राष्ट्रीय लघु उद्योग दिवस’ के अवसर पर केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री श्री नारायण राणे ने ट्विटर पर घोषणा की कि देश भर में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा संचालित 18 टूल रूम और प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से पिछले 9 वर्षों में 3 लाख से अधिक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम इकाइयों को लाभान्वित करने के लिए 16 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है। राणे ने बताया कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के तहत कार्य करने वाले टूल रूम और प्रौद्योगिकी केंद्र माननीय प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। विशेष रूप से ये टूल रूम और प्रौद्योगिकी केंद्र अत्याधुनिक उत्पादों के निर्माण में चरणबद्ध तरीके से सहायता भी प्रदान कर रहे हैं। राणे ने कहा कि भारत के ये टूल रूम अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार मध्यम व छोटे आकार के उपकरणों का डिजाइन तथा निर्माण करते हैं। इनका इस्तेमाल खेल के सामान, प्लास्टिक, ऑटोमोबाइल, जूते बनाने, कांच, इत्र, फाउंड्री और फोर्जिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं अंतरिक्ष क्षेत्र से संबंधित उद्योगों में किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में प्रक्षेपित किए गए चंद्रयान-3 मिशन में भुवनेश्वर के टूल रूम ने 437 प्रकार के लगभग 54,000 एयरो-स्पेस घटकों का निर्माण किया था। टूल रूम ने कोरोना महामारी के कठिन समय में पीपीई किट, सैनिटाइजर मशीन और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ विदेशों में उनके निर्यात में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ने अपने ट्वीट के माध्यम से बताया है कि देश की सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम इकाइयों को अधिक सशक्त करने के लिए 15 अन्य प्रौद्योगिकी केंद्र भी स्थापित किए जा रहे हैं।
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भूपेन्द्र यादव ने देश भर के 30 ईएसआईसी अस्पतालों में कीमोथेरेपी सेवाएं शुरू की
यादव ने कहा कि यह शुभारंभ भारत के अमृतकाल में हमारे श्रम योगियों के सर्वांगीण कल्याण के प्रधानमंत्री मोदी जी के सपने को साकार करने की दिशा में एक कदम है। इन अस्पतालों में कीमोथेरेपी सेवाओं की शुरुआत के साथ, बीमित श्रमिकों और उनके आश्रितों को कैंसर का आसानी से बेहतर उपचार मिल सकेगा।
केंद्रीय मंत्री ने भी ईएसआईसी के डैशबोर्ड के साथ एक नियंत्रण कक्ष का भी उद्घाटन किया। डैशबोर्ड ईएसआईसी अस्पतालों में संसाधनों और बिस्तरों की बेहतर निगरानी करेगा और वर्तमान निर्माण परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति पर नजर रखना सुनिश्चित करेगा।
चंद्रयान-3 और आदित्य एल1 आगामी 25 वर्षों में भारत की अमृत काल विकास यात्रा का नेतृत्व करेंगे : डॉ. जितेन्द्र सिंह
केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; राज्य मंत्री प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा, चंद्रयान-3 और आदित्य आगामी 25 वर्षों में भारत की अमृत काल विकास यात्रा का नेतृत्व करेंगे। डॉ. जितेंद्र सिंह ने उधमपुर जिले के टिकरी-1बी पंचायत में पूरे देश में शुरू होने वाली अमृत कलश यात्राओं की शुरुआत का प्रतीक ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान का शुभारंभ किया। इस अभियान के अंतर्गत मातृभूमि की समृद्धि में लोगों की भागीदारी को दर्शाते हुए हर घर से मिट्टी और चावल का संग्रह सम्मिलित है।
उद्घाटन के दौरान अपने संबोधन में डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, भारत की हाल की अंतरिक्ष उपलब्धियां केवल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कारण ही संभव हुई हैं, जिन्होंने सार्वजनिक निजी भागीदारी के माध्यम से भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए नए मार्ग प्रशस्त किए हैं और भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए “अब कोई सीमा नहीं” की बात सच साबित हो रही है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि विगत नौ वर्षों में भारत की अंतरिक्ष यात्रा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, जिससे भारत अब नासा, रोस्कोस्मोस जैसी संस्थाओं के समकक्ष पंहुच गया है, जो अब अंतरिक्ष अभियानों के लिए इसरो के साथ सहयोग कर रहे हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, सीमित संसाधनों के बावजूद कम लागत वाले साधनों के माध्यम से भारत ने अपने मानव संसाधन और क्षमता के क्षेत्र में संपूर्ण विश्व के सामने जो सर्वोच्चता प्रदर्शित की है, उसने भारत को एक अग्रणी राष्ट्र और एक वैज्ञानिक-आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित किया है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने आगे कहा, पूरा विश्व इन सबका श्रेय पीएम मोदी को देता है, जिन्होंने सभी हितधारकों को एक साथ लाने और सामूहिक योगदान के साथ संयुक्त प्रयास करने जैसे कई प्रगतिशील नीतिगत फैसले लिए हैं।
कार्यक्रम के दौरान, डॉ. जितेंद्र सिंह ने लोगों से अमृत कलश यात्राओं में भाग लेने, ‘पंच प्रण’ प्रतिज्ञा लेने, भारत की प्रगति और विकास के लिए प्रतिबद्ध होने का भी आग्रह किया,जिससे वो वर्ष 2047 में भारत के शिखर पर पहुंचने के साक्षी बने।
कार्यक्रम को क्षेत्र के पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ, डीडीसी अध्यक्ष लाल चंद और उधमपुर की उपायुक्त सलोनी राय ने भी संबोधित किया।
एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज में परास्नातक प्रथम तथा तृतीय सेमेस्टर की छात्राओं हेतु प्राचीन भारतीय शिक्षण संस्थान विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित
कानपुर 4 सितंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज कानपुर के शिक्षाशास्त्र विभाग में दिनाँक 04/09/2023 को परास्नातक प्रथम तथा तृतीय सेमेस्टर की छात्राओं हेतु प्राचीन भारतीय शिक्षण संस्थान विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया | प्रत्येक छात्रा ने अपने पोस्टर की व्याख्या अपने शब्दों में प्रस्तुत की| निर्णायक मंडल में कैप्टन ममता अग्रवाल तथा प्रो. प्रीती पांडेय ने निम्न छात्राओं को विजेता घोषित किया:-
प्रथम – यास्मीन, M.A. I Semester द्वितीय- इरम, M.A. I Semester तृतीय – मारिया, M.A. I Semester सांत्वना – खुशी, M.A. III Semester
शिक्षाशास्त्र विभाग में बी.ए. प्रथम सेमेस्टर की छात्राओं के लिए माध्यमिक शिक्षा की भारत में वर्तमान स्थिति एवं समस्याएं विषय पर दिनाँक 28/08/2023 को निबंध प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया था, निर्णायक मंडल में श्रीमति किरन तथा डॉ. मोनिका सहाय ने निम्न छात्राओं को विजेता घोषित किया:-
प्रथम – जोया खान द्वितीय- प्राची जयसवाल तृतीय – असफिया मुजीब , उम्मे कुलसुम सांत्वना – नव्या यादव, मुस्कान बानो, तंजीला परवीन महाविद्यालय प्राचार्या प्रोफेसर सुमन, रामकृपाल, विभाग प्रभारी प्रोफेसर चित्रा सिंह तोमर, निर्णायक मंडल तथा शिक्षिकाओं ने कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन और पुष्पांजलि द्वारा किया। प्राचार्या प्रोफेसर सुमन ने छात्राओं का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें भविष्य में अधिकाधिक सहभागिता करने के लिए प्रेरित किया, रामकृपाल ने छात्राओं के उत्तम भविष्य हेतु शुभकामनाएं प्रेषित की
डॉ.कार्यक्रम में शिक्षा शास्त्र विभाग की सभी परास्नातक छात्राओं ने प्रतिभाग किया, इस अवसर पर डॉ. प्रीति सिंह, डॉ. संगीता सिंह, डॉ. अनामिका तथा सुश्री निकिता पाल कश्यप उपस्थित रहीं, ममता शुक्ला ने कार्यक्रम के आयोजन में सक्रिय सहयोग प्रदान किया।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) पहला सूर्य मिशन लॉन्च करने के लिए पूरी तरह तैयार
मैनपुरी (उ.प्र.) में एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पूरी दुनिया भारत के चंद्रयान मिशन का जश्न मना रही है और अब सूर्य मिशन में लोगों की रुचि भी कई गुना बढ़ गई है।
प्रधानमंत्री मोदी को इसका पूरा श्रेय देते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री ने भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को अतीत की बेड़ियों से मुक्त करने का ऐसा साहसी निर्णय लेने की पहल नहीं की होती तो यह सब संभव ही नहीं होता जैसा किसी अन्य पिछली सरकार ने किया ही नहींI परिणामस्वरूप, आज चार वर्ष की छोटी सी अवधि के भीतर ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वित्तीय संसाधनों में वृद्धि होने के साथ ही स्टार्ट-अप्स की संख्या 4 से बढ़कर 150 हो गई है और भारत की उपग्रह प्रक्षेपण सुविधा की विश्वसनीयता अचानक इतनी बढ़ गई है कि अब तक यूरोपीय उपग्रहों के प्रक्षेपण से भारत ने 26 करोड़ यूरो से अधिक की कमाई की है तथा अमेरिकी उपग्रह के प्रक्षेपण से भारत ने 15 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक की कमाई की है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा वैज्ञानिक समुदाय का सम्मान बढ़ाने के कारण ही है कि आज हमारे पास सूर्य के लिए पहला अंतरिक्ष मिशन भेजने का आत्मविश्वास और दृढ़ विश्वास है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने विस्तार से बताया कि सूर्य अंतरिक्ष मिशन आदित्य –एल 1, सात पेलोड्स (बोर्ड पर उपकरणों) के साथ ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पोलर सैटेलाईट लॉन्च वेहिकल -पीएसएलवी) का उपयोग करेगा। उन्होंने आगे कहा कि अंतरिक्ष यान सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैग्रेंज बिंदु-1 (एल 1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा (हैलो ऑर्बिट) में स्थित होगा, जो पृथ्वी से लगभग 15 लाख (1.5 मिलियन) किलोमीटर की दूरी पर है, जबकि प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किए गए उपग्रह को सूर्य को बिना किसी ग्रहण के लगातार देखने का प्रमुख लाभ मिलेगा।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि, मंगल और चंद्रमा मिशन के बाद, आदित्य एल-1 तीसरा ऐसा मिशन है। यह मिशन सूर्य से प्राप्त ऊर्जा स्रोतों का अध्ययन करेगा।
प्रधानमंत्री ने सभी एलपीजी उपभोक्ताओं (33 करोड़ कनेक्शन) के लिए एलपीजी सिलेंडर की कीमत 200 रुपये प्रति सिलेंडर कम करने का साहसिक कदम उठाया
यह कटौती पीएमयूवाई परिवारों को 200 रुपये प्रति सिलेंडर की विद्यमान लक्षित सब्सिडी के अतिरिक्त है, जो जारी रहेगी। इसलिए पीएमयूवाई परिवारों के लिए, इस कटौती के बाद दिल्ली में प्रभावी कीमत 703 रुपये प्रति सिलेंडर होगी।
उल्लेखनीय है कि देश में 31 करोड़ से अधिक घरेलू एलपीजी उपभोक्ता हैं, जिनमें 9.6 करोड़ पीएमयूवाई लाभार्थी परिवार शामिल हैं और इस कटौती से देश के सभी एलपीजी उपभोक्ताओं को मदद मिलेगी। लंबित पीएमयूवाई आवेदनों को निपटाने और सभी पात्र परिवारों को जमा मुक्त एलपीजी कनेक्शन प्रदान करने के लिए, सरकार जल्द ही निर्धन परिवारों की 75 लाख महिलाओं को पीएमयूवाई कनेक्शन का वितरण शुरू करेगी, जिनके पास एलपीजी कनेक्शन नहीं है। इससे पीएमयूवाई के तहत लाभार्थियों की कुल संख्या 9.6 करोड़ से बढ़कर 10.35 करोड़ हो जाएगी।
ये निर्णय नागरिकों पर वित्तीय बोझ को कम करने और परिवारों के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए सरकार के जारी प्रयासों के हिस्से के रूप में शामिल हैं। रसोई गैस की कीमतों में कमी अपने नागरिकों की भलाई को प्राथमिकता देने और उचित दरों पर आवश्यक वस्तुओं तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने इस निर्णय पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, “हम अपने बजट के प्रबंधन में परिवारों के सामने आने वाली चुनौतियों को समझते हैं। रसोई गैस की कीमतों में कमी का उद्देश्य परिवारों और व्यक्तियों को प्रत्यक्ष राहत प्रदान करना है, जबकि आवश्यक वस्तुओं तक सस्ती पहुंच सुनिश्चित करने के सरकार के बड़े लक्ष्य की सहायता करना भी है।
रसोई गैस की कीमतों में कमी से समाज की एक बड़ी आबादी के जीवन-यापन की लागत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। सरकार के सक्रिय कदम से परिवारों के व्यय में काफी कमी आने का अनुमान है, जो नागरिकों की व्यय करने की (डिस्पोजेबल) आय में सराहनीय योगदान होगा।
सरकार लोगों के बोझ को कम करने के लिए विभिन्न कदम उठाती रही है और रसोई गैस की कीमतों में यह कमी लोगों की आवश्यकताओं के प्रति सरकार की जवाबदेही और उनके कल्याण के प्रति उसके अटूट समर्पण का प्रमाण है।
सीसीपीए ने मैसर्स आईक्यूआरए आईएएस संस्थान के खिलाफ आदेश जारी करते हुए कहा कि वे तत्काल प्रभाव से अपनी वेबसाइट से झूठे प्रशंसापत्र और भ्रामक दावों को हटाएं
यह मुद्दा सीसीपीए के संज्ञान में 2018 में बनी आईक्यूआरए आईएएस संस्थान की वेबसाइट के माध्यम से आया। वेबसाइट में 2015 और 2017 में हुई यूपीएससी सीएसई के शीर्ष रैंक धारकों के प्रशंसापत्र के माध्यम से जानबूझकर और गलत तरीके से दावा किया गया कि वे उनके छात्र रहे हैं, जो तथ्यात्मक रूप से धोखा है। इसलिए सीसीपीए ने स्वत: संज्ञान लिया और पाया कि उपरोक्त दावे झूठे हैं। सीसीपीए ने पाया कि संस्थान ने खुद को इस तरह दिखाया कि वो सर्वश्रेष्ठ यूपीएससी ऑनलाइन प्रीलिम्स टेस्ट सीरीज़ 2020 प्रदान करने वाला ऐसा कोचिंग संस्थान है जिसके पास पूरे भारत में सर्वश्रेष्ठ टीचर हैं। इस प्रकार इसे पुणे में एक साल के भीतर यूपीएससी की टॉप कोचिंग संस्थान बन गया था। तदनुसार, आईक्यूआरए आईएएस संस्थान को नोटिस जारी किया गया।
संस्थान ने अपने जवाब में कहा कि पुणे और कानपुर के संकाय सदस्य अत्यधिक योग्य होने के साथ-साथ प्रतिष्ठित भी हैं और उनकी गूगल रेटिंग 5 में से 4.6 है। साल 2020 के लिए जो टेस्ट सीरीज तैयार की गई थी वह उनके उच्च कौशल और अनुसंधान गुणवत्ता के साथ एक अकादमिक सफलता थी। फिलहाल विज्ञापन को वेबसाइट से हटा दिया गया है।
सीसीपीए के पास उपभोक्ताओं के एक वर्ग के अधिकारों की रक्षा, प्रचार और लागू करने की जिम्मेदारी होती है और इसलिए वर्तमान मामले में विस्तृत जांच के लिए डीजी (जांच) सीसीपीए से अनुरोध किया गया। जांच रिपोर्ट में पाया गया कि ऑल इंडिया रैंक धारकों टीना डाबी एआईआर -1, (2015); अतहर अमीर उल सफी खान एआईआर -2, (2015); हिमांशु कौशिक एआईआर -77, (2015); सैफिन एआईआर -570, (2017) के प्रशंसापत्र आईक्यूआरए आईएएस संस्थान द्वारा होस्ट किए गए थे, जिसकी स्थापना खुद 2018 में हुई थी। उपभोक्ताओं को यह विश्वास दिलाने में धोखा दिया गया कि ऐसे सफल उम्मीदवार अपनी सफलता का श्रेय उक्त संस्थान को देते हैं।
इस बात को बताना जरूरी है कि आईक्यूआरए आईएएस संस्थान ने इस तरह के अतिशयोक्तिपूर्ण दावे किए, उनमें केवल जानबूझकर महत्वपूर्ण जानकारी को छिपाया गया बल्कि अपनी सेवा का भी झूठा प्रतिनिधित्व किया और उपभोक्ताओं के वर्ग को भ्रामक रूप से अपनी सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए गुमराह किया गया। दूसरी ओर, आईक्यूआरए आईएएस संस्थान ने कहीं भी कोई डिस्क्लेमर नहीं दिखाया और अपने द्वारा किए गए अन्य दावों को साबित करने में विफल रहा।
एक विज्ञापन को वैध माना जाता है और इसे तब तक धोखेबाज नहीं माना जाता है जब यह उत्पादों या सेवाओं की उपयोगिता को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करके उपभोक्ताओं को गुमराह नहीं करता है। विज्ञापन में भौतिक जानकारी को छिपाना नहीं चाहिए और किए गए किसी भी दावे के संबंध में चूक नहीं होनी चाहिए। चूक से विज्ञापन को भ्रामक बनाने या इसके वाणिज्यिक इरादे को छिपाने की संभावना रहती है। विभाग ने भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम के लिए दिशानिर्देश, 2022 पहले ही जारी कर दिए हैं और नवंबर 2022 में उपभोक्ता हितों की रक्षा और संरक्षण के लिए फर्जी, भ्रामक और भ्रामक समीक्षाओं को रोकने के लिए ऑनलाइन उपभोक्ता समीक्षाओं पर रूपरेखा अधिसूचित की गई।
सीसीपीए देश के कोने- कोने में उपभोक्ताओं के एक वर्ग के अधिकारों की रक्षा के लिए काम करता है। इसलिए आईक्यूआरए आईएएस संस्थान को भ्रामक प्रशंसापत्र की आड़ में झूठे दावों को बंद करने का आदेश जारी किया और साथ ही भ्रामक विज्ञापन और अनुचित व्यापार व्यवहार के लिए 1,00,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया।
क्राइस्ट चर्च पी.जी. कॉलेज में मेजर ध्यानचंद के जन्मदिवस के अवसर पर राष्ट्रीय खेल दिवस का आयोजन
भारतीय स्वरुप संवाददाता,मेजर ध्यानचंद के जन्मदिवस के शुभ अवसर पर राष्ट्रीय खेल दिवस का आयोजन क्राइस्ट चर्च पी.जी. कॉलेज, कानपुर में प्राचार्य प्रोफेसर जोसेफ डेनियल के मार्गदर्शन में किया गया जिसमे शारीरिक शिक्षा एवम क्रीड़ा विभाग के प्रमुख डा . आशीष कुमार दुबे द्वारा रस्साकशी खेल का आयोजन किया गया। इस प्रतिस्पर्धा में बी.ए , बी. कॉम , बी.एस.सी और परा स्नातक के बच्चों ने प्रतिभाग किया । उक्त कार्यक्रम का संचालन आयुष कुमार ने किया । इस कार्यक्रम में क्रीड़ा विभाग के तकनीकी विशेषज्ञ नागेंद्र प्रताप सिंह, रितेश यादव , मानवी शुक्ला, आर्यन जैसवाल , तरंग यादव , सैयद अहमद रिजवी , अपेक्षा चौधरी , रिषभ राज , वैष्णवी दीक्षित , हर्षिता आर्या ने अपने अपने दायित्वों का निर्वहन सफलता पूर्वक किया। इस प्रतिस्पर्धा के पुरुष वर्ग में बी कॉम के छात्र विजेता एवम उपविजेता बी. ए के छात्र रहे । महिला वर्ग में बी ए की छात्राएं विजेता एवम बी.एस.सी की छात्राएं उपविजेता रहीं । कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य के द्वारा मेडल एवम प्रमाणपत्र देकर छात्र एवम छात्रायों को पुरस्कृत किया गया। उक्त कार्यक्रम के अवसर पर प्रोफेसर मीत कमल , प्रोफेसर अनिंदिता भट्टाचार्या, प्रोफेसर आर. के जुनेजा , प्रोफेसर सत्यप्रकाश सिंह के साथ बड़ी संख्या में शिक्षक एवम छात्र, छात्राएं उपस्थित रहे । धन्यवाद ज्ञापन डॉ. हिमांशु दीक्षित ने किया।
Read More »नितिन गडकरी ने दुनिया के पहले बीएस 6 स्टेज II ‘इलेक्ट्रिफाइड फ्लेक्स फ्यूल व्हीकल’ का प्रोटोटाइप लॉन्च किया
इस अवसर पर संबोधित करते हुए हुए गडकरी ने कहा कि इथेनॉल एक स्वदेशी, पर्यावरण-अनुकूल और नवीकरणीय ईंधन है, जिसमें भारत के लिए आशाजनक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि इथेनॉल पर मोदी सरकार का जोर ऊर्जा आत्मनिर्भरता प्राप्त करने, किसानों की आय दोगुनी करने, उन्हें अन्नदाता के रूप में समर्थन जारी रखते हुए ऊर्जादाता में तब्दील करने और पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालने के उद्देश्यों के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि जिस दिन इथेनॉल अर्थव्यवस्था 2 लाख करोड़ की हो जाएगी, कृषि विकास दर मौजूदा 12 प्रतिशत से बढ़कर 20 प्रतिशत हो जाएगी। जैव ईंधन में नवाचारों का जिक्र करते हुए श्री गडकरी ने असम के नुमालीगढ़ में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की रिफाइनरी के बारे में भी बताया, जहां जैव इथेनॉल के निर्माण के लिए बांस का उपयोग किया जा रहा है। गडकरी ने कहा कि यह उन्नत वाहन इनोवा हाइक्रॉस पर आधारित है और इसे भारत के सख्त उत्सर्जन मानकों का पालन करने के अनुरूप तैयार किया गया है, जो इसे वैश्विक स्तर पर पहले बीएस 6 स्टेज II ‘इलेक्ट्रिफाइड फ्लेक्स फ्यूल व्हीकल’ का प्रोटोटाइप बनाता है। उन्होंने कहा कि इस प्रोटोटाइप के आगामी चरणों में सूक्ष्म परिशोधन, मान्यता और प्रमाणन प्रक्रियाएं शामिल हैं।
चंद्रयान पर कैबिनेट प्रस्ताव
कैबिनेट ISRO के प्रयासों के लिए उसे बहुत-बहुत बधाई देती है। हमारे वैज्ञानिकों के निरंतर प्रयासों की वजह से भारत, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के समीप उतरने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। चंद्रमा पर उतरना, वो भी पूर्व निर्धारित पैरामीटर्स पर पूरी तरह खरा उतरते हुए, अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। तमाम चुनौतियों को पार करते हुए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के समीप उतरना इस भावना का प्रतीक है कि कैसे हमारे वैज्ञानिक ज्ञान की खोज के लिए हर सीमा के पार जाने के लिए तैयार रहते हैं। प्रज्ञान रोवर के द्वारा हमें जो जानकारियों का खजाना मिल रहा है, उससे हमारे ज्ञान में वृद्धि होगी, नई खोज का मार्ग बनेगा और चंद्रमा के रहस्यों को समझने और उसके भी पार जाने में मदद मिलेगी।
कैबिनेट का यह मानना है कि तेजी से बदलते तकनीक और इनोवेशन के दौर में हमारे वैज्ञानिक Knowledge, Dedication और Expertise की मिसाल हैं। उनकी analytical क्षमता, नई खोजों के प्रति उनका कमिटमेंट, देश को साइंस के क्षेत्र में लगातार आगे ले जा रहा है। सबसे बेहतर करने की भावना, निरंतर नई खोज में लगे रहना और चुनौतियों से लड़ने की जीवटता से दुनियाभर में उनका सम्मान बढ़ा है। उनकी सफलताओं ने दूसरों को भी बड़ा सोचने और उसे साकार करने के लिए प्रेरित किया है।
भारत के अंतरिक्ष प्रोग्राम में महिला वैज्ञानिकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। कैबिनेट को गर्व है कि चंद्रयान-3 की सफलता में भी हमारी महिला वैज्ञानिकों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। यह सफलता आने वाले वर्षों में भी हमारी महिला वैज्ञानिकों को प्रेरित करती रहेगी।
कैबिनेट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को इंडियन स्पेस प्रोग्राम के प्रति उनके विजन और लीडरशिप के लिए बधाई देती है। उनके नेतृत्व में इंडियन स्पेस प्रोग्राम पूरी मानवता के कल्याण का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अटूट भरोसे ने हर बार हमारे वैज्ञानिकों को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की प्रेरणा दी है।
पिछले 22 वर्षों के दौरान, पहले गुजरात के मुख्यमंत्री और फिर प्रधानमंत्री के तौर पर उनका सभी मून मिशन्स से भावनात्मक लगाव रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने जब चंद्र मिशन की घोषणा की थी, तब वो गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में काम कर रहे थे। 2008 में जब चंद्रयान-1 का सफल प्रक्षेपण हुआ तो उन्होंने इसरो जाकर वहां के वैज्ञानिकों को बधाई दी। 2019 में जब चंद्रयान-2 मिशन अपने लक्ष्यों तक नहीं पहुंच पाया, तो प्रधानमंत्री जी की ओर से वैज्ञानिकों को दिए गए भावनात्मक संबल ने हमारे वैज्ञानिकों के हौसले को और मजबूत किया। प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा ने हमारे वैज्ञानिकों को चंद्रयान मिशन के लिए नई ऊर्जा दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने हमेशा साइंस और इनोवेशन को प्राथमिकता दी है। पिछले 9 वर्षों में देश में निरंतर ऐसे निर्णय लिए गए हैं, नीतियां बनाई गई हैं जिन्होंने भारत में इनोवेशन और रिसर्च को आसान बनाया है। प्रधानमंत्री जी ने ये सुनिश्चित किया है कि स्पेस सेक्टर में हमारे स्टार्टअप्स और प्राइवेट कंपनियों को नए अवसर मिल सके। प्रधानमंत्री के ही मार्गदर्शन में, जून 2020 में डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस के तहत एक autonomous body के रूप में IN-SPACe की स्थापना की गई थी। इसका उद्देश्य Industry, Academia और Startups का एक ऐसा इकोसिस्टम तैयार करना था, जिससे भारत, ग्लोबल स्पेस इकॉनमी में अपनी हिस्सेदारी और बढ़ा सके। IN-SPACe अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का माध्यम बन चुका है। बेंगलुरू के इसरो सेंटर पर वैज्ञानिकों से बात करते हुए, नेशनल हैकॉथॉन का जो विचार माननीय प्रधानमंत्री जी ने रखा है, उससे भी युवाओं के लिए नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे।
कैबिनेट चंद्रयान मिशन से जुड़े दो महत्वपूर्ण Points का नाम तिरंगा (चंद्रयान-2 के पदचिन्ह जहां पड़े) और ‘शिवशक्ति’ (चंद्रयान-3 जहां उतरा) रखने का भी स्वागत करती है। ये नाम हमारे गौरवशाली इतिहास और आधुनिकता की भावना दोनों के अनुरूप हैं। ये सिर्फ दो नाम नहीं हैं, बल्कि ये हमारी हजारों वर्ष पुरानी विरासत औऱ आज की वैज्ञानिक आकांक्षाओं वाले भारत को एक सूत्र में पिरोती हैं।
चंद्रयान-3 की सफलता प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विजन ‘जय विज्ञान–जय अनुसंधान’ की भी सफलता है। इस सफलता से हमारे स्टार्टअप्स और MSMEs के लिए Space Sector में नए रास्ते खुलने जा रहे हैं। इससे भारत के युवाओं के लिए आगे बढ़ने की असीम संभावनाएं तैयार हुई हैं। आने वाले वक्त में Space Sector नए Inventions का और लाखों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का माध्यम बनेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर वसुधैव कुटुंबकम की भावना को सिद्ध किया है। चंद्रयान-3 की सफलता के बाद मिली जानकारियां, पूरी मानव जाति खासकर ग्लोबल साउथ के लिए बेहद लाभकारी होंगी। भारत में हो रहा विकास, पूरी दुनिया के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करेगा।
कैबिनेट का विश्वास है कि स्पेस सेक्टर में भारत की सफलता सिर्फ एक वैज्ञानिक उपलब्धि से कहीं अधिक है। इसमें हमारी उन्नत सोच, आत्मनिर्भरता और ग्लोबल लीडरशिप के विजन का प्रतिबिंब है। यह उभरते हुये नए भारत (New India) का भी प्रतीक है । हम भारत के नागरिकों का आवाहन करते हैं कि वह इस अवसर का भरपूर लाभ उठाएं, ताकि आने वाले वक्त में सैटेलाइट कम्यूनिकेशन और मौसम विज्ञान से लेकर कृषि और डिजास्टर मैनेजमेंट तक के क्षेत्र में नए अवसर तैयार हो सकें । हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे इनोवेशनंस का जमीन पर सीधा प्रभाव हो, वो हमारे इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाएं, हमारी डिजिटल इकॉनॉमी को सशक्त करें और विभिन्न सेक्टर्स को क्रिटिकल डेटा मुहैया कराएं।
साइंस, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के इस युग में, कैबिनेट, एजुकेशन वर्ल्ड के महानुभावों से अपील करती है, कि वे देश के युवाओं को साइंस से जुड़ने के लिए प्रेरित करें। चंद्रयान-3 की सफलता ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में युवाओं की रुचि को बढ़ाने का हमें एक बहुत बड़ा अवसर दे दिया है। युवा पीढ़ी में स्पेस और साइंस के क्षेत्र में आकर्षण बढ़ने से हमारे देश की उन्नति के नए मौके बनेंगे।
कैबिनेट चंद्रयान मिशन से जुड़े हर व्यक्ति के योगदान की सराहना करती है। चंद्रयान-3 की सफलता इस बात का प्रमाण है कि भारत अपने सामर्थ्य, अपने जज्बे और समर्पण के बल पर कुछ भी हासिल कर सकता है। कैबिनेट को विश्वास है कि चंद्रयान की सफलता के बाद जोश और गर्व से भरे हुए हमारे देश के लोग, मिलकर 2047 तक भारत को विकसित बनाने के संकल्प को जरूर साकार करेंगे।