 | असम
|
52,800
|
21 | मेघालय
|
6,120 |
5 | बिहार
|
1,81,260
|
22 | मिजोरम
|
1,080 |
6 | छतीसगढ़
|
46,920
|
23 | नागालैंड
|
1,800 |
7 | दादरा नगर हवेली
|
180
|
24 | ओड़िशा
|
97,200
|
8 | गोवा
|
660 | 25 | पुडुचेरी
|
660
|
9 | गुजरात
|
44,580
|
26 | पंजाब
|
9,660
|
10 | हरियाणा
|
10,740 | 27 | राजस्थान
|
67,620
|
11 | हिमाचल प्रदेश
|
4,980
|
28 | सिक्किम
|
840
|
12 | जम्मू और कश्मीर
|
13,980
|
29 | तमिलनाडु
|
54,000
|
13 | झारखंड
|
50,640 | 30 | तेलंगाना
|
67,500
|
14 | कर्नाटक
|
47,580 | 31 | त्रिपुरा
|
6,780
|
15 | केरल
|
53,580 | 32 | उत्तर प्रदेश
|
1,73,520
|
16 | लद्वाख
|
180
|
33 | उत्तराखंड
|
7,200
|
17 | लक्षद्वीप | 60
|
34 | पश्चिम बंगाल
|
1,70,400
|
कुल | 15,00,000 |
पीएम गतिशक्ति के तहत नेटवर्क योजना समूह की 77वीं बैठक में छह बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का मूल्यांकन किया गया
गुजरात में हजीरा-गोथंगम नई रेल लाइन
गुजरात में यह एक ग्रीनफील्ड परियोजना है, जिसमें गोथांगम को हजीरा से जोड़ने वाली 36.35 किलोमीटर लम्बी ब्रॉड गेज (बीजी) डबल लाइन का निर्माण शामिल है। इस परियोजना का उद्देश्य सेक्शन क्षमता को बढ़ाना और प्रमुख उद्योगों तथा एक प्रमुख कार्गो हब हजीरा बंदरगाह के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर करना है। थोक और कंटेनरयुक्त कार्गो की कुशल आवाजाही में सहायता मिलने से यह परियोजना क्षेत्रीय आर्थिक विकास में सहायता प्रदान करेगी। इससे सड़क यातायात में कमी आने और रेल परिवहन के लिए कार्गो के मॉडल में बदलाव के माध्यम से पर्यावरणीय प्रभाव भी कम होने की उम्मीद है।
असम में बिलासीपारा – गुवाहाटी रोड
असम में 4-लेन राष्ट्रीय राजमार्ग-17 में एक रणनीतिक सड़क के उन्नयन में चिरकुटा (बिलासीपारा) और तुलुंगिया के बीच 44.56 किलोमीटर लम्बा हिस्सा शामिल है। यह परियोजना असम को पश्चिम बंगाल, मेघालय और जोगीघोपा और रूपसी में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क और गुवाहाटी हवाई अड्डों जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को जोड़ते हुए क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ाएगी। इससे आर्थिक गतिविधियों को काफी बढ़ावा मिलेगा और यात्रा में कम समय लगेगा जिससे इस क्षेत्र में भीड़भाड़ कम होने की उम्मीद है।
नासिक, महाराष्ट्र में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी)
इस परियोजना में महाराष्ट्र के नासिक में 109.97 एकड़ में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी) का विकास शामिल है। इस ग्रीनफील्ड परियोजना को सड़क और रेल परिवहन को एकीकृत करने, लॉजिस्टिक्स दक्षता को बेहतर बनाने, लागत कम करने और कार्गो समेकन, भंडारण तथा सीमा शुल्क मंजूरी जैसी सुविधाएं प्रदान करके क्षेत्रीय उद्योगों की सहायता करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस परियोजना से वर्ष 2029 से प्रति वर्ष 3.11 मिलियन मीट्रिक टन कार्गो का रख-रखाव होने का अनुमान है।
बिहटा हवाई अड्डे, पटना बिहार में नए सिविल एन्क्लेव का विकास
इस परियोजना के तहत बिहार में एक ब्राउनफील्ड परियोजना में पटना के जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से 28 किलोमीटर दूर बिहटा एयरफील्ड में एक नए सिविल एन्क्लेव का विकास शामिल है। यह परियोजना पटना हवाई अड्डे पर क्षमता की कमी को पूरा करेगी। परियेाजना के तहत प्रति वर्ष 5 मिलियन यात्रियों को संभालने के लिए एक नए टर्मिनल भवन का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना में ए-321 विमानों के लिए 10-बे एप्रन का निर्माण भी शामिल है, जिसका उद्देश्य बढ़ते हुए यात्री यातायात को समायोजित करना और क्षेत्र में कनेक्टिविटी में सुधार करना है।
बागडोगरा हवाई अड्डे, सिलीगुड़ी, (पश्चिम बंगाल) में नए सिविल एन्क्लेव का विकास
इस परियोजना में पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के बागडोगरा हवाई अड्डे पर एक नए सिविल एन्क्लेव के विकास से जुड़ी एक ब्राउनफील्ड परियोजना शामिल है। इसके विस्तार में प्रति वर्ष 10 मिलियन यात्रियों को संभालने की क्षमता के साथ एक नए टर्मिनल भवन और 10 विमानों के लिए एक एप्रन का निर्माण भी शामिल है। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण “चिकन नेक” क्षेत्र में स्थित, बागडोगरा हवाई अड्डा देश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है। इसका विस्तार क्षेत्र की बढ़ती कनेक्टिविटी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बहुत आवश्यक है।
अंडमान एवं निकोबार की गैलेथिया खाड़ी में अंतर्राष्ट्रीय कंटेनर ट्रांसशिपमेंट पोर्ट का विकास
यह अंडमान एवं निकोबार केन्द्र शासित प्रदेश में ग्रेट निकोबार द्वीप पर गैलेथिया खाड़ी में एक अंतर्राष्ट्रीय कंटेनर ट्रांसशिपमेंट पोर्ट (आईसीटीपी) विकसित करने वाली एक परिवर्तनकारी परियोजना है। 44,313 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली इस परियोजना का उद्देश्य ग्रीनफील्ड पहल के साथ खाड़ी की रणनीतिक स्थिति और गहरे पानी का लाभ उठाना है। उम्मीद है कि यह बंदरगाह भारतीय बंदरगाहों और क्षेत्र के पड़ोसी देशों से ट्रांसशिपमेंट कार्गो को संभालेगा, जिससे भारत की समुद्री व्यापार प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी और आर्थिक लाभ प्राप्त होगा।
एनपीजी ने पीएम गतिशक्ति के सिद्धांतों के परिप्रेक्ष्य से सभी छह परियोजनाओं का मूल्यांकन किया जिनमें मल्टीमॉडल इंफ्रास्ट्रक्चर का एकीकृत विकास, आर्थिक और सामाजिक बदलाव के लिए अंतिम-मील कनेक्टिविटी, इंटरमॉडल कनेक्टिविटी और परियोजनाओं का समन्वित कार्यान्वयन शामिल है। इन परियोजनाओं से राष्ट्र निर्माण, परिवहन के विभिन्न साधनों को एकीकृत करने और पर्याप्त सामाजिक-आर्थिक लाभ एवं जीवन को आसान बनाने में मदद मिलने की उम्मीद है, जिससे क्षेत्रों के समग्र विकास में योगदान मिलेगा।
पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन 15 सितंबर, 2024 तक खुले
पद्म पुरस्कार, अर्थात पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में शामिल हैं। वर्ष 1954 में स्थापित, इन पुरस्कारों की घोषणा प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है। इन पुरस्कारों के अंतर्गत ‘उत्कृष्ट कार्य’ के लिए सम्मानित किया जाता है। पद्म पुरस्कार कला, साहित्य एवं शिक्षा, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा, विज्ञान एवं इंजीनियरी, लोक कार्य, सिविल सेवा, व्यापार एवं उद्योग आदि जैसे सभी क्षेत्रों/विषयों में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों/सेवा के लिए प्रदान किए जाते हैं। जाति, व्यवसाय, पद या लिंग के भेदभाव के बिना सभी व्यक्ति इन पुरस्कारों के लिए पात्र हैं। चिकित्सकों और वैज्ञानिकों को छोड़कर अन्य सरकारी सेवक, जिनमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में काम करने वाले सरकारी सेवक भी शामिल है, पद्म पुरस्कारों के पात्र नहीं हैं।
सरकार पद्म पुरस्कारों को “पीपल्स पद्म” बनाने के लिए कटिबद्ध है। अत:, सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे नामांकन/सिफारिशें करें। नागरिक स्वयं को भी नामित कर सकते हैं। महिलाओं, समाज के कमजोर वर्गों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों, दिव्यांग व्यक्तियों और समाज के लिए निस्वार्थ सेवा कर रहे लोगों में से ऐसे प्रतिभाशाली व्यक्तियों की पहचान करने के ठोस प्रयास किए जा सकते हैं जिनकी उत्कृष्टता और उपलब्धियां वास्तव में पहचाने जाने योग्य हैं।
नामांकन/सिफारिशों में पोर्टल पर उपलब्ध प्रारूप में निर्दिष्ट सभी प्रासंगिक विवरण शामिल होने चाहिए, जिसमें वर्णनात्मक रूप में एक उद्धरण (citation) (अधिकतम 800 शब्द) शामिल होना चाहिए, जिसमें अनुशंसित व्यक्ति की संबंधित क्षेत्र/अनुशासन में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों/सेवा का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया हो।
इस संबंध में विस्तृत विवरण गृह मंत्रालय की वेबसाइट (https://mha.gov.in) पर ‘पुरस्कार और पदक’ शीर्षक के अंतर्गत और पद्म पुरस्कार पोर्टल (https://padmaawards.gov.in) पर उपलब्ध हैं। इन पुरस्कारों से संबंधित संविधि (statutes) और नियम वेबसाइट https://padmaawards.gov.in/AboutAwards.aspx पर उपलब्ध हैं।
मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन की अध्यक्षता में पीएम सूर्यघर योजना के सम्बन्ध में बैठक सम्पन्न
भारतीय स्वरूप कानपुर 21 अगस्त (सू0वि0) मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन की अध्यक्षता में विकास भवन के सभागार में पीएम सूर्यघर योजना के सम्बन्ध में एक बैठक सम्पन्न हुयी। बैठक में बसुधा फाण्डेशन के सहयोग से पीएम सूर्यघर सम्बन्धी एक दिवसीय कार्यशाला भी सम्पन्न हुई, जिसमें केस्को एवं डिस्काम के अभियन्तागण, बैंकर्स प्रतिनिधि तथा यूपीनेडा में पंजीकृत कानपुर नगर के समस्त वेंण्डर द्वारा प्रतिभाग किया गया। पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना में वेण्डर्स के क्षमता सम्वर्धन हेतु कार्यशाला का शुभारम्भ मुख्य विकास अधिकारी द्वारा दीपप्रज्जवलन के साथ किया गया।
उक्त योजना के सम्बन्ध में परियोजना अधिकारी यूपीनेडा ने विस्तृत जानकारी देते हये बताया कि विद्युत कनेक्शन धारक उपभोगता जिनका विद्युत बिल अद्यावदिक जमा है, इस योजना के पात्र हैं। उपभोगता विद्युत विभाग से स्वीकृत विद्युतभार के समतुल्य अथवा कम क्षमता का सोलर रूफटॉप संयंत्र अपने निज आवास पर लगवा सकते हैं। इसके लिये उपभोक्ता को PM suryagharyojna Portal पर अथवा http://www.pmsuryagharyojna website पर सर्फिंग कर अपना पंजीकरण करते हुये संयंत्र लगा कर लाभ ले सकते हैं यदि उपभोक्ता ऋण ले कर लगाना चाहते हैं तो ऐसी स्थिति में उक्त पोर्टल से लिंक जनसमर्थ प्रोर्टल पर आवेदन कर बैंक 07 प्रतिशत के न्यूनतम ब्याजदर पर ऋण के माध्यम से भी लगवा सकते हैं। संयंत्र लगने के बाद नेटमीटरिंग का कार्य संबंधित डिस्काम/विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किया जाता है। नेटमीटरिंग कार्य पूर्ण होने पर उपभोक्ता स्वयं अथवा सोलर रूफटॉप वेण्डर के सहयोग से समस्त प्रपत्रों को अंतिम रूप से पोर्टल पर अनुदान प्राप्त किये जाने हेतु अपलोड कर दिया जाता है। अनुदान मांग पत्र प्रेषण के दो माह के अन्दर राज्य एवं भारत सरकार से अनुमोदित अनुदान की राशि Direct To Benefit (DBT) द्वारा उपभेक्ता के बैंक खाते में अवमुक्त कर दी जाती है।
कार्यशाला में मुख्य विकास अधिकारी द्वारा कार्यशाला में उपस्थित वेण्डर्स को सम्बोधित करते हुये योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार में सहयोग करने तथा उपभोगताओं के पंजीकरण बढाने के प्रति प्रेरित किया, साथ ही जनपद के 1.70 लाख विद्युत उपभोगताओं के लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु सप्ताह में 02 कैम्पों के आयोजन की रूपरेखा तैयार कराते हुये समस्त स्टेक होल्डर्स यथा वेण्डर्स, बैंकर्स, केस्को/डिस्काम को निर्देशित किया कि लक्षित संख्या के 05 गुना के बारबर अर्थात 6.50 लाख उपभोगताओं के पंजीकरण कराये जायें एवं माईको लेवल पर डोर-टू-डोर सम्पर्क अभिसयान चलायें। बसुधा फाउण्डेशन से पधारे प्रतिनिधियों ने सोलर रूफटाप पोर्टल के सम्बन्ध में विरूतृत प्रस्तुति की गयी एवं वेण्डर्स की जिज्ञासाओं का समाधान किया गया।
कार्यक्रम के अन्त में परियोजना अधिकारी यूपीनेडा द्वारा समस्त उपस्थित अधिकारी, बसुधा फाउण्डेशन के पधारे प्रतिनिधियों एवं वेण्डर्स का धन्यबाद ज्ञापित करते हुये कार्यक्रम का समापन किया गया।
केंद्रीय अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “चंद्रयान-3 एक प्रमुख उपलब्धि था: अब चंद्रयान-4 और चंद्रयान-5 का प्रक्षेपण किया जाएगा”
नई दिल्ली में आज राष्ट्रीय मीडिया केंद्र में प्रथम राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के भव्य समारोह के लिए प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया।
भारत 23 अगस्त, 2023 को चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा और इसके दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर उतरने वाला पहला देश बन गया। इस ऐतिहासिक उपलब्धि का उत्सव मनाने के लिए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 23 अगस्त को “राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस” के रूप में घोषित किया था।
भारत 23 अगस्त, 2024 को अपना पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस [एनएसपीडी-2024] मना रहा है। इसका विषय है “चंद्रमा को छूते हुए जीवन को छूना: भारत की अंतरिक्ष गाथा।” इसका आयोजन नई दिल्ली में भारत मंडपम के प्लेनरी हॉल में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु की गरिमामय उपस्थिति में किया जाएगा।
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन विभाग, में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “गगनयान मिशन 2025 में पहले भारतीय को अंतरिक्ष में भेजना है” जो अंतरिक्ष क्षेत्र में विश्व नेतृत्व के रूप में उभरने के भारत के प्रयासों पर प्रकाश डालता है। उन्होंने नौसेना प्रमुख एडमिरल डी. के. त्रिपाठी के साथ अपनी हालिया बैठक का भी स्मरण किया और मुख्य रूप से क्रू मॉड्यूल रिकवरी के लिए भारतीय नौसेना के साथ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की साझेदारी को रेखांकित किया।
केंद्रीय राज्य मंत्री महोदय ने इस बात पर प्रकाश डाला कि निजी भागीदारों के साथ सहयोग के कुछ महीनों के भीतर अंतरिक्ष क्षेत्र में 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्टार्टअप्स की भूमिका पर बल दिया और दोहराया कि अंतरिक्ष क्षेत्र में शुरुआत में बहुत कम स्टार्टअप्स थे, लेकिन अब इसमें लगभग 300 स्टार्टअप्स हैं, जिनमें से कई वैश्विक क्षमता वाले हैं। केंद्रीय राज्य मंत्री महोदय ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री श्रीमती सीतारामण के बजट भाषण को याद किया जिसमें उन्होंने उल्लेख किया था कि अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था अगले 10 वर्षों में 5 गुना बढ़ जाएगी।
इस कार्यक्रम में, डॉ. जितेंद्र सिंह ने दुनिया को अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की प्रगति देखने के लिए श्रीहरिकोटा के द्वार खोलने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दिया। यह एक निजी प्रक्षेपण केंद्र की भी मेज़बानी करता है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री महोदय ने भविष्य की योजनाओं को साझा करते हुए कहा, “आधारशिला परियोजनाओं में से एक वर्ष 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना और वर्ष 2045 तक चंद्रमा पर एक भारतीय की लैंडिंग करनी है।” उन्होंने यह भी बताया कि राकेश शर्मा गगनयान मिशन टीम का मार्गदर्शन कर रहे हैं। केंद्रीय राज्य मंत्री महोदय ने सुनीता विलियम्स को शुभकामनाएं भी दीं।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिक सचिव शांतनु भटवाडेकर भी बातचीत के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री महोदय के साथ उपस्थित थे। उन्होंने कहा, “इसरो ने हमारे देश के सात क्षेत्रों में कार्यक्रमों की एक श्रृंखला आयोजित की। प्रत्येक क्षेत्र ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा को प्रदर्शित करने के लिए प्रदर्शनियों, अंतरिक्ष विज्ञान मेलों और वैज्ञानिकों के साथ बातचीत के सत्र की मेजबानी की। कार्यक्रमों में उपग्रह प्रौद्योगिकी, मॉडल रॉकेटरी कार्यशालाओं का प्रदर्शन शामिल था। इन आयोजनों में अंतरिक्ष मिशनों के आभासी वास्तविकता अनुभव और इसरो रोबोटिक्स चैलेंज और भारतीय अंतरिक्ष हैकथॉन सहित राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं शामिल हैं।” इसके अलावा, उन्होंने इस बात पर बल दिया कि यह उत्सव सिर्फ वैज्ञानिक समुदाय के लिए नहीं बल्कि हर भारतीय के लिए है। देश भर के विद्यालयों और महाविद्यालयों ने अंतरिक्ष-विषय वाली प्रतियोगिताओं, वाद-विवाद और प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में भाग लिया। अनुसंधान संगठनों, मंत्रालयों और गैर-सरकारी संगठनों ने कार्यशालाओं और जनसंपर्क कार्यक्रमों का संचालन करने के लिए इसरो के साथ सहयोग किया, जिससे अंतरिक्ष विज्ञान को जनता के लिए सुलभ बनाया गया। भारतीय नागरिकों को अंतरिक्ष प्रदर्शनियों को देखने, वैज्ञानिकों के साथ बातचीत करने और यहां तक कि इसरो केंद्रों पर सजीव प्रक्षेपण देखने का अवसर मिला।
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण ने नागरिकों को अपने नाम से धोखाधड़ी करने वाले कॉल के संबंध में आगाह किया
यहां पर यह सूचित किया जाता है कि ट्राई के संदेशों या अन्य माध्यमों से मोबाइल नंबर डिस्कनेक्ट करने के बारे में ग्राहकों से संचार शुरू नहीं किया जाता है। ट्राई ने ऐसे उद्देश्यों की पूर्ति हेतु ग्राहकों से संपर्क करने के लिए किसी भी तीसरे पक्ष की एजेंसी को अधिकृत नहीं किया है। इसलिए, ट्राई से होने का दावा करने वाले अथवा मोबाइल नंबर डिस्कनेक्ट करने की धमकी देने वाले किसी भी प्रकार के संचार (कॉल, संदेश या नोटिस) को संभावित धोखाधड़ी का प्रयास माना जाना चाहिए और इस पर विचार नहीं किया जाना चाहिए।
बिलिंग, केवाईसी या दुरुपयोग के कारण किसी भी मोबाइल नंबर का डिस्कनेक्ट संबंधित दूरसंचार सेवा प्रदाता (टीएसपी) द्वारा किया जाता है। नागरिकों को सतर्क रहने और संदिग्ध धोखेबाजों के झांसे में आने से घबराने की सलाह नहीं दी जाती है। उन्हें संबंधित दूरसंचार सेवा प्रदाता के अधिकृत कॉल सेंटर या ग्राहक सेवा केंद्रों से संपर्क करके ऐसी फोन कॉल की पुष्टि करने की भी सलाह दी जाती है।
साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी के लिए दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने के उद्देश्य से नागरिकों को दूरसंचार विभाग के संचार साथी प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध सुविधा के माध्यम से संदिग्ध धोखाधड़ी वाले संचार की रिपोर्ट करने के लिए आग्रह किया जाता है। इस प्लेटफॉर्म को https://sancharsaathi.gov.in/sfc/ पर देखा किया जा सकता है। साइबर अपराध के पुष्ट मामलों के लिए, पीड़ितों को निर्दिष्ट साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर ‘1930’ पर या आधिकारिक वेबसाइट https://cybercrime.gov.in/ के माध्यम से घटना की रिपोर्ट करनी चाहिए।