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2070 तक देश को कार्बन न्यूट्रल बनाने के प्रधानमंत्री के विजन को हासिल करने के लिए निर्माण क्षेत्र में हरित पहल की जाएगी – नितिन गडकरी

 

नई दिल्ली में आज एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश को स्वच्छ और कचरा मुक्त बनाने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि चल रहे स्वच्छता ही सेवा पखवाड़े में राष्ट्रीय राजमार्गों, सड़क किनारे सुविधाओं, ढाबों, टोल प्लाजा सहित 13000 स्थानों पर सफाई अभियान सहित कई कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है और लगभग 7000 स्थानों पर काम पूरा हो चुका है।

गडकरी ने कहा कि दैनिक आधार पर उत्पन्न होने वाले ठोस कचरे का निपटान देश भर के शहरी क्षेत्रों के समक्ष एक प्रमुख पर्यावरणीय चुनौती है। उन्होंने कहा कि लगभग 10000 हेक्टेयर भूमि डंप साइट बन चुकी है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय शहरी ठोस अपशिष्ट का उपयोग राजमार्ग निर्माण में करने के समाधानों पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी और दूरदर्शी नेतृत्व के माध्यम से कचरे से कंचन बनाना संभव है।

देश में वैकल्पिक जैव ईंधन के बारे में चर्चा करते हुए श्री गडकरी ने कहा कि वह इथेनॉल अर्थव्यवस्था बनाने के प्रबल समर्थक रहे हैं और कृषि विकास को 6 प्रतिशत तक बढ़ावा देने के लिए इथेनॉल के बड़े पैमाने पर उपयोग पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य इथेनॉल अर्थव्यवस्था को 2 लाख करोड़ रुपये की बनाना है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में दुनिया के पहले बीएस-6 कॉम्प्लायंट फ्लेक्स फ्यूल स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड वाहन के लॉन्च के साथ फ्लेक्स इंजन 100 प्रतिशत इथेनॉल पर काम करेगा और अर्थव्यवस्था के लिए बचत 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगी। उन्होंने कहा कि पानीपत में आईओसीएल संयंत्र चावल के भूसे जैसे कृषि अपशिष्ट को इथेनॉल और बायोबिटुमेन में परिवर्तित करता है।

गडकरी ने कहा कि जैव-इथेनॉल उत्पादन प्रौद्योगिकियों में प्रगति के साथ, 1 टन चावल से लगभग 400 से 450 लीटर इथेनॉल प्राप्त हो सकता है, जो स्थिरता और ऊर्जा स्वतंत्रता की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है।

गडकरी ने कहा कि 2025 तक भारत में 1 प्रतिशत सतत विमानन ईंधन का उपयोग करना अधिदेशित होगा और भविष्य में भारत में इसे 5 प्रतिशत मिश्रण तक बढ़ाने की संभावित योजना है। उन्होंने कहा कि इंडियन ऑयल पानीपत में 87,000 टन सतत विमानन ईंधन के उत्पादन की क्षमता वाला एक संयंत्र स्थापित कर रही है।

गडकरी ने कहा कि भारत में दूरसंचार क्षेत्र लगभग 6 लाख मोबाइल टावरों का संचालन करता है। परंपरागत रूप से, ये टावर बिजली के लिए डीजल जनरेटर सेट पर निर्भर रहे हैं और एक टावर में सालाना लगभग 8,000 लीटर डीजल की खपत होती है।

उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप कुल मिलाकर 250 करोड़ लीटर डीजल की खपत होती है, जिसकी लागत हर साल लगभग 25,000 करोड़ रुपये है। श्री गडकरी ने कहा कि इन जनरेटर सेटों के लिए ईंधन के रूप में इथेनॉल का मिश्रण डीजल का स्थायी विकल्प प्रदान करता है और बाजार ने पहले ही 100 प्रतिशत इथेनॉल वाला एक जनरेटर सेट विकसित कर लिया है। उन्होंने कहा कि वह जेनसेट उद्योग को आने वाले समय में केवल इथेनॉल आधारित जनरेटर पर काम करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

श्री गडकरी ने कहा कि हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन और सबसे महत्वपूर्ण तरीका है, जिसके माध्यम से भारत ऊर्जा का शुद्ध निर्यातक बन

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हिंद-प्रशांत क्षेत्र के सेना प्रमुखों का सम्मेलन (आईपीएसीसी),

भारतीय और अमेरिकी सेना द्वारा संयुक्त मेज़बानी में आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम, आईपीएसीसी, आईपीएएमएस और एसईएलएफ-2023 का आज नई दिल्ली में समापन हुआ। इस कार्यक्रम में 30 देशों की भागीदारी देखी गई। 18 देशों का प्रतिनिधित्व उनकी सेनाओं के प्रमुखों ने किया और 12 देशों का प्रतिनिधित्व प्रतिनिधिमंडल के प्रमुखों द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम ने प्रतिनिधियों को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ‘शांति और स्थिरता’ को बढ़ावा देने के मुख्य उद्देश्य के साथ-साथ सुरक्षा और आपसी हित के अन्य समसामयिक मुद्दों पर विचार-विमर्श करने और विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर प्रदान किया।

यह आयोजन 25 सितंबर 2023 को अमेरिकी सेना के चीफ ऑफ स्टाफ (सीओएस) जनरल रैंडी जॉर्ज द्वारा भारतीय सेना के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (सीओएएस) जनरल मनोज पांडे से मुलाकात के साथ शुरू हुआ। दोनों प्रमुखों ने आपसी हित के मुद्दों पर चर्चा की साथ ही समसामयिक मुद्दों पर विचार भी साझा किए।

26 सितंबर 2023 को, सभी प्रमुखों और प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुखों ने हमारे शहीद नायकों को श्रद्धांजलि देते हुए राष्ट्रीय समर स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद भारतीय सेना के सीओएएस और अमेरिकी सेना के सीओएस ने एक संयुक्त प्रेस वार्ता की। भारतीय सेना के सीओएएस ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह क्षेत्र न केवल संस्कृतियों, इतिहास, संसाधनों और अवसरों का केंद्र है, बल्कि जटिलताओं और चुनौतियों का रंगमंच भी है। अमेरिकी सेना के सीओएस ने लैंड पावर की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, यह न केवल क्षेत्र की साझा सुरक्षा में योगदान देता है बल्कि संकटों से निपटने में भी निर्णायक शक्ति है।

संयुक्त प्रेस वार्ता के बाद माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। समारोह के दौरान, आईपीएसीसी और आईपीएएमएस के झंडे फहराए गए और इसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के राष्ट्रीय गान गाए गए। भारतीय सेना के सीओएएस और अमेरिकी सेना के सीओएस ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया।

माननीय रक्षा मंत्री ने उद्घाटन भाषण दिया जिसमें उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र की जटिलताओं और अप्रयुक्त क्षमता की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि यह क्षेत्र समृद्ध, सुरक्षित और समावेशी भविष्य के लिए ठोस प्रयासों की मांग करता है। उन्होंने यह भी कहा कि, ‘भारत स्वतंत्र, खुले, समावेशी और नियम-आधारित इंडो-पैसिफिक के समर्थन में खड़ा है।‘ उन्होंने दोहराया, “मित्र देशों के साथ मजबूत सैन्य साझेदारी बनाने के हमारे प्रयास राष्ट्रीय हितों की रक्षा और वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने की हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं।“ माननीय रक्षा मंत्री ने एक स्मारक जर्नल भी जारी किया।

13वें आईपीएसीसी के तहत, “शांति के लिए एक साथ : हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता बरकरार रखना” विषय पर एक प्रमुख गोलमेज सम्मेलन आयोजित किया गया था। गोलमेज सम्मेलन का संचालन लेफ्टिनेंट जनरल राज शुक्ला (सेवानिवृत्त) ने किया। अमेरिकी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल जेवियर टी. ब्रूनसन ने “सहयोग और अंतरसंचालनीयता बढ़ाना” विषय पर व्याख्यान दिया। सिंगापुर से आए मेजर जनरल टैन चेंग क्वे ने “संकट को कम करने में सैन्य कूटनीति की भूमिका” के बारे में बात की। लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रत साहा (सेवानिवृत्त) ने “आधुनिक सेनाओं के लिए आत्मनिर्भरता की अनिवार्यता” विषय पर बात की। सभी प्रमुखों ने इस विषय को दोहराया और क्षेत्र के सभी देशों की भावनाओं को प्रतिबिंबित किया। प्रमुखों और प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुखों ने नियमों पर आधारित विश्व व्यवस्था का पालन करने वाले एक खुले और समावेशी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की आवश्यकता पर स्वतंत्र और स्पष्ट चर्चा की। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इंडो-पैसिफिक में कई स्तरों पर विविधता है और सभी इस क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए सहयोगात्मक प्रयास की दिशा में काम करने पर सहमत हैं।

भारतीय सेना के सीओएएस ने भाग लेने वाले देशों की सेनाओं के प्रमुखों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कीं। उन्होंने जनरल मोरीशिता यासुनोरी (जापान), लेफ्टिनेंट जनरल साइमन स्टुअर्ट (ऑस्ट्रेलिया), लेफ्टिनेंट जनरल म्गुयेन दोआन अन्ह (वियतनाम), लेफ्टिनेंट जनरल पीटर म्बोगो नजीरू (केन्या), प्रसिद्घ प्रबल जनसेवाश्री जनरल प्रभु राम शर्मा (नेपाल) जनरल शेख मोहम्मद शफीउद्दीन अहमद (बांग्लादेश), मेजर जनरल जॉन बोसवेल (न्यूजीलैंड), जनरल सर पैट्रिक सैंडर्स (यूके), लेफ्टिनेंट जनरल माओ सोफान (कंबोडिया), जनरल जंग ह्वान पार्क, कोरिया गणराज्य, जनरल पियरे शिल (फ्रांस) और जनरल दातुक मुहम्मद हाफ़िज़ुद्दीन बिन जंतन (मलेशिया) के साथ व्यापक चर्चा की। सेना के उपप्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिन्द्र कुमार ने ब्राजील, सिंगापुर, मंगोलिया और थाईलैंड के प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुखों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कीं।

47वी  आईपीएएमएस में तीन विषयों पर सत्र आयोजित किये गये। पहला विषय था “हिंद-प्रशांत में सतत शांति और सुरक्षा के लिए साझेदारी”। दूसरा विषय था “अंतरसंचालनीयता बढ़ाने के लिए सहयोग” और अंतिम विषय था “मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) – संकट प्रतिक्रिया के लिए तंत्र का विकास”। मंगोलिया, नेपाल, जापान, ऑस्ट्रेलिया, फिलीपींस, टोंगा, अमेरिका और भारत के वरिष्ठ अधिकारियों ने इन विषयों पर बात की और सभी प्रतिभागियों के साथ अपने विचार साझा किए। चर्चा का संचालन लेफ्टिनेंट जनरल पीएस राजेश्वर (सेवानिवृत्त), लेफ्टिनेंट जनरल सुनील श्रीवास्तव (सेवानिवृत्त) और लेफ्टिनेंट जनरल अरुण कुमार साहनी (सेवानिवृत्त) ने किया। चर्चा के दौरान यह बात सामने आई कि सामूहिक प्रतिक्रियाओं को मजबूत करने के लिए देशों को मिलकर काम करने की जरूरत है। यह सहयोगात्मक प्रयास रातोरात नहीं बनाया गया है और इसलिए आईपीएएमएस ने भविष्य के लिए जुड़ाव, विश्वास और प्रतिबद्धता बनाने के लिए मंच प्रदान किया है।

9वीं एसईएलएफ को तीन सत्रों में “इंडो-पैसिफिक सेनाओं के बीच अंतरसंचालनीयता”, “आधुनिक युद्धक्षेत्र के लिए जूनियर नेतृत्व करताओं को तैयार करना” और “बियोंड द बैरक्स – ऐड्रेसिंग सीनियर एनलिस्टेड लीडर्स कंसर्नस” विषयों पर आयोजित किया गया था। यह एक अनूठा मंच था जहां कार्यात्मक स्तर पर कनिष्ठ नेताओं ने अपने विचारों का आदान-प्रदान किया।

“बियोंड द बैरक्स: सैन्य समुदाय को बढ़ावा देने और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने में भूमिकाएं और चुनौतियां” विषय पर सैन्य कर्मियों के जीवनसाथी के लिए एक विशेष पूर्ण सत्र भी आयोजित किया गया था। सत्र की शुरुआत आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (एडब्ल्यूडब्ल्यूए) की अध्यक्ष श्रीमती अर्चना पांडे और अमेरिकी सेना के सीओएस की पत्नी श्रीमती पैटी जॉर्ज के उद्घाटन भाषण से हुई। दोनों ने राष्ट्रीय समर स्मारक का भी दौरा किया और अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रतिभागियों को भारतीय सैन्य कर्मियों के जीवनसाथियों की उद्यमशीलता की सफलता पर प्रकाश डालते हुए एक एडब्ल्यूडब्ल्यूए प्रदर्शनी भी दिखाई गई। इसके बाद ‘आह्वान’ का दौरा किया गया, जिसमें महिला सशक्तीकरण की दिशा में एडब्ल्यूडब्ल्यूए द्वारा की गई विभिन्न पहलों पर प्रकाश डाला गया।

कार्यक्रम के दौरान आत्मनिर्भर भारत के उपकरण प्रदर्शन ने स्वदेशी रूप से विश्व स्तरीय सैन्य उपकरण बनाने की भारतीय उद्योग की क्षमता का प्रदर्शन किया। प्रदर्शनी में 31 कॉरपोरेट्स ने भाग लिया जिससे प्रतिभागियों के बीच काफी रुचि पैदा हुई। मुख्य आकर्षण ड्रोन, काउंटर-ड्रोन सिस्टम, मॉड्यूलर फायरिंग रेंज, छोटे हथियार, एनएवीआईसी आधारित उपकरण, निगरानी प्रणाली, सुरक्षात्मक गियर, स्व-चालित तोपखाने बंदूकें, सैन्य वाहन आदि थे।

सभी प्रतिभागियों के लिए गांधी स्मृति का दौरा भी आयोजित किया गया। इसके अलावा, भारत की समृद्ध संस्कृति को समर्पित एक शाम का भी आयोजन किया गया। इसमें भारतीय सेना के सिम्फनी बैंड और ‘भारत के रंग’ थीम के तहत भारत की जीवंत परंपराओं और कला को प्रदर्शित करने वाले नृत्य रूपों का प्रदर्शन शामिल था।

27 सितंबर 2023 को मानेकशॉ सेंटर, दिल्ली कैंट में समापन समारोह के साथ एक सर्वव्यापी कार्यक्रम का समापन हुआ। माननीय रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट ने समापन भाषण दिया और सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया। सम्मेलन ध्वजारोहण समारोह के साथ संपन्न हुआ। भारतीय सेना द्वारा आईपीएसीसी और आईपीएएमएस के झंडे अमेरिकी सेना को सौंपे गए।

सैन्य प्रमुखों, प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुखों, वरिष्ठ अधिकारियों, जूनियर लीडर्स और उनके जीवनसाथियों के बीच गहन चर्चा और जुड़ाव ने सेनाओं के बीच संबंध बनाने में मदद की। मंच ने सभी प्रतिभागियों को विशिष्ट वक्ताओं को सुनने और व्यापक विषयों पर आधारित चर्चाओं में भाग लेने का अवसर प्रदान किया। इस कार्यक्रम ने सैन्य सहयोग के लिए एक साझा दृष्टिकोण विकसित करने, सामूहिक जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देने, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने, जलवायु परिवर्तन के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों और समुदायों की सराहना करने, एचएडीआर प्रतिक्रिया के लिए समन्वित दृष्टिकोण, सैन्य आदान-प्रदान प्रयासों को बढ़ाने, रक्षा कूटनीति की प्रगति, हिंद-प्रशांत देशों को प्रभावित करने वाले मुद्दों को संयुक्त रूप से संबोधित करने के लिए खुली और निरंतर बातचीत के महत्व को मजबूत करना जैसे परिणाम प्राप्त किए। सभी भाग लेने वाले देशों ने निमंत्रण के लिए दोनो मेजबानों और गर्मजोशी से किए गए आतिथ्य के लिए भारतीय सेना को धन्यवाद दिया।

 

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एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज में दीनदयाल उपाध्याय जयंती के अवसर पर अंत्योदय दिवस अयोजित

कानपुर 26 सितंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज कानपुर के शिक्षाशास्त्र विभाग में महाविद्यालय की कादोम्बिनी राष्ट्रीय समाज सेवा इकाई द्वारा दिनाँक 25/09/2023 को दीनदयाल उपाध्याय जयंती के अवसर पर अंत्योदय दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ, महाविद्यालय प्राचार्या प्रोफेसर सुमन, मुख्य अनुशासिका कैप्टन ममता अग्रवाल तथा शिक्षाशास्त्र विभाग प्रभारी व NSS यूनिट प्रभारी प्रोफेसर चित्रा सिंह तोमर ने दीनदयाल उपाध्याय जी तथा माँ सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलन और माल्यार्पण कर किया। इस अवसर पर छात्रा प्रिया त्रिपाठी तथा कुमकुम गुप्ता ने दीनदयाल उपाध्याय जी के जीवन को अपने शब्दों में प्रस्तुत किया। कैप्टन ममता अग्रवाल ने दीनदयाल उपाध्याय जी के जीवन पर विस्तृत प्रकाश डाला तथा वैचारिक स्वतंत्रता के महत्व को बताया प्रोफेसर सुमन ने छात्राओं को अधिक से अधिक सहभागिता के लिए प्रेरित किया। अंत में प्रोफेसर चित्रा तोमर ने सभी को धन्यवाद देते हुए कार्यक्रम का समापन किया। इस अवसर पर ऋचा सिंह, डॉ. अनामिका तथा प्रीति यादव उपस्थित रहीं।

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एस. एन.सेन बालिका विद्यालय पी. जी. कॉलेज में छात्रा हितों के लिए नवीन पाठ्यक्रम को रोचक बनाने हेतु पाठयक्रम को प्रतियोगिता में परिवर्तित किया

कानपुर 26 सितंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस. एन.सेन बालिका विद्यालय पी. जी. कॉलेज के वनस्पति विज्ञान संकाय ने छात्रा हितों के लिए नयी शिक्षा नीति में जुड़े नवीन पाठ्यक्रम को रोचक बनाने हेतु पाठयक्रम को प्रतियोगिता में परिवर्तित कर दिया बीएससी तृतीय सेमेस्टर की छात्राओ ने अपने अपने विषय को स्लाइड बनाकर पॉवर पॉइंट प्रेज़ेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत किया ।
कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के प्रबंधतंत्र के सचिव पी के सेन, संयुक्त सचिव शुभ्रो सेन प्राचार्या, प्रोफेसर सुमन तथा वनस्पतिविज्ञान की प्रभारी डॉ प्रीति सिंह ने दीप प्रज्वलित् करके किया एवं छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए किया। मंच का संचालन डॉ समीक्षा सिंह ने किया। कार्यक्रम के निर्णायक मंडल के रूप में उत्तर प्रदेश टेक्सटाइल टेक्निकल इंस्टिट्यूट के रसायन विज्ञान विभागकी एसोसियेट प्रोफ़ेसर डॉ नीलू कंबो तथा छत्रपतिशाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस की असिस्टेंट प्रोफ़ेसर डॉ पुष्पा मामोरिया उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की आयोजक एवं वनस्पति विज्ञान की विभागाध्यक्ष ने ओजोन के मह्त्व को समझाया साथ ही ग्रीन हाउस गैसों से निपटने का एवं पर्यावरण को बचाने का मार्ग दिखाया।
प्रतियोगिता में सभी छात्राओं मे जिज्ञासा एवं उत्साह दिखाई दिया। कार्यक्रम समापन में दोनों निर्णायकों ने अपने प्रेज़ेंटेशन द्वारा अच्छा प्रेजेंटेशन बनाने के गुर सिखाए। अंत में विजयी छात्राओ को पुरस्कार दिये गये जो इस प्रकार रहे .
प्रथम श्रष्टि राजपाल
द्वितीय हनीशा कपूर
तृतीय ख़ुशी सैनीं
सांत्वना शिवांगी झा
१६ सितंबर ओज़ोन दिवस पर आयोजित पोस्टर प्रतियोगिता में विजयी छात्राओ को भी पुरस्कृत किया गया जो इस प्रकार थे …
प्रथम – तूलिका चटर्जीं
द्वितीय-कु लक्ष्मी
तृतीय -कुनेहा गौतम
सांत्वना-कु दीक्षा निगम
अंत में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए वनस्पति विभाग की विभागध्यक्ष डॉ प्रीति सिंह ने छात्राओं का उत्साहवर्धन किया एवं साथ सभी उपस्थित शिक्षिकाओं का धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में जंतु विज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ शिवांगी यादव, डॉ शैल वाजपेयी,वनस्पति विज्ञान की डॉ समीक्षा सिंह ,मुख्य अनुशासक कैप्ट ममता अग्रवाल,प्रो चित्रा सिंह तोमर प्रो मीनाक्षी व्यास सहित महाविद्यालय की अन्य शिक्षका भी उपस्थित रहीं।

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रोजगार मेले में नव-नियुक्त युवाओं को मिला नियुक्ति-पत्र, अभिभूत युवाओं ने प्रधानमंत्री को दिया धन्यवाद

वाराणसी सहित देश के 46 स्थानों पर आयोजित हुआ रोजगार मेलाप्रधानमंत्री ने प्रदान किये  51 हजार से ज्यादा नियुक्ति-पत्र

प्रधानमंत्री मोदी ने 26 सितंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये वाराणसी सहित देश के 46 स्थानों पर आयोजित रोजगार मेले में सरकारी विभागों में नव-नियुक्तों को 51 हजार से अधिक नियुक्ति-पत्र प्रदान किये। इस कड़ी में डाक विभाग के तत्त्वावधान में वाराणसी में बीएचयू स्थित शताब्दी प्रेक्षागृह में रोज़गार मेले का शुभारंभ केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने रोहनिया विधायक डॉ. सुनील पटेल, वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल  कृष्ण कुमार यादव, आईआईटी बीएचयू के रजिस्ट्रार राजन श्रीवास्तव संग दीप प्रज्वलन कर किया। डाक विभाग के साथ-साथ भारतीय खाद्य निगम, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग, शिक्षा विभाग, आईआईटी, केंद्रीय विद्यालय, यूनियन बैंक, बैंक ऑफ़ इण्डिया इत्यादि के नव-नियुक्त युवा अभ्यर्थी यहाँ शामिल हुए, जिन्हें प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित किया। केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने नव नियुक्त अभ्यर्थियों को नियुक्ति-पत्र सौंप कर उनके सुखद भविष्य की कामना की। वाराणसी में समारोह के दौरान 213 नवनियुक्त अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये गए, जिनमें कुल 49 महिला अभ्यर्थी हैं। इनमें केंद्रीय विद्यालयों में प्रधानाचार्य, डाक विभाग में पोस्टल असिस्टेंट, ब्रांच पोस्टमास्टर,असिस्टेंट ब्रांच पोस्टमास्टर, बैंक क्लर्क, एमटीएस, भारतीय खाद्य निगम में असिस्टेंट जैसे तमाम पदों पर चयनित नव नियुक्त अभ्यर्थियों ने प्रधानमंत्री जी का आभार व्यक्त कर अपनी ख़ुशी जाहिर की।

वाराणसी में आयोजित रोज़गार मेले में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि यह रोज़गार मेला माननीय प्रधान मंत्री जी की रोज़गार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने और बेरोजगार युवाओं के लिए आगे रोज़गार सृजन के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करने की प्रतिबद्धता की दिशा में एक कदम है। दिसंबर 2023 तक 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने का प्रधानमंत्री जी का संकल्प पूरा किया जायेगा। यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में देश नित् नई ऊँचाइयाँ छू रहा है और युवाओं को त्वरित गति और पारदर्शिता के साथ रोजगार के तमाम अवसर प्राप्त हो रहे हैं, जिन्हें विभिन्न सरकारी विभागों के माध्यम से राष्ट्र की सेवा करने और राष्ट्रीय विकास में भागीदार बनने का अवसर मिलता है। नारी सशक्तिकरण का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि नारी आज हर क्षेत्र में अपना परचम फहरा रही है। रोज़गार मेला के माध्यम से तमाम महिलाओं को भी नए अवसर मिले हैं।

वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज़ादी के अमृत काल में माननीय प्रधानमंत्री जी की दूरदर्शी सोच और प्रेरणा से इस रोज़गार मेले के अवसर पर प्राप्त होने वाला नियुक्ति पत्र सिर्फ एक कागज या दस्तावेज मात्र नहीं है, बल्कि जीवन भर देश की सेवा करने का संकल्प लेने का एक सुनहरा अवसर है। देश के भविष्य के रूप में लोगों को युवाओं से काफी आशाएं हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये नव-नियुक्तों को देश में चल रहे विकास के महायज्ञ और बड़े परिवर्तनों में सीधी भूमिका का आह्वान करते हुए अगले 25 वर्षों में अपने दायित्वों को पूरा करने के साथ-साथ विकसित भारत के संकल्पों को भी साकार करने पर जोर दिया। केंद्र सरकार की योजनाओं को जमीन पर उतारने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी आप सभी नव-नियुक्त सरकारी कर्मचारियों पर है। जब आप जैसे लाखों युवा सरकारी सेवाओं से जुड़ते हैं तो नीतियों को लागू करने की स्पीड और स्केल भी बढ़ जाती है। इससे सरकार के बाहर भी रोजगार के अवसर तैयार होते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आप सभी को देश की विकास यात्रा में सरकार के साथ सीधे जुड़कर काम करने का अवसर मिला है। मेरा आपसे आग्रह है कि इस यात्रा में आप सीखते रहने की अपनी आदत को बनाए रखिए। ऑनलाइन लर्निंग पोर्टल ‘आईगॉट कर्मयोगी’ के द्वारा आप अपनी पसंद के कोर्सेज से जुड़ सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत की बेटियां स्पेस से स्पोर्ट्स तक नए कीर्तिमान बना रही हैं। मुझे नारी शक्ति की इस सफलता पर बहुत गौरव होता है। सरकार की नीति भी यही है कि नारी शक्ति के लिए नए-नए द्वार खोले जाएं। हम सभी का अनुभव है कि नारी शक्ति ने हमेशा नई ऊर्जा के साथ हर क्षेत्र में बदलाव किया है। पिछले 9 वर्षों में हमारी नीतियों ने बड़े से बड़ा लक्ष्य हासिल करने का रास्ता तैयार किया है। खुद मैं भी प्रगति प्लेटफॉर्म के द्वारा प्रोजेक्ट्स की प्रगति  पर नजर रखता हूं। मुझे खुशी है कि आज आप भी सरकारी कर्मचारियों की टीम इण्डिया का हिस्सा बनने जा रहे हैं। आजादी के अमृतकाल में अगले 25 साल जितने अहम हैं, उतना ही आपका अगले 25 साल का करियर अहम है। आपको टीम वर्क को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी है।

कार्यक्रम के दौरान प्रवर डाक अधीक्षक राजन, डाक अधीक्षक विनय कुमार, हेमंत कुमार, परमानन्द, पीके पाठक, सहायक निदेशक बृजेश शर्मा, आरके चौहान, मारुतनन्दन, प्लाबन नस्कर, दिलीप सिंह, श्रीकांत पाल, दिलीप पांडेय, संतोषी राय सहित विभिन्न केंद्रीय विभागों के अधिकारी-कर्मचारी और जनप्रतिनिधि शामिल हुए।

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हिमालयी क्षेत्र में अभिनव कोल्ड चेन कॉन्क्लेव: एनसीसीडी ने जम्मू-कश्मीर के आर्थिक वृद्धि का मार्ग प्रशस्त किया

सहयोगात्मक प्रयासों के उल्लेखनीय प्रदर्शन में, नेशनल सेंटर फॉर कोल्ड चेन डेवलपमेंट (एनसीसीडी) के नेतृत्व में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने  देश भर में कोल्ड चेन हितधारकों को संवेदनशील बनाने के लिए अपना समर्पित मिशन जारी रखा है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में आयोजित उनके हालिया प्रयास, इंडिया कोल्ड चेन कॉन्क्लेव की शानदार सफलता, उनकी अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

मुख्य सचिव, डॉ. अरुण कुमार मेहता और राज्यपाल के सलाहकार श्री राजीव राय भटनागर सहित लगभग 400 प्रतिनिधियों ने सम्मेलन में भाग लिया। सम्मेलन ने रचनात्मक संवाद और ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया। 20 सितम्बर को आयोजित हुए इस सम्मेलन में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव (बागवानी), श्री प्रिय रंजन; एनसीसीडी के सीओओ, श्री आशीष फोतेदार; बागवानी कश्मीर के निदेशक, श्री गुलाम रसूल; पीएचडीसीसीआई-कश्मीर के अध्यक्ष, एसकेयूएएसटी-के, कुलपति श्री गनई और कई अन्य संबंधित अधिकारी शामिल रहे।

मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता ने इस महत्वपूर्ण सम्मेलन को श्रीनगर में लाने के दृष्टिकोण की सराहना की और उत्पादकों को लाभान्वित करने के लिए घाटी में सीए स्टोर की क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया।

केन्द्रीय संयुक्त सचिव श्री प्रिय रंजन ने हिमालयी क्षेत्र में सतत कोल्ड चेन विकास की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने व्यापक दिशा-निर्देश स्थापित करने और व्यापक अध्ययन, जागरूकता अभियान और क्षमता निर्माण पहलों को निष्पादित करने में हुई प्रगति पर जोर दिया। ये ठोस प्रयास दुनिया में हमारे सामने आने वाली चुनौतियों को देखते हुए महत्वपूर्ण हैं जहां बढ़ती वैश्विक आबादी के कारण संसाधन खतरे में हैं,

जैसा कि हम चुनौतियों से भरे भविष्य के कगार पर खड़े हैं, पर्यावरण संरक्षण के साथ आर्थिक प्रगति को संतुलित करने की अनिवार्यता कभी अधिक स्पष्ट नहीं रही है। सतत विकास की दृष्टि गहराई से गूंजती है, जो प्रगति और हमारे बहुमूल्य पारिस्थितिक तंत्र की सुरक्षा के बीच सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए एक खाका पेश करती है।

तेजी से तकनीकी प्रगति और बढ़ी हुई उपभोक्ता अपेक्षाओं के इस युग में, कोल्ड चेन क्षेत्र एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पर्यावरण के प्रति जागरूक और ऊर्जा-कुशल शीतलन समाधानों के साथ खराब होने वाली वस्तुओं की अखंडता को संरक्षित करना सर्वोपरि हो गया है। जलवायु परिवर्तन की चिंताओं को दूर करने और हमारे पर्यावरण पर पारंपरिक रेफ्रिजरेंट के प्रभाव को कम करने की तात्कालिकता कभी अधिक तीव्र नहीं रही है। केन्द्रीय बागवानी संयुक्त सचिव श्री प्रिय रंजन ने टिकाऊ कोल्ड चेन के महत्व के बारे में बताया। प्रिय रंजन ने  कहा कि कैसे एनसीसीडी ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, जलवायु पर ध्यान केंद्रित करते हुए कोल्ड चेन क्षेत्र के विकास को बढ़ावा दे रहा है।

राज्यपाल के सलाहकार  राजीव राय भटनागर ने इस आयोजन के महत्व को बताया और किसानों, उत्पादकों और सीए उद्यम को पूर्ण समर्थन दिया। एनसीसीडी के सीओओ आशीष फोतेदार ने कोल्ड चेन के विकास में एनसीसीडी द्वारा लगातार किए जा रहे कार्यों के बारे में बताते  हुये कहा कि घाटी में कोल्ड चेन के सतत विकास को पूरा करने के लिए एनसीसीडी द्वारा इस कार्यक्रम को डिजाइन किया गया और श्रीनगर लाया गया था, जिसमें पिछले छह से सात वर्षों में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है।

 

केंद्रीय सचिव ने बागवानी निदेशक, एनसीसीडी के सीओओ के साथ पंपोर में आईआईकेएसटीसी का दौरा किया और किसानों के लाभ के लिए बनाए गए बुनियादी ढांचे को देखा और केसर क्षेत्र के समग्र विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।

संयुक्त सचिव श्री प्रिय रंजन ने एनसीसीडी के सीओओ श्री आशीष फोतेदार, निदेशक बागवानी श्री मीर के साथ आईजीसी-लस्सीपोरा का दौरा किया, जो किसानों के लाभ के लिए उठाए गए परिवर्तनकारी कदमों का गवाह बनने के लिए दक्षिण एशिया में आधुनिक सीए स्टोर का एक प्रमुख केंद्र बन गया है।

मीर के प्रतिनिधित्व वाले बागवानी निदेशालय ने श्री प्रिय रंजन और श्री आशीष फोतेदार के साथ मिलकर 20 सितंबर 2023 को एसकेआईसीसी में संपन्न पहले इंडिया कोल्ड चेन कॉन्क्लेव – हिमालयन चैप्टर में उनके अमूल्य समर्थन के लिए जेकेपीआईसीसीए के प्रति आभार व्यक्त किया। श्री प्रिय रंजन ने घाटी में सतत कोल्ड चेन विकास के लिए उनके सामूहिक दृष्टिकोण की सराहना करते हुए इसे उज्जवल, पर्यावरण-जागरूक भविष्य के लिए आशा की किरण के रूप में देखा।

आशीष फोतेदार ने दोहराया कि एनसीसीडी – एसोसिएशन, कोल्ड चेन मालिकों, उत्पादकों और अन्य हितधारकों को अटूट समर्थन और तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे क्षेत्र में कोल्ड चेन क्षेत्र का निरंतर विकास सुनिश्चित हो सके।

एनसीसीडी के सीओओ ने आश्वासन दिया कि एनसीसीडी जनता के बीच जागरूकता लाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है और इस उद्योग को अधिक ऊर्जा कुशल और जलवायु अनुकूल बनाने के लिए स्थानीय किसानों, उत्पादकों और एनसीसीडी के दृष्टिकोण के लाभों को ध्यान में रखते हुए उचित समय पर इस बारे में निर्णय लिया जाएगा।

जेकेपीआईसीसीए के अध्यक्ष श्री माजिद वफई, श्री इजान जावीद और घाटी के अन्य युवा उद्यमियों ने कश्मीर घाटी में राष्ट्रीय स्तर का सम्मेलन लाने के लिए एनसीसीडी को धन्यवाद दिया। उन्होंने एनसीसीडी द्वारा इस सम्मेलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय वक्ताओं, वित्तीय संस्थानों, ऊर्जा विशेषज्ञों आदि को कश्मीर लाने और सीए स्टोर्स घाटी के विकास को अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर लाने के तरीके की भी सराहना की। जेकेपीआईसीसीए के अध्यक्ष ने स्थानीय किसानों, उत्पादकों, उद्यमों के लाभ के लिए कश्मीर में इस कार्यक्रम को एक वार्षिक कार्यक्रम बनाने का भी अनुरोध किया, जिससे कोल्ड चेन उद्योग पर होने वाले वैश्विक परिवर्तनों तक पहुंच हो। जेकेपीआईसीसीए ने एनसीसीडी से यह भी अनुरोध किया कि जेकेपीआईसीसीए घाटी में सबसे बड़े स्थानीय कोल्ड चेन उद्यम का प्रतिनिधित्व करता है और अगले कार्यक्रम को जेकेपीआईसीसीए द्वारा आयोजित करने की अनुमति दी जानी चाहिए।एनसीसीडी के सीओओ ने आश्वासन दिया कि एनसीसीडी जनता के बीच जागरूकता लाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है और इस उद्योग को अधिक ऊर्जा कुशल और जलवायु अनुकूल बनाने के स्थानीय किसानों, उत्पादकों और एनसीसीडी के दृष्टिकोण के लाभों को ध्यान में रखते हुए उचित समय पर इस बारे में निर्णय लिया जाएगा।

कॉन्क्लेव को प्रमुख भागीदारों से अमूल्य समर्थन मिला, जिसमें बागवानी, BEE और ISHRAE के जेकेपीआईसीसीए निदेशालय शामिल थे, जिनमें से सभी ने कार्यक्रम की शानदार सफलता में योगदान दिया। यह सामूहिक प्रयास भारत में सतत कोल्ड चेन विकास द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका की बढ़ती मान्यता को रेखांकित करता है।

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केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने नई दिल्ली के कर्तव्य पथ से पहली हरित हाइड्रोजन ईंधन सेल बस को हरी झंडी दिखाई

प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को दोहराते हुए कि हरित हाइड्रोजन न केवल हरित नौकरियों के माध्यम से हरित विकास का आधार बनेगा, बल्कि यह स्वच्छ ऊर्जा रूपातंरण की दिशा में दुनिया के लिए एक उदाहरण भी स्थापित करेगा, केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और आवास एवं शहरी मामले मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा “दिल्ली में ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए माननीय प्रधानमंत्री ने विद्युत गतिशीलता, गैस आधारित अर्थव्यवस्था और मिशन मोड पर ग्रीन हाइड्रोजन को ले जाने के माध्यम से ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की घोषणा की।” श्री हरदीप सिंह पुरी ने यह कर्तव्य पथ, नई दिल्ली से पहली हरित हाइड्रोजन ईंधन सेल बस को हरी झंडी दिखाने के अवसर पर संबोधित करते हुए कहा। इस अवसर पर पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री श्री रामेश्वर तेली; पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव श्री पंकज जैन; और इंडियन ऑयल के अध्यक्ष श्री एस एम वैद्य भी उपस्थित थे।

युवा स्कूली बच्चों, अधिकारियों और मीडियाकर्मियों की उपस्थिति में पहली हाइड्रोजन सेल बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना करते हुए, श्री हरदीप सिंह पुरी ने हाइड्रोजन की अवधारणा और इसे भविष्य के लिए ईंधन के रूप में उपयोग करने के लाभों के बारे में बताते हुए कहा, “ईंधन सेल हाइड्रोजन और वायु का उपयोग कर बस को चलाने के लिए बिजली उत्पन्न करता है और बस का एकमात्र उप-उत्पाद पानी है, इसलिए यह डीजल और पेट्रोल पर चलने वाली पारंपरिक बसों की तुलना में संभवतः परिवहन का सबसे पर्यावरण अनुकूल साधन है। तीन गुना ऊर्जा घनत्व और हानिकारक उत्सर्जन की अनुपस्थिति के साथ, हाइड्रोजन ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक स्वच्छ, अधिक कुशल विकल्प के रूप में उभरता है।” श्री पुरी ने कहा कि इसके अतिरिक्त, हाइड्रोजन सेल से संचालित बसों को पूरी तरह से चार्ज होने में कुछ मिनट लगते हैं।

स्वच्छ और हरित ऊर्जा पर सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं के बारे में बोलते हुए, श्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि हाइड्रोजन और जैव-ईंधन जैसे उभरते ईंधन अगले दो दशकों में वैश्विक वृद्धिशील ऊर्जा मांग वृद्धि का 25प्रतिशत  हिस्सा होंगे। उन्होंने कहा, “दुनिया के सबसे बड़े सिंक्रोनस ग्रिडों में से एक के साथ, हमने ‘वन नेशन-वन ग्रिड-वन फ़्रीक्वेंसी’ हासिल की है और जल्द ही हाइड्रोजन के उत्पादन और निर्यात में वैश्विक विजेता होंगे और हरित हाइड्रोजन के केंद्र के रूप में उभरने के लिए तैयार हैं।”

भारत को एक वैश्विक मंच पर ले जाने और यह सुनिश्चित करने में कि यह स्वच्छ प्रौद्योगिकियों के लिए एक वैश्विक केंद्र बन जाए और जल्द ही ऊर्जा में आत्मनिर्भरता हासिल कर पाए पर उद्योग और सरकार के सहयोग की सराहना करते हुए, पेट्रोलियम मंत्री ने कहा “हमें दुनिया के पहले बीएस 6 (स्टेज II) विद्युतीकृत फ्लेक्स फ्यूल वाहन प्रोटोटाइप जिसमें फ्लेक्स फ्यूल इंजन के साथ-साथ एक इलेक्ट्रिक पावरट्रेन भी शामिल है और जो बेहतर ईंधन दक्षता के साथ इथेनॉल का उच्च उपयोग प्रदान करता है, के लॉन्च की जानकारी थी। अब पहली दो हाइड्रोजन सेल बसों को हरी झंडी दिखाने के साथ हमने शुरुआत कर दी है और उम्मीद है कि इस साल के अंत तक ऐसी 15 अन्य बसें दिल्ली एनसीआर की सड़कों पर चलेंगी।”

हरित हाइड्रोजन चालित बसों को देश में शहरी परिवहन के लिए गेम चेंजर के रूप में चिह्नित करते हुए, श्री हरदीप सिंह पुरी ने देश में ईंधन सेल और हाइड्रोजन के बुनियादी ढांचे से संबंधित स्वदेशी समाधानों के विकास के लिए टाटा मोटर्स के साथ इस सहयोगी दृष्टिकोण को अपनाने के लिए इंडियन ऑयल की सराहना की। श्री पुरी ने कहा, “इस परियोजना की सफलता भारत को जीवाश्म ऊर्जा के शुद्ध आयातक से स्वच्छ हाइड्रोजन ऊर्जा के शुद्ध निर्यातक बनने में मदद कर सकती है।”

इस अवसर पर बोलते हुए, श्री रामेश्वर तेली ने कहा, “ग्रीन हाइड्रोजन मिशन, जिसका उद्देश्य भारत में ग्रीन हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करना है, एक विकासात्मक और प्रगतिशील पथ पर है। कार्बन-मुक्त अर्थव्यवस्था में के रूप में परिवर्तित होने में हाइड्रोजन एक प्रमुख खिलाड़ी होगा और जलवायु परिवर्तन को कम करने में मदद करेगा। आज का लॉन्च निश्चित रूप से स्वच्छ और हरित राष्ट्र बनने की भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।”

सभा को संबोधित करते हुए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव श्री पंकज जैन ने कहा कि हम प्रौद्योगिकी और गतिशीलता के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं। उन्होंने जोड़ा, “आज ग्रीन हाइड्रोजन बस को हरी झंडी दिखाना इस बात का प्रतीक है कि गतिशीलता कैसे बदल जाएगी और भारत पारंपरिक ईंधन से कैसे दूर हो जाएगा। हाइड्रोजन के क्षेत्र में इस क्रांतिकारी प्रयास के लिए इंडियन ऑयल को मेरी बधाई।” उन्होंने स्कूली बच्चों को नई हरित प्रौद्योगिकियों के बारे में जिज्ञासु होने और यह जानने के लिए प्रोत्साहित किया कि ये प्रौद्योगिकियां हमें आंतरिक दहन इंजन से कैसे दूर ले जाएंगी।

इससे पहले दिन में, गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए, इंडियन ऑयल के अध्यक्ष श्री एस एम वैद्य ने कहा कि हाइड्रोजन, वर्ष 2070 तक नेट-शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने की भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य में गेम चेंजर बनने के लिए तैयार है। राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के लिए प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण और आज हरित हाइड्रोजन ईंधन सेल बसों को हरी झंडी दिखाना मोबिलिटी क्षेत्र को हरित बनाने के लिए स्थायी समाधान तैयार करने की दिशा में इंडियन ऑयल की दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रमाण है। भारत सरकार और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सक्रिय समर्थन से, यह मील का पत्थर शून्य उत्सर्जन गतिशीलता की दिशा में देश की यात्रा में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है। इस कार्यक्रम के तहत, भारतीय परिचालन स्थितियों के तहत प्रदर्शन डेटा स्थापित करने के लिए दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में निर्दिष्ट मार्गों पर 15 ईंधन सेल बसें चलाई जाएंगी। संपूर्ण मूल्य श्रृंखला की प्रभावकारिता, दक्षता और स्थिरता स्थापित करने के लिए ये 15 बसें कुल 3 लाख किलोमीटर की दूरी तय करेंगी।

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ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने अरुणाचल प्रदेश के तेजू हवाई अड्डे पर नए बुनियादी ढांचे का उद्घाटन किया

नागर विमानन तथा इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आज अरुणाचल प्रदेश में तेजू हवाई अड्डे के नव विकसित बुनियादी ढांचे का उद्घाटन किया।

तेजू हवाई अड्डा तेजू शहर में स्थित एक घरेलू हवाई अड्डा है, जो एकल रनवे के माध्यम से संचालित होता है। यह हवाई अड्डा 212 एकड़ भूमि पर विकसित किया गया है और एटीआर 72 प्रकार के विमानों के संचालन संबंधी दायित्वों को निभाने में सक्षम है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने राज्य सरकार के अनुरोध पर तेजू हवाई अड्डे को शुरू करने हेतु विकास एवं उन्नयन का कार्य किया। कुल 170 करोड़ रुपये की लागत वाले इन कार्यों में रनवे का विस्तार (1500 मीटरx30 मीटर) और, दो एटीआर 72 प्रकार के विमान के लिए नए एप्रन का निर्माण, एक नए टर्मिनल भवन एवं एक फायर स्टेशन सह एटीसी टॉवर का निर्माण शामिल है।

इस अवसर पर, केन्द्रीय नागर विमानन तथा इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री  मोदी के नेतृत्व में देश के उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास को विशेष गति दी गई है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने उत्तर-पूर्व भारत को भारत का ‘हीरा’ बना दिया है, जिसका आशय हाईवे (राजमार्ग), इंटरनेट, रेलवे और विएशन (विमानन) से है। ये वैसे चार प्रमुख घटक हैं, जो इस क्षेत्र के समग्र एवं समावेशी विकास को संभव बना रहे हैं। इसके बाद उन्होंने क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना (आरसीएस)-उड़ान के बारे में बात की। इस योजना से उत्तर-पूर्वी क्षेत्र को काफी लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘उड़ान’ योजना के माध्यम से नागर विमानन क्षेत्र का लोकतांत्रीकरण किया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ‘उड़ान’ के तहत 2.50 लाख से अधिक उड़ानों ने 1.37 करोड़ से अधिक लोगों को यात्रा करने में मदद की है।

उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में नागर विमानन क्षेत्र की स्थिति के बारे में बात की। वर्ष 2014 की स्थिति से तुलना करते हुए, उन्होंने कहा कि 2014 तक अरुणाचल प्रदेश में कोई हवाई अड्डा नहीं था और नौ वर्षों की अवधि में यहां चार नए हवाई अड्डे विकसित और शुरू किए गए हैं। उन्होंने कहा कि तेजू में निर्मित नया टर्मिनल भवन इस क्षेत्र की कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाएगा तथा इस क्षेत्र के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

केन्द्रीय मंत्री ने ‘उड़ान 5.0’ योजना के तहत ईटानगर से तीन सीधे हवाई मार्गों- ईटानगर से दिल्ली, ईटानगर से जोरहाट, और ईटानगर से रूपसी – की भी घोषणा की, जो शीघ्र ही शुरू हो जायेंगे।

तेजू हवाई अड्डे को नागरिक उड्डयन मंत्रालय की आरसीएस उड़ान योजना के तहत 2018 में चालू किया गया था। हवाई अड्डा वर्तमान में एलायंस एयर और फ्लाईबिग एयरलाइन द्वारा नियमित निर्धारित उड़ानों के माध्यम से डिब्रूगढ़, इंफाल और गुवाहाटी से जुड़ा हुआ है।

टर्मिनल भवन की मुख्य विशेषताएं

  • टर्मिनल क्षेत्र: 4000 वर्गमीटर
  • व्यस्त समय में सेवा क्षमता:             300 यात्री
  • चेक-इन काउंटर:       05 + (03 भविष्य में)
  • आगमन कैरसेल 02
  • विमान पार्किंग बे:       02 – एटीआर-72 प्रकार के विमान

स्थायित्व संबंधी विशेषताएं:

• डबल इंसुलेटेड छत प्रणाली

• ऊर्जा के मामले में किफायती एचवीएसी और प्रकाश व्यवस्था

• कम गर्मी बढ़ाने वाली ग्लेजिंग

• ईसीबीसी के अनुरूप उपकरण।

• ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली।

• फ्लशिंग और बागवानी उद्देश्यों के लिए शोधित पानी का पुन: उपयोग।

• वर्षा जल संचयन का टिकाऊ शहरी जल निकासी प्रणाली के साथ एकीकरण

• कुशल जल उपकरणों का उपयोग।

इस परियोजना के लाभ

• अधिक यातायात को संभालने के लिए हवाई अड्डे की क्षमता का विस्तार

• देश के बाकी हिस्सों के साथ उत्तर-पूर्वी क्षेत्र की बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना

• पर्यटन, व्यापार और रोजगार सृजन को बढ़ावा देना

• इस क्षेत्र के बुनियादी ढांचे के विकास और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना

इस कार्यक्रम में अरुणाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री चोउना मीन, अरुणाचल प्रदेश के पर्यटन एवं नागर विमानन मंत्री श्री नाकाप नालो, सांसद (राज्यसभा) श्री नबाम रेबिया, सांसद (लोकसभा)  तापिर गाओ और भारत सरकार के नागर विमान मंत्रालय में सचिव श्री वुमलुनमंग वुअलनाम उपस्थित थे।

तेजू लोहित नदी के तट पर स्थित एक छोटा सा शहर है और यह अरुणाचल प्रदेश के लोहित जिले का मुख्यालय है। यह शहर अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, जहां चारों ओर हरे-भरे जंगल और ऊंची-ऊंची पहाड़ियां हैं।

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गोवा में भारत के पहले प्रकाश स्तंभ महोत्सव का आज शुभारंभ हुआ; प्रमुख पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित किए जाने वाले 75 ऐतिहासिक स्थलों पर विशेष ध्यान

केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग तथा आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने 23 सितंबर 2023 को गोवा के पणजी में ऐतिहासिक किले अगौड़ा में ‘भारतीय प्रकाश स्तंभ उत्सव’ या भारतीय लाइटहाउस महोत्सव के पहले संस्करण का उद्घाटन किया।

इस महोत्सव का उद्देश्य भारत के 75 प्रतिष्ठित प्रकाशस्तंभों के समृद्ध समुद्री इतिहास को पुनर्जीवित करना और दुनिया के सामने उनकी शानदार गाथाओं को सामने लाना है। इस प्रकार के पहले आयोजन के प्रमुख स्थल, फोर्ट अगौड़ा में आयोजित बैठक में गोवा के मुख्यमंत्री श्री प्रमोद सावंत; केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग और पर्यटन राज्य मंत्री,  श्रीपद नाइक और गोवा सरकार के पर्यटन मंत्री श्री रोहन खौंटे ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में राज्य और केंद्र, दोनों सरकारों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विधायक माइकल लोबो भी उपास्थित थे।

श्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा, “इस महोत्सव के शुभारंभ के साथ, हम इन प्रतिष्ठित स्थलों की समृद्ध विरासत को उजागर करने के एकमात्र उद्देश्य के साथ समुद्र तटीय भारत में 75 प्रकाश स्तंभों में सदियों पुराने क्लासिक्स को फिर से जीवंत करने की प्रक्रिया और उन्हें दुनिया के सामने पेश करने के लिए सक्षम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में हमारा देश आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। राष्ट्र निर्माण के इस पवित्र प्रयास में हम प्रतिष्ठित प्रकाश स्तंभों को शैक्षिक, सांस्कृतिक और पर्यटन के प्रमुख केन्द्रों का उत्प्रेरक बनाकर मोदी की परिकल्पना को साकार करने का प्रयास कर रहे हैं। आज, हम अपने दूरदर्शी नेता,  मोदी  की दूरदर्शिता और नेतृत्व के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने हमारे विशिष्ट प्रकाशस्तंभों को मनोरम विरासत पर्यटन स्थलों में बदलने का समर्थन किया है। बहुत लंबे समय तक, अंधेरी रातों के बीच सैकड़ों नाविकों और जहाजों को आशा की रोशनी प्रदान करते समय समुद्र तटों के मूक प्रहरी को नजरअंदाज कर दिया गया था। “प्रकाश स्तंभ उत्सव” इसे बदलने का हमारा प्रयास है। इन ऐतिहासिक प्रकाशस्तंभों ने हमारे देश के इतिहास में जो महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, उसके बारे में आप सभी को सूचित करनाउससे जोड़ना और शिक्षित करना हमारा मिशन है।

 

भारत सरकार के पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय का लक्ष्य ऐतिहासिक स्थलों को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थलों में विकसित करने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी मार्ग के लिए आधार तैयार करने के लिए भारतीय प्रकाश स्तंभ महोत्सव का लाभ प्राप्त करना है। प्रकाश स्तंभ और लाइटशिप महानिदेशालय ने पहले ही 75 ऐसे प्रकाश स्तंभों की पहचान कर ली है और यह उत्सव हमारी समुद्री विरासत का जश्न मनाने और संरक्षित करने की सरकार की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है।

केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री महोदय ने कहा, “प्रकाश स्तंभ महोत्सव” एक शानदार उत्सव है जो समय और सुंदरता के माध्यम से एक मनोरम यात्रा होने का वादा करता है। यह एक ऐसी यात्रा है जो हमारे समुद्री इतिहास के छिपे हुए रत्नों को उजागर करेगी और हमारे ऐतिहासिक प्रकाश स्तंभों की अनकही गाथाओं को उजागर करेगी। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने परिवर्तन के लिए सुधार की पहल के एक हिस्से के रूप में, भारत में पोत परिवहन क्षेत्र में सहायता के विकास, रखरखाव और प्रबंधन के लिए एक रूपरेखा प्रदान करने के लिए लाइटहाउस अधिनियम, 1927 को निरस्त करके समुद्री परिवहन के लिए समुद्री सहायता अधिनियम, 2021 लागू किया। इसके अंतर्गत हमने विरासत प्रकाश स्तंभ की नई अवधारणा प्रस्तुत की, जिसमें केंद्र सरकार अपने नियंत्रण में समुद्री परिवहन के लिए किसी भी सहायता को विरासत प्रकाश स्तंभ के रूप में नामांकित कर सकती है। समुद्री परिवहन में सहायता के रूप में उनके कार्य के अलावा, ऐसे प्रकाशस्तंभों को शैक्षिक, सांस्कृतिक और पर्यटक उद्देश्यों के लिए विकसित किया जाएगा। यह महोत्सव सिर्फ ज्ञान का नहीं है; यह मूल्यों और अवसरों को पैदा करने के बारे में है। महोत्सव से अलग, हमारी परिकल्पना प्रकाशस्तंभों को पर्यटन स्थलों के रूप में बढ़ावा देना, इन ऐतिहासिक संरचनाओं पुनर्जीवन प्रदान करना और स्थानीय समुदायों और व्यवसायों के लिए अवसर पैदा करना है।”

दिन भर चले कार्यक्रम के दौरान, ‘हमारे तटों के अग्ररक्षक: भारत के अतीत और वर्तमान के प्रमाण के रूप में प्रकाशस्तंभ’ शीर्षक से एक सत्र आयोजित किया गया था, जिसे शासन, नीतियां और राजनीति संस्थान की पहल, भारत प्रवाह द्वारा आयोजित किया गया था, जहां प्रसिद्ध इतिहासकार और पुरातत्वविद् जो राखीगढ़ी के रूप में ख्याति प्राप्त प्रो. वसंत शिंदे ने भारत के समुद्री इतिहास में प्रकाशस्तंभों के ऐतिहासिक महत्व के बारे में बात की। डॉ. सुनील गुप्ता, समुद्री पुरातत्वविद् और नई दिल्ली के प्रधानमंत्री संग्रहालय में ओएसडी; और गोवा राज्य संग्रहालय के निदेशक डॉ. वासु उस्पाकर ने भी सत्र में अपने विचार रखे। पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने प्रकाश स्तंभ विरासत पर्यटन विकास के प्रति मंत्रालय के दृष्टिकोण और इस चरण में 75 प्रकाश स्तंभों में निवेश के अवसरों के बारे में एक केस प्रस्तुत किया।

भारत के पहले प्रकाश स्तंभ महोत्सव का मुख्य आकर्षण सांस्कृतिक प्रदर्शनी सत्र, समुद्री इतिहास और संस्कृति पर प्रकाश और ध्वनि शो, ख्याति प्राप्त गायकों के साथ मधुर शामें, समुद्र तटों के  जायको और सामुदायिक सहभागिता हैं।

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कानपुर विद्या मंदिर महिला महाविद्यालय में “छात्राएं NEP 2020 में अच्छे अंक कैसे प्राप्त करें” विषय पर संगोष्ठी श्रृंखला आयोजित

कानपुर 25 सितंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, कानपुर विद्या मंदिर महिला महाविद्यालय ,स्वरूप नगर के समाजशास्त्र विभाग द्वारा एक संगोष्ठी श्रृंखला का शुभारंभ किया गया। जिसका विषय *” छात्राएं NEP 2020 में अच्छे अंक कैसे प्राप्त करें “* हैं। जिसमे महाविद्यालय की अधिकतम अंक प्राप्त करने वाली छात्रा निधि मुख्य वक्ता रहीं। जिन्होंने अपनी जूनियर छात्राओं बताया कि किस प्रकार से उन्होंने परीक्षा में अधिकतम अंक प्राप्त किए तथा अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए सफल योजना को विस्तारपूर्वक बताया। जिसका उपयोग करके कोई भी छात्रा अच्छे अंक प्राप्त कर सकती हैं। छात्राएं इस संगोष्ठी श्रृंखला के आयोजन से बहुत प्रसन्न और उत्साहित हैं। समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ पूर्णिमा शुक्ला ने बताया कि यह श्रृंखला 4 सप्ताह तक प्रत्येक सोमवार को आयोजित की जाएगी। जिससे छात्राओं को अच्छे अंक प्राप्त करने की प्रेरणा प्राप्त होगी।

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