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राष्ट्रपति ने आज राष्ट्रपति भवन में आयोजित नागरिक अलंकरण समारोह में 3 पद्म विभूषण, 8 पद्म भूषण और 55 पद्म श्री पुरस्कार प्रदान किए

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित नागरिक अलंकरण समारोह-I में 3 पद्म विभूषण, 8 पद्म भूषण और 55 पद्म श्री पुरस्कार प्रदान किए।

इस अवसर पर उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला, केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह सहित भारत सरकार के अनेक मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अलंकरण समारोह के बाद केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह और अन्य केन्द्रीय मंत्रियों ने पद्म पुरस्कार विजेताओं के साथ गृह मंत्री द्वारा उनके आवास पर दिए गए रात्रि भोज के दौरान संवाद किया।

पद्म पुरस्कार विजेता कल सुबह (23 अप्रैल, 2024) राष्ट्रीय समर स्मारक (National War Memorial) पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। वे राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री संग्रहालय का भी भ्रमण करेंगे।

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संघ लोक सेवा आयोग ने संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा (II), 2023 का अंतिम परिणाम घोषित किया

संघ लोक सेवा आयोग ने संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा (II), 2023 के अंतिम परिणाम घोषित कर दिए हैं। 197 अभ्यर्थियों (143 + 39 + 15) की योग्यता के क्रम में सूची तैयार की गई है। इस सूची में उन अभ्यर्थियों के नाम शामिल हैं जिन्होंने संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा (II), सितंबर, 2023 की लिखित परीक्षा उत्तीर्ण की है और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून, भारतीय नौसेना अकादमी, एझिमाला, केरल और वायु सेना अकादमी, हैदराबाद (प्री-फ्लाईंग)यानी नंबर 216 एफ (पी) पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए रक्षा मंत्रालय के सेवा चयन बोर्ड (एसएसबी) द्वारा आयोजित साक्षात्कार में सफलता प्राप्त की है।

2. विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए तीन सूचियों में कुछ सामान्य उम्मीदवार मौजूद हैं।

3. भारतीय सैन्य अकादमी के लिए सरकार द्वारा सूचित रिक्तियों की संख्या 100 है, इनमें  राष्ट्रीय कैडेट कोर-एनसीसी ‘सी’ प्रमाणपत्र (सेना विंग) धारकों के लिए आरक्षित 13 रिक्तियां शामिल हैं। भारतीय नौसेना अकादमी, एझिमाला, केरल कार्यकारी शाखा (सामान्य सेवा)/हाइड्रो के लिए 32 [राष्ट्रीय कैडेट कोर-एनसीसी ‘सी’ सर्टिफिकेट (एनसीसी स्पेशल एंट्री के माध्यम से नेवल विंग) धारकों के लिए 06 रिक्तियों सहित] 32 रिक्तियाँ और वायु सेना अकादमी, हैदराबाद के लिए [03 रिक्तियां राष्ट्रीय कैडेट कोर-एनसीसी स्पेशल एंट्री के माध्यम से राष्ट्रीय कैडेट कोर-एनसीसी ‘सी’ सर्टिफिकेट (एयर विंग) धारकों के लिए आरक्षित हैं।

4. आयोग ने भारतीय सैन्य अकादमी, भारतीय नौसेना अकादमी और वायु सेना अकादमी में प्रवेश के लिए लिखित परीक्षा में क्रमशः 2675, 0970 और 0622 को योग्य मानने की सिफारिश की थी। सेना मुख्यालय द्वारा आयोजित एसएसबी परीक्षण के बाद अंतिम रूप से उत्तीर्ण होने वाले उम्मीदवारों की संख्या है।

5. इन सूचियों को तैयार करने में मेडिकल जांच के नतीजों को ध्यान में नहीं रखा गया है.

6. इन अभ्यर्थियों की जन्म तिथि और शैक्षिक योग्यता के सत्यापन की प्रक्रिया अभी जारी है। इसलिए इन सभी अभ्यर्थियों की उम्मीदवारी इस आधार पर अनंतिम है। उम्मीदवारों से अनुरोध है कि वे अपने द्वारा दावा की गई जन्मतिथि/शैक्षणिक योग्यता आदि के समर्थन में अपने मूल प्रमाण पत्र, उनकी फोटोस्टेट सत्यापित प्रतियों के साथ अपनी पहली पसंद के अनुसार सेना मुख्यालय/नौसेना मुख्यालय/वायु मुख्यालय को अग्रेषित करें।

7. यदि पते में कोई परिवर्तन होता है, तो अभ्यर्थियों को परामर्श दिया जाता है कि वे संबंधित मुख्यालय को तुरंत सूचित करें।

8. परीक्षा के परिणाम संघ लोक सेवा आयोग की वेबसाइट (http://www.upsc.gov.in) पर उपलब्ध हैं।  हालांकि, संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा (II), 2023 के लिए अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (ओटीए) के अंतिम परिणाम की घोषणा के बाद अभ्यर्थियों के अंक वेबसाइट पर उपलब्ध होंगे।

9- अभ्यर्थी किसी भी अधिक जानकारी के लिए आयोग के कार्यालय के गेट ‘सी’ के पास सुविधा काउंटर से या तो व्यक्तिगत रूप से या टेलीफोन नंबर 011- 23385271/011-23381125/011-23098543 पर किसी भी कार्य दिवस पर प्रात: 10:00 बजे से 17:00 बजे के बीच संपर्क कर सकते हैं।

पूरा रिजल्ट देखने के लिए यहां क्लिक करें.

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वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने वित्तीय प्रबंधन के लिए नया स्वनिर्मित ‘अकाउंट मैनेजर सॉफ्टवेयर’ अमल में लाना शुरू किया

वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने वित्तीय प्रबंधन के लिए स्वनिर्मित ‘अकाउंट मैनेजर सॉफ्टवेयर’ को सफलतापूर्वक अमल में लाकर देश के अन्य सभी केंद्रीय स्वायत्त संस्थानों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया है।

सीएसआईआर ने 1 अप्रैल 2024 को, 30 जून की सामान्य वित्तीय नियम (जीएफआर) की समय सीमा से काफी पहले, वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अपना वार्षिक लेखा-जोखा तैयार कर लिया था। वित्तीय वर्ष 2023-24 का वार्षिक लेखा-जोखा पहले ही सीएजी कार्यालय में दाखिल किया जा चुका है।

इस्तेमाल में आसानी के लिए डिज़ाइन किए गए सहज इंटरफ़ेस के साथ, इस सॉफ़्टवेयर के उपयोगकर्ता बहुत सरलता से वित्तीय डेटा को इनपुट, ट्रैक और नियंत्रित कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, यह व्यापक वित्तीय रिपोर्ट, बैलेंस शीट, आय व व्यय के विवरण और अन्य प्रासंगिक विश्लेषण तैयार करता है, जो सीएसआईआर को सुविचारित निर्णय लेने के लिए कार्रवाई योग्य अंतर्दृष्टि के साथ सशक्त बनाता है। यह सॉफ्टवेयर भूमिका-आधारित पहुंच के जरिए से डेटा सुरक्षा को सुनिश्चित करता है।

इस सीएसआईआर सॉफ्टवेयर की सबसे महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक इसकी वास्तविक समय की निगरानी क्षमता है, जो उपयोगकर्ताओं को वास्तविक समय में वित्तीय गतिविधियों की निगरानी करने की अनुमति देती है। यह समय पर हस्तक्षेप करने और बेहतर निर्णय लेने में सक्षम बनाता है।

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लेखा-परीक्षणपर्यावरण एवं वैज्ञानिक विभागसी एंड एजीनई दिल्ली की महानिदेशक सुश्री गुरवीन सिद्धू को बैलेंस शीट की हस्ताक्षरित प्रति प्रदान की

यह सॉफ्टवेयर अद्वितीय दक्षता के साथ सीएसआईआर के भीतर वित्तीय लेनदेन, लेखांकन और रिपोर्टिंग को सुव्यवस्थित और प्रबंधित करने में मदद करता है। यह वित्तीय डेटा के प्रबंधन को बहुत आसान बनाता है और हर प्रक्रिया में पारदर्शिता व सटीकता को सुनिश्चित करता है। वित्तीय कार्यप्रणालियों को मानकीकृत करके, दक्षता में सुधार करके और सीएसआईआर प्रयोगशालाओं में बेहतर वित्तीय नियंत्रण को सक्षम करके, इस सॉफ्टवेयर ने वित्तीय प्रबंधन का एक नया युग प्रारंभ किया है, जो अपने सभी कर्मचारियों, पेंशनभोगियों, पारिवारिक पेंशनभोगियों और परियोजना कर्मचारियों के एक जटिल नेटवर्क को संभालता है।

एएमएस सॉफ्टवेयर को एक इन-हाउस टीम द्वारा विकसित किया गया था। इस टीम में सीनियर डिप्टी एफए श्री एस.पी. सिंह, एफएओ श्री अरविंद खन्ना और तकनीकी अधिकारी सुश्री आकांक्षा त्रेहन थीं। इसे डॉ. एन. कलैसेल्वी, महानिदेशक, सीएसआईआर/सचिव, डीएसआईआर के मार्गदर्शन और श्री चेतन प्रकाश जैन, संयुक्त सचिव एवं वित्तीय सलाहकार, सीएसआईआर/डीएसआईआर के नेतृत्व में सीएसआईआर मुख्यालय और देश भर में फैली इसकी 37 राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं में अमल में लाया गया है।

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एनएफडीसी ने 18वें मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (एमआईएफएफ) में विशेष एनीमेशन कार्यशाला की घोषणा की

मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (एमआईएफएफ) का आयोजन करने वाली सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की नोडल एजेंसी राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) की ओर से आगामी 18वें मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (एमआईएफएफ) में सभी इच्छुक एनिमेटरों को अपनी रचनात्मकता को मुक्‍त करने और विशेष एनीमेशन क्रैश कोर्स और वीएफएक्स पाइपलाइन कार्यशाला में महत्‍वपूर्ण विशेषज्ञता हासिल करने के लिए आमंत्रित किया जाता है।यह अनूठा अवसर 16 जून से 20 जून तक पांच दिवसीय गहन कार्यक्रम प्रदान करता है, जिसका नेतृत्व बैटमैन और वंडर वुमन जैसी प्रतिष्ठित परियोजनाओं पर काम कर चुके वार्नर ब्रदर्स के एक अनुभवी एनीमेशन फिल्म निर्माता करेंगे। प्रतिभागी व्यावहारिक ज्ञान और उद्योग संबंधी अंतर्दृष्टि प्राप्त करते हुए, मूवी, सीरीज़ और गेमिंग एनीमेशन की मनोरम दुनिया का अन्‍वेषण करेंगे।

भारत में फिल्मों, विजुअल इफेक्ट्स (वीएफएक्स), गेमिंग एनीमेशन और मोबाइल प्लेटफॉर्म के लिए मनमोहक सामग्री की बढ़ती मांग के कारण एनीमेशन क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि हो रही है। यह प्रतिभाशाली और उत्‍साही एनिमेटरों के लिए रोमांचक अवसरों में रूपांतरित होती है। भारत में एनीमेशन उद्योग फल-फूल रहा है। 25% की वृद्धि दर और 2023 तक 46 बिलियन रूपये के अनुमानित मूल्य (फिक्की-ईवाई रिपोर्ट 2023) के साथ, यह रोमांचक क्षेत्र उत्साही युवाओं के लिए अवसरों का खजाना प्रदान करता है।

चाहे आप कहानी सुनाने के जुनून और रचनात्मक प्रवृत्ति से युक्‍त उभरते हुए एनिमेटर हों या पूरी तरह नौसिखिए, यह कार्यशाला सभी के लिए खुली है और एक संतोषप्रद करियर के लिए आपकी मददगार हो सकती है। इसके लिए एनिमेशन में किसी तरह का कोई पूर्व अनुभव आवश्यक नहीं है। केवल अपने उत्साह और बुनियादी कंप्यूटर कौशल के साथ आएं।

सीटें केवल 20 प्रतिभागियों तक सीमित हैं, इसलिए पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर आज ही पंजीकरण कराएं। वर्कशॉप शुल्क मात्र 10,000/- रुपये है और इसमें ब्लेंडर जैसे सॉफ़्टवेयर तक पहुंच शामिल है। यह कार्यशाला एनएफडीसी, 24 डॉ. गोपालराव देशमुख मार्ग, मुंबई 400026 में आयोजित की जाएगी।

इस कार्यशाला का चयन क्यों करें?

  • सर्वश्रेष्ठ से सीखें: प्रमाणित ट्रैक रिकॉर्ड वाले इस उद्योग के अनुभवी पेशेवर से प्रत्यक्ष ज्ञान प्राप्त करें।
  • व्‍यवहारिक रूप से सीखें: अपने नए कौशल को व्‍यवहार में लाते हुए विशेषज्ञ मार्गदर्शन में अपनी खुद की एनीमेशन क्लिप तैयार करें।
  • उद्योग संबंधी अंतर्दृष्टि: मूवी और गेमिंग एनीमेशन पाइपलाइन की बारीकियों को समझें और नौकरी के अवसरों का पता लगाएं।
  • वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्र: भारत में फिल्म निर्माण और एनीमेशन के क्षेत्र के अग्रणी संगठन एनएफडीसी से प्रतिष्ठित प्रमाणपत्र प्राप्त करें।

अतिरिक्त लाभ:

  • पुरस्कार-विजेता फिल्मों का अनुभव करें: समीक्षकों द्वारा प्रशंसित ढेरों वृत्तचित्रों और एनिमेटेड शॉर्ट्स में खुद को तल्‍लीन करें।
  • मास्टर क्‍लासेज : विशेष मास्टर क्लास सत्रों के माध्यम से उद्योग जगत की प्रसिद्ध हस्तियों से सीखें

सीमित सीटें उपलब्ध हैं! तत्‍काल पंजीकरण करें

पंजीकरण और अधिक जानकारी के लिए, कृपया https://miff.in/animation-crash-course/ पर विजिट करें / या हमें pr@nfdcindia.comपर ईमेल करें।

अपने एनीमेशन कौशल को उन्नत बनाने और प्रतिष्ठित मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में शामिल होने का यह सुनहरा अवसर न चूकें।

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केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सुरक्षा स्थिति का जमीनी स्तर पर आकलन करने के लिए विश्व के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन का दौरा किया

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज (22 अप्रैल, 2024) सुरक्षा स्थिति का प्रत्यक्ष आकलन करने के लिए विश्व के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन का दौरा किया। श्री सिंह ने विपरीत मौसम और दुर्गम क्षेत्र की परिस्थितियों में तैनात सैनिकों से भी बातचीत की। रक्षा मंत्री के साथ थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, उत्तरी कमान लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिन्द्र कुमार और जनरल ऑफिसर कमांडिंग, 14 कोर लेफ्टिनेंट जनरल रशिम बाली भी थीं।

एरियल सर्वेक्षण के पश्चात, रक्षा मंत्री 15,100 फीट की ऊंचाई पर एक अग्रिम चौकी पर उतरे और उन्हें सियाचिन ग्लेशियर में परिचालन तैयारी और वर्तमान सुरक्षा स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने जमीनी स्तर पर कमांडरों के साथ परिचालन चुनौतियों से जुड़े पहलुओं पर भी विचार-विर्मश किया।

सैनिकों को संबोधित करते हुए, श्री राजनाथ सिंह ने विषम परिस्थितियों में वीरता और दृढ़ संकल्प के साथ मातृभूमि की रक्षा के पुण्य पथ पर चलने के लिए उनकी प्रशंसा की। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि राष्ट्र सशस्त्र बल कर्मियों का सदैव ऋणी रहेगा, क्योंकि उनके बलिदान के वजह से हर नागरिक सुरक्षित महसूस करता है। “हम शांतिपूर्ण जीवन जी रहे हैं, क्योंकि हम आश्वस्त हैं कि हमारे बहादुर सैनिक सीमाओं पर दृढ़ता से खड़े हैं। आने वाले समय में जब राष्ट्रीय सुरक्षा का इतिहास लिखा जाएगा, तो बर्फीले ठंडे ग्लेशियर में हमारे सैनिकों की वीरता और दृढ़ इच्छाशक्ति के कामों को गर्व के साथ याद किया जाएगा। यह भविष्य की पीढ़ियों के लिए हमेशा प्रेरणादायक रहेगी।”

श्री सिंह ने कहा कि सियाचिन कोई आम जगह नहीं है, बल्कि उन्होंने इसे भारत की संप्रभुता और दृढ़ संकल्प का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि जैसे दिल्ली भारत की राष्ट्रीय राजधानी है, मुंबई वित्तीय राजधानी है, बेंगलुरु प्रौद्योगिकी राजधानी है, उसी तरह, सियाचिन साहस, दृढ़ निश्चय और संकल्प की राजधानी है।

हाल ही में, देश ने ऑपरेशन मेघदूत की सफलता की 40वीं वर्षगांठ मनाई। श्री सिंह ने 13 अप्रैल, 1984 को भारतीय सेना द्वारा सियाचिन में शुरू किये गये इस ऑपरेशन को देश के सैन्य इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय बताया। उन्होंने कहा, ”ऑपरेशन मेघदूत की कामयाबी हम सभी के लिए गर्व की बात है।”

इस अवसर पर, रक्षा मंत्री ने मातृभूमि की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर जवानों को सच्ची श्रद्धांजलि के रूप में सियाचिन युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।

गौरतलब है कि श्री सिंह ने 24 मार्च, 2024 को लेह का दौरा किया था और सैनिकों के साथ होली मनाई थी। उनका सियाचिन जाने का कार्यक्रम था, लेकिन प्रतिकूल मौसम के कारण इसे स्थगित करना पड़ा था। लेह से रक्षा मंत्री ने सियाचिन में तैनात सैनिकों से फोन पर बात की थी और उन्हें बताया कि वह जल्द ही विश्व के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र का दौरा करेंगे और उनके साथ बातचीत करेंगे। इस तरह आज की यात्रा के साथ, श्री सिंह ने, अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद, अपना वादा पूरा किया।

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विश्व पृथ्वी दिवस WORLD EARTH DAY के अवसर पर एस एन सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज में 8 Days 8 Scientists “ नामक व्याख्यान शृंखला का शुभारंभ

भारतीय स्वरूप संवाददाता विश्व पृथ्वी दिवस WORLD EARTH DAY 🌱 के अवसर पर कानपुर के एस एन सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज, कानपुर के वनस्पति विज्ञान विभाग ने 8 दिवसीय व्याख्यान शृंखला का शुभारंभ किया । “8 Days 8 Scientists “ नामक इस शृंखला में आठ दिवसों में आठ वैज्ञानिक विज्ञान के अलग अलग विषयों पर व्याख्यान देंगे । सभी वैज्ञानिक कानपुर के ICAR-IIPR अर्थात् दलहन अनुसंधान संस्थान से आते हैं।
आज प्रथम दिवस पर वैज्ञानिक डॉ साथिश नाइक का व्याख्यान रहा । शुभारंभ प्राचार्य प्रो सुमन ,रसायन विज्ञान की विभागाध्यक्ष प्रो गार्गी यादव , वनस्पति विज्ञान की विभागाध्यक्ष डा प्रीति सिंह ,डॉ शैल वाजपेयी , डॉ अमिता सिंह ने दीप प्रज्वलित एवं माल्यार्पण करके किया ।
डॉ सतीश नायक का विषय नैनोटेक्नोलॉजी था। उन्होंने बताया किस प्रकार १०० पेज का डेटा एक सेंटीमीटर में बायोटेक्नोलॉजी की मदद से कैसे स्टोर कर सकते है । उनके व्याख्यान में अनेक रोचक विषयों की चर्चा की जैसे बायो मिनिरलाइज़ेशन, नैनों मटेरियल ,नैनोपार्टिकल, नैनों फर्टिलाइजर,कार्बन नैनोट्यूब , नैनोरोबॉट्स, नैनरोड्स ,नैनोफ़ैब्रिक्स, फेब्रिकेशन चिप्स अंत में छात्राओ की समस्याओं का निराकरण किया । सभी ने व्याख्यान की प्रशंसा की ।विज्ञान संकाय के अतिरिक्त डॉ रचना निगम , प्रो मीनाक्षी व्यास, डॉ प्रीता अवस्थी , अवधेश ने भी व्याख्यान के आयोजन में सक्रिय योगदान दिया एवं लाभ उठाया ।

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अतुल दीक्षित 

सम्पादक मुद्रक प्रकाशक 

दैनिक भारतीय स्वरूप (उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, महाराष्ट्र से प्रकाशित)

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कानपुर प्रेस क्लब और कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के संयुक्त तत्वावधान में मतदाता जागरूकता अभियान का शुभारंभ

भारतीय स्वरूप संवाददाता, कानपुर के ब्रह्मानंद कॉलेज में आज मतदाता जागरूकता अभियान का शुभारंभ हुआ , कानपुर प्रेस क्लब और कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के संयुक्त तत्वावधान में हुए इस आयोजन में कानपुर पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की , पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार और ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर हरीश चन्दर ने कार्यक्रम में मौजूद शिक्षक , छात्रों और युवा मतदाताओं को मतदान अवश्य करने की शपथ दिलाई , उन्होंने कहा कि धर्म संप्रदाय जाति और वर्ग से ऊपर उठकर मतदान जरूर करें यह देश का पर्व है , प्रेस क्लब अध्यक्ष सरस बाजपेई और जेएमडी न्यूज़ के डायरेक्टर संजीत दीक्षित ने भी मतदान को पर्व के रूप में मनाने का आह्वान किया , ब्रह्मानंद कॉलेज के प्रचार डॉ विवेक द्विवेदी और अन्य वक्ताओं ने भी लोगों से मतदान जरूर करने की अपील की , कार्यक्रम का संचालन प्रेस क्लब के महामंत्री शैलेश अवस्थी ने किया जबकि पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित ने धन्यवाद ज्ञापित किया , इस मौके पर सरस बाजपेई अध्यक्ष , शैलेश अवस्थी , कुशाग्र पांडे , सुनील साहू कोषाध्यक्ष , गौरव सारस्वत वरिष्ठ उपाध्यक्ष , मनोज यादव उपाध्यक्ष , मधुर मोहन दुबे वरिष्ठ मंत्री , शिवराज साहू मंत्री

कार्यकारिणी सदस्य , कौश्तुभ मिश्रा , गंगन पाठक , विवेक पांडे , अंकित शुक्ला , दीपक सिंह , दिवस पांडे , मयंक मिश्रा, उत्सव शुक्ला , अमन चतुर्वेदी, मो नौशाद , रोहित निगम मौजूद थे।

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महिला महाविद्यालय में महाकाव्य कालीन भारत इतिहास, राजनीति, कला एवं संस्कृति” पर परिचर्चा आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाद सूत्र डॉ डी सी शुक्ल, महिला महाविद्यालय के सभागार में इतिहास विभाग द्वारा दो दिवसीय संगोष्ठी(19,20 अप्रैल 2024)का आयोजन किया गया जिसमें महाकाव्य कालीन भारत इतिहास, राजनीति, कला एवं संस्कृति” पर परिचर्चा आयोजित किया गया* कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्या एवं अतिथि गणों के कर कमलों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर किया गया। अतिथियों का स्वागत करते हुए दयानंद शिक्षण संस्थान की संरक्षिका कुमकुम स्वरूप ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारे महाकाव्य में महिला एवं पुरुष को समान अधिकार की बात की गई है परंतु आज स्त्रियां के अधिकारों का दमन किया जा रहा है और वो हाशिए खड़ी नजर आती है। अतः आज हमें पुनः महाकाव्य कालीन विचारों को आत्मसात करके समाज को पुनर्स्थापित करने की आवश्यकता है। प्राचार्य प्रोफेसर अंजू चौधरी ने महाविद्यालय की शैक्षणिक उपलब्धियां पर प्रकाश डालते हुए प्रगति आख्या प्रस्तुत की। संगोष्ठी की सयोजिका प्रोफेसर ममता गंगवार ने विषय परिवर्तन करते हुए महाकाव्य के इतिहास विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया साथ ही महाकाव्य कालीन संस्कृति, आर्थिक सामाजिक दशा तथा धार्मिक स्थिति पर भी प्रकाश डाला विशिष्ट अतिथि माननीय विवेक द्विवेदी (एआईफुक्टा) ने संगोष्ठी के विषय को वर्तमान समय में प्रासंगिक बताते हुए कहा कि महाकाव्य कालीन संस्कृति के आदर्शो को हमें अपनाने की आवश्यकता है। *प्रोफेसर ममता गंगवार, डॉ. मीरा त्रिपाठी, डॉक्टर अनामिका वर्मा प्रोफेसर पुष्पा यादव, डॉ रश्मि सिंह, द्वारा लिखित पुस्तकों का विमोचन किया गया।

संजय मिश्रा (राष्ट्रीय सह संयोजक सचिव, इतिहास संकलन योजना नई दिल्ली) ने कहा कि हमारे महाकाव्य हमें एक संतुष्ट जीवन जीने का तरीका सिखाते हैं। मुख्य वक्ता प्रोफेसर बी. के. श्रीवास्तव (विभागाध्यक्ष इतिहास विभाग, डॉक्टर हरि सिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर, मध्य प्रदेश) ने कहा कि वर्तमान समय में समाज में राजनीति सत्ता लोलुप हो गई है रामायण जैसे महाकाव्य में इतिहास राजनीति और यथार्थवाद का उत्कृष्ट उदाहरण है जिसमें निर्मल राजनीति के स्पष्ट दर्शन होते हैं। आज समाज को अपने महाकाव्य से सीख लेने की आवश्यकता है। विशिष्ट वक्ता प्रोफेसर अनिल कुमार मिश्रा (संयोजक बोर्ड ऑफस्टडीज सी.एस.जे.एम. विश्वविद्यालय कानपुर) ने कहा कि हमारे महाकाव्य में गीता अत्यंत सरल और सरस श्लोक के माध्यम से हमे तनाव रहित जीवन जीने की कला सिखाती है। विशिष्ट वक्ता प्रोफेसर राजेश कुमार नायक (विभागाध्यक्ष इतिहास विभाग जे.पी. एन. विश्वविद्यालय छपरा बिहार) ने कहा कि मानव द्वारा अनुभव किए गए दो महानतम महाकाव्य रामायण और महाभारत है जिसमें भागवत गीता भी शामिल है यह हमें सामाजिक , पारिवारिक, नैतिक, प्रशासनिक और आध्यात्मिक पहलुओं पर अपना मूल्यवान संदेश देते हैं। विशिष्ट वक्ता प्रोफेसर अश्विन कुमार दुबे (अध्यक्ष राजनीति एवं लोक प्रशासन विभाग, डॉक्टर एस मिश्रा (पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ) ने अपने वक्तव्य कहा कि रामायण जैसे महाकाव्य जीवन के उत्तम आदर्श को प्रस्तुत करते हैं आज आवश्यकता है अपने जीवन में इस महाकाव्य के आदर्शो को अपनाया जाए। अध्यक्षीय भाषण में प्रोफेसर कुमारत्नम (अपर निदेशक, उच्च शिक्षा विभाग ग्वालियर) ने कहा कि वर्तमान में बढ़ रहे पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए हमें अपने महाकाव्यो से सीख लेनी चाहिए क्योंकि महाकाव्य में पर्यावरण को भी विशेष महत्व दिया गया है रामायण में राम राज्य के आदर्शो के साथ-साथ प्रकृति और पर्यावरण के समस्त तत्वों का समावेश है *प्रथम तकनीकी सत्र की अध्यक्ष डॉक्टर नेहा कपूर (एसोसिए प्रोफेसर रसायन विज्ञान विभाग हिंदू कॉलेज नई दिल्ली)* तथा विशिष्ट वक्ता डॉ रत्नाधू मिश्रा (असिस्टेंट प्रोफेसर शिक्षा शास् विभाग सीएसजेएम विश्वविद्यालय कानपुर) रही। द्वितीय तकनीक सत्र में अध्यक्ष प्रोफेसर पुष्पा यादव (भूतपूर्व विभाग अध्यक संस्कृत विभाग महिला महाविद्यालय कानपुर) तथा विशिष्ट वक्त प्रोफेसर प्रीति वागवानी (संस्कृत विभाग तिलक महाविद्याल औरैया रही दोनों तकनीकी सत्र में लगभग 60 शोध पत्र विभिन शोधार्थियों द्वारा पढ़े गए।

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अतुल दीक्षित

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पेट्रोलियम मंत्री हरदीप एस पुरी ने वैश्विक तेल बाजारों के हाल के रुझानों और अस्थिरता के बारे में ओपेक महासचिव से बात की

ओपेक महासचिव हैथम अल-घैस के साथ टेलीफोन पर बातचीत में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री, हरदीप सिंह पुरी ने व्यावहारिकता के साथ बाजार स्थिरता, सामर्थ्य को संतुलित करने के महत्व पर जोर दिया। श्री पुरी ने आज यानी 19 अप्रैल, 2024 को ओपेक महासचिव के साथ टेलीफोन पर 30 मिनट तक बातचीत की। चर्चा में अन्य बातों के अलावा, वैश्विक तेल बाजारों में हाल के रुझानों और अस्थिरता और अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा स्थिरता के लिए उनके निहितार्थों पर चर्चा हुई।

 हरदीप सिंह पुरी ने बातचीत के दौरान कहा, दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में, भारत वैश्विक ऊर्जा बाजारों में संतुलन हासिल करने के प्रयासों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है।

भारत और ओपेक के बीच साझेदारी लंबे समय से चली आ रही है। भारत ओपेक के लिए दूसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है।

वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान भारत ने ओपेक देशों से लगभग 120 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कच्चा तेल, एलपीजी, एलएनजी और पेट्रोलियम उत्पादों का आयात किया।

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वाइस एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी को अगला नौसेना प्रमुख नियुक्त किया गया

केंद्र सरकार ने पीवीएसएम, एवीएसएम, एनएम वाइस एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी को नया नौसेना प्रमुख नियुक्त किया है। वे 30 अप्रैल, 2024 को दोपहर बाद अपना कार्यभार संभालेंगे। वर्तमान में वाइस एडमिरल त्रिपाठी नौसेना उप प्रमुख के रूप में कार्यरत हैं। नौसेना स्टाफ के मौजूदा प्रमुख पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम एडमिरल आर हरि कुमार 30 अप्रैल, 2024 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।A person in a military uniformDescription automatically generated

वाइस एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी का जन्म 15 मई, 1964 को हुआ था। उन्हें 1 जुलाई, 1985 को भारतीय नौसेना की कार्यकारी शाखा में नियुक्त किया गया था। वे संचार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विशेषज्ञ हैं। नौसेना में उनकी लगभग 39 वर्षों की लंबी और विशिष्ट सेवा रही है। उन्होंने नौसेना उप प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालने से पहले पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में कार्य किया था|

वाइस एडमिरल डीके त्रिपाठी ने भारतीय नौसेना के पोतों विनाश, किर्च और त्रिशूल की कमान संभाली है। इसके अलावा उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण परिचालन और स्टाफ नियुक्तियों पर भी कार्य किया है। इनमें पश्चिमी बेड़े के परिचालन अधिकारी, नौसेना परिचालन के निदेशक, नेटवर्क केंद्रीय परिचालनों के प्रधान निदेशक और नई दिल्ली में नौसेना योजना के प्रधान निदेशक के पद शामिल हैं। रियर एडमिरल के रूप में उन्होंने नौसेना स्टाफ के सहायक प्रमुख (नीति और योजना) और पूर्वी बेड़े के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग के रूप में कार्य किया है। उन्होंने वाइस एडमिरल के पद पर एझिमाला स्थित प्रतिष्ठित भारतीय नौसेना अकादमी के कमांडेंट, नौसेना परिचालन महानिदेशक, कार्मिक प्रमुख और पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में कार्य किया है।

सैनिक स्कूल- रीवा और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी- खड़कवासला के पूर्व छात्र वाइस एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, नेवल हायर कमांड- करंज और यूनाइटेड स्टेट्स नेवल वॉर कॉलेज- अमेरिका स्थित नेवल कमांड कॉलेज के विभिन्न पाठ्यक्रमों को पूरा किया है।

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