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गुजरात में दूरसंचार विभाग ने 21 मार्च, 2024 को अपने दूरसंचार सुविधा केंद्र का शुभारंभ किया

भारत में दूरसंचार क्षेत्र एक परिवर्तनकारी सफलता के शिखर पर है, जो 5-जी, एम2एम/इन्टरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और संबद्ध तकनीक जैसी प्रौद्योगिकियों में प्रगति से प्रेरित है। स्टार्टअप, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) और शिक्षा जगत इस विकास में महत्वपूर्ण हितधारक हैं। गुजरात में दूरसंचार विभाग ने 21 मार्च, 2024 को अपने दूरसंचार सुविधा केंद्र का शुभारंभ किया है।

इस केंद्र का लक्ष्य स्टार्टअप, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई), शिक्षा, लाइसेंस, पंजीकरण धारकों आदि जैसे विभिन्न हितधारकों को न केवल नियामक प्रक्रियाओं को सम्मिलित करने में बल्कि विभाग की विभिन्न योजनाओं के लिए सहायता प्रदान करने और नवाचार को प्रोत्साहन देने में सहायता करके दूरसंचार क्षेत्र के विकास में सहयोग करना है। विभाग, दूरसंचार गुजरात कार्यालय, आरटीटीसी, एसजी हाईवे, जगतपुर, अहमदाबाद में प्रथम तल पर स्थित है। यह संभावित लाइसेंसधारी (टीएसपी, एनएलडी, आईएलडी, ऑडियोटेक्स, आदि) या पंजीकरण धारक (एम2एमएसपी, एनओसी, आईपी-1, आदि) को लाइसेंस प्राप्त करने और दूरसंचार विभाग से प्राधिकरण और उक्त लाइसेंस के भीतर निर्धारित नियमों और शर्तों को समझने में मार्गदर्शन प्रदान करेगा। यह केंद्र आरओडब्ल्यू, भवन उपनियम 2016 आदि से संबंधित मामलों पर भी सुविधा प्रदान करेगा। दूरसंचार सुविधा केंद्र का लक्ष्य वैश्विक और राष्ट्रीय एम2एम मानकों के माध्यम से मार्गदर्शन करके और पंजीकरण प्रक्रिया और अनुपालन को सुव्यवस्थित करके एम2एम सेवा प्रदाताओं के लिए सहयोग बढ़ाना है। यह पीएम वाणी पीडीओए और ऐप प्रदाताओं के लिए पंजीकरण में भी सहायता करता है, जिससे पूरे गुजरात में वाई-फाई हॉटस्पॉट की तैनाती सक्षम हो जाती है। इसके अलावा, केंद्र दूरसंचार विभाग की योजनाओं पर विस्तृत जानकारी देकर दूरसंचार स्टार्ट-अप, सूक्ष्म, लघु और माध्यम उद्यम (एमएसएमई), इनक्यूबेटर और हब को व्यापक सहायता प्रदान करेगा। ये योजनाएं टीटीडीएफ, डीसीआईएस, 5-जी उपयोग-केस प्रयोगशालाओं, कौशल विकास और हरित दूरसंचार प्रौद्योगिकियों सहित नवाचार, अनुसंधान एवं विकास पर ध्यान केंद्रित करती हैं, जो क्षेत्र के भीतर विकास और नवाचार को प्रोत्साहन देती हैं।

विभाग दूरसंचार विभाग, एलएसए गुजरात ऑनलाइन नियुक्तियों को निर्धारित करके दूरसंचार सुविधा केंद्र की सुविधाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए इच्छुक हितधारकों को आमंत्रित करता है। आमंत्रण की बुकिंग http://tiny.cc/TelecomFacilitationCentre के माध्यम से या नीचे दिए गए क्यू आर कोड को स्कैन करके की जा सकती है।

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राजस्व खुफिया निदेशालय ने लगभग 15 करोड़ रुपये मूल्य की 1.5 किलोग्राम से भी अधिक कोकीन जब्त की, एक नाइजीरियाई नागरिक सहित दो व्यक्ति गिरफ्तार

नशीली दवाओं की तस्करी पर अपना शिकंजा कसने का सिलसिला जारी रखते हुए राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के अधिकारियों ने एक अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश किया है और आज नई दिल्ली में लगभग 15 करोड़ रुपये मूल्‍य की 1.59 किलोग्राम (कुल भार) कोकीन जब्त की। यह गिरोह भारत-नेपाल सीमा के रास्‍ते अफ्रीका से भारत में नशीली दवाओं और साइकोट्रॉपिक पदार्थों (एनडीपीएस) की तस्करी में लिप्‍त है।

विशिष्ट खुफिया सूचना पर कार्रवाई करते हुए एक भारतीय नागरिक, जो 22.03.2024 की सुबह बिहार के रक्सौल से एक ट्रेन में दिल्ली के आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर पहुंचा था, को वहां रोक लिया गया और सफेद पाउडर जैसे पदार्थ वाले हल्के पीले रंग के 92 कैप्सूल उससे बरामद किए गए। एनडीपीएस की फील्ड टेस्टिंग किट का उपयोग करके किए गए नमूना परीक्षण से बरामद पदार्थ में कोकीन की मौजूदगी की पुष्टि हुई।

उस व्‍यक्ति से आगे पूछताछ करने से पता चला कि यह खेप द्वारका, नई दिल्ली में एक व्यक्ति को दी जानी थी। बड़ी तेजी से की गई आगे की कार्रवाई के परिणामस्वरूप एक नाइजीरियाई नागरिक को रोका गया, जो नई दिल्ली के द्वारका में ‘एनडीपीएस’ की डिलीवरी लेने के लिए स्कूटी पर आया था।

तस्करी के इस मामले में यह गिरोह अफ्रीकी देशों से सीधे या हवाई मार्ग से दुबई के रास्‍ते नेपाल के काठमांडू में ट्रॉली बैग में छिपाकर या शरीर में कैप्सूल डालकर प्रतिबंधित पदार्थ की तस्करी का काम करता था। इसके बाद इस गिरोह ने भारतीय नागरिकों का इस्तेमाल किया जिन्होंने नई दिल्ली से काठमांडू के लिए उड़ान भरी, ताकि काठमांडू के विभिन्‍न होटलों सहित पूर्व-निर्धारित स्थानों से प्रतिबंधित सामग्री एकत्र की जा सके और फि‍र भारत-नेपाल सीमा के पार उसकी तस्करी की जा सके। इसके बाद संबंधित वाहक सड़क मार्ग या ट्रेन के जरिए इस खेप को नई दिल्ली ले आएगा।

1.59 किलोग्राम (कुल भार) के 92 कैप्सूलों में छिपाई गई इस बरामद कोकीन, जिसकी कीमत लगभग 15 करोड़ रुपये है, को जब्त कर लिया गया और संबंधित वाहक एवं प्राप्तकर्ता दोनों को ही नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम, 1985 के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार कर लिया गया।

इस मामले में आगे जांच जारी है।

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वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन में 79वें स्टाफ कोर्स की तैयारी कर रहे भारतीय सशस्त्र बलों और मित्र देशों के छात्र अधिकारियों को संबोधित किया

वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल वी आर चौधरी ने  आज (22 मार्च 2024) डिफेंस सर्विसेज स्टॉफ कॉलेज, वेलिंगटन का दौरा किया। उन्‍होंने 79वें स्टाफ कोर्स की तैयारी कर रहे भारतीय सशस्त्र बलों और मित्र देशों के छात्र अधिकारियों और कॉलेज के स्थायी कर्मचारियों को संबोधित किया।

वायुसेना प्रमुख ने अधिकारियों को अपने संबोधन में भारतीय वायुसेना के सामने आनेवाली चुनौतियों, इसकी क्षमता विकास योजना और इसकी संयुक्तता के बारे में बताया। उन्होंने भारतीय वायुसेना को एक आधुनिक और भविष्य के लिए तैयार एयरोस्पेस फोर्स में बदलने के बारे में बहुत अच्‍छी तरह से व्‍याख्‍या की। उन्होंने भारतीय वायुसेना के सिद्धांत में बताए गए विजन को दोहराया, जिसमें निर्णायक एयरो स्पेस शक्ति प्रदान करने के लिए एक चुस्त और नई परिस्थितियों से परिचित होकर उसके अनुरूप अपने को ढालने वाली वायुसेना की परिकल्पना की गई है। वायुसेना प्रमुख के संबोधन में संघर्षरत क्षेत्रों से भारतीय प्रवासियों को सुरक्षित निकालने के काम और आपदा राहत कार्यों के दौरान भारतीय वायुसेना द्वारा निभाई गई प्रमुख भूमिका को उजागर किया गया। उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध और इज़राइल-हमास संघर्ष जैसे मौजूदा संघर्षों से प्राप्त महत्वपूर्ण वायुशक्ति सीख पर भी प्रकाश डाला।

वायुसेना प्रमुख को चल रही प्रशिक्षण गतिविधियों और डीएसएससी में संयुक्तता के लिए दिए जा रहे प्रोत्साहन के बारे में भी जानकारी दी गई, जिसकी प्रशंसा की गई।

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रंग दे गुलाल मोहे…

होली करीब आते जा रही थी और मेरे मन में उमंगे बढ़ती जा रही थी। इस बार पक्का सोच लिया था कि प्रतीक को ढेर सारा गुलाल लगाऊंगी और खुद लगवाऊंगी भी। मैं खास होली के लिए सफेद रंग की ड्रेस भी खरीद कर ले आई थी।

नई-नई शादी और शादी के बाद मेरी पहली होली कुछ ज्यादा ही रोमांच था मेरे भीतर। मैं तरह-तरह के पकवान बनाने में व्यस्त हो गई। होली में गुझिया बहुत पसंद थी मुझे और हमारे यहां तो भांग की गुजिया भी बनाई जाती है। भाभियां अपने देवरों को भांग की गुझिया खिला देती और भांग भी बहुत पी जाती थी हमारे यहाँ। लेकिन मैंने इस सब का इंतजाम नहीं किया था क्योंकि मैं रंग में भंग नहीं डालना चाहती थी। मुझे बस प्रतीक के साथ होली खेलनी थी और उसके साथ समय बिताना था ताकि मेरी पहली होली की यादें हमेशा रंगीन रहे।
नीरजा! नीरजा ! कहां हो तुम? प्रतीक की आवाज आई।
मैं:- “आ रही हूं, बोलो क्या काम है? क्यों घर को सर पर उठा रखा है?”
प्रतीक:-  “चलो बाजार चलते हैं। रंग गुलाल और पूजा का सामान वगैरा ले आते हैं, फिर बाद में मेरे पास वक्त नहीं होगा।”
मैं:-  “अच्छा ठीक है! कुछ देर रुको मैं जरा हाथ का काम निपटा लूं फिर आती हूं।” दस मिनट बाद हम लोग बाजार सामान लेने के लिए निकल गए। रंगों को देखकर मेरा मन मचलने लगा। मन हुआ कि अभी प्रतीक को गुलाल मल दूं लेकिन मैंने अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखा। जरूरत की चीजें खरीद कर हम घर आ गए।
प्रतीक अगली सुबह ही दोस्तों के साथ बाहर चले गए। मैंने फोन किया तो उठाया नहीं और दोपहर में घर आए तो कुछ नशे की हालत में दिखे। मैंने कहा, “आज से ही पीना शुरू कर दिया? होली तो कल है?”
प्रतीक:- “अरे ! दोस्तों के साथ था तो थोड़ी ले ली। अब मुझे खाना दो बहुत भूख लगी है।
मैं:-  “तुम्हारे कपड़े खराब है तो पहले नहा लो और मैं नींबू पानी लाती हूं तुम्हारे लिए।”
प्रतीक:- “नहीं ! मुझे वापस जाना है सब मेरा इंतजार कर रहे हैं बाद में आकर नहाऊंगा मैं।”
मैं:- “प्रतीक तुम्हारी हालत ठीक नहीं है और अब तुम्हें बाहर जाने की जरूरत नहीं है। आराम करो। कल होली खेलेंगे।”
प्रतीक :- “तुम चुप रहो! फालतू बातें मत किया करो, मुझे क्या करना चाहिए और क्या नहीं यह तुम मत बताओ। जो कहा है वह करो।”
मुझे प्रतीक का यह व्यवहार अच्छा नहीं लगा लेकिन मैं चुप रही। मेरे बहुत मना करने के बाद भी प्रतीक अपने दोस्तों के पास चले गए। रात को भी बहुत देर से घर आये और बहुत नशे में थे। आते ही सो गये। मैं जो इतने सपना संजो कर बैठी थी वह टूटते दिखाई दे रहे थे। सुबह होली की पूजा थी और प्रतीक सो रहे थे। मैंने प्रतीक को आवाज दी।
मैं:- “प्रतीक उठो आठ बज गए हैं।”
प्रतीक हड़बड़ा कर उठ गया ।
प्रतीक:- “अरे आठ बज गए तुमने मुझे उठाया क्यों नहीं?”
मैं:- “मैंने उठाया था लेकिन तुम उठे नहीं। अब उठ जाओ मैं चाय लेकर आती हूं।”
प्रतीक हाथ मुंह धोने चला गया और चाय पीकर फ्रेश होकर कब चला गया मुझे मालूम ही नहीं पड़ा। मैंने फोन लगाया और पूछा, “अरे! कहां चले गए आप? नाश्ता भी नहीं किया?”
प्रतीक:- “हां! मैं मेरे दोस्तों के साथ हूं। एक दोस्त के फार्म हाउस पर जा रहे हैं हम सब लोग।”
मैं:- “आज के दिन मुझे आपके साथ होली खेलनी थी। मम्मी पापा के यहां जाना था।”
प्रतीक:- “देखो आज तो समय नहीं है कल जाएंगे वहां और मैं आता हूं तब खेल लेना होली। यही एक दो दिन का तो मौका मिलता है जो मैं दोस्तों के साथ बिता सकता हूं और तुम पास में भाभी और दीदी है ना खेल लेना उनके साथ। अच्छा खाने पर मेरा इंतजार मत करना।”
मैं दुखी हो गई और मुझे सारे रंग फीके लगने लगे। मैं काम में लग गई और फिर बाद में तबीयत ठीक नहीं है का बहाना करके कमरे में आ गई। बाहर होली है… होली है की आवाजें… बच्चों की चिल्लाने की आवाजें आ रही थी और मैं अंदर ही अंदर कुढ़ रही थी। थकावट के कारण मेरी आंख लग गई थी कि प्रतीक के आने की आहट हुई। प्रतीक पूरे रंग में रंगे हुए थे।
प्रतीक:- “अरे! लेटी क्यों हो तुम? गई नहीं कहीं?”
मैं:- “नहीं मन नहीं हुआ।”
प्रतीक:- “अच्छा कुछ ले आओ खाने के लिए बहुत भूख लग रही है।”
मैं:- “क्यों वहां कुछ खाया नहीं?”
प्रतीक:- “खाया पर पता नहीं क्यों भूख लग रही है फिर से।”
मैं:- “अच्छा आती हूं लेकर।” मैं गुझिया पापड़ लेकर कमरे में आ गई कि प्रतीक ने गुलाल की थैली मेरे ऊपर पलट दी और आगे बढ़कर अपना गाल मेरे गाल से लगाकर गुलाल लगा दिया और पास आकर कहा “होली है”। मैं खुशी और शर्म से लाल हो गई। मैं प्रतीक को देखे जा रही थी।
प्रतीक:-  “सुबह से तो कह रही थी कि आपके साथ होली खेलनी है, अब सब छोड़ कर आया हूं तो ऐसे क्यों खड़ी हो?”
खाने की प्लेट जो रंग से रंग गई थी मैंने बाजू में रख दी और हाथों में रंग लेकर प्रतीक को रंग दिया। मेरी होली रंगीन होने लगी थी और मन गा रहा था…. मल दे गुलाल मोहे…. कि आई होली आई रे…….। ~प्रियंका वर्मा माहेश्वरी 

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डी जी कॉलेज के राष्ट्रीय सेवा योजना विशेष शिविर के सांस्कृतिक रंगारंग कार्यक्रम संपन्न

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 23 मार्च, डी जी डिग्री कॉलेज के राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय विशेष शिविर का समापन कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही के कुशल निर्देशन में हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि पर्यावरण संरक्षण संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री कृष्ण दीक्षित एवम विशिष्ट अतिथि प्रसिद्ध समाज सेवी  प्रदीप त्रिपाठी जी रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय प्राचार्या प्रो अर्चना वर्मा ने तथा संचालन टीम लीडर वर्षा सिंह ने किया। शिविर के प्रथम सत्र का शुभारंभ योग व्यायाम, एनएसएस गीत के साथ सरस्वती वंदना तथा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। सर्वप्रथम शहीद दिवस के अवसर पर अमर बलिदानी शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई। छात्राओं के द्वारा उनके जीवन चरित्र से संबंधित भाषण एवं कविताएं भी प्रस्तुत की गई तथा देश की अखंडता एवं अक्षुणता को बनाए रखने की शपथ भी ली गई। तत्पश्चात भारत की गौरवशाली संस्कृति तथा अनेकता में एकता को परिलक्षित करते हुए रंगारंग संस्कृत कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। इस अवसर पर प्रेम के प्रतीक राधा एवं कृष्ण बनकर वॉलिंटियर्स ने ब्रज की होली के गीतों पर भी नृत्य प्रस्तुत किया। प्रेरणाप्रद गान, देशगान तथा विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर कविताएं भी वॉलिंटियर्स के द्वारा प्रस्तुत की गई। मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना उत्कृष्ट नागरिकों का निर्माण करती है। प्राचार्य जी ने एनएसएस इकाई के द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्हें हार्दिक बधाई दी।
मध्याह्न भोजन के पश्चात द्वितीय सत्र में सभी वॉलिंटियर्स ने आपसी प्रेम, सद्भाव, भाईचारे तथा खुशियों के प्रतीक होली का त्योहार उत्साह व उमंग के साथ गुलाल तथा फूलों से होली खेल कर मनाया तथा इसी प्रकार से राष्ट्रीय सेवा योजना के द्वारा चलाए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में निरंतर, अविरल कार्य करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ अंजना श्रीवास्तव,  श्वेता गोंड, प्रो अलका श्रीवास्तव, प्रो विजय तिवारी, समस्त टीम लीडर्स, वॉलिंटियर्स, नरेश कुशवाहा, दीपा समेत कार्यक्रम में उपस्थित महाविद्यालय के समस्त कर्मचारियों का योगदान सराहनीय रहा।

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किदवई नगर व्यापार मंडल एवं लाफिंग बुद्धा स्कूल के संयुक्त तत्वाधान में वृहद मतदाता जागरूकता अभियान में संपन्न

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 22 मार्च लाफिंग बुद्धा स्कूल में वृहद मतदाता जागरूकता अभियान ए सी एम फर्स्ट राजेश कुमार  के नेतृत्व में संपन्न हुआ जिसमें करीब 200 लोग उपस्थित रहे जिसमें ए सी एम फर्स्ट महोदय ने सबसे पहले उपस्थित सभी व्यापरीकरण को वोटर हेल्पलाइन डाउनलोड कराया और बताया कि इस वोटर हेल्पलाइन में निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए समस्त निर्देश हैं इसके माध्यम से आप घर बैठे अपने दिए गए निर्धारित बूथ और कहां पर आपका वोट पड़ेगा की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं जिससे कि आपको किसी भी प्रकार की असुविधा न हो इस हेल्पलाइन के माध्यम से जिन लोगों के वोटर लिस्ट में नाम कट गए हैं उनको भी जोड़ने का तरीका बताया गया जिन लोगों के नाम गलत है उनके शुद्धिकरण के विषय में भी बताया गया बड़ी मात्रा में महिलाओं ने भी भागीदारी की कार्यक्रम में प्रमुख रूप से *किदवई नगर व्यापार मंडल* के अध्यक्ष हिमांशु पाल महामंत्री राम जी अग्रवाल कोषाध्यक्ष संजय सचान सह कोषाध्यक्ष कृष्ण कुमार सिंह जितेंद्र त्रिवेदी राजेंद्र सिंह विपिन सिंह शिखा पाल लाफिंग बुद्धा स्कूल की प्रधानाचार्य संध्या सचान ऋषि अवस्थी हर्षित पाल विकास रावत आदि बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। आए हुए सभी व्यापारी भाइयों और एसीएम फर्स्ट साहब का आभार संस्था के कोषाध्यक्ष संजय सचान ने व्यक्त किया।

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ऐस ऐन सेन बी वी पी जी कॉलेज की ऐन ऐस ऐस यूनिट द्वारा आयोजित ७ दिवसीय विशेष शिविर के पांचवें दिन महिलाओं के समाज में व्यवहार एवम सशक्त भूमिका के विषय में व्याख्यान आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता 21 मार्च प्रथम सत्र में मुख्य वक्ता  निमिषा त्रिपाठी, अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत – कानपुर प्रांत महिला प्रमुख – सेवाभारती महानगर किशोरी विकास प्रमुख, ने स्वयंसेविकाओं को महिलाओं के समाज में व्यवहार एवम सशक्त भूमिका के विषय में व्याख्यान दिया साथ मुख्य वक्ता ने व्याख्यान का प्रारंभ गयात्रिमंत्र के उच्चारण से किया। प्रोग्राम ऑफिसर प्रो. चित्रा सिंह तोमर ने पुष्पगुच्छ से मुख्य वक्ता का शिविर में स्वागत किया। अपने स्वयंसेविकाओं को किशोरी अवस्था में आने वाली शारीरिक, मानसिक एवम सामाजिक समस्याओं से अवगत कराते हुए उनके व्यवहारिक समाधानों पर प्रकाश डाला। व्याख्यान के अंत में स्वयंसेविकाओं ने कन्या भ्रूण हत्या तथा बेटी बचाओ पर सफल नुक्कड़ नाटक का मंधन किया।
भोजन अवकाश के पश्चात द्वातिये सत्र में वशिष्ठ सहायक उपनियंत्रक नागरिक सुरक्षा विमलेश कुमार यादव के द्वारा आग के बारे में जानकारी प्रदान की गई। आग क्या है, कितने प्रकार की होती है, तथा आग बुझाने के उपाय एवम डेमो के द्वारा आग बुझाने वाले उपकरणों का प्रयोग आदि के विषय में स्वयंसेविकाओं को जानकारी दी गई।
तत्पश्चात छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम का अभ्यास किया एवम छटवे दिन की रूपरेखा बनाई। राष्ट्रगान के साथ सत्र का समापन हुआ।

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इण्डियन सांईस काँग्रेस एसोशियेशन, कानपुर चैप्टर और डी०ए०वी कालेज के संयुक्त तत्वाधान मे सतत विकास की चुनौतियों(Challenges for Sustainable Development) पर व्याख्यान माला आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता 21 मार्च इण्डियन सांईस काँग्रेस एसोशियेशन, कानपुर चैप्टर और डी०ए०वी कालेज के संयुक्त तत्वाधान मे सतत विकास की चुनौतियों(Challenges for Sustainable Development) पर 21 मार्च, 2024 को एक व्याख्यान माला डी०ए०वी कालेज, प्रेक्षागार में आयोजित की गयी है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही डी०ए०वी कालेज की प्रबंध समिति की सचिव श्रीमती कुमकुम स्वरूप ने सतत विकास की चुनौतियों में महिलाओं की भागीदारी का उल्लेख किया। प्रबंध समिति के संयुक्त सचिव ई0 गौरवेन्द्र स्वरूप ने प्राचीन भारत के गौरवशाली वैज्ञानिक योगदान पर चर्चा की। डा0 शक्ति विनय शुक्ला, निदेशक FFDC, कन्नौज ने रसायनिक प्रदूषण के निराकरण पर विचार व्यक्त किया।

डॉ. डी० एस० बाग, संयुक्त निदेशक, DMSRDE कानपुर ने पालीमर उद्योग का पर्यावरण पर प्रभाव पर चर्चा की। डा० सुधीर प्रताप सिंह, वैज्ञानिक-D,DBT-CAIB मोहाली ने जैव प्रौद्योगिकी का विकास में संभवनाओं का उल्लेख किया। प्रारम्भ में स्वागत प्राचार्य प्रो० अरुण दीक्षित द्वारा सम्पन्न हुआ एंव धन्यवाद प्रस्ताव प्रो० सुधीर कुमार श्रीवास्तव, कार्यक्रम के संयोजक द्वारा दिया गया।

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डी जी कॉलेज एनएसएस वॉलिंटियर्स ने लगाई बस्ती में बच्चों की पाठशाला

भारतीय स्वरूप संवाददाता 21 मार्च डी जी कॉलेज के राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय विशेष शिविर के पांचवे दिन प्रथम सत्र में शिविर स्थल की सफाई, योग एवं व्यायाम के पश्चात गणपति वंदना एवं पूजन के साथ एनएसएस गीत गाकर शिविर का आरंभ महाविद्यालय की कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही के कुशल निर्देशन में किया गया। इस सत्र में वॉलिंटियर्स के द्वारा बस्ती के बच्चों की पाठशाला लगाई गई तथा उन्हें पौष्टिक आहार का वितरण भी किया गया। वॉलिंटियर्स ने बस्ती में घर-घर जाकर सर्वेक्षण का कार्य करने के उपरांत मध्याह्न भोजन ग्रहण किया उसके पश्चात सायंकालीन सत्र में डिजिटल इंडिया वर्कशॉप में रवि सी एस सी कंप्यूटर ट्रेनिंग सेंटर से पधारे श्री अमर कुमार के द्वारा एनएसएस वॉलिंटियर्स तो ट्रेनिंग दी गई। महाविद्यालय प्राचार्य प्रोफेसर अर्चना वर्मा ने इस आदिवासी विशेष शिविर में छात्राओं के द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना में जिन मुद्दों पर कार्य किया जाता है वह छात्रों के व्यक्तित्व के विकास की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है कार्यक्रम को सफल बनाने में कार्यालय अधीक्षक श्री कृष्णेंद्र श्रीवास्तव, डॉ श्वेता गोंड, डॉ अंजना श्रीवास्तव तथा टीम लीडर्स समेत समस्त वॉलिंटियर्स का सराहनीय योगदान रहा।

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भारतीय नौसेना ने समुद्री डकैती विरोधी अभियान चलाकर एमवी रुएन को समुद्री लुटेरों से बचाया

अरब सागर में गश्त पर तैनात आईएनएस कोलकाता ने 40 घंटे से अधिक समय तक चले तलाशी अभियान के बाद 16 मार्च 24 को सोमालियाई समुद्री डाकुओं से मालवाहक जहाज एमवी रुएन को बचाया। मालवाहक जहाज का पिछले साल दिसंबर में अपहरण कर लिया गया था। अब तक यह सोमालियाई समुद्री डाकुओं के नियंत्रण में था।

समुद्री सुरक्षा अभियानों के तहत भारतीय नौसेना इस क्षेत्र में व्यापक निगरानी कर रही है, जिसमें यातायात की निगरानी भी शामिल है। निगरानी के दौरान जुटाई गई सूचना के आधार पर भारतीय नौसेना रुएन जहाज की गतिविधि को ट्रैक करने में सक्षम थी। इस आधार पर आईएनएस कोलकाता को सोमालिया से लगभग 260 नॉटिकल माइल (एनएम) पूर्व में जहाज को रोकने का निर्देश दिया गया। आईएनएस कोलकाता ने 15 मार्च 24 की सुबह रुएन को रोका और जहाज से लॉन्च किए गए ड्रोन के माध्यम से सशस्त्र समुद्री डाकुओं की उपस्थिति की पुष्टि की। समुद्री डाकुओं ने भड़काऊ कार्रवाई करते हुए ड्रोन को मार गिराया और भारतीय नौसेना के युद्धपोत पर गोलीबारी शुरू कर दी। अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का पालन करते हुए संतुलित प्रतिक्रिया अपनाकर आईएनएस कोलकाता ने रुएन जहाज के स्टीयरिंग सिस्टम और नेविगेशनल सहायता को निष्क्रिय कर दिया। इसके परिणामस्वरूप समुद्री डाकुओं को जहाज रोकना पड़ा।
इस दौरान आईएनएस कोलकाता ने सुनियोजित तरीके से जहाज के करीब निकटता बनाए रखी। इसके अलावा बातचीत की प्रक्रिया भी सक्रिय रूप से जारी रही। इसके परिणामस्वरूप समुद्री लुटेरों ने आत्मसमर्पण कर दिया और समुद्री जहाज एमवी रुएन और जहाज पर मौजूद उसके चालक दल को रिहा कर दिया। भारत की मुख्य भूमि से 1400 नॉटिकल माइल (एनएम)(2600 किमी) दूर चल रहे समुद्री डकैती रोधी अभियान में भारतीय नौसेना के प्रयासों से 16 मार्च 24 की सुबह उस क्षेत्र में गश्ती पोत आईएनएस सुभद्रा की तैनाती की गई। इसके साथ ही उसी दिन दोपहर में सी-17 विमान द्वारा मरीन कमांडो (प्रहार) को एयर-ड्रॉप किया गया। इसके अतिरिक्त हेल आरपीए और पी8आई समुद्री टोही विमान की मदद से जहाज की निगरानी की जा रही थी।

पिछले 40 घंटों में भारतीय नौसेना के निरंतर दबाव और कार्रवाई के कारण सभी 35 सोमाली समुद्री डाकुओं ने 16 मार्च 24 की दोपहर को आत्मसमर्पण कर दिया। एमवी रुएन के सभी 17 चालक दल के सदस्यों को भी बिना किसी चोट सुरक्षित निकाल लिया गया। जहाज को अवैध हथियारों, गोला-बारूद और प्रतिबंधित पदार्थों से भी मुक्त कर दिया गया।
17 मार्च 2024 की सुबह एमवी रुएन की जांच की जाएगी। इस पर लगभग 37800 टन माल लदा हैजिसकी कीमत लगभग एक मिलियन डॉलर है। इस जहाज को सुरक्षित रूप से भारत लाया जाएगा।
दक्षिणी भारतीय महासागर क्षेत्र (आईओआर) में रुएन से जुड़े चल रहे एंटी-पाइरेसी ऑपरेशन का निष्कर्ष शांति एवं स्थिरता को मजबूत करने और क्षेत्र में समुद्री डकैती के किसी भी प्रयास को विफल करने की दिशा में भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता को उजागर करती है। भारतीय नौसेना भारतीय महासागर क्षेत्र में ‘फर्स्ट रिस्पॉन्डर’ (‘प्रथम प्रतिक्रिया देने वाले देश’) के रूप में अपनी भूमिका निभाने को लेकर दृढ़ है।

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