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प्रधानमंत्री ने तेलंगाना के हैदराबाद में 11,300 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया

प्रधानमंत्री  मोदी ने तेलंगाना में हैदराबाद के परेड ग्राउंड में आज 11,300 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। परियोजनाओं में हैदराबाद के बीबी नगर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), पांच राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं और सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला रखना शामिल है। उन्होंने रेलवे से जुड़ी अन्य विकास परियोजनाओं का भी लोकार्पण किया। इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री ने हैदराबाद के सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर सिकंदराबाद से तिरुपति के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस को झंडी दिखाकर रवाना किया।

इस अवसर पर एक सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने तेलंगाना राज्य के विकास की गति को तेज करने का अवसर प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने इससे पहले आज दिन में सिकंदराबाद से तिरुपति के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस को झंडी दिखा कर रवाना करने का भी स्मरण किया। यह रेलगाड़ी सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर हैदराबाद की आईटी सिटी को भगवान वेंकटेश्वर, तिरुपति के निवास स्थान से जोड़ेगी। श्री मोदी ने कहा, “सिकंदराबाद-तिरुपति वंदे भारत एक्सप्रेस आस्था, आधुनिकता, टेक्नोलॉजी और टूरिज्म को सफलतापूर्वक कनेक्ट करने वाली है।” प्रधानमंत्री ने तेलंगाना के नागरिकों को आज की 11,300 करोड़ रुपये से अधिक की रेलवे और सड़क संपर्क तथा स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के विकास से संबंधित परियोजनाओं के लिए शुभकामनाएं दीं।

प्रधानमंत्री ने उल्ले ख किया कि तेलंगाना को अलग राज्य बने करीब-करीब उतना ही समय हुआ है, जितना केन्द्र में वर्तमान सरकार को हुआ है। श्री मोदी ने तेलंगाना राज्य के गठन में योगदान देने वालों के सम्मान में नतमस्तक हुए। श्री मोदी ने ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ की भावना पर प्रकाश डालते हुए कहा, “तेलंगाना के विकास से संबंधित राज्य के नागरिकों के सपनों को साकार करना केंद्र सरकार का कर्तव्य है।” उन्होंने कहा कि इस बात पर विशेष बल दिया गया है कि तेलंगाना पिछले नौ वर्षों में भारत के विकास मॉडल का अधिकतम लाभ प्राप्त कर सके। शहरों में विकास का उदाहरण देते हुए, प्रधानमंत्री ने पिछले नौ वर्षों में बिछाए गए 70 किलोमीटर के मेट्रो नेटवर्क और हैदराबाद मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम (एमएमटीएस) के विकास में हुई प्रगति का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने आज 13 एमएमटीएस सेवाओं की शुरुआत पर प्रकाश डालते हुए बताया कि राज्य में इसके विस्तार के लिए तेलंगाना को 600 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिससे हैदराबाद, सिकंदराबाद और आसपास के जिलों में लाखों नागरिकों को लाभ होगा, साथ ही नए व्यापारिक केंद्र भी बनेंगे और राज्य में निवेश बढ़ेगा।

प्रधानमंत्री ने कोविड-19 महामारी और दो देशों के बीच चल रहे संघर्ष के कारण दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं की अनिश्चितता को ध्यान में रखते हुए इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत उन कुछ गिने चुने देशों में से एक है, जिन्होंने आधुनिक बुनियादी ढांचे के लिए रिकॉर्ड स्तर पर निवेश किया है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष के बजट में भारत में आधुनिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले नौ वर्षों में, तेलंगाना के रेल बजट में सत्रह गुना वृद्धि हुई है और नई रेल लाइनें बिछाने, रेल लाइन के दोहरीकरण तथा विद्युतीकरण सहित अन्य कार्य रिकॉर्ड समय में पूरे हुए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “सिकंदराबाद-महबूबनगर परियोजना का विद्युतीकरण इसका एक प्रमुख उदाहरण है”, उन्होंने कहा कि यह हैदराबाद और बैंगलोर के बीच कनेक्टिविटी में सुधार करेगा। प्रधानमंत्री ने बल देकर कहा कि सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास देश के प्रमुख रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण के अभियान का हिस्सा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि रेलवे के साथ-साथ तेलंगाना के राजमार्ग नेटवर्क को भी तेज गति से विकसित किया जा रहा है और उन चार राजमार्ग परियोजनाओं का उल्लेख किया, जिनका आज शिलान्यास किया गया है। श्री मोदी ने राजमार्ग के अक्कलकोट-कुरनूल खंड का उल्लेख किया, जो 2300 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने 1300 करोड़ रुपये की लागत से महबूबनगर-चिंचोली खंड, 900 करोड़ रुपये की लागत से कलवाकुर्थी-कोल्लापुर खंड और 2700 करोड़ रुपये की लागत से खम्मम-देवरापल्ली खंड के निर्माण का भी उल्लेख किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र सरकार पूरी शक्ति के साथ तेलंगाना में आधुनिक राजमार्गों के विकास के कार्यों का नेतृत्व कर रही है। श्री मोदी ने बताया कि तेलंगाना में राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई वर्ष 2014 में राज्य के गठन के समय 2500 किलोमीटर थी और यह दोगुनी होकर आज 5000 किलोमीटर से अधिक हो गई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा इस परियोजना पर 35,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। उन्होंने कहा कि तेलंगाना में 60,000 करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाओं पर काम चल रहा है जिसमें बड़े बदलाव वाला हैदराबाद रिंग रोड के निर्माण का कार्य भी शामिल है।

श्री मोदी ने कहा, “केंद्र सरकार तेलंगाना में उद्योग और कृषि दोनों के विकास पर बल दे रही है।” यह देखते हुए कि वस्त्र उद्योग एक ऐसा उद्योग है जो किसान और मजदूर दोनों को ताकत प्रदान करता है। प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार ने देश भर में 7 मेगा टेक्सटाइल पार्क स्थापित करने का निर्णय किया है और उनमें से एक मेगा टेक्सटाइल पार्क तेलंगाना में भी स्थापित होगा। उन्होंने कहा कि इससे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। प्रधानमंत्री ने आज अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बीबीनगर की आधारशिला रखने का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार तेलंगाना में शिक्षा और स्वास्थ्य में भी निवेश कर रही है। उन्होंने कहा, “आज की परियोजनाओं से तेलंगाना में यात्रा में आसानी, जीवनयापन और कारोबार में सुगमता बढ़ेगी।” हालांकि, प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार से सहयोग की कमी के कारण कई केंद्रीय परियोजनाओं को पूरा करने में देरी पर खेद व्यक्त किया। यह इशारा करते हुए कि यह तेलंगाना के लोगों का नुकसान है, श्री मोदी ने राज्य सरकार से विकास से संबंधित कार्यों में कोई बाधा नहीं आने देने और विकास की गति को तेज करने का आग्रह किया।

प्रधानमंत्री ने देशवासियों की आशाओं, आकांक्षाओं और सपनों को पूरा करने के लिए अपनी सरकार की प्राथमिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मुट्ठी भर लोग विकास की प्रगति से बहुत आंदोलित हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वालों का देश हित और समाज के कल्याण से कुछ भी लेना-देना नहीं है और ऐसे लोग ईमानदारी से काम करने वालों के लिए भी समस्याएं पैदा करते रहते हैं। प्रधानमंत्री ने तेलंगाना के लोगों को आगाह करते हुए कहा कि ऐसे लोग हर परियोजना और निवेश में केवल अपने परिवार का हित देखते हैं।

प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के बीच समानता पर ध्यान देते हुए दोहराया कि जब भाई-भतीजावाद होता है तो भ्रष्टाचार पनपने लगता है। प्रधानमंत्री ने कहा, “नियंत्रण परिवारवाद और वंशवादी राजनीति का मूल मंत्र है”। प्रधानमंत्री ने इस प्रकार के सिद्धांतों की अपनी आलोचना को आगे बढ़ाते हुए कहा कि वंशवादी लोग हर व्यवस्था पर अपना नियंत्रण रखना चाहते हैं और जब कोई उनके नियंत्रण को चुनौती देता है तो उससे घृणा करते हैं। प्रधानमंत्री ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर सिस्टम यानी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण प्रणाली और देश भर में डिजिटल पेमेंट को प्रोत्साहन देने का उदाहरण देते हुए उन वंशवादी ताकतों की ओर इशारा किया जो इस बात पर नियंत्रण रखती थीं कि किस लाभार्थी को क्या लाभ मिलेगा और इस स्थिति से निकलने वाले तीन अर्थों को विस्तार से बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहला परिवार की प्रशंसा होती रहे, दूसरा भ्रष्टाचार का पैसा परिवार के पास आता रहे और तीसरा जो पैसा गरीबों को भेजा जाता है, वह भ्रष्ट ईकोसिस्टम को मिलता रहे। उन्होंने कहा, ‘आज मोदी ने भ्रष्टाचार की असली जड़ पर प्रहार किया है। इसलिए ये लोग हिल गए हैं और इसके परिणामस्वरूप जो कुछ भी किया जा रहा है वह गुस्से में है।” श्री मोदी ने उन राजनीतिक दलों का जिक्र करते हुए कहा जो विरोध के रूप में न्यायालय में गए लेकिन उन्हें वहां से भी झटका लगा।

प्रधानमंत्री ने कहा, “संविधान की सच्ची भावना का एहसास तब होता है जब सबका विकास (सब लोगों का विकास) की भावना के साथ काम किया जाता है और लोकतंत्र को सही अर्थों में मजबूत किया जाता है।” प्रधानमंत्री ने दोहराया कि वर्ष 2014 में केंद्र सरकार को वंशवादी राजनीति की बेड़ियों से मुक्त होने का परिणाम पूरा देश देख रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले 9 वर्षों में देश की 11 करोड़ माताओं, बहनों और बेटियों को शौचालयों की सुविधा मिली है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना के 30 लाख से अधिक परिवारों को शौचालयों का लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि देश में 9 करोड़ से अधिक बहनों और बेटियों को मुफ्त उज्ज्वला गैस कनेक्शन मिला है, जिसमें पिछले 9 वर्षों में तेलंगाना के 11 लाख से अधिक गरीब परिवार इस लाभ को प्राप्त करने वालों में शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि आज हमारी सरकार में 80 करोड़ गरीबों को निशुल्क राशन दिया जा रहा है, गरीबों को 5 लाख रुपये तक का निशुल्क उपचार प्रदान किया जा रहा है, तेलंगाना के 1 करोड़ परिवारों के जनधन बैंक खाते पहली बार खोले गए हैं, तेलंगाना के ढाई लाख छोटे उद्यमियों को बिना गारंटी के मुद्रा ऋण मिला है, 5 लाख रेहड़ी-पटरी वालों को पहली बार बैंक से ऋण मिला है, और तेलंगाना के 40 लाख से अधिक छोटे किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के अंतर्गत लगभग 9 हजार करोड़ रुपये मिले हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, “सच्चे सामाजिक न्याय का जन्म तब होता है जब देश ‘तुष्टिकरण’ (कुछ लोगों का अपने फायदे के लिए लाभ) से ‘ संतुष्टिकरण (सभी की संतुष्टि)”‘ की ओर बढ़ता है।” उन्होंने टिप्पणी करते हुए कहा कि तेलंगाना सहित पूरा देश संतुष्टिकरण के मार्ग पर चलना चाहता है और सबका प्रयास के साथ विकास में योगदान देना चाहता है। प्रधानमंत्री ने कहा, “आजादी का अमृत काल में एक विकसित भारत के निर्माण के लिए तेलंगाना का तेजी से विकास बहुत महत्वपूर्ण है।” प्रधानमंत्री ने तेलंगाना की विकास यात्रा में अगले 25 वर्षों के महत्व पर प्रकाश डाला।

इस अवसर पर तेलंगाना की राज्यपाल डॉ. तमिलिसाई सौंदरराजन, केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय पर्यटन मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी, मलकानगिरी से सांसद श्री ए. रेवंत रेड्डी, तेलंगाना राज्य सरकार के मंत्री और अन्य लोगों उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास, 720 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। इसकी योजना इस तरह से बनाई जा रही है कि यह विश्वस्तरीय सुविधाओं और सौंदर्यपूर्ण रूप से डिजाइन किए गए प्रतिष्ठित स्टेशन भवन के साथ बड़े पैमाने पर बदलाव के साथ दिखाई देगा। पुनर्विकसित स्टेशन में एक ही स्थान पर सभी यात्री सुविधाओं के साथ दो स्तरीय अधिक जगह के साथ रूफ प्लाजा होगा, साथ ही यात्रियों को रेल से अन्य मोड में निर्बाध स्थानांतरण प्रदान करने के लिए मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी भी प्राप्त होगी।

कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने हैदराबाद-सिकंदराबाद जुड़वां शहर क्षेत्र के उपनगरीय खंड में 13 नई मल्टी-मॉडल परिवहन सेवा (एमएमटीएस) सेवाओं को झंडी दिखा कर शुभारंभ किया, जो यात्रियों को तेज, सुविधाजनक और आरामदायक यात्रा का विकल्प प्रदान करती हैं। उन्होंने सिकंदराबाद-महबूबनगर परियोजना के दोहरीकरण और विद्युतीकरण परियोजना भी राष्ट्र को समर्पित की। 85 किलोमीटर से अधिक की दूरी तक फैली यह परियोजना लगभग 1,410 रुपये की लागत से पूरी की गई है। यह परियोजना निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और रेलगाड़ियों की औसत गति में वृद्धि करेगी।

प्रधानमंत्री ने हैदराबाद में आखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बीबीनगर की आधारशिला भी रखी। यह देश भर में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के प्रधानमंत्री की परिकल्पना का प्रमाण है। एम्स बीबीनगर 1,350 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया जा रहा है। एम्स बीबीनगर की स्थापना तेलंगाना के लोगों को उनके दरवाजे पर व्यापक, गुणवत्तापूर्ण और समग्र तृतीयक देखभाल स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

प्रधानमंत्री ने 7,850 करोड़ रुपये से अधिक की राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। यह परियोजना तेलंगाना और आंध्र प्रदेश दोनों की सड़क कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में सहायता प्रदान करेगी।

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प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु के चेन्नई में एमजीआर चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर ‘चेन्नई-कोयम्बटूर वंदे भारत एक्सप्रेस’ को झंडी दिखाकर रवाना किया   

प्रधानमंत्री  मोदी ने आज तमिलनाडु के चेन्नई में एमजीआर चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर चेन्नई-कोयम्बटूर वंदे भारत एक्सप्रेस को झंडी दिखाकर रवाना किया। इस कार्यक्रम के आयोजन स्थल पर पहुंचने पर प्रधानमंत्री ने चेन्नई-कोयम्बटूर वंदे भारत एक्सप्रेस का निरीक्षण किया और बच्चों के साथ-साथ ट्रेन के चालक दल के साथ भी संवाद किया।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया;

‘वंदे भारत एक्सप्रेस की बदौलत दो अद्भुत शहरों चेन्नई और कोयम्बटूर के बीच अब और भी बेहतर कनेक्टिविटी हो गई है। ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना किया और इस अवसर पर युवा मित्रों से मुलाकात भी की।’

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जनऔषधि के तहत गरीबों को महंगी दवाएं सस्ती कीमत पर मिलते देखना बेहद संतोषजनक है: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया है कि जनऔषधि के तहत गरीबों को महंगी दवाएं सस्ती कीमत पर मिल रही हैं।

प्रधानमंत्री जनऔषधि योजना कैसे गरीबों को सस्ती कीमत पर दवाइयां दिलाने में मदद कर रही है, इस बारे में केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री सोम प्रकाश के एक भावनात्मक ट्वीट थ्रेड के जवाब में,

प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया:

“भावुकता से भरे ऐसे कई उदाहरण हैं, जिनसे प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना की सफलता का पता चलता है। यह देखकर बहुत संतोष होता है कि आज देश में गरीब से गरीब लोग भी महंगी से महंगी दवा आसानी से खरीद सकते हैं।”

 

 

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भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए 24X7 गुणवत्तापूर्ण, विश्वसनीय और सस्ती बिजली आपूर्ति आवश्यक: केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर. के. सिंह

केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह ने आज राज्यों और राज्य बिजली उपयोगिताओं के साथ समीक्षा योजना और निगरानी (आरपीएम) बैठक की अध्यक्षता की। नई दिल्ली में 10 और 11 अप्रैल 2023 को आयोजित होने वाली इस बैठक में विद्युत राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल, सचिव (विद्युत) श्री आलोक कुमार, सचिव (नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय) श्री बी.एस. भल्ला, अपर मुख्य सचिव, राज्यों के सचिव/सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव (विद्युत/ऊर्जा) और राज्य विद्युत उपयोगिताओं के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने भाग लिया।

श्री आर.के. सिंह ने देश के समग्र आर्थिक विकास में व्यवहारिक और आधुनिक विद्युत क्षेत्र के महत्व पर बल दिया। उन्होंने बल देकर कहा कि भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए देश के सभी बिजली उपभोक्ताओं को 24 x 7 गुणवत्तापूर्ण, विश्वसनीय और सस्ती बिजली की आपूर्ति आवश्यक है। इस बात पर प्रकाश डाला गया कि अधिकांश डिस्कॉम ने अपनी विभिन्न पहलों जैसे संशोधित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस), अतिरिक्त विवेकपूर्ण मानदंड और देर से भुगतान अधिभार (एलपीएस) नियम 2022 के अंतर्गत विद्युत मंत्रालय द्वारा निर्धारित सुधार उपायों को लागू करना शुरू कर दिया है। यह सूचित किया गया था कि इस वर्ष बड़ी संख्या में विद्युत नियामक आयोगों ने समय पर शुल्क आदेश जारी किए हैं और ईंधन और बिजली खरीद लागत समायोजन (एफपीपीसीए) को भी लागू किया है। इस बात पर बल दिया गया था कि शुल्क लागत प्रतिबिंबित होना चाहिए और डिस्कॉम के व्यवहारिक होने के लिए नियामक आयोगों द्वारा व्यावहारिक नुकसान में कमी के रास्ते अपनाए जाने चाहिए। उन्होंने उल्लेख किया कि जून 2022 में मंत्रालय द्वारा अधिसूचित देर से भुगतान अधिभार नियम 2022 से डिस्कॉम के साथ-साथ जेनको को भी लाभ हुआ है। ऊर्जा मंत्री महोदय ने सही सब्सिडी लेखांकन के महत्व पर भी बल दिया। उन्होंने दोहराया कि देरी से बिलिंग और अपर्याप्त भुगतान की समस्याओं को दूर करने का एकमात्र समाधान स्मार्ट प्रीपेड मीटरिंग है।

 

बैठक के दौरान, माननीय मंत्री महोदय ने विद्युत वितरण क्षेत्र की योजनाओं के लिए एकीकृत वेब पोर्टल के संशोधित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) मॉड्यूल का भी शुभारंभ किया। पोर्टल वितरण क्षेत्र की सभी योजनाओं की निगरानी में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। यह अभिनव मंच संशोधित वितरण क्षेत्र योजना सहित बिजली वितरण योजनाओं के कार्यान्वयन में वास्तविक समय के अपडेट और गहरी पहुँच प्रदान करेगा, जिससे पारदर्शिता और दक्षता को सक्षम किया जा सकेगा। इस अवसर पर माननीय मंत्री महोदय ने विद्युत वितरण उपयोगिताओं की 11वीं एकीकृत रेटिंग – 2022, डिस्कॉम यानी बिजली वितरण कंपनियों की दूसरी उपभोक्ता सेवा रेटिंग – 2022 और राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक – 2022 का भी शुभारंभ किया। 24 डिस्कॉम की एकीकृत रेटिंग में पिछले वर्ष की रेटिंग से सुधार हुआ है। चार डिस्कॉम, अर्थात् मेस्कोम, चेस्कोम और गेस्कोम और आंध्र प्रदेश पूर्वी डिस्कोम ने 3 अंक तक का उल्लेखनीय सुधार कर दिखाया है। इसके अलावा, 8 डिस्कॉम अर्थात। एमएसईडीसीएल, एपीडीसीएल, अजमेर, केएसईबी, एचईएससीओएम, बीईएससीओएम, ओडिशा साउथ और ओडिशा नॉर्थ डिस्कॉम ने अपनी रेटिंग में 2 पायदान का सुधार किया है। इसी प्रकार, 24 डिस्कॉम की उपभोक्ता सेवा रेटिंग में भी पिछले वर्ष की रेटिंग से सुधार हुआ है।

 

राज्यों में आरडीएसएस के अंतर्गत प्रगति की स्थिति की समीक्षा की गई। इस योजना का उद्देश्य परिचालन दक्षता को बढ़ाना और वितरण क्षेत्र की वित्तीय व्यवहार्यता सुनिश्चित करना है। मंत्री महोदय ने आरडीएसएस के अंतर्गत पूर्व-योग्यता मानदंड और सब्सिडी और ऊर्जा लेखांकन आदि सहित अन्य प्रमुख तत्वों के संबंध में डिस्कॉम के प्रदर्शन की भी समीक्षा की। राज्यों को योजना के कार्यान्वयन में तेजी लाने की सलाह दी गई है। राज्यों को आगे यह सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है कि प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने के बाद पाए गए अधिक लोड के लिए किसी भी उपभोक्ता पर कोई जुर्माना न लगाया जाए और चरणबद्ध तरीके से पिछले बकाया (यदि कोई हो) की वसूली के साथ-साथ वास्तविक लोड के आधार पर बिलिंग की जाए।

मंत्री महोदय ने बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन क्षमता की उपलब्धता के संदर्भ में संसाधन पर्याप्तता सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कम अवधि के दौरान योजनाबद्ध रखरखाव करने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि देश में बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए बिजली उत्पादन में निवेश जरूरी है। उन्होंने क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए बिजली क्षेत्र में व्यवहारिकता के महत्व को दोहराया।

राज्य/केंद्र सरकार, उपयोगिताओं और उद्योग सहित सभी हितधारकों के सामूहिक प्रयास से देश में आर्थिक रूप से व्यवहारिक और पर्यावरण की दृष्टि से स्थायी विद्युत क्षेत्र की दिशा में निर्बाध परिवर्तन सुनिश्चित होगा।

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एस एन सेन महाविद्यालय में “व्यक्तित्व विकास एवं मानसिक स्वास्थ्य” विषय पर कार्यशाला आयोजित

कानपुर 12 अप्रैल, भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन महाविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के परामर्श केंद्र तथा स्कूल साइकॉलजी द्वारा ” पायस विजन काउंसलिंग सेंटर ” इस 11.04.2023 के साथ मिलकर दिनांक 11.04.2023 को एक ‌‍‌‍‍‍‍‍ द्विदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसका विषय था ,” व्यक्तित्व विकास एवं मानसिक स्वास्थ्य” । कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती पूजन से हुआ दीप प्रज्वलन के पश्चात महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो॰(डॉ॰) सुमन ने अपने आशीर्वचन से कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि वर्तमान समय को देखते हुए यह विषय छात्राओं के लिए बहुत ही लाभकारी है जिसके द्वारा वे अपने व्यक्तित्व का विकास कर के भविष्य के लिए स्वयं को तैयार कर सकती हैं ।इस तरह के कार्यक्रमों द्वारा हम छात्राओं मैं विभिन्न कौशलों को विकसित करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं । इसके बाद मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ मोनिका सहाय ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि व्यक्तित्व विकास एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है जिसके लिए हम कभी भी व्यवहारिक कौशलों या सॉफ्ट स्किल्स को अर्जित करके स्वयं को बेहतर बना सकते हैं। कार्यक्रम में इसके बाद प्रोफेसर गार्गी यादव वोकेशनल कोर्स इंचार्ज ने वोकेशनल कोर्स को नई शिक्षा प्रणाली में शामिल करने के महत्व को बताया lइसके बाद पायस विजन सेंटर से आई हुई टीम ने छात्राओं को विभिन्न तरीकों से अपने व्यक्तित्व को विकसित करने तथा और बेहतर बनाने के लिए मार्गदर्शन दिया और उन्हें यह भी बताया और कैसे विभिन्न परिस्थितियों में हम अपने गुणों और कौशलों को प्रदर्शित कर सकते हैं।

कार्यशाला के दूसरे दिन दिनांक, 12.04.2023 को भी पायस विजन टीम के, आशीष पांडे के द्वारा छात्राओं को विभिन्न व्यवहारिक कौशलों को अर्जित करने व अपने व्यक्तित्व में नए गुणों का समावेश करने के लिए प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन परामर्श केंद्र की इंचार्ज डॉ मोनिका सहाय ने दिया। अंत में छात्राओं को सर्टिफिकेट वितरित किया गया। लगभग डेढ़ सौ छात्राओं ने इस कार्यशाला में प्रतिभाग किया था। कार्यक्रम को सफल बनाने में मनोविज्ञान विभाग की सुश्री प्रीति यादव ,डॉ अंजना गुप्ता, सुश्री मयूरिका गुप्ता एवं सुश्री सौम्या श्रीवास्तव का विशेष योगदान रहा l

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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज़मगढ़ में हरिहरपुर संगीत विश्वविद्यालय का शिलान्यास एवं 4583 करोड़ रूपए की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ में हरिहरपुर संगीत विश्वविद्यालय का शिलान्यास एवं 4583 करोड़ रूपए की कुल 117 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। इनमें 4257 करोड़ रूपए की लागत से नल से जल की 1358 योजनाओं और 175 करोड़ रूपए की लागत से सड़कों का चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण संबंधी 55 योजनाओं का शिलान्यास हुआ। इसके अलावा 151 करोड़ रूपए की लागत से राज्य के विभिन्न 16 विभागों से संबंधित 61 योजनाओं का लोकार्पण भी हुआ। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि जिस आज़मगढ़ को पिछली सरकारों के समय में आतंक के गढ़ के रूप में जाना जाता था,  आज मोदी जी के नेतृत्व में उसी आजमगढ़ की धरोहर हरिहर घराने को सम्मान देने के लिए संगीत महाविद्यालय की नींव रखी गयी है। उन्होंने कहा कि आज़मगढ़ को कभी हरिहर घराने, पंडित छन्नूलाल मिश्र जैसे गायकी के विद्वानों के नाम से जाना जाता था, लेकिन उस आज़मगढ़ की छवि को धूमिल करने का काम पिछली राज्य सरकारों ने किया।

श्री अमित शाह ने कहा कि हरिहरपुर घराने के नाम में ही हरि और हर, दोनों हैं और गायकी और कला की दृष्टि से तीनों विधाओं, गायन, वादन और नृत्य, में एक ज़माने में आज़मगढ़ केन्द्र होता था। उन्होंने कहा कि हरिहरपुर घराने के ही पद्म विभूषण से सम्मानित पंडित छन्नूलाल मिश्र, अंबिका मिश्र और डॉ. मनोज कुमार मिश्र जैसे कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त सभी कलाकारों को आज बहुत हर्ष होगा कि इसी आज़मगढ़ में संगीत विद्यालय शुरू हो रहा है। उन्होंने कहा कि देश के कला व संगीत को संरक्षित कर ही भावी पीढ़ी के लिए संस्कृति को सुरक्षित किया जा सकता है, आजमगढ़ में स्थापित होने वाला संगीत महाविद्यालय हरिहरपुर के समृद्ध संगीत घराने को संजीवनी देने का काम करेगा।श्री शाह ने कहा कि ये संगीत महाविद्यालय आने वाले दिनों में ना केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे भारत का गौरव समग्र विश्व में बढ़ाएगा।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि एक समय ऐसा था जब ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली नहीं होती थी, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार व मुख्यमंत्री योगी जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश को बिजली से युक्त कर विकास के नए युग की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि आज यहां हमने हर घर जल की योजना की नींव डाली है। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी देश के हर घर में शुद्ध पीने का पानी नल से पहुँचा रहे हैं, आज आजमगढ़ में 4257 करोड रुपए की नल से जल की 1358 योजनाओं की शुरुआत हुई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने पूरे देश के 60% घरों में नल से जल पहुंचाया है और आज देश में हर एक सेकंड में एक घर में नल से जल पहुंचता है। उन्होंने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में देश के 11 करोड़ 66 लाख घरों में नल से जल पहुंचाने का काम समाप्त हो चुका है। श्री शाह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में फ्लोराइड से प्रभावित बस्तियों में भी नल से जल के ज़रिए पीने का शुद्ध पानी पहुंचाने की शुरुआत आज से हो रही है। इसके साथ ही आज यहां लगभग 4500 करोड़ रूपए की लागत वाली कई अन्य योजनाओं का लोकार्पण और भूमिपूजन हुआ है।  अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंतत्री मोदी के नेतृत्व में आज उत्तर प्रदेश विकास की पहचान बना है। यहां सड़कों और नहरों का जाल बिछ गया है, हर किसान को प्रधानमंत्री किसान योजना के 6000 रूपए मिल रहे हैं, एक करोड़ 76 लाख घरों में गैस का सिलेंडर पहुंचा है, हर घर में शौचालय, बिजली पहुंचे हैं और आज एक भी गांव है ऐसा नहीं बचा है जहां बिजली पहुंचनी बाकी हो। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को विकास की दौड़ में आगे ले जाने के लिए डबल इंजन सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आजमगढ़ को हमेशा खराब कानून और व्यवस्था की परिस्थितियों का सामना करना पड़ता था लेकिन आज इस ज़िले को विकास का गढ़ बनाने का काम योगी सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के नोएडा और आज़मगढ़ में नए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे बन रहे हैं, इसके साथ ही लखनऊ, वाराणसी और कुशीनगर सहित पांच अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला भारत का एकमात्र राज्य उत्तर प्रदेश बना है। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की पीएम गतिशक्ति योजना को भी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने जमीन पर उतारा है। उन्होंने कहा कि पूरे उत्तर प्रदेश को दंगामुक्त प्रदेश बनाने का काम भी योगी सरकार ने किया है।

अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तर प्रदेश के विकास के लिए दिल्ली के खजाने खोलकर राज्य को दिया है और हर योजना उत्तर प्रदेश से होकर ही देश में जाती है। उन्होंने उत्तर प्रदेश की जनता से कहा कि 2024 में विरोधी पार्टियां फिर से परिवारवाद और जातिवाद लेकर आएंगी और उन्हें गुमराह करने का काम करेंगी, लेकिन जनता एक बार फिर मोदी जी पर भरोसा करे।

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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी में कौशाम्बी महोत्सव-2023 का शुभारंभ और 613 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किय

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी में कौशाम्बी महोत्सव-2023 का शुभारंभ और विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया। इनमें लोक निर्माण विभाग की 405 करोड़ रुपये लागत की 70 योजनाओं और युवा कल्याण,खेल,नगर विकास व व्यावसायिक शिक्षा विभाग समेत 12 विभागों की 51 करोड़ रुपये लागत की 24 परियोजनाओं का लोकार्पण शामिल है।साथ ही प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना फेज-3 की 151 करोड़ रुपये लागत की 19 योजनाओं और स्वास्थ्य एवं नगर विकास विभाग की 6 करोड़ रुपये की 4 योजनाओं का शिलान्यास भी किया गया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ व उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि आज यहां एक जनपद में 613 करोड़ रुपये से ज्यादा की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया है। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने प्रत्येक सांसद को खेल महोत्सव की प्रेरणा दी जिसके चलते ही कौशाम्बी महोत्सव में यहां के सांसदों ने बड़ी लगन और मेहनत से युवाओं को खेलने का एक मंच प्रदान किया है। सांसदों द्वारा शुरु की गयी ‘सांसद खेलकूद स्पर्धा’ में लगभग 16000 युवाओं ने ऑनलाइन आवेदन कर खेलना पसंद किया जिनमें से 3324 खिलाड़ियों को पुरुस्कृत किया गया है। श्री शाह ने खेलों में भाग लेने वाले सभी लोगों को बधाई देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के ‘खेलो इंडिया’ का मूल मंत्र ही स्फूर्त व निरोगी शरीर और मजबूत मन बनाना है और हम सभी को इसे और आगे बढ़ाना चाहिए।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि भगवान बुद्ध और महावीर के जमाने में सोलह जनपदों में से एक वत्स जनपद की राजधानी कौशाम्बी हुआ करती थी। उस समय मगध जैसे बहुत बड़े-बड़े जनपदों के विकास के बावजूद कौशाम्बी को सबसे समृद्ध माना जाता था। उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम व कलिंग विजय के बाद चक्रवर्ती सम्राट अशोक भी इस समृद्ध भूमि पर आकर रुके। श्री शाह ने भगत सिंह के साथ मिलकर अंग्रेजों के दांत खट्टे करने वाली कौशाम्बी की महान वीरांगना स्वतंत्रता सेनानी दुर्गा भाभी को भी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कौशाम्बी के करेंटी पुल का नाम दुर्गा भाभी पुल रखने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की सराहना भी की।

श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने देश को सुरक्षित और समृद्ध बनाकर दुनियाभर में भारत का सम्मान बढ़ाया है। प्रधानमंत्री मोदी जी ने कश्मीर से 5 अगस्त 2019 को धारा 370 को समाप्त कर दिया। अयोध्या में रामलला के जन्म स्थान पर उनका मंदिर बनाने का काम वर्षों से लटका हुआ था। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास किया और अब कुछ ही समय में भगवान श्री राम अपने निज मंदिर में विराजमान होंगे। श्री शाह ने कहा कि विपक्ष ने संसद के बजट सत्र के समय को बर्बाद किया, इसके लिए देश की जनता उन्हें माफ नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र व Idea of India नहीं Idea of Dynasty खतरे में है क्योंकि जनता ने परिवारवाद और तुष्टीकरण की राजनीति को नकार दिया है। प्रधानमंत्री मोदी जी ने देश के लोकतंत्र को जातिवाद, परिवारवाद और तुष्टीकरण के चंगुल से मुक्त करवाया और गरीबों के कल्याण के ढेर सारी योजनाएं बनाईं।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश विकास की राह पर चल पड़ा है। राज्‍य में एक्सप्रेस-वे का बड़ा जाल बिछाने का काम किया गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने भी उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में गरीब कल्याण की योजनाएं जमीन पर उतारी जिससे आज राज्य के घर-घर में गरीबी का उन्मूलन हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उत्तर प्रदेश में 46 लाख से ज्यादा लोगों को घर देने का काम किया है, 2 करोड़ 61 लाख घरों में शौचालय बनाया गया, 1 करोड़ 75 लाख महिलाओं को गैस का सिलेंडर दिया गया, 10 लाख से ज्यादा रेहड़ी-पटरी वालों को ‘पीएम स्‍वनिधि योजना’ का फायदा दिया गया, ‘स्वामित्व योजना’ के अंतर्गत 35 लाख परिवारों को लाभ मिला, 2.5 करोड़ से ज्यादा किसानों को 52 हजार करोड़ रुपये दिए और हर गरीब के घर में मुफ्त राशन देने का काम किया गया।

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सिकंदराबाद और तिरुपति के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस से विशेष रूप से आध्यात्मिक पर्यटन को लाभ होगा और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री  मोदी ने कहा है कि वंदे भारत एक्सप्रेस गर्व, आराम और कनेक्टिविटी का पर्याय है।

श्री मोदी द्वारा सिकंदराबाद और तिरुपति के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किए जाने से संबंधित केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी के एक ट्वीट को साझा करते हुए, प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया:

“वंदे भारत एक्सप्रेस गर्व, आराम और कनेक्टिविटी का पर्याय है। सिकंदराबाद और तिरुपति के बीच चलने वाली इस ट्रेन से पर्यटन, विशेषकर आध्यात्मिक पर्यटन को लाभ होगा। इससे आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।”

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राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार 2023 के लिए आवेदन आमंत्रित; अंतिम तिथि, 31.05.2023

उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने 2020 में राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार (एनएसए) का शुभारम्भ किया था, जो स्टार्टअप इकोसिस्टम में उत्कृष्ट स्टार्टअप्स और सक्षम बनाने वालों (एनेबलर्स) को पुरस्कृत करने और उन्हें पहचान देने के लिए है, जो अभिनव उत्पादों का निर्माण कर रहे हैं और जहां सामाज पर उनके प्रभाव को रेखांकित किया जा सकता है। अब तक, तीन वर्षों के लिए स्टार्टअप्स और सक्षम बनाने वालों (एनेबलर्स) को पुरस्कृत किया जा चुका है, जिन्होंने भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार 2023 के लिए आवेदन 1 अप्रैल 2023 से ‘लाइव’ कर दिए गए हैं और जमा करने की अंतिम तिथि 31 मई 2023 है।

विविध क्षेत्रों से जुड़े स्टार्टअप्स को पहचान देने और पुरस्कृत करने की विरासत को जारी रखते हुए, डीपीआईआईटी ने चौथे राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कारों की घोषणा की है। राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार 2023, ‘विज़न इंडिया @ 2047’ के अनुरूप देश भर के नवाचारों का उत्सव मनाएगा, जहां भारत, अमृत काल की भावना से प्रेरित होकर प्रमुख क्षेत्रों में एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

इस संस्करण में स्टार्टअप्स को 20 श्रेणियों में सम्मानित किया जाएगा, जिन्हें वर्तमान भारतीय और वैश्विक आर्थिक केंद्र-बिंदुओं पर गहन विचार-विमर्श के बाद तय किया गया है। ये श्रेणियां एयरोस्पेस, खुदरा और बदलाव लाने वाले तकनीकों में नवाचारों से लेकर उच्च प्रभाव केंद्रित वाली श्रेणियों तक हैं।

डीपीआईआईटी द्वारा प्रत्येक श्रेणी के एक विजेता स्टार्टअप को 10 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार 2023 के विजेताओं और फाइनल में पहुँचने वालों को विशिष्ट वित्तीय व मार्गदर्शन सहायता (हैंडहोल्डिंग) प्रदान की जायेगी, जिसमें निवेशक और सरकार से जुडाव, मार्गदर्शन, अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंच, कॉर्पोरेट और यूनिकॉर्न कनेक्ट तथा अन्य शामिल हैं।

राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार (एनएसए) के तीन संस्करणों में देश भर के स्टार्टअप्स और इकोसिस्टम को सक्षम बनाने वालों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। तीन वर्षों में, एनएसए ने 6,400 से अधिक स्टार्टअप्स की सक्रिय भागीदारी देखी है और 450 से अधिक स्टार्टअप्स को विजेताओं और फाइनल में पहुँचने वाले प्रतिभागियों के रूप में मान्यता दी है।

अधिक जानकारी के लिए, https://www.startupindia.gov.in देखें।

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गडकरी ने 6 लेन वाले 212 किलोमीटर लंबे 12,000 करोड़ वाले दिल्ली-देहरादून ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे का निरीक्षण किया

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री, श्री नितिन गडकरी ने आज केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री श्री जनरल वीके सिंह और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में 6 लेन वाले 212 किलोमीटर लंबे दिल्ली-देहरादून ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे का निरीक्षण किया, जिसकी लागत 12,000 करोड़ रुपये है।

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यह एक्सप्रेसवे चार खंडों में विभाजित है और इसका निर्माण दिल्ली में अक्षरधाम के पास से शुरु होकर शास्त्री पार्क, खजूरी खास, मंडोला के खेकड़ा में ईपीई इंटरचेंज, बागपत, शामली, सहारनपुर उत्तर प्रदेश से होकर उत्तराखंड के देहरादून तक किया जा रहा है। देहरादून के दतकाली में 1,995 करोड़ रुपये की लागत से 340 मीटर लंबी 3 लेन वाली सुरंग का निर्माण भी किया जा रहा है।

इस कॉरिडोर के निर्माण में अनेक प्रकार के विशेष प्रावधान किए गए हैं, जिसमें गणेशपुर से देहरादून तक मार्ग को वन्यजीवों के लिए सुरक्षित रखा गया है। इसमें 12 किलोमीटर एलिवेटेड रोड, 6 पशु अंडरपास, 2 हाथी अंडरपास, 2 बड़े पुल और 13 छोटे पुलों का प्रावधान है। पूरे एक्सप्रेसवे में 113 वीयूपी (वाहन अंडर पास), एलवीयूपी (हल्के वाहन अंडर पास), एसवीयूपी (छोटे वाहन अंडर पास), 5 आरओबी, 4 बड़े पुल और 62 बस शेल्टर का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही, 76 किलोमीटर सर्विस रोड, 29 किलोमीटर एलिवेटेड रोड और 16 प्रवेश-निकास बिंदु का भी निर्माण किया जा रहा है।

यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए, दिल्ली-देहरादून एक्सेस कंट्रोल्ड ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे पर 12 सड़क सुविधाओं का प्रावधान किया गया है। इस राजमार्ग को हरिद्वार से जोड़ने के लिए 2,095 करोड़ रुपये की लागत से 6 लेन वाले 51 किलोमीटर लंबे ग्रीनफील्ड सड़क का निर्माण किया जा रहा है।

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