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गुजरात में दूरसंचार विभाग ने 21 मार्च, 2024 को अपने दूरसंचार सुविधा केंद्र का शुभारंभ किया

भारत में दूरसंचार क्षेत्र एक परिवर्तनकारी सफलता के शिखर पर है, जो 5-जी, एम2एम/इन्टरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और संबद्ध तकनीक जैसी प्रौद्योगिकियों में प्रगति से प्रेरित है। स्टार्टअप, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) और शिक्षा जगत इस विकास में महत्वपूर्ण हितधारक हैं। गुजरात में दूरसंचार विभाग ने 21 मार्च, 2024 को अपने दूरसंचार सुविधा केंद्र का शुभारंभ किया है।

इस केंद्र का लक्ष्य स्टार्टअप, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई), शिक्षा, लाइसेंस, पंजीकरण धारकों आदि जैसे विभिन्न हितधारकों को न केवल नियामक प्रक्रियाओं को सम्मिलित करने में बल्कि विभाग की विभिन्न योजनाओं के लिए सहायता प्रदान करने और नवाचार को प्रोत्साहन देने में सहायता करके दूरसंचार क्षेत्र के विकास में सहयोग करना है। विभाग, दूरसंचार गुजरात कार्यालय, आरटीटीसी, एसजी हाईवे, जगतपुर, अहमदाबाद में प्रथम तल पर स्थित है। यह संभावित लाइसेंसधारी (टीएसपी, एनएलडी, आईएलडी, ऑडियोटेक्स, आदि) या पंजीकरण धारक (एम2एमएसपी, एनओसी, आईपी-1, आदि) को लाइसेंस प्राप्त करने और दूरसंचार विभाग से प्राधिकरण और उक्त लाइसेंस के भीतर निर्धारित नियमों और शर्तों को समझने में मार्गदर्शन प्रदान करेगा। यह केंद्र आरओडब्ल्यू, भवन उपनियम 2016 आदि से संबंधित मामलों पर भी सुविधा प्रदान करेगा। दूरसंचार सुविधा केंद्र का लक्ष्य वैश्विक और राष्ट्रीय एम2एम मानकों के माध्यम से मार्गदर्शन करके और पंजीकरण प्रक्रिया और अनुपालन को सुव्यवस्थित करके एम2एम सेवा प्रदाताओं के लिए सहयोग बढ़ाना है। यह पीएम वाणी पीडीओए और ऐप प्रदाताओं के लिए पंजीकरण में भी सहायता करता है, जिससे पूरे गुजरात में वाई-फाई हॉटस्पॉट की तैनाती सक्षम हो जाती है। इसके अलावा, केंद्र दूरसंचार विभाग की योजनाओं पर विस्तृत जानकारी देकर दूरसंचार स्टार्ट-अप, सूक्ष्म, लघु और माध्यम उद्यम (एमएसएमई), इनक्यूबेटर और हब को व्यापक सहायता प्रदान करेगा। ये योजनाएं टीटीडीएफ, डीसीआईएस, 5-जी उपयोग-केस प्रयोगशालाओं, कौशल विकास और हरित दूरसंचार प्रौद्योगिकियों सहित नवाचार, अनुसंधान एवं विकास पर ध्यान केंद्रित करती हैं, जो क्षेत्र के भीतर विकास और नवाचार को प्रोत्साहन देती हैं।

विभाग दूरसंचार विभाग, एलएसए गुजरात ऑनलाइन नियुक्तियों को निर्धारित करके दूरसंचार सुविधा केंद्र की सुविधाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए इच्छुक हितधारकों को आमंत्रित करता है। आमंत्रण की बुकिंग http://tiny.cc/TelecomFacilitationCentre के माध्यम से या नीचे दिए गए क्यू आर कोड को स्कैन करके की जा सकती है।

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वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन में 79वें स्टाफ कोर्स की तैयारी कर रहे भारतीय सशस्त्र बलों और मित्र देशों के छात्र अधिकारियों को संबोधित किया

वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल वी आर चौधरी ने  आज (22 मार्च 2024) डिफेंस सर्विसेज स्टॉफ कॉलेज, वेलिंगटन का दौरा किया। उन्‍होंने 79वें स्टाफ कोर्स की तैयारी कर रहे भारतीय सशस्त्र बलों और मित्र देशों के छात्र अधिकारियों और कॉलेज के स्थायी कर्मचारियों को संबोधित किया।

वायुसेना प्रमुख ने अधिकारियों को अपने संबोधन में भारतीय वायुसेना के सामने आनेवाली चुनौतियों, इसकी क्षमता विकास योजना और इसकी संयुक्तता के बारे में बताया। उन्होंने भारतीय वायुसेना को एक आधुनिक और भविष्य के लिए तैयार एयरोस्पेस फोर्स में बदलने के बारे में बहुत अच्‍छी तरह से व्‍याख्‍या की। उन्होंने भारतीय वायुसेना के सिद्धांत में बताए गए विजन को दोहराया, जिसमें निर्णायक एयरो स्पेस शक्ति प्रदान करने के लिए एक चुस्त और नई परिस्थितियों से परिचित होकर उसके अनुरूप अपने को ढालने वाली वायुसेना की परिकल्पना की गई है। वायुसेना प्रमुख के संबोधन में संघर्षरत क्षेत्रों से भारतीय प्रवासियों को सुरक्षित निकालने के काम और आपदा राहत कार्यों के दौरान भारतीय वायुसेना द्वारा निभाई गई प्रमुख भूमिका को उजागर किया गया। उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध और इज़राइल-हमास संघर्ष जैसे मौजूदा संघर्षों से प्राप्त महत्वपूर्ण वायुशक्ति सीख पर भी प्रकाश डाला।

वायुसेना प्रमुख को चल रही प्रशिक्षण गतिविधियों और डीएसएससी में संयुक्तता के लिए दिए जा रहे प्रोत्साहन के बारे में भी जानकारी दी गई, जिसकी प्रशंसा की गई।

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किदवई नगर व्यापार मंडल एवं लाफिंग बुद्धा स्कूल के संयुक्त तत्वाधान में वृहद मतदाता जागरूकता अभियान में संपन्न

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 22 मार्च लाफिंग बुद्धा स्कूल में वृहद मतदाता जागरूकता अभियान ए सी एम फर्स्ट राजेश कुमार  के नेतृत्व में संपन्न हुआ जिसमें करीब 200 लोग उपस्थित रहे जिसमें ए सी एम फर्स्ट महोदय ने सबसे पहले उपस्थित सभी व्यापरीकरण को वोटर हेल्पलाइन डाउनलोड कराया और बताया कि इस वोटर हेल्पलाइन में निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए समस्त निर्देश हैं इसके माध्यम से आप घर बैठे अपने दिए गए निर्धारित बूथ और कहां पर आपका वोट पड़ेगा की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं जिससे कि आपको किसी भी प्रकार की असुविधा न हो इस हेल्पलाइन के माध्यम से जिन लोगों के वोटर लिस्ट में नाम कट गए हैं उनको भी जोड़ने का तरीका बताया गया जिन लोगों के नाम गलत है उनके शुद्धिकरण के विषय में भी बताया गया बड़ी मात्रा में महिलाओं ने भी भागीदारी की कार्यक्रम में प्रमुख रूप से *किदवई नगर व्यापार मंडल* के अध्यक्ष हिमांशु पाल महामंत्री राम जी अग्रवाल कोषाध्यक्ष संजय सचान सह कोषाध्यक्ष कृष्ण कुमार सिंह जितेंद्र त्रिवेदी राजेंद्र सिंह विपिन सिंह शिखा पाल लाफिंग बुद्धा स्कूल की प्रधानाचार्य संध्या सचान ऋषि अवस्थी हर्षित पाल विकास रावत आदि बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। आए हुए सभी व्यापारी भाइयों और एसीएम फर्स्ट साहब का आभार संस्था के कोषाध्यक्ष संजय सचान ने व्यक्त किया।

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ऐस ऐन सेन बी वी पी जी कॉलेज की ऐन ऐस ऐस यूनिट द्वारा आयोजित ७ दिवसीय विशेष शिविर के पांचवें दिन महिलाओं के समाज में व्यवहार एवम सशक्त भूमिका के विषय में व्याख्यान आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता 21 मार्च प्रथम सत्र में मुख्य वक्ता  निमिषा त्रिपाठी, अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत – कानपुर प्रांत महिला प्रमुख – सेवाभारती महानगर किशोरी विकास प्रमुख, ने स्वयंसेविकाओं को महिलाओं के समाज में व्यवहार एवम सशक्त भूमिका के विषय में व्याख्यान दिया साथ मुख्य वक्ता ने व्याख्यान का प्रारंभ गयात्रिमंत्र के उच्चारण से किया। प्रोग्राम ऑफिसर प्रो. चित्रा सिंह तोमर ने पुष्पगुच्छ से मुख्य वक्ता का शिविर में स्वागत किया। अपने स्वयंसेविकाओं को किशोरी अवस्था में आने वाली शारीरिक, मानसिक एवम सामाजिक समस्याओं से अवगत कराते हुए उनके व्यवहारिक समाधानों पर प्रकाश डाला। व्याख्यान के अंत में स्वयंसेविकाओं ने कन्या भ्रूण हत्या तथा बेटी बचाओ पर सफल नुक्कड़ नाटक का मंधन किया।
भोजन अवकाश के पश्चात द्वातिये सत्र में वशिष्ठ सहायक उपनियंत्रक नागरिक सुरक्षा विमलेश कुमार यादव के द्वारा आग के बारे में जानकारी प्रदान की गई। आग क्या है, कितने प्रकार की होती है, तथा आग बुझाने के उपाय एवम डेमो के द्वारा आग बुझाने वाले उपकरणों का प्रयोग आदि के विषय में स्वयंसेविकाओं को जानकारी दी गई।
तत्पश्चात छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम का अभ्यास किया एवम छटवे दिन की रूपरेखा बनाई। राष्ट्रगान के साथ सत्र का समापन हुआ।

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इण्डियन सांईस काँग्रेस एसोशियेशन, कानपुर चैप्टर और डी०ए०वी कालेज के संयुक्त तत्वाधान मे सतत विकास की चुनौतियों(Challenges for Sustainable Development) पर व्याख्यान माला आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता 21 मार्च इण्डियन सांईस काँग्रेस एसोशियेशन, कानपुर चैप्टर और डी०ए०वी कालेज के संयुक्त तत्वाधान मे सतत विकास की चुनौतियों(Challenges for Sustainable Development) पर 21 मार्च, 2024 को एक व्याख्यान माला डी०ए०वी कालेज, प्रेक्षागार में आयोजित की गयी है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही डी०ए०वी कालेज की प्रबंध समिति की सचिव श्रीमती कुमकुम स्वरूप ने सतत विकास की चुनौतियों में महिलाओं की भागीदारी का उल्लेख किया। प्रबंध समिति के संयुक्त सचिव ई0 गौरवेन्द्र स्वरूप ने प्राचीन भारत के गौरवशाली वैज्ञानिक योगदान पर चर्चा की। डा0 शक्ति विनय शुक्ला, निदेशक FFDC, कन्नौज ने रसायनिक प्रदूषण के निराकरण पर विचार व्यक्त किया।

डॉ. डी० एस० बाग, संयुक्त निदेशक, DMSRDE कानपुर ने पालीमर उद्योग का पर्यावरण पर प्रभाव पर चर्चा की। डा० सुधीर प्रताप सिंह, वैज्ञानिक-D,DBT-CAIB मोहाली ने जैव प्रौद्योगिकी का विकास में संभवनाओं का उल्लेख किया। प्रारम्भ में स्वागत प्राचार्य प्रो० अरुण दीक्षित द्वारा सम्पन्न हुआ एंव धन्यवाद प्रस्ताव प्रो० सुधीर कुमार श्रीवास्तव, कार्यक्रम के संयोजक द्वारा दिया गया।

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डी जी कॉलेज एनएसएस वॉलिंटियर्स ने लगाई बस्ती में बच्चों की पाठशाला

भारतीय स्वरूप संवाददाता 21 मार्च डी जी कॉलेज के राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय विशेष शिविर के पांचवे दिन प्रथम सत्र में शिविर स्थल की सफाई, योग एवं व्यायाम के पश्चात गणपति वंदना एवं पूजन के साथ एनएसएस गीत गाकर शिविर का आरंभ महाविद्यालय की कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही के कुशल निर्देशन में किया गया। इस सत्र में वॉलिंटियर्स के द्वारा बस्ती के बच्चों की पाठशाला लगाई गई तथा उन्हें पौष्टिक आहार का वितरण भी किया गया। वॉलिंटियर्स ने बस्ती में घर-घर जाकर सर्वेक्षण का कार्य करने के उपरांत मध्याह्न भोजन ग्रहण किया उसके पश्चात सायंकालीन सत्र में डिजिटल इंडिया वर्कशॉप में रवि सी एस सी कंप्यूटर ट्रेनिंग सेंटर से पधारे श्री अमर कुमार के द्वारा एनएसएस वॉलिंटियर्स तो ट्रेनिंग दी गई। महाविद्यालय प्राचार्य प्रोफेसर अर्चना वर्मा ने इस आदिवासी विशेष शिविर में छात्राओं के द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना में जिन मुद्दों पर कार्य किया जाता है वह छात्रों के व्यक्तित्व के विकास की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है कार्यक्रम को सफल बनाने में कार्यालय अधीक्षक श्री कृष्णेंद्र श्रीवास्तव, डॉ श्वेता गोंड, डॉ अंजना श्रीवास्तव तथा टीम लीडर्स समेत समस्त वॉलिंटियर्स का सराहनीय योगदान रहा।

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भारतीय नौसेना ने समुद्री डकैती विरोधी अभियान चलाकर एमवी रुएन को समुद्री लुटेरों से बचाया

अरब सागर में गश्त पर तैनात आईएनएस कोलकाता ने 40 घंटे से अधिक समय तक चले तलाशी अभियान के बाद 16 मार्च 24 को सोमालियाई समुद्री डाकुओं से मालवाहक जहाज एमवी रुएन को बचाया। मालवाहक जहाज का पिछले साल दिसंबर में अपहरण कर लिया गया था। अब तक यह सोमालियाई समुद्री डाकुओं के नियंत्रण में था।

समुद्री सुरक्षा अभियानों के तहत भारतीय नौसेना इस क्षेत्र में व्यापक निगरानी कर रही है, जिसमें यातायात की निगरानी भी शामिल है। निगरानी के दौरान जुटाई गई सूचना के आधार पर भारतीय नौसेना रुएन जहाज की गतिविधि को ट्रैक करने में सक्षम थी। इस आधार पर आईएनएस कोलकाता को सोमालिया से लगभग 260 नॉटिकल माइल (एनएम) पूर्व में जहाज को रोकने का निर्देश दिया गया। आईएनएस कोलकाता ने 15 मार्च 24 की सुबह रुएन को रोका और जहाज से लॉन्च किए गए ड्रोन के माध्यम से सशस्त्र समुद्री डाकुओं की उपस्थिति की पुष्टि की। समुद्री डाकुओं ने भड़काऊ कार्रवाई करते हुए ड्रोन को मार गिराया और भारतीय नौसेना के युद्धपोत पर गोलीबारी शुरू कर दी। अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का पालन करते हुए संतुलित प्रतिक्रिया अपनाकर आईएनएस कोलकाता ने रुएन जहाज के स्टीयरिंग सिस्टम और नेविगेशनल सहायता को निष्क्रिय कर दिया। इसके परिणामस्वरूप समुद्री डाकुओं को जहाज रोकना पड़ा।
इस दौरान आईएनएस कोलकाता ने सुनियोजित तरीके से जहाज के करीब निकटता बनाए रखी। इसके अलावा बातचीत की प्रक्रिया भी सक्रिय रूप से जारी रही। इसके परिणामस्वरूप समुद्री लुटेरों ने आत्मसमर्पण कर दिया और समुद्री जहाज एमवी रुएन और जहाज पर मौजूद उसके चालक दल को रिहा कर दिया। भारत की मुख्य भूमि से 1400 नॉटिकल माइल (एनएम)(2600 किमी) दूर चल रहे समुद्री डकैती रोधी अभियान में भारतीय नौसेना के प्रयासों से 16 मार्च 24 की सुबह उस क्षेत्र में गश्ती पोत आईएनएस सुभद्रा की तैनाती की गई। इसके साथ ही उसी दिन दोपहर में सी-17 विमान द्वारा मरीन कमांडो (प्रहार) को एयर-ड्रॉप किया गया। इसके अतिरिक्त हेल आरपीए और पी8आई समुद्री टोही विमान की मदद से जहाज की निगरानी की जा रही थी।

पिछले 40 घंटों में भारतीय नौसेना के निरंतर दबाव और कार्रवाई के कारण सभी 35 सोमाली समुद्री डाकुओं ने 16 मार्च 24 की दोपहर को आत्मसमर्पण कर दिया। एमवी रुएन के सभी 17 चालक दल के सदस्यों को भी बिना किसी चोट सुरक्षित निकाल लिया गया। जहाज को अवैध हथियारों, गोला-बारूद और प्रतिबंधित पदार्थों से भी मुक्त कर दिया गया।
17 मार्च 2024 की सुबह एमवी रुएन की जांच की जाएगी। इस पर लगभग 37800 टन माल लदा हैजिसकी कीमत लगभग एक मिलियन डॉलर है। इस जहाज को सुरक्षित रूप से भारत लाया जाएगा।
दक्षिणी भारतीय महासागर क्षेत्र (आईओआर) में रुएन से जुड़े चल रहे एंटी-पाइरेसी ऑपरेशन का निष्कर्ष शांति एवं स्थिरता को मजबूत करने और क्षेत्र में समुद्री डकैती के किसी भी प्रयास को विफल करने की दिशा में भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता को उजागर करती है। भारतीय नौसेना भारतीय महासागर क्षेत्र में ‘फर्स्ट रिस्पॉन्डर’ (‘प्रथम प्रतिक्रिया देने वाले देश’) के रूप में अपनी भूमिका निभाने को लेकर दृढ़ है।

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ग्रिड-इंडिया ने मिनीरत्न कंपनी का दर्जा प्राप्‍त किया

ग्रिड कंट्रोलर ऑफ इंडिया लिमिटेड (ग्रिड-इंडिया) ने मिनीरत्न श्रेणी-I केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (सीपीएसई) का दर्जा प्राप्त करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय द्वारा प्रदत्‍त यह मान्यता देश के विद्युत परिदृश्य में ग्रिड-इंडिया की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती है।

2009 में स्थापित, ग्रिड-इंडिया के पास भारतीय विद्युत प्रणाली के त्रुटिहीन और निर्बाध संचालन की देखरेख करने, क्षेत्रों के भीतर और उनके पार विद्युत शक्ति का कुशल हस्तांतरण सुनिश्चित करने, विश्वसनीयता, मितव्ययिता और स्थिरता पर ध्यान देने के साथ ही साथ पारदेशीय विद्युत विनिमय सुगम बनाने का महत्वपूर्ण दायित्व है। यह किफायती और कुशल थोक विद्युत बाजारों को सुगम बनाता है और निपटान प्रणालियों का प्रबंधन करता है।

पांच क्षेत्रीय लोड डिस्पैच केंद्रों (आरएलडीसी) और राष्‍ट्रीय लोड डिस्पैच सेंटर (एनएलडीसी) के समावेशन युक्‍त ग्रिड-इंडिया दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे जटिल विद्युत प्रणालियों में से एक, ऑल इंडिया सिंक्रोनस ग्रिड के प्रबंधन की बड़ी जिम्मेदारी निभाती है। बीते वर्षों में, ग्रिड-इंडिया ने विद्युत प्रणालियों के सम्मिलन, बढ़ती ऊर्जा मांगों, नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) स्रोतों के प्रसार, आर्थिक विकास एवं तकनीकी प्रगति के साथ-साथ विकसित होते नियमों और बाजार की जरूरतों के अनुरूप तेजी से कार्य किए हैं।

ज्ञान-संचालित संगठन के रूप में ग्रिड-इंडिया विद्युत क्षेत्र की बदलती जरूरतों के अनुरूप भारत सरकार द्वारा सौंपे गए विविध कार्यों को पूरा करने के लिए समर्पित है। इसकी अटूट प्रतिबद्धता क्षेत्रीय और राष्ट्रीय विद्युत प्रणालियों का एकीकृत संचालन सुनिश्चित करने, अत्यधिक विश्वसनीयता, सुरक्षा और आर्थिक दक्षता के साथ विद्युत ऊर्जा हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करने में निहित है। इतना ही नहीं, ग्रिड-इंडिया सभी सम्मिलित हितधारकों के लिए समान अवसर प्रदान करने को बढ़ावा देते हुए स्वतंत्र प्रणाली के संचालन के सिद्धांतों को कायम रखती है।

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मुख्य युद्धक टैंकों के लिये भारत के पहले स्वदेश निर्मित 1500 हार्सपावर इंजन का पहला परीक्षण बीईएमएल मैसूरू में किया गया

रक्षा सचिव गिरिधर अरमने ने मुख्य युद्धक टैंकों के लिये भारत के पहले स्वदेश- निर्मित 1500 हार्सपावर (एचपी) इंजन की बीईएमएल के मैसुरू परिसर स्थित इंजन विभाग में 20 मार्च 2024 को प्रथम टेस्ट फायरिंग की अध्यक्षता की। यह सफलता देश की रक्षा क्षमताओं में एक नये युग की शुरूआत है जो कि तकनीकी कौशल के साथ ही रक्षा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

1500 एचपी का यह इंजन सेना की प्रोपल्शन सिस्टम में एक नये बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें उच्च शक्ति-के समक्ष-भार का अनुपात, उंचाई वाले स्थानों, शून्य से नीचे तापमान और रेगिस्तानों सहित कठिन परिस्थितियों में संचालन क्षमता जैसी कई अत्याधुनिक विशेषतायें शामिल हैं। आधुनिक तकनीक से सुसज्जित यह इंजन पूरी दुनिया में उपलब्ध सबसे आधुनिक इंजनों की बराबरी वाला है।

परीक्षण सेल का उद्घाटन करते हुये रक्षा सचिव ने इस उपलब्धि को एक परिवर्तनकारी क्षण बताया जो कि सशस्त्र सेनाओं की क्षमता को बढ़ायेगा। बीईएमएल के सीएमडी श्री शांतनु राय ने कहा कि यह सफलता देश में रक्षा उत्पादन में एक प्रमुख योगदानकर्ता के तौर पर बीईएमएल की स्थिति को और मजबूत बनाती है और इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में राष्ट्र की आवश्यकताओं को पूरा करने की उसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

1500 एचपी इंजन का यह पहला परीक्षण प्रौद्योगिकी स्थिरीकरण पर ध्यान केन्द्रित करते हुये पहले उत्पादन के पूरा होने का प्रतीक है। दूसरे चरण के उत्पादन में बीईएमएल डीआरडीओ की प्रयोगशाला युद्धक वाहन अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान में विभिन्न परीक्षणों के लिये इंजन का उत्पादन करेगी और फिर उनके उपयोगकर्ता परीक्षण के लिये वास्तविक वाहनों में उन्हें लगायेगी। परियोजना 2025 के मध्य तक पूरी होनी है। अगस्त 2020 में शुरू इस परियोजना को पांच पड़ावों के साथ पूरी सावधानी से तैयार किया गया है जिसमें सभी गुणवत्ता मानकों का पालन करते हुये इसे तय समय पर पूरा करना सुनिश्चित किया गया है।

रक्षा सचिव ने इस अवसर पर बीईएमएल टीम द्वारा किये गये असाधारण प्रयासों को मान्यता देने के लिये ‘वॉल ऑफ फेम’ का भी उद्घाटन किया। यह देश की रक्षा क्षमताओं के आधुनिकीकरण और स्वदेशी प्रौद्योगिकीय नवाचार में नये कीर्तिमान हासिल करने में उनके योगदान का प्रतीक है। कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ नागरिक और सैन्य अधिकारी, उद्योग जगत के भागीदार और बीईएमएल लिमिटेड के अधिकारी उपस्थित थे।

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प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड – विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड ने मैसर्स पेप्ट्रिस टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड और फाउंडेशन फॉर नेग्लेक्टेड डिजीज रिसर्च (एफएनडीआर) को इनोवेटिव एंटीबायोटिक डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए 75 लाख रूपये का अनुदान स्वीकृत किया

स्वास्थ्य देखभाल नवाचार को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से एक अभिनव पहल में, प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट बोर्ड- टीडीबी) नेमेसर्स पेप्ट्रिस टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड और फाउंडेशन फॉर नेग्लेक्टेड डिजीज रिसर्च (एफएनडीआर), बेंगलुरु के साथ इसी 18 मार्च को एक समझौता किया है। इस समझौते के अंतर्गत बोर्ड ने “एएनएजीआरएएनआईएनएफ – ग्राम-नेगेटिव बैक्टीरियल-संक्रमण के लिये एंटीबायोटिक दवाओं की एक नवीन श्रेणी का विकास” परियोजना के लिए 75 लाख रूपये के अनुदान की स्वीकृति दी है, जबकि कुल परियोजना लागत 1.5 करोड़ रूपये है।

 

माना जाता है कि इस सहयोगात्मक प्रयास से स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा मिलेगा। यह परियोजना भारत और स्पेन की कंपनियों के बीच एक संयुक्त प्रयास है, जिसमें एबीएसी थेरेप्यूटिक्स एसएल स्पेनिश प्रोजेक्ट लीड के रूप में कार्यरत है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और प्रौद्योगिकी और नवाचार विकास केंद्र, ई.पी.ई. (सेंटर फॉर द डेवलपमेंट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन – सीडीटीआई) के नेतृत्व में इस द्विपक्षीय कार्यक्रम का उद्देश्य दोनों देशों के बीच साझेदारी और व्यापार-आधारित सहयोगी परियोजनाओं को बढ़ावा देते हुए बाजार-संचालित अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देना है, जिससे कि स्वास्थ्य सेवा में नवाचार को आगे बढ़ाया जा सके।

इस परियोजना का प्राथमिक उद्देश्य विशेष रूप से एक एंटीबायोटिक युक्त एक नवीन सीसा यौगिक (लैड कंपाउंड) विकसित करना है, जो फैबआई (एफएबीआई)  एंजाइम [एस्चेरिचिया कोली का एनॉयल-[एसिल-वाहक-प्रोटीन] रिडक्टेस (फैबीआई), जो फैटी एसिड जैवसंश्लेषण में एक प्रमुख नियामक कदम को उत्प्रेरित करते हुए  एनएडीएच और एनएडीपीएच को सहकारकों के रूप में स्वीकार करता है और पामिटॉयल-सीओए द्वारा बाधित होता है] को रोकने और महत्वपूर्ण ग्राम-नकारात्मक (नेगेटिव) रोगजनकों (पैथोजेन्स) से निपटने में सक्षम हो। स्वामित्वाधीन (प्रोपेराईटरी) कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) उपकरणों की क्षमता का उपयोग करते हुए और प्रवेशात्मक (ईएनटीआरआई) नियमों जैसे कड़े दिशानिर्देशों का पालन करते हुए, परियोजना का लक्ष्य यौगिकों की एक ऐसी श्रृंखला का उत्पादन करना है जो न केवल बढ़ी हुई प्रभावकारिता प्रदर्शित करती है बल्कि रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एएमआर) संक्रमण से निपटने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा निर्धारित कठोर मानदंडों के अनुरूप भी है।

चयनित कार्यकारी (हिट) अणु एमएमवी 1578564 ने ग्राम-नेगेटिव रोगजनकों के विरुद्ध ऐसी आशाजनक गतिविधि प्रदर्शित की है, जो आगे के अनुसंधान और विकास प्रयासों के लिए एक आधार के रूप में काम कर रही है। इसके अलावा, परियोजना का लक्ष्य एक ऐसे प्रतिस्पर्धी  की पहचान करना है जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के नवाचार मानदंडों को पूरा करते हुए  एक नई रासायनिक संरचना सुनिश्चित करता है और वर्तमान  वाणिज्यिक वर्गों के साथ किसी भी प्रकार की टकराहट से बचते हुए  एक नए लक्ष्य और कार्रवाई के  एक नए  तंत्र को सुनिश्चित करता है।

प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड के सचिव, श्री राजेश कुमार पाठक ने इस अवसर पर कहा कि  “इस सहयोगात्मक पहल के माध्यम से, टीडीबी रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एंटी माईक्रोबियल रेजिस्टेंस) जैसी महत्वपूर्ण वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के उद्देश्य से अग्रणी अनुसंधान प्रयासों का समर्थन करने के लिए अपनी अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। साथ ही बोर्ड सामाजिक लाभ के लिए नवीन विचारों को मूर्त समाधानों में बदलने की सुविधा प्रदान करने के अपने उद्देश्य  पर दृढ़प्रतिज्ञ है।

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