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कानपुर

कन्या जन्म उत्सव कार्यक्रम डफरिन अस्पताल में आयोजित

कानपुर 7 फ़रवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत जिला प्रोबेशन अधिकारी के निर्देशानुसार महिला कल्याण विभाग कानपुर नगर द्वारा कन्या जन्म उत्सव कार्यक्रम डफरिन अस्पताल में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के दौरान आज जन्मी बच्चियों को महिला आयोग के सदस्य पूनम कपूर एवं रंजना शुक्ला जी के द्वारा बेबी किट का वितरण करने के साथ-साथ केक काट कर बच्चों के जन्म पर हर्षोल्लास जताया गया। साथ ही बच्चियों के उज्जवल भविष्य की कामना भी की गई। इस पूरे कार्यक्रम के दौरान डॉक्टर सीमा श्रीवास्तव सोशल वर्कर मोनिका सविता एवं कविता दीक्षित, वंदना सोलंकी ,हरि शंकर जी के द्वारा सहयोग प्रदान किया गया जिला प्रोबेशन अधिकारी श्री जयदीप सिंह जी द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना एवं कन्या सुमंगला योजना के विषय में विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। उन्होंने बताया इस तरह के कार्यक्रम से बच्चों को सशक्त बनाने पर सरकार की मंशा के अनुरूप कार्य किया जा रहा है। और आगे भी समय-समय पर महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित विशेष कार्यक्रमों का आयोजन विभाग द्वारा संचालित किया जाता रहेगा। इस कार्यक्रम का संचालन महिला शक्ति केंद्र कानपुर नगर की टीम के द्वारा किया गया।

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जिलाधिकारी द्वारा नगर निगम के डी0पी0एस0 ग्राउण्ड में प्रस्तावित फूटसल कोर्ट के विकास के संबंध में स्थलीय निरीक्षण

जिलाधिकारी विशाख जी द्वारा आज दिनांक 6 फरवरी 2023 को नवाबंगज क्षेत्र स्थित नगर निगम के डी0पी0एस0 ग्राउण्ड में प्रस्तावित फूटसल कोर्ट के विकास के संबंध में स्थलीय निरीक्षण किया गया। फुटसल खेल फीफा द्वारा मान्यता प्राप्त इनडोर फुटबॉल का रूप है (यह शब्द स्पेनिश फुटबॉल सालाश् का संकुचन है)। यह दो टीमों के बीच खेला जाता है, जिनमें से प्रत्येक टीम के पास किसी भी समय पिच पर पांच खिलाड़ी होते हैं, जिसमें रोलिंग विकल्प और सॉकर की तुलना में एक छोटी गेंद होती है, जो कठिन और कम उछाल वाली होती है। जिलाधिकारी द्वारा प्रस्तावित नगर निगम मैदान का निरीक्षण कर निम्न निर्देश दिए गए:-

फुटसल कोर्ट के विकास हेतु मानचित्र को देखा गया तथा फुटसल कोर्ट को आधुनिक बनाये जाने के उद्देश्य से कोर्ट की लंबाई/चैड़ाई एवं अन्य व्यवस्थाओं के प्रतिस्थापन के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए।
ऽ फुटसल कोर्ट हेतु लाइट व उसकी ऊॅचाई तथा ओरिएटेशन का विशेष ध्यान दिए जाने तथा कोर्ट के दोनो तरफ सिंगल हाई मास्ट लाइट लगाये जाने के निर्देश दिए गए ताकि प्रकाश में किसी प्रकार बाधा उत्पन्न न हो।
ऽ प्रस्तावित कोर्ट में दर्शकों हेतु एलीवेटेड स्थल को भी चयनित किया जाये।
निरीक्षण के दौरान नगर आयुक्त शिवशरणप्पा जी0एन0, मयंक यादव जोनल अधिकारी, दिवाकर भास्कर जोनल अभियन्ता, डा0 वी0के0 सिंह उद्यान अधिकारी, जोनल स्वच्छता अधिकारी व अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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जिले में हो रहे इन्वेस्टर समिट और कानपुर देहात महोत्सव में देश के पीएम और यूपी के सीएम की नही है जरूरत*

 

*जिले में हो रहे इन्वेस्टर समिट और कानपुर देहात महोत्सव में देश के पीएम और यूपी के सीएम की नही है जरूरत*

*इन्वेस्टर समिट कार्यक्रम और कानपुर देहात महोत्सव के सैकड़ो पोस्टरों से पीएम और सीएम की फोटो नदारद,*

*पीएम और सीएम की फोटो न होने से यूपी की राज्यमंत्री दिखी नाराज,*

*राज्यमंत्री ने डीएम की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए मामले की घोर निंदा की है,*

*डीएम पर लगाया पीएम और सीएम की छवि धूमिल करने का आरोप – राज्यमंत्री*

*पीएम की महत्वकांक्षी योजना और सीएम के मंसूबों पर पानी फेरने का आरोप – राज्यमंत्री*

*जिले में करोड़ो के चंदा से शुरू इन्वेस्टर्स समिट और कानपुर देहात महोत्सव,*

*डीएम की तानाशाही और मनमानी की तस्वीर आई सामने,*

*डीएम ने देश के पीएम और यूपी के सीएम की फोटो को पोस्टरों पर लगाना नही समझा आवश्यक,*

*मामले पर डीएम ने कुछ भी बोलने से किया इनकार,*

*देश के पीएम और यूपी के सीएम की फोटो के बिना इन्वेस्टर समिट एव कानपुर देहात महोत्सव का कार्यक्रम हुआ शुरू,*

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बजट 2023-24 पर आप प्रवक्ता का बयान

भारत सरकार द्धारा पेश किया बजट 2023-24 पर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता चंदेल का बयान:-
बजट 2023-24 आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ प्रवक्ता अरुण सिंह चंदेल ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्धारा पेश किए गए बजट पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बजट केवल एक धोखा है, इसमें देश की जनता को कहीं से कोई भी लाभ नहीं मिला रहा है, लगता है कि पूर्ण रूप से पूंजीपतियों को समर्पित है, गंभीर बात है और यह बजट एक चिंता का विषय भी है।
इस बजट में जो पहले वायदे किये थे बजट में नहीं है, दो करोड़ को रोजगार देने का जो वादा किया गया था वह भी इस बजट में नहीं है। देश का सैनिक जो -20 डिग्री में रहकर देश की रक्षा करते है और अपने प्राण हाथ में लिए सीमा पर डटे रहते है, उसके फायदे के लिए भी इस बजट में कोई घोषणा नहीं की गई है। 50 एयरपोर्ट बनाने जो वादा किया गया था वह कहाँ उड़न छू हो गया। कोविड-19 झेल चूका भारत यह उम्मीद करता था कि जनता को चिकित्सीय लाभ मिलेगा लेकिन बजट में ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई। खास बात है कि रक्षाक्षेत्र, मनरेगा या खेल जगत में किसी भी तरह की बड़ी घोषणा नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि देश की जनता की मूलभूत आवश्यकताओं में जो खाने-पीने के पदार्थ हैं उनमें दूध, दही, छाछ, आटा, दाल, चावल, गेहूं, जीवन रक्षक दवाओं जैसी जरूरी सामग्री पर किसी प्रकार की कोई छूट नहीं दी गई है तो आखिर यह बजट किस वर्ग के लिए बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य का बजट घटा दिया गया है जो अतयंत दुर्भाग्यपूर्ण है और सरकार की मंशा पर प्रश्नचिन्ह लगाता है ? किसानो की आत्मा को भी नहीं सुना और क़र्ज़दार बनाने के लिए 20 लाख करोड़ तक ऋण, 20 लाख क्रेडिट कार्ड (ऋण) का गाजर लटका दिया। कोई मूलभूत छूट या सुविधा नहीं दी। ऐसा न हो कि क़र्ज़ लेकर और फिर सरकारी चक्कर में फस कर आत्महत्या की तरफ न अग्रसर हो जाये किसान।

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फर्जी छात्र संख्या के बूते 10 टीचरों की लाखों सैलरी उठा रहा ये मदरसा

*फर्जी छात्र संख्या के बूते 10 टीचरों की लाखों सैलरी उठा रहा ये मदरसा!*

कानपुर 3 फरवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, संबंधित सरकारी विभागों के ‘सहयोग’ के कारण नई सड़क स्थित मदरसा एहसानुल मदारिस कदीम के भ्रष्टाचार की महिमा अपरम्पार है। इस मदरसे में प्रबंधकों की धांधली का आलम ये है कि स्टूडेंट्स तो कुल पौने दो सौ, यानि पूरे 175 भी भर्ती नहीं हैं, लेकिन मुदर्रिसों या टीचरों की संख्या 10 है। हर एक टीचर की सरकारी सेलरी कम से कम 50 से 60 हजार रूपये है। यानि सरकार मदरसा एहसानुल मदारिस कदीम के 10 टीचरों के लिये ही हर महीने 5 से 6 लाख रूपये वेतन पर खर्च कर रही है। ऊपर से दो-दो चपरासी और प्रिंसिपल हैं। परिषदीय और बोर्ड विद्यालयों की तरह मदरसों में भी 35 से 40 बच्चों पर एक टीचर रखे जाने का प्रावधान है। इस हिसाब से तो मदरसे में कम से कम 400 छात्र होने ही चाहिये। ऐसा नहीं होने पर सरकार को मदरसे पर फिजूल खर्च बंद करने के लिये यहां शिक्षकों के 10 से घटाकर केवल 4 कर देने चाहिये। या कम से कम आधे पद खत्म कर देने चाहिये। लेकिन सूत्रों के अनुसार हो ये रहा है कि मदरसा प्रबंधक मुमताज अहमद सिद्धीकी लगातार कई सालों से अपने शिक्षक पद पूरे 10 बनाये रखने को कागजों पर फर्जी छात्र संख्या दिखा रहे हैं। यानि मदरसा एहसानुल मदारिस कदीम में बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा करके सरकारी धन लूटा जा रहा है। पुष्ट सूत्रों के अनुसार मदरसे में फर्जी छात्र संख्या के अलावा टीचरों की भी फर्जी अटेंडेंस लगती है। 10 में से अधिकतम 4 या 5 शिक्षक ही किसी एक समय पर मदरसे में आते हैं। बाकी की जगह 4 से 6 हजार रूपये में स्थानीय मुदर्रिस बुलाये जाते हैं। जानकारों के अनुसार फर्जीवाड़ा हो पा रहा है जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की जानबूझकर की जा रही अनदेखी से, क्योंकि इंस्पेक्शन करके वेतन का और पद सृजन या समाप्ति आदि का अनुमोदन यही कार्यालय करता है।

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दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज में संगोष्ठी के साथ सड़क सुरक्षा अभियान का समापन

कानपुर 3 फरवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई, दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज, कानपुर में सड़क सुरक्षा अभियान का समापन आज संगोष्ठी के साथ हुआ। एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही ने बताया कि महाविद्यालय में इन सभी कार्यक्रमों हेतु एक सड़क सुरक्षा क्लब बनाया गया। जिसके तत्वाधान में विगत नवंबर, 2022 से निरंतर अनेक गतिविधियां की गई हैं। जिनमें निबंध लेखन, भाषण प्रतियोगिता, पोस्टर प्रेजेंटेशन, सड़क सुरक्षा जागरूकता रैली, मानव श्रृंखला, लोगों को चौराहों पर सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करते हुए यातायात के नियमों की जानकारी देना व उनके पालन के महत्व के बारे में अवगत कराना, सड़क सुरक्षा शपथ एवम् संगोष्ठी आदि प्रमुख है। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय प्राचार्या प्रो अर्चना वर्मा जी ने तथा संचालन डॉ संगीता सिरोही ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ एनएसएस लक्ष्य गीत “उठे समाज के लिए उठें, उठें” से हुआ। तदुप्रांत प्राचार्या जी ने अपने उद्बोधन में सड़क सुरक्षा जागरूकता से संबंधित विभिन्न आंकड़ों और संदर्भों जैसे कल ही कानपुर में फतेहपुर से आ रही श्रद्धालुओं की ट्रॉली पलटने से हुई भीषण दुर्घटना आदि के माध्यम से छात्राओं को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक रहने व समाज में इसके बारे में प्रचार-प्रसार करने का आह्वान करते हुए कहा कि आप सभी सड़क दुर्घटना में घायलों की मदद अवश्य करें ताकि समय से लोगों की जान बचाई जा सके। कार्यक्रम को सफल बनाने में वनस्पति विज्ञान विज्ञान विभाग से असि. प्रो. डॉ पारुल, अर्थशास्त्र विभाग से असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ साधना सिंह, भूगोल विभाग से असि प्रो डॉ श्वेता, गृह विज्ञान विभाग से लैब असिस्टेंट कु. अनुराधा तथा एनएसएस लिपिक आकांक्षा अस्थाना आदि की सक्रिय भूमिका रही। इस अवसर पर सभी छात्राओं ने उत्साह पूर्वक भाग लिया

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भारत का अनाज उत्पादन 2021-22 में रिकॉर्ड 315.7 मिलियन टन तक पहुंचा

केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज 31 जनवरी, 2023 को संसद में ‘आर्थिक समीक्षा 2022-23’ पेश करते हुए बताया कि जलवायु परिवर्तन संबंधी चुनौतियों के बावजूद 2021-22 में भारत में कुल अनाज उत्पादन रिकॉर्ड 315.7 मिलियन टन तक पहुंच गया। इसके अलावा प्रथम अग्रिम अनुमान 2022-23 (केवल खरीद) के अनुसार देश में कुल अनाज उत्पादन का अनुमान 149.9 मिलियन टन है जो पिछले पांच वर्षों (2016-17 से 2020-21) के औसत खरीद अनाज उत्पादन से बहुत अधिक है। दालों का उत्पादन भी पिछले पांच वर्षों के औसत 23.8 मिलियन टन से बहुत अधिक रहा है।

बागवानी के एकीकृत विकास के लिए मिशन

आर्थिक समीक्षा में बागवानी को एक उच्च पैदावार वाला क्षेत्र एवं आय के उच्च स्रोत और किसानों के लिए बेहतर साधन के रूप में वर्णन किया है। तीसरे अगिम अनुमान (2021-22) के अनुसार, 28.0 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में 342.3 मिलियन टन का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ। सरकार ने 55 बागवानी समूहों की पहचान की है, जिनमें से 12 को क्लस्टर विकास कार्यक्रम (सीडीपी) के प्रारंभिक चरण के लिए चुना गया है। यह कार्यक्रम बागवानी समूहों की भौगोलिक विशेषज्ञता का लाभ उठाने और संपूर्ण आपूर्ति श्रृंखला सहित पूर्व-उत्पादन, उत्पादन और कटाई के बाद की गतिविधियों के एकीकृत और बाजार-आधारित विकास को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया है।

पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन

भारतीय कृषि के सबंद्ध क्षेत्र-पशुधन, वानिकी और लॉगिंग और मछली पकड़ने और जलीय कृषि धीरे-धीरे तेजी से विकास के क्षेत्र बन रहे हैं और ये बेहतर कृषि आय के संभावित स्रोत हैं।

पशुधन क्षेत्र 2014-15 से 2020-21 (स्थिर कीमतों पर) के दौरान 7.9 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़ा और 2014-15 में कुल कृषि जीवीए (स्थिर कीमतों पर) में इसका योगदान 24.3 प्रतिशत से बढ़कर 2020-21 में 30.1 प्रतिशत हो गया है। इसी तरह, 2016-17 से मत्स्य पालन क्षेत्र की वार्षिक औसत वृद्धि दर लगभग 7 प्रतिशत रही है और कुल कृषि जीवीए में इसकी हिस्सेदारी लगभग 6.7 प्रतिशत है। डेयरी क्षेत्र पशुधन क्षेत्र का सबसे महत्वपूर्ण घटक है, जो सीधे तौर पर आठ करोड़ से अधिक किसानों को रोजगार देता है और सबसे प्रमुख कृषि उत्पाद है। अन्य पशुधन उत्पाद, जैसे अंडे मांस का महत्व भी बढ़ रहा है। जबकि दुनिया में दूध उत्पादन में भारत पहले स्थान पर है, दुनिया में अंडे के उत्पादन में तीसरे और मांस उत्पादन में आठवें स्थान पर है।

संबद्ध क्षेत्रों के महत्व को समझते हुए, सरकार ने बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और पशुधन उत्पादकता और रोग नियंत्रण में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण हस्तक्षेप किए हैं। वर्ष 2020 में आत्मनिर्भर भारत (एएनबी) प्रोत्साहन पैकेज के एक भाग के रूप में, 2020 में 15,000 करोड़ रुपये का पशुपालन अवसंरचना विकास कोष (एएचआईडीएफ) प्रारंभ किया था। कुल 3,731.4 करोड़ की लागत वाली 116 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। जबकि राष्ट्रीय पशुधन मिशन को नस्ल सुधार और उद्यमिता विकास पर जोर देता है। पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण योजना को आर्थिक और जूनोटिक महत्व को पशु रोगों को रोकने और नियंत्रित करने के लिए लागू किया जा रहा है।

भारत सरकार ने 20,050 करोड़ के कुल परिव्यय वाली प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना की शुरूआत की। भारत में मत्स्य पालन क्षेत्र में प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना अब तक का सर्वाधिक निवेश है जिसे वित्त वर्ष 2021 से वित्त वर्ष 2025 तक पांच वर्षों में लागू किया जा रहा है ताकि मछुवारों, मत्स्य किसानों और मत्स्य श्रमिकों के सामाजिक-आर्थिक विकास को सुनिश्चित करते हुए मत्स्य पालन क्षेत्र के सतत और उत्तरदायी विकास किया जा सके। मत्स्य पालन एवं जलीय कृषि अवसंरचना विकास कोष के तहत 17 अक्टूबर, 2022 तक 4,923.9 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है और मछली पकड़ने और संबद्ध गतिविधियों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के माध्यम से 9.4 लाख से अधिक लोगों को लाभान्वित किया गया है।

खाद्य सुरक्षा

आर्थिक समीक्षा में उल्लेख किया गया है कि भारत में खाद्य प्रबंधन कार्यक्रम में किसानों से लाभकारी कीमतों पर खाद्यान्न की खरीद, उपभोक्ताओं को खाद्यान्न का वितरण, विशेष रूप से समाज के कमजोर वर्गों, सस्ती कीमतों पर और खाद्य सुरक्षा और मूल्य स्थिरता के लिए खाद्य बफर स्टॉक का रखरखाव शामिल है। ऐतिहासिक फैसले द्वारा, सरकार ने 1 जनवरी, 2023 से एक वर्ष के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के अधीन लगभग 81.4 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त खाद्यान्न देने का फैसला किया है। गरीबों के वित्तीय बोझ दूर करने के लिए सरकार इस अवधि में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत खाद्य सब्सिडी पर 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च करेगी। खरीफ विपणन सीजन (केएमएस) 2021-22 के दौरान 532.7 एलएमटी के अनुमानित लक्ष्य के मुकाबले 581.7 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) चावल की खरीद की गई। चालू वर्ष खरीफ विपणन सीजन (केएमएस) 2022-23 में 31 दिसंबर 2022 तक कुल 355 लाख मीट्रिक टन चावल की खरीद की गई है।

कोविड-19 महामारी के कारण हुए आर्थिक व्यवधान के चलते गरीबों को होने वाली कठिनाइयों को कम करने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत सरकार ने राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों को 1118 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न आवंटित किया है। भोजन तक पहुंचने की प्रक्रिया को और आसान बनाने के लिए सरकार ने 2019 में एक नागरिक-केन्द्रित और प्रौद्योगिकी-संचालित योजना शुरू की। जिसे वन नेशन वन राशन कार्ड (ओएनओआरसी) कहा गया। वन नेशन वन राशन कार्ड प्रणाली राशन कार्डों की अंतर-राज्यीय और अंतर-राज्य सुवाह्यता को सक्षम बनाती है। वर्तमान में सभी 36 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेश राष्ट्रीय/अंतर/राज्यीय पोर्टेबिलिटी सक्षम है, जिसमें कुल एनएफएसए आबादी को शत-प्रतिशत शामिल किया गया है।

मोटा अनाज का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मार्च, 2021 के दौरान अपने 75वें सत्र में 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष (आईवाईएम) घोषित किया। मोटा अनाज उच्च पोषण मूल्य वाला स्मार्ट भोजन है, जो जलवायु के अनुकूल है, और संयुक्त राष्ट्र के कई सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजीएस) के अनुरूप है। आजीविका सृजित करने, किसानों की आय बढ़ाने और पूरी दुनिया में खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपनी विशाल क्षमता के कारण इनका अत्यधिक महत्व है। भारत बाजरा का 50.9 मिलियन टन (चौथे अग्रिम अनुमान के अनुसार) से अधिक मोटा अनाज का उत्पादन करता है जो एशिया के 80 प्रतिशत और वैश्विक उत्पादन का 20 प्रतिशत है। वैश्विक औसत उपज 1229 किग्रा/हेक्टेयर है, जबकि भारत में उच्च औसत उपज 1239 किग्रा/हेक्टेयर है। भारत में मोटा अनाज मुख्य रूप से खरीफ की फसल है जो ज्यादातर वर्षा आधारित परिस्थितियों में उगाई जाती है जिसमें अन्य मुख्य स्टेपल की तुलना में कम पानी और कृषि आदानों की आवश्यकता होती है।

मोटे अनाज के पोषण मूल्य को देखते हुए सरकार ने अप्रैल 2018 में मोटे अनाज को पोषक-अनाज के रूप में अधिसूचित किया। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएमएस) के तहत बाजरा प्रदान करने के लिए पेश किया गया है। पोषण संबंधी सहायता के लिए मोटा अनाज को शामिल किया। 2018-19 से 14 राज्यों के 212 जिलों में न्यूट्री-अनाज पर सब-मिशन क्रियान्वित किया गया है।

भारत में मोटा अनाज मूल्य वर्धित श्रृंखला में 500 से अधिक स्टार्ट-अप्स काम कर रहे है। उद्योग और कृषि के बीच मजबूत संबंधों और अंत-क्रियाओं को बढ़ावा देने के कारण खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र का भारत के विकास में अत्यधिक महत्व है। वित्तीय वर्ष 21 को समाप्त पिछले पांच वर्षों के दौरान, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग क्षेत्र लगभग 8.3 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ रहा है। 2021-22 के दौरान प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात सहित कृषि-खाद्य निर्यात का मूल्य, भारत के कुल निर्यात का लगभग 10.9 प्रतिशत था।

इस क्षेत्र की प्रचुर क्षमता को पहचानते हुए सरकार देश में खाद्य प्रसंस्करण के विकास के उद्देश्य से विभिन्न हस्तक्षेपों में सबसे आगे रही है। खाद्य प्रसंस्करण उद्यो मंत्रालय, प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना (पीएमकेएसवाई) की घटक योजनाओं के माध्यम से खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र समग्र विकास और विकास के लिए वित्तीय सहायता देता है। पीएमकेएसवाई के तहत 31 दिसंबर, 2022 तक 677 परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं। 31 दिसंबर, 2022 तक 1402.6 करोड़ रुपये के 15,095 ऋण संस्वीकृत किए गए। यह योजना साझा सेवाओं और विपणन उत्पादों का उपयोग करके इनपुट की खरीद में बड़े पैमाने पर लाभ उठाने के लिए एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) के दृष्टिकोण को अपनाती है। अब तक 35 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में ओडीओपी के तहत 137 विशिष्ट उत्पादों वाले 713 जिलों को मंजूरी दी गई है। मार्च, 2022 में शुरू किए गए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआईएसएफपीआई) को वैश्विक खाद्य चैंपियन हेतु निवेश को प्रोत्साहित करने का विशिष्ट माध्यम है। सहायता के लिए उच्च विकास क्षमता वाले क्षेत्र जैसे समुद्री उत्पाद, प्रसंस्कृत फल और सब्जियां, और ‘रेडी टू ईट/रेडी टू कुक’ उत्पाद को शामिल किया गया है।

कृषि अवसरंचना निधि (ओआईएफ)

कृषि अवसंरचना निधि एक वित्त पोषण सुविधा है जो वर्ष 2020-21 से 2032-33 तक की फसल कटाई के बाद के प्रबंधन के बुनियादी ढांचे और सामुदायिक कृषि संपत्तियों के निर्माण के लिए 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान और क्रेडिट गारंटी समर्थन सहित लाभों के साथ चल रही है। इसके तहत 2020-21 से 2025-26 की अवधि के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है और वर्ष 2032-33 तक ब्याज अनुदान और क्रेडिट गारंटी सहायता दी जाएगी। कृषि अवसंरचना निधि योजना में राज्य या केन्द्र सरकार की किसी अन्य योजना के साथ अभिसरण की सुविधा है और यह कृषि क्षेत्र में निवेश की दृष्टि से मील का पत्थर साबित हो सकती है।

इसकी स्थापना के बाद से अब तक देश कृषि बुनियादी ढांचे के लिए 13,681 करोड़ रुपये की राशि संस्वीकृत की गई है, जिसमें 18,133 से अधिक परियोजनाएं शामिल हैं।

राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम)

भारत सरकार ने राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) योजना शुरू की ताकि किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए ऑनलाइन पारदर्शी, प्रतिस्पर्धी बोली प्रणाली तैयार की जा सके। ई-नाम योजना के अधीन, सरकार संबंदित हार्डवेयर के लिए प्रति एपीएमसी मंडी को मुफ्त सॉप्टवेयर और 75 लाख रुपये की सहायता प्रदान करती है, जिसमें गुणवत्ता परख उपकरण और सफाई, ग्रेडिंग, छंटाई, पैकेजिंग, खाद इकाई आदि जैसे बुनियादी ढांचे का निर्माण शामिल है। 31 दिसंबर, 2022 तक 1.7 करोड़ से अधिक किसान और 2.3 लाख ई-एनएएम पोर्टल पर पंजीकृत हो चुके है।

देश में विकास और रोजगार के लिए कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन महत्वपूर्ण बना हुआ है। ऋण वितरण के लिए एक किफायती, समय पर और समावेशी दृष्टिकोण के माध्यम से क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इन सब पहलों से कृषि क्षेत्र में सतत और समावेशी विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।

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 यू0जी0सी0, एच0आर0डी0सी0,जे0एन0बी0 जोधपुर एवं क्राइस्ट चर्च काॅलेज कानपुर द्वारा 15 दिवसीय यू0जी0सी0 रिफ्रेशर कोर्स व यू0जी0सी0 शार्ट टर्म कोर्स का शुभारम्भ

यू0जी0सी0, एच0आर0डी0सी0,जे0एन0बी0 जोधपुर एवं क्राइस्ट चर्च काॅलेज कानपुर के रसायन विभाग द्वारा 15 दिवसीय यू0जी0सी0 रिफ्रेशर कोर्स व यू0जी0सी0 शार्ट टर्म कोर्स का शुभारम्भ किया गया। यह कोर्स आज की गम्भीर समस्या जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबन्धन इस विषय पर चर्चा करने और उसका समाधान कैसे करे और जो योजना है इस समस्या पर उसको कैसे अमल में लाना चाहिये। इन सब पहलुओं से अवगत कराने के लिये आरम्भ किया गया है। यू0जी0सी0 शार्ट टर्म कोर्स का उद्देश्य साफ्ट स्किल जो आजकल बहुत आवश्यक है उनके विषय पर जानकारी देने के लिये किया गया है, प्रतिभागियों का स्वागत डाॅ0 निधि संदल द्वारा किया गया। डाॅ0 श्वेताचंद ने ईश्वर की वन्दना की, डाॅ0 सचिन गुप्ता ने साफ्ट स्किल व अनुसंधान क्रिया विधि पर शार्ट टर्म कोर्स के विषय में जानकारी दी। कार्यक्रम की संचालिका प्रो0 मीत कमल ने जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबन्धन जैसी अत्यन्त महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा की। प्रो0 जोसेफ डेनियल (प्राचार्य क्राइस्ट चर्च कालेज कानपुर) ने इस विषय पर व्याख्यान किया। जी0सी0, एच0आर0डी0सी0 और शार्ट टर्म कोर्स की विस्तृत जानकारी प्रो0 राजेश कुमार दुबे(डायरेक्टर यू0जी0सी0, एच0आर0डी0सी0) द्वारा दी गयी।

जलवायु परिवर्तन के कारणों व दुष्प्रभावों के बारे में
प्रो0 संजय कुमार (बी0सी0एमिटी यूनिवर्सिटी, कोलकाता) व
आपदा प्रबन्धन के उपायों के बारे में प्रो0 कमलेश मिश्रा
(पूर्व रजिस्ट्रार और अध्यक्ष आरडीबी, जबलपुर) ने बताया।
मुख्य अतिथि प्रो0 आलोक कुमार चक्रवाल (बी0सी0जीजी
सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी, बिलासपुर) ने बताया कि किस प्रकार जलवायु
आपातकाल गृह और मानवता के सामने सबसे बड़ा आर्थिक,
सामाजिक और पर्यावरणीय खतरा है। प्रो0 सुधीर गुप्ता ने
मुख्य अतिथि को धन्यवाद दिया। प्रो0 जी0पी0 साहू (मनित,
प्रयोगराज) ने अध्यापको को रिसर्च पेपर को कैसे सही तरीके से
प-सजय़ा जाये इस विषय पर सम्बोधित किया। डाॅ0 मनोज दिवाकर(जे0एन0यू0 दिल्ली) एवं डाॅ0 विजय जरीवाला (सरदार पटेल यूनिवर्सिटी, आणंद) ने भी इस विषय पर सम्बोधन दिया। इस कार्यक्रम की सहसंचालिता प्रो0 अन्निदिता भट्टाचार्या
रहीं। इसमें 100 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया।

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एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज में महोत्सव के रूप में मनाया गणतंत्र दिवस एवं बसंत पंचमी

कानपुर 27 जनवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता 74 वें गणतंत्र दिवस तथा बसंत पंचमी के अभूतपूर्व संयोग को एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज में एक महोत्सव के रूप में मनाया गया।महाविद्यालय की सरस्वती पूजा नगर में सुविख्यात है।
सरस्वती जी की सुंदर प्रतिमा को महाविद्यालय प्रेक्षागृह में स्थापित किया गया।महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो सुमन सचिव पी के सेन अध्यक्ष पी के सेन शुभ्रो सेन तथा कार्यक्रम प्रभारी प्रो. मीनाक्षी व्यास ने माँ की स्थापना कर पुष्पांजलि दी।डॉ. शुभा वाजपई, डॉ. सुनीता शुक्ला, डॉ. प्रीता अवस्थी, डॉ. सारिका अवस्थी के द्वारा बसंत उत्सव की तैयारियां पूर्ण मनोयोग से की गई। डॉ. रचना निगम के निर्देशन में कला विभाग की छात्राओं द्वारा विगत तीन दिनों में कठिन परिश्रम द्वारा महाविद्यालय सभागार में वृहत रंगोली का निर्माण किया गया। महाविद्यालय में बसंत पर्व पर सरस्वती की मूर्ति स्थापना, पूजा तथा विसर्जन की परंपरा का विधिवत् निर्वहन किया गया। इस अवसर पर संपूर्ण महाविद्यालय परिवार प्रो निशी प्रकाश प्रो गार्गी यादव प्रो निशा अग्रवाल प्रो चित्रा सिंह तोमर डा प्रीति सिंह आदि उपस्थित रहे।

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दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज, में धूमधाम से मना गणतंत्र दिवस समारोह तथा बसंत पंचमी का पर्व

कानपुर 26 जनवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज, कानपुर में आज गणतंत्र दिवस समारोह तथा बसंत पंचमी का पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया। जिसमें प्राचार्या ने सर्वप्रथम हवन यज्ञ कर मां सरस्वती का पूजन किया तत्पश्चात ध्वज फहरा कर समस्त छात्राओं को गणतंत्र दिवस का शुभकामना संदेश दिया। एनएसएस वॉलिंटियर्स सौम्या उपाध्याय व दीक्षा तिवारी ने गणतंत्र दिवस पर अपना भाषण प्रस्तुत किया। एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही ने बताया कि यह हमारा 74 वां गणतंत्र दिवस है जिसमें महाविद्यालय मे आयोजित समारोह में समस्त प्राध्यापिकाओं, शिक्षकों, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों समेत समस्त छात्राओं तथा वॉलिंटियर्स ने उत्साह के साथ प्रतिभाग किया। इस अवसर पर सभी को मिष्ठान वितरण भी किया गया।

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