Breaking News

मुख्य समाचार

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने एलसीए तेजस एमके1ए के लिए स्वदेशी लीडिंग एज एक्टयूएटर्स और एयरब्रेक कंट्रोल मॉड्यूल का पहला बैच हिंदुस्‍तान एयरोनॉटिक्‍स लिमिटेड को सौंपा

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) ने स्वदेशी लीडिंग एज एक्टयूएटर्स और एयरब्रेक कंट्रोल मॉड्यूल का पहला बैच हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को सौंप दिया है। यह वैमानिकी प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, लखनऊ ने मौजूदा 83 हल्‍के लड़ाकू विमान तेजस एमके1ए के ऑर्डर को पूरा करने के लिए इनके उत्पादन की तैयारी पहले से ही कर ली है।

एलसीए-तेजस के सेकेंडरी फ्लाइट कंट्रोल में अत्‍याधुनिक लीडिंग एज स्लैट्स और एयरब्रेक शामिल हैं। यह अतिउन्‍नत सर्वो-वाल्व आधारित इलेक्ट्रो-हाइड्रोलिक सर्वो एक्टयूएटर्स और कंट्रोल मॉड्यूल का दावा करता है। ये उच्च दबाव, नियंत्रण मॉड्यूल, अद्भुत डिजाइन, सटीक विनिर्माण और परीक्षण की विशेषता से लैस हैं तथा स्वदेशी तकनीकी कौशल में एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी के निरंतर अनुसंधान का प्रतीक है।

रिसर्च सेंटर इमारत (आरसीआई) हैदराबाद और केन्द्रीय विनिर्माणकारी प्रौद्योगिकी संस्थान (सीएमटीआई) बेंगलुरु के साथ समन्‍वय करके एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी इन प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता हासिल करने की योजना बना रहा है। लीडिंग एज एक्टयूएटर्स और एयरब्रेक कंट्रोल मॉड्यूल्स के लिए सफल उड़ान परीक्षणों ने उत्पादन से जुड़े कार्यों का मार्ग प्रशस्त किया है।

इन महत्वपूर्ण कलपुर्जों का उत्पादन सहायक उपकरण प्रभाग, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड लखनऊ में किया जा रहा है। यह भारत की विमान और अंतरिक्ष यान विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति है। इस प्रयास में सीईएमआईएलएसी और वैमानिकी गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय (डीजीएक्‍यूए) जैसी प्रमाणन एजेंसियों के साथ-साथ गोदरेज एयरोस्पेस, मुंबई सहित सार्वजनिक और निजी उद्योगों का उल्लेखनीय योगदान रहा है।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के अध्‍यक्ष और रक्षा विभाग अनुसंधान एवं विकास के सचिव और एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी के महानिदेशक ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर एडीए, आरसीआई, एचएएल, सीएमटीआई और सभी भागीदार उद्योगों की पूरी टीम को बधाई दी है।

IMG_256

Read More »

पैनासोनिक ने पेश की उत्तराखण्ड में एसी की नई रेंज

पैनासोनिक ने उत्तराखण्ड में एसी की नई रेंज पेश की इसमें स्‍मार्टर लिविंग के लिए मैटर-इनेबल्ड आरएसी (रूम एयर कंडीशनर्स) भी शामिल हैं

• 33,990 रुपये के शुरूआती कीमत के साथ 60 नए मॉडल्स लॉन्च किए गए जिसमें ज्यादातर इन्‍वर्टर एसी हैं
• पैनासोनिक ने मिराई के साथ भारत के पहले मैटर-इनेबल्ड रूम एयर कंडीशनर्स पेश किये। यह कनेक्टेड लिविंग प्लेटफॉर्म सुविधा, आराम, कनेक्टिवटी और बिजली की बचत प्रदान करता है

देहरादून, अप्रैल 2024: एक प्रमुख डाइवर्सीफाइड टेक्‍नोलॉजी कंपनी पैनासोनिक लाइफ सॉल्यूशंस इंडिया (पीएलएसआईएनडी) ने आज उत्तराखण्ड के बाजार में 2024 के लिए अपने नए एयर कंडीशनर्स की श्रृंखला को लॉन्च करने की घोषणा की। कंपनी ने 60 मॉडलों में 1.0, 1.5 और 2.0 टन के एयरकंडीशनर्स पेश किए हैं। एयर कंडीशनर्स की यह नई रेंज सभी प्रमुख रिटेल आउटलेट्स, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स और पैनासोनिक ब्रांड स्‍टोर पर उपलब्ध है।

श्री अभिषेक वर्मा, पीएमआईएन, पीएलएसआईएनडी, में एयर कंडीशनर्स ग्रुप के बिजनेस हेड ने कहा, “हाल ही में उत्तराखण्ड के उपभोक्ताओं के बीच कराई गई हमारी स्टडी में हमें एयरकंडीशनर के प्रयोग संबंधी लोगों की तरह-तरह की प्रमुख चिंताओं का पता चला है। स्टडी के अनुसार उपभोक्ताओं की मुख्य परेशानी रात में बार-बार एसी के तापमान को एडजस्ट करने, कूलिंग परफॉर्मेंस, आउटडोर यूनिट में जंग लगने और रखरखाव एवं सर्विसिंग की जरूरत से जुड़ी है। पैनासोनिक का नया एसी उपभोक्ताओं की उभरती जरूरतों को ध्य़ान में रखकर बनाया गया है। पैनासोनिक द्वारा लॉन्च किए गए भारत के पहले मैटर-इनेबल्‍ड एयर कंडीशनर न केवल इंटरऑपरेबिलिटी प्रदान करते हैं, बल्कि हमारी इको-टफ केसिंग की वजह से यह विश्वसनीय और टिकाउ भी हैं। नए मिराई प्लेटफॉर्म के साथ हम अपने उपभोक्ताओं को स्मार्ट होम का अनुभव भी प्रदान कर रहे हैं। इसमें ट्रू एआई जैसे नई फीचर्स मौजूद हैं, जिससे उपभोक्ताओं को आदर्श रूप से आराम पहुंचाने वाली ठंडक प्रदान करने के लिए यह एसी अपने आप सेटिंग्स को एडजस्ट करते हैं। पर्सनलाइज्ड स्लीप प्रोफाइल का फीचर रात में बार-बार तापमान को एडजस्ट करने की जरूरत को खत्म करता है।’’

श्री वर्मा ने आगे कहा, “इन्‍वर्टर एसी की जबर्दस्त बिक्री को देखते हुए हम उत्तरी भारत से इन्‍वर्टर एसी की मांग में बढ़ोतरी होने की उम्मीद कर रहे हैं। आज भारत में लगभग सात फीसदी घरों में एसी है। इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि भारत में एसी इंडस्ट्री के विकास की अपार संभावना है। इसलिए हम इस अवसर का लाभ उठाने की उम्मीद कर रहे हैं। हमें पिछले सीजन की तुलना में इस सीजन में एसी की बिक्री 40 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है।’’

पैनासोनिक को एयर कंडीशनर्स विकसित करने का 65 वर्षों से अधिक का अनुभव है। पैनासोनिक के एसी की नई रेंज आधुनिक तकनीक से लैस है। यह उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट लिविंग को फिर से पारिभाषित करने के लिए कूलिंग, क्‍वॉलिटी (विश्वसनीयता) और कनेक्टेड अनुभव प्रदान करते हैं।

2024 में लॉन्च किए गए एसी के मॉडलों की प्रमुख विशेषताएं
· हर कोने में कूलिंग – पैनासोनिक के एयर कंडीशनर जेटस्ट्रीम एयरफ्लो के साथ मिलते हैं, जो हवा को 45 फीट तक फेंकते हैं। इसकी इनडोर यूनिट अपने में ज्यादा हवा समेटती है। इसके पंखे का व्यास भी बड़ा है, जिससे हवा का प्रवाह कोने-कोने तक बढ़ता है। इसके अलावा चौतरफा स्विंग के साथ इसका अनोखा डबल फ्लैप एयरोविंग्स डिजाइन कमरे के हर कोने में ठंडी हवा पहुंचाने में मदद करता है।
· नैनो टेक्‍नोलॉजी के साथ माहौल स्वच्छ रहता है – इस एसी में नई तकनीक नैनो™ एक्स कमरे के अंदर हवा में मौजूद 99 फीसदी प्रदूषित कणों को हटाती है। इसके साथ ही वह वायरस, बैक्टीरिया और अन्य रोगाणुओं को फिल्टर कर कमरे के अंदर की हवा को पूरी तरह स्वच्छ बनाती है।
· कस्‍टमाइज्‍ड कूलिंग – कन्वर्टी7 के साथ, उपभोक्ता कूलिंग परफॉर्मेंस को एडजस्ट कर बिजली की बचत कर सकते हैं। वह इसे रिमोट के बटन पर क्लिक या मिराई ऐप से वह ऐसी की कूलिंग को 45 फीसदी तक कम कर सकते हैं और जबर्दस्त कूलिंग के लिए इसकी क्षमता 110 फीसदी तक बढ़ा सकते हैं।
· मैटर का लाभ – सिम्‍पल (सेटिंग में आसान), कॉम्‍पैटिबल (अलग-अलग ब्रैंड के स्मार्ट डिवाइसेज एक ही ऐप से इसमें काम कर सकते हैं। विश्वसनीय (अगर इंटरनेट न भी हो तो भी उपभोक्ता एसी को चला सकते हैं क्योंकि एसी और ऐप एक ही वाई-फाई राउटर से जुड़े होते हैं) और सिक्योर (इनक्रिप्टेड)।
· मिराई के लाभ – एसी को कंट्रोल करने का स्मार्ट तरीका – अपने एसी को मिराई के माध्यम से रिमोट से मैनेज कर उपभोक्ता कनेक्टेड लिविंग और सुविधाओं के संसार का अनुभव कर सकते हैं। यूजर फ्रेंडली और तरह-तरह के कामों में प्रयोग की जाने वाली ऐप यूजर्स को बिजली की खपत का पता लगाने में मदद करती है। आरामदायक कूलिंग के लिए ट्रू एआई का फीचर एसी की सेटिंग्स और पैरामीटर्स को अपने आप एडजस्ट करता है। इसमें अनुकूल स्लीप प्रोफाइल सेट कर सकते हैं। इसमें यूजर्स को फिल्टर साफ करने की नोटिफिकेशन भी मिलते हैं।
· शानदार ड्यूरेबिलिटी – यह एयरकंडीशनर बिना स्टेबलाइजर के चलते हैं और मानसिक सुकून देते हैं। यह लंबे समय तक चलने वाली इको-टफ केसिंग में आते हैं, तेजी से हीट ट्रांसफर के लिए 100 फीसदी शुद्ध कॉपर क्‍वॉयल है। जंग न लगने देने के लिए यह शील्ड ब्लू प्रोटेक्शन के साथ मिलते हैं। आग से सुरक्षा और ओजोन की परत के संरक्षण के लिए इसमें आर32 रेफ्रिजरेंट भी है।

Read More »

एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज में भारत रत्न, संविधान निर्माता, बाबा साहेब डाॅ. भीम राव अम्बेडकर एवं समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले जी की जयंती मनाई गई

भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज कानपुर में भारत रत्न, संविधान निर्माता, बाबा साहेब डाॅ. भीम राव अम्बेडकर जी की जयंती तथा समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले जी की जयंती संयुक्त रूप से मनाई गई डाॅ. भीम राव अम्बेडकर जी बहुत बड़े अर्थशास्त्री, न्यायविद, राजनीतिज्ञ, समाज सुधारक और राजनीतिक नेता थे. शिक्षा के प्रचार प्रसार पर बल देते हुए उन्होंने समाज में विद्यमान सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक भेदभाव को दूर करने हेतु लोगों को जागरूक किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डाॅ. बी. पी. अशोक, सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (फूड सेल- लखनऊ) , प्रबंध समिति के सचिव श्री पी.के. सेन, प्राचार्या प्रोफेसर सुमन, संयुक्त सचिव श्री शुभ्रो सेन, कोषाध्यक्ष श्रीमती दीपाश्री सेन के द्वारा दीप प्रज्वलन से किया गया। भीम वंदन के उपरांत स्वागत परंपरा का निर्वहन करते हुए अतिथियों को स्मृति चिन्ह तथा पुष्प गुच्छ भेंट किए गए।

इस अवसर पर शिक्षा एवं सामाजिक समता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु प्रोफेसर दिनेश चंद्र श्रीवास्तव, (विभागाध्यक्ष, दर्शन शास्त्र, क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर) तथा श्रीमती नीतू रॉय (प्रधानाध्यापिका डाॅ. सिद्धेश्वर सेन ग्लोबल पब्लिक स्कूल, माल रोड, कानपुर) को भीम स्मृति सम्मान देकर सम्मानित किया गया।लगभग 34 वर्षो से शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय , अनेकों शोध पत्र तथा शैक्षणिक पुस्तकों के लेखक प्रोफेसर डी.सी. श्रीवास्तव ने महात्मा फुले व बाबा साहेब की शैक्षणिक विचारधारा पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षा के क्षेत्र मे इनका योगदान अमूल्य एवं अतुलनीय है। समाज के वंचित वर्गों में शिक्षा का दीप जलाकर उनके जीवन को प्रकाशित करने में बाबा साहब ने अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया| बाबासाहेब अंबेडकर ने सामाजिक बहिष्कार, अपमान और भेदभाव के साथ ही जीवन में आयी सभी चुनौतियों का डट कर सामना किया व दुनिया में अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई। अटल हिन्दू फाउंडेशन तथा रामकृष्ण मिशन में स्वैच्छिक सेवा प्रदान कर रही प्रसिद्ध समाजसेवी श्रीमती नीतू राय ने कहा कि शिक्षा ही वह साधन है जो सफल तथा समृद्ध समाज की नींव रखने में सहायक है। कार्यक्रम का संयोजन डॉ किरन तथा उनके सहयोगियों डॉ रचना निगम,डॉ प्रीति सिंह,डॉ रोली मिश्रा, डॉ कोमल सरोज ,डॉ अनामिका ,डॉ रेशमा, डॉ शैल बाजपेई द्वारा किया गया| मंच संचालन डॉ कोमल सरोज एवं डॉक्टर रोली मिश्रा ने किया|स्वागत भाषण कार्यक्रम की संयोजिका डॉ किरन द्वारा एवं धन्यवाद ज्ञापन महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर सुमन के द्वारा किया गया।इस अवसर पर समस्त महाविद्यालय परिवार उपस्थित रहा। राष्ट्रगान के द्वारा कार्यक्रम का समापन हुआ।

Read More »

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा बेंगलुरु में ‘एक्सोस्केलेटन के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों और चुनौतियों’ पर पहली अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया

‘एक्सोस्केलेटन के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों और चुनौतियों’ पर पहली अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला 16 से 17 अप्रैल, 2024 तक बेंगलुरु में आयोजित की जा रही है। कार्यशाला का आयोजन रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की रक्षा जैव-इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रोमेडिकल प्रयोगशाला द्वारा किया गया है। इसका उद्घाटन रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (सीआईएससी) के इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल जेपी मैथ्यू की उपस्थिति में किया।

अपने मुख्य भाषण में, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने परिवर्तनकारी एक्सोस्केलेटन प्रौद्योगिकी के महत्व और सैन्य और नागरिक वातावरण में इसके व्यापक अनुप्रयोगों पर बल दिया। उन्होंने अनुसंधान एवं विकास समुदाय, सशस्त्र बलों, उद्योग और शिक्षा जगत सहित विभिन्न हितधारकों से चुनौतियों का समाधान करने और एक्सोस्केलेटन के भविष्य के लिए रूपरेखा तैयार करने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया।

इस अवसर पर अपने संबोधन में, सीआईएससी ने एक्सोस्केलेटन अनुसंधान के इतिहास, इसके पहले के प्रोटोटाइप और चुनौतियों का पता लगाया। उनका संबोधन उन चुनौतियों पर केंद्रित था जिनका वर्तमान में अनुसंधान एवं विकास समुदाय द्वारा समाधान किया जा रहा है। उन्होंने पुनर्वास, व्यावसायिक चिकित्सा और संवर्धन में एक्सोस्केलेटन प्रौद्योगिकियों के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने यह भी बताया कि एक्सोस्केलेटन तकनीक दोहरी अमेरिकी तकनीक होने के कारण इसमें जबरदस्त व्यावसायिक क्षमता है।

ईटीएच, ज्यूरिख के प्रोफेसर रॉबर्ट रेनर और नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी, शिकागो, इलिनोइस के प्रोफेसर अरुण जयारमन द्वारा जानकारीपूर्ण गहन तकनीकी वार्ताएं प्रस्तुत की गईं। महानिदेशक (जीवन विज्ञान) डॉ. यूके सिंह ने सशस्त्र बलों की आसन्न चुनौतियों और आवश्यकताओं के बारे में बात की। उन्होंने शोधकर्ताओं के समुदाय से सभी हितधारकों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भविष्य की एक्सोस्केलेटन प्रौद्योगिकियों के लिए अपने प्रयास में चुनौतियों का सामूहिक रूप से समाधान करने का आग्रह किया।

दो दिवसीय कार्यशाला में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), सेवा, उद्योग, शिक्षा और शोधकर्ताओं के 300 से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। एक्सोस्केलेटन प्रौद्योगिकी में सहन करने योग्य संरचनाएं शामिल होती हैं जो मानव शरीर की क्षमताओं को बढ़ाती हैं।

Read More »

एस एन सेन बालिका महाविद्यालय पी जी कॉलेज में शिक्षक अभिभावक सम्मेलन आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन बालिका महाविद्यालय पी जी कॉलेज में महाविद्यालय के प्रबंध तंत्र एवं प्राचार्या प्रोफ़ सुमन ने प्रगतिशील सकारात्मक सोच के तहत शिक्षक अभिभावक सम्मेलन का आयोजन दिनांक १६/४/२४ को किया गया । महाविद्यालय के विभिन्न संकायों के शिक्षकों ने अपने विषय से संबंधित अभिभावकों को आमंत्रित किया। कला संकाय , विज्ञान संकाय एवं स्वावित्तपोषित विभागों में स्थान सुनिश्चित कर अभिभावक आए और शिक्षकों से अपनी समस्याएँ साझा की ।सभी विभागों के विभागाध्यक्ष तथा शिक्षिकाओं ने छात्राओ की समस्याओ का समाधान किया ।सम्मेलन में आये अभिभावकों से प्रतिभाग फॉर्म तथा फीडबैक फॉर्म भरवाए गए । सम्मेलन के पश्चात महाविद्यालय की प्राचार्य ने स्वयं समस्याओं के निराकरण किया और कई समस्याओं के लिए नोटिंग की ।

Read More »

निर्वाचन आयोग आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू होते ही इसकी जानकारी देता है

अपनी तरह के पहले कार्य में, जिसके लिए आयोग किसी भी तरह से बाध्य नहीं है, अपने वादे के अनुसार पारदर्शिता बरतते हुए, निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के अमल में आने के पहले महीने के दौरान, कुछ कार्यों के विवरण के साथ इसे सार्वजनिक करने का फैसला किया है, ताकि समय-समय पर कुछ लोगों की गलतफहमियों और आक्षेपों को दूर किया जा सके और इन्‍हें रोका जा सके।

स्थिति इस प्रकार हैजो संहिता की शेष अवधि के लिए भी लागू होती है।

  1. आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू होने के बाद एक महीना पूरा होने पर, भारत का निर्वाचन आयोग राजनीतिक दलों द्वारा संहिता के अनुपालन से मोटे तौर पर संतुष्ट है और विभिन्न दलों और उम्मीदवारों द्वारा अभियान काफी हद तक व्यवस्थित चल रहा है।
  1. साथ ही, आयोग ने कुछ परेशान करने वाली प्रवृत्तियों पर कड़ी नजर रखने और कुछ पथभ्रष्ट उम्मीदवारों, नेताओं और कार्य प्रणालियों पर पहले से कहीं अधिक विशेष नजर रखने का निर्णय लिया है।
  2. आयोग ने विशेष रूप से महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक और आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले दलों के नेताओं को नोटिस जारी करके महिलाओं की गरिमा और सम्मान के मामले में कड़ा रुख अपनाया है। आयोग यह सुनिश्चित करने के लिए पार्टी प्रमुखों/अध्यक्षों पर जवाबदेही तय करने में एक कदम आगे बढ़ गया कि उनकी पार्टी के नेता और प्रचारक इस तरह की अनादरपूर्ण और अपमानजनक टिप्पणियों का सहारा न लें। आदर्श आचार संहिता जवाबदेही, पारदर्शिता और दृढ़ता के अनुरूप लागू की गई है जैसा कि सीईसी श्री राजीव कुमार ने पहले वादा किया था।
  3. आयोग संवैधानिक समझ से निर्देशित था जब उसे राजनीतिक व्यक्तियों से जुड़ी स्थितियों के साथ प्रस्तुत किया गया था जो आपराधिक जांच के आधार पर न्यायालयों के सक्रिय विचार और आदेशों के अधीन थे। हालांकि आयोग राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए समान अवसर और प्रचार के अधिकार की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, लेकिन उसने ऐसा कोई भी कदम उठाना सही नहीं पाया है जो कानूनी न्यायिक प्रक्रिया को ओवरलैप या ओवरराइड कर सके।
  4. आदर्श संहिता को लागू करने में, आयोग को अपनी अनिवार्य जिम्मेदारी, कानूनी अचल सम्‍पत्ति, संस्थागत समझ, समानता और लेनदेन में पारदर्शिता के लिए निर्देशित किया गया है चाहे संबंधित व्यक्तियों का ओहदा और प्रभाव कुछ भी हो या उनकी राजनीतिक संबद्धता कुछ भी हो।
  5. लोकसभा चुनावों की घोषणा के साथ 16 मार्च, 2024 को आदर्श संहिता लागू हुई। तब से चुनाव आयोग ने यह सुनिश्चित करने के लिए त्वरित और हितकर कार्रवाई की है कि समान अवसर में गड़बड़ी न हो और प्रचार में चर्चा अस्वीकार्य स्तर तक न गिरे।
  6. एक महीने की अवधि के दौरान, 07 राजनीतिक दलों के 16 प्रतिनिधिमंडलों ने आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन और संबंधित मामलों पर अपनी शिकायतें दर्ज कराने के लिए आयोग से मुलाकात की। राज्यों में मुख्य निर्वाचन अधिकारी के स्तर पर कई प्रतिनिधिमंडल मिले।
  7. सभी राजनीतिक दलों के साथ समान व्यवहार किया गया है, अल्प सूचना पर भी सभी को समय दिया गया और उनकी शिकायतों को धैर्यपूर्वक सुना गया।
  8. सीईसी श्री राजीव कुमार के नेतृत्व वाला आयोग ईसी श्री ज्ञानेश कुमार और श्री सुखबीर सिंह संधू के साथ रोजाना दोपहर 12 बजे एमसीसी के कथित उल्लंघन के देशव्यापी लंबित मामलों की निगरानी करता है।

चुनावों की घोषणा से पहले, सभी डीएम/कलेक्टर/डीईओ और एसपी को बिना किसी समझौते के मॉडल कोड लागू करने के लिए आयोग द्वारा विशेष रूप से और सीधे जागरूक किया गया था। सीईसी श्री राजीव कुमार ने दिल्ली में ईसीआई प्रशिक्षण संस्थान, आईआईआईडीईएम में 10 बैचों में 800 से अधिक डीएम/डीईओ को व्यक्तिगत रूप से प्रशिक्षित किया था। क्षेत्र के अधिकारियों ने इस कार्य में काफी हद तक खुद को मुक्‍त कर लिया है।

मॉडल कोड की पिछली एक महीने की अवधि के दौरान समान अवसर बनाए रखने के लिए ईसीआई के कुछ निर्णय इस प्रकार हैं:

  1. विभिन्न राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों द्वारा ईसीआई और राज्यों के स्तर पर लगभग 200 शिकायतें दर्ज की गई हैं। इनमें से 169 मामलों में कार्रवाई की गयी है।
  2. शिकायतों का विवरण इस प्रकार है: भाजपा से प्राप्त कुल शिकायतें 51 थीं, जिनमें से 38 मामलों में कार्रवाई की गई है; कांग्रेस की ओर से 59 शिकायतें थीं, जिनमें से 51 मामलों में कार्रवाई की गई; अन्य पक्षों से प्राप्त शिकायतें 90 थीं, जिनमें से 80 मामलों में कार्रवाई की गई है।
  3. छह राज्यों गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में मुख्यमंत्रियों के प्रधान सचिव के रूप में दोहरे प्रभार वाले अधिकारियों को स्वत: संज्ञान से हटाया गया, क्योंकि उनके पास गृह/सामान्य प्रशासन विभाग का भी प्रभार था। इसका उद्देश्य चुनाव से संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों, डीएम/डीईओ/आरओ और एसपी को मुख्यमंत्री कार्यालयों से दूर करना था।
  1. पश्चिम बंगाल के डीजीपी को स्वत: संज्ञान से हटाया गया क्योंकि उन्हें पिछले चुनावों में भी चुनाव ड्यूटी से रोका गया था।
  2. चार राज्यों गुजरात, पंजाब, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) के रूप में नेतृत्व पदों पर तैनात गैर-कैडर अधिकारियों का स्वत: स्थानांतरण।
  3. पंजाब, हरियाणा और असम में निर्वाचित राजनीतिक प्रतिनिधियों के साथ रिश्तेदारी या पारिवारिक जुड़ाव के कारण अधिकारियों का स्वत: स्थानांतरण।
  4. चुनाव की घोषणा के बाद, कांग्रेस और आप की शिकायत पर, व्हाट्सएप पर भारत सरकार के विकसित भारत संदेश का प्रसारण रोकने के लिए एमईआईटीवाई को निर्देश दिया गया।
  5. कांग्रेस और आप की शिकायत पर, सरकारी/सार्वजनिक परिसरों को विकृत करने पर ईसीआई के निर्देशों का तत्काल प्रभाव से अनुपालन करने के लिए सभी राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों को निर्देश।
  6. डीएमके की शिकायत पर भाजपा मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे के खिलाफ रामेश्वर ब्लास्ट कैफे पर असत्यापित आरोपों के लिए एफआईआर दर्ज की गई।
  7. आईएनसी की शिकायत पर, डीएमआरसी ट्रेनों और पेट्रोल पंप, राजमार्गों आदि से होर्डिंग्स, फोटो और संदेशों सहित सरकारी/सार्वजनिक परिसरों को विकृत करने पर ईसीआई के निर्देशों के अनुपालन के लिए कैबिनेट सचिव को निर्देश।
  8. कांग्रेस की शिकायत पर, केंद्रीय मंत्री श्री चंद्रशेखरन द्वारा अपने हलफनामे में संपत्ति की घोषणा में किसी भी बेमेल के सत्यापन के लिए सीबीडीटी को निर्देश।
  9. सुश्री ममता बनर्जी के प्रति आपत्तिजनक एवं अपमानजनक टिप्पणी के लिए एआईटीएमसी की शिकायत पर भाजपा नेता श्री दिलीप घोष को नोटिस।
  10. भाजपा की शिकायत पर, सुश्री सुप्रिया श्रीनेत और श्री सुरजेवाला, दोनों को क्रमशः सुश्री कंगना रनौत और सुश्री हेमा मालिनी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों के लिए नोटिस।
  11. श्री नरेंद्र मोदी के प्रति डीएमके नेता श्री अनिता आर राधाकृष्णन द्वारा की गई टिप्पणी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
  12. दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में प्रकाशकों का नाम बताए बिना होर्डिंग और बिलबोर्ड में गुमनाम विज्ञापनों के खिलाफ आम आदमी पार्टी की शिकायत पर कानून में अंतर को पाटने के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। होर्डिंग्स को शामिल करके मौजूदा कानून में ‘पैम्फलेट और पोस्टर’ के अर्थ को व्यापक आयाम देते हुए, सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को दिशानिर्देश जारी किए गए हैं, जिसमें प्रचार में जवाबदेही और पारदर्शिता के लिए होर्डिंग्स सहित मुद्रित चुनाव-संबंधी सामग्री पर प्रिंटर और प्रकाशक की स्पष्ट पहचान सुनिश्चित करना अनिवार्य है।
  13. कांग्रेस की शिकायत पर, दिल्ली में नगर निगम अधिकारियों को विभिन्न कॉलेजों से स्टार प्रचारकों के कटआउट हटाने के निर्देश जारी किए गए हैं।
  14. नागरिकों की उल्लंघन संबंधी शिकायतों पर आयोग के पोर्टल सी विजिल पर कुल 2,68,080 शिकायतें दर्ज की गई हैं। इनमें से 2,67,762 मामलों में कार्रवाई की गई और 92 प्रतिशत मामलों का समाधान औसतन 100 मिनट से भी कम समय में किया गया। सीविजिल की प्रभावशीलता के कारण, अवैध होर्डिंग्स, संपत्ति को विकृत करने, दिए गए समय से अधिक समय तक प्रचार करने औरअनुमति से अधिक वाहनों की तैनाती में काफी कमी आई है।

पृष्ठभूमि:

आदर्श आचार संहिता एक नियामक ढांचा है, हालांकि सख्त मायनों में कानूनी समर्थन के बिना, एक समान अवसर सुनिश्चित करने और नैतिक प्रचार के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए इसे तैयार किया गया है। आयोग ने समान अवसर और चुनाव प्रचार की स्वतंत्रता के बीच संतुलन बनाए रखने की जटिल गतिशीलता से पार पा लिया है। उल्लंघनों का तुरंत और निर्णायक समाधान करके, भारत का चुनाव आयोग पारदर्शिता, निष्पक्षता, जवाबदेही और समान अवसर के लोकतांत्रिक आदर्शों को मजबूत करता है। चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता को कायम रखना सर्वोपरि है।

Read More »

एस.एन. सेन बी.वी.पी.जी.कॉलेज में महाविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के मतदान जागरूकता अभियान के अंतर्गत मतदान के महत्व पर परिचर्चा आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस.एन. सेन बी.वी.पी.जी.कॉलेज में महाविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के मतदान जागरूकता अभियान के अंतर्गत मतदान के महत्व पर परिचर्चा का आयोजन कर चुनाव का पर्व मनाया गया कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री पी. के. मिश्रा, सचिव श्री पी. के. सेन, प्राचार्या प्रोफेसर सुमन तथा एन.एस.एस. प्रभारी प्रोफेसर चित्रा सिंह तोमर द्वारा परंपरागत रूप से किया गया |
इस कार्यक्रम में छात्राओं ने उत्साह से पूर्ण युवा मतदाता के रूप में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करते हुए कानपुर लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी श्री रमेश अवस्थी से क्षेत्र तथा शिक्षा के विकास पर सीधे सवाल किए| श्री रमेश अवस्थी ने सभी सवालों का सामना करते हुए उनके भलीभाँति जवाब दिए| उन्होंने अपने क्षेत्र मे शिक्षा के विकास हेतु अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया तथा छात्राओं की सभी शैक्षणिक समस्याओं के समाधान का आश्वासन भी दिया| छात्राओं ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के कारण उनकी पढ़ाई में आने वाली बाधाओं तथा चुनौतियों से संबंधित प्रश्न भी पूछे| इस अवसर पर समस्त महाविद्यालय परिवार उपस्थित रहा|

Read More »

डी जी कॉलेज में छात्राओं द्वारा असाइनमेंट आधारित व्याख्यान आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता भूगोल विभाग, दयानंद गर्ल्स पी जी कॉलेज, कानपुर में परास्नातक अंतिम वर्ष की छात्राओं का ग्रामीण भूगोल पर असाइनमेंट आधारित व्याख्यान का आयोजन भगोल विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. शशि बाला सिंह के निर्देशन में सम्पन्न कराया गया। डॉ. शशि बाला सिंह द्वारा समन्वित ग्रामीण विकास पर पीपीटी द्वारा व्याख्यान हुआ । तथा परास्नातक अंतिम वर्ष की छात्राओं द्वारा ग्रामीण भूगोल की विभिन्न इकाइयों : ग्रामीण भूगोल का अर्थ, परिभाषा एवं विषय क्षेत्र; ग्रामीण भूगोल के प्रकार; समन्वित ग्रामीण विकास; ग्रामीण अधिवावासों के प्रकार एवं प्रतिरूप; ग्रामीण आधारभूत संरचना एवं सुविधाएं आदि विषयों पर छात्रा शिवांशी, शिखा, मानसी, प्रज्ञा, श्रेया एवं कृति आदि के द्वारा पीपीटी बनाकर अपना प्रेजेंटेशन दिया गया। व्याख्यान की संयोजिका डॉ. शशि बाला सिंह ने व्याख्यान विषय पर प्रकाश डाला । व्याख्यान में प्रार्चाया प्रो० अर्चना वर्मा ने छात्राओं को डिजीटल प्रस्तुतिकरण के लिए प्रेरित किया, विभाग की असिस्टेंट प्रो. डॉ. अंजना श्रीवास्तव एवं श्रीमती श्वेता गोंड का सक्रिय योगदान रहा। कार्यक्रम में शोध छात्र सुभाष, विकास, अतुल, विपुल, दीक्षा मालवीया, कल्पना, नेहा, निधि, जयललिता तथा विभाग की समस्त छात्राएं उपस्थित रही।

Read More »

भारतीय तटरक्षक बल ने 27 बांग्लादेशी मछुआरों को बचाया और बांग्लादेश तटरक्षक बल को सौंप दिया गया

भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) ने 04 अप्रैल 2024 को एक त्वरित गतिविधि को संचालित करते हुए 27 बांग्लादेशी मछुआरों को सुरक्षित बचा लिया है। ये सभी समुद्र में मछली पकड़ने वाली अपनी नौका पर फंसे हुए थे। भारतीय तटरक्षक जहाज अमोघ ने 4 अप्रैल, 2024 को लगभग 11:30 बजे भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) पर गश्त के दौरान एक बांग्लादेशी मछली पकड़ने वाली नौका (बीएफबी) सागर II को भारतीय जल क्षेत्र में बहते हुए देखा। इसके बाद मामले की जांच के लिए भारतीय तटरक्षक बल के जहाज से एक दल को वहां भेजा गया। जांच के दौरान यह पता चला कि बांग्लादेशी नाव का स्टीयरिंग गियर पिछले दो दिन से खराब था और वह तभी से नाव भारतीय जल सीमा में बह रही थी। मछली पकड़ने वाली इस नौका पर 27 चालक दल के सदस्य/मछुआरे सवार थे।

भारतीय तटरक्षक बल की तकनीकी टीम ने बांग्लादेशी नाव की खराबी की पहचान करने और उसे ठीक करने की कोशिश की, लेकिन यह पाया गया कि उस नाव का स्टीयरिंग ह्वील पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था और समुद्र में इसकी मरम्मत नहीं की जा सकती थी। चूंकि समुद्र के हालात और मौसम की स्थिति अनुकूल थी, इसलिए यह निर्णय लिया गया कि भारतीय तट रक्षक एवं बांग्लादेश तटरक्षक के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) के अनुसार, संकटग्रस्त नाव को भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा में खींच लिया जाएगा और फिर उसे आईएमबीएल या बांग्लादेश की सीमा रेखा की तरफ उनके तटरक्षक जहाज अथवा किसी अन्य बांग्लादेशी मछली पकड़ने वाली नाव को सौंप दिया जाएगा।

इस बीच, भारतीय तटरक्षक के कोलकाता स्थित क्षेत्रीय मुख्यालय ने बांग्लादेश तटरक्षक बल के साथ संवाद स्थापित किया और उन्हें इस घटना तथा आगे की कार्ययोजना के बारे में जानकारी प्रदान की। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बांग्लादेश तटरक्षक जहाज (बीसीजीएस) कमरुज्जमां को मछली पकड़ने वाली बांग्लादेशी नाव को खींचने के लिए बांग्लादेश तटरक्षक द्वारा तैनात किया गया। बांग्लादेश तटरक्षक बल का जहाज कमरुज्जमां 4 अप्रैल 2024 को लगभग 18:45 बजे भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा के पास पहुंचा। भारतीय तटरक्षक के जहाज अमोघ ने 27 बांग्लादेशी मछुआरों को उनकी नाव के साथ बांग्लादेश तटरक्षक बल के जहाज कमरुज्जमां को सौंप दिया।

भारतीय तटरक्षक बल द्वारा संचालित किया गया यह ऑपरेशन सभी बाधाओं के बाद भी समुद्र में बहुमूल्य जीवन को सुरक्षित बचाने के प्रति भारत की वचनबद्धता को प्रदर्शित करता है। इस तरह के सफल खोज एवं बचाव अभियान न केवल क्षेत्रीय एसएआर संरचना को सशक्त करेंगे बल्कि पड़ोसी देशों के साथ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को भी बढ़ाएंगे। यह भारतीय तटरक्षक बल के आदर्श वाक्य “वयम रक्षामः” के अनुरूप है, जिसका अर्थ है “हम रक्षा करते हैं”।

Read More »

समानता के मुद्दे पर भारत को इस दुनियां में किसी से उपदेश की आवश्यकता नहीं है-उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज कहा कि भारत को समानता के मुद्दे पर इस दुनियां में किसी से उपदेश की आवश्यकता नहीं है क्योंकि हम सदैव समानता में विश्वास करते हैं। श्री धनखड़ ने सभी देशों से अपने भीतर झाँकने का आह्वान करते हुए इस बात पर प्रकाश डालते हुए कहा, “कुछ देशों में अभी तक कोई महिला राष्ट्रपति नहीं है, जबकि हमारे यहाँ ब्रिटेन से भी पहले एक महिला प्रधानमंत्री बन गई थीं। अन्य देशों में सर्वोच्च न्यायालय ने बिना महिला न्यायाधीश के 200 वर्ष पूरे कर लिए, लेकिन हमारे यहां महिला न्यायाधीश है।”

श्री धनखड़ ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के बारे में फैलाई जा रही झूठी कहानी और गलत सूचना के प्रति आगाह करते हुए रेखांकित किया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) न तो किसी भी भारतीय नागरिक को उसकी नागरिकता से वंचित करना चाहता है, न ही यह पहले की तरह किसी को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने से रोकता है। उन्होंने यह उल्लेख किया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों के लिए भारतीय नागरिकता के अधिग्रहण की सुविधा प्रदान करता है। उपराष्ट्रपति महोदय ने पूछा, “हमारे पड़ोस में उनकी धार्मिक प्रतिबद्धता के कारण सताए गए लोगों को यह राहत, उपचारात्मक संबंध भेदभावपूर्ण कैसे हो सकता है?”

यह देखते हुए कि  नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) उन लोगों पर लागू होता है जो 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत आए थे, उन्होंने इस बात पर बल दिया कि यह अधिक संख्या में लोगों को निमंत्रण नहीं है। उन्होंने आगाह किया, “हमें इन आख्यानों को बेअसर करना होगा। ये अज्ञानता से नहीं, बल्कि हमारे देश को बर्बाद करने की रणनीति से उत्पन्न होते हैं।”

उपराष्ट्रपति महोदय ने मसूरी के लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में व्यावसायिक पाठ्यक्रम के चरण- I के समापन पर आज 2023 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने युवा प्रतिभाओं से ऐसे “हमारे गौरवशाली और मजबूत संवैधानिक निकायों को कलंकित करने और धूमिल करने के उद्देश्य से तथ्यात्मक रूप से अस्थिर राष्ट्र-विरोधी आख्यानों के रणनीतिक आयोजनों” का खंडन करने का आह्वान किया।

यह कहते हुए कि हाल के वर्षों में शासन व्यवस्था बेहतर हुई है, उपराष्ट्रपति ने कहा कि विशेषाधिकार प्राप्त वंशावली अब गलियों में धूमिल हो रही है। उन्होंने कहा, “लोकतांत्रिक मूल्य और सार गहरा हो रहा है क्योंकि कानून के समक्ष समानता को अनुकरणीय तरीके से लागू किया जा रहा है और भ्रष्टाचार अब एक व्यापारिक वस्तु नहीं रह गया है। पहले यह अनुबंध, भर्ती, अवसर तक पहुंचने का एकमात्र साधन था।”

यह कहते हुए कि कुछ विशेषाधिकार प्राप्त वंशावली पहले सोचते थे कि वे कानूनी प्रक्रिया से सुरक्षित हैं और कानून उन तक नहीं पहुंच सकता है, उपराष्ट्रपति महोदय ने प्रशन किया, “हमारे जैसे लोकतांत्रिक देश में कोई दूसरों की तुलना में अधिक समान कैसे हो सकता है?” इस क्रांति में सिविल सेवकों के योगदान को मान्यता देते हुए उन्होंने युवा अधिकारियों से कहा कि कानून के समक्ष समानता जो लंबे समय से हमसे दूर थी और भ्रष्टाचार जो प्रशासन की रगों में खून की तरह बह रहा था, अब अतीत की बात है।

इस बात की प्रशंसा करते हुए कि हमारे सत्ता के गलियारों को उन भ्रष्ट तत्वों से मुक्त कर दिया गया है, जो निर्णय लेने में कानूनी रूप से अतिरिक्त लाभ उठाते हैं, उपराष्ट्रपति महोदय ने कहा कि देश को निराशा से बाहर निकाला गया है। उन्होंने कहा कि भारत आशा और संभावना की भूमि बन गया है। यह कहते हुए कि पूरे देश में उत्साह का माहौल है, उपराष्ट्रपति महोदय ने बल देकर कहा, “भारत अब सोता हुआ देश नहीं है। यह गतिमान देश है।”

इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि हमारी वैश्विक छवि बढ़ रही है, उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने कहा कि शायद ही कोई सप्ताह गुजरता हो जब हमारी नौसेना ने आपूर्ति श्रृंखलाओं को बचाने या समुद्री डकैती के पीड़ितों को बचाने के लिए काम नहीं किया हो। उन्होंने कहा कि प्रत्येक भारतीय को हमारी नौसेना की उपलब्धि पर गर्व होगा।

उपराष्ट्रपति महोदय ने कहा कि हमारी लोकतांत्रिक राजनीति के लिए सबसे बड़ी चुनौती उन लोगों से उत्पन्न हो रही है जो लंबे समय से व्यवस्था का हिस्सा रहे हैं, सत्ता के पदों पर रहे हैं, जिनके पास राष्ट्र के विकास में योगदान करने का अवसर था और सत्ता या सत्ता से बाहर होने के बाद उनमें राष्ट्र के विकास के पथ के प्रति कम भूख है। उन्होंने कहा कि युवा मन से कुछ प्रतिकार की आवश्यकता है।

यह चेतावनी देते हुए कि लोकतंत्र के लिए इससे अधिक चुनौतीपूर्ण कुछ नहीं हो सकता, उपराष्ट्रपति महोदय ने कहा कि विषय को अच्छी तरह से जानने वाला एक जागरूक दिमाग लोगों की अज्ञानता का फायदा उठाने के लिए गलत बयान देने वाले लोगों को बेनकाब करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “कुछ व्यक्ति, जो एक बार सत्ता या सत्ता से बाहर होने के बाद सत्ता के पदों पर रहे हैं, उनमें राष्ट्र के विकास पथ के प्रति कम भूख है।”

अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति महोदय ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) परिवीक्षाधीन अधिकारियों से कहा कि लोग उन्हें आदर्श के रूप में देखते हैं। उन्होंने कहा, “आपको ऐसे कार्यों से उदाहरण पेश करना होगा जो अनुकरणीय हों, युवा प्रतिभाओं को प्रेरित और उत्साहित करें तथा किसी भी क्षमता में बड़ों की प्रशंसा प्राप्त करें।” हमारे सभ्यतागत मूल्यों को अपना मार्गदर्शक सिद्धांत बताते हुए, उपराष्ट्रपति महोदय ने युवा अधिकारियों से “सेवा भाव और समानुभूति – सेवा और सहानुभूति की भावना” के साथ काम करने को कहा।

इस अवसर पर उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह, लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी के निदेशक श्री श्रीराम तरणीकांति और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

Read More »