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आरईसी लिमिटेड जम्मू और कश्मीर के किश्तवाड़ में किरू जल विद्युत परियोजना के लिए सावधि ऋण के रूप में ₹1,869 करोड़ प्रदान करेगी

विद्युत मंत्रालय के अधीन केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र की महारत्न कंपनी और अग्रणी एनबीएफसी- आरईसी लिमिटेड ने चिनाब घाटी विद्युत परियोजना प्राइवेट लिमिटेड (सीवीपीपीपीएल) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत आरईसी, सीवीपीपीएल को सावधि ऋण (टर्म लोन) के रूप में 1,869.265 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। इस ऋण का उपयोग जम्मू और कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर ग्रीनफील्ड 4×156 मेगावाट किरू जल विद्युत परियोजना के विकास, निर्माण और परिचालन के लिए किया जाएगा।

624 मेगावाट क्षमता की किरू जलविद्युत परियोजना एक रन-ऑफ-रिवर योजना है। इसमें 135 मीटर ऊंचाई के बांध और 156 मेगावाट की 4 इकाइयों के साथ एक भूमिगत पावर हाउस के निर्माण की परिकल्पना की गई है।

इस अवसर पर सीवीपीपीपीएल के प्रबंध निदेशक श्री रमेश मुखिया, महाप्रबंधक (सीएंडपी) श्री वसंत हुरमाडे व महाप्रबंधक (वित्त) श्री संजय कुमार गुप्ता और आरईसी लिमिटेड के उप महाप्रबंधक श्री प्रमोद कुमार सोनी व उप महाप्रबंधक श्री ऋषभ जैन उपस्थित थे।

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सीवीपीपीएल के बारे में

सीवीपीपीपीएल, एनएचपीसी (51 फीसदी) और जेकेएसपीडीसी (49 फीसदी) के बीच एक संयुक्त उद्यम कंपनी है। यह भारत सरकार व जम्मू और कश्मीर सरकार की एक संयुक्त पहल है। इसकी स्थापना साल 2011 में चिनाब नदी की विशाल जलविद्युत क्षमता का उपयोग करने के लिए किया गया। सीवीपीपीएल को किरू जल विद्युत परियोजना (624 मेगावाट), पकल दुल जल विद्युत परियोजना (1000 मेगावाट), क्वार जल विद्युत परियोजना (540 मेगावाट) और किरथाई-II जल विद्युत परियोजना (930 मेगावाट) के निर्माण, स्वामित्व, संचालन और रख-रखाव (बीओओएम) के आधार पर काम सौंपा गया है। इन परियोजनाओं की कुल स्थापित क्षमता 3094 मेगावाट की है।

आरईसी लिमिटेड के बारे में

आरईसी विद्युत मंत्रालय के तहत ‘महारत्न’ केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का एक उद्यम है। यह आरबीआई के अधीन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) और अवसंरचना वित्तपोषण कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। आरईसी उत्पादन, पारेषण (ट्रांसमिशन), वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और नई प्रौद्योगिकियों सहित संपूर्ण विद्युत-बुनियादी ढांचा क्षेत्र का वित्तपोषण कर रहा है। नई प्रौद्योगिकियों में इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी भंडारण, पंप भंडारण परियोजनाएं, हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया परियोजनाएं शामिल हैं। हाल ही में आरईसी ने गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी अपने कदम रखे हैं। इनमें सड़क और एक्सप्रेस-वे, मेट्रो रेल, हवाईअड्डा, आईटी संचार, सामाजिक और व्यावसायिक अवसंरचना (शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल), पत्तन और इस्पात व तेल शोधन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में इलेक्ट्रो-मैकेनिक (ईएंडएम) कार्य शामिल हैं।

आरईसी लिमिटेड देश में बुनियादी ढांचा परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्य, केंद्र और निजी कंपनियों को विभिन्न परिपक्वता अवधि के ऋण प्रदान करती है। यह विद्युत क्षेत्र के लिए सरकार की प्रमुख योजनाओं में महत्वपूर्ण रणनीतिक भूमिका निभा रही है। इसके अलावा यह प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई), राष्ट्रीय विद्युत निधि (एनईएफ) योजना के लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करती है। इसके परिणामस्वरूप देश के सुदूर क्षेत्र तक विद्युत वितरण प्रणाली को मजबूत किया गया और 100 फीसदी गांवों का विद्युतीकरण व घरेलू विद्युतीकरण किया गया। इसके अलावा आरईसी को पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) को लेकर कुछ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए नोडल एजेंसी भी बनाया गया है। 31 दिसंबर, 2023 तक आरईसी की ऋण पुस्तिका (लोन बुक) 4.97 लाख करोड़ रुपये होने के साथ नेटवर्थ 64,787 करोड़ रुपये है।

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एफटीआईआई के छात्र की फिल्म “सनफ्लॉवर्स वर फर्स्ट वन्स टू नो” 77वें कान्स फिल्म फेस्टिवल में चुनी गई

भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्‍थान (एफटीआईआई) के छात्र चिदानंद नाइक की फिल्म “सनफ्लॉवर्स वर फर्स्ट वन्स टू नो” को फ्रांस के 77वें कान्स फिल्म फेस्टिवल के ‘ला सिनेफ’ प्रतिस्पर्धी खंड में चुना गया है। इस फेस्टिवल का आयोजन 15 से 24 मई 2024 तक होने जा रहा है। ‘ला सिनेफ’ इस फेस्टिवल का एक आधिकारिक खंड है, जिसका उद्देश्य नई प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करना और दुनिया भर के फिल्म स्कूलों की फिल्मों की पहचान करना है।

यह फिल्म दुनिया भर के फिल्म स्कूलों द्वारा प्रस्तुत कुल 2,263 फिल्मों में से चुनी गई 18 शॉर्ट फिल्‍मों (14 लाइव-एक्शन और 4 एनिमेटेड फिल्मों) में से एक है। यह कान्स के ‘ला सिनेफ’ खंड में चुनी गई एकमात्र भारतीय फिल्म है। 23 मई को बुनुएल थिएटर में जूरी सम्मानित फिल्मों की स्क्रीनिंग से पहले एक समारोह में ला सिनेफ पुरस्कार प्रदान करेगी।

“सनफ्लॉवर्स वर फर्स्ट वन्स टू नो” एक बुजुर्ग महिला की कहानी है जो गांव का मुर्गा चुरा लेती है, जिससे समुदाय में अव्‍यवस्‍था फैल जाती है। मुर्गे को वापस लाने के लिए एक भविष्यवाणी लागू की जाती है, जिसमें बूढ़ी महिला के परिवार को निर्वासन में भेज दिया जाता है।

यह पहला अवसर है जब 1-वर्षीय टेलीविजन पाठ्यक्रम के किसी छात्र की फिल्म को प्रतिष्ठित कान्स फिल्म फेस्टिवल में चुना गया है।

एफटीआईआई की अनूठी अध्‍यापन कला तथा सिनेमा और टेलीविजन के क्षेत्र में शिक्षा के लिए अभ्यास आधारित सह-शिक्षण दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करने के परिणामस्वरूप संस्थान के छात्रों और इसके पूर्व छात्रों ने पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में सराहना बटोरी है।

एफटीआईआई की यह फिल्म टीवी विंग एक वर्षीय कार्यक्रम का निर्माण है, जहां विभिन्न विषयों यानी निर्देशन, इलेक्ट्रॉनिक सिनेमैटोग्राफी, संपादन, साउंड के चार छात्रों ने वर्षांत समन्वित अभ्यास के रूप में एक परियोजना पर एक साथ काम किया। फिल्म का निर्देशन चिदानंद एस नाइक ने किया है, फिल्मांकन सूरज ठाकुर ने किया है, संपादन मनोज वी ने किया है और साउंड अभिषेक कदम ने दी है।

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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने बीआईएस के उच्चतम खतरा स्तर 6 से सुरक्षा के लिए सबसे हल्का बुलेट प्रूफ जैकेट विकसित किया

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के कानपुर स्थित रक्षा सामग्री और भंडार अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (डीएमएसआरडीई) ने 7.62 x 54 आर एपीआई (बीआईएस 17051 का स्तर 6) गोला-बारूद से सुरक्षा के लिए देश में सबसे हल्का बुलेट प्रूफ जैकेट सफलतापूर्वक विकसित किया है। हाल ही में चंडीगढ़ की टर्मिनल बैलिस्टिक अनुसंधान प्रयोगशाला में बीआईएस 17051-2018 के अनुसार इस बुलेट प्रूफ जैकेट का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था। यह जैकेट नए डिजाइन दृष्टिकोण पर आधारित है, जहां पर नवीन प्रक्रियाओं के साथ ही नई तरह की सामग्री का इस्तेमाल भी किया गया है। इस जैकेट का फ्रंट हार्ड आर्मर पैनल (एचएपी) आईसीडब्ल्यू (इन-कंजंक्शन विद) और स्टैंडअलोन डिजाइन दोनों 7.62 x 54 आर एपीआई (स्नाइपर राउंड) की कई गोलियों (06 शॉट्स) को निष्क्रिय कर देता है। श्रम-दक्षता की दृष्टि से प्रभावी रूप से तैयार किया गया फ्रंट एचएपी पॉलिमर बैकिंग के साथ मोनोलिथिक सिरेमिक प्लेट से बना है, जो किसी भी अस्त्र-शस्त्र के साथ होने वाली कार्रवाई के दौरान पहनने की क्षमता तथा सहूलियत को बढ़ा देता है। आईसीडब्ल्यू हार्ड आर्मर पैनल (एचएपी) और स्टैंडअलोन एचएपी का क्षेत्रफल घनत्व क्रमशः 40 किलोग्राम/मीटर2 तथा 43 किलोग्राम/मीटर2 से कम है।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के अध्यक्ष ने उच्चतम स्तर के खतरे से सुरक्षा के लिए इस सबसे हल्के बुलेट प्रूफ जैकेट के सफल विकास के लिए रक्षा सामग्री और भंडार अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान को बधाई दी है।

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अतुल दीक्षित 

सम्पादक मुद्रक प्रकाशक 

दैनिक भारतीय स्वरूप (उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, महाराष्ट्र से प्रकाशित)

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लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण में 12 राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों में 1351 उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे

लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण में 12 राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों के 1351 उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे। इसमें मध्य प्रदेश के 29-बैतूल (अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित) संसदीय क्षेत्र में स्थगित चुनाव के लिए लड़ रहे 8 उम्मीदवार शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, गुजरात के सूरत संसदीय क्षेत्र से एक उम्मीदवार को निर्विरोध चुना गया है। सभी 12 राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों के लिए नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 22 अप्रैल, 2024 थी।

लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण के मतदान के लिए 12 राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों के 95 संसदीय क्षेत्रों (29-बैतूल सहित) के लिए कुल 2963 नामांकन दाखिल किए गए। सभी 12 राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 19 अप्रैल 2024 थी। दाखिल सभी नामांकनों की जांच के बाद 1563 नामांकन वैध पाए गए।

तीसरे चरण में, गुजरात में 26 संसदीय क्षेत्रों से अधिकतम 658 नामांकन दाखिल किए गए थे, इसके बाद महाराष्ट्र में 11 संसदीय क्षेत्रों से 519 नामांकन थे। महाराष्ट्र में 40-उस्मानाबाद संसदीय क्षेत्र में अधिकतम 77 नामांकन प्राप्त हुए, इसके बाद छत्तीसगढ़ में 5-बिलासपुर संसदीय क्षेत्र में 68 नामांकन प्राप्त हुए।

लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण के लिए राज्य/केन्‍द्र शासित प्रदेशवार विवरण:

राज्‍य/केन्‍द्र शासित प्रदेश तीसरे चरण में निर्वाचन क्षेत्रों की संख्‍या प्राप्‍त नामांकन जांच के बाद वैध नामांकन नाम वापस लेने के बाद,चुनाव लड़ रहे उम्‍मीदवार
असम 4 126 52 47
बिहार 5 141 54 54
छत्तीसगढ़ 7 319 187 168
दादरा और नगर हवेली तथा

दमन और दीव

2 28 13 12
गोवा 2 33 16 16
गुजरात 26 658 328 266
जम्‍मू और कश्‍मीर 1 28 21 20
कर्नाटक 14 503 272 227
मध्‍य प्रदेश 9 236 140 127
महाराष्‍ट्र 11 519 317 258
उत्‍तर प्रदेश 10 271 104 100
पश्चिम बंगाल 4 101 59 57
कुल 95 2963 1563 1352

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मनोरंजन के अपने डेली डोज़ के लिए तैयार हो जाइए… डीडी फ्री डिश पर ज़ी लेकर आ रहा है एक नया मूवी चैनल ज़ी अनमोल सिनेमा 2

भारतीय स्वरूप संवाददाता एंटरटेनमेंट, एंटरटेनमेंट, एंटरटेनमेंट – अपनी रोजमर्रा की भागदौड़ और व्यस्त ज़िंदगी के तनाव से छुटकारा पाने के लिए सबकी बस यही एक जरूरत होती है। ऐसे में डीडी फ्री डिश पर अलग-अलग कार्यक्रमों की बेतहाशा मांग को पूरा करने के लिए एक नया हिंदी मूवी चैनल ज़ी अनमोल सिनेमा 2 आ रहा है। ज़ी के व्यापक लाइनअप में यह बिल्कुल नया चैनल 26 अप्रैल से डीडी फ्री डिश चैनल नंबर 73 पर उपलब्ध होगा।

ज़ी अनमोल सिनेमा 2 को 15-30 साल की उम्र के दर्शकों को आकर्षित करने के लिहाज से तैयार किया गया है। युवा दर्शकों की बढ़ती रुचि और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए, यह चैनल साउथ की डब और हिंदी फिल्मों का एक जोरदार मिश्रण पेश करता है, जो दर्शकों को दोनों फिल्म उद्योगों के मनोरंजन से जोड़े रखेगा। जहाँ युवा ग्रामीण दर्शकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए कोई दूसरा हिंदी फिल्म चैनल नहीं है वहीं ज़ी अनमोल सिनेमा 2 ने इस बात का खास ख्याल रखा है। इस चैनल का लक्ष्य दर्शकों के साथ व्यक्तिगत रूप से जुड़कर, ‘नए भारत का नया साथी’ के रूप में एक खास पहचान बनाकर इस कमी को पूरा करना है।

ज़ी हिंदी मूवीज़ क्लस्टर के बिज़नेस हेड – श्री रुचिर तिवारी ने कहा, “ज़ी अनमोल सिनेमा 2 हमारे लाखों भारतीय दर्शकों की अलग-अलग पसंद को ध्यान में रखते हुए मनोरंजन प्रदान करने की हमारी अटूट प्रतिबद्धता की एक मिसाल है। यह चैनल युवा दर्शकों के नजरिए और उनके जज़्बातों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। हम जो कुछ भी करते हैं, उसके जरिए हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि दर्शक कभी मनोरंजन के अपने डेली डोज़ से अछूते ना रहें।”
300 से ज्यादा फिल्म टाइटल्स के व्यापक संग्रह के साथ, इस चैनल का लक्ष्य देश भर में लाखों डीडी फ्री डिश दर्शकों के लिए टेलीविजन देखने के अनुभव को बेहतर बनाना है।
26 अप्रैल से ज़ी अनमोल सिनेमा 2 देखिए और अपने घरों के सुकून भरे माहौल में मनोरंजन की दुनिया में खो जाइए।

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एस एन सेन महाविद्यालय में आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (AI )मशीन लर्निंग (ML )इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स अर्थात् (आई ओ टी) ,हार्डवेयर बोर्ड्स ,सेंसर , एप्लीकेशन प्रोटोकॉल पर व्याख्यान आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता एस एन सेन ब वि पी जी कॉलेज में चल रही आठ दिवसीय व्याख्यान माला के तीसरे दिन दलहन अनुसंधान संस्थान के डॉ मनमोहन देव का व्याख्यान हुआ ।
व्याख्यान का शुभारंभ माँ सरस्वती के वंदन और माल्यार्पण के साथ हुआ । डॉ देव , प्रो सुमन , प्रो गार्गी यादव ,डॉ प्रीति सिंह ने दीप प्रज्वलित किया
डॉ मनमोहन देव का व्याख्यान मुख्यतः आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (AI )मशीन लर्निंग (ML )इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स अर्थात् (आई ओ टी) ,हार्डवेयर बोर्ड्स ,सेंसर , एप्लीकेशन प्रोटोकॉल ,पीथन, ज्यूपिटर नोटबुक, कूगर आदि के बारे में जानकारी दी ।आज ९ बिलियन आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस डिवाइस हैं पर ये इतनी तेज़ी से बढ़ रहा है कि २०२५ तक १९ बिलियन होने की संभावना है।सुपरवाइज्ड लर्निंग और अनसुपर्विज़्ड लर्निंग में क्या अंतर है। किस प्रकार डीआईएस फोरकास्ट और वेदर फोरकास्ट होता है ।कोई भी सेंसर अल्ट्रासोनिक वेव के सिद्धांत पर कैसे काम करता है।ड्रोन और कृषि में उसका उपयोग , प्रधानमंत्री जी की योजना महिला किसान ड्रोन निधि और डिजिटल स्काई की जानकारी दी साथ ही ड्रोन ख़रीदने के लिए सरकार की नियमावली भी बतायी।नयी नयी जानकारी पाकर छात्राओ की ख़ुशी देखते ही बनती थी। व्याख्यान में डा शैल बाजपेयी , डॉ शिवंगी यादव ,डॉ अमित सिंह ,डॉ रश्मि गुप्ता तथा श्री अवधेश मुख्य रूप से उपस्थित रहे ।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज में अनुसंधान परियोजना निर्माण पर कार्यशाला आयोजित

भारतीय स्वरुप संवाददाता क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर के राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा 22 से 24 अप्रैल 2024 तक रिसर्च प्रोजेक्ट मेकिंग पर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य सामाजिक विज्ञान के स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों को सामाजिक विज्ञान की जटिलताओं से परिचित कराना था। एक अच्छा शोध प्रोजेक्ट बनाना एक विज्ञान भी है और कला भी। व्याख्यान में अनुसंधान समस्या की पहचान से लेकर सही अनुसंधान पद्धति चुनने से लेकर डेटा संग्रह, डेटा विश्लेषण और रिपोर्ट लेखन तक शामिल थे। राजनीति विज्ञान और समाजशास्त्र विभाग से प्रोफेसर आशुतोष सक्सेना, प्रोफेसर विभा दीक्षित और डॉ. अर्चना वर्मा पहले दो दिनों के लिए मुख्य संसाधन व्यक्ति थे।
प्रसिद्ध सामाजिक वैज्ञानिक और आईआईटी कानपुर में समाजशास्त्र के पूर्व प्रोफेसर, ए के शर्मा द्वारा ‘अंडरस्टैंडिंग रिसर्च प्रोजेक्ट्स’ विषय पर विशेष व्याख्यान दिया गया। उन्होंने एक अच्छा शोध प्रोजेक्ट बनाने के विभिन्न आयामों और दृष्टिकोणों पर चर्चा की। उन्होंने एक अच्छा शोध करने में उपयोग की जाने वाली विभिन्न विधियों के बारे में विस्तार से बताया। उनका मुख्य जोर पूरी शोध प्रक्रिया को सीधा, तथ्यात्मक और सरल बनाने पर था। अनुसंधान में नैतिकता और साहित्यिक चोरी से बचना आवश्यक है।
सेमिनार का उद्घाटन कॉलेज के प्राचार्य एवं सचिव प्रोफेसर जोसेफ डेनियल ने किया. समाजशास्त्र विभाग की सुश्री साक्षी यादव और उनकी स्वयंसेवकों की टीम ने कार्यशाला का आयोजन बहुत सुचारू रूप से किया। कार्यशाला में क्राइस्ट चर्च कॉलेज और अन्य कॉलेजों के यूजी और पीजी छात्रों, अनुसंधान विद्वानों और संकाय सदस्यों के साथ-साथ सामाजिक विज्ञान के विभिन्न विषयों ने भी भाग लिया।

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राष्ट्रपति ने आज राष्ट्रपति भवन में आयोजित नागरिक अलंकरण समारोह में 3 पद्म विभूषण, 8 पद्म भूषण और 55 पद्म श्री पुरस्कार प्रदान किए

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित नागरिक अलंकरण समारोह-I में 3 पद्म विभूषण, 8 पद्म भूषण और 55 पद्म श्री पुरस्कार प्रदान किए।

इस अवसर पर उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला, केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह सहित भारत सरकार के अनेक मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अलंकरण समारोह के बाद केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह और अन्य केन्द्रीय मंत्रियों ने पद्म पुरस्कार विजेताओं के साथ गृह मंत्री द्वारा उनके आवास पर दिए गए रात्रि भोज के दौरान संवाद किया।

पद्म पुरस्कार विजेता कल सुबह (23 अप्रैल, 2024) राष्ट्रीय समर स्मारक (National War Memorial) पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। वे राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री संग्रहालय का भी भ्रमण करेंगे।

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संघ लोक सेवा आयोग ने संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा (II), 2023 का अंतिम परिणाम घोषित किया

संघ लोक सेवा आयोग ने संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा (II), 2023 के अंतिम परिणाम घोषित कर दिए हैं। 197 अभ्यर्थियों (143 + 39 + 15) की योग्यता के क्रम में सूची तैयार की गई है। इस सूची में उन अभ्यर्थियों के नाम शामिल हैं जिन्होंने संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा (II), सितंबर, 2023 की लिखित परीक्षा उत्तीर्ण की है और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून, भारतीय नौसेना अकादमी, एझिमाला, केरल और वायु सेना अकादमी, हैदराबाद (प्री-फ्लाईंग)यानी नंबर 216 एफ (पी) पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए रक्षा मंत्रालय के सेवा चयन बोर्ड (एसएसबी) द्वारा आयोजित साक्षात्कार में सफलता प्राप्त की है।

2. विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए तीन सूचियों में कुछ सामान्य उम्मीदवार मौजूद हैं।

3. भारतीय सैन्य अकादमी के लिए सरकार द्वारा सूचित रिक्तियों की संख्या 100 है, इनमें  राष्ट्रीय कैडेट कोर-एनसीसी ‘सी’ प्रमाणपत्र (सेना विंग) धारकों के लिए आरक्षित 13 रिक्तियां शामिल हैं। भारतीय नौसेना अकादमी, एझिमाला, केरल कार्यकारी शाखा (सामान्य सेवा)/हाइड्रो के लिए 32 [राष्ट्रीय कैडेट कोर-एनसीसी ‘सी’ सर्टिफिकेट (एनसीसी स्पेशल एंट्री के माध्यम से नेवल विंग) धारकों के लिए 06 रिक्तियों सहित] 32 रिक्तियाँ और वायु सेना अकादमी, हैदराबाद के लिए [03 रिक्तियां राष्ट्रीय कैडेट कोर-एनसीसी स्पेशल एंट्री के माध्यम से राष्ट्रीय कैडेट कोर-एनसीसी ‘सी’ सर्टिफिकेट (एयर विंग) धारकों के लिए आरक्षित हैं।

4. आयोग ने भारतीय सैन्य अकादमी, भारतीय नौसेना अकादमी और वायु सेना अकादमी में प्रवेश के लिए लिखित परीक्षा में क्रमशः 2675, 0970 और 0622 को योग्य मानने की सिफारिश की थी। सेना मुख्यालय द्वारा आयोजित एसएसबी परीक्षण के बाद अंतिम रूप से उत्तीर्ण होने वाले उम्मीदवारों की संख्या है।

5. इन सूचियों को तैयार करने में मेडिकल जांच के नतीजों को ध्यान में नहीं रखा गया है.

6. इन अभ्यर्थियों की जन्म तिथि और शैक्षिक योग्यता के सत्यापन की प्रक्रिया अभी जारी है। इसलिए इन सभी अभ्यर्थियों की उम्मीदवारी इस आधार पर अनंतिम है। उम्मीदवारों से अनुरोध है कि वे अपने द्वारा दावा की गई जन्मतिथि/शैक्षणिक योग्यता आदि के समर्थन में अपने मूल प्रमाण पत्र, उनकी फोटोस्टेट सत्यापित प्रतियों के साथ अपनी पहली पसंद के अनुसार सेना मुख्यालय/नौसेना मुख्यालय/वायु मुख्यालय को अग्रेषित करें।

7. यदि पते में कोई परिवर्तन होता है, तो अभ्यर्थियों को परामर्श दिया जाता है कि वे संबंधित मुख्यालय को तुरंत सूचित करें।

8. परीक्षा के परिणाम संघ लोक सेवा आयोग की वेबसाइट (http://www.upsc.gov.in) पर उपलब्ध हैं।  हालांकि, संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा (II), 2023 के लिए अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (ओटीए) के अंतिम परिणाम की घोषणा के बाद अभ्यर्थियों के अंक वेबसाइट पर उपलब्ध होंगे।

9- अभ्यर्थी किसी भी अधिक जानकारी के लिए आयोग के कार्यालय के गेट ‘सी’ के पास सुविधा काउंटर से या तो व्यक्तिगत रूप से या टेलीफोन नंबर 011- 23385271/011-23381125/011-23098543 पर किसी भी कार्य दिवस पर प्रात: 10:00 बजे से 17:00 बजे के बीच संपर्क कर सकते हैं।

पूरा रिजल्ट देखने के लिए यहां क्लिक करें.

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वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने वित्तीय प्रबंधन के लिए नया स्वनिर्मित ‘अकाउंट मैनेजर सॉफ्टवेयर’ अमल में लाना शुरू किया

वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने वित्तीय प्रबंधन के लिए स्वनिर्मित ‘अकाउंट मैनेजर सॉफ्टवेयर’ को सफलतापूर्वक अमल में लाकर देश के अन्य सभी केंद्रीय स्वायत्त संस्थानों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया है।

सीएसआईआर ने 1 अप्रैल 2024 को, 30 जून की सामान्य वित्तीय नियम (जीएफआर) की समय सीमा से काफी पहले, वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अपना वार्षिक लेखा-जोखा तैयार कर लिया था। वित्तीय वर्ष 2023-24 का वार्षिक लेखा-जोखा पहले ही सीएजी कार्यालय में दाखिल किया जा चुका है।

इस्तेमाल में आसानी के लिए डिज़ाइन किए गए सहज इंटरफ़ेस के साथ, इस सॉफ़्टवेयर के उपयोगकर्ता बहुत सरलता से वित्तीय डेटा को इनपुट, ट्रैक और नियंत्रित कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, यह व्यापक वित्तीय रिपोर्ट, बैलेंस शीट, आय व व्यय के विवरण और अन्य प्रासंगिक विश्लेषण तैयार करता है, जो सीएसआईआर को सुविचारित निर्णय लेने के लिए कार्रवाई योग्य अंतर्दृष्टि के साथ सशक्त बनाता है। यह सॉफ्टवेयर भूमिका-आधारित पहुंच के जरिए से डेटा सुरक्षा को सुनिश्चित करता है।

इस सीएसआईआर सॉफ्टवेयर की सबसे महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक इसकी वास्तविक समय की निगरानी क्षमता है, जो उपयोगकर्ताओं को वास्तविक समय में वित्तीय गतिविधियों की निगरानी करने की अनुमति देती है। यह समय पर हस्तक्षेप करने और बेहतर निर्णय लेने में सक्षम बनाता है।

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लेखा-परीक्षणपर्यावरण एवं वैज्ञानिक विभागसी एंड एजीनई दिल्ली की महानिदेशक सुश्री गुरवीन सिद्धू को बैलेंस शीट की हस्ताक्षरित प्रति प्रदान की

यह सॉफ्टवेयर अद्वितीय दक्षता के साथ सीएसआईआर के भीतर वित्तीय लेनदेन, लेखांकन और रिपोर्टिंग को सुव्यवस्थित और प्रबंधित करने में मदद करता है। यह वित्तीय डेटा के प्रबंधन को बहुत आसान बनाता है और हर प्रक्रिया में पारदर्शिता व सटीकता को सुनिश्चित करता है। वित्तीय कार्यप्रणालियों को मानकीकृत करके, दक्षता में सुधार करके और सीएसआईआर प्रयोगशालाओं में बेहतर वित्तीय नियंत्रण को सक्षम करके, इस सॉफ्टवेयर ने वित्तीय प्रबंधन का एक नया युग प्रारंभ किया है, जो अपने सभी कर्मचारियों, पेंशनभोगियों, पारिवारिक पेंशनभोगियों और परियोजना कर्मचारियों के एक जटिल नेटवर्क को संभालता है।

एएमएस सॉफ्टवेयर को एक इन-हाउस टीम द्वारा विकसित किया गया था। इस टीम में सीनियर डिप्टी एफए श्री एस.पी. सिंह, एफएओ श्री अरविंद खन्ना और तकनीकी अधिकारी सुश्री आकांक्षा त्रेहन थीं। इसे डॉ. एन. कलैसेल्वी, महानिदेशक, सीएसआईआर/सचिव, डीएसआईआर के मार्गदर्शन और श्री चेतन प्रकाश जैन, संयुक्त सचिव एवं वित्तीय सलाहकार, सीएसआईआर/डीएसआईआर के नेतृत्व में सीएसआईआर मुख्यालय और देश भर में फैली इसकी 37 राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं में अमल में लाया गया है।

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